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रायदम देसाई के साथ साक्षात्कार - मॉर्गन स्टेनली

कभी आपके मन में ऐसा एक कोई सवाल आया है कि ये एफ आईस कब से भारत में आए कब से शुरू हुआ और सबसे पहली एफ कौन सी थी भारत में नहीं आया ना ख्याल आज मैं आपकी मुलाकात करवाने जा रहा हूं एक बेहद खास मेहमान से जी हां वो उस एफ आई के साथ है जो हिंदुस्तान में सबसे पहली बार है जी हां हिंदुस्तान की सबसे पहली एफ आई आइए मुलाकात करते हैं रिदम देसाई साहब से जो मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ इक्विटी स्ट्रेटजिस्ट है मॉर्गन स्टेनली के 26 साल से ज्यादा का लंबा गहरा अनुभव सिर्फ मॉर्गन स्टेनली के साथ है रिदम सर का 26 साल रिदम सर इतना लंबे समय त एक ही ऑर्गेनाइजेशन है वो भी मैं आपसे पूछूंगा लेकिन उससे पहले बताऊं कि आप इक्विटी की जो पूरी रिसर्च टीम है स्ट्रेटेजी टीम है उसको हेड करते हैं और लगातार साल दर साल रिदम सर बेस्ट इक्विटी स्ट्रेटजिस्ट का अवर्ड लेकर जाते हैं दूसरे के लिए छोड़ते नहीं है पिछले 30 साल से इंडियन इक्विटी मार्केट को और दुनिया भर के बादर को बहुत ही क्लोज ट्रैक कर रहे हैं और मुंबई से ही आपने वेलिंगकर इंस्टिट्यूट से एमबीए की डिग्री भी हासिल की है मॉर्गन सली के साथ इतना लंबा लंबा समय बिताया है आज हम जानेंगे समझेंगे रिदम सर से कि दुनिया भर के एआई भारतीय बाजारों के बारे में क्या सोच रही है चुनाव के बाद अब अगले 3 साल 5 साल भारतीय बाजारों के लिए क्या बड़ी चीजें होने वाली है बजट भी आ रहा है मॉर्गन स्टनली के क्या टारगेट्स हैं सेंसेक्स निफ्टी बाजार के लिए कौन से सेक्टर्स उन्हें और स्टॉक्स उन्हें पसंद है ढेर सारे सवाल हैं जिनकी मैं शुरुआत करता हूं सर से लेकिन सबसे पहले सर सबसे पहली एफ मॉर्गन स्टनली और आप उनके साथ इतनी लंबी इनिंग 26 साल की जनरली मैंने ये देखा है बहुत सारे दोस्त लोग हैं एफ में लेकिन इतना लंबा कोई टिकता नहीं है य मंग खास फम है बहुत खास जगह है और जिनको भी इंटरेस्ट है शेर बाजार में या इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में कैपिटल मार्केट्स में तो मोगन स्टनली में तो जरूर आना चाहिए क्या बात है दुनिया की श्रेष्ठ फर्म है मेरे हिसाब से इस क्षेत्र में क्या बात है बहुत ही बढ़िया एक चीज और कहना चाहता हूं सर आमतौर पर कई सारे एफ आईज हैं जो हिंदुस्तान में बड़ा पैसा लगा रहे हैं लंबे समय से हैं और हम कोशिश भी करते हैं उनके लोगों को बुलाएं जाने समझे हमारे दर्शक जो हिंदी बोलने समझने वाले हैं लेन बड़ा मुश्किल है पकड़ना सर नेचुरली आपके जो क्लाइंट्स हैं या आपके जो इन्वेस्टर्स हैं वो इंग्लिश स्पीकिंग है ज्यादातर ले फिर भी सर आप हर बार हमारे लिए समय निकालते हैं ये आपकी एक सीएसआर एक्टिविटी है मैं ये समझता हूं नहीं श्रेय आपको जाता है अनिल जी आपने मुझे प्रोत्साहन दिया कि हिंदी में बात करो ज्यादा लोगों को समझ में आएगा अंग्रेजी की ऑडियंस इतनी छोटी है 5 प्र ऑडियंस है पूरी टीवी ऑडियंस में मतलब ये अपने शहर बाजार की न्यूज चैनलों में तो पहुंच नहीं होती है और ज्यादा लोगों को समझ में आए तो मैं कोशिश कर रहा हूं इतने सालों से और आपसे सीख रहा हूं थोड़ी थोड़ी ् तो नहीं बहुत मजा आता है और ंद इतनी स्पष्ट नहीं है नहीं टेक्निकल शब्दों में थो थोड़ी परेशानी होती है लेकिन मैं कोशिश करूंगा नाना आप बिल्कुल जहां इफ यू आर शॉर्ट ऑफ वर्ड्स आप आराम से इंग्लिश बोलिए कोई दिक्कत वाली बात नहीं है हमारा इरादा तो ये है कि हमारे दर्शक समझ पाए कि एफ आईस भारत को कैसे देखते हैं तो अभी आप ही हाल ही में आपकी कॉन्फ्रेंस भी और मेरे ख्याल से हिंदुस्तान में जितने भी दुनिया भर के इन्वेस्टर्स के लिए कॉन्फ्रेंसेस होती हैं उनका एक दौर चलता है कई सारे ब्रोकस करते हैं सबसे ज्यादा मोस्ट अवेटेड मॉर्गन स्टनली की कॉन्फ्रेंस होती है कि यहां किसको इन्विटेशन आया है किस कंपनी को मौका मिल रहा है प्रेजेंटेशन देने का स्टेज मिल रहा है इस बार का रिस्पांस कैसा रहा है सर तो आपने जैसे कहा कि मॉर्गन स्टनली भारत में सबसे पहले एफ आईई थी तो भारत में सबसे पहले कॉन्फ्रेंस भी मॉर्गन स्टनी ने रखा था मेरे हुए 27 साल थोड़ा सा करेक्शन है और ये हमारी 26 में कॉन्फ्रेंस थी ओके क्या बात है तो मैं हर कॉन्फ्रेंस में था हमारे एक्चुअली एशिया पैसिफिक में भी अभी 22 2 कॉन्फ्रेंसेस हो गई है मतलब लगातार 26 सालों से हम कर रहे हैं क्या बात है तो की कॉन्फ्रेंस की खास बात हां तो भारत में जो इंटरेस्ट है वो ऊंचाई पे ही है जी और जो बाहर के निवेशक है उनको दिक्कत सिर्फ मूल्य कान से वैल्यूएशन से है अच्छा तो वो अभी जान रहे हैं उनको मैं आपको बताऊं एक्चुअली में जो रियल ग्राउंड रियलिटी हमारे यहां जो निवेशक है खास करके रिटेल निवेशक वो भारत को ज्यादा अच्छी तरह से समझते हैं अच्छा समझते हैं जो दूर बैठे हैं हम हम जो लंडन में बैठे हैं जो न्यूयॉर्क में बैठे हैं उनको उतनी समझ में नहीं आ रही है जो भारतवर्ष में आज हो रहा है क्योंकि ये ये मैं जैसे एकदम क्रूडली बोलू तो घोड़ा तबले के बाहर निकल गया है भाग रहा है हां और इन इन्हें ये समझ में नहीं आ रहा जो परिवर्तन हुआ है पिछले 510 सालों में हम वो उनकी समझ में अभी तक आया नहीं है तो वो समझ रहे हैं मेरे हिसाब से अगर आप मैं अगर एक एक फोरकास्ट करूं तो अगले छ महीने में भरपूर मात्रा में फ्लोज आने वाले हैं क्या बात कर रहे मेरा सर नेक्स्ट सवाल मैं यही पूछने वाला भाई ये क्यों बेच रहे हैं नहीं क्यों हम लोग खरीद रहे हैं ना आप समझो हां अगर अगर आप एक टोटल मारो हम तो कुछ डेली बेसिस पे 1500 करोड़ की बाइंग हो रही है करेक्ट रिटेल की हम डायरेक्ट म्यूचुअल फंड के थ्रू इंश्योरेंस कंपनी के थ्रू एचएन आई की और पीएमएस स्कीम्स में सब मिला के हर रोज 1500 करोड़ की डेली बाइंग है करेक्ट बाजार में आओ 9वा को 1500 करोड़ अब आप समझो जी कि इसमें म्यूचुअल फंड वाले हैं इंश्योरेंस वाले हैं अगर ऐसा सोचे कि बाजार बहुत महंगा हो गया मैं पाच दिन के लिए नहीं खरीदता हूं तो पाच दिन के अंत प उनके पास 5000 करोड़ का बैलेंस हो जाएगा फिर लगाओ हां तो और मुश्किल होगी अब बाजार में डेली बेसिस पे नेट फ्लो तो जीरो होता है करेक्ट ठीक है तो अब खरीदने वाले तो सवा को तैयार हो जाते हैं तो बेचने वाला कौन है बेचने वाला आज की देश में सिर्फ बाहर के इन्वेस्टर है वही तो माल दे रहे हैं जो लोकल्स खरीद रहे हैं अब ऐसा होने वाला है अगले छ महीने में एक तीसरा खिलाड़ी अंदर आ रहा है अच्छा जो माल देगा वो है कॉर्पोरेट कपटर कंपनीज अब अब कंपनीज ने कैपिटल रेज करने वाले हैं तो जैसे ही ये सब इशू शुरू हो गए और एकदम जल्द में आने वाले हैं ये इशू सब लाइंड अप है आप सेवी की डटा में देख लो सब लोग ने फाइलिंग कर दी है और अब लॉन्च होंगे जैसे ही वो आए उनके इश्यूज को खरीदने के लिए हम बाहर के निवेशक आ जाएंगे तो आपको अब एक समय आएगा जब सेलर जो है जो बेचने वाला है वह कंपनी होगी और खरीदने वाला हमारे लोकल होंगे और बाहर के निवेशक होंगे तो इतना इतना सिंपल है इसमें ज्यादा ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है तो मतलब जो भी सप्लाई आएगी कंपनी की तरफ से या प्रमोटर्स की तरफ से चाहे वो क्यूआई पी इशू वगैरह हो फंडरेजिंग प्लान हो या फिर प्रमोटर बेच के निकले लेकिन सामने फिर एफ आई तैयार हो जाएगी अनिल जी कोई तो सेलर चाहिए ना बात तो सही बहुत साल पहले की बात है 93 से एफ आईस को सरकार ने अनुमति दी 93 से लेकर 2013 तक सिर्फ वही खरीद रहे थे क्योंकि हमारे इन्वेस्टर लगातार बेचे ही जा रहे थे 2014 में यह सब बदलने लगा 2015 में प्रधानमंत्री ने पहली बार प्रोविडेंट फंड और नेशनल पेंशन सीम को परमिशन दी कि आप शेयर बाजार में खरीद सकते मैं आपको एक इतिहास बताता हूं यही चीज अमेरिका में 1980 में हुई थी अमेरिका में जो अपने यहां प्रोविडेंट फंड होता है वहां पे उसको 41 के बोलते 401 के बोलते 40 के तो 401 के को प्रेसिडेंट रेगन ने पहली बार परमिशन दी थी 1980 में और वहां से शुरू हुआ अमेरिका में रिटेल बाइंग और वह खत्म हुआ डेक के बबल के साथ 20 साल चला ओके और आप देखो कि उसमें क्या हुआ कि 2000 के बाद ये जो बेबी बूमर्स कहते हैं अमेरिका में वो सब रिटायर होने लगे तो उन्होंने सब अब पैसा वापस लेना शुरू कर दिया हमारे यहां तो ये रिटायरमेंट का दौर आने वाला नहीं है 20 30 40 साल तक अभी तो शुरुआत हुई है अभी तो शुरुआत हुई है और दूसरी बात अमेरिका में अगर आप घरेलू बैलेंस शीट को देखो तो 40 प्र शर बज में हमारे यहां वो वो आंकड़ा 89 प्र प पहुंचा है हम क्या के वो भी हां बहुत लंबा समय है मैं और एक आपको नंबर देता हूं पिछले साल कुल मिला के घरेलू सेविंग 700 बिलियन डॉलर के आसपास था ठीक है उसमें से 50 से 60 बिलियन डॉलर इक्विटी मार्केट में आया मतलब टोटल सेविंग का 10 पर भी नहीं है नहीं है अभी भी 5 50 60 बिलियन डॉलर सोने में जाता है 350 बिलियन डॉलर हमने प्रॉपर्टी में डाले ओके अब ये 700 है आप समझो कि इसमें से आपने तय किया कि अब मैं 15 प्र डालूं इक्विटी में तो और और बनता है क्योंकि इक्विटी जो है मेरे हिसाब से सबसे बेस्ट परफॉर्मिंग एसेट क्लास रहने वाला है तो बहुत सारे लोगों को यह अभी करना बाकी है तो मेरे हिसाब से यह बदलने वाला नहीं इतनी जल्दी और आपने चौ जून को देख लिया समझ में किसको आया कि एनडीए की सरकार ब रही है वो समझ में सिर्फ यहां लोकल्स को ही होता है उस दिन उस दिन फॉरेन इन्वेस्टर्स को यह बात समझ में ही नहीं आई वो तो बेच के ही गए थे हां बेच के ही गए थे ठीक बात है नहीं बत बहुत इंटरेस्टिंग और इंटरेस्टिंग बात ये है कि 3 तारीख को खरीद के गए जिस दिन हमारे यहां लोगों ने समझ लिया था कि एग्जिट पोल ना सही और मैंने बहुत लोगों को समझाया था उस दिन आप अगर देखो पिछले चार लोकसभा के एग्जिट पोल्स हर एक एग्जिट गटी पढ रहा है गलत गलती की मात्रा 2025 प्र है ऐसी नहीं है कि मामूली मार्जिन से गलत जाते हैं इस बार हमने रिजन सर हमने हमने सैटरडे को नहीं हमने संडे को एग्जिट पोल किया था जीन और हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से 10 करोड़ का सिंपल साइज लेके किया हमारी 35 सीट आ रही थी लेकिन वो सबकी 350 400 में हमारे तो दबी गई बाद में दूसरे दिन पता चला कि सबसे सही एग्जिट पोल जी ग्रुप का हमारा जी मीडिया का एनीवे लेकिन क्योंकि आपने कहा कि चुनाव के नतीजों के बाद और अच्छा नतीजों से पहले भी सबको इंतजार था रिजल्ट के बाद खरीदेंगे रिजल्ट के दिन थोड़ा सा मौका मिला मिला अब एक तरफा बाजार भाग रहा है क्या कुछ उम्मीदें बाजार की है और आप क्या अगले पा साल में बड़ा हिंदुस्तान में होते हुए देखना चाहते हैं तो पहली बात मैं बोल दूं खास करके जो नए निवेशक है बाजार में और बहुत सारे ऐसे कि शेयर बाजार कभी भी सीधी रेखा में नहीं जाती है करेक्ट ये आपको बहुत ठीक समझ लेना प ये फिक्स डिपॉजिट नहीं है कि आप रोज सवेरे उठे और थोड़ा ब्याज आपके अकाउंट में आ गया ये ऐसा नहीं है उतार चराव हो और काफी होंगे और जब नीचे आएगा बाजार तब मैं आपको ध्यान सबको होना चाहिए कि उस समय खरीद लेना चाहिए क्योंकि तेजी तो है लंबी तेजी है मैंने ऑलरेडी मेरे रिसर्च में बोल दिया सबसे लंबा और सबसे अच्छा बुल मार्केट यह वाला है अपने इतिहास में और अभी बहुत समय बाकी है इसमें चार पाच साल और चलेगा ये आराम से मेरे हिसाब से तो आपको जब भी एक मौका मिले तब खरीद लेना लेकिन सीधी रेखा में नहीं जाएगा तो सर ये अब जो हो रहा है ना सीधी रेखा में रोज सवेरे हम आते हैं निफ्टी पे % 1 पर ये परमानेंटली चलने वाला नहीं है ये आएगा एक समय करेक्शन मैं अभी बोल नहीं सकता हूं कब आएगा बहुत सारे ट्रिगर्स है आ सकता है कभी भी हो सकता है लेकिन वो जब आएगा तब आपको अड़े रहना चाहिए कि अब मौका है मैं खरीद लेना अच्छा मैं बीच में आपको रोक रहा हूं क्योंकि आप अगले 5 साल का बताने क्योंकि आपने कहा कि अभी तो ये शुरुआत हुई है बुलम के शुरुआत नहीं चा साल से वही पता करना है जैसे मुंबई सेंट्रल से निकल गई ट्रेन अहमदाबाद के लिए आपका नेटिव प्लस क गुजरात मेंही होगा नहीं नहीं मुंबई सेंट्रल अहमदाबाद आपके दर्शकों को समझेगा नहीं मुंबई टू चर्चगेट टू बोरवली रखते चर्चगेट टू बोरवली रखते हैं तो हम कई माहीम के आसपास पहुंचे माहीम बैंडर के आसपास पहुंचे लेकिन वो मुंबई वालों को ही समझेगा इसलिए मैंने ओके ओके तो फिर मुंबई दिल्ली रखते हैं हां मुंबई दिल्ली रखते मुंबई दिल्ली से हम क पहु मैं मैं रतलाम पहुंचे हैं रतलाम पहु उससे पहले आ गए अभी तो हा मेरा मेरा मेरा नेटिव प्लेस दाहोद है हम दाहोद पहुंचे दाहोद पहुंचे रतलाम भी दाहोद से एक घंटा दूर रतलाम है बिल्कुल ठीक बात है अभी तो मतलब 3035 पर भी नहीं आपने पूरा देखा है तो अभी तो ये इतनी तेजी में भी इतना से अच्छा हां अब आप बता रहे थे 5 साल में क्या बड़ा हो सकता है हिंदुस्तान में बहुत कुछ होने वाला है तीन चीज पर मैं ध्यान देता हूं कक शहर बाजार की पर्सपेक्टिव से बात करनी है तो पहली जो है ना और सबसे जो महत्त्वपूर्ण बात ये है कि यह सरक तेजी क्यों चल रही है पहले हम समझना तेजी इसलिए चल रही है क्योंकि पिछले 10 सालों में भारत ने मैक्रो स्थिरता पे बड़ा ध्यान दिया है ओके करेक्ट और और मैक्रो स्थिरता से ऐसा हुआ है कि जो आपका जो इंफ्लेशन वोलेट है जो आपकी महंगाई के दर की वोलेट जो उतार चढ़ाव होता है वो थम गया है वह सबसे न्यूनतम लेवल पर आ गया है 70 75 साल में ऐसा हमने देखा नहीं है और उसके कारण शेयर बाजार में रुपए में बॉन्ड मार्केट में सब जगह वॉलेट थम गई है करेक्ट अगर आप देखो तो पूरी दुनिया में ऑफकोर्स तेजी जापान में भी चल रही है अमेरिका में भी चल रही है लेकिन सबसे लीस्ट वोलेटाइल मार्केट जिसे जिस जहां पे सबसे कम उतर चढ़ा हुआ वो भारत है और उसका कारण ये है ये फंडामेंटल रीजन है इसके कारण रिटेल निवेशक आ रहे हैं आ रहे हैं सही बात है रिटेल निवेशकों से बाजार नहीं चल रहा है चल रहा है इसलिए ल ये भी समझना जरूरी है और और यह बाजार इसलिए चल रहा है अब हमने जो मैक्रो स्थिरता पर ध्यान दिया है उसके कारण जो हमारा ग्रोथ हो रहा है वह काफी रिलायबल हो गया है करेक्ट उसे हम प्रिडिक्ट कर सकते हैं ओके और बड़ी अच्छी तरह से प्रिडिक्ट कर सकते हैं और इसके कारण शेहर में तेजी है ये दोनों कारण मिला अब मेरे हिसाब से जो पहला प्रधानमंत्री का जो पहला फोकस है जो जो जो उनका केंद्र है वो मैक्रो स्टेबिलिटी पे आप देख लो जो उन्होंने किया अब जैसे इलेक्शन रिजल्ट के बाद सबका मानना था रूरल स्पेंडिंग आ जाएगा क्यों क्योंकि रूरल इंडिया ने भाजप के विरुद्ध वोट दिया है बात वो पहले गलत है मेरे हिसाब से कोई यहां पे रूरल और अर्बन की स्प्लिट हुई नहीं है जो हुई है वो अलग तरीके से हुई है और वो सब शेयर बाजार के साथ लेना देना नहीं है तो एक तो पहले वह कंक्लूजन व वो कंक्लूजन ही गलत था दूसरी बात यह है कि जो सरकार यह जो कर रही थी पिछले पाच सात सालों में उन्होंने क्या किया है रूरल इंडिया में कि हमें गरीबों को अपॉर्चुनिटी देनी है जेबों में पैसे देने से कोई गरीबी के बाहर नहीं निकलता है सही बात है आप उसको तो हमें हमें सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना है जैसे आप घर बनाओ घर में आप पानी लेके आओ बिजली लेके आओ तो वहां पर जो बच्चा है वो पढ सकता है सही बात है वो बीमार नहीं पड़ेगा आप केंद्र खोल दो रास्ते सड़क बनाओ तो वो फिर अर्बन सेंटर में आ सकता है तो ये सब जो है सामाजिक उसी पर ध्यान है और मुझे लगता है वहां पर यह काम जारी रहेगा ये काम बहुत अभी बाकी है करना इलेक्ट्रिसिटी बिजली पहुंच गई है 75 95 प्र गांव में इलेक्ट्रिसिटी पहुंच गई ये बड़ा अंतर हुआ है पिछले 10 सालों में लेकिन अब सड़क भी बन गई है जल का काम बाकी है टॉयलेट का काम बाकी है हेल्थ सेंटर का बड़ी मात्रा में काम बाकी है सिर्फ 25 प्र गांव में आज हेल्थ सेंटर है बत वो यह सब होगा ये सब काम अब होंगे ये सब काम अब होगा तो यह इससे होने से अब अब आप देखो पिछले 10 सालों में हमारी गरीबी आधी हो गई है ओके और इसको शून्य पे लाने के लिए यह काम करना जरूरी है 5 साल में शून्य नहीं होगा बट बहुत सारी गरीबी कम हो जाएगी दूसरा जो काम है वो है फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर स्क्चर और वहां पे सबसे मुझे ध्यान रेलवेज में लग रहा है ओके क्योंकि ना इंडिया का जो लॉजिस्टिक्स कॉस्ट है आज एक जगह से दूसरे जगह आपको जो आपको माल सामान जो ट्रांसफर करना है उसम 14 प्र जी जीडीपी का खर्चा लग जाता है 14 पर बहुत बड़ा उस वो रेलवेज के आने से ये आधा हो जाएगा सा आ रेलवेज में अब एक काम जो हो गया है वो इलेक्ट्रिफिकेशन का है 10 साल पहले ज्यादातर हमारी ट्रेन डीजल लोकोमो इल कोला व अब इलेक्ट्रिक प चल रही है करट अब ये सब ट्रैक अपग्रेडेशन हो रहा है तो उससे क्या होगा कि हमारी जो माल ड़ माल गाड़ियां है वो तेजी से 2015 में मैंने डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर भी तैयार मैंने 2015 में एक कैलकुलेशन किया था कि हमारी माल गाड़ियां 20 किलोमीटर प्रति घंटे चलती है मतलब आप उससे ज हां स्पीड आप उसे फास्ट साइकल कर सकते हो साइकलिंग करते हो तो 25 किलोमीटर हो जाती है तो ये अपनी मालगाड़ी की हालत थी अब जाके वो 40 पे पहुंची है और मुझे लगता है अगले 5 साल में 80 पे पहुंच जाएंगी तो आप समझो इसका इसका क्या परिणाम होता है एक तो पहले आपका जो माल है ओके इन्वेंटरी जिसको कहते हैं वो बहुत कम हो जाती है क्योंकि एक जगह से दूसरी जगह जल्दी पहुंच जाती है दूसरा जो खर्चा है वोह कम हो जाता है तो कॉपरेट इंडिया को बड़ा फायदा होगा इकोनॉमी को फायदा होगा तो फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तो पहली बात है मैक्रो स्थिरता दूसरी बात है सोशल और फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और तीसरा जो है मेरे हिसाब से मैन्युफैक्चरिंग अब आप देखो पिछले 75 साल में हमारा जो मैन्युफैक्चरिंग का जीडीपी में जो कंट्रीब्यूशन है वह लगातार गिरते गए करेक्ट उसके कई कारण है मैं वो कारणों प अब नहीं जाऊंगा क्योंकि काफी समय लगेगा लेकिन वहां पे हमें काम करना है और वहां से हम जॉब जनरेट करेंगे ओके तो यह नौकरिया वहीं से आएगी तो मैन्युफैक्चरिंग का जो कंट्रीब्यूशन है जीडीपी को वो पा सालों में और बढ़ेगा ऑलरेडी बढ़ चुका है बॉटम हो चुका है लेन वहां से और बढ़ेगा तो आप देखो डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स रेलवेज की बात हो गई सेमीकंडक्टर्स फूड प्रोसेसिंग एरोस्मिथ पहले मुझे पता नहीं आपके दर्शकों को पता है एक प्राइवेट कंपनी अग्नि कूल करके उन्होंने इसरो की स्थान से एक रॉकेट फायर किया जिसका जो इंजन था व सिंगल पीस डी प्रिंटेड इंजन था अच्छा दुनिया में सब सबसे पहले काम करने वाला करने वाली कंपनी ये है किसी ने और नहीं नासा ने नहीं किया है चाइना ने नहीं किया है हम डी प्रिंटिंग अब इंजन की कर सकते हैं रॉकेट्स की क्या बात है हा तो ये जो है ये सब बड़ा प्रोत्साहन है सरकार की तरफ से कि ये सब हो और डीप टेक्नोलॉजी जिसे कहते हैं वहां से हमें काफी बड़ा अपसाइट मिलेगा डीप टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में य जैसे रॉकेट का काम है ड्रोन का काम है फिर आप नए नए नए न ड्रग्स की शोध हो रही है पानी के क्षेत्र में काफी काम हो रहा है तो यह सब हो रहा है तो मुझे लगता है कि ये तीन चीजों पर सरकार का केंद्र होगा चलिए बत बहुत इंटरेस्टिंग चीज आपने बताई एक तो सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर मैन्युफैक्चरिंग और ये सारी चीजों पर जो गवर्नमेंट का फोकस बनने वाला है इससे ग्रोथ आएगी लोगों का अपलिफ्टमेंट होगा अब मार्केट पर आता हूं आमतौर पर मोर्गन स्टनली की रिपोर्ट्स हर रोज सुबह देखते हैं आज रिपोर्ट किस पे आई है रिसर्च कहां से निकली है आपके मार्केट के टारगेट पहले ब्रॉडली मार्केट पर बात करू कितनी तेजी आपको दिख रही है सेंसस के क्या टारगेट मॉर्गन ने लेने रखे हैं पहली बात कि इक्विटीज को ऐसे एक साल दो साल के लिए देखना ही नहीं चाहिए देख चाहि 10 साल के कम व्यू होना ही नहीं चाहिए मैं बार-बार बोलता हूं आपको जी 10 साल से कम होना ही नहीं चाहिए आप 10 साल 15 साल से बोल भी रहे सही बो 10 साल से कम अगर आप 10 साल से कम समय के लिए आए ना तो आप पैसे हार जाओगे पैसा अगर आपको वेल्थ बनानी है तो उसके लिए आपको 10 साल का व्यू रखना चाहिए और 10 साल में मुझे लगता है कि अब जैसे कि भारत पांचवे स्थान पर है मार्केट कैप के हिसाब से तीसरे स्थान पर आराम से आ जाएगा दूसरे स्थान प भी आ सकता है क्योंकि वो इस पर भी निर्मल है कि चाइना और जापान में क्या हो करेक्ट बट यह हो भी सकता है कि अमेरिका के बाद दुनिया का सब दूसरा इकोनॉमी तीसरे स्थान प हो सकती है लेकिन बाजार दूसरे स्थान प आ सकता है तो यह हो सकता है अगले 10 साल में और अगले 10 साल में मुझे लगता है कि निवेशकों को 12 से 15 प्र एनुअल कंपाउंडिंग इंडेक्स में या मार्केट में मिल जाएगा फिर आपने सही स्टॉक्स खरीदे तो उससे ज्यादा भी हो सकता है लेकिन 12 से 15 प्र का रिटर्न हो सकता है सालाना आराम से 12 से 15 पर का रिटर्न बन सकता है अब जो आपने कहा एक जैसे बड़ा काम रेलवे में हो रहा है इस वक्त मार्केट में आपको क्या पसंद है कहां मॉर्गन स्ली बहुत बुलिश है कौन से सेक्टर्स कौन से थीम्स आपको ज्यादा पसंद आती है चार चीज पे मैं फोकस कर रहा हूं ओके पहली प्राइवेट सेक्टर बैंक्स ओके निजी क्षेत्र में जो जो बड़ी बैंक्स है मुझे लगता है वहां पर बड़ी तेजी है ओके अब 15 से 16 प्र के आसपास क्रेडिट ग्रोथ है और हमारे हमारे अनुसार आरबीआई रेट्स काटने वाली नहीं है नहीं है नहीं अभी नहीं काटे गी जरूरत जो लोग कहते हैं कि आरबीआई को रेट काटना चाहिए मैं पूछता हूं क्यों ग्रोथ का कोई प्रॉब्लम नहीं है हमारे पास समस्या नहीं है महंगाई का दर उनके टारगेट से थोड़ा ऊपर है तो वापस उसको नीचे लाना है जब आपको ग्रोथ का ग्रोथ की कोई समस्या नहीं है तो इंटरेस्ट रेट काटने का क्या प्रयोजन है कोई मतलब नहीं है उसका तो स्टेबल रेट एनवायरमेंट है अच्छा ग्रोथ है और स्टॉक सस्ते हैं हम तो यह मेरे हिसाब से सबसे बड़ा यहां पे और पिछले एक हफ्ते से थोड़े अभी बढ़ रहे हैं लेकिन और बाकी काफी फिर दूसरा है कंजमेशन पिरामिड ऐसा है ऊपर सिर्फ 50 लाख घर घर है जो बड़े उनकी इनकम हाई है उनकी वेल्थ हाई है जो आप वेस्टर्न इकोनॉमी की तुलना में कहोगे कि वो वो अमीर है ज्यादातर लोग यहां प है नीचे है बॉटम ऑफ द पिरामिड बम वहां से अब हमारा अनुमान है कि अगले 10 साल में 10 करोड़ घ घर उठेंगे 10 करोड़ अच्छा करीबन 45 आप टॉप में 50 लाख ही है लेकिन बॉटम से 10 करोड़ 45 नहीं ऊपर नहीं जाएंगे बीच में आ जाएंगे 45 करोड़ लोग आ जाएंगे बीच में मिडिल क्लास से मिडिल क्लास हो जाए तो आप देखो सब चीजें जो मिडिल क्लास खरीदती है वहां पर बड़ी तेजी है आप को पेंट करना चाहते हैं आप एक स्कूटर खरीदना चाह तो ये सब आप बच्चे को स्कूल भेजोगे यह भी होगा क्योंकि काफी लोग यहां नीचे दवी कक्षा के बाद पढ़ाई नहीं करते वो भी होगा तो वो एक है और दूसरा जो ऊपर है 50 लाख वोह हमारे एस्टीमेट से ढाई करोड़ हो रहे है दो करोड़ और घर मतलब करीबन न से 10 करोड़ लोग आप इंडस्ट्रियल्स हम ओके उत्पादन के क्षेत्र में जो अ सप्लाई चेन में आते हैं जो फैक्ट्रियां बनाते हैं जो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाते हैं वहां पे काफी तेजी है वहां मूल्यांकन वैल्युएशन जिसे कह थोड़े महंगे हैं लेकिन सिलेक्टिवली मुझे लगता है अगले पाच सा साल में कंपनी इसमें कैपिटल गुड्स टाइप की क हा सब आ जाएंगी इसमें कैपिटल गुड्स इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत सारी आ जाती है और उनका काम कामकाज ठीक रहेगा हम और चौथा जो है वो है आईटी सर्विसेस अब आज आज आईटी सर्विसेस स्टॉक्स सब ऊपर है और कारण मेरे हिसाब से यह है कि जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में काम हो रहा है दुनिया भर में अब हुआ ऐसा है अब मैं इंटरनेट की तुलना में करता हूं यह थोड़ा लोगों को समझ में आएगा कि 90 के दशक में जब 90 का दशक खत्म हो रहा था तब बहुत सारी कंपनी अमेरिका में इंफ्रास्ट्रक्चर बना रही थी इंटरनेट के लिए और फिर वहां से जब 2000 की साल में आए हम तब सब प्रोडक्ट्स बनाने लगे हम कि अब कंज्यूमर से कैसे हम पैसे बनाएंगे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अगले दो साल में यही होगा पै इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है तो वो जो इंफ्रास्ट्रक्चर रिलेटेड स्टॉक्स है अमेरिका में आप देख लो बड़ी तेजी में है क्योंकि बहुत डिमांड है उधर अब एप्लीकेशन पे फोकस होगा अब एप्लीकेशन बनाने के लिए आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स चाहिए हम हम काम यहां आएगा यहां आएगा तो कल एक अमेरिकी आईटी सर्विसेस कंपनी जो दुनिया की सबसे लार्जेस्ट कंपनी उन्होंने रिपोर्ट किया अब उनका क्वार्टर ऑन क्वार्टर एआई रिलेटेड ऑर्डर बुक डबल हो गया बराब तो ये जो थोड़े समय पहले से साल डेढ़ साल दो साल पहले सारे आईटी स्टॉक बड़े अंडर परफॉर्म करें लोगों को था ये एआई आके गेम बिगाड़ ना दे लेकिन यही मौके बन रहे हैं नहीं नहीं गेम बिगड़ सकता है लेकिन वो 5 साल बाद की बात है अभी नहीं आज नहीं है वो बाद में देखा जाएगा और अपनी आईटी कंपनीज को अंडर एस्टीमेट नहीं करनी चाहिए वो वो वो तैयारी करेंगे उनके लिए उसके लिए और वो देखा जाएगा लेकिन आज एक अपॉर्चुनिटी आ रहा है उनको उनको धंधा मिलेगा एक एक आपने जब सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर की बात की तो आपने रेलवेज की बात की राइट तो क्या रेलवेज डिफेंस बाकी ऑयल एंड गैस स्पेस से एनर्जी से जो सरकारी कंपनिया है और आप चूंकि सरकार पे भी आपने कहा कि पिछले 10 साल में काफी काम हुआ बुलिश रहे हैं तो क्या इन स्टॉक्स में अभी भी आपको लगता है कि जगह है या टू मच टू फास्ट ज्यादा भाग गए हैं थोड़ा लश वगैरह कैसे देखते हैं ये पूरी स्पेस को क्यों आजकल रिटेल का सबसे ज्यादा इंटरेस्ट वही है सर नहीं हर इक्विटी इन्वेस्टिंग में ऐसा है कि एक तो होता है ग्रोथ और दूसरा होता है भाव भाव से खेलने हमेशा ज्यादा इंपॉर्टेंट है क्योंकि ग्रोथ हमें पता नहीं है करेक्ट आपने गलत भाव से शेयर खरीदे तो आप ग्रोथ कितना भी आ जाए आप पैसा नहीं बनाओगे नहीं बना पाएंगे आईटी सर्विसेस कंपनीज को अगर आपने 2000 की साल में खरीदा होता फरवरी 2000 में तो 15 साल तक या 12 साल तक कुछ भी पैसा और ग्रोथ की कोई कमी नहीं थी हर साल आके आईटी सर्विसेस कंपनी ने ग्रोथ किया था लेकिन वो गलत गलत था तो वो तो ध्यान देना बहुत आवश्यक है ओके तो भाव से ही खेलना चाहिए अब कुछ कुछ शहर ऐसे हैं जहां पर भाव बहुत बढ़ गए हैं कुछ ऐसे हैं जहां पे अभी भी भाव ठीक है लेकिन ये करेक्शन होगा तब ले लेना हम तो करेक्शन में आपको इके भाव पुराने देखें तो लगता है बहुत बढ़ गए ओवरऑल मार्केट के वैल्युएशन से देखें तो लगता है अभी भी ठीक है नहीं नहीं मैं भाव भाव जब मैं कहता हूं तो प्राइस की बात नहीं कर रहा हूं वैल्युएशन की बात कर रहा हूं भाव कितना स्टॉक बड़ा है उसका कुछ लेना देना नहीं है वैल्युएशन के साथ क्योंकि अर्निंग्स भी बड़ी है ठीक बात है अगर आप देखो पिछले पा साल में अब निफ्टी के बारे में बात करते तो लोग कहते निफ्टी बड़ा महंगा है अब खास करके बाहर के निवेशक तो मैं उनको समझाता हूं पिछले पा साल में निफ्टी प्रति साल 15 15 प्र से पढ़ा है और निफ्टी के जो अर्निंग्स है प्रॉफिट्स है वो भी 15 प्र बढ़े तो आज आप मुझे समझा रहे हो निफ्टी महंगा है 2019 में भी वही हाल था ज्यादा फर्क नहीं था जितना जितनी निफ्टी कंपनी ने अर्निंग दी है जितना मुनाफा दिया है उतनी उनके तो कुछ ऐसा नहीं है कि 15 प्र का आपने अर्निंग दिया और 30 प्र का कंपाउंडिंग हुआ है निफ्टी में ऐसा नहीं हुआ है तो आई थिंक वो भाव का म म वैल्युएशन है प्राइस नहीं है कुछ सवाल सर मैं आपको पोरली रिटेल इन्वेस्टर्स के पर्सपेक्टिव से पूछ रहा हूं जैसे अब सारा पैसा रिटेल इन्वेस्टर को मिड कैप स्मल कैप में लगाना है अच्छा फंड भी आप बोललो नहीं तुम मत लगाओ फंड में लगाओ तो फंड भी एप्लीकेशन वही देनी है सारे मिड आप देखिए 35000 करोड़ आया है पिछले महीने लेकिन ज्यादातर पैसा सारा मिड कैप स्मल कैप में आ रहा है तो क्या करना चाहिए क्या पसंद है आप दो चीज मैं बताऊंगा ओके एक तो पहले कि 2020 में जब को चल रहा था तब निफ्टी की जो 50 कंपनी थी अब पूरे लिस्टेड कंपनीज का अगर आप मुनाफा देख लो उसमें से 53 प्र मुनाफा 50 कंपनीज के पास थी अच्छा बाकी 1500 कंपनी के पास 47 प्र स 50 कंपनी मिलके आधे से ज्यादा आ पूरा प्रॉफिट अब वो जो 33 प्र है वो 28 हो गया है और जो 47 था वो 72 हो गया तो कहने की बात ये है कि जो हमारी छोटी कंपनी है वो भी बड़ी हो रही है नहीं उन्होंने ज्यादा मुनाफा में ग्रोथ दिया है प्रॉफिट ग्रोथ उनका ज्यादा रहा है ओके तो ये जो बाजार में हो रहा है बेवकूफी का काम नहीं है बाजार को दिख रहा है यहां पैसा बन और ऐसा ही होता है जब ग्रोथ साइकल आता है जैसे अंग्रेजी में मैं कहूं जब टाइड आती है वन द टाइड कम्स द स्मले स्मले बोट्स लिफ्ट द मोस्ट बड़ी शिप्स नहीं उठती है साइड से तो यह एक ग्रोथ साइकल में हमेशा छोटी और मीडियम साइज कंपनीज का परफॉर्मेंस ज्यादा अच्छा होता है ओके ये एक पहली बात दूसरी बात जो पहले मैंने कही पीएसयू के बारे में वो भी यहां पे लागू होती है भाव से आपको देखना है अब कोई कंपनी के शेयर 100 टाइम अर्निंग्स प है तो थोड़ा समझ के करना चाहिए ऐसा मैं नहीं बोल रहा हूं 100 टाइम मल्टीपल गलत है या सही है लेकिन सोच समझ के करना चाहिए मैं तो यह भी बोलूंगा कि हाथ प अगर है तो भी सही है ऐसा नहीं है मल्टीपल के कम होने या ज्यादा होने से भाव गलत या सही नहीं होता है वो आपको समझना पड़ेगा फंडामेंटल्स आंख बंद करके इंडिविजुअल स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना खतरनाक है और इसीलिए इसमें म्यूचुअल फंड्स आपको सपोर्ट देते क्योंकि म्यूचुअल फंड लोग काम करते हैं और उस हिसाब हां तो उस हिसाब से वो खरीदते हैं तो आपको थोड़ा सा कंफर्ट आएगा उसमें लेकिन अगर आप इंडिविजुअल शहरों में काम कर रहे हैं तो यह समझना जरूरी कि अगले 5 साल का जो ग्रोथ आ रहा है व भाव में ऑलरेडी है आ चुका है तो फिर आप पैसा नहीं बनाओगे और वही बात है आईटी सर्विसेस 2000 के साल में अभी तक वहां पहुंचे नहीं है लेकिन अगर आपको याद होगा कि 2018 जनवरी में स्मल और मिड कप्स स्टॉक्स बड़ी तेजी में थे और वहां से क्योंकि वह वैल्युएशन महंगे थे दो साल तक किसी ने कुछ पैसा नहीं बनाया क्या अभी वो सिचुएशन आ गई है यहां स्मल कप में अभी भी बाकी है अगर आप मुझे पूछे अगले छ महीने का अगर मैं व्यू दूं तो मुझे लग रहा है कि बड़ी कंपनियां आउट परफॉर्म करेगी बड़ी कंपनिया आउट लार्ज के थोड़े से छ महीने के व्यू पा साल का व्यू अगर पकड़े तो छोटी बड़ी छोटी और बो 10 साल मिड स्मल और मिडकैप में ही ज्यादा पैसा है पा साल की व्यू में लेकिन अगले छ महीने में ऐसा हो सकता है कि कोई खराब न्यूज आ जाए और उसमें स्मॉल और मिड कैप ज्यादा करेक्ट होंगे और लार्ज कैप नहीं करेक्ट हो और वो आपको फिर मौका मिल जाएगा ठीक बात है क्योंकि आप क रहे अगर 10 साल की तेजी है तो नेचुरली ये जो मिड और स्मल कंपनिया यही बड़ी बनेगी आगे फ्यूचर में एक और इंटरेस्टिंग चीजें बड़ी इवेंट है भी सामने जो सरकार बनने के तुरंत बाद बजट आने वाला है और इस बार लोग बड़े उत्साह से बजट देखना चाहते हैं कि भाई पहली बार सरकार थोड़ी बिना बहुमत वाली आई अपने दम पर बीजेपी 240 आई है तो तो क्या वाकई में कुछ एडजस्टमेंट वाला बजट होगा पुलिस बजट होगा बिल्कुल नहीं आप जैसे मैंने बोल दिया पहले कि प्राइम मिनिस्टर मोदी मैक्रो स्थिरता पे बिल्कुल उनका ध्यान अब बजट बजट की बात छोड़ो हम सरकार के बनने के बाद कैबिनेट बनने के बाद दो बड़े महत्त्वपूर्ण डिसीजन लिए सरकार ने पहली बात पहले ही दिन लिया था कि रूरल क्षेत्र में घर बनाएंगे हम दो करोड़ की जगह 3 करोड़ उन्होंने ये नहीं बोला कि हम अब आपको ज्यादा पैसा दे रहे हैं ओके अभी दो दिन पहले उन्होंने खरीफ क्रॉप के भाव दाम अनाउंस किया उसमें 5 प्र बढ़ोतरी दिया है कुछ भी इंफ्लेशन से दूर नहीं किया उन्होंने ऐसा नहीं बोला अब हम चावल में 10 प्र का तो इससे आपको एक बहुत क्लियर समाचार मिल रहे हैं कि मैक्रो स्थिरता पर फोकस है तो बजट में कोई फिस्कल कंसोलिडेशन पे मुझे नहीं लगता है हटने वाले हैं निर् जी वहीं पे रहेंगे 5 प्र 5.1 पर का फिस्कल डेफिसिट था फेवरी के इंटरम में अब वो फाइव हो सकता है 5.1 भी हो सकता है उनके पास 30 बेसिस पॉइंट्स की रूम आ गई है आरबीआई की डिविडेंड के कारण ओ तो उनके पास वो थोड़ा सा थोड़ी सी जगह है 10 122 बिलियन डॉलर की जगह है वो थोड़ा सा उसमें से थोड़ा फिस्कल कंसोलिडेशन करेंगे और उसमें से थोड़ा खर्चा कर देंगे अगर टैक्स काटना है तो टैक्स काट सकते हैं अगर उनको और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर या और थोड़ा थ रेलवेज में खर्चा करना है तो वहां करेंगे तो वो थोड़ा सा अंतर है इंटरम और फाइनल बजट में अंतर इतना ही है और ऑफकोर्स ये जो पा साल का उनका जो व्यू है वो आ सकता है क्योंकि वो वो रोड मैप आ सकता है तो एक रोड मैप आएगा और ये जो उनके पास 10 12 बिलियन डॉलर की जो डिविडेंड का चेक आया उसको क्या करते हैं वो देखना है हमें और इकोनॉमी का रोड मैप आपको क्या दिखता है आपको अगले तीन साल पा साल के लिए कैसे दिखती है इमी किस तरह की ग्रोथ आप भार मेरा ये मानना है अनिल जी कि हम लोग ने जो गरीबी पे काम किया है पिछले सात आ सालों से वो बरकरार रहेगा गरीबी कैसे हटती है गरीबी हटती है जीडीपी की ग्रोथ की बढ़ने से हम ओके आज हमारा जीडीपी ग्रोथ करीबन 65 7 प्र की ट्रेंड लाइन पे चल रहा है हम मेरा यह मानना है कि ये अगले 5 साल में सात या साढ़े की रेंज में आ सकता है हम ओ क्यों नहीं आया है क्योंकि सरकार को हमेशा यह चिंता रहती है कि अगर ग्रोथ ज्यादा बढ़ गया तो महंगाई का दर बढ़ जाएगा और महंगाई के दर के बढ़ने से नुकसान सिर्फ गरीबों का होता है हमारा नहीं होता है करेक्ट तो इसीलिए उन ये एक बहुत फाइन बैलेंस है आई डोंट नो आप हिंदी में क्या बोलोगे फाइन बैलेंस है ग्रोथ और महंगाई ग्रोथ और म दोनों में संतुलन बनाना है संतुलन बनाना है तो तो हो सकता है कि हम अब अब अब इसमें ना हमारी क्या मजबूरियां है मजबूरिया ये है कि दो मजबूरियां है और ये रिस्क फैक्टर्स भी है हमारे एक तो जो दुनिया की हालत है वो अच्छी नहीं है हम पिछले 15 सालों में इतना कर्जा बढ़ गया है दुनिया भर में और पॉपुलेशन की एजिंग हो गई है ओके तो दोनों को लेके जो आप ग्लोबल डिमांड देखो वो कम है जब चाइना ग्रो हो रहा था जब चाइना बढ़ रहा था ना तोत ग्लोबल डिमांड काफी स्ट्रांग थी हम तो ग्लोबल ग्रोथ एवरेज 4 प्र के ऊपर था अब तीन की मुश्किल मुश्किल है यहां पे तो यह एक प्रॉब्लम है इंडिया के लिए क्योंकि भारत क्या कर रहा है भारत अब बाहर जा रहा है हमारा ग्लोबल एक्सपोर्ट्स में रेट बढ़ रहा है तो बाहर की जो जो सिचुएशन है वह हम हमें हमारे लिए अब ज्यादा महत्त्वपूर्ण है तो पहली बात यह है दूसरी बात कि हमारे यहां सप्लाई साइड कंस्ट्रेंट भी है हम ओके जैसे आप देखो जुडिशरी में अब हमारे पास कांट्रैक्ट लॉ है लेकिन अगर आपका कोई कांट्रैक्ट डिस्प्यूट हो गया और आप कोर्ट में गए ओ हो तो उसको तय करनाय ल तो ये एक फिर हमारे यहां आप देखो कि एजुकेशन में कंस्ट्रेंट है थोड़ा सा स्किलिंग में तो यहां इन इन क्षेत्रों में मुझे लग रहा है सरकार काम करेगी जैसे सप्लाई बढ़ेगा ग्रोथ बढ़ेगा तो ये दोनों साथ-साथ चलेंगे ठीक बात है एक इंटरेस्टिंग चीज आपने कही मैं ग्लोबल मार्केट्स पे एक आपसे राय लेना चाहता हूं अमेरिका भी लाइफ हाइ परर कर रहा है लगातार मतलब मतलब वहां तो समझ नहीं आता हमें हम यहां ले कर ये हो क्या रहा है अमेरिका में तो अमेरिका के मार्केट को लेकर दुनिया भर के बाजारों को लेकर आपका क्या आउटलुक है उसका क्या असर हमारे यहां पड़ेगा आउटलुक मेरी एक्सपर्टाइज्ड तो उसके कारण जो ये टेक्निकल वर्ड है बेटा जो है इंडिया का वो एक जमाने में 1.3 हुआ करता था इमर्जिंग मार्केट की तुलना में तो इमर्जिंग मार्केट अगर 10 प्र बढ़े तो हम 13 जाते थे ओके और अगर वो गिरे तो हम बहुत ज्यादा गिर जाते थे अब वो जाके 0.3 हो गया है ओके तो हम बड़े डिफेंसिव मार्केट हो गए हैं ठीक है तो हमें जो भर हो रहा है उसका उसका असर कम पड़ रहा है तो ये पहली बात है दूसरी बात यह है कि हम अब दुनिया के पांचवें सबसे बड़े बाजार में हो गए हैं ओके और सबसे बड़े बाजार में अगर कुछ उतार चराव आ गए तो उसका असर तो पड़ेगा ही पड़ेगा तो अगर कल उठके एसपीएक्स 10 प्र कोई कारण वर्ष गिर गया तो यह नामुमकिन है कि निफ्टी बढ़े गिरेगा कम गिरेगा 12 नहीं होगा 10 साल पहले वो अगर 10 गिरता था तो निफ 15 गिरते थे अब पांच गिरेगा और जो मैंने पहले बात की करे आ सकता है तो एक कारण ये हो सकता है बाहर के मार्केट बाहर के मार्केट में अब चाइना में आप देख लो ना स्थिति अच्छी नहीं है चाइना चाइना में बहुत सारा कर्ज है और उनकी जो उनकी जो जनसंख्या है वो गिर रही है पॉपुलेशन गिर रहा है तो उनको बहुत तकलीफ हो रही है ग्रोथ के लिए तो उसका भी असर भारत पर आ सकता तो ज्यादातर रिस्क भारतीय बादन के लिए जो है वो बाहर की ज्यादा है अंदर की कम है एकदम सही एकदम सही है अच्छा ये अभिमन्यु 2020 के बाद जो हमारे मार्केट में आए सारे के सारे नए इन्वेस्टर्स इन्होंने अभी तक कोई ढंग ढंग की मंदी देखी नहीं है श्वर ना करे कि देखनी पड़े लेकिन उसके लिए क्या तैयारी रखनी चाहिए पहले और आ आए तो वस के स में कितना खराब हो सकते हैं क्या रिस्क हो सकती है इंडियन मार्केट्स के लिए क्योंकि अभी तक हम सारी अच्छी-अच्छी बातें कर रहे हैं तो थोड़ा वो भी नए इन्वेस्ट तो एक तो है कि अमेरिका के मार्केट्स गिर गए ओके अमेरिका के मार्केट्स खास तरीके से तो एआई के ऊपर चल रहे हैं ठीक है तो बड़े कंसंट्रेटेड है ब्रॉड बेस्ड नहीं है बुल मार्केट अपनी तरह नहीं है हमारे यहां ब्रॉड बेस्ड है हमारे यहां हमारे यहां तो लार्ज कंपनी कम परफॉर्मेंस दे रही है हा उल्टा है तो यह बड़ा दिस इंपोर्टेंट पॉइंट है य तो अगर वहां करेक्शन आ गया तो इंडिया पर असर हो सकता है दूसरा की कुछ कारण वर्ष गलत पॉलिसी हो गई ओके तो उसका असर आ सकता है मैं मैं ऐसा सोच हूं कि मैक्रो स्टेबिलिटी पर अगर ध्यान हट गया कोई कारण वर्ष तो उसके कारण हमें चिंता होनी चाहिए उसके अलावा ज्यादा रिस्क नहीं है बाजार में रिस्क ये है कि भाव ज्यादा बढ़ जाते हैं तो करेक्ट हो वो तो ठीक बात है और पिछले चार सालों में काफी बार निफ्टी 5 10 प्र करेक्ट हु आया भी है और इस सब अभिमन्यु को समझ लेना चाहिए कि होगा ही यही बाजार का यही है एक बड़ा ट्रैक रिकॉर्ड कि जिस दिन आप आते हो ना उसी दिन भाव बन जाता है और फिर उसके बाद नीचे आता है इजार बट जब नीचे आता है तो थोड़ा सा आपके आपके जेब में थोड़ा सा एम्युनिशन हमेशा रखना थोड़ा पैसे होना चाहिए हमेशा कभी भी फुल्ली इन्वेस्टेड नहीं होना चाहिए क्योंकि वो करेक्शन में नहीं तो आप पार्टिसिपेट नहीं कर पाओगे इस अबकी बार यही हुआ कि गिरता है लेकिन बढ़ इतना जल्दी जाता है ना टाइम वाइज करेक्शन तो होता ही नहीं कि बहुत दिनों तक ना बढ़े कि फ्रस्ट्रेशन आ जाए तो इसलिए लोग थोड़े कॉन्फिडेंट ज्यादा है एक सवाल और मेरा ये आखरी कॉन्फिडेंस एक बहुत बहुत खतरनाक चीज है क्योंकि वो कब ओवर कॉन्फिडेंस बन जाए ना हमें पता नहीं चलता है तो बहुत ध्यान रखना चाहिए कॉन्फिडेंस के बारे में पोरली इन्वेस्टर्स के लिए मम सर क्या यह सोचना रीजनेबल है कि अगले तीन साल में बाजार दुगना हो सकता है य साल में मुश्किल या पा साल में हो सकता है पा साल में हो साल में तो जी हो स तीन साल थोड़ा सा च जी बाजार मैंने जैसे कहा था पहले कि सीधी रेखा में चलती नहीं है ये चीज ओके तो वो तो अगर मतलब बॉटम से साल में अगर डबल हो गई डबल हो गई तो उसके बाद करेक्शन भी अच्छा खासा हो जाएगा अच्छा वो बात समझ लेनी चाहिए अगर तीन साल में डबल हो गई तो करेक्शन भी अच्छा आ जाएगा और ऐसा होगा कि उसमें मैक्रो में और अर्निंग सब ठीक ठाक होंगी लेकिन बाजार के भाव इतने अगर चढ़ गए तो फिर उसके बाद आपको तैयार रखनी पड़ेगी कि लंबा करेक्शन आ बुल केस सिनेरियो में आपका सक्स का टारगेट 92000 का है 92000 ये तो अगले 12 महीने अगले 12 महीने का न साल में तो खैर कहानी बढ़िया बन सकती है लेकिन हां लेकिन अभी जो पिछले तीन चार सालों में इवे है बेचने का कोई सिग्नल नहीं आया कि आप छोड़ के भाग जाओ नहीं अभी तक नहीं आया ऐसा कुछ नहीं है है मैं हर महीने इस पे ध्यान देता हूं कि बेचने का सिग्नल आ जाए कोई लेकिन नहीं आया है ब बुल मार्केट का ओके ये आपने बात छेड़ी है तो मैं इस पे बात कर लूं जी बुल मार्केट का पीक छह जगहो से आता है ओके पांच या छ जगहो से एक होता है क्रेडिट एक्सेस ओके ये सब मैं अंग्रेजी आप अनुवाद करते जाइए बुल ठीक बात है क्रेडिट एक्सेस मतलब बड़ी मा वो अभी तक हुआ नहीं है ओके दूसरा होता है मार्केट में लेवरेज हा यानी कि अनाप शनाप आपने एफएन में पोजीशन बना रखी उधार लेके पैसा ले तो वो अभी तक हुआ नहीं है फिर फिर होता है मुनाफे में एक पीक हा मेरे हिसाब से अर्निंग्स का साइकल मल अर्निंग साइकल अभी तक पीक नहीं हु हम करीबन आधे अ आधे लेवल पे पहुंचे हैं और यहां से दुगना हो जाएगा अ तो तीसरा होता है ये चौथा होता है वैल्युएशंस तो अब निफ्टी निफ्टी 20 22 मल्टीपल पे है लेकिन पिछले बुल मार्केट में 32 तक गया था गया था ठीक बात है समय है और पांचवा होता है सेंटीमेंट जिसे हम कहते हैं ओके तो वो सेंटीमेंट थोड़ा मुश्किल है बट मैं आंख लेता हूं वॉल्यूम्स देखते हैं हम हम एप्लाइड वोलेट देखते हैं हम फ्लोज देखते हैं ये सब मिला के सेंटीमेंट उतना भी ओवर बुलिश नहीं है नहीं है मतलब वो एक्सट्रीम लेवल पे नहीं है जो मैंने 2000 की साल में देखा था 2008 जनवरी में देखा था लोगों ने गले गले तक नाक तक भर 1992 में देखा था वो हुआ नहीं अभी ये तीन थे मेरे 30 साल की बाजार की एक्सपीरियंस में ये तीन ये तीन बड़े सेंटीमेंट के पीक्स थे वहां पे हम नहीं पहुंचे अभी बहुत दूर है छोटे पीक हो सकते हैं छोटी पीक में छोटे करेक्शन आते हैं ठीक बात है तोय ये कुछ कुछ कुछ ऐसे हैं जो कारण जिनकी वजह से आपको लग सकता है बाजार पीक बना लेकिन अभी पिक्चर बहुत बाकी है मेरे दोस्त राइट रिदम सर बहुत-बहुत धन्यवाद आपका और बात करते करते हमारा समय भी काफी बढ़ गया लेकिन आप आए स्टूडियो में आपने हमारे दर्शकों को पूरा डायरेक्शन दिया है आई एम श्यर जो हमारे रिटेल इन्वेस्टर्स हैं पिछले तीन चार पांच सालों में आए उनके लिए ये इंटरव्यू बहुत डायरेक्शनल होगा काम होगा समझने वाला होगा कि एफ आई और एफ आई को गाइड करने वाले हमारे दिग्गज फंड मैनेजर्स और मॉर्गन स् के चीफ इंडिया स्ट्र किस तरह से बाजार के बारे में सोचते हैं और देखते हैं बहुत-बहुत धन्यवाद थैंक यू सो मच सर थैंक्स फॉर कमिंग तो इस खास शो में इतना ही मुझे दीजिए इजाजत बने रहिए हमारे साथ जी बिजनेस पर नमस्कार [संगीत]