रिदीमा का केस
मुख्य पात्र
- रिदीमा: कंपनी की MD
- विक्रम: असिस्टेंट, जो मर चुका है
- बंटी: एक बच्चा, जो लिफ्ट में फंसा है
- निशान: विक्रम का असिस्टेंट
- अलका: विक्रम की पत्नी
- सूजी: सेल्सवुमन
- अशोक: रिदीमा के साथ काम करने वाला
घटना का सारांश
- रिदीमा को CID से मिलने के लिए बुलाया गया।
- विक्रम ने रिदीमा को मारने की धमकी दी थी, लेकिन विक्रम खुद मर चुका है।
- बंटी लिफ्ट में फंसा हुआ था, उसके साथ एक घायल आदमी था जिसके पास एक गन थी।
- बंटी ने CID को सूचित किया कि उसे और अंकल को बचाने की जरूरत है।
अपराध की साजिश
- विक्रम के पास एक ऐसा सॉफ्टवेयर था जो मोबाइल से सिग्नल कैच कर सकता था।
- सूजी और अलका ने रिदीमा और अशोक को मारने की योजना बनाई थी।
- उन्होंने विक्रम की मदद से बम लगाने की योजना बनाई।
- अलका और सूजी ने विक्रम को मारने का निश्चय किया।
घटनाएँ
- रिदीमा को विक्रम द्वारा 9 बजे मारने की धमकी दी गई थी।
- विक्रम को खुद की ही गन से गोली मारने का संदेह था।
- विक्रम ने रिदीमा की हत्या की योजना बनाई थी, लेकिन वह खुद मर गया।
- बंटी ने सीधा संवाद किया और बचाने का प्रयास किया।
निष्कर्ष
- सूजी और अलका ने मिलकर एक भयानक साजिश की थी।
- विक्रम को उनकी योजनाओं के बारे में पता था, जिसके कारण उसे मारा गया।
- बंटी के द्वारा दी गई सूचना ने अशोक को बचाया।
- रिदीमा और अशोक की जान को खतरा था।
अपराधियों का पकड़ना
- सूजी ने रिदीमा का फोन बदलकर बम वाले फोन के साथ रखा।
- अशोक के लैंडलाइन में बम लगाया गया।
- अलका ने अपने पति अशोक को मारने की कोशिश की।
- सूजी ने विक्रम और निशान को मारने की योजना बनायी।
विशेष बातें
- विक्रम की गन पर उसके उंगलियों के निशान मिले, यह साबित करता है कि वह खुद को नहीं मारा।
- CID ने मामले की तहकीकात की और सभी सबूत इकट्ठा किए।
अंतिम निर्णय
- अलका और सूजी को दोषी ठहराया गया।
- उन्हें फांसी की सजा दी जाएगी।
यह केस वास्तविक घटनाओं पर आधारित है और यह एक कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया है।