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न्यूटन लॉ ऑफ मोशन
Jul 11, 2024
न्यूटन लॉ ऑफ मोशन
परिचय
न्यूटन लॉ ऑफ मोशन क्लासिकल फिजिक्स का हिस्सा है
यह न्यूटनियन मैकेनिक्स में शामिल है
न्यूटन का समय: 1600-1727
प्राथमिक अवधारणाएँ
न्यूटन का योगदान: क्यों बॉडी मूव होती है और रुकती है
मोशन के कारण: डायनामिक्स ऑफ मोशन
फोर्स
फोर्स की आवश्यकता: बॉडी की स्टेट बदलने के लिए
फोर्स की यूनिट: न्यूटन
फोर्स के प्रकार
कॉन्टैक्ट फोर्स (स्पर्श बल)
वीक फोर्स (कमजोर बल)
न्यूक्लियर फोर्स (नाभिकीय बल)
नॉन-कॉन्टैक्ट फोर्स (असंपर्क बल)
ग्रैविटेशनल फोर्स (गुरुत्वाकर्षण बल)
इलेक्ट्रोस्टेटिक फोर्स (स्थिर विद्युत बल)
मैग्नेटिक फोर्स (चुंबकीय बल)
महत्वपूर्ण कॉन्टैक्ट फोर्स
नार्मल रिएक्शन फोर्स
पर्पेंडिकुलर टू द सरफेस
इंक्लाइंड प्लेन पर अलग होता है
टेंशन फोर्स
स्ट्रिंग में टेंशन अवे फ्रॉम पॉइंट होती है
एक्ज़ाम्पल: मास लटकाता हुआ स्ट्रिंग से
महत्वपूर्ण नॉन-कॉन्टैक्ट फोर्स
ग्रैविटेशनल फोर्स
किसी भी दो मासेस के बीच का आकर्षण बल
फ्री बॉडी डायग्राम (FBD)
फ्री बॉडी डायग्राम: एक बॉडी पर लगने वाली सारी फोर्स का चित्र
जरूरी तत्व:
एक रेफरेंस फ्रेम: जहाँ से फोर्स देखी जा रही हो
केवल वे फोर्स दिखाई जानी चाहिए जो बॉडी पर लग रही हैं
उदाहरण
एक ब्लॉक और वेज का केस
ग्राउंड पर रेफरेंस फ्रेम, फोर्स पहचानना
न्यूटन लॉ के प्रकार
न्यूटन का प्रथम नियम (Newton's First Law)
जिने स्टेट ऑफ मोशन को बदलने के लिए फोर्स लगाना होगा
अगर नेट फोर्स जीरो है, तो बॉडी की स्टेट बदलने नहीं होगी
बॉडी रेस्ट पर रहेगी या यूनिफॉर्म मोशन में मूव करेगी
इनर्शिया का लॉ (Law of Inertia)
बॉडी तब तक अपनी अवस्था में रहेगी जब तक उस पर बाह्यबल न लगे
न्यूटन फर्स्ट लॉ के एवॉल्डमेंट के उदाहरण
टेंशन, नार्मल रिएक्शन के केस
अलग-अलग सिस्टम्स के लिए, टेंशन अवे फ्रॉम पॉइंट होती है
निष्कर्ष
न्यूटन फर्स्ट लॉ और इनर्शिया के समझ में आने के लिए फोर्सेस को सही से समझना जरूरी है
अधिकतर प्रश्न न्यूटन सेकंड लॉ में कठिन होते हैं
अगले वीडियो में न्यूटन सेकंड लॉ की चर्चा होगी
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