दोस्तों इस वीडियो में बहुत ही इंपॉर्टेंट पॉइंट पर डिस्कशन करने वाला हूं सबसे पहले बात करूंगा लॉजिकल एड्रेस संग और आईपी एड्रेस संग बेसिकली होती क्या है आईपी वर्जन फोर और सिक्स में क्या डिफरेंस है ये जो लॉजिकल एटर्स के बारे में बोलते हैं कि यूनिक है और यूनिवर्सल है ये प्रॉपर्टीज क्या होती हैं बाइनरी नोटेशन और डॉटेड डेसिमल नोटेशन का क्या अंडरस्टैंडिंग है क्लासफुल एड्रेस ंग क्या होती है और क्लासफुल एड्रेस संग के अंदर जो क्लासेस होती हैं ए बी सी डी ई इनका क्या मतलब है ये सारे टॉपिक्स आपका यूनिवर्सिटी एग्जाम होगा आपका वायवा हो प्लेसमेंट्स हो कमप एग्जाम हो गेट नेट हो ये सारे टॉपिक्स आईपी के अंदर बहुत इंपॉर्टेंस रखते हैं एक-एक करके हर टॉपिक के बारे में डिटेल में बात करूंगा तो चलिए अभी समझते हैं किय लॉजिकल एड्रेस ंग या आईपी एड्रेस ंग होती क्या है देखिए जैसे इंडिया में अगर हम कहीं पर भी चिट्ठी भेजनी हो तो पोस्टल डिपार्टमेंट ने क्या किया हुआ है हर जगह को हर लोकेशन को कुछ पिन नंबर दिया हुए है ना यहां का पोस्ट ऑफिस नंबर क्या है यहां का पिन क्या है हम पूछते हैं ठीक उसी तरह इंटरनेट क्या है यार इंटरनेट एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जिसने पूरी दुनिया को कवर किया हुआ है और इंटरनेट पे डाटा कौन कैरी करता है तो जो सबसे इंपॉर्टेंट प्रोटोकॉल है नेटवर्क लियर का उसको बोलते हैं इंटरनेट प्रोटोकॉल व्हिच इज कॉल्ड आईपी आईपी के वैसे दो वर्जन है अभी मैं बात करूंगा आईपी वर्जन फोर और आईपी वर्जन सिक्स इसलिए यहां पर आईपी वर्जन फोर लिखा गया है डिफॉल्ट केस में आईपी वर्जन फोर हम मान के चलेंगे तो ये एक प्रोटोकॉल है जो क्या करता है हर डिवाइस को जो भी इंटरनेट पे कनेक्टेड होना चाहता है उसको एक 32 बिट का एड्रेस देता है 32 बिट का एड्रेस तब आप समझिए 32 बिट से कितने कॉमिनेशन बनेंगे कॉमिनेशन बनेंगे 2 रे टू पावर 32 तो यह अगर मैं डेसीमल में कन्वर्ट करूं तो यह हो जाता है लगभग अ यू नो 429 करोड़ 4967 296 हालांकि इसमें कुछ रिस्ट्रिक्टेड भी होते हैं हर एड्रेस यूज़ नहीं हो सकता बट स्टिल यह नंबर बहुत बड़ा है और आईपी वर्जन 4 कहता है कि इस एड्रेस की मदद से मैं किसी भी डिवाइस को इंटरनेट पर ढूंढ निकाल सकता हूं और इसकी मदद से हम किसी भी डिवाइस के साथ कम्युनिकेट कर सकते हैं ठीक है तो पहला जो सवाल था था कि लॉजिकल एड्रेस संग क्या है सर इंटरनेट प्रोटोकॉल जो एक एड्रेस एलोकेट करता है हर डिवाइस को जो भी इंटरनेट पे कनेक्टेड है उसी को हम लॉजिकल एड्रेस या कभी-कभी शॉर्ट में आईपी एड्रेस बोल दिया करते हैं हालांकि अब देखिए एक प्रॉब्लम समझिए 2 रे टू पा 32 जो मैं बोल रहा बता रहा हूं लगभग 450 करोड़ है देखने में लग रहा है बहुत है यार मजा आ गया लेकिन ऑलरेडी जो वर्ल्ड की पॉपुलेशन है वो लगभग 8 बिलियन हो चुकी है अभी जब मैं वीडियो बना रहा हूं तो यू कैन इमेजिन ऑलरेडी जित हमार लगभग दोनी पॉपुलेशन हमारे पास है और आने वाले टाइम में आप देख सकते हैं जैसे-जैसे इंटरनेट एक्सपेंड होगा और चीज आगे बढ़ेंगी क्या एक आदमी का काम एक आईपी में चल जाएगा जी नहीं मेरा फोन भी इंटरनेट से कनेक्ट होना चाहता है एसी होना चाहता है वाशिंग मशीन होना चाहती है घर की डोरबेल होना चाहती है लाइक दिस तो इस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन हमने पहले ही निकाल लिया है और हमने आईपी वर्जन 4 का एडवांस वर्जन एक लॉन्च कर दिया व्हिच इज आईपी वर्जन 6 और दिमाग देखिए क्या लगाया है आईपी वर्जन 4 के अंदर लेट 32 बिट का था ना लेंथ 32 बिट का है अभी सोचा 32 बिट से 33 करेंगे 34 करेंगे 64 कर देते डबल करेंगे तो भी हो सकता है 200 400 500 साल बाद कम पड़े तो भाइयों ने क्या किया सीधे उठा के लेंथ कर दिया 128 बट कुछ लोग सोचेंगे ना सर फोर के बाद सिक्स फाइव कहां गया हां फाइव को स्किप कर दिया सीधे अपन पहुंच गए सि के ऊपर और ये इट्स लाइक कितना कॉमिनेशन बनेगा 2 रे टू पावर 128 इसको तो लाइक कंप्यूट करना भी अगर मैं डेसीमल में बताऊं तो 3.4 के बाद 38 जीरोज 38 जीरो आप लगा सकते हैं इतने सारे एड्रेसस होंगे तो ये प्रॉब्लम काइंड ऑफ हमेशा हमेशा के लिए सॉल्व हो गई तो पहली प्रॉब्लम या पहला आईडिया हमने क्लियर है आईपी इंटरनेट प्रोटोकॉल या जो लॉजिकल एड्रेस है सर उस एड्रेस को बोलते हैं जो एड्रेस हमें चाहिए जिससे हम इंटरनेट पे कोई भी डाटा कम्युनिकेट कर सकते हैं अभी आ जाता हूं अपने दूसरे पॉइंट पे जो है यूनिक और यूनिवर्सल अब ये क्या कहानी है देखिए इंटरनेट प्रोटोकॉल का जो एड्रेस है जिसको हम आईपी एड्रेस बोल रहे हैं उसके दो प्रॉपर्टी है कि वोह यूनिक भी होगा और यूनिवर्सल भी होगा अब इस बात का क्या मतलब है इंटरनेट में क्या कोई भी ऐसा ऐसा डिवाइस या ऐसा एड्रेस हो सकता है जो दो डिवाइस के पास हो जी नहीं तो मेरे पास जो आईपी एड्रेस है वो मेरे पास ही है वो किसी और डिवाइस के पास नहीं होगा दैट इज कॉल्ड यूनिकनेक्ट वांटेज क्या होगा कि मैं उस एड्रेस की मदद से किसी भी डिवाइस को यूनिकल ढूंढ सकता हूं वो यूनिक है वो एड्रेस किसी एक ही आदमी के पास है दूसरी इंपॉर्टेंट बात जो है यूनिवर्सल इंटरनेट पे अगर कोई भी डिवाइस कनेक्ट होना चाहता है क्या उसके पास कोई ऑप्शन है या इंटरनेट प्रोटोकॉल ही एक मात्र ऑप्शन है और आईपी एड्रेस उसके पास होना ही चाहिए एक्सेप्टेबिलिटी है होना ही चाहिए इट्स लाइक पासपोर्ट अब आप समझिए मैं इंडिया के अंदर अपने आप को आइडेंटिफिकेशन आइडेंटिटी इजेंट इट तो पासपोर्ट मेरे पास जो नंबर है वो पूरी दुनिया में देश में नहीं पूरी दुनिया में किसी के पास नहीं होगा पॉइंट नंबर वन पॉइंट नंबर टू अगर इंटरनेशनल ट्रेवल करना है तो सब देश लोकली कुछ भी पॉलिसी इस्तेमाल करें अपने नेटवर्क के अंदर हमें प्रॉब्लम नहीं बट इंटरनेशनली सब पासपोर्ट को फॉलो करेंगे हर कोई अपने सिटीजन को पासपोर्ट इशू करेगा जो देश से बाहर जाना चाहता होगा और अगर किसी दूसरे कंट्री का सिटीजन वापस आएगा तो उससे उसका पासपोर्ट मांगने वाला है तो यूनिक और यूनिवर्सल का मतलब हुआ कि हर किसी के पास एक यूनिक आईपी एड्रेस होगा पॉइंट नंबर वन और हर कोई इस आईपी एड्रेस इंग को फॉलो करेगा ऐसा कोई डिवाइस नहीं होगा जो बोले कि मैं इंटरनेट पर कनेक्टेड हूं बट मेरे पास आईपी एड्रेस नहीं है एक छोटी सी यहां पे बात और ये जो आईपी एड्रेस है ना ये किसी डिवाइस की प्रॉपर्टी नहीं कनेक्शन का मतलब है क्या है एग्जांपल ये गाड़ी आपको समझ आ रही है देखिए गाड़ी की एक नंबर प्लेट है है ना अब नंबर प्लेट क्या समय के साथ चेंज हो सकती है लेकिन नॉर्मली वैसे आमतौर पे नहीं होती बट इमेजिन करिए मैं आपको समझाता हूं कोई गाड़ी मान लीजिए दिल्ली में रजिस्टर है और उस व्यक्ति का ट्रांसफर हो जाता है और वो 5 10 साल के लिए मान लीजिए केरला में रहना चाहता है या केरला जा रहा है तो वो ऐसा करेगा कि इस नंबर प्लेट को दिल्ली में सरेंडर करेगा और जाके केरला की एक नई नंबर प्लेट लगा सकता है कुछ समय के लिए आप जा सकते हैं बट नॉर्मली अगर लोग लंबे समय ट्रेवल करते हैं तो यह नंबर प्लेट अपने साथ यहीं छोड़ जाते हैं और वहां जाके नई नंबर प्लेट लेते हैं कुछ लोग का नंबर प्लेट बड़ा लकी होता है कहता है गाड़ी होगी स्कूटर होगा अी मान लीजिए स्कूटर के बाद कार ली तो वही नंबर प्लेट कार पे भी इस्तेमाल कर रहे हैं वहां पे आज जाके कुछ फॉर्मेलिटीज ऑब्स आपको करनी होती हैं तो इट इज़ लाइक दिस तो नंबर प्लेट एक रजिस्ट्रेशन है जो बाद में चेंज भी किया जा सकता है ठीक उसी तरह आईपी एड्रेस से कनेक्शन का नाम है आज आप इंटरनेट पर कनेक्टेड हैं आपको एक आईपी एड्रेस मिलेगा 4 घंटे के बाद दोबारा कनेक्ट होना चाहते हैं या हो सकता है आपका आईपी एड्रेस चेंज हो जाए लेकिन यूनिवर्सल और यूनिक ये दोनों प्रॉपर्टी फिर भी बनी रहेंगी ओके अगला पॉइंट है नोटेशंस अब ये नोटेशंस क्या होते है देखिए किसी भी आईपी नंबर को रिप्रेजेंट करने के दो तरीके हैं एक हम बोलते हैं बाइनरी नोटेशन दूसरा बोलते हैं डॉटेड डेसिमल नोटेशन अभी हम ऑलरेडी बोल रहे हैं 32 बिट का नंबर है तो या तो 01 01 जो भी आपका एग्जैक्ट नंबर है 32 टाइम्स आप लिख सकते हैं अब ओबवियसली ऐसा लिखना थोड़ा सा मुश्किल होगा बट फिर भी इसमें ऑर्गेनाइजेशन क्या है ये जो आठ आठ बिट है तो आठ आठ बिट के चार सेक्शन हम मान के चलते हैं आठ बिट को वैसे हम वन बाइट बोलते हैं यहां पर बोलते हैं ऑक्टेट्स मतलब वन ऑक्टेट्स कौन-कौन से हैं और उसकी जो भी वैल्यूज होगी वो आप लिख सकते हैं बट ओबवियसली डे टू डे बेसिस में इन नंबर्स के साथ काम करना यू नो इन परे रिसर्च करना बहुत मुश्किल हो जाएगा 32 नंबर ऑफ ह्यूमंस आर नॉट वेरी गुड विद नंबर्स स्पेशली बाइनरी नंबर्स क्योंकि बहुत लंबा हो गया तो एक दूसरा नोटेशन क्या हुआ जिसको हम बोलते हैं डॉटेड डेसीमल नोटेशन जहां पर हम क्या करते हैं ये जो आठ बिट का क्योंकि 32 बिट का डेसीमल नंबर इन निकालेंगे तो बहुत बड़ा हो जाएगा तो हम क्या करते हैं आठ आठ बिट को अलग-अलग डेसीमल में कन्वर्ट करते हैं सो सपोज दिस इज अ नंबर जिसका डेसीमल वैल्यू होगा 172 इसका वैल्यू होगा 16 254 एंड 1 तो हालांकि ये कॉमन बात है आप लोगों ने भी कभी ना कभी ऐसा आईपी एड्रेस देखा होगा कोई पूछता है आपका आईपी एड्रेस क्या तो नॉर्मली हम ऐसे ही आंसर करते हैं लाइक 170 2.1.2 4.1 है ना लेकिन इसमें ऐसा ओबवियसली नहीं बोलेंगे कि 0011 00 ऐसा बोलोगे तो बात गई तो दो अंडरस्टैंडिंग बाइनरी नोटेशन जहां पे 0011 में लिखते हैं और डॉटेड डेसीमल जहां पे इस तरह से लिखते हैं इसके कुछ और एडिशनल रूल्स रेगुलेशंस है जैसे मान लीजिए 16 है तो आप 016 नहीं लिखेंगे आप सिर्फ 16 लिखेंगे वन है तो 001 ये मैथमेटिक्स नहीं कर रहे हैं हम आप समझ रहे हैं तो दीज आर द नोटेशंस तो यूजुअली हम डॉटेड डेसीमल नोटेशंस फॉलो करते हैं जिनको रीड करना इंटरप्रेट करना इनके साथ काम करना रिलेटिवली आसान होता है चलिए दोस्तों अब बात करते हैं क्लासफुल एड्रेस का क्या कंसेप्ट है देखिए वैसे तो सर हमने ये बात समझ ली कि 32 बिट का एक नंबर है और 32 बिट का नंबर सफिशिएंट है किसी भी कनेक्शन को इंटरनेट पे यूनिकल आइडेंटिफिकेशन से समझाता हूं देखिए मान लीजिए मोबाइल फोन है आमतौर पर 10 बिट का नंबर है 10 डिजिट का नंबर और इंडिया के अंदर हम कहीं भी कम्युनिकेट करते हैं बट जब इंटरनेशनल कॉलिंग होती है तो पहले आप क्या लगाएंगे पहले लगाते हैं कंट्री कोड जिससे हम यह पहचानते कि पूरी दुनिया में कॉल किस कंट्री में जाने वाली है और उसके बाद लगाते हैं वो 10 बिट का नंबर जिससे हम कंट्री के अंदर यूनिक आइडेंटिफिकेशन इज लाइक द बिगेस्ट नेटवर्क जहां पे बहुत सारे नेटवर्क्स हैं तो पहली ये बात ध्यान से सुनिए बड़ी मजेदार बात है हम अपना जो 32 बिट का एड्रेस है उसका दो हिस्से करते हैं एक बोलते हैं प्रीफिक्स एक बोलते हैं सफिक्स अब प्रीफिक्स क्यों बोल रहे हैं सर नॉर्मली इंग्लिश वाली कहानी है जो पहले लिखा होता उसको प्रीफिक्स बोलते हैं जो बाद में लिखा उसको सफिक्स बोलते हैं प्रीफिक्स क्या होता है प्रीफिक्स को हम बोलते हैं नेटवर्क आईडी क्या है नेटवर्क आईडी सफिक्स क्या है सफिक्स को हम बोलते हैं होस्ट आईडी तो इस बात का मतलब क्या है हम बोलते हैं 32 बिट में से अभी n की वैल्यू क्या होगी उसपे आगे डिस्कशन करूंगा पहली बिट्स स्टार्टिंग की बिट्स मुझे बताएंगे कि मुझे कौन से नेटवर्क पे जाना है है ना क्योंकि इंटरनेट को हमने बहुत सारे छोटे-छोटे नेटवर्क्स में डिवाइड किया हुआ है जो सब आपस में कनेक्टेड है तो स्टार्टिंग कैन बिट्स बताएंगे कौन से नेटवर्क पे जाना है उसके बाद बची हुई अब n चली गई 32 में से कितना बचा 32 - n तो बचे हुए 32 - n बिट्स बताएंगे कि उस नेटवर्क के अंदर किस कंप्यूटर तक किस कनेक्शन तक पहुंचना है तो ये कहानी है जब भी आपसे कोई बात करे नेट आईडी होस्ट आईडी नेट आईडी होस्ट आईडी घबराना मत नेट आईडी कौन सा नेटवर्क होस्ट आईडी उस नेटवर्क के अंदर कौन सा कंप्यूटर अब क्लासफुल एड्रेस सिंग क्या है देखो को इंटरनेट बनाने वाले को ओबवियसली ऐसा लगा था कि इंटरनेट अगर आगे बढ़ेगा तो उसमें बहुत सारे नेटवर्क होंगे बड़े-बड़े नेटवर्क्स होंगे जो आपस में एक दूसरे से कनेक्टेड होंगे अब एक तरीका तो क्या है इन नेटवर्क का क्या साइज होना चाहिए और वो कितने होने चाहिए लेट इट बी उस बात को इंडिपेंडेंट छोड़ दिया जाता और लोग अपने हिसाब से मैनेज करते जिसको बड़े नेटवर्क की जरूरत है वो बड़ा बनाता है जिसको छोटे की जरूत तो छोटा बनाता लेकिन बनाने वालों को ये हालांकि उनका अंदाजा गलत था बट उस समय क्या किया गया उन्होंने अपने हिसाब से सोचा कि कितने बड़े-बड़े नेटवर्क्स की लोगों को जरूरत होगी स्टैंडर्डाइज कर दिया प्रोसेस को है ना और उनका साइज क्या होगा और उसी को बोलते हैं क्लासफुल एड्रेस ंग आईडिया क्या है मैं आपको समझाता हूं जैसे मान लीजिए कोई देश हम बनाने वाले हैं है ना तो हम सोचेंगे इसमें कितने स्टेट होने चाहिए एक स्टेट कितना बड़ा होना चाहिए उसके अंदर कितने डिस्ट्रिक्ट होंगे या नेटवर्क्स के शब्दों में सोचे तो शहरों के स्टम में सोचते हैं कुछ सिटीज बहुत बड़े होते हैं मेट्रोपॉलिटन सिटीज उनकी रिक्वा परमेंट अलग तरह की होती है उनमें ज्यादा लोग रहते हैं कुछ सिटीज छोटे होते हैं उनको अलग तरह के नेटवर्क की जरूरत होगी उसी तरह इन्होंने क्या किया इन्होंने बेसिकली तीन तरह के नेटवर्क्स बनाए है ना एक हम बोलते हैं क्लास ए वाले लोग होते हैं जो बहुत बड़े-बड़े नेटवर्क्स होते हैं और ये संख्या में बहुत कम होते हैं दूसरे क्लास बी वाले जो रिलेटिवली कहीं बीच में आ जाते हैं और तीसरे क्लास सी वाले जो बहुत छोटे-छोटे नेटवर्क होते हैं लेकिन काउंटिंग में बहुत ज्यादा होते हैं तो इन्होंने अपने हिसाब से काम किया जिसको हम बोलते हैं क्लास फुल एड्रेस ंग अगर मैं एक बार एग्जैक्ट वैल्यू के हिसाब से बताऊं तो कैसे कहानी चलती है हालांकि नेक्स्ट वीडियो में क्लास ए बी सी पे डिटेल में मैं बात करने वाला हूं तो यहां पर देखिए क्या किया 32 बिट का एड्रेस है सर पहला बिट रिजर्व कर दिया जीरो तो अगर पहला बिट जरो है आपका तो इसका मतलब आप क्लास ए के एड्रेस हुए और यहां पर ये भी फिक्स कर दिया कि नेट आईडी का लेंथ क्या होगा होस्ट आईडी का लेंथ क्या होगा तो क्लास ए के अंदर बोला जैसे मैंने बताया नेट आईडी क्या बताता है कौन सा नेटवर्क होस्ट आईडी क्या बताता है उस नेटवर्क के अंदर कौन सा कंप्यूटर तो 30 बिट के एड्रेस में क्लास ए में बोला कि नेट आईडी 8 बिट का होगा होस्ट आईडी 24 बिट का होगा उसमें भी क्योंकि बाकियों से भी डिस्टिंक्शन करना था पहला बिट अगर जीरो है तो बोल दिया ये क्लास ए का एड्रेस है तो आप समझिए मेरे पास सेन बिट बचे तो 2 रे टू पावर 7 यानी कि लगभग 128 नेटवर्क्स हो गए जो कि संख्या में रिलेटिवली बहुत कम है लेकिन 2 रे टू पावर 24 जो कि अपने आप में बहुत बड़ा नंबर हो गया लगभग 160 करोड़ है ना सॉरी 1 करोड़ 60 लाख इतना कुछ बड़ा ही नंबर बैठेगा तो उन्होंने एक अंदाजा लगाया कि दुनिया में बाद में लगभग 127 128 नेटवर्क हम ऐसे बनाते हैं है ना जिसमें हर किसी में 1 करोड़ से ज्यादा ओवरऑल क्या होने वाले हैं सिस्टम्स होने वाले हैं अब ऑब् वियस पता नहीं ऐसी कंपनी कितनी होंगी जिनको इस तरह के नेटवर्क या कंट्री होंगी जिसको इस तरह के नेटवर्क की जरूरत होंगी कि नहीं पर उस समय उन्होंने अपने हिसाब से किया डॉटेड डेसीमल नोटेशन में देखेंगे तो यह रेंज क्योंकि पहला बिट ज़ीरो है मैं सिर्फ प्रीफिक्स की बात कर रहा हूं नेट आईडी की तो नज़र आता है ़ से लेके 127 तक यह तो दो-चार बार प्रैक्टिस करके याद ही कर लीजिएगा सेकंड केस में क्या किया बराबर कर दिया अब धीरे-धीरे नेटवर्क क्योंकि छोटा कर रहे हैं नेटवर्क छोटा होगा तो यह जो होस्ट आईडी है यह छोटा होता जाएगा क्योंकि होस्ट आईडी बताता है कि इसके अंदर कितने लोग होंगे तो अब ये बराबर कर दिया प्रीफिक्स इज इक्वल ट सफिक्स यानी कि नेट आईडी इ इल ट होस्ट आईडी और यहां पर फर्द क्या फिक्स किया क्योंकि ज़ीरो तो फिक्स हो ही चुका था तो बाकियों के हिस्से में सिर्फ वन आया यानी कि 50 पर स्पेस जो है वो सिर्फ क्लास ए के पास चला गया बड़े नेटवर्क्स के पास अब बचे हुए में बांटना था पहला बिट वन कि अगला बिट रो कर दिया अगर बाइनरी में ना समझ आए तो नंबर्स में समझ लीजिए 0 से 255 तक टोटल नंबर मेरे पास हैं ठीक आधे 0 से 127 क्लास ए के पास फिर उसके आधे यानी कि नेक्स्ट 64 128 से 191 ब के पास फिर उसके आधे 192 से 223 और देन ये जो बडी और ई है इनको बराबर बराबर 161 नंबर मिले तो 224 से 239 240 से 255 और अकॉर्डिंग आप चाहे तो इसे बिट्स में देख सकते हैं पहला बिट ज़ीरो पहला बिट दो बिट 10 देन 110 देन 1110 एंड देन 111 इसी तरह जब हम c में गए तो अब देखो स में क्या हुआ स में तीन बिट रिजर्व किए लेकिन प्रीफिक्स और बड़ा कर दिया नेट आईडी और सफिक्स तो बहुत ही छोटा तो 24 बिट का नेट आईडी है या प्रीफिक्स है और 8 बिट का सफिक्स यानी कि होस्ट आईडी होगा तो ओबवियसली यहां पर नंबर ऑफ नेटवर्क्स अगर मैं तीन बिट ये रिजर्व वाले हटा भी दूं 24 में से न गया कितना बचा 21 2 रे टू पावर 20 लगभग होता है 10 लाख 1 मिलियन और उसमें भी टू मल्टीप्लाई करो यानी कि लगभग 20 लाख इस तरह के छोटे-छोटे नेटवर्क होंगे और हर नेटवर्क में 2 रे टू पावर 8 यानी कि 256 लगभग लगभग आने वाले हैं मैं एकदम डिटेल में अगली वीडियो में इसके ऊपर बात करने वाला हूं तो इस हिसाब से जब इन्होंने डिवाइड किया क्लासेस लगाई और हर किसी की रेंज कर दी डी जो है वो बेसिकली मल्टीकास्टिंग के लिए यूज़ होता है और ई जो है वो रिजर्व्ड है फ्यूचर पर्पस के लिए जो मैं अगले वीडियो में डिटेल में बात करूंगा बट मेरा य अंडरस्टैंडिंग था बस मैं आपको समझाऊं यह क्लासफुल एड्रेस ंग होता क्या है तो जब बनाने वालों ने अपने हिसाब से डिसाइड कर लिया कि ये ये लगेगा उसको क्लासफुल एड्रे सिंग बोला हालांकि विद टाइम हमने रियलाइफ किया कि एप्रोक्सीमेशंस गलत थे और बहुत अलग तरह की रिक्वायरमेंट्स थी तो यह क्लास फूल ड्रेसिंग ऑलरेडी मान लीजिए आउटडेटेड फैशन है और आजकल हम सब नेटिंग सुपर नेटिंग और क्लास लेस इंटर डोमेन राउटिंग करते हैं व्हिच इज ऑल टूगेदर डिफरेंट स्टोरी अब यहां तक आए हैं तो इस वीडियो को लाइक जरूर करिएगा हमें थोड़ा सा मोटिवेशन दीजिए और अगली वीडियो में ये जितनी भी क्लासेस हैं हर क्लास के अंदर कितने स्टेशन कितने नेटवर्क होंगे उसके अंदर कितना काउंट होगा बहुत पॉपुलर क्वेश्चंस है बार-बार पूछे जाते हैं उन सबके ऊपर बात करूंगा जो भी फीडबैक है उसे कमेंट लिख के जरूर बताइएगा थैंक यू सो मच भगवान आप सभी को खुश रखे