Transport Layer
OSI Model में Transport Layer
- चौथी परत (Layer) है।
- Application Layer से डेटा लेकर Network Layer को पास करता है।
- End-to-End Delivery और Port-to-Port Delivery की जिम्मेदारी।
Transport Layer की जिम्मेदारियाँ
1. End-to-End Delivery
- A1 से B1 के बीच डेटा भेजने की प्रक्रिया।
- नेटवर्क में विभिन्न होस्ट एक दूसरे से जुड़े होते हैं।
2. Port-to-Port Delivery
- A1 मशीन में कई एप्लिकेशन हो सकती हैं।
- हर एप्लिकेशन का एक पोर्ट नंबर होता है।
- उदाहरण: SMTP प्रोटोकॉल - पोर्ट 25।
- डेटा भेजने के लिए ट्रांसपोर्ट लेयर का उपयोग किया जाता है।
3. Protocols
- प्रमुख प्रोटोकॉल: TCP (Transmission Control Protocol) और UDP (User Datagram Protocol)।
TCP के लाभ:
- डेटा की विश्वसनीयता।
- पैकेट इन ऑर्डर डिलीवरी।
- डेटा लॉस की रोकथाम।
4. Error Control
- Checksum का उपयोग करके त्रुटियों की पहचान।
- TCP में checksum डेटा की विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है।
5. Flow Control और Congestion Control
- संदेश भेजने की गति और आकार को नियंत्रित करता है।
- Window Size के द्वारा नियंत्रण।
- AIMD (Additive Inverse Multiplicative Decrease) विधि का उपयोग।
6. Segmentation
- डेटा को छोटे टुकड़ों में बांटना।
- TCP और UDP डेटा को उपर से नीचे भेजते हैं।
7. Multiplexing और Demultiplexing
- विभिन्न एप्लिकेशनों से डेटा को एक ही चैनल पर भेजने की प्रक्रिया।
- एक ही कनेक्शन का उपयोग करके डेटा को प्रबंधित करता है।
निष्कर्ष
- Transport Layer का कार्य डेटा ट्रांसफर के लिए अंततः महत्वपूर्ण है।
- सही प्रोटोकॉल और प्रबंधन सुनिश्चित करता है कि डेटा सही ढंग से और विश्वसनीयता के साथ पहुंचता है।
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