कोपेन गण वर्गीकरण की जानकारी

Aug 9, 2024

नोट्स: कोपेन गण वर्गीकरण

परिचय

  • वक्ता: देवांशी शवस्ती
  • विषय: कोपेन गण वर्गीकरण
  • महत्व: परीक्षा में हमेशा प्रश्न आते हैं, विशेष रूप से भारतीय भूगोल में।

कोपेन गण वर्गीकरण

  • नौ प्रकार का वर्गीकरण:
    1. A - पोलर क्षेत्र
      • स्थान: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश
      • तापमान: 0° से 10° सेल्सियस
    2. E - टुंड्रा क्षेत्र
      • स्थान: उत्तराखंड
      • तापमान: 0° से 10° सेल्सियस
    3. Dfc - डफला क्षेत्र
      • स्थान: अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, असम
      • विशेषता: ठंडा, शीतकाल में बर्फबारी
    4. C - मानसून क्षेत्र (सीडी)
      • स्थान: दिल्ली, राजस्थान, पूर्वी राजस्थान, बिहार, वेस्ट बंगाल, असम, मध्य प्रदेश
      • विशेषता: मानसून के दौरान बारिश
    5. Bsh - गर्म मरुस्थलीय क्षेत्र
      • स्थान: पश्चिमी राजस्थान
      • विशेषता: गर्म गर्मी
    6. Bshw - अर्ध-शुष्क क्षेत्र
      • स्थान: हरियाणा, गुजरात, राजस्थान का कुछ हिस्सा
      • विशेषता: बहुत कम वर्षा
    7. A - ट्रॉपिकल सवाना
      • स्थान: पश्चिम बंगाल, पेनिनसुलर भारत
      • विशेषता: घास के मैदान
    8. S - कोरोमंडल क्षेत्र
      • स्थान: आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु
      • विशेषता: मानसून के दौरान बारिश
    9. Amw - मालाबार क्षेत्र
      • स्थान: केरल, मुंबई के दक्षिण
      • विशेषता: मानसून प्रकार

परीक्षा के प्रश्न

  • उदाहरण प्रश्न:
    1. उत्तराखंड का क्लाइमेट किस वर्गीकरण में आता है? (उत्तर: E - टुंड्रा क्षेत्र)
    2. बिहार का जलवायु किस वर्गीकरण से संबंधित है? (उत्तर: C - मानसून क्षेत्र)

निष्कर्ष

  • कोपेन गण वर्गीकरण महत्वपूर्ण है और इसे याद करना आवश्यक है।
  • प्रस्तुत उपदेश में सरल तरीके से जानकारी दी गई है।
  • प्रश्नों की तैयारी के लिए ट्रिक्स और शॉर्टफॉर्म्स का उपयोग करें।

संपर्क जानकारी

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