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मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो...

नमस्कार दोस्तों क्या होता अगर मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो मैंने अपने बहुत से वीडियोस में अलग-अलग मुद्दों पर सरकार की आलोचना करी है जहां-जहां मुझे लगा कि कुछ गलत हुआ है वहां वहां सवाल उठाया है लेकिन एक सवाल तो यह भी बनता है कि अगर मैं सरकार की जगह होता तो मैं क्या करता देखो वैसे तो अभी के लिए पॉलिटिक्स में आने में मेरी ऐसी कोई ख्वाहिश नहीं है लेकिन अगर हमें देश को सही मायनों में बहतर बनाना है तो इस सवाल पर विस्तार में बात करनी जरूरी है क्योंकि सपने पूरे होने के लिए हमें पहले सपने देख खना जरूरी है कैसा होगा हमारे सपनों का देश उसके लिए क्या कुछ किया जाना चाहिए आइए जानते हैं आज के स्पेशल वीडियो में मैं ध्रुव राठी सत्य निष्ठा के साथ शपथ लेता हूं कि विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा तथा मैं भय और पश पात अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा जब हम देश को स्वर्ग बनाने की बात करते हैं दोस्तों तो अंग्रेजी में इसके लिए एक शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है प्रोस्पेरिटी और प्रोस्पेरिटी की बात करते हुए इंग्लिश में हमेशा कहा जाता है पीस एंड प्रोस्पेरिटी क्योंकि प्रोस्पेरिटी बिना पीस के नहीं मिल सकती पीस यानी शांति और सेफ्टी यह किसी भी देश की नीव की तरह है इसके कई सारे अलग-अलग हिस्से हो सकते हैं जैसे कि पहला बॉर्डर सिक्योरिटी अगर कोई दूसरा देश हमारे देश के खिलाफ जंग पर जाए या हमारे बॉर्डर्स को इफिट्रेस करने की कोशिश करें तो हमारी डिफेंस फोर्सेस फाइट बैक करें और हमारी सेफ्टी इंश्योर करें दूस दूसरा हो सकता है आतंकवादी हमलों से सेफ्टी साल 2001 में हमने देखा पार्लियामेंट पर टेरर अटैक 2008 में मुंबई टेरर अटैक 2015 में गुरदासपुर आतंकवादी हमला 2019 में पुलवामा हमला 2023 में जयपुर मुंबई एक्सप्रेस टेरर अटैक और हाल ही में हमने देखा रियासी आतंकवादी हमला जहां पर नौ लोगों ने अपनी जान खोई इन्हीं पिछले कुछ दिनों में डोडा और कठुआ में भी आतंकवादी हमले देखने को मिले जहां पर कितने ही लोगों ने अपनी जान ख पिछले साल अगस्त के महीने में होम मिनिस्ट्री ने राज्यसभा में एक स्टेटमेंट रिलीज करी थी कि पिछले 5 सालों में 761 आतंकवादी हमले देखने को मिले जम्मू एंड कश्मीर में जिसकी वजह से 174 लोग मारे गए हमें इन सभी तरीकों के आतंकवाद से सेफ्टी चाहिए तीसरा है दंगे धर्म के नाम पर या एथनिक के नाम पर क्लैशेस जैसे कि 2020 में दिल्ली के दंगे हुए 2022 में उस वक्त के मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर होम अफेयर्स नित्यानंद राय ने एनसीआरबी डाटा के अनुसार बताया कि 2017 और 2021 के बीच में 2900 से ज्यादा कम्यून और रिलीजस राइटिंग के केसेस रजिस्टर किए गए थे देश में फरवरी के महीने में मणिपुर के गवर्नर ने बताया 219 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं 10000 से ज्यादा एफआईआर रजिस्टर कराई जा चुकी हैं और 60000 से ज्यादा लोग डिस्प्लेस हो चुके हैं अपने ही देश में हमें सेफ्टी चाहिए रिलीजस राइट्स और एथनिक क्लैशेस से चौथा है लिंचिंग्स कभी धर्म के नाम पर तो कभी हुई जहां पर whatsapp2 साधू और उनके ड्राइवर्स को मारा गया या फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद आजम की लिंचिंग कर्नाटका में हमें सेफ्टी चाहिए लिंचिंग से पांचवा है क्राइम क्या आप जानते हैं एनसीआरबी डाटा के अनुसार साल 2022 में 2852 मर्डर केसेस रजिस्टर किए गए थे पूरे देश भर में इसका मतलब है ऑन एवरेज हर दिन 78 मर्ड केसेस लेकिन मर्डर इकलौता क्राइम नहीं है हमें हिट एंड रन और रोड रेज के केसेस देखने को मिलते हैं जैसे कि पुणे पश का केस एक ओवर स्पीडिंग गाड़ी ने दो लोगों को कुचल दिया डेकन हेराल्ड की इस जनवरी की रिपोर्ट को देखिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज के अनुसार 6738 7 हिट एंड रन केसेस देखे गए इंडिया में इनमें से 3486 केसेस में लोगों की मौत हुई सोच कर देखो हर साल करीब 300 लोग मारे जा रहे हैं देश भर में सिर्फ गाड़ियों की वजह से सिर्फ रैश ड्राइविंग की वजह से छटा है एक्सीडेंट्स और भी अलग-अलग तरीके के एक्सीडेंट्स होते हैं इसके अलावा कुछ हफ्ते पहले की दैनिक भास्कर की रिपोर्ट की ये हेडलाइन देखो ना जांच ना ऑडिट देश की बड़ी इमारतों में ढाई साल में 1177 जाने गई 2021 की टाइम्स ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट को भी देखो इंडिया में हर दिन कम से कम दो लोग मरते हैं ओपन पिट्स और मैन होल्स की वजह से एनसीआरबी डाटा के अनुसार 2015 और 2020 के बीच में टोटल में 5393 लोगों ने अपनी जान खोई गड्ढों में गिरकर फिर है रेलवे एक्सीडेंट्स कहीं पर ट्रेनों की डिरेलमेंट हो जाती है तो कहीं पर टकराव होता है पिछले साल हमने देखा सबसे भयानक ट्रेन एक्सीडेंट जहां पे ऑलमोस्ट 300 लोगों की जान गई डेटा के अनुसार पिछले 60 सालों में नंबर ऑफ रेलवे एक्सीडेंट्स धीरे-धीरे कम होते गए हैं जो कि अच्छी चीज है लेकिन टेक्नोलॉजी जितनी तेजी से इंप्रूव हुई है उस हिसाब से तो आज के दिन ऑलमोस्ट जीरो रेलवे एक्सीडेंट्स देखने को मिलने चाहिए थे हमें और ट्रेनों का एक्सीडेंट्स तो छोड़ो जानते हो कितने लोग अपनी जान खोते हैं हर साल रेलवे ट्रैक्स को क्रॉस करते हुए जनवरी 2024 में गवर्नमेंट रेलवे पुलिस ने यह डाटा प्रोवाइड किया टोटल 2590 लोगों ने अपनी जान खोई मुंबई सब अर्बन रेलवे ट्रैक्स में सिर्फ साल 2023 में यानी कि सिर्फ मुंबई लोकल ट्रेंस की बात करें तो ऑन एवरेज हर दिन सात लोग मारे जा रहे हैं ट्रेनों से नीचे गिर के या रेलवे क्रॉसिंग करते हुए कभी सड़क पर चलते-चलते लोग गड्ढों में गिर करर मर जाते हैं तो कभी कोई गाड़ी आकर उन्हें कुचल जाती है तो कभी रेलवे ट्रैक्स क्रॉस करते वक्त लोगों की जाने चली जाती है तो कभी कोई ब्रिज टूटकर नीचे गिर जाता है 2022 में हमने गुजरात में मोरबी ब्रिज को लैप्स देखा जहां पर 135 लोगों ने अपनी जान खोई कहीं पर इलीगली लगाई हुई होर्डिंग नीचे गिर जाती है और उसकी वजह से लोग मरते हैं जैसे कि मुंबई में हमने देखा जहां 16 लोगों की मौत हुई इस होर्डिंग के डायमेंशन 120 बा 120 फीट थे जो कि परमिस बल डायमेंशन 40 फीट बा 40 फीट से कहीं ज्यादा था और कहीं पर तो खराब दवाइयों की वजह से ही उनकी मौत हो रही है 2019 में 12 बच्चों की मौत हुई क्योंकि लेजली उन्होंने टॉक्सिक कफ सिर्फ पी लिया था जम्मू में सोच कर देखो दोस्तों एक आम इंसान की जिंदगी की कीमत आखिर इतनी सस्ती क्यों है मैं अगर प्रधानमंत्री हूं तो मैं इस धारणा को बदलूंगा किसी भी आम इंसान की जान की कीमत उतनी ही होनी चाहिए जितनी कि मेरी यानी भारत के प्रधानमंत्री की हमारा देश 1947 में आजाद हो गया था 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ लेकिन आज 2024 में भी कई लोग ऐसे हैं जिनके दिमाग में वही कॉलोनियलिज्म वही फ्यूड इज्म भरा हुआ है इन लोगों के लिए बात हजम करनी बड़ी मुश्किल है कि एक आम मजदूर की एक गरीब मजदूर की जान की वही कीमत कैसे हो सकती है जो भारत के प्रधानमंत्री या किसी बड़े अरबपति सेठ की जान की कीमत है लेकिन जरा सोच कर देखिए चाहे आप प्रधानमंत्री हो या कोई बड़े अरबपति सेठ हो या कोई गरीब मजदूर या एक मिडिल क्लास आदमी अपने परिवार के लिए तो हर कोई उतना ही खास होता है ना और संविधान की नजरों में भी ऐसा ही होता है हमारे संविधान का आर्टिकल 14 है राइट टू इक्वलिटी जिसके मुताबिक कानून की नजरों में हर कोई बराबर है और सेकें देश में रहने वाले हर एक इंसान को लॉ की इक्वल प्रोटेक्शन मिलेगी मैं इंश्योर करूंगा प्रधानमंत्री होने के नाते कि इस चीज को इंप्लीमेंट किया जाए सेफ्टी और सिक्योरिटी हर किसी के लिए हो क्योंकि जान है तो जहां है आप पूछोगे लेकिन मेरे पास एगजैक्टली सलूशन क्या है अभी तक तो मैं सिर्फ प्रॉब्लम्स ही गिनाए जा रहा हूं लेकिन सच बात यह है दोस्तों कि सॉल्यूशन की पहली स्टेप यही है प्रॉब्लम को डायग्नोज करना जब आप बीमार होते हैं और डॉक्टर के पास जाते हैं बीमारी को ठीक कराने के लिए तो डॉक्टर सबसे पहली चीज क्या करता है देखता है कि एगजैक्टली कौन सी बीमारी है आपको आपकी प्रॉब्लम का का डायग्नोसिस लेता है वो क्योंकि जब तक बीमारी नहीं पता होगी तब तक दवाई देने का कोई फायदा नहीं है 99 पर केसेस में अगर आप कोई भी दवाई दे दोगे तो उससे प्रॉब्लम सॉल्व नहीं होएगी यही चीज आपकी जिंदगी के लिए भी एप्लीकेबल है जो भी चैलेंज आप अपनी लाइफ में फेस कर रहे हो उन्हें ओवरकम करने के लिए सबसे पहली स्टेप है उन्हें आइडेंटिफिकेशन रहना स्ट्रेस्ड फील करना डिप्रेस्ड फील करना इन सब चीजों की रूट कॉज हो सकती है खराब टाइम मैनेजमेंट इन प्रॉब्लम से मैं भी सफर करता था लेकिन फिर मैंने अपना एक प्रॉपर सिस्टम बनाया इनसे डील करने का एक ऐसा सिस्टम जिसे मैंने एक्सप्लेन किया है अपने टाइम मैनेजमेंट और प्रोडक्टिविटी कोर्स में यही सिस्टम वो राज है जिसकी वजह से मैं पिछले कई सालों से इस लेवल की कंसिस्टेंसी मेंटेन कर पाया हूं रेगुलरली हफ्ते भर हफ्ते उसी एफिशिएंसी के साथ ये वीडियोस बनाते रहना चाहे मैं घर में हो या दुनिया में ट्रेवल कर रहा हूं प्रोडक्टिविटी के साथ-साथ अब अपने हैप्पीनेस लेवल्स को भी मैक्सिमाइज करना ये चीज मैंने डिटेल में समझाई है इस कोर्स में दिए गए असाइनमेंट्स को करने के बाद आप रिव्यूज में देख सकते हो बहुत सारे लोगों ने एक ट्रांसफॉर्मेशन देखा है अपनी जिंदगी में अगर आप उन लोगों में से हो जो अपनी जिंदगी में सोशल लाइफ हॉबीज और हेल्थ के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं और प्रोक्रेस्टिनेशन का शिकार हैं तो ये कोर्स आपके लिए है इसका लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा या फिर आप इस क्यूआर कोड को भी स्कैन कर सकते हैं और आप में से पहले हजार लोगों के लिए ये कूपन कोड पीएम 40 40 पर ऑफ पाने के लिए इसको कोर्स को लेकर सबसे बड़ी कंप्लेंट लोगों की ये रही थी कि ये कोर्स सिर्फ इंग्लिश लैंग्वेज में ही क्यों अवेलेबल है तो यहां भी एक खुशखबरी देना चाहूंगा अगस्त 2024 में इस कोर्स का हिंदी वर्जन भी रिलीज किया जाएगा आप में से जो लोग इस कोर्स को ऑलरेडी खरीद चुके हैं या फिर इस वीडियो को देखने के बाद खरीदेंगे उन सबके लिए हिंदी वर्जन कंपलीटली फ्री होगा ध्रुव राठी अकेडमी पर आप इसे फ्रीली एक्सेस कर पाएंगे अगस्त के महीने के बाद से तो जाकर चेक आउट कर सकते हैं और अब टॉपिक पर वापस आते हैं दूसरा स्टेप आता है इसके बाद प्रॉब्लम को एक्सेप्ट करना और तीसरा स्टेप फिर आता है एक्शन लेना प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए सही एक्शन लेना सही दवाई देना ज्यादातर केसेस में ज्यादातर पॉलिटिशियन इन पहली दो स्टेप्स को इग्नोर कर देते हैं वो अपने भाषण देते हैं हवाहवा में कि बच्चे देश का भविष्य है नारी शक्ति का सम्मान जनता जनार्दन है ऐसी-ऐसी बातें करते हैं लेकिन प्रॉब्लम को कभी डायग्नोज नहीं करेंगे कभी उसकी बात नहीं करेंगे और कभी एक्सेप्ट नहीं करेंगे प्रॉब्लम सरकार में बैठे बहुत से पॉलिटिशियन प्रॉब्लम्स को बस कारपेट के नीचे सरकाना जानते हैं कि कहीं हमारी स्टेट का क्राइम रेट ज्यादा ना दिख जाए इसलिए कुछ केसेस में एफआईआर ही मत लिखो 2018 की इस न्यूज़ को देखिए शाह जहाना आपु में 28 साल की एक औरत ने अपने ऊपर आग लगा दी उसके हस्बैंड ने अलज किया कि विनय कुमार नाम के एक आदमी ने उसका रेप किया था और पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया था उसकी वजह से उसने आत्महत्या करी 2019 की इस न्यूज़ को देखिए जब पुलिस वालों ने गैंग रेप पर एफआईआर करने से मना कर दिया तो लड़की ने आत्महत्या कर ली यूपी के बदाओ में पिछले साल 2023 की न्यूज़ रामपुर में 32 साल की विडो ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली जब पुलिस ने उसकी एफआईआर रजिस्टर करने से मना कर दी कुछ नेता तो इस हद तक गिर जाते हैं कि अगर किसी जर्नलिस्ट ने किसी क्राइम की खबर को एक्सपोज कर दिया तो उस जर्नलिस्ट को उठाकर ही जेल में डाल दो पिछले एक वीडियो में मैंने बात करी थी अंकिता भंडारी के मर्डर केस की जहां पर पुलिस ने हिंदी न्यूज़पेपर जागो उत्तराखंड के एडिटर आशुतोष नेगी को ही जेल में डाल दिया अरेस्ट कर लिया क्योंकि वो बड़े करीबी से इस केस को रिपोर्ट कर रहे थे इन्हीं सब चीजों की वजह से नेशनल फैमिली हेल्थ स जो कि एक सरकारी सर्वे है हमें बताता है बार-बार ओवर द इयर्स कि औरतों के खिलाफ जो क्राइम है वो एक बहुत बड़े स्केल पर अंडर रिपोर्टेड है कई सारी स्टेट्स में पुलिस एफआईआर ही नहीं दर्ज करती जो लोग इन प्रॉब्लम्स की बात करते हैं उन्हें धमकाया जाता है उन्हें पेसिम मिस्टिक कहा जाता है कभी एंटी नेशनल कभी फॉरेन फंडेड कहा जाता है और यह सारी डॉग विसलिंग ऊपर से होती है लेकिन अगर मैं प्रधानमंत्री हूं तो मैं लोगों को कहूंगा स्पीक अप अपनी आवाज उठाओ मैं मीडिया को कहूंगा अपनी आवाज उठाओ रिपोर्ट करो इ सारे सेफ्टी इश्यूज पर जो देखने को मिल रहे हैं यह सारे क्राइम के इंसीडेंट्स टेररिज्म के इंसीडेंट्स कम्युलस एथनिक लैशेस लिंचिंग्स ये सारे केसेस जहां लोग गड्ढों में गिर करर मर रहे हैं कभी टूटे हुए ब्रिजे के नीचे आकर मर रहे हैं तो कभी खराब दवाइयों की वजह से मर रहे हैं इन सब चीजों पर रिपोर्ट करो और डरो मत क्योंकि मैं आपको बचा हंगा क्योंकि मैं जानता हूं इन प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने की पहली स्टेप है इन प्रॉब्लम्स को डायग्नोज करना तो क्या मीडिया को आपसे डरना चाहिए पहली बात है अगर उनको किसी से डर लगता है तो एक क्षेत्र छोड़ चाए लोकतंत्र में मीडिया अगर ताकतवर नहीं होगा तो लोकतंत्र चलेगा नहीं और ऐसा डरपोक मीडिया देश को नहीं चाहिए भाग जाने वाला नहीं चाहिए मीडिया मजबूत मीडिया चाहिए डर डट कर के खड़ा रहे कितना ही बड़ा तिसमार खा के राजनेता आया हु तो भी खड़ा रहे ऐसा मीडिया चाहिए भागने वाली बात मत करो भाई और भागते हो तो मुझे कह मदद करूंगा बचा उा और जानते हैं क्या दोस्तों एक बार किसी लीडर ने अगर प्रॉब्लम का डायग्नोसिस कर लिया उसे एक्सेप्ट कर लिया तो उसके बाद सलूशन ढूंढना इतना मुश्किल नहीं बच जाता फॉर एग्जांपल अगर लोकल पुलिस स्टेशन मना कर देता है एफआईआर फाइल करने से तो लोगों के लिए एक ऐसी फैसिलिटी होनी चाहिए कि कंप्लेन करने वाला एसपी के ऑफिस में जा पाए और वहां पर एफआईआर दर्ज करा पाए साथ ही साथ एक डिपार्टमेंटल इंक्वायरी भी बिठाई जाए कि उस पुलिस स्टेशन में उस पुलिस ऑफिसर ने क्यों नहीं करी एफआईआर रजिस्टर कैसा लगा ये सिंपल सा सॉल्यूशन सुनने में इंप्रैक्टिकल लग रहा है क्या आपको इंप्रैक्टिकल नहीं है ये एक्चुअली में किया जा चुका है हमारे देश में राजस्थान सरकार ने 2019 में ये डिसीजन लिया था अगर ऊपर बैठे लीडर की नियत साफ हो तो बड़ी आसानी से ऐसे सॉल्यूशंस इंप्लीमेंट किए जा सकते हैं जब हम सेफ्टी और सिक्योरिटी इंश्योर करने की बात करते हैं तो ऐसे सॉल्यूशंस दो कैटेगरी के होते हैं पहली कैटेगरी है प्रीवेंटिव सॉल्यूशंस की यानी कि हम ऐसे कदम उठाएं जिसकी वजह से वो प्रॉब्लम एजिस्ट ही ना करें प्रॉब्लम को होने से पहले ही रोक दें दूसरी कैटेगरी होती है पिटि सोलूशंस की अगर प्रॉब्लम हो रही है तो उसके खिलाफ फाइट किया जाए और प्रॉब्लम करने वाले को पनिश किया जाए ताकि बाकी और लोग इनकरेज ना हो दोबारा से वो गलत काम करने के लिए एग्जांपल से समझाऊं क्रॉस बॉर्डर सिक्योरिटी से शुरुआत करते हैं यहां पर प्रीवेंटिव सॉल्यूशन क्या हो सकता है एक इफेक्टिव फॉरेन पॉलिसी होना हमारे सारे आसपास के पड़ोसी देशों से अच्छे रिलेशंस बनाना फॉर्मर प्राइम मिनिस्टर अटल बिहारी वाजपेई ने बड़े फेमस कहा था वी कैन चूज आवर फ्रेंड्स बट नॉट आवर नेबर्स यानी कि हम अपने दोस्त चुन सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं तो मेरी सरकार पूरी कोशिश करेगी कि सभी आसपास के देशों से अच्छे रिलेशंस बने ताकि कोई बॉर्डर क्लैशेस ना हमें देखने को मिले लेकिन अगर किसी भी कारण से ऐसा नहीं होता तो हमारे देश को तैयार रहना चाहिए किसी भी हमले को काउंटर करने के लिए जिन भी चीजों की जरूरत है इंडियन आर्म्ड फोर्सेस को वो उन्हें दी जाए बंदूक मशीन गन राइफल एम्युनेशन गोली बारूद बुलेट प्रूफ जैकेट्स प्रोटेक्टिव हेड गियर कैमफ्लेज यूनिफॉर्म्स नाइट विजन गॉगल्स बॉम डिस्पोजल रोबॉट नेवल शिप्स टोरपीडो सबमरींस फाइटर एयरक्राफ्ट हेलीकॉप्टर रेडा ये सब ना सिर्फ अवेलेबल हो बल्कि रेडली अवेलेबल हो कुछ दूसरे देशों से खरीदने की जरूरत होगी तो वो सही लेकिन साथ ही कोशिश की जाए इंटरनल मैन्युफैक्चरिंग की दूसरे देशों से टेक्नोलॉजी आउटसोर्स हो और अपने देश में चीजों को मैन्युफैक्चर किया जाए साथ ही साथ डिफेंस रिसर्च में खर्च किए जाने वाला पैसा बढ़ाया जाए रिसर्च एंड डेवलपमेंट में बजट बढ़ेगा रेगुलर इंस्पेक्शंस कराई जाए ताकि कोई भी खराब हवाई जहाज या खराब हेलीकॉप्टर की वजह से हमारे एक भी पायलट की मृत्यु ना हो अगला प्रीवेंटिव सलूशन है यहां पर हमारे सोल्जर्स की मेंटल हेल्थ को एक प्रायोरिटी बनाना ये एक ऐसा मुद्दा है जिसकी बहुत कम बात करी जाती है 2022 में मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर डिफेंस अजय भट्ट ने राज्यसभा को बताया कि पिछले पा सालों में हमारी आर्म्ड फोर्सेस के 819 जवानों ने आत्महत्या करी जिनमें से 642 केसेस आर्मी के थे 148 केसेस एयरफोर्स के और 29 केसेस इंडियन नेवी के पिछले साल भी आर्मी ऑफिशल्स ने कुछ ऐसा ही बताया था कि साल 2001 से लेकर अब तक करीबन 2000 से ज्यादा आर्मी सोल्जर्स आत्महत्या कर चुके हैं इंडियन प्राइम मिनिस्टर होने के नाते मेरी कोशिश होगी इस नंबर को जीरो तक लेकर जाना और यह किया जाएगा मेंटल हेल्थ प्रैक्टिशनर्स को एंगेज करके मैं 1800 मेंटल हेल्थ प्रैक्टिशनर्स को हायर करूंगा आप पूछोगे ये 1800 का एग्जैक्ट नंबर क्यों बोल रहा हूं मैं इसके पीछे एक सिंपल कारण है हमारी इंडियन आर्मी में करीब 12 लाख एक्टिव पर्सनल्स हैं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिकमेंडेशन है कि हर 10000 से लेकर 20000 लोगों के लिए एक मेंटल हेल्थ प्रैक्टिशनर होना चाहिए देश में लेकिन क्योंकि मिलिट्री सेटिंग और भी ज्यादा इंटेंसिव होती है अमेरिका में जो यूएस आर्मी है उन्होंने 7001 की रेशो मेंटेन कर रखी है हर 700 सोल्जर्स के लिए एक बिहेवियरल स्पेशलिस्ट उन्होंने रखा है तो इसी रेशो को आगे एक्सटेंड करते हुए हमारे 12 लाख पर्सनल के लिए 1800 मेंटल हेल्थ प्रैक्टिशनर्स होंगे इनमें से कुछ होंगे क्लिनिकल साइक एटिस कुछ बिहेवियरल हेल्थ स्पेशलिस्ट और कुछ लाइसेंस्ड क्लिनिकल सोशल वर्कर्स ऐसा करके हम ना सिर्फ हजारों सोल्जर्स की जान बचाएंगे और इंडियन आर्म्ड फोर्सेस का हौसला बढ़ाएंगे बल्कि 16800 नई सरकारी नौकरियां भी क्रिएट करेंगे मेंटल हेल्थ प्रैक्टिशनर्स के लिए इस ट्रायल रन के सक्सेसफुल होने के बाद हम इसी स्कीम को एक्सटेंड करेंगे पैरामिलिट्री फोर्सेस पर इंटेलिजेंस एजेंसीज पर और सभी पुलिस ऑफिसर्स पर पूरे देश भर में और नौकरियां क्रिएट होंगी और मेंटल हेल्थ प्रैक्टिशनर्स और डॉक्टर्स की जरूरत होगी और इस चीज के लिए सप्लाई की कमी नहीं है जैसा कि आप देख सकते हो किसी भी कॉलेज सीट के लिए कितने लोग एक एग्जाम को लिखते हैं देश में हमें डिमांड बहुत ज्यादा चाहिए लेकिन सप्लाई की भी कमी नहीं है बस कनेक्ट करने की जरूरत है इसका मतलब एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी सारा पैसा खर्च करने की जरूरत है तो प्रधानमंत्री बनते ही वन ऑफ द फर्स्ट स्टेप्स में लूंगा एजुकेशन बजट को तीन से चार गुना बढ़ाना आप पूछोगे इसका पैसा कहां से आएगा कुछ पैसा तो आएगा कॉरपोरेट टैक्स बढ़ाकर इस खबर को देखिए सरकार ने पिछले कुछ सालों में कॉरपोरेट टैक्स को नीचे गिरा दिया है जिसकी वजह से करीब ₹ लाख करोड़ रुपए सरकार ने कम कमाया है ये ₹ लाख करोड़ एक्स्ट्रा कमाए जा सकते हैं अगर सरकार कॉर्पोरेट टैक्स को दोबारा से उसी लेवल पर ले जाए जिस लेवल पर 201718 में हुआ करता था इसके अलावा कुछ पैसा बजट की रिएलोकेशन से आएगा हाईवेज बनाने पर हमारी सरकार ऑलमोस्ट ₹ लाख करोड़ रपए खर्च करती जबकि इस आर्टिकल को देखिए एनएफएचएस सर्वे के अनुसार सिर्फ 8 पर इंडियन परिवारों के पास गाड़ी हैं 50 पर लोग हमारे देश में अभी भी साइक्लो का बाइक्स का या स्कूटर्स का इस्तेमाल करते हैं सिर्फ 8 पर लोगों के फायदे के लिए यहां पर क्यों पैसा खर्च किया जा रहा है इससे बेहतर है इस पैसे को एजुकेशन में लगाया जाए वैसे भी इतने बड़े-बड़े हाईवेज बनाना और ये कार बेस्ड इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना हमारे शहरों में मैं इसके सख्त खिलाफ रहा हूं और इस चीज को मैंने एक्सप्लेन किया है इस वाले वीडियो में जाकर समझ सकते हो इसका लिंक डिस्क्रिप्शन में है हमें जरूरत है शहरों को इंसानों के लिए बनाने की ना कि गाड़ियों के लिए इससे पोल्यूशन भी कम होगा हरा बरा भी र ज्यादा रहेगा शहर और गर्मी का इफेक्ट भी कम होगा अर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट जिसकी बात मैंने हीट वेब वाले वीडियो में करी थी बाकी पैसे की बचत होगी करप्शन खत्म करके और सेफ्टी और सिक्योरिटी के मामले में तो वैसे भी करप्शन 1 पर भी नहीं रहनी चाहिए क्योंकि यही कारण है जिसकी वजह से इल्लीगल होल्डिंग्स खड़ी होती हैं और जब वोह गिरती है तो लोग मारे जाते हैं बिना सेफ्टी स्टैंडर्ड्स फॉलो करे ब्रिजे बनाए जाते हैं उनके गिरने से लोग मरते हैं करप्शन ही कारण है जिसकी वजह से खराब दवाइयां सेफ चेक से पास हो जाती है मसालों में कैंसरस केमिकल्स पाए जाते हैं क्योंकि फूड सेफ्टी वाला वहां पर रिश्वत खाता है करप्शन के पीछे तीन मेन रीजंस हैं पहला कारण है टॉप डाउन अप्रोच जो कि सबसे बड़ा रीजन है करप्शन के पीछे किसी भी पुलिस वाले को जब आप रिश्वत देते हो सरकारी अफसर को रिश्वत देते हो कभी उनसे पूछकर देखो कि वो क्यों रिश्वत मांग रहे हैं तो उनका जवाब आएगा कि उन्हें ऊपर कुछ पैसा देना होता है ऊपर भी कुछ कट देना होता है और वो ऊपर वाले अफसर से जाकर अगर आप कभी पूछोगे तो वो बोलेगा कि मुझे और ऊपर कट देना होता है यहां पर एक पूरी चेन फॉलो होती है करप्शन की एक ऐसी चें जो पहुंच जाती है सीधा चीफ मिनिस्टर या प्राइम मिनिस्टर तक यानी किसी भी देश में करप्शन की असली रूट उस देश के पीएम या स्टेट के सीएम होते हैं इस चेन को अगर तोड़ना है तो वो ऊपर से ही तोड़ा जा सकता है जब ऊपर बैठे लीडर की नियत साफ हो दूसरा कारण है करप्शन के पीछे पुलिस ऑफिसर्स और बाकी सरकारी एंप्लॉयज का ओवर वर्क्ड होना और अंडर पेड होना इस पर आपको ढेर सारे आर्टिकल्स मिल जाएंगे ऑनलाइन कि कैसे हमारे देश में पुलिस ऑफिसर्स ओवरवर्क्ड हैं 121 घंटे काम कराया जाता है उनसे और पेमेंट ढंग से नहीं मिलती कई रिपोर्ट्स यह सामने आई है जो बताती हैं कि ढेर सारी स्टेट्स में पुलिस बहुत अंडर स्टाफ्ड है और ओवर बर्डन है सलूशन सिंपल है इसका पुलिस की संख्या डबल कर दो कोर्ट्स और जजेस की बात करें तो वहां भी यही हाल है ओवर बर्डन है फॉर्मर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर तो अपनी स्पीच में इस ओवर बर्डन की बात करते हुए रो भी पड़े थे एक बार स्पीस हैव बीन मेड इन द पास्ट इन कॉन्फ्रेंसेस इन सेमिनार्स डिबेट्स इन द पार्लियामेंट बट आई थिंक नथिंग रियली टू बी मूविंग यहां भी वही सलूशन है कि जजेस और कोर्ट्स की संख्या बढ़ाई जाए तीसरा कारण करप्शन के पीछे है ग्रीड किसी इंसान का लालची होना और ये एक्चुअली में सबसे छोटा कारण है मेरी राय में अगर पहले दो कारणों का सलूशन निकाल दिया तो ये तीसरा कारण सॉल्व करना बड़ा आसान है स्ट्रिक्ट लॉज और हार्श पनिशमेंट ताकि कोई भी ऐसा करने की ना सोचे पुलिस की बात करें तो हमें पुलिस रिफॉर्म्स की भी जरूरत है जब कोई केस मीडिया स्पॉटलाइट में आ जाता है उस पर काफी आउटरेज होती है तो सबकी एक ही डिमांड होती है हमेशा कि इस केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया क्योंकि एक परसेप्शन लोगों की यह बन गई है कि स्टेट पुलिस किसी भी इंपॉर्टेंट केस में सही से इन्वेस्टिगेशन नहीं कर सकती जरा सोच कर देखो किसी केस को अगर मीडिया स्पॉटलाइट नहीं मिली जिसे सीबीआई में ट्रांसफर नहीं किया गया तो क्या उसमें बढ़िया इन्वेस्टिगेशन की जरूरत नहीं है क्या उन केसेस का क्या इसलिए जरूरी है कि हर स्टेट में सीबीआई टाइप की एक ऑर्गेनाइजेशन हो जो इन्वेस्टिगेशन करे केस सॉल्व करे जिसकी उसी हिसाब से ट्रेनिंग करी जाए स्टेट लेवल पर एक इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी बनाई जाएगी और हर एक केस का इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर इसी ब्रांच से होगा अब सोच कर देखो दोस्तों यह सारे सही कदम उठाने से देश में क्या-क्या सही हो जाएगा देश के सभी पुलिस ऑफिसर्स और सरकारी कर्मचारियों को अच्छी सैलरी मिलेगी अच्छा मेंटल हेल्थ केयर मिलेगा उन्हें मेडिकल इंश्योरेंस लाइफ इंश्योरेंस और फैमिली बेनिफिट्स भी मिलेंगे सबके लिए स्ट्रिक्टली ठ घंटे की लिमिट सेट करी जाएगी कोई भी दिन में आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं कर सकता ज्यादा वर्कलोड को मैनेज करने के लिए सफिशिएंट पुलिस फोर्स होगी वेकेंसीज सारी फिल करी जाएंगी करप्शन खत्म हो जाएगा ईमानदारी से काम होगा इसकी वजह से हर एक देशवासी के मन में पुलिस के प्र प्रति सम्मान होगा ग्रेटव्यू का भाव होगा और पुलिस वाले भी हर एक नागरिक से सर या मैम करके बात करें यह उन्हें कहा जाएगा चाहे वो कितने भी अमीर या कितने भी गरीब क्यों ना हो इमेजिन करो पुलिस के सिस्टम में ही ऐसा रूल बना दिया गया कि हर एक पुलिस ऑफिसर किसी भी सिटीजन से बात करते वक्त उन्हें सर या मैम करके एड्रेस करेगा अपने आप माइंडसेट में चेंज आने लगेगा सेक्सुअल हैरेसमेंट जैसे क्राइम्स की बात करें तो वहां पर भी लोगों के माइंडसेट और एटीट्यूड को बदलने की जरूरत पड़ेगी जो कि मेन रूट कॉज है कुछ लोगों का माइंडसेट जो एक औरत को इनफीरियर सब ह्यूमन मानता है औरत को ऑब्जेक्ट की तरह देखता है इसकी बात मैंने कई वीडियोस में करी है जैसे कि एनिमल वाला वीडियो अब मैं ये नहीं कह रहा कि मैं एनिमल जैसी फिल्में या हनी सिंह और बादशाह टाइप के गंदे गानों पर बैन लगा दूंगा क्योंकि मेरा मानना है फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन में लेकिन प्रधानमंत्री होने के नाते मैं रिक्वेस्ट करूंगा सिंगर्स और बॉलीवुड एक्टर्स से कि वो अपनी फिल्मों से और गानों से मिसोनी को हटाएं औरतों की ऑब्जेक्टिफिकेशन को हटाएं और मैं खुद से अच्छे कंटेंट को प्रमोट करूंगा ये माइंडसेट बदलने का एक और तरीका होगा स्कूल में जेंडर सेंसटाइजेशन क्लासेस को इंट्रोड्यूस करना बचपन से ही बच्चों को सही माइंडसेट सिखाया जाए जिससे कि जब वो बड़े हो तो समाज में अपने आप ही सही मानसिकता फैले वेपंस लॉबी वाले वीडियो में मैंने डिस्कस किया था कि कैसे ऑस्ट्रेलिया और सर्बिया जैसे देशों ने अपने देश में मौजूद इल्लीगल हथियारों को खत्म कर दिया एक एमनेस्टी पीरियड जारी करके उन्होंने अपने देशवासियों से कहा कि जिसके पास जितने भी इल्लीगल हथियार हैं हमें आकर सौंप दो सरकार के पास और अगर आप इस टाइम पीरियड में हमें दोगे तो आपके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा एक महीने के अंदर-अंदर 1 लाख से ज्यादा इल्लीगल वेपंस इकट्ठे हो गए थे सर्बिया में ऐसा ही कुछ मैं करूंगा इंडिया में इल्लीगल हथियारों को खत्म करने के लिए इन सारे प्रीवेंटिव और पिटि सॉल्यूशंस को इंप्लीमेंट करके हम एक ऐसा इंडिया बनाएंगे जो ना सिर्फ हर इंडियन के लिए सेफ और सिक्योर हो बल्कि हर फॉरेनर के लिए भी आपको ये सलूशन शायद इंप्रैक्टिकल लग रहे हो लेकिन इनमें से कोई भी सलूशन ऐसा नहीं है जो पहले कहीं इंप्लीमेंट ना किया गया हो सिंगापुर वाले वीडियो में मैंने बताया था कि कैसे 1960 में सिंगा का बुरा हाल था पॉवर्टी वहां हर जगह देखने को मिलती थी एथनिक क्लैशेस देखने को मिलते थे लेकिन ग्लोबल पीस इंडेक्स 2024 की इस लिस्ट को देखो सिंगापुर नंबर फाइव पर है अगर सिंगापुर यहां तक उठकर आ सकता है तो हम इंडिया को भी नंबर वन ले जा सकते हैं रैंक में इस लिस्ट पर वर्ल्ड्स मोस्ट पीसफुल एंड प्रॉस्परस कंट्री हमारा देश द रिपब्लिक ऑफ इंडिया कैसा लगा मेरा सपना दोस्तों ये एक स्टार्टिंग पॉइंट था ये वीडियो एक वीडियो में सारे इश्यूज की बात करना पॉसिबल नहीं है तो तो इस वीडियो में मैंने सेफ्टी और सिक्योरिटी पर फोकस किया लेकिन अगर आपको ये प्राइम मिनिस्टर ध्रुव राठी का वीडियो अच्छा लगा तो नीचे कमेंट्स में लिखकर बताओ ऐसे ही और वीडियोस देखना चाहोगे अनइंप्लॉयमेंट इंफ्लेशन पॉवर्टी वेल्थ इनक्व लोनलीनेस पोल्यूशन क्लाइमेट चेंज और बायोडायवर्सिटी लॉस जैसे इश्यूज को टैकल करते हो इस पर पूरी एक सीरीज बनाई जा सकती है अगर आप इंटरेस्टेड हो तो नीचे कमेंट्स में लिखकर जरूर बताना और अभी के लिए टाइम मैनेजमेंट कोर्स का लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा या फिर आप इस क्यूआर कोड को भी स्कैन कर सकते कूपन कोड है पीएम 40 यह वीडियो पसंद आया तो सिंगापुर वाला वीडियो जरूर देखना यहां क्लिक करके जिसमें मैंने समझाया है कि कैसे सिंगापुर एक डेवलपिंग से डेवलप्ड कंट्री बन गया कैसे वह एशिया की नंबर वन कंट्री बन गया यहां क्लिक करके देख सकते हैं बहुत-बहुत धन्यवाद [संगीत]