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सेल: जीवन का मूल तत्व
May 24, 2025
सेल: जीवन की इकाई
परिचय
सेल
को जीवन की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई कहा जाता है।
यह बयान एनसीआरटी में भी उल्लेखित है कि जीवित प्राणियों में सभी कार्य सेल के माध्यम से होते हैं।
सीरीज का परिचय
डॉ. विपन कुमार शर्मा
द्वारा प्रस्तुत की गई यह सीरीज
रॉबस्ट रिवीजन सीरीज
है।
इस सीरीज में बायोलॉजी के हर पहलू को गहराई से कवर किया जाएगा।
पहले पांच साल के PYQs को भी शामिल किया जाएगा।
हाथ से लिखे नोट्स उपलब्ध होंगे, जो आसान रिवीजन के लिए उपयुक्त हैं।
सेल का महत्त्व
सेल की डिस्कशन
एकदम मूल स्तर से शुरू की जाएगी।
हर जीवित प्राणी की संरचना में सेल का महत्वपूर्ण यो गदान है।
सेल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक सेल्स
जीवों में पाए जाने वाले दो प्रकार के सेल्स:
प्रोकैरियोटिक सेल्स
: इनमें मेंब्रेन बाउंड ऑर्गेनल नहीं होते।
यूकैरियोटिक सेल्स
: इनमें मेंब्रेन बाउंड ऑर्गेनल होते हैं।
सेल की संरचना
सेल मेंब्रेन
: लिपिड और प्रोटीन से बनी होती है।
सेल वॉल
: पौधों में सेल वॉल पाई जाती है, जो सेल को संरचना और सुरक्षा देती है।
साइटोप्लाज्म
: इसमें मेटाबॉलिक रिएक्शन होते हैं।
राइबोसोम
इसे
प्रोटीन फैक्ट्री
कहा जाता है।
राइबोसोम पर प्रोटीन का निर्माण होता है।
बैक्टीरिया का संरचना
सिंपल संरचना लेकिन मेटाबॉलिक रूप से विविध।
न्यूक्लियोइड
: यहाँ पर जेनेटिक मटेरियल होता है।
प्लाज्मिड
: एक्स्ट्रा क्रोमोसोमल डीएनए।
वैज्ञानिकों का योगदान
रॉबर्ट हुक
: 1665 में डेड सेल की खोज की।
रॉबर्ट ब्राउन
: 1831 में न्यूक्लियस की खोज की।
सेल थ्योरी
स्क्लेडन और स्वान
द्वारा प्रस्तुत।
रूडोल्फ विर्चो ने इसमें योगदान दिया कि हर सेल पहले से मौजूद सेल से बनता है।
समापन
इस लेक्चर में सेल की संरचना, कार्य और महत्त्व पर चर्चा हुई।
आने वाले लेक्चर में सेल साइकिल और सेल डिवीजन पर चर्चा की जाएगी।
यह सीरीज छात्रों के लिए एक उपयोगी संसाधन के रूप में कार्य करेगी।
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