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वर्चुअल मेमोरी पर व्याख्यान
Jul 4, 2024
वर्चुअल मेमोरी पर व्याख्यान
परिचय
वर्चुअल मेमोरी:
कंप्यूटर प्रणाली की एक प्रौद्योगिकी जो मेमोरी प्रबंधन में सहायक होती है।
वर्चुअल मेमोरी का महत्त्व
वर्चुअल मेमोरी कंप्यूटर संगठन विषय का मुख्य भाग है।
यह मेमोरी हाइरार्की की समझ को महत्वपूर्ण बनाती है।
वर्चुअल मेमोरी क्या है?
मेमोरी प्रबंधन की एक तकनीक जो सेकेंडरी मेमोरी (जैसे कि डिस्क स्टोरेज) का उपयोग करती है।
इसे सीधे प्रोसेसर के साथ संचालित नहीं किया जा सकता।
मेमोरी प्रकार
प्राथमिक मेमोरी:
RAM
सीमित क्षमता (उदा. 4GB, 16GB)
सेकेंडरी मेमोरी:
डिस्क स्टोरेज (जैसे कि हार्ड ड्राइव)
बड़ी क्षमता (उदा. 1TB)
वर्चुअल मेमोरी का कार्य
वर्चुअल मेमोरी सेकेंडरी स्टोरेज का उपयोग करती है ताकि प्राथमिक मेमोरी की सीमाओं को विस्तार दिया जा सके।
जब प्रोसेसर डेटा मांगता है, तो डेटा सेकेंडरी मेमोरी से प्राथमिक मेमोरी में लाया जाता है।
मेमोरी मैनेजमेंट यूनिट (MMU)
वर्चुअल मेमोरी के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक एक मुख्य घटक।
MMU का कार्य वर्चुअल एड्रेस को फिजिकल एड्रेस में बदलना है।
वर्चुअल मेमोरी के लाभ
डेटा ट्रांसफर की गति को बढ़ाना।
प्रोसेसर और स्टोरेज डिवाइस के बीच बेहतर संचार।
सूचना संपीड़न की गुणवत्ता में सुधार।
अधिक संख्या में प्रोग्राम्स के लिए अपर्याप्त मेमोरी समस्याओं का समाधान।
निष्कर्ष
वर्चुअल मेमोरी कंप्यूटर की कुल प्रदर्शन क्षमता को बढ़ाती है।
यह एक आवश्यक प्रौद्योगिकी है जो बड़ी और जटिल कंप्यूटेशनल समस्याओं के समाधान में सहायता करती है।
कार्रवाई योग्य सुझाव
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