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आत्मविश्वास और स्पष्टता पर अंतर्दृष्टियाँ

क्योंकि मुझे किसी चीज को लेकर कोई कॉन्फिडेंस नहीं है लेकिन मेरे पास स्पष्टता है अगर आप में सिर्फ कॉन्फिडेंस है तो आप जीवन में गलतियां ही करेंगे आपको अपने कॉन्फिडेंस को खत्म करके स्पष्टता लानी [संगीत] होगी तो सदगुरु आपको इतना ज्यादा प्यार और सम्मान मिलता है क्या आप में कभी दूसरों से श्रेष्ठ होने की भावना पैदा होती है अभी तो हां [हंसी] देखिए सवाल श्रेष्ठता की भावना हीनता की भावना गरीबी की भावना या धनी होने की भावना का नहीं है अगर आपको इस तरह से ठोस बना लिया है कि आप जहां भी जाते हैं खुद को निपट मूर्ख साबित करते हैं क्या मैं वैसा दिखता हूं हेलो क्या मैं ऐसा दिखता हूं कि मैं आपके सामने खुद को निरा मूर्ख साबित कर रहा हूं कोई कॉम्प्लेक्शन हर दिन बदलता रहता है तो इस बारे में आपका क्या कहना है क्योंकि मुझे किसी चीज को लेकर कोई कॉन्फिडेंस नहीं है मेरे पास स्पष्टता है लोग सोचते हैं कि मेरे पास ज्ञान है नहीं मेरा सिर खाली है इसीलिए इसे थोड़ा दिखाने लायक बनाने के लिए मैंने पगड़ी पहन रखी है यह हमेशा पूरी तरह से खाली रहता है लेकिन मेरे पास स्पष्टता है स्पष्टता का क्या मतलब है आप चीजों को वैसी ही देखते हैं जैसी वह हैं ज्ञान का क्या मतलब है आपके पास हर चीज के बारे में तयशुदा जानकारी है अगर चीज बदल गई हैं तो आप उन्हें वैसा नहीं देख पाएंगे जैसी वह हैं यह अंधे होने के जैसा है देखिए लोग सोचते हैं कि उल्लू अंधे होते हैं यह सच नहीं है उनकी दृष्टि आपसे कहीं ज्यादा संवेदनशील होती है लेकिन सूरज की रोशनी की वजह से वह अंधे हो जाते हैं क्योंकि वह बहुत तेज होती है जब रोशनी कम हो जाती है तो वह बहुत साफ देख पाता है इसीलिए नहीं कि वह अंधा है बल्कि इसलिए क्योंकि उसकी आंखें बहुत संवेदनशील है तो यह महत्त्वपूर्ण है कि आप अपने जीवन में स्पष्टता लाएं जानकारी नहीं क्योंकि जानकारी वो निष्कर्ष है जिसे आप इकट्ठा करते हैं जानकारी तब ठीक है जब आप दुनिया में कुछ भौतिक या सांसारिक करने की कोशिश कर रहे हो लेकिन जीवन के साथ नहीं क्या यह सच है कि 12 साल की उम्र में आपको जो बात बिल्कुल सही लगती थी वह आज सच नहीं है हां या ना क्या आपको यकीन है कि अभी आपको जिस चीज के लिए लगता है कि यही सही है वो तीन साल बाद भी यही सही है होगी बिल्कुल भी नहीं आप यह जानती हैं तो आप जानती हैं कि आप गलत हैं हां या ना तो आप जानते हैं कि आप वैसे भी गलत हैं तो फिर गलत बातों पर जोर क्यों देना वैसे अभी हम गलत हैं तो कम से कम थोड़ा थोड़ा और सचेतन होकर काम चलाएं अगर आपको पता है कि आप गलत हैं तो आप सावधानी से चलेंगे है ना हेलो लेकिन अगर आपको लगता है कि आप बिल्कुल सही हैं तो आप बेवकूफी भरी चीजें करेंगे और दुनिया भर में गलतियां करेंगे अगर आपको पता है कि आप ठीक से नहीं देख पा रहे हैं तो क्या आप सावधानी से चलेंगे या नहीं अगर मैं आपसे एक अंधेरे कमरे में चलने को कहूं मान लीजिए कि हम सभी लाइटें बंद कर दें और कमरे को बंद कर दें एकदम अंधेरा है अगर मैं आपसे चलने को कहूं तो क्या आप अचानक बहुत सतर्क और सचेतन नहीं हो जाएंगे कि आप कैसे चलते हैं लेकिन जब लाइटें जल रही हो तो आप बेहोशी में चलते हैं हर किसी से टकराते हुए तो अगर आप हर पल ऐसे चलना सीख लेते हैं जैसे कोई लाइट नहीं है और आप हर चीज को पूरी सावधानी से देखते हैं तब आपको जो साफ दिखता है उससे आप गुजर जाते हैं जो साफ नहीं दिखता वहां आप हिचकते हैं कुछ जगहों पर आप थोड़ा चांस लेते हैं लेकिन अगर आप कॉन्फिडेंस से भरे हैं तो आप जीवन में गलतियां ही करेंगे हम नहीं जानते कि आप कहां पहुंचेंगे और किसमें फंस जाएंगे ज्यादातर लोग अपने पेशे में पारिवारिक हालातों सामाजिक परिस्थितियों में इस तरह फसे हुए हैं कि वह सब ऐसे हो गए हैं हां मैं यह देखता हूं कि सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं युवा भी ऐसे हो गए हैं मेरे जीवन के अंत में मेरा क्या होगा मेरे जीवन के अंत में मेरा क्या होगा मैं रहस्य पहले ही बता चुका हूं आप मर जाएंगे लेकिन सतगुरु अगर ऐसा होता है तो क्या करेंगे अगर वैसा होता है तो क्या करेंगे वह सारी चीजें होंगी ऐसा नहीं है कि आपके जीवन में सब कुछ वैसा ही होगा जैसा आप चाहते हैं चीजें उस तरह भी होंगी जो आपको पसंद नहीं है एक बार ऐसा हुआ शंकर एन पिल्लई को उसकी नौकरी से निकाल दिया गया सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने एक सवाल पूछा था धूम्रपान कर सकते हैं या धूम्रपान वर्जित है इतने से सवाल पूछने पर आपको नौकरी से कैसे निकाला जा सकता है उसने पूछा धूम्रपान कर सकते हैं या धूम्रपान वर्जित है और उसे नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि से जो पूछना चाहिए था वो था दा संस्कार या [संगीत] दफन कई बार आप जो सोचते हैं मैं सही हूं वह उस स्थिति के लिए प्रासंगिक नहीं होता जिसमें आप मौजूद हैं तो आपके जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण पहलू यह है कि आप प्रासंगिक हो ना कि सही आप प्रासंगिक हैं मौजूदा स्थिति के लिए आप प्रासंगिक हैं मैं सही हूं सही हूं मैं सही हूं यह कॉन्फिडेंस है आपका सही होना कोई उसकी परवाह नहीं करता सारे बेवकूफ जो सोचते हैं कि वह सही है कोई भी उनकी बात नहीं सुनना चाहता कोई उनके आसपास नहीं रहना चाहता है ना जो लोग हमेशा सोचते हैं कि मैं सही हूं मैं सही हूं आप उनके आसपास रहना चाहते हैं नहीं महत्त्वपूर्ण बात यह है कि जिस परिस्थिति में आप हैं उसके लिए प्रासंगिक हैं अगर आपको अपने जीवन में प्रासंगिकता लानी है तो आपको अपने कॉन्फिडेंस को खत्म करना होगा और स्पष्टता लानी होगी स्पष्टता विकसित करने के कई तरीके हैं देखिए आपकी मांसपेशियों को विकसित करने के तरीके हैं है ना इसी तरह स्पष्टता विकसित करने के कई तरीके हैं दुर्भाग्य से हमारी शिक्षा प्रणाली कई तरीकों से स्पष्टता को मंद कर रही है विश्वविद्यालयों में कुछ शोध अध्ययनों से पता चला है कि अगर कोई बच्चा किंडरगार्डन से शुरुआत कर 20 साल की शिक्षा प्राप्त करता है मुझे खेद है मैं एक शैक्षणिक संस्थान में ऐसा कह रहा हूं 20 साल की शिक्षा और मान लीजिए वह पीएचडी करके बाहर आता है वह बताते हैं कि उसकी 70 प्र बुद्धिमत्ता हमेशा के लिए नष्ट हो जाती है तो आपके पास एक जानकार बेवकूफ है आप उसके साथ क्या कर सकते हैं ठीक है आप यह कर सकते हैं आप जानकारी उछाल करर लोगों को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन लोगों को प्रभावित करने का यह जानकारी और वह जानकारी उछालने का यह पूरा खेल खत्म हो जाने वाला है क्योंकि वह ग लेडी इन सभी मूर्खों से बेहतर है हेलो आप यह वाकई आश्चर्यजनक है मैं कहीं भी यात्रा कर रहा हूं मान लीजिए मैं अमेरिका या अफ्रीका या कहीं के लिए उड़ान भर रहा हूं मैं पूछता हूं एंटे बे में सुबह का तापमान क्या है मैं वहां उतरने वाला हूं बिना पलक झपकाए दो सेकंड में वह मुझे बता देती है यह 14 डिग्री सेंटीग्रेड है और दोपहर तक 18 होगा शाम तक य फिर से 12 डिग्री हो जाएगा कौन ऐसे बता सकता है हेलो हो सकता है कि वह पूरी तरह सही ना हो लेकिन लगभग सही होता है तो जो लोग अपने सिर पर जानकारियों का टोकरा ढो रहे हैं और श्रेष्ठ महसूस कर रहे हैं मैं चाहता हूं कि आप इसे समझे इस देश में और दुनिया में हर जगह पिछली नहीं बल्कि उससे पिछली पीढ़ी में कोई व्यक्ति जो किताब पढ़ सकता था उसे भगवान जैसा माना जाता था क्योंकि बाकी सब अनपढ थे और लोग सिर्फ इसलिए फले फूले क्योंकि वह गीता या बाइबल या कुछ और पढ़ सकते थे वह फले फूले बस इसलिए क्योंकि वह पढ़ सकते थे लेकिन एक बार जब हर कोई पढ़ सकता है तो हम उन लोगों को पूरी तरह से अनदेखा कर रहे हैं है कि नहीं हेलो तो जो लोग जानकारी ढो रहे हैं और खुद को श्रेष्ठ समझते हैं वह सभी अगले 15 से 20 सालों में कुछ भी नहीं रह जाएंगे एक बार जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर जगह उपलब्ध होगा तो जानकारी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा क्योंकि यह हर जगह उपलब्ध होगी तब तक आपको जानकारी से परे कुछ करने में सक्षम हो जाना चाहिए इसीलिए मैं आपके साथ हूं [संगीत]