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पूजा खेड़कर का कानूनी संघर्ष

बात कोड की है तो चलते हैं दिल्ली के राउज एवेन्यू कोड जहां आज सुनी जा रही थी पूर्व आयेस अधिकारी पूजा खेड़कर की अग्रिम जमानत याचिका पूर्व आयेस क्यों क्योंकि आज संगलोग सेवायोग यानि UPSC ने एक आदेश जारी किया और पूजा खेड़कर का चेन रद्द कर दिया पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटकर पूजा खेटक केस तभी बनता जब UPSC मुझे इस बात का दोशी साबिद कर दे कि मैंने अपनी पहचान छिपा करते हैं संक्या से अधिक बार सिविल सेवा का इम्तियान दिया। मेरे खिलाफ युद्ध क्यों लडा जा रहा है बस इसलिए क्योंकि मैं एक महिला हूँ क्यों��ि मैं विकलांग हूँ। आज हमें नोटिस मिला अगले दिन मुकदमा दर्ज हुआ प्रशासन मुकदमा दर्ज करने में तेजी क्यों दिखा रहा है मुझे अपना केस डिफेंड की दलीलें मानी जाती हैं अब बारी थी अदालत के सवालों की एडिशनल सेशन जज डी के जांगला ने पूछा यूपीसी क्या कर रहा था ये तो असंबव लग रहा है सबको पता है प्लिम्स दिये बगएर आप में इस परिक्षा में नहीं अपियर हो सकते हैं क्या यू� लेकिन चार्ड़ शीट तब तक दायर नहीं की जा सकती जब तक यूपीससी उन्हें दोशी न माल ले ये भी पूछा गया कि पहले पूजा ने कहा कि वो आखों की विगलांगता सिगरस्थ हैं होगा अब कोट में जवाब देने की बारी थी यूपीससी की और क्या दलीलन दी गई पूजा खेटकर ने इम्तिहान में बैठने के लिए तत्य छुपाए अगर उन्हें तत्य सामने रखे होते हैं तो उन्हें परिक्षा में बैठने की जाज़त नहीं मिलती जब भी उन्हे सभी के सामने तत्प छिपाए गए तो फिर कानून तोड़ सकती हैं उनसे और जानकारियां मिल सकती हैं इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताज करनी चाहिए हम इनके medical certificate और इनके OBC कोटा प्रमाण पत्र की भी जाच करेंगे इन दलीलों के बाद कोड़ ने अपना फै साब बताये गया कि ये उनका आखरी मौका है लेकिन पूजा खेटकर ने समय पर जवाब दाखिल नहीं किया UPSC ने उनके सारे दस्तावेजों की परताल की और पाया कि उन्होंने साल 2022 की सिवल सेवा परिक्षा के नियम तोड़े इसके साथ ही UPSC ने साल 2009 से 2023 की बीच चेहनित 15,000 चात्रों के दस्तावेज चेक किये इन में कोई गरबड़ी नहीं मिली इसके साथ UPSC ने अभ्यार्तियों के प्रमार पत्रों पर भी टिपणी की और कहा जहां तक जाती और विकलांगता प्रमार पत्र की बात है तो UPSC ये साफ करना चाहता है कि वो इस बात की जाच करता है कि उन प्रमार पत्रों को सही अधिकारी द्वारा जाच किया गया या न तो इसे सही मान लिया जाता है UPSC को ऐसा कोई आदेश नहीं कि हर साल आने वाले हजारों प्रमार्ग पत्रों की सचाई स्वयम जाचे हाला कि अब अधिकारियों दोरा प्रमार्ग पत्रों की जाच और निरिक्षन किया जा रहा है ये था UPSC का वर्�