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इंडियन हिस्ट्री लेक्चर: एंग्लो-मराठा वॉर्स

कि कविता दोस्तों पांचवा इंटर आप सभी का स्वागत है मेरा नाम है टो महिपाल सिंह राठौर आज इस वीडियो में मॉडल इंडियन हिस्ट्री लेक्चर सीरीज वह कंटिन्यू रखेंगे और एंग्लो-मराठा व्हाट्सएप को डिस्कस करेंगे पिछले जब मैं बैंगलोर मैसूर बॉस को डिस्कस किया था एवं आपको इन लड़ाइयों के कौन-कौन से ईयर्स थे क्या त्रुटि हुई थी वह सब कुछ यादों का यहां पर भी आज बहुत सारी ब्रिटिश आने वाली है तो घबराइए नहीं आपको मैं बताऊंगा कि आपको क्या याद रखना है एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू से इंपोर्टेंट और बाकी मैं आपको एक कहानी के रूप में सब कुछ बताऊंगा तो आपको याद होता जाएगा कुछ दिन पहले मैं आपको से वादा किया था कि मैं फ्री टेस्ट सीरीज लांच करूंगा पाथ फाइंडर के स्टूडेंट्स के लिए तो वह टेस्ट सीरीज पूरी तरह से तैयार है तीस मार्च को इसका पहला टेस्ट शुरू हो जाएगा तो अभी एक्सेप्शनल टेस्ट के रूप में आप यह मॉक टेस्ट को दे सकते हैं और याद रख यह इनिशिएटिव कंपलीटली फ्री है आपको इसका कोई पैसा नहीं देना है अगर आपको इस टेस्ट सीरीज को ज्वाइन करना है तो नीचे पिंड कमेंट में जो लिंक दिया गया है उस पर क्लिक कीजिए सीधे आप 5 मिनट ऐसी इस के पेज पर पहुंच जाएंगे तो यह अभी हमने 16 टेस्ट डिजाइन किए हैं इस महीने के लिए रिमोट के महीने के लिए प्रोटेस्ट शुरू हो रहे हैं 13 तारीख कि टीके 13 रिक्वेस्ट हो जाएगा आपको क्या करना है यहां पर जाकर इन एक टेस्ट को देना है और इसमें जो अच्छे स्कोर अच्छा सपोर्ट करेगा उसके लिए छोटा सरप्राइज़ भी रखूंगा मैं तो अभी के लिए तो यह प्लैन है कि हम सेक्शनल टेस्ट रखेंगे तो हिस्ट्री आर्ट एंड कल्चर का टैटू का पंद्रह मार्च को उसके बाद 16 मार्च को होगा साइंस एंड टैगोर इंटरनेशनल रिलेशंस फिर उसके बाद शुक्रवार को ज्योग्राफी फॉर एनवायरमेंट इकोलॉजी का क्वालिटी का और कमेंट का टेस्ट नंबर फाइव है 18 मार्च को तो इस तरह से हफ्ते में छह दिन आपको सेक्शन वाइज सब्जेक्ट वाइज टेस्ट यहां पर और देखने को मिलेंगे और मार्च के एंड तक पूरा प्लान है शरीर का वह आपको यहां पर मिल जाएगा तो इसमें एनरोल करने के लिए आपको यह लाल बटन पर क्लिक करना है और इससे आप यह थे three-member हो जाएंगे और इंटरेस्ट को लगातार देखते रहिए प्रिलिम्स के लिए आप की तैयारी इससे काफी अच्छी होगी अगर आप यूपीएससी एक्जाम की तैयारी करना चाहते हैं एनिकट में प्लेटफार्म पर तो यहां पर भारत के बेस्ट एजूकेटर्स दिल्ली लाइव क्लास लेते हैं दौरान मनी फ्री क्लासेस अवेलेबल लेकिन एक पैड सब्सक्रिप्शन में आपको स्ट्रक्चर्ड मैनर में कोर्स देखने को मिलेगा कंप्लीट करने को मिलेगा इन कोर्सेस को तो तरीके से सुसाइड कर सकते हैं ठीक है प्लस को सोने के सिक्कों रिक्वेस्ट्स प्लस कोस मैं आपको मिलेंगे clash और यहां पर यह प्राइस आपको पैर नहीं करने हैं यूजर कोड महिपाल एंड यू कैन गेट डिस्काउंट टॉप टेन परसेंट प्लाट टेंपल्स एंड आपको इस पॉइंट जाएगा आइकॉन रिक्वेस्ट मैं आपको एक परसेंट आईएस मेंट टो मिलेगा जो आपकी day-to-day डौ करेंगे आपके जिस मीडिया आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करेंगे और यहां पर आपको एक ऑप्शन के लिए यज्ञ प्राइस पर नहीं करनी है आपको कोड यूज करना है महिपाल और इन प्रोसेस को पे करना है अगर आप इनको सबको लेते हैं इंफेक्शंस को साथ में पर्चेस करेंगे तो प्राइस का पूजा को बेनिफिट का ऑप्शन की तैयारी कि आप इस प्लेटफार्म के माध्यम से कर सकते हैं और बैंक रेलवे एसएससी स्टेट पीछे जैसे एग्जाम सभी के लिए अनअकैडमी प्लेटफार्म पर प्रोसेस उपलब्ध है डू नॉट पर 10 प्राइस यूजर कोड महिपाल एंड कैन परसेंट डिस्काउंट और यह प्राइस आपको पे करनी पड़ेगी ए हवा हमारे टॉपिक पर तो 1761 में थर्ड बैटल आफ पानीपत के बाद मराठा पावर उत्तर भारत में काफी कमज़ोर पड़ गया है इन फैक्ट मराठा कुछ सालों के लिए तो बिल्कुल एक दूसरे में थे यानी कि उनके पास नाम को समझ में आ रहा था क्या छोटी सी लेनी चाहिए किस तरह से नॉर्थ इंडिया पर फिर से कब्जा जमाया जाए लेकिन ऐसा नहीं है कि मराठा पावर खत्म हो गया था यह बैटल आफ कालीकट की तरह है कि विजय नगर पूरा खत्म हो गया दोस्तों गया क्योंकि मराठा करैक्टर कहां था पुणे में पेश वह लाइक करें और यहां पर अच्छा सा इनका पावर पर सेंट्रल इंडिया फिर इनका पूरा रूल था अब्दाली तो लड़ाई लड़कर वापिस चला गया दबा लें यहां पर खुश भी नहीं करके गया था वहीं नॉर्थ इंडिया में व क्यों मना कर चला गया था लेकिन धीरे-धीरे मराठा उसने अपने पॉवर को हैं कि आप 1770 आते-आते 1771 के आसपास होने फिर से नॉर्थ इंडिया में अपने और इस भेजिए रोहिल्ला आपको काफी पनिश किया रोवेला के खिलाफ कैंपेन चलाया दिल्ली मुगल दरबार को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया और मैंने आपको बताया था वह जिंदे जो थे उनके लिए नेतृत्व में यह सब कुछ हो रहा था ठीक है अब इसी बीच में जो पेशवा की कहानी है वह हम यहां पर समझेंगे क्योंकि जो ऐड व राठौर से उसके तु पेशवा का जो अश्लील है वह थोड़ा समझना जरूरी है ओके तो बस इतना याद रखना कि महादजी शिंदे जो ग्वालियर पर रूल करते थे सिंधिया डायनेस्टी उन्होंने नॉर्थ इंडिया में फिर से 1731 में मराठा इसका पावर + दिया था अब जो स्पेशल फैमिली ट्री पर तो लेकर नंबर टू में भी मन आपको यह दिखाया था बालाजी विश्वनाथ बट यह पहले पेशवा थे जो है रिटर्न पेशा बन गए 1713 1719 तक ठीक है इनका बेटा बाजीराव तक फर्स्ट तो बाजीराव के समय में पेशवा पावर बैकेम वेरी इंपॉर्टेंट 17020 से अब मैं 17 सोने लिखना केवल 20 से 40 तक बाजीराव फर्स्ट पर ठीक है उसके बाद उनके बेटे बालाजी बाजीराव इनको नाना साहिब कहा जाता था यह थे 4761 तक तो जब थर्ड बैटल आफ पानीपत होती है उस समय पेशवा बालाजी बाजीराव और नाना साहिब के समय पर पेशवा खूब लड़ाई लड़ने नहीं जाते हैं जिस विक्रम और और एडमिनिस्ट्रेटर एक ही जगह पुणे में बैठे रहते हैं और वहां से रूल देते हैं कि सिंधी स्टाइल हल कर तुम यह लड़ाई लड़ लो तो यह जो मराठा चीज टेंस है या फिर यूं मराठा कॉन्फिडेंस बन चुकी है अब यह मेनली लड़ा के लिए पेशवा तो केवल पुणे में बैठे आदेश देते हैं यह ट्रेंड नाना साहिब के समय से शुरू हुआ बाजीराव बन खुद जाकर लड़ाई लड़ते थे होना बहुत सारी लड़ाइयां लड़ी थी पानीपत की लड़ाई में इस परिवार के कई लोग मारे गए थे सदाशिव राव व लीडर ऑथर मराठा आर्मी इन पानीपत यह लड़ाई में मारे जाते हैं उसके अलावा नाना साहिब के खुद के सबसे बड़े बेटे 18 साल के विश्वास राव जो कि मराठा पेशवा के हेयर है यह गति के वारिस है इनकी है तो जाती है तो यह एक बहुत बड़ा झटका था एंपायर के लिए उधर मस्तानी से जो मस्तानी 22 बाजीराव का जो बेटा था शमशेर बहादुर की वाउचर डाइजेस्ट तो कई बड़े फेमस युद्ध जो है इस परिवार के उनकी डेथ हो जाती है इस कैंपेन में और बालाजी बाजीराव यह नाना साहेब यह खुद पानीपत की जंग के बाद डिप्रेशन में चले जाते हैं इनकी तबीयत खराब हो जाती है और छह महीने बाद इनकी मृत्यु हो जाती है तो अब इस फैमिली ट्री में सबसे इंपोर्टेंट व्यक्ति कौन बचा था रघुनाथ राव रघुनाथराव जो है यह नाना साहब के छोटे भाई थे और पानीपत की लड़ाई के समय उनकी उम्र मामलों प्रॉक्सिमेट ली 30 साल के आसपास थी तो यह जन्मदिवस के पर बलों ने कई आर्मी कैंप पर अड़े थे यार क्वेंटिन 57वें नॉर्थ इंडिया का कैंपेन रघुनाथराव भी लेकर गए थे वह तो पानीपत की लड़ाई अभी इनको प्रिंट करना था लेकिन यह इंटरनल पॉलिटिक्स के कारण यह नहीं गए थे सदाशिव राव भाऊ को भेजा गया है क्यों बाहुबली क्लास टू नानासाहेब कि वह अब हमारे काम का नहीं है अब हमको क्या याद रखना है जो आपको याद रखें कि मुझे तो क्या रखना है क्वेश्चन सांपों शोल्ड हैव बालाजी बाजीराव डे तु ही विश्वास राव डेथ हो चुकी है सदाशिवराव भाऊ डेथ हो चुकी है तो पेशवा कौन बनेगा खिलाफ या तो छोटा भाई बनेगा रघुनाथ राव 30 साल की उम्र है इस परफेक्ट लेकिन भारत में ऐसा नहीं होता है जंगली राजा का बेटा ही राजा बनता है तो यहां पर भी पेशवा का जो यंग बेटा है दूसरा बेटा माधवराव माधवराव पेशवा की गति पर बिठाया गया हालांकि रघुनाथ राव ने काफी प्रॉब्लम करी थी इस समय पर भी क्योंकि यह अपने आपको बहुत योग्य समझते थे और इन्हें बहुत दिक्कत होती थी कि कोई दूसरा इनकी योग्यता को समझ नहीं पाता है ना तो दुनिया उनकी योग्यता को नहीं समझ पा रही थी लेकिन क्या करें माधवराव बन को बिना बनाया गया पेशवा एंड वेरी हम यहां से 2019 ईयर्स ओल्ड तो इनको पता था कि यह तो मैं जवान हूं तो रघुनाथराव प्रेसिडेंट बिठाया था कि आप देख लेना सब आसपास लेकिन जब एक साल के अंदर मैं सिलूंगी बनती नहीं है तो रघुनाथराव और माधव राव आपस में लड़ने लगे थे बाय 1762 इसमें रघुनाथराव जीत गया था रघुनाथ राव ने पेशवा की आर्मी को हराकर और उनको कुछ समय के लिए को नजरबंद कर दिया था और रघुनाथ राव कौन सी आर्मी लेकर लड़ते थे अब आप सोच रहे तो रघुनाथ राव है यह निराली ही कैरेक्टर थे क्योंकि यह खुद पेशवा के छोटे भाई के बहुत फेमस मिल्ट्री लीडर्स हैं तो यह खुद एक अलार्म कमांड किया करते थे जहां मन किया वहां ट्रैक्टर की अपेक्षा ही ज्यादा सुनते उनके नियर यह योगा ट्रेनर कैरेक्टर है तो रघुनाथ राव के साथ लड़ाई हुई माधवराव कि उसके बाद माधौ को चालू के कमजोर पड़ गए लेकिन 1768 आते-आते माधवराव थोड़ी उम्र बढ़ती है और माधव राव ने फाइनली रघुनाथराव को थोड़ा कंट्रोल में का यह लड़ाई हुई थी छोटी सी जिसमें रघुनाथराव हार गए और इनको पैलेस में नजरबंद कर दिया गया जेल में नहीं डाला सकें का है नारा पुराने पेशवा के भाई के तो ऐसे ढाल है तो रघुनाथ राव को शनिवार वाड़ा जो इनका पहले था पुणे में उसमें नजरबंद कर दिया गया तारीख चुपचाप बैठ इधर-उधर नहीं जाओगे शांति से मेरे को राज करने दो तो माधवराव बंदिश व्यंग्य युद्ध गुड एडमिनिस्ट्रेटर काफी कुछ दिनों में इरफान चलाने की कोशिश भी करेगी लेकिन इनकी किस्मत खराब थी कि इनको गया ट्यूबरक्लोसिस तो TV के कारण 1771 आते आते हैं यह तय हो गया था कि अब इनकी तो डेट होनी है जिसका टीबी का इलाज नहीं था तो लगभग डेढ़-दो साल उनकी तबीयत बहुत खराब है फाइनली ही साइड अब ऐसे समय में रघुनाथ राव की फिर से किस्मत चमकी रघुनाथराव सोच रही है मेरे पास सेकंड मौका आया दूसरा मौका है कि आपने फिर से पेशवा बन सकता हूं लेकिन बालाजी बाजीराव का तीसरा बेटा बेटा नारायण राव अभय नारायण राज्य यज्ञ भी 15 16 साल का बहुत यंग यह यूज्ड फॉर सिक्स ईयर्स एज ठीक है 1755 का जन्म हुआ तो कुमरे जी हां 16 साल के आसपास है नारायण राव की फिर से रघुनाथ राम बोलेगा यह क्या बात हो गई फिर से बच्चा बैठे का यदि पर मेरे को बचना चाहिए मैं अभी भी जवान हों 3738 साल का हूं मेरे को बहुत ज्यादा यूज करना है 40 का भी नहीं हुआ अभी तक तो मैं तो 1772 में नारायण राव बनते हैं पेशवा लेकिन इस बार रघुनाथराव चुपचाप नहीं बैठक रघुनाथराव नहीं किया सात आठ महीने के अंदर-अंदर ही एक प्लान रचा एक साजिश रची और शनि उड़ान में खुद के पैलेस में पेशवा पर हमला करवा दिया यह बेचारा 16 17 साल का बच्चा आखिरी करते-करते अपने रुका के कमरे की तरफ वाला कि मुझे कोई मारने आ गया है मेरे ही पैलेस में राहु का बचा लेंगे इतने बड़े गौरी अरे इतने बड़े होता है लेकिन रामू काका के कमरे में ही जब यह पहुंचा तब रघु का कारण इन को मरवा दिया इसी रूम के अंदर नारायण रोक हत्या कर दी गई और तुरंत रघुनाथ राव ने अपने हाथ में लेंगे आप अब ऐसा नहीं है कि रघुनाथ राव पावर में आया तो बाकि सारे जो पेशवा की काउंसिलिंग मिनिस्टर्स वगैरह है वह शांत बैठ गए उनको डोंट तो था ही कि रघुनाथ राव ने हत्या कराई है आरोप लगाया कि कुछ सैनिक हैं कोई गलती सैनिक थे उन पर आरोप लगाया कि वह अपनी साल भी से खुश नहीं थे तो रघुनाथ राव ने कहा कि उन लोगों ने इसकी चपेट में की हत्या कर दी जबकि एक ओपन सीक्रेट था कि रघुनाथ राव के सपोर्ट बना यह नहीं हो सकता है अब क्या है कि यह नारायण राव जो थाना इसका कोई बच्चा नहीं था लेकिन किस्मत से इनकी वाइफ प्रेग्नेंट थी और इन की डेथ के लगभग सात छह महीने बाद इनको एक बेटा हुआ माधवराव द सेकंड तो जब तक यह पुत्र नहीं हुआ था तब तक रघुनाथ राव अपने कैपिटल में अत्यंत निपुण झाल शनिवारवाड़ा पर कब्जा करके बैठे थे हालांकि बहुत सारा रजिस्टेंस मिल रहा था इनको दूसरे मंत्रियों के द्वारा लेकिन फिर भी अपनी सत्ता बंधक बनाकर बचाकर बैठे थे लेकिन जैसे ही माधवराव द सेकंड का जन्म होता है तो इस एक महीने के बच्चे को ही कुछ मिनिस्टर्स पेशवा घोशित कर देते हो रघुनाथराव को बोलते हैं तुमने तो त्यौहारों की तुम्हें तो हम तेल में डालेंगे तो रघुनाथराव क्वालिटी मैथिली पूना छोड़कर भागना पड़ता है अभी तक कि जो यह कहानी है यह आपको याद रहेगी नहीं रहे तो बस इतना याद रख लेना कि फर्स्ट एंग्लो-मराठा वॉर शुरू होने के पीछे बहुत बड़ा कारण यह था कि रघुनाथराव पेशवा बनना चाहता था और उसको मौका नहीं मिल रहा था उसकी योग्यता को कोई पहचान नहीं रहा था और रघुनाथ राव के कारण ही फॉलो राठौर शुरू होता है अब यह सब जो मैं आपको इतनी देर उस फैमिली के साथ समझाया उसे यहां पर सनराइज गए याद रखने की उम्मीद मैं आपसे नहीं करता हूं नहीं आपसे यूपीएससी में एग्जामिनर सकते हैं लेकिन आपको नाम याद होना चाहिए कि जैसे माधवराव फर्स्ट पानीपत की लड़ाई के बाद फाइन पेस्ट बनता है यह बनता है क्योंकि उनके पिताजी की डेथ हो गई थी छह महीने में नारायण राव केवल कुछ महीने के लिए तैयार है बच्चा था इसकी हत्या करवा दी गई किसके द्वारा रघुनाथ राव ने ठीक रघुनाथ राव कि हत्या करवा दी फिर माधवराव सेकंड 40 दिन की उम्र में इस बच्चे को गद्दी पर बिठा दिया गया और ट्वेंटी वन कि इस तक ज़िंदा है उसके बाद ही आगे की कहानी है 95वां सुसाइड कर लिया शनिवार वाडा से कूद गए नहीं चाहिए ठीक है उसके बाद बाजीराव सेकंड इसको सत्ता में पेस्ट बनाया जाता है वह जैकपॉट पेसिफिक कहानी आगे बताऊंगा कि कैसे अब नारायण राव की हत्या और रघुनाथ राव के पावर लेने के तुरंत बाद यानी कि 1773 में क्या होता है एक 12 लोगों की कमजोरी बनती है बार भाई कौन से इसको कहा जाता है इंपोर्टेंट है नाम याद रख लेना इसमें 12 बनती है जिसमें सबसे इंपोर्टेंट है नाना फड़नवीस तो यह सभी जो है यह 12 मंत्री हैं जो रघुनाथ राव को भगा देते हैं पूना से यह बोलता है कि तुमने हत्या करवाई थी नारायण राव की और हम तो तुम्हें स्वीकार नहीं करते हैं हम तो इस बच्चे को मिटायेंगे 40 दिन तक वह बच्चा है माधवराव इन्फेंट इसको हम पेशवाई पेशवाई इसको देंगे और रघुनाथ राव के तेल में डालेंगे तो नाना फड़नवीस का रोल मराठा पॉलिटिक्स में अगले 20 साल के लिए बहुत इंपोर्टेंट है इनके बारे में बेसिक आपको थोड़ा सा बताना चाहिए ना पड़े 2013 आफ्टर थे पेशवा के समय में लेकिन माधवराव सेकंड जब गति पर आते हैं उस समय या अचानक से पावरफुल हो जाते हैं अचानक से तो कैसे होता है नौटंकी देखने के लिए या तो वे क्यों में रघुनाथराव तो बर्बादी पर तुले हुए है परिवार की तो ऐसे में नाना फड़नवीस और यह जो 11 अन्य मंत्री यह पावर अपने हाथ में लेते हैं उस बच्चे को पेशवा की गद्दी पर बिठाया जाता है और एक्चुअली day-to-day मैनेजमेंट यह जो करते हैं तो अगले 20 साल तक विमानों बच्चा है ना 20 साल तक ले तब तक नाना फड़नवीस के साथ ही प्रैक्टिकली सारी मराठा पॉवर है तो पेशवा नाम का है पावर नाना फड़नवीस के नाम पर है देखिए आप कहानी कैसे रिपीट हो रही है जो आप से 70 साल पहले पेश किया था उसे वह उनके साथ और है तो नाना फड़नवीस को मराठा मायके वाले भी कहा जाता है और इनको इसलिए इंपोर्टेंट मानते हैं क्योंकि इनके कारण 20 साल तक एंग्लो-मराठा वॉइस फर्स्ट और सेकंड के बीच में शांति बनी गई थी और ही बना द फर्स्ट पीपल इन इंडिया जिसमें XUV में रिलाइज कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी हमारे लिए खतरनाक है ना कि यह जो मैसूर और जो दूसरा किंग्डम हैं इनकी वजह हमें इस्ट इंडिया कंपनी से ज्यादा खतरा है लेकिन उसने कोशिश बहुत की लेकिन यह सक्सेसफुल नहीं हो पाए इसलिए कंपनी को हराने में अब जब यह सब ड्रामा चल रहा था इस बीच मुंबई प्रेसिडेंसी जो केवल दोस्तों किलोमीटर दूर है पूना से वह बैठे अंग्रेज देख रहे थे बॉम्बे में कि यह सब चल रहा है पैसों कि आपस में परिवार में झगड़े चल रहे हैं सकसेशन को लेकर तो उधर बंगाल मेडिकल सिस्टम चालू था तो वह देख रहे थे कि वह कैसे बंगाल में अवसर मलाई लूट रहे गम पैसा ही पैसा बन रहा है डिंपल सिस्टम के कारण बंगाल के अवसरों में तो तो मम्मी वालों में मन में लालच है उनका ऐसा ही कुछ सिस्टम हम यहां भी करते ना पेशवा करेगा जो यह स्ट्रगल्स है इंटरनल इसमें अपनी टांगों जाते हैं और देखते हैं कुछ निकलता है तो हमारे पाएगा तो इनको तो लगातार ऑपरचुनिटी चाहिए थी कि कहीं ना कहीं वह अपनी टांगों सा दें कोई अपॉर्चुनिटी मिल जाए कि हम लड़ाई करवा दे इनकी आपस में और यह मौका इनको कब मिला था जब फाइनली रघुनाथ राव ने नारायण राव का मर्डर करवाया और वह भाग कर कहां चला गया इस्ट इंडिया कंपनी के पास तो जरिए बार भाई कहां से पावर में आती है रघुनाथ राव को पूरा छोड़ कर भागना पड़ता है यह चले जाते हैं सूरत और सूरत में जाकर इस्ट इंडिया कंपनी के साथ साइन करते हैं प्रिटी और सूरत 1775 वेरी इंपॉर्टेंट स्टार माफ कर लेना नोट चमक पुत्रियों सूरत एक ऐसी संधि है जो लड़ाई को शुरू कर दिया लड़ाई खत्म श्रीमती प्रीति और सूरत में क्या था यह मुंबई प्रेसिडेंसी वाले अफसर थे इन्होंने रघुनाथ राव को अपनी शरण में ले लिया रघुनाथ राव ने कहा कि मुझे पेशवा बना तो बदले में मैं तुम्हें बस यही और साइड परमानेंटली दूंगा यह वह इलाका हैं जो बाजीराव ने इनके हाथ छीन लिए थे लेकिन इसने क्या बोला घुमाने का बोला कि मैं तुमको दूंगा पर माणिक्य नहीं मुंबई तो है कुमार बाद वह मेरा फ्रेंड तो बहुत छोटा है लेकिन उसके आसपास में पायरिया चाहिए तो बस यह नोट पूरा साल से हमेशा के लिए तुम्हारा मुझे बदले में हेल्प करो पेशवा बनने में यह बार ही कांग्रेस को हराने में तो इस प्रीति और सूरत के कारण शुरू होता है फर्स्ट एंड ओम राठौर लेकिन इस कहानी में ट्विस्ट है ट्विस्ट क्या है कि जो ब्रिटिश कोलकाता काउंसिल थी यानी कि वह डॉक्टर था बंगाल प्रेसिडेंसी में है वहां पर वारेन हेस्टिंग्स स्त्री से बिलकुल भी होश नहीं था उसने मुंबई के अधिकारियों को लताड़ किया था यह क्या लगा रखा तुमने तुमसे किसने कहा कि तुम पेशवा के इंटरनल मैटर्स में हस्तक्षेप करो मैंने परमिशन दे तुम्हें वार्निंग बहुत नाराज हो गया था उसने टिप्स उसको बोला कि मैं नहीं मानने वाला डिलीवर सूरत उसने अपनी तरफ से कोलकाता से एक ऑफिसर को भेजा कहां पेशवा के पास नाना फड़नवीस के पास बेसिकली अ तो गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स और मराठा आ काउंसिल के लीडर नाना फड़नवीस के बीच में एक अलग संधि साइन होती है जिसका नाम है ट्रीटी आफ पुरंदर वेरी इंपॉर्टेंट क्रिएटिव सूरत किसके बीच में थी रघुनाथ राव और बंबई प्रेसिडेंसी क्रिएटिव पुरंदर किसके बीच में ईस्ट इंडिया कंपनी है डॉक्टर कोलकाता और नाना फड़नवीस बेसिकली पेशवा की एडमिनिस्ट्रेशन के बीच में है तो यह 1776 में साइन होती है इस संधि में बेसिकली यह तय किया गया था कि मराठों और अंग्रेजों के अलावा और किसी फोरम यूरोपियन पावर के साथ डील नहीं करेंगे नहीं उनको रेगुलर यूज करेंगे नाम उसे हेल्प लेंगे ना हेल्प देंगे यह बेसिक क्वांटिटी थी दूसरी तरफ मराठा सैनिक ताकि आप हमारे इंटरनल मैटर्स में हस्तक्षेप नहीं करोगे और बंबई प्रेसिडेंसी काफी नाराज हो गई वहां कोलकाता में बोलते हैं भाई साहब हम तो यहां यह टीम बढ़िया करवा रहे हैं ड्यूल सिस्टम लाना चाह बड़े-बड़े हमारे सपने और हमारे सपनों पर पानी फेर रहे हो तो बंबई प्रेसिडेंसी ऑफिस या खराब लंदन फोन घुमाया फोन नहीं उठाया 3331 जो लंदन से इनको सपोर्ट मिला मुंबई प्रेसिडेंसी को बॉईल स्किन को उन्होंने बोला क्या कर रहे हम तो एक्सपांशन चाहते हैं तो उन्हें बंगाल में करिए तो मुंबई में क्या दिक्कत है लेक पेंटिंग अपनी बात पर अड़ा रहा है उसमें काम मत घुसाओ इस अपनी टांगें इस व मराठा से जुड़े में क्योंकि मराठा बहुत पावरफुल हैं अभी भी तुमको यकीन नहीं हो रहा तुम्हरो के बहुत बुरी तरह से तो वहीं एडिटिंग काफी हद तक सही था लेकिन हम लंदन से सपोर्ट किसको मिला मुंबई वालों को अब इस बीच क्या होता है कि एक घटना होती है 1770 में ना पड़े में इसमें अपने ही क्रिएटिव पुरंदर के टर्म्स ऐंड कंडिशंस को तोड़ दिया इन्होंने कराए रिपोर्ट दे दिया हांगाउट्स पर फ्रेंच को तो इससे वारेन हेस्टिंग्स नाराज हो गया अब मॉर्निंग का दिमाग बिल्कुल उल्टा हो गया उसने का यह वर्णन किस ने धोखा कर दिया हमारे साथ इनको आपने कहा था कि दूसरे ओपन पावर के साथ डील नहीं करोगे लेकिन थोड़ी कर रहे हैं तो इसलिए उन्होंने बंबई प्रेसिडेंसी को खुली छूट दे दी कि जाओ करवटें पूना के ऊपर तुम निभाओ अपने राघव का साथ बना उसको पेशवा कोई दिक्कत नहीं है तो वॉरेन हास्टिंग के इस गो अहेड के बाद फाइनली 1777 में अक्सर लड़ाई शुरू होती है तो ब्रिटिश कहां बेचते हैं यहां मुंबई में यहां से वह पूरा की तरफ पढ़ाई करते हैं लेकिन बीच में क्या आता है वेस्टर्न घाट और इन वेस्टर्न घाट में उनको अ फील जाकर लड़ाई करनी थी तो वह इस्ट इंडिया कंपनी के लिए बहुत घातक से दुआ तो इसका एक्सपीरियंस नहीं आ और पहाड़ों में कौन एक्सपर्ट से मराठा आर्मी तो शुरूआती सालों में यहां पर मराठा अच्छे अपना डिपेंड करता है मुंबई से लगातार यहां पर हमले होते रहे लेकिन यह लोग ज्यादा आगे बढ़ने पाए ड्रिंक्स अब इन्हें यस और इन आर्मी को अनम्यूट कर रहा था मराठा कि आदमी को महादजी सिंधिया आप और रिमांड जी सिंधिया ने इस लड़ाई के दौरान स्कूटर पॉलिसी भी फॉलो करें कई जगह इसको स्टर का मतलब क्या होता है कि आप जहां जाओ पीछे जमीन को पूरा जलाकर चलिए उसको खींच कर दो जला ड्राप तो आप सारे स्मज लगा देता हूं ताकि दुश्मन को खाना मिले कुएं में अब यह ठान लिया था कि वह पानी पी सकें तो यह सब स्कूटर पॉलिसीज जैसे यहां भी फॉलो करेगी डोंट वांट टू तो इस तरह की पॉलिसी भी अमावस्या पर कई जगह फॉलो करेंगे 17वें मराठा एक बड़ी जीत होती है वर्ड का नाम की जगह पर पुणे के पास में एक जगह वार्डो इस बैटल ऑफ़ बार गांव के बाद में साइन होती है ट्रीटी और बार गांव इस प्रीति वार्डो में जो यहां का लोकल कमांडर था उस आर्मी का जो बेसिकली बंबई प्रेसिडेंसी से था उसने मराठा स्वामी ठीक है हम वापस जा रहे हैं मुंबई पूना पैक्ट नहीं करेंगे और जो भी हम फेसबुक से लिया था यह साल से ऐड ओर असाइन जो अ में प्रवेश किया था वह हम आपको लौटा रहे हैं लेकिन अब देखो किस्मत का पहिया कैसे पलट है या मोर इंटरेस्टिंग इस प्रीति को रिजेक्ट कर देते हैं मॉर्निंग बोलता है वह तुम्हें किसने परमिशन युद्ध रोकने की मैं बैठा हूं यहां पर गवर्नर-जनरल बोलूंगा जब युद्ध रुकेगा तो वह इसलिए इतना नाराज है कि वह अपनी तरफ से कलर आर्मी भेजता है बोंबे को हेल्प करने के लिए बंगाल से आर्मी जाती है और इस आर्मी की मदद से फाइनली यह लोग कुछ शहर जीत पाते हैं जैसे अहमदाबाद बस इन ग्वालियर कुछ शहर मराठा से कि ब्रिटिश कंपनी जीत लेती है इसलिए कंपनी तो ईस्ट इंडिया कंपनी को बाद के सालों में अरुण 1791 काफी जीत हासिल होती है और फाइनली यह मार्जिन दिया कि आदमी को हराते हैं सिप्री नाम की जगह पर लेकिन यह क्रिएटिव और गांव का नाम इंपोर्टेंट है याद रखना है तो अभी तक इस एंग्लो-मराठा वार्म युद्ध ख़त्म ही नहीं है और तीन प्रतिशत कि कौन-कौन सी क्रिएटिव सूरत क्रिएटिव पुरंदर प्रीति ऑफ वर्ल्ड सो फाइनली लड़ाई खत्म होती है 1782 में जब ईस्ट इंडिया कंपनी और पेड़-पौधों की आर्मी इस एक तरह खेल में डूब जाता है के बीच में दोनों कुछ लड़कियां जीत चुके हैं कुछ लाया हार चुके हैं अपनी वेबसाइट करने की लड़ाई ख़त्म करते हैं तो ट्रीटी आफ साल भाई साइन होती है ठीक है साल भाई संदीप बहुत इंपोर्टेंट है यह पोर्ट्रेट है जिससे anglo-maratha वर खत्म होता है तो अभी तक चार संध्या चुकी है यह चौथी वाली याद रखना चौथी वाली चढ़ाई खत्म होती है तो साल बाद भी टीचर कोई इंपोर्टेंट है क्योंकि पेशवा अपनी पेशवाई बचाने में सक्सेसफुल रहे थे रघुनाथराव का क्या हुआ तो रघुनाथ राव को पुणे तो अब इसलिए लोग चाहेंगे कि फिर से आए तो इंग्लिश में कहा कि ठीक है इसको हम रखेंगे इसको एक पेंशन दे देंगे और घर पर देंगे या रामसूरत मैं बैठा रहेगा आपको परेशान नहीं करेगा और रघुनाथ राव का परिवार कहां था वह पूरा मैदा पूना में उनको शनिवार वाडा में नजरबंद करके रखा था और रघुनाथराव पहले एक बेटा आगे चलकर क्या बना दिया जाता है पेशाब पेशाब की कहानी आ जाएगी अब तो पालक पिता माधवराव सेकंड जॉब साल का हो चुका है इस बालक को फाइनली ईस्ट इंडिया कंपनी रखना इस करती है कि हां यह पेशा है रघुनाथ राव को हम पेशवा नहीं मानते हैं तो इस बच्चे को पेशा बनाया जाता है रिजल्ट कौन है नाना फड़नवीस ठीक है तो फाइनली ईस्ट इंडिया कंपनी एक्सेप्ट कर लेती है ईस्ट इंडिया कंपनी को पेशवा कहते हैं ठीक है बहन और साल से रघुनाथ राव ने तो मैं प्रॉमिस किया था रख लो कोई दिक्कत नहीं है मैं छोटा मोटा ढ़क्कन मास्टर ब्लास्टर फिर ईस्ट इंडिया कंपनी से मदद मांगती है टीपू सुल्तान के खिलाफ याद करो 1792 तीसरा नहीं दूसरा बैंगलोर मैसूर और चल रहा है 79274 घ्र लीडर हो जाती है वसीम है टीपू सुल्तान लड़ाई लड़ रहा है उधर तुम मैसूर के खिलाफ की मदद मांगते हैं मराठा से करते थे वैसे भी मराठाइज़ और मैसूर के बीच में मिट्टी में दूसरी लड़ाई चलती रही थी यह लगातार हर दो-तीन साल में हमले करते रहते थे वहां पर लूटपाट मचा कराते रहते थे तो इनको कोई दिक्कत नहीं है ठीक है मैसूर के खिलाफ अपनी आदमी भेज देंगे अब हिस्ट्री ओं साल ही इंपोर्टेंट यह है कि इसमें एंग्लो-मराठा आ शांति बनाए रखी 20 सालों तक दोनों के बीच में 802 तक कोई भी लड़ाई नहीं होती है पाने वाले 20 साल बहुत अच्छे शांति वाले थे मराठस के लिए नारायण मिश्र अच्छे से एडमिनिस्ट्रेशन चलाया पावर अपने हाथ में ले ली यह तो मित्रा बच्चा था माधवराव सेकंड इसको तो कुछ करने को नहीं मिलता था और यह अल्टीमेटली नाना फड़नवीस से इतना दुखी हो गया कि बनाना पड़ेगा जिसके कारण ही ऐसा कहा जाता है कि इसमें शनिवारवाड़ा से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली और पीडीएफ साल भाई का अल्टीमेटम सांकवा मैसूर को क्योंकि टीपू सुल्तान के खिलाफ अब एक बहुत अच्छा पार्टनर मिला था किसको ब्रिटिश को और अल्टीमेटली टीपू सुल्तान थोड़ा एंड टो मैसूर में और देंगे अब सेकेंड एंग्लो-मराठा वॉक पर जाने से पहले ही पर आपको कॉन्फ्रेसिंग डिविजन करा देता हूं देखो नाना साहेब की अपडेट होती है ना 1761 में पानीपत की लड़ाई के कुछ महीने बाद तो उसके बारे में कोई भी पैसा इतना पावरफुल नहीं हो पाया सब बच्चे थे किसी के हाथ में इतना पावरफुल कंट्रोल नहीं था दूसरा यह आपस में झगड़ रहे थे इसके कारण फायदा कम होता है इन सारे लोगों को गायकवाड बरोड़ा भोंसले और नागपुर हल्का सा इंदौर सिंधिया ग्वालियर यह अपने आप में बड़े-बड़े पावरफुल हाउस बन जाते हैं पहले फिर भी यह पेशवा के दिन तक पेशवा ज्यादा शक्तिशाली था लेकिन अब यह ऑलमोस्ट इंडिपेंडेंटली काम करते हैं कई बार तो यह मनाली कर देते हैं अगर प्रेस वालों को बुलाता है तो यह जाते भी नहीं है और अल्टीमेटली सेकेंड एंग्लो-मराठा और के अंदर यही आपस में लड़ेंगे इनका एक सिविल वॉर शुरू हो जाएगा जिसके कारण की पूरी लड़ाई कंपलीट हो जाएगी तो मैप में भी यह समझ लो पेशवास बैठे हैं पुणे में लेकिन यह जो पूरा उड़ीसा से लेकर सेंट्रल महाराष्ट्र का एरिया यह किसके कंट्रोल शीघ्र मुस्लिम्स आफ नागपुर इनको परिवार भी कहा जाता है नागपुर की जगह आप विरार शब्द भी देखेंगे विरार के राजा ठीक है तो यह सेंट्रल इंडिया राइट अप टू द पोस्ट ऑफ उड़ीसा यह पूरा एरिया नागपुर के कंट्रोल में भोसले के इधर नॉर्थ इंडिया पूरा ग्वालियर सिंधिया के कंट्रोल में महादजी सिंधिया फिर यहां पर इंदौर जो है यह उसके कंट्रोल में होलकर्स अहिल्याबाई होल्कर अभी आएंगे सबके नाम मैं आपको बताऊंगा इंपोर्टेंट जो भी करैक्टर्स हैं और फाइनली बरोड़ा गुजरात कौन है यहां पर गायकवाड तो यह चार बड़े बड़े जिससे एक को छोटे-मोटे और भी है लेकिन वह रिलेटेड है जैसे कि देवास नाम की जगह इंदौर के पास में वहां पर दो डाइजेस्टिव सिंह पंवार सीनियर और जूनियर आर्टिस्ट प्रिवेंट बस हमारी लेकिन यह चार इंपोर्टेंट है फेस वास ऑल इन पुणे सन अट्ठारह सौ इन उड़न इसकी मृत्यु के बाद यह वाले चारों और ज्यादा पावरफुल हो जाते हैं उनको लगता है कि आपको कौन है पुणे में बैठा है कौन हमें गाइड करेगा कौन हमें आदेश देगा अब हमारी यह स्वादिष्ट नहीं मानेंगे जो हमें ठीक लगेगा वह करेंगे जिससे हमें संधि करनी है जहां मैं अटैक करना है विल डू इट तो अब कुछ इंपोर्टेंट करें अपने जिनके बारे में थोड़ा ध्यान लोग सेकंड उठा व्हाट्सएप पहले तो दौलतराव सिंधिया जो है यह महादजी सिंधिया के बेटे थे और मार्च सिंधिया के बारे में पहले ही काफी चर्चा कर चुका हूं उन्होंने पूरे नॉर्थ इंडिया में फिर से मराठा पावर प्रस्ताव पेश किया था पानीपत के डिब्बे कल के बाद अब महादजी सिंधिया तो यह बहुत अच्छे वॉरियर लेकिन दौलतराव सिंधिया इतने अच्छे अवार्ड नहीं थे इनके पास वह भजन नहीं था वाउचर में जरूरी नहीं है कि बेटा इतना अच्छा लड़ा था वह जितना पिताजी थे इंदौर में एक इंपोर्टेंट कैरेक्टर है अहिल्याबाई होल्कर इनका नाम अवश्य आपने सुना होगा अहिल्याबाई एक विडियो थीं इनके पति की मृत्यु 1754 में हो गई थी इनके फादर इन लॉ थे मल्हारराव होलकर जिन्होंने टाइड आफ स्थापित किया था इंदौर को खोलकर डांस की को तो मल्हार राव होल्कर की डेट होती है 1766 में उसके बाद अहिल्याबाई ने अगले 20 साल तक पूरा एडमिनिस्ट्रेशन संभाला था एक विडियो होने के बावजूद यह ना तो पर्दे में रहती थी और ना ही दूसरे चीजों को फॉलो करती थी जैसे कि इस विडियो से साफ किया जाता था उस समय कि आपके पास एक कमरे में बंद होकर रहोगे ऐसा नहीं था आई लिया भाई होल्कर ने आगे चलकर एडमिनिस्ट्रेशन की कमान अपने हाथ में सामाजिक शोषण एक्सेल अपनी स्टेटस और उन्होंने इंदौर शहर को बहुत डिवेलप कराया इसके अलावा आप मालवा रीजन में कई मंदिर देंगे जैसे महेश्वर में जो इंपॉर्टेंट मंदिर है वह सफेद या बाई होल्कर ने बनवाया इन्होंने गंगा नदी के किनारे कई घाट को रिपेयर करवाया यह इंपोर्टेंट मंदिरों में आ जाएंगे आप देखेंगे जाइए घोलकर का नाम आपको लिखा हुआ मिलेगा या भाई बस केवल लड़ाई नहीं लड़ी थी जंग के मैदान में जाकर उसके लिए उन्होंने तू कुंजी hold करके अपना मिलिट्री चीज अपॉइंट कर रखा था तो तू कुंजी hold करके अब तक ज़िंदा थे 797 तक तब तक सब कुछ ठीकठाक चलता रहा माधव जी सिंधिया के साथ इनकी थोड़ी सी फ्रेंड veemee टाइप रिलेशनशिप थी उन्हें कंप्यूटर में करते थे उनके साथ भी रहते थे लेकिन 1797 में तू कुंजी hold करके मृत्यु हो जाती है अब आप देखोगे इसी समय में कई इंपोर्टेंट कैरेक्टर की डेथ हो रही है ठीक है लिया बाई होल्कर की जाती है साल 1995 में तो को जी के यहां सर्वे में नाना फड़नवीस के 18 समय तक हो जाती है और अब जो अगले जेनरेशन के कैरेक्टर शहर में इतना दम नहीं था तू कुंजी hold करके का बेटा था यह संतरा होलकर अब यशवंतराव होलकर लड़ाई बहुत अच्छी लगे थे लेकिन उस डिप्लोमेट्स कि समझ कमिटी थोड़े गुस्सैल स्वभाव के बताए जाते हैं और यह पेशवा से नाराज अपने क्योंकि पेशवा के कहने पर इनके एक भाई को मार दिया गया था विड्रॉल कर एक अलग कहानी है उसमें अभी डिटेल में नहीं जाएंगे तो यशवंतराव होलकर उस घड़ी एंग्री विद पेशवा ठीक है और इन्हीं के कारण बेसिकली वह इंटरनल सिविल वॉर शुरू होता है मराठा उसका पेशा कौन है इस समय बाजीराव द सेकंड यह कौन है राघवजी के बेटे हैं तो रघुनाथ राव जो है वह अपने टाइम पर तपेश्वर नहीं पाई लेकिन उनके बेटे की किस्मत की तो बेटा बन गया कौन पेटवा और पेस्ट बना दिया था पेशवा उसको बनाया गया था क्योंकि जब माधवराव ने वह छलांग लगा दी थी इस सुसाइड कर लिया था उसके बाद नारायण मिश्र ने देखा कि किसको बनाया है किसी ना किसी राजपरिवार के सदस्यों को बनाना पड़ेगा तो उन्होंने रघुनाथ राव के बच्चों को बुलाया देखा इनमें से कौन सबसे ज्यादा समझदार है उनको लगा यह बाजीराव थोड़ा ठीक-ठाक है इसको बनाते हैं तो ही वस्त्र लास्ट पेज आफ मराठा अंपायर लास्ट इसलिए मैंने स्टार लगाया क्योंकि इनका बेटा 18 सो 57 की क्रांति में कैरेक्टर है वह पॉइंट नानासाहेब लेकिन देखो यह आखिरी पेशवाई मान लो क्योंकि एक्चुअली पॉवर तो लास्ट इसी के पास थी ना तो 1798 तक पेशवा बाजीराव द सेकंड वास इन पावर एस ब्रिटिश गवर्नर जनरल कौन है रिचर्ड बैलेंस की अच्छा मैंने कल के लेक्चर में यह हो गया था कि रिजल्ट बैलेंस यानि बड़े भैया टाइगर श्रॉफ बंगाल यह तो है गवर्नर जनरल और छोटे भैया अर्थ बैलेंस यह थे कमांडर इन चीफ आफ आर्मी थोड़ा सा मैंने हैं कोई गलती कर दी थी अर्थ व्यवस नोट के एक्चुअल कमांडर-इन-चीफ ठीक है कमांडर-इन-चीफ कोई और सा लेकिन फॉर ऑल प्रैक्टिकल पर्पसस इस आर्मी की पूरी कमान अर्थस बैलेंस के हाथ में थी ठीक है और आंसर बेस कि अभी इस वक्त अगर मैं समय आ से की बात करूं तो कहां पर है याद करो श्रीरंगापटनम किसको हराया था टीपू सुलतान तो 4th एंड मैसूर और खत्म होने के बाद टीपू सुल्तान को मारने के बाद अर्पण बैलेंस की वहीं बैठा था मैसूर में बैठा था ठीक है तो फाइनली रिच्ड बैलेस स्लीपर्स लगा कि अब वो राठौर को तोड़ने का वक्त आ गया है तो रिजल्ट बैलेंस इन्हें मराठा आपको यह बोला कि सबके सब्सिडियरी एलाइंस सेंड करो सब्सिडियरी एलाइंस का मतलब पास ही रहता बुलाऊं तो सबने मना कर दिया मराठा चीज ने भी मना कर दिया पेश करने से मना कर दिया तो बड़े भैया ने अपने छोटे भैया को बोला कि मैसूर से निकलो और चढ़ाई कर दो मराठा अंपायर पर ठीक है तो सेकंड एंग्लो-मराठा वॉर की शुरुआत होती है अठा 13 में और यह 286 तक चलता है यार इंपोर्टेंट है याद रखना इस युद्ध की शुरुआत में हुई के रस मलाई क्या है देखो रिचर्ड बैरेट असली कोलकाता में बैठा-बैठा देख रहा था कि को पेश है तो कमजोर है फडणवीस जा चुके हैं बड़े-बड़े कैरेक्टर्स महादजी शिंदे ताकि पॉवरफुल मराठा से इनकी विडियो चुकी है अब यह जो मराठा चीज सोना इन में इतना दम नहीं है और इनको में भड़काकर इनको हरा सकता हूं तो मराठा सारे चीज को एक फरमान भेजा गया एक दिन बैलेंस 11 मैडम बैठ है दरबार में दिन चिट्ठी आती है सब्सिडियरी एलाइंस चलो सब्सिडियरी एलाइंस का मतलब सीटें गुलामी सबने मना कर दिया पेशवा ने भी मना कर दिया और चारो अलग से भेजा गया यह पार्ट इंपोर्टेंट है सिर्फ पैसों को नहीं भेजा गया है लैटर यह मराठा चीज को भेजा गया था कि उनको इंपोर्टेंट है कि बाइक पेशवा के अधीन नहीं हो तुम अब तुम हम इंडिपेंडेंट कि हम तुम से बातचीत कर रहे हैं कि तुम सेंड करो ठीक है यह रेसिपी की टेक्निक थी इसी बैकग्राउंड में वह वाली घटना हुई थी जहां पर यशवंतराव होल्कर के एक भाई को पेशवा बाजीराव के कहने पर मार दिया गया था तो यशवंतराव होलकर बहुत नाराज हैं और उन्होंने पूना पर चढ़ाई कर दी थी यानी कि एक मराठा चीफ़्टेन कनफेडरेसी का जो किधर है वह पहली बार कोई पेशवा के ऊपर चढ़ाई कर रहा है तो यशवंतराव होलकर अपने आर्मी लेकर पहुंच जाते हैं पेशवा के पास वह कहते हैं यह बाजीराव को मैं हटाकर रहूंगा और पेशवा ने किसी मदद मांगी सिंधिया से तो पेश वर्ष इंडिया की आर्मी मिलकर किस का सामना करती है खोलकर इसकी आर्मी का बैटल आफ पूर्ण होती है और यहां पर खोलकर करार दे दी जाती है बाजीराव द सेकंड को पूरा छोड़ कर भागना पड़ता है और वह अपने अंकल रघुनाथ राव की तरह किसके पास जाते हैं इंग्लिश के पास कहां जाता है मुंबई मुंबई के बोलते हैं कि भाई साहब मुझे मदद करूंगी और यह जो यशवंतराव होलकर है इसको पकाना है मुझे पूना से अब मुंबई में बैठे अंग्रेज अफसर मंद-मंद मुस्करा है पहली बार ऊंट पहाड़ के नीचे है एक सेटिंग पेशवा पूना से बात कर अपनी पेशवाई की गति छोड़कर हमारे पास आया मदद मांगने कहां पर मुंबई में कितनी बड़ी बात है जहां पर यह 20 साल पहले तक मराठा एंपायर से थरथराते थे वह सेटिंग को मना कर दिया था कि लड़ाई मत लेना मराठा के खिलाफ हमारे जाओगे वहां से भगा दिया जाओगे अब यह देखिए हमारे पास आ गया 20 साल के अंदर-अंदर लगाकर उसे ज़ोर कितना खतरनाक हो सकती है तो इन्होंने बिठाया पहले बाजीराव सेकंडों क्या बैठो चाय-वाय पी लो बैलेंस शांति से फिर देखते हैं कि कैसे हमारी मदद करेंगे तो अंग्रेजों ने क्या कहा कि दो चीजें करिए पहले तो उन्होंने गायकवाड़ के साथ एक संधि कर ली प्रीति आफ कैम्बे गायकवाड यानी पांच में से एक गए इनके साथ पहले सब्सिडियरी एलाइंस है साइन कर दी बोले देखो अब यह लड़ाई होने वाली है खोलकर इसमें ऐड करेंगे हमारे पेशवा की मदद करेंगे ऐसा नहीं कि पीछे आर्म होल करके मदद करने के लिए आ जाओ तो पांडव वंश कौन सब्सिडियरी एलाइंस हो चुकी है फिर बाजीराव सेकेंड के साथ ही उन्हें सब्सिडियरी एलाइंस साइन कर ली थी कि देखो तुम्हारी मदद फ्री में तो करेंगे नहीं तो मैं कुछ न कुछ होने देना पड़ेगा तो क्या दिया गया क्रिएटिव बासे इंपरेटिव वसई वसई आज मुंबई का सबब है प्रीति ऑफ वसई जो है यह 1802 में लड़ाई शुरू करवाने वाली टीम बिल्कुल रिलीफ मृत की तरफ तो आप देख लो कहानी के रिपीट हो रही है इस रिपीटिंग इत्सेल्फ बिल्कुल इनके का रघुनाथ राव की तरह तटीय सुरक्षा करी थी वैसे यह ट्यूब वसई साइन कर रहे हैं और अंग्रेजों के हाथ में क्या-क्या हैं देखो एक तो यह गिव जैसे कि हम तुम्हारी मदद करेंगे पुणे तुम्हे वापिस लौट आएंगे उसके बाद से ईस्ट इंडिया कंपनी की छः हजार सैनिक हमेशा पूना में तैनात रहेंगे और हरी आर्टिलरी सामरिक तौर पर तैनात रहेगी पूना में ताकि कल को तुम कोई बदमाशी करो तुम पर बे 26 लाख रुपये पेशवा हर साल देखा ईस्ट इंडिया कंपनी को प्रथम मेंटेनेंस और डिस्ट्रॉयज उसके अलावा सूरत शहर और वड़ोदरा शहर पर आज के बाद पेशवा कभी अपना क्लेम नहीं करेंगे सूरत हमारा यह हमेशा के लिए और बड़ोदरा गायकवाड है तो मैं शादी के लायक व्हाट्सएप की गद्दी छीन लो और आप किसी भी अन्य यूरोपियन पावर के साथ बातचीत नहीं करेंगे आपके सारे पॉइंट्स फ्रेंड्स हमारे चैनल में तो नाना फड़नवीस की तरह के फैंस को रिपोर्ट दे दिया हांगाउट्स पर यह सब नहीं चलेगा तो इसके लिए बाजीराव सेकेंड मान गए क्योंकि इनको अपनी पेशवाई चाहिए ठीक है तो इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी हमला करती है पुणे पर और ऐसे ही शुरू होता है 1803 में सेकंड एंग्लो-मराठा बोर बाद अब यह 1802 के 31 दिसंबर को इक्विटी साइन हुई थी वह सीरियल लड़ाई की शुरुआत 1803 ही मानी जाती है बीटी आखिरी दिन 30th दिसंबर को साइंड ए ट्रीटी एनएफसी को टर्न अॉफ मराठा पॉकेट ऐसा कहा जाता है कि इस दृष्टि से इस संधि से है मराठा अंपायर खत्म होने की शुरुआत यहां से हो जाती है क्रिएटिव वसई साइन होने की खबर चारों मराठा सरदार के पास पहुंच जाती है इनमें से लेकिन गायकवाड़ तो पहले ही अंग्रेज़ों के साथ कलेक्शन दी साइन कर चुके थे ट्रीटी आफ कैम्बे तो यह तो चुपचाप बैठ जाते हैं बाकी के तीन वह बहुत नाराज होते हैं यह तीनों बोलते हैं वह पेशवा कौन होता है हमें मर गिलानी के अंदर धकेलने वाले पेड़ों के पत्तों कुछ पावर है जो आर्म होल है वह तो हमारी यह पैसों के मास्को केवल पूना शहर और उसके आसपास का पूरा इलाका है तो देख लो पांच में से दो आलरेडी अंग्रेजों के साथ जा चुके हैं बाकी बचे यह तीनों इसमें भी खोलकर और सिंधिया ने तो अभी लड़ाई लड़ी है क्योंकि होल्कर ने जाकर पूना पर कैप्चर किया था और उस लड़ाई में पेशाब के साथ किसने लिया था सिंधिया ने लेकिन अब यह दोनों साफ हो जाते हैं और भोसले भी उनके साथ आ जाते हैं तो यह तीनों भी खट्टा है और इनके खिलाफ कौन है ईस्ट इंडिया कंपनी प्लस पेशवा जिसके बाद थोड़ी बात करनी है और बरोड़ा ठीक है तो इस तरह से शुरू होता है सेकंड एंग्लो-मराठा बोर्ड तो तीनों मराठा चीफ इस प्रीमियम वसई से खुश नहीं थे के गवर्नर जनरल रिचर्ड बैलेंस की है बिना VoLTE अपने छोटे भाई को फोन घुमाया मैसूर के बेटा आओ सिंधिया को हराना है खोलकर को हराना है और किसको आना है तीसरा भोंसले आफ नागपुर इन दिनों के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दो तो मैसूर से अपनी आर्मी लेकर पहुंचता है महाराष्ट्र वाले एरिया में और यहां पर एक इंपोर्टेंट बैटर होती है नाम याद कर लेना यार इंपोर्टेंट है 1803 बैटल आफ आई तो बैटल आफ ए साइज एक छोटा सा गांव है साहित्य तो इस इंडिया और भोंसले की कम माइंड आर्मी को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी हरा देती है तो आंसर बैलेंस लीजिए लीजेंडरी मानी जाती है क्योंकि यह मराठा उसका घर है बैटल वास ही डालना डिस्ट्रिक्ट में हुई थी अहमदनगर चलने वाला एरिया है यह तो मराठा इसका होमलैंड है यहां पर इस्ट इंडिया कंपनी अगर हम को हराकर चली गई जिनके अपने ही घर में हार गए और वह भी दो मराठा सरदार के आदमी थे 1GB नहीं किसने और भोसले दोनों की आर्मी इसलिए पार्थ व्यक्ति इनको यह आता है और अर्थव्यस्था की जो आगे चलकर ब्रिटेन का प्राइम मिनिस्टर बनेगा उसने अपनी बायोग्राफी यह बात लिखी है कि मैंने नेपोलियन को हराया क्वार्टर में लेकिन मैं अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी विक्री इसको मानता हूं बटरफ्लाई मेरी लाइफ इन अपने प्रिय है कि बैटर दैन इन थे बैटल आफ वाटरलू खैर सिंधिया व उसके दोनों यहां पर हार जाते हैं और दोनों साइड करते हैं अलग-अलग संधि तो लड़ाई हुई थी ऐसा गांव में उससे कुछ दूरी पर जाकर दूसरी टीम साइन होती है तो आप थैली यह नाम मैंने पिछली पोस्ट में बताया था कि मैं बता रहा हूं कि वो इस नोट का आर्मी कमांडर बैठी हूं तो चीज पॉलीटिकल एंड मिलट्री ऑफीसर इन मेडिकल है सदन मराठा कंट्री यह इसका ऑफिशल पद था तो आप मान सकते हो और ऑल प्रैक्टिकल पर्पसस यही नहीं था ठीक है तो इन्होंने टीपू सुल्तान के आदमी को भी आ रहा था और मराठा कुरियर है तो अचानक से बंधा लड्डू जाता है लिविंग लीजेंड ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए तो अब तो संडे है दोनों का नाम इंपोर्टेंट है सिंधिया के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी साइन करके एंट्रीज और सूजी अंजनगाव जहां परेशानी हुई थी उसी जगह का नाम है सूजी अंजनगांव कि सिंधिया इनको क्या देते हैं रोहतक गुड़गांव वाला राजधानी दिल्ली के आसपास का एरिया और आगरा वाला एरिया तो अब जैन और हैं यस इनके हाथ चले जाते हैं भोसले प्रीति ऑफ देवगांव साइन करते हैं भोसले इनको क्या देते हैं ओडिशा का कोस्टल एरिया कटक एंड शेयर टेरिटरी वेस्ट ऑफ रिवर वर्धा तो इसमें आप अगर आप देखो तो नागपुर के भोंसले के पास यह सब टेरिटरी थी जिनके हाथ से चली गई पूरा पोस्टल उड़ीसा बिना हो चुका है तो यह नवरत्न सरकार बंगाल के बीच में जो छोटा सा इलाका उनके पास नहीं था यह इन्होंने कनेक्ट करवा दिया पूरा को स्टार्विंग के पास है इंडिया का ईस्टर्न कोस्ट और इधर या नॉर्थ में यह वाली जो टेरिटरीज है जो आपको स्टेट बैंक में नजर आ रही होंगी यह सब भी मराठा आपके हाथ से इंकार चौथ सरदेशमुखी सब कुछ जा चुका है अब कौन बचा तीसरा खोलकर को लेकर लड़ाई लड़ रहे थे और खोलकर जो है ना यह लड़ाई लड़ते-लड़ते कहां पहुंच गए थे यह अपने इंदौर से काफी दूर जाकर उत्तर भारत में अलीगढ़ वाले एरिया में यूपी पंजाब में सब लोकल राजाओं को इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे थे कि चलो सब मिलकर हमला कर देते हैं इसलिए कंपनी पर अब यहां पर यूपी से कोट से किसको भेजा गया अवध की आर्मी के साथ जनरल लेख को यह नाम याद रखना जनरल लेख का कैंपिंग का इमेजिनरी है तो ले अपने आर्मी लेकर अवश्य निकलता है आगरा दिल्ली भरतपुर सब जगह मराठा स्कोर खड़ा हुआ यह 193 के अधीन चलते हैं तो यह सेक्शन में कौन था वे असली नोट में कौन था जनरल लेख तो खोलकर भी फाइनली 2 साल की लड़ाई के बाद हार जाते हैं क्रिएटिव राजपूत घाट साइन होती है और इसके तहत खोलकर टांग रामपुरा और बूंदी यह सब राजस्थान के एरिया है इनको सौंप देते हैं ईस्ट इंडिया कंपनी को और बाजीराव द सेकंड को फाइनली Bigg Boss वापिस बना दिया है तो आप समझ रहे हो कि इस सेकंड एंग्लो-मराठा व्हाट्सएप क्या हुआ केवल पेशवा अपनी गद्दी बचाने के चक्कर में अपने सारे मराठा सरदारों को हरवा दिया उसने बायां करने और मराठा अंपायर छिन्न-भिन्न हो जाता है लेकिन पेशवा उसकी गति मिल जाती है तो अब चार बैंगलोर मैसूर और दो एग्रो मराठा वॉरियर्स के बाद अंग्रेजों ने कितना त्यौहार देखो इस मैच में जो आपको यह धार ब्राउन कलर तैयार नजर आ रहा है ना यह सारे इन्होंने इन युद्ध में जीते हैं तो आपको यह नोट में कोई आगरा दिल्ली बारिश अपनी आंखें खोलकर से ठीक है इधर इन्होंने यह क्वेश्चन टेरिटरीज के लिए कटक वाली कटक का इलाका है यह उनके पास आया भोसले से यहां पर दक्षिण में इन्होंने मैसूर और उसके बाद यह सारा एरिया जीत लिया था और यहां पर सूरत वड़ोदरा वाला जो एरिया है यह भी उनके पास आ गया तो बेसिकली मराठा एंपायर ऑफ इस प्रक्रिया में सिमट कर रह गया है और इसमें भी सभी लोग सब्सिडियरी एलाइंस साइन कर चुके हैं अब थोड़ा एंग्लो-मराठा और 1817 1819 के बीच में है बहुत सिंपल है इसमें ज्यादा कुछ याद रखने लायक है नहीं प्रीति ऑफ वसई के अनुसार एक ब्रिटिश एजेंट पुणे में बैठा करता था उस समय ब्रिटिश रेजिडेंट आफ एलिफेंट सिस्टम और स्टुअर्ट एलफिंस्टन जिसका नाम है वो में है मुंबई में रहने वाले लोगों से सुना होगा कई सारी सड़कों का नाम हैल्थ सिस्टम के पीछे गठन आयरलैंड है तो आइए फंक्शंस है यह फ्रंट है उसका पुणे में और इसकी पेशाब बाजीराव सेकेंड से बनती नहीं थी क्योंकि यह पेशवा बाजीराव पर बहुत टाइट कंट्रोल रखा था वह बाजीराव पूना के बाहर भी निकल सकता था इससे पूछे बिना यह हालत की इतना टाइट कंट्रोल था अब होता क्या है कि ईस्ट इंडिया कंपनी 1817 में आर्मी को इकट्ठा चीज क्योंकि वह पिंडारी के खिलाफ कैंपेन चलाना चाहते थे पिंडारी जो यह करके डकैत होते थे इधर से उधर घूमते रहते थे अटैक करते रहते थे कई बार पिंडारी को मारा था उसने अपनी आर्मी में भी रिक्रूट किया था तो पिंडारी और मराठा ही अच्छे रिलेशन दें लेकिन आपके हो गया कि पिंडारी जो है वह रीड के लिए अच्छे नहीं तो यह बहुत बार व्यापार को नुकसान पहुंचाते थे इसलिए ईस्ट इंडिया कंपनी का मकसद था कि पिंडारी इसके खिलाफ क्वाइट कैंपेन चलाकर इन को समाप्त कर दो लेकिन जब आर्मी खट्टा होनी शुरू हुई तो बाजीराव क्या लगा कि यह है ना पिंडारी नहीं बल्कि यह महावत को खत्म करना चाहते हैं यह मैंने सब्सिडियरी एलाइंस साइड में करके उसके बाजू में जो यह हटा देंगे को मार देंगे तो पेशाब को लगा कि यह सारा कैंपेन इन के खिलाफ चलने वाला है तो पेशवा है अपनी तरफ से लड़ाई की घोषणा कर दी पेशवा ने चुपचाप अपने सारे मराठा सरदारों को उस पर मिलवाया एक संदेश भिजवाया कि देखो अब यह आर या पार की लड़ाई है हमें एक साथ इकट्ठा होना चाहिए 15 साल पहले तो वह भूल जाओ मैंने तुम लोगों के खिलाफ मींस लड़ाई ईस्ट इंडिया कंपनी को सपोर्ट किया लेकिन इस बार तो हमारा डू और डाई है तो सब्सक्राइब कर लें तो भोंसले और खोलकर जो यह पॉइंट को ज्वाइन कर लेते हैं गायकवाड़ ने मना कर दिया था एक बार देखा नहीं हम तो नहीं लड़ेंगे और सिंधिया ने इस बार मना कर दिया सिंधिया इस लड़ाई में शामिल नहीं होते तो भोंसले और होलकर दो हैं यह पेशवा के साथ मिलते हैं 111 बनती है और ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ भी टूट जाता है लेकिन इस लड़ाई में बहुत ही जल्दी ही सारे मराठा इसकी हार जाती है और पेशवा बाजीराव सेकेंड को अपनी पेशवा इसे हटा दिया जाता है और इनको भेजा जाता है कानपुर के निकट एक जगह बिठूर में अब यह मिट्ठू जो है 18 सो 57 की क्रांति का केंद्र बनेगा और वह जो नानासाहेब है ना वह इन्हीं बाजीराव सेकंड के बेटे हैं तो पेसिफिक पेंशन दे दी और बोला क्या तुम पूरा नहीं रहोगे यहां तुम फिर से कोई बदमाशी करने की कोशिश कर सकते हैं यह भी करी तो इस बार तुम जाओ कानपुर वहां पर तुम्हारा कोई फ्रेंड नहीं है वहां कोई मराठा सरदार नहीं है जिनको तुम छुट्टियां मिक्सचर को अब इस था मामले में राठौर में एक तो हुई थी प्रीति और पुणे यह पेशवा के साथ ही हुई इसी तरह से और पूना के तहत पेश हर्षित खत्म खोलकर इसके साथ ही क्रिएटिव मंच और और सिंधिया जो कि इनिशियली लड़ाई में शामिल नहीं थे लेकिन बाद में जबरदस्ती आ गए थे उनके साथ साइन थे ट्रीटी आफ ग्वालियर तो आपको वर्षीय पूरा याद रखनी है 1817 कि अगर क्वेश्चन डाइरैक्टली पूछा जाता है कि बिक्त्री लट्टू बिग एंड आफ पेश वरशिप फॉर गेटिंग रेडी फॉर तूने इन 1817 तो मराठा कांग्रेस हमेशा के लिए समाप्त पेशाब हमेशा के लिए खत्म और मराठा आखिरी बड़े पावर हाउस से जो ईस्ट इंडिया कंपनी को चैलेंज कर सकते थे सेंट्रल इंडिया में युद्ध के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने सतारा का शूटिंग नाम है वह शिवाजी के ही एक डिपेंड प्रताप सिंह उनका नाम तो उनको दे दिया बिल्कुल सेम वैसा ही जैसा मैसूर में किया था एक बच्चे को डांस यह बच्चों को मिठाई बाबा कुछ इसी प्रकार का यहां पर भी निर्णय किया कि तो शिवाजी के असली वंशज पेशवा देख लिए सप्ताह हड़प कर बैठे इस तरह की बातें इसलिए कंपनी में करें देखो इनका मकसद है ताकि एक्स्ट्रा ऑयल जो है ना जिसके नाम में चल रहा है वह चलता रहना चाहिए तो जैसे पहले शिवाजी के वंशज मध्यभारत साइकोलॉजिकल इंपैक्ट है तो सतारा टू किंग्डम है वह शिवाजी के वंशजों को दे दिया गया और फाइनली यहां पर सबको समा पिंडारियों को भी उन्होंने साबित कर दिया लगे हाथों इस लड़ाई को थोड़े मैसूर-बैंगलोर में राठौर को कई बार पिंडारी और भी कहा जाता है तो ध्यान रखना एग्जाम मगर इस नाम से पूछा जाए तो कंजूस मत होना कि अमावस की डिफीट के कारण क्या-क्या फिर देखो मराठा स्टेट जो है वह अपने आप को सौ सालों में एक्स्ट्राऑर्डिनरी स्टेट के रूप में स्थापित कर पाया था यह महावत पर काम ज्यादा आदमी लेकर जाओ चौथ वसूली व सरदेशमुखी मसूद और वापिस आ जाओ उन्होंने एक बहुत अच्छा एडमिनिस्ट्रेटिव सेटअप तैयार नहीं किया और नाना फड़नवीस के बाद लीडरशिप नहीं थी इन फाइटिंग शुरू हुए सिविल वॉर शुरू हो गई मराठा मिलिट्री भी हो चुके थे शिवाजी के समय की जो इनकी पावर थी वह नहीं बची थी क्योंकि मोड ऑफ वॉल पर कोई आरोप नहीं कर पाई अभी भी उसी हिट एंड रन और गुरिल्ला वर टेस्ट में मिली किया करते थे जबकि अब वह इफेक्टिव नहीं रही है अब आर्टिलरी चाहिए आपको अंग्रेजों के पास बहुत अच्छी टीम लड़ी थी मॉडर्न वेपंस सही वहीं के पास नहीं थे फिर इसके बाद उन्होंने पॉलिटिकल मिलिट्री और डिप्लोमेटिक प्रिंस को नकार दिया उनको लगता था कि ईस्ट इंडिया कंपनी की ग्रोथ इन पावर है यह क्या हमारा मुकुट लेंगे यही वाली तो सोचे अंतिम होती है जबकि ईस्ट इंडिया कंपनी प्लस ही बक्सर आंग्ल मैसूर युद्ध के बाद बहुत पावरफुल चुकी थी तो इन्होंने डिप्लोमैसी कंटेस्टेंट किया यह निजाम या मैसूर के साथ हाथ मिलाने को तैयार नहीं थे कि चीनी हम सब मिलकर ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई इस तरह की डिप्लोमेटिक सोचना तो इनमें थी ना मैसूर में थी ना निगम में थी तो कुल मिलाकर डिप्लोमेटिक क्लियर था बहुत बड़ा मराठा का और ईस्ट इंडिया कंपनी ने क्या करा पहले मैसूर के खिलाफ मराठा को यूज किया और फिर मराठों के खिलाफ मैसूर की आर्मी जो रिसोर्स इसको यूज किया इस तरह से यह दोनों एक दूसरे के खिलाफ रिसोर्सेज़ और आर्मी इसको यूज करवाकर दोनों बड़े टावर्स को इन्होंने खत्म कर दिया फिर ईस्ट इंडिया कंपनी ने स्पेशली अर्थव्यवस्था के नेतृत्व में ज्योग्राफी को बहुत अच्छे से डिजाइन फॉर मेटल ऑक्साइड और थेरेपी इसलिए जीत पाया था क्योंकि उसने उस एरिया की ज्योग्राफी को बहुत अच्छी तरीके से कहां पर नदी है कहां पर खड़ी है कहां पर पहाड़ है यह उसको अच्छे से मालुम था तो उसने दोनों सिंधिया और खोलकर की आर्मी को घेर लिया था मेटल ऑक्साइड में उसने लोकल लैंग्वेज सीख कि कस्टम सीखें लोकल लोगों की मदद ली जो ग्राफी टोपोग्राफी के लिए और गुप्तचर इस्तेमाल करने से इन्होंने तो यह सब काम एक बाहरी ताकत होते हुए भी उन्होंने किया मैप तैयार किया अपने फैंस को अच्छे से पलायन किया जैसे जनरल लेकर जो कैंपेन वो काफी well-planned कैंपेन का और डिप्लोमैसी को यूज कि आप गायकवाड़ को पहले अपनी साइकिल डो 15 में से एक पॉवर को पहले साइड हु इस प्रकार डिप्लोमेटिक हथियार होने इस्तेमाल किया तो 1823 में बबल्स सारे मराठा मैसूर रोड खत्म हो चुके हैं अब आप भारत की स्थिति देखो जो पिंक एरिया है वह इस्ट इंडिया कंपनी के डायरेक्टर कंट्रोल में है और जो लाइट ब्लू कलर में है यह सब्सिडियरी एलाइंस साइन कर चुके हैं तो आप अगर पोस्ट लाइन को लिखोगे तो यह पोस्टमैन पूरी अपने कंट्रोल में ले तू रिक्वेस्ट इनके कंट्रोल में है बस केवल कुचेरिया या गुजरात का उनके कंट्रोल में नहीं लेकिन यहां पर भी सब्सिडियरी एलाइंस साइन हो चुकी है 800 और 820 के बीच में इन्होंने सारे राजस्थान के राजपूत किंग्स के साथ में भी सब्सिडियरी एलाइंस को साइन कर लिया था यहां निजाम इनके साथ में थे मैसूर के साथ था मराठा सरदार इन की सब्सिडियरी एलाइंस विद ए अवध इनकी लाइंस में था पीछे बच्चे केवल दो बड़े पावर एक तो नेपाल गोरखा किंगडम और यह उत्तर में सींकर इन की कहानी हम डिस्कस करेंगे अगले लेक्चर में जाए बैकवर्ड करना चाहता हूं इस समय में कंपनी ने कई पेंटिंग बनवाई जिनमें से कई मैंने लेकर में यूज करी हैं इन पेंटिंग हैं आप हाइब्रिड SIM देख सकते हैं पीएम प्लस इंडियन इनफ्लुएंसर्स वो आपको इसमें देखने को मिलेंगे ठीक है और यह पेंटिंग यूरोपीयंस बहुत पसंद थी हीरो अपने घरों में लगे थे इसको लोग ठीक है तो यह पेंटिंग्स जो है इसको मॉडर्न किचन में डिस्कस करेंगे बट यही वह समय था जब इस तरह की पेंटिंग बननी शुरू हुई कंपनी पेंडिंग साधु लाइन है इसी के साथ जिले के साथ तो है वीडियो अच्छा लगा तो लाइक जरूर करें और चैनल को सब्सक्राइब करें थैंक यू वेरी मच फॉर ए डे