[संगीत] तो आज की वीडियो में हम लोग बात करेंगे अपने फिजिकल पैरामीटर्स फॉर बैक्टीरियल ग्रोथ के बारे में एंड उसके बाद हम लोग देखेंगे अपने बैक्टीरियल ग्रोथ कर्व को तो काफी छोटा एंड सिंपल सा टॉपिक है आप लोग कॉपी और पेन लेके बैठ जाइए और हम लोग अपना आज का वीडियो स्टार्ट करते हैं तो बात करें हम लोग यहां पे फिजिकल पैरामीटर्स फॉर बैक्टीरियल ग्रोथ के बारे में तो देखो सबसे पहले तो आप लोग ये समझो कि इससे मिलता जुलता टॉपिक आप लोग ऑलरेडी भी पढ़ चुके हो जो कि हमारा था न्यूट्रिशनल रिक्वायरमेंट फॉर बैक्टीरिया लेकिन देखो यहां पे ये टॉपिक उससे बिल्कुल अलग है क्योंकि न्यूट्रिशनल रिक्वायरमेंट में हम लोगों ने देखा था कि जो हमारा बैक्टीरिया है उसकी क्या-क्या न्यूट्रिशनल रिक्वायरमेंट होती है मतलब उसको कौन-कौन से न्यूट्रिशन चाहिए होते हैं जबकि यहां पर हम लोग बात करेंगे फिजिकल पैरामीटर्स के बारे में जैसे कि हमारा टेंपरेचर पीएच ठीक है तो ये सारी चीजें हमारे फिजिकल पैरामीटर्स के अंदर आ जाती हैं तो यहां पे जैसे कि हम लोग देखेंगे कि कौन-कौन सी चीजें हैं जो कि बैक्टीरिया की ग्रोथ को अफेक्ट कर सकती हैं जैसे इसको यहां पे एक एक और नाम से भी जानते हैं हम लोग फैक्टर्स अफेक्टिंग बैक्टीरियल ग्रोथ तो आपके एग्जाम में कभी-कभी इस नाम से क्वेश्चन भी आता है तो दोनों चीजें एकदम सेम है हम लोग बेसिकली देखेंगे क्या कि देखो ये जो हमारा कल्चर मीडिया होता है तो इसके अंदर जब हम लोग बैक्टीरिया को ग्रो कराते हैं तो ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं जो इस बैक्टीरिया की ग्रोथ को अफेक्ट कर सकती है यानी हो सकता है कि अ आप लोग अगर फेवरेबल एनवायरमेंट दे दो तो बैक्टीरिया की ग्रोथ ज्यादा हो जाए और अगर मान लो उसके फेवरेबल एनवायरमेंट नहीं है तो बैक्टीरिया की ग्रोथ कम हो जाए तो ये सारी चीजें कुछ होती हैं जैसे इसके अंदर हमारे बहुत सारे फैक्टर्स आ जाते हैं जैसे हमारा न्यूट्रिशनल कंसंट्रेशन हो गया फिर हमारा टेंपरेचर हो गया गैसियस कंसंट्रेशन हो गया पीएच हो गया आयस एंड सॉल्टस कंसंट्रेशन हो गया और फिर हमारा वाटर हो गया तो ये सारे हमारे कुछ फिजिकल पैरामीटर्स होते हैं जो कि बैक्टीरिया की ग्रोथ को अफेक्ट करते हैं जैसे इसमें सबसे पहले हम लोग बात करते हैं अपने न्यूट्रिशन कंसंट्रेशन के बारे में तो यहां पे देखो न्यूट्रिशन कंसंट्रेशन क्या है सिंपल सी बात है बैक्टीरियल ग्रोथ इज डायरेक्टली डिपेंड्स ऑन द अवेलेबल न्यूट्रिएंट्स इफ कल्चर मीडिया इज रिच इन न्यूट्रिएंट्स ग्रोथ ऑफ बैक्टीरिया अकर्स फास्टर एंड वाइस वर्सा देखो कितनी सिंपल सी बात है कि ये जो हमारा कल्चर मीडिया है इसमें हम लोग जितना ज्यादा न्यूट्रिएंट्स वगैरह डालेंगे ठीक है यानी जिस बैक्टीरिया को ग्रो करा रहे हैं उसके हिसाब से जितना ज्यादा न्यूट्रिएंट होगा उतना ज्यादा ही तो बैक्टीरिया ग्रो करेगा और जितना कम होगा उतना कम करेगा तो अगर रिच है तो हमारी ग्रोथ ऑफ बैक्टीरिया फास्टर होगी और अगर कम है तो स्लोअर होगी वाइस वर्सा एंड उसके बाद यहां पे न्यूट्रिशनल रिक्वा वरीज विथ बैक्टीरिया स्पेज अब देखो यहां पर जैसे ऐसा तो है नहीं कि हर बैक्टीरिया को सेम तरह का न्यूट्रिशन ही चाहिए होता है जैसे हम लोगों ने बहुत ही अलग-अलग हमारे कल्चर मीडिया देखे थे तो जिस तरह का बैक्टीरिया होगा उस तरह का हमें न्यूट्रिशन देना पड़ेगा है ना जैसे कुछ कुछ को ब्लड ज्यादा चाहिए होता है कुछ कुछ को यहां पर और चीजें ज्यादा चाहिए होती है तो उस हिसाब से हम लोग देते हैं एंड सेकंड फैक्टर की बात करें तो हमारा आ जाता है टेंपरेचर अब देखो टेंपरेचर आप लोग थोड़ा ध्यान से समझना वैसे तो काफी इजी है बट टेंपरेचर आल्सो प्लेज एन इंपोर्टेंट रोल हमारा बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है अच्छा यहां पे ध्यान से देखना द टेंपरेचर एट व्हिच बैक्टीरियल ग्रोथ इज मैक्सिमम नोन एज ऑप्टिमम टेंपरेचर देखो यहां पे आप लोग हम लोगों ने ग्रोथ और टेंपरेचर का ग्राफ बनाया ठीक है बैक्टीरिया ग्रोथ और टेंपरेचर का तो देखो यहां पे देखो ऑप्टिमम टेंपरेचर क्या होता है हमारा वो टेंपरेचर जहां पे बैक्टीरिया की ग्रोथ मैक्सिमम होती है देखो ध्यान से समझना देखो ये ये जो पॉइंट है ये हमारा है ऑप्टिमम टेंपरेचर और यहां पे आप लोग देखो तो हमारे बैक्टीरिया की ग्रोथ देखो मैक्सिमम हो रही है तो यहां पे ये हो गया ऑप्टिमम टेंपरेचर और यहां पे देखो द लोएस्ट टेंपरेचर दैट अलाउ द बैक्टीरियल ग्रोथ इज कॉल्ड एज मिनिमम टेंपरेचर देखो मिनिमम टेंपरेचर यहां पे आप लोग इस तरीके से देखो कि मिनिमम टेंपरेचर पे क्या हो रहा है मिनिमम टेंपरेचर हमारा वो टेंपरेचर होता है जो कि लोएस्ट होता है जहां पे बैक्टीरिया की ग्रोथ हो सकती है ठीक है और द हाईएस्ट टेंपरेचर दैट अलाउ बैक्टीरियल ग्रोथ इज कॉल्ड एज मैक्सिमम टेंपरेचर देखो यहां पे कई लोग कंफ्यूज हो जाते हैं मैक्सिमम और ऑप्टिमम में देखो मैक्सिमम टेंपरेचर हमारा वो टेंपरेचर होता है जहां पे बैक्टीरिया की ग्रोथ हो सकती है जहां तक देखो ये जो मैक्सिमम वाला है देखो इसके बाद कोई भी बैक्टीरिया की ग्रोथ हो रही है नहीं हो रही है यानी द हाईएस्ट टेंपरेचर दैट अलाउ द बैक्टीरियल ग्रोथ यानी ये हमारा वो हाईएस्ट टेंपरेचर होता है जहां तक हमारा बैक्टीरिया ग्रो कर सकता है देखो यहां तक ग्रो कर रहा है लेकिन इसके बाद कोई ग्रोथ है नहीं है उसी तरीके से देखो मिनिमम की बात करें तो मिनिमम के पहले कोई ग्रोथ है मिनिमम के पहले कोई ग्रोथ नहीं है यानी मिनिमम ट रेचर हमारा वो टेंपरेचर होता है जहां से बैक्टीरिया की ग्रोथ शुरू होती है और मैक्सिमम वो होता है जहां पे खत्म हो जाती है यानी अगर हम लोग बात करें तो देयर इज नो ग्रोथ बिलो मिनिमम एंड अबोव मैक्सिमम टेंपरेचर यानी अगर हम लोग मिनिमम के पहले देखें और मैक्सिमम के बाद में देखें तो कोई भी ग्रोथ नहीं होती है ठीक है देखो यहां पे मिनिमम के पहले और मैक्सिमम के बाद हमारा बैक्टीरिया ग्रो नहीं करेगा हमारा सिर्फ मिनिमम से मैक्सिमम के बीच में ग्रो करेगा और वो टेंपरेचर जहां पे बैक्टीरिया की ग्रोथ सबसे ज्यादा होगी उसको हम लोग क्या बोलेंगे उसको मैक्सिमम नहीं उसको ऑप्टिमम टेंपरेचर बोलेंगे ठीक है तो ये चीज आप लोग ध्यान रखना एंड फिर हम लोग यहां पे बात करें अपने थर्ड फैक्टर की तो ये आ जाता है हमारा यहां पे पीएच तो देखो पीएच भी हमारा बहुत इंपोर्टेंट रोल प्ले करता है ये पीएच हमारा क्या करता है बेसिकली पीएच अफेक्ट्स द आयनिक प्रॉपर्टीज यानी कि जो हमारी बैक्टीरियल सेल है उसकी आयनिक प्रॉपर्टीज को अफेक्ट करता है मोस्ट ऑफ दी बैक्टीरिया ग्रोज एट न्यूट्रल पीएच अब न्यूट्रल पीएच आप लोग को पता है क्या होता है हमारा सेन न्यूट्रल पीएच होता है तो लगभग जो है 6.5 से 7.5 के बीच को हम लोग जो है न्यूट्रल पीएच कंसीडर करते हैं तो जो ज्यादातर बैक्टीरिया होते हैं वो हमारे इसी पीएच पे ग्रो करते हैं हाउ एवर लेकिन देयर आर सर्टेन बैक्टीरिया दैट ग्रोज बेस्ट एट एसिडिक और बेसिक पीएच लेकिन यहां पे हमारे कुछ ऐसे बैक्टीरिया भी होते हैं जो कि उनको एसिडिक या फिर बेसिक एनवायरमेंट चाहिए होता है माइक्रो ऑर्गेनिस्ट म कैन बी प्लेस इन वन ऑफ द फॉलोइंग ग्रुप्स बेस्ड ऑन देयर पीएच रिक्वायरमेंट अब देखो ज जैसे कुछ बैक्टीरिया हमारे न्यूट्रल पे ग्रो कर रहे हैं कुछ हमारे एसिडिक पे ग्रो कर रहे हैं कुछ हमारे बेसिक पे ग्रो कर रहे हैं तो इन तीनों के हिसाब से हम लोग बैक्टीरिया को तीन कैटेगरी में क्लासिफाई कर सकते हैं पहला हो गया हमारा यहां पे न्यूट्रोफिल्स देखो न्यूट्रोफिल्स मतलब जो न्यूट्रल पे ग्रो करे तो न्यूट्रोफिल्स मानी यहां पे हमारा आ जाएगा पीएच 5 टू 8 तो जो बैक्टीरिया पीएच 5 टू 8 यानी पांच से आठ के बीच में ग्रो करेंगे उनको हम लोग क्या बोलेंगे न्यूट्रोफिल्स ठीक है एंड जो बैक्टीरिया हमारे जो है 5.5 के नीचे यानी आपको पता है कि एक से लेके सात तक हमारा एसिडिक पीएच होता है तो अगर हमारा लगभग 5.5 यानी थोड़ा सा ज्यादा एसिडिक वाले से नीचे ग्रो कर रहा है तो हमारा एसिडो फाइल्स हो गया और सिंपल है अगर 8.5 के ऊपर ग्रो कर रहा है तो हमारा अल्कली अल्कली क्या होता है बेस तो अल्कली फाइल्स हो गया तो सिंपल है ये तो काफी इजी था ठीक है एंड फिर हम लोग बात करें अपने आयस एंड सल्ट्स के बारे में तो ऑल बैक्टीरिया रिक्वायर्स मेटल आयस यानी देखो बैक्टीरिया को ग्रो करने के लिए बहुत सारे मेटल आयस जैसे कि के प्लस स कैल्शियम ठीक है और मैग्नीशियम और हमारा आयरन वगैरह की रिक्वायरमेंट होती है ठीक है किसलिए होती है टू सिंथेसाइज एंजाइम एंड प्रोटीन यानी कि एंजाइम एंड प्रोटीन की सिंथेसिस यानी फॉर्मेशन करने के लिए ठीक है सिंथेसिस मतलब फॉर्मेशन मोस्ट बैक्टीरिया रिक्वायर्स आइसोटोनिक और हाइपोटोनिक एनवायरमेंट अब देखो ज्यादातर जो बैक्टीरिया होते हैं उनको या तो आइसोटोनिक या तो हाइपोटोनिक एनवायरमेंट चाहिए होता है अब आइसोटोनिक हाइपोटोनिक आप लोगों को याद है हम लोगों ने फर्स्ट सेस्टर में पढ़ा था अपना आइसोटोनिक सॉल्यूशन क्या होता है ऐसा सॉल्यूशन जिसकी कंसंट्रेशन हमारी 0.9 पर वेट बाय वॉल्यूम ऑफ naac.gov.in पता है कि ऑक्सीजन और co2 यानी कार्बन डाइऑक्साइड आर द मोस्ट इंपॉर्टेंट वैसे देखो इनके अलावा भी होती है बट ये हमारी बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट गैस होती हैं जो कि बैक्टीरिया की ग्रोथ को अफेक्ट करती है ऑक्सीजन आप लोग को पता है जो हमारे एरोबिक बैक्टीरिया है एरोबिक बैक्टीरिया मतलब जो बैक्टीरिया हमारे सिर्फ और सिर्फ ऑक्सीजन की प्रेजेंस में ही ग्रो करते हैं मतलब अगर ऑक्सीजन नहीं है तो ये बैक्टर हमारे ग्रो नहीं कर सकते तो उनके लिए ऑक्सीजन हमारा कितना ज्यादा इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है तो ये सारी चीजें होती हैं और बाकी एट लास्ट में बात करें हम लोग वाटर के बारे में तो वाटर तो भाई आपको पता ही है कितना ज्यादा इंपॉर्टेंट फैक्टर हमारा है ठीक है वाटर इज द मोस्ट एसेंशियल फैक्टर फॉर बैक्टीरियल ग्रोथ तो वाटर तो बहुत इंपॉर्टेंट है य अवेलेबल वाटर इन कल्चर मीडिया डिटरमाइंस द रेट ऑफ मेटाबॉलिक एंड फिजियोलॉजिकल एक्टिविटीज ऑफ बैक्टीरिया देखो बैक्टीरिया के अंदर जो भी यहां पे फिजियोलॉजिकल और जो भी मेटाबॉलिक एक्टिविटी होती है ठीक है तो वो सारी चीजें हमारी अवेलेबल वाटर पे ही डिपेंड करती है नाउ शुगर सल्ट्स एंड ऑल अदर सब्सटेंस आर डिजॉल्ड्रिंग से ये जो हमारा कल्चर मीडिया हम लोग बनाते हैं तो कल्चर मीडिया में सबसे पहले हम लोग वाटर ही तो लेते हैं उसके बाद ही तो हम लोग जो भी बाकी न्यूट्रिएंट्स हैं वो सब इसके बाद ही तो हम लोग डालते हैं यानी वाटर हमारा एक टाइप से सॉल्वेंट का काम करता है कल्चर मीडिया के अंदर ये चीजें हम लोगों ने देखी भी थी आप लोगों को याद हो तो तो देखो ये था हमारा सिंपल से फिजिकल पैरामीटर्स और अब हम लोग फाइनली बात करते हैं अपने ग्रोथ कर्व के बारे में तो देखो ये टॉपिक ना काफी सिंपल और इजी सा है ठीक है आप लोग थोड़ा सा ध्यान देना आराम से आप लोग जाओगे देखो बेसिकली यहां पे हम लोग करेंगे क्या यहां पे हम लोग बनाएंगे एक ग्राफ ठीक है और ग्राफ किसके बीच में बनाएंगे हमारे बैक्टीरियल ग्रोथ और टाइम के बीच में ठीक है तो देखो सबसे पहले आप लोग ये समझो कि जैसे ये जो हमारा कल्चर मीडिया होता है तो यहां पे तो देखो हमारे बैक्टीरिया की ग्रोथ हो चुकी है लेकिन ऐसे थोड़ी होता है जैसे ये समझो कि मान लो हम लोगों ने कल्चर मीडिया बनाया ठीक है तो कल्चर मीडिया में जैसे हम लोगों ने सारी जो भी न्यूट्रिएंट्स वगैरह है सब डाल दिए अब हम लोगों ने इसमें क्या किया अब हम लोगों ने इसमें बैक्टीरिया का सैंपल डाला तो देखो बैक्टीरिया का सैंपल डालने के बाद इसमें तुरंत ग्रोथ नहीं स्टार्ट हो जाती है बल्कि सबसे पहले क्या होता है जो बैक्टीरिया है वो अपने आप को इस कल्चर मीडिया के माहौल के हिसाब से कह सकते हो मतलब इसके एनवायरमेंट के हिसाब से अपने आप को ढालने की कोशिश करता है तो थोड़ी देर क्या होता है लगभग कह सकते हो कि मतलब थोड़ी देर के लिए यहां पे क्या होता है कि बैक्टीरिया अपने आप को अडॉप्ट करता है ठीक है वहां पे बैक्टीरिया की कोई ग्रोथ नहीं होती है तो इस फेस को हम लोग बोलते हैं लैक फेस देखो चार फेस होते हैं बैक्टीरिया की ग्रोथ के पहला फेज जिसमें हम लोग बैक्टीरिया को डालते हैं तो वो अपने आप को अडॉप्ट करता है ठीक है फिर आता है हमारा दूसरा फेज जो कि होता है लॉक फेस इस फेस में क्या होता है इस फेस में बैक्टीरिया अपने आप को कल्चर मीडिया के हिसाब से अडॉप्ट कर चुका होता है अब कल्चर मीडिया तो आप लोगों को पता है ना कल्चर मीडिया जिसमें हम लोग बैक्टीरिया को ग्रो कराते हैं क्यों कराते हैं सब चीज हम लोगों ने लास्ट वीडियो में डिस्कस कर ली है आई होप आप लोगों ने देख ली होगी तो देखो सबसे पहले इसने अडॉप्ट किया अब लॉक फेस में क्या होगा लॉक फेस में ये हमारा मस्त ग्रो करना चालू कर देगा और इसकी ग्रोथ यहां पे पे मैक्सिमम हो जाएगी यानी अब क्या होगा अब देखो अब हमारा बैक्टीरिया इसमें बढ़िया से ग्रो करना चालू कर देगा ठीक है यानी अपने नंबर्स में मल्टीप्लाई होना चालू हो जाएगा तो यहां पे देखो यहां पे फुल बैक्टीरिया की ग्रोथ होगी मस्त एकदम यहां पे अ हम लोग बोले तो लॉक फेस में हमारे बैक्टीरिया की ग्रोथ मैक्सिमम हो जाएगी और फिर आ जाता है हमारा स्टेशनरी फेस अब स्टेशनरी फेस में क्या होगा देखो पहले क्या हुआ पहले बैक्टीरिया आया फिर यहां पे क्या हुआ बैक्टीरिया ने सारे न्यूट्रिशन को एब्जॉर्ब किया ठीक है और उसको यहां पे ग्रो करना चालू कर दिया अब देखो धीरे-धीरे क्या हो रहा है कि हमारा जो न्यूट्रिएंट्स था कल्चर मीडिया में वो बैक्टीरिया खत्म कर र है है ना वो अब्जॉर्ब कर र है तभी तो ग्रो कर रहा है और जैसे-जैसे अब्जॉर्ब करेगा वैसे-वैसे हमारे कल्चर मीडिया के अंदर जो न्यूट्रिएंट्स हैं वो थोड़ा कम होते चले जाएंगे और जैसे-जैसे कम होंगे तो क्या होगा देखो स्टेशनरी फेस में बेसिकली होता क्या है इसमें जितने बैक्टीरिया हमारे ग्रो करते हैं जैसे जितने न्यू बैक्टीरिया फॉर्म होते हैं उतने ही ओल्ड बैक्टीरिया खत्म भी होते हैं देखो ऐसे समझो ना कि जैसे इसके अंदर न्यूट्रिशन जब धीरे-धीरे खत्म होना चालू हो जाएगा तो कुछ बैक्टीरिया हमारे किल होना भी तो चालू हो जाएंगे यानी कुछ बैक्टीरिया की डेथ होना भी चालू हो जाएगी लेकिन अभी भी कुछ बैक्टीरिया हमारे नए भी बन रहे होंगे ठीक है यानी मल्टीप्लिकेशन भी चल रहा है और डेथ भी चल रही है तो यहां पे होता क्या है कि जितने बैक्टीरिया हमारे किल हो रहे हैं जितने बैक्टीरिया की डेथ हो रही है उतने ही नए बैक्टीरिया फॉर्म हो रहे हैं तो यहां पे कांस्टेंट बना रहता है मतलब बैक्टीरिया नंबर की बात करें तो ना ही बढ़ता है ना ही घटता है तो इस फेस को हम लोग क्या बोलते हैं स्टेशनरी फेस और उसके बाद आ जाता है हमारा यहां पे फेस या फिर इसको बोलते हैं डिक्लाइन फेस देखो अब क्या होता है अब यहां पे हमारे बैक्टीरिया ने पूरी तरीके से इसके कल्चर मीडिया के अंदर जितने भी न्यूट्रिएंट्स थे सबको पूरी तरीके से खत्म कर दिया ठीक है तो अब क्या हो चुका है कि न्यूट्रिएंट खत्म हो चुके हैं तो जब न्यूट्रिएंट खत्म हो चुके हैं तो बैक्टीरिया सरवाइव कैसे करेगा तो यहां पे हमारे बैक्टीरिया डेथ होना चालू हो जाते हैं और फिर बहुत ही कम नंबर ऑफ बैक्टीरिया यहां पे हमें देखने को मिलते हैं तो देखो ये होता है कल्चर मीडिया के अंदर बैक्टीरिया का ग्रो तो इसी चीज को हमें एक ग्राफ में दिखाना है तो कैसे दिखाएंगे बहुत ही सिंपल सिंपल है तो इसको हम लोग देखें तो यहां पे ध्यान से देखना व्हेन वी पोर बैक्टीरिया इनटू कल्चर मीडिया देन इट सोज अ डेफिनेट ग्रोथ पैटर्न इन दैट मीडियम यानी जब हम लोग बैक्टीरिया को इस कल्चर मीडियम में डालते हैं तो वो एक डेफिनेट ग्रोथ दिखाता है कैसे दिखाता है अ देखेंगे अ बैक्टीरियल ग्रोथ कर्व इज नथिंग बट द ग्राफ प्लॉटेड बिटवीन बैक्टीरियल काउंट इन दैट कल्चर मीडिया विद रिस्पेक्ट टू टाइम देखो सिंपल सी बात है यहां पे ये सारी चीजें टाइम के साथ ही तो हो रही है तो हम लोग क्या करेंगे हम लोग टाइम के साथ यानी जैसे-जैसे टाइम बढ़ता जाएगा ठीक है देखो जैसे-जैसे टाइम इधर से बढ़ता जाएगा तो वैसे-वैसे हम लोग दिखाएंगे कि ये बैक्टीरिया की ग्रोथ किस तरीके से बढ़ रही है जैसे यहां पे देखो पहले थोड़ा टाइम बढ़ा तो बैक्टीरिया की रोत बहुत बढ़ी फिर बढ़ा तो कांस्टेंट हो गई और फिर और बढ़ा तो यहां पे कम होने लग गई तो वही चीज हमें दिखानी है द बैक्टीरियल ग्रोथ कर्व कंसिस्ट ऑफ फोर फेज देखो इसके अंदर चार फेस होते हैं पहला हो गया लैक फेस दूसरा हो गया लॉग तीसरा हो गया स्टेशनरी चौथा हो गया डिक्लाइन देखो वही चीज तो है लैग लॉग स्टेशनरी और डिक्लाइन तो यहां पे देखो ये हम लोग ग्राफ देखते हैं सिंपली बहुत ही सिंपल है आप लोग बहुत आराम से समझ सकते हो बस ध्यान से थोड़ा देखना देखो इस ग्राफ को आप लोग ध्यान से देखो यहां पे आप लोग ध्यान से देखो सबसे पहले क्या हो रहा है ये हमारा देखो इतना पोर्शन हमारा लैक फेस है देखो लैक फेस में देखो ये टाइम है ठीक है और ये बैक्टीरियल काउंट है तो यहां पे देखो लैक फेस में क्या हो रहा है कोई भी बैक्टीरियल काउंट बढ़ रहा है देखो यहां पे हमारा ग्राफ बिल्कुल स सिंपल चल रहा है है ना यहां पे कोई भी बैक्टीरियल काउंट नहीं बढ़ रहा है देखो टाइम आगे बढ़ गया बट बैक्टीरिया नहीं बढ़ा तो लॉक फेस यानी कि लैक फेस ठीक है यानी यहां पे बैक्टीरिया अपने आप को ग्र मतलब अपने आपको को अडॉप्ट कर रहा है एनवायरमेंट के हिसाब से और फिर आ जाता है हमारा लॉक फेस देखो लॉक फेस में बैक्ट देखो ये बिल्कुल एकदम एक्सपो शियल ग्रोथ ठीक है एकदम स्ट्रेट लाइन में ग्रोथ हो रही है देखो यहां पे क्या हुआ टाइम जैसे-जैसे बढ़ा बैक्टीरियल काउन देखो मैक्सिमम पे चला गया यहां पे देखो ये कितना आगे बढ़ गया तो ये हो गया हमारा लॉक फेस फिर आ जाता है हमारा स्टेशनरी फेस देखो अब यहां पे देखो यहां तक आने के बाद क्या हुआ बैक्टीरिया की ग्रोथ कांस्टेंट हो गई ठीक है अब ना तो यहां से बढ़ रही है ना तो घट रही है तो यहां पे स्टेशनरी फेस आ गया और फिर आ गया हमारा डिक्लाइन फेस तो देखो डिक्लाइन फेस में क्या हुआ जैसे-जैसे और टाइम आगे बढ़ा वैसे-वैसे वेक्टर की ग्रोथ कम होना चालू हो गई देखो ये कम होना चालू हो गई कम होना चालू हो गई फिर एकदम कम हो गई तो यह था हमारा यहां पे सिंपल से चार फेस अब इनके बारे में थोड़ा-थोड़ा सा हमें जो है लैंग्वेज के फॉर्म में एक्सप्लेन कर देना है जैसे कि अ जैसे कि हम लोग लैक फेस की बात करें तो यहां पे देखो जनरली मल्टीप्लिकेशन ऑफ बैक्टीरिया डज नॉट बिगिन इमीडिएट आफ्टर द इंट्रोडक्शन इन कल्चर मीडिया यानी हम लोग जैसे बैक्टीरिया को कल्चर मेड में डालते हैं तो तुरंत नहीं ग्रो करता है इन द लैक फेज द बैक्टीरिया अडॉप्ट्स इट सेल्फ टू द न्यू एनवायरमेंट यानी इसमें क्या होता है बैक्टीरिया अपने न्यू एनवायरमेंट के हिसाब से अपने आप को अडॉप्ट करता है ड्यूरिंग दिस फेज द एंजाइम्स एंड इंटरमीडिएट मेटाबोलाइज्ड बिल्ड अप व्हिच आर रिक्वायर्ड फॉर मल्टीप्लिकेशन यानी इस फेस में होता क्या है जो भी बैक्टीरिया को एंजाइम्स और मेटाबोलाइज्ड होते हैं ठीक है अपने मल्टीप्लिकेशन के लिए मल्टीप्लिकेशन करता है तभी तो ग्रो करता है है ना तो उसके लिए कुछ एंजाइम्स और मेटाबोलाइज्ड फिर आता है हमारा यहां पे लॉक फेस तो लॉक फेस देखो क्या होता है लॉक फेस बहुत ही सिंपल है इट इज अ ग्रोथ पीरियड ऑफ बैक्टीरियल सेल्स इन कंचर मीडियम यानी ये हमारे बैक्टीरिया का ग्रोथ पीरियड होता है ड्यूरिंग दिस फेस देयर इज एन एक्सपो शियल इंक्रीज इन द नंबर ऑफ बैक्टीरिया यानी इस फेस में बैक्टीरिया हमारा सबसे ज्यादा ग्रो करता है एक्सपोसिस इंक्रीज यानी एक्सपोसिस मतलब बिल्कुल स्ट्रेट लाइन में इंक्रीज करता है ठीक है रिप्रोडक्शन एंड ग्रोथ ऑफ बैक्टीरिया आर एट देयर हाईएस्ट लेवल इन दिस फेस यानी यहां पे सबसे ज्यादा ग्रोथ होती है बैक्टीरिया की ठीक है और फिर आ जाता है हमारा यहां पे स्टेशनरी फेस तो स्टेशनरी में देखो क्या होता है ड्यूरिंग दिस फेस द रेट ऑफ ग्रोथ ऑफ सेल्स बिकम इक्वल टू रेट ऑफ इट्स डेथ यानी जितने नए बन रहे हैं उतने ही डेथ भी हो रहे हैं तो यहां पे इक्वल हो जाता है ठीक है कांस्टेंट हो जाता है इन दिस फेस न्यूट्रिएंट्स गेट एग्जॉस्ट एंड टॉक्सिक प्रोडक्ट्स गेट एक्यूमर देखो इस फेस में होता क्या है बेसिकली कि हमारे जो न्यूट्रिएंट्स हैं वो धीरे-धीरे खत्म होना चालू हो जाते हैं ठीक है और देखो जो बैक्टीरिया मर रहे हैं तो वो वेस्ट प्रोडक्ट हो जा रहे हैं तो वो भी एक्युमटिका मतलब इकट्ठा होना ठीक है द टोटल नंबर ऑफ लिविंग सेल्स बिकम कांस्टेंट इन दिस फेस यानी यहां पे देखो क्या होता है जितने बैक्टीरिया हमारे हैं उतने ही रहते हैं ठीक है इनका नंबर यहां पे नहीं बढ़ता है बल्कि कुछ डेथ हो रहे है कुछ नए बन रहे हैं लेकिन नंबर टोटल बराबर ही हो रता है ठीक है कांस्टेंट हो जाता है एंड फिर आ जाता है हमारा डिक्लाइन फेज तो देखो डिक्लाइन फेस तो बहुत ही सिंपल है इट इज आल्सो नोन है जिसको हम लोग डेथ फेज के नाम से भी जानते हैं इन डिक्लाइन फेज द बैक्टीरियल पॉपुलेशन स्टार्टस डिक्रीजिंग ड्यू टू प् डेथ ऑफ सेल्स अब यहां पर देखो क्या होता है न्यूट्रिन लगभग बिल्कुल खत्म हो चुका है तो बैक्टीरिया बिल्कुल डेथ होना चालू हो जाते है द डिक्लाइन फेस स्टार्टस ड्यू टू एग्जॉशन देखो यहां पे बिल्कुल न्यूट्रिएंट्स एग्जॉस्ट हो चुके हैं एंड एक्यूमेन और यहां पे बहुत सारे टॉक्सिक प्रोडक्ट्स एक्यूमिनेट होना चालू हो जाते हैं तो कुछ इस तरीके से हमें देखने को मिलता है हमारे बैक्टीरियल ग्रोथ का ग्राफ आई होप कि आप लोग को आज का वीडियो समझ में आ गया होगा एंड नोट्स काफी लंबी है माइक्रो बायोलॉजी की तो होप फुली कल तक आप लोग को जरूर देखने को मिल जाएगी और मिलते हैं हम लोग यहां पर नेक्स्ट वीडियो में थैंक यू सो मच