कैदी की व्यथा और कोकिला का संदेश

Sep 8, 2024

कैदी और कोकिला

लेखक का परिचय

  • लेखक: माखनलाल चतुरवेदी
  • प्रस्तुत विषय: जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानी की व्यथा

बैकग्राउंड

  • माखनलाल चतुरवेदी जेल में बंद हैं क्योंकि वे स्वतंत्रता संग्राम में भागीदार हैं।
  • रात में एक कोयल (कोकिला) उनकी दीवार पर बैठकर चिल्लाती है।

कविता का सार

कोयल की आवाज़

  • प्रश्न: कोकिला, तुम आधी रात को क्यों गा रही हो?
  • संदेश: क्या तुम किसी का संदेश लेकर आई हो?

जेल की स्थिति

  • उच्च काली दीवारें: माखनलाल चतुरवेदी चारों ओर ऊंची दीवारों में कैद हैं।
  • भोजन की कमी: उन्हें पेट भरने के लिए खाना नहीं मिलता।

शासकीय अत्याचार

  • कड़ा पहरा: हमेशा निगरानी रखी जाती है।
  • अंग्रेज़ी शासन: इसे अंधकार का शासन कहा गया है।

कोकिला का दुःख

  • कोकिला का चिल्लाना: उसकी आवाज़ में पीड़ा और वेदना है।
  • तेंज़ का मुद्दा: क्या किसी ने तुम्हारा सुख छीन लिया है?

माखनलाल चतुरवेदी का जीवन

  • जंजीरे: उन्हें भी जंजीरें पहनाई गई हैं, लेकिन वे इसे गहना मानते हैं।
  • कोलू का जीवन: कैदियों को बैल की तरह काम करना पड़ता है।
  • ब्रिटिश शासन का अपमान: वे अपने परिश्रम से ब्रिटिश शासन की अकड़ को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।

विद्रोह की संभावना

  • तिलक शांति: कैदी शांत हैं, लेकिन कोकिला उन्हें जगाने का प्रयास कर रही है।

निष्कर्ष

  • उदाहरण: माखनलाल चतुरवेदी ने कोकिला के माध्यम से अपनी स्थिति को व्यक्त किया।
  • अंतिम सवाल: कोकिला, तुम इतनी जोर से क्यों चिल्ला रही हो?
  • समाज में संदेश: स्वतंत्रता का महत्व, अंधकार के खिलाफ विद्रोह।

अंत

  • धन्यवाद: पाठ के अंत में छात्रों को समझाने का प्रयास किया गया है।
  • प्रश्न-उत्तर: आगे के पाठ में प्रश्न एवं उत्तर भी दिए जाएंगे।