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VSEPR थिओरी और स्पेशल केस
Sep 8, 2024
VSEPR थिओरी और स्पेशल केस
SP3D Hybridization
महत्वपूर्ण केस:
ट्राइगोनल बाई प्रामेडल जियोमेट्री
2 बॉंड पेयर और 3 लोन पेयर:
शेप: लीनियर
3 बॉंड पेयर और 2 लोन पेयर:
शेप: T-shape
ज्योमेट्री और एलेक्ट्रोनिक स्थिति
बेंड रूल:
अधिक इलेक्ट्रोनैगेटिव तत्व अक्षीय स्थिति में रहना पसंद करता है।
लोन पेयर इक्वेटोरियल स्थिति में रहना पसंद करता है।
उदाहरण: CLF3
T-shape:
अधिक इलेक्ट्रोनैगेटिव तत्व (फ्लोरीन) अक्षीय पर।
लोन पेयर इक्वेटोरियल पर।
SP3D हाइब्रिडाइजेशन का विवरण
3 SP2 और 2 PD:
3 SP2: 120 डिग्री पर।
2 PD: एक ऊपर और एक नीचे।
तर्क और स्पष्टीकरण
इलेक्ट्रोनैगेटिविटी:
अधिक इलेक्ट्रोनैगेटिव तत्व कम इलेक्ट्रोनैगेटिव तत्व की तुलना में अधिक स्थिरता चाहता है।
लोन पेयर:
लोन पेयर न्यूक्लियस को आकर्षित करना चाहता है।
TBP जियोमेट्री के उदाहरण
PCL5, SF4, CLF3, XCF2
पॉइंट्स:
PCL5 में कोई लोन पेयर नहीं।
PCL3F2 में अधिक इलेक्ट्रोनैगेटिव तत्व को अक्षीय पर रखा जाएगा।
मोडिफाइड बेंड रूल
अधिक स्थान घेरने वाले ऑर्बिटल में अधिक S करेक्टर होता है।
SF4 और XEF5-
SF4 की ज्योमेट्री: ट्रिगोनल बाई प्रामिडल।
XEF5 की ज्योमेट्री: प्लेनर।
SP3D2 हाइब्रिडाइजेशन
ऑक्टा हेड्रल जियोमेट्री और विभिन्न शेप।
उदाहरण: SF6, IF5, XEF4
लोन पेयर का प्रभाव:
लोन पेयर की स्थिति से बॉंड एंगल प्रभावित होता है।
ड्रैगोस नियम
हाइब्रिडाइजेशन:
थर्ड पीरियड और उससे नीचे के तत्वों में हाइब्रिडाइजेशन नहीं होता।
NH3 और PH3 के बीच तुलना
NH3: SP3 हाइब्रिडाइजेशन।
PH3: कोई हाइब्रिडाइजेशन नहीं।
बेसिसिटी: NH3 की ज्यादा, PH3 की कम।
बॉंड एंगल की तुलना
फैक्टर्स:
हाइब्रिडाइजेशन
लोन पेयर की संख्या
सेंट्रल एटम की इलेक्ट्रोनैगेटिविटी
साइड एटम का आकार
उदाहरण:
CH4, NH3, H2O में हाइब्रिडाइजेशन समान है लेकिन लोन पेयर की संख्या अलग-अलग होने से बॉंड एंगल में परिवर्तन होता है।
वॉटर में अधिक लोन पेयर होने से बॉंड एंगल कम है।
निष्कर्ष
VSEPR थिओरी के तहत हाइब्रिडाइजेशन, इलेक्ट्रोनैगेटिविटी और लोन पेयर की स्थिति के आधार पर जियोमेट्री और बॉंड एंगल की विशेषताएँ निर्धारित की जाती हैं।
ड्रैगोस नियम जैसा नियम इन विशेषताओं को और स्पष्ट करता है।
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