हाय बचा पा मेरा नाम है शुभम पाठक एंड वेलकम टू द चैनल शुभम पाठक जहां प हम क्लास 10 के एसएसटी और साइंस के साथ बहुत सारी स्ट्रेटजी और स्टडी टिप्स भी डिस्कस करते हैं आज का चैप्टर होने वाला है क्लास 10 का सिविक्स का सॉरी क्लास 10 इकोनॉमिक्स का पहला चैप्टर जिसका नाम है डेवलपमेंट ये चैप्टर छोटा जरूर है लेकिन इसमें से बोर्ड एग्जाम में हर साल थ्री मार्क्स या फाइव मार्क्स के क्वेश्चन आते हैं इनफैक्ट इस चैप्टर में से असर्शन एंड रीजनिंग एंड डेटा बेस यानी कि टेबल में इंफॉर्मेशन दी होती है और उसके बेस प भी आपको क्वेश्चन पूछ जाते हैं ऐसे क्वेश्चंस को आप कॉम्पटन बेस्ड क्वेश्चन बोलते हैं राइट सो छोटा सा चैप्टर है आज हम पूरा खत्म कर लेंगे एक ही क्लास में साथ ही आज ही क्लास में मैं आपको एनसीआरटी के क्वेश्चंस के बढ़िया-बढ़िया आंसर्स भी बता दूंगी और ऐसा कोई भी टॉपिक जब चैप्टर में आएगा जहां से पिछले साल कोई क्वेश्चन बना है वो भी मैं बताती ह चलूंगी कहने का मतलब ये है कि इस 30 मिनट्स 40 मिनट्स के लेक्चर के बाद ना तो आपको एनसीआरटी रीड करने की जरूरत है ना तो आपको बैठ के नोट्स बनाने की जरूरत है आप इसके बाद चाहो तो किसी भी रिसोर्स बुक में से कोई भी सवाल लगा ना इस चैप्टर से रिलेटेड आप आंसर कर पाओगे ठीक है तो चलो स्टार्ट करते हैं इस लेक्चर को बट बिफोर दैट आई विल रिक्वेस्ट यू कि अगर लेक्चर अच्छा लगे तो अपने दोस्तों के साथ इस वीडियो को जरूर शेयर करिएगा और वीडियो को लाइक जरूर कर दीजिएगा चैनल को सब्सक्राइब कर चुके हैं तो वेरी नाइस नहीं किया है तो कर लीजिए और साथ में बेल आइकॉन को भी प्रेस कर दीजिए ताकि जब भी कोई लाइव क्लास आए youtube's थिंग दैट यू नीड टू नो इज कि डेवलपमेंट और इकोनॉमिक ग्रोथ में बहुत बहुत ज्यादा डिफरेंस होता है वन आईम से इकोनॉमिक ग्रोथ बच्चा वन आ से इकोनॉमिक ग्रोथ तो मेरा मतलब क्या है कि किसी कंट्री का पैसा बढ़ रहा है कि नहीं बढ़ रहा है किसी फैमिली की इनकम बढ़ रही है कि नहीं बढ़ रही है क्योंकि जहां पे भी वर्ड आ जाता है इकोनॉमिक मतलब का मतलब बात हो रही है पैसे से राइट अब ऐसा नहीं है कि डेवलपमेंट के कांसेप्ट में इकोनॉमिक ग्रोथ का कांसेप्ट आता नहीं है आता जरूर है लेकिन डेवलपमेंट एक बड़ा कांसेप्ट है तो डेवलपमेंट के अंदर इकोनॉमिक ग्रोथ भी आएगी आपकी सोशल ग्रोथ भी आएगी कि भैया अगर आप पिछड़े वर्ग से बिलोंग करते हो पहले आपकी डेमोक्रेसी में कोई भी आवाज नहीं थी तो अभी अगर आपकी डेमोक्रेसी में आवाज आ गई तो आप सोशली भी ग्रो कर रहे हो तो डेवलपमेंट में सोशल ग्रोथ से लेके पर्सनल ग्रोथ से लेके इकोनॉमिक ग्रोथ से लेके ये सारी की सारी चीजों को इंक्लूड किया जाता है तो क्या मैं ये बोल सकती हूं दैट डेवलपमेंट इज अ मोर कंप्रिहेंसिव कांसेप्ट है ना कि डेवलपमेंट में और भी बहुत सारी चीजें आती है ऑन द अदर हैंड वन आई एम सेइंग इकोनॉमिक ग्रोथ आई ओनली मीन कि पैसा बढ़ रहा है कि नहीं बढ़ रहा है तो एक कंट्री के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ तो जरूरी होती ही है लेकिन अगर उसके सिटीजन की डेवलपमेंट अगर आपको देखनी है तो बाकी चीजों पे भी ध्यान देना पड़ता है सिर्फ ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी कि जीडीपी वीडीपी पे ध्यान देके सिर्फ नहीं पता चलता है कि लोग डेवलप हो रहे हैं कि नहीं हो रहे हैं इस चैप्टर को जैसे-जैसे आप पढ़ेंगे आपको ये बात और अच्छे से समझ आएगी लेकिन डेवलपमेंट की कोई भी डेफिनेशन मेरे लिए आपको देना नामुमकिन है आई विल टेल यू व्हाई क्योंकि डेवलपमेंट एक ऐसा शब्द है जिसके लिए हर इकोनॉमिस्ट ने चाहे वो अमरथ सिन हो चाहे वो मनमोहन सिंह हो चाहे वो ऑक्सफोर्ड के कोई बड़े-बड़े इकोनॉमिस्ट हो सब लोगों ने अपनी अपनी डेफिनेशन दे रखी है तो मैं यहां पे सबसे सिंपल डेफिनेशन आपके लिए लेके आई हूं दैट डेवलपमेंट कैन बी डिफाइंड एज ब्रिंगिंग अबाउट सोशल चेंज दैट अलाउ पीपल टू अचीव देयर ह्यूमन पोटेंशियल मतलब एक इंसान अपने 100% पोटेंशियल पे किस तरीके से काम कर सकता है उस प्रोसेस को तुम डेवलपमेंट बोल सकते हो अगेन ये डेफिनेशन जैसे ही तुम इकोनॉमिस्ट चेंज करोगे तुम साइंटिस्ट चेंज करोगे रिसर्चर चेंज करोगे ये डेफिनेशन बदल जाएगी सो डोंट कंसर्न योरसेल्फ वि डेवलपमेंट की डेफिनेशन ना तो एनसीआरटी में दी गई है ना कभी पेपर में आएगी बस तुम्हें समझना जरूरी है दैट डेवलपमेंट इज नॉट जस्ट इकोनॉमिक ग्रोथ इसमें बाकी चीजें भी आती है नाउ जब मैं तुमसे पूछूं मैं अभी क्लास 10 में तुम हो अगर मैं आपसे पूछूं कि आपका डेवलपमेंट का आईडिया क्या है तो आप बोलोगे यार बोट्स में अच्छे नंबर आ जाए दोस्ती आरही बरक है बाकी खाना पना अच्छा मिलता रहे थोड़ा बहुत मम्मी पापा घुमा ले यही है हमारा डेवलपमेंट का आईडिया है ना आपने अपनी करंट सिचुएशन के हिसाब से मुझे डेवलपमेंट का आईडिया बता देना है राइट मैं एक सिचुएशन हो चाहे वो पर्सनल सिचुएशन हो मेंटल सिचुएशन हो इमोशनल सिचुएशन हो अपनी करंट सिचुएशन के हिसाब से लोग अपनी डेवलपमेंट का आईडिया देते हैं तो इसका मतलब क्या है कि हर किसी की सिचुएशन तो सेम नहीं होती हर किसी की सिचुएशन में थोड़ा-थोड़ा डिफरेंस जरूर होगा अगर आप एक फैमिली में भी देख लोगे अपने ही घर की बात उठा लोगे तो हो सकता है घर के सारे लोगों की आर्थिक स्थिति तो सेम है इकोनॉमिक स्टेटस सेम है लेकिन फिर भी लोगों की जिंदगी में थोड़ी-थोड़ी थोड़ी-थोड़ी चीजें हो रही होंगी जो अलग-अलग होंगी तो कहने का मतलब ये है कि हर हर इंसान की सिचुएशन अलग होती है एक दूसरे से इसीलिए जब हम उनसे डेवलपमेंट का आईडिया पूछते हैं तो उनके डेवलपमेंट के आईडिया में भी थोड़े-थोड़े क्या होते हैं चेंजेज होते हैं सो कैन आई से दैट डिफरेंट पीपल हैव डिफरेंट डेवलपमेंटल गोल्स ओबवियसली क्योंकि लोगों की सिचुएशन अलग इसीलिए लोगों के डेवलपमेंट के आइडियाज अलग एनसीआरटी इसे एक्सप्लेन करती है बहुत सारे एग्जांपल्स के साथ पहला एग्जांपल है बच्चा लैंड लस रूरल लेबर यानी कि एक ऐसा लेबर जिसे खेती का काम आता है और वो गांव में खेती करता है लेकिन उसके खुद के पास लैंड नहीं है उसे क्या चाहिए होगा यार मुझे खेती का काम ऑलरेडी आता ही है अगर मुझे किसी बड़े फार्मर के यहां पे कुछ बढ़िया सा काम मिल जाए तो मेरे बच्चे जो है स्कूल जा पाएंगे यही सही होगा क्लास लेबरर को तो यहां देखो क्या लिखा है मोर डेज ऑफ वर्क कि अगर मुझे ज्यादा दिन काम मिल जाए और मुझे अच्छी संथा मिल जाए क्योंकि मुझे काम तो आता है खेती का बस मेरे पास खेत नहीं है तो ये मेरे लिए डेवलपमेंट का आइडिया है ऑन द अदर हैंड जब आप देख रहे हो कि ऐसा खेत किसान जो पंजाब का है जिसके पास बहुत सारे खेत है बहुत सारा पैसा आता है उससे पूछो कि डेवलपमेंट का आईडिया क्या है तो भैया उसको नहीं जाना किसी और के खेत में काम करने के लिए उसकी सिचुएशन ऐसी नहीं है कि उसे कहीं और काम करना पड़े उसे चाहिए कि जो वो अपने बड़े-बड़े खेतों में बहुत सारी क्रॉप्स उगा रहा है उसके उसे अच्छे दाम मिल जाए 20 किलो आलू बिक रहे थे उसके तो 0 मिल जाए है ना सो उसे चाहिए बेटर प्राइसेस फॉर इट्स क्रॉप नाउ इफ यू आस्क फॉर अर्बन अनप्लड ट अर्बन का मतलब शहरों में रहता है या रहती है अनप्लड है नौकरी नहीं लगी हुई शहरों में रहना बिना नौकरी के कितनी मुश्किल बात है आपको बहुत सारे पैसे चाहिए तो उसका क्या होगा उसकी सिचुएशन क्या बोल रही है कि उसका डेवलपमेंट का आइडिया होगा कि यार मुझे अच्छी सी नौकरी मिल जाती ना जिससे मेरे लिए संख आती रहती और मेरी फैमिली भी चलती तो बढ़िया हो जाता सो इफ यू कैन लुक एट इट यहां पे सारे लोगों का डेवलपमेंट का आईडिया उनकी सिचुएशन से निकला है चाहे वो आप ये वाला देख लो चाहे वो ये वाला देख लो लेकिन अब मैं आपको बोलूंगी कि लास्ट वाले पे फोकस करो पहले चार से हमें क्या समझ आया दैट डिफरेंट पीपल हैव डिफरेंट डेवलपमेंटल गोल्स है ना क हर किसी की सिचुएशन लेकिन कभी कभी क्या होता है मेरे बच्चों एनसीआरटी कहती है दैट सम टाइम्स डेवलपमेंटल गोल्स कैन बी कन्फ कैन बी कन्फ इसका क्या मतलब है कि एक इंसान का डेवलपमेंट का आइडिया दूसरे इंसान के डेवलपमेंट के आईडिया के आड़े आ सकता है ऐसा कैसे हुआ चलो देखते हैं नर्म नर्मदा वैली में रहने वाले आदिवासी आपको पता है नर्मदा नदी प सरदार सरोवर डैम बना था वाटर रिसोर्सेस चैप्टर में भी आप ये डिस्कस करते हो सरदार सरोवर डैम जब बना था तो वहां पे जितनी ट्राइबल पॉपुलेशन रहती थी डैम वाले एरिया में उन्हें वहां से डिस्प्लेस कर दिया गया था उन्हें बोला गया था अच्छे पक्के मकान मिलेंगे तुम्हें खेतीबाड़ी देंगे ये वो ये वो कुछ मिला कुछ नहीं मिला तो उन ट्राइबल लोगों से उनकी जमीन वगैरह ले ली गई और वहां पे बना दिया डैम क्यों क्योंकि डैम बना के इलेक्ट्रिसिटी और पानी किसको प्रोवाइड कर रहा था शहर में रहने वाले लोगों को तो डेफिनेटली शहर में रहने वाले लोगों का फायदा हो रहा है जिस कंपनी को ठेका दिया गया था डम बनाने का उसका फायदा हो रहा है लेकिन फायदा किसका नहीं हो रहा है फायदा नहीं हो रहा है आदिवासी पॉपुलेशन का तो यहां पे आदिवासी पॉपुलेशन का डेवलपमेंट का आईडिया है कि डैम ना बने है ना आदिवासी पॉपुलेशन चाहेगी कि डैम ना बने लेकिन ऑन द अदर हैंड जो ठेकेदार होगा जिसे डैम बनाने का दिया गया है ठेका वो बोलेगा यार डैम बनना चाहिए मेरी जेब में पैसे आए शहर के लोग बोलेंगे डैम बनना चाहिए हमारे यहां पे पानी आए हमारे यहां पे हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी आए गवर्नमेंट भी बोलेगी हां भाई हमें अपने लोगों के लिए कुछ करना है हम शहर के लोगों पे ध्यान नहीं देंगे तो शहर के लोग हमें वोक थोड़ी देंगे अगली सरकार हमारी नहीं बनेगी तो हम भी चाहेंगे कि शहर के लोगों का ज्यादा भला हो सो आदिवासी लोगों का और बाकी ये जो मैंने तीन कम्युनिटीज बनाई चाहे सरकार है चाहे वो मल्टीनेशनल कंपनी है जो डैम बनाएगी चाहे वो शहर के लोग है उनके डेवलपमेंट के आईडिया क्या हो गए आपस में कॉन्फ्लेटिंग हो गए तो बच्चों मैं दो चीजें तुम्हें अभी तक समझाई एक कि डेवलपमेंटल गोल्स कैन बी डिफरेंट फॉर डिफरेंट पीपल एंड दूसरा सम टाइम्स दे कैन बी कॉन्फ्लेटिंग आ गया पल्ले चलो थोड़ा और आगे चलते हैं हम जब भी एक इंसान चलो अभी तो मैं तुम्हारा अभी करंट का डेवलपमेंट का आईडिया पूछ लेती भैया क्लास सेस में तुम्हारा डेवलपमेंट कैसे होगा तो तुमने बोल दिया बढ़िया मार्क्स आते है बढ़िया दोस्ती आर चलती र है ना अगर मैं तुमसे पूछूं लाइफ का डेवलपमेंट का आइडिया क्या है या तुम मुझसे पूछो कि मैं एक अडल्ट हूं 18 साल से ऊपर हूं तो मुझसे पूछोगे कि लाइफ का डेवलपमेंट का आईडिया क्या है मैं बोलूंगी यार थोड़ी सी अच्छी दोस्ती आं हो एक लविंग पार्टनर हो यू नो अच्छे बच्चे हो मेरे जो मेरी बात माने आगे जाके मेरे पेरेंट्स की हेल्थ अच्छी रहे है ना मैं सोशली सिक्योर फील करूं सड़कों पे चलने में मुझे डर ना लगे सेफ्टी फील हो मैं जहां पे भी जाऊं मुझे इक्वल ट्रीटमेंट मिले मुझे कोई डिस्क्रिमिनेट ना करे लेकिन साथ में पैसा भी हो एक अपना घर हो जाए अपनी गाड़ी हो जाए है ना अपनी दो चार गाड़ियां हो जाए मान लो यही सब मैं बोलूंगी सो कहने का मतलब ये है कि व्हेन यू आस्क फॉर अ डेवलपमेंटल गोल ऑफ अ अडल्ट पर्सन जब आप एक अडल्ट से पूछते हो कि उनका डेवलपमेंट का आईडिया क्या है तो हमेशा उनकी डेवलपमेंट की आईडिया में दो तरीके के गोल्स मिले हुए होते हैं एक होते हैं और दूसरे होते हैं एक होता है मटेरियल िक गोल मटेरियल का मतलब होता है वस्तु वस्तु मतलब जिसे तुम आंख से देख सकते हो जिससे तुम पैसे से खरीद सकते हो घर हो गया गाड़ी हो गया इंश्योरेंस हो गया ये सारी चीजें क्या आई हो गया ये सारी है मटेरियल िक चीजें तो वन आ व्हेन एन अडल्ट डिसाइड्स ऑन डेवलपमेंटल गोल्स फॉर देयर एनटायर लाइफ वो कुछ मटेरियल इसिक चीजें चाहते हैं जो पैसे से खरीदी जा सकती है ये चीजें होती है कॉमन किसी भी अडल्ट से पूछ लो कि क्या पैसा आपको काटता है वो बोलेंगे नहीं नहीं हमें पैसा ब एक करोड़ कमा दो आप चाहोगे एक करोड़ से ऊपर कमाओ चाहे आप ₹ लाख कमा दो आप चाहोगे एक लाख से ऊपर कमाओ सबको ज्यादा से ज्यादा पैसा चाहिए है ना इसमें कोई बुराई भी नहीं है सबको सारी चीजें ही पैसे से खरीदते हो आप दुनिया में तो सबको पैसा चाहिए तो मटेरियल गोल तो होते ही होते हैं बाकी नॉन मटेरियल िक गोल डिफर कर सकते हैं जैसे एज अ वुमन मैं एक औरत हूं तो मैं चाहूंगी थोड़ा सेफ फील हो क्योंकि सोसाइटी औरतों के लिए उतनी सेफ हो नहीं पाई है जितनी हम चाहते हैं है ना तो आई वुड वांट टू फील सेफ तो मेरा नॉन मैटेरियलिस्टिक गोल हो सकता है लाइफ में कि मुझे सेफ्टी फील हो इक्वल ट्रीटमेंट में है ना क्योंकि नहीं मिलता है मोस्टली कंट्रीज में औरतों को इक्वल ट्रीटमेंट अब ऑन द अदर हैंड किसी लड़के से पूछोगे तो उसे ऑलरेडी सेफ फील होता है उसे ऑलरेडी इक्वल ट्रीटमेंट मिल रहा होता है तो वो कुछ और बोल देगा शायद वो बोलेगा कि यार मेरी दोस्ती अच्छी रहे मुझे इज्जत मिलती रहे है ना तो नॉन मैटेरियलिस्टिक गोल के वर फॉर डिफरेंट पीपल बट मटेरियल गोलस सबके सेम होते हैं क्योंकि सबको सहिए पैसा लेकिन ओवरऑल जब भी आप किसी इंसान से उनके लाइफ के डेवलपमेंट गोल्स की बात करोगे तो दे विल ऑलवेज बी मिक्स ऑफ गोल्स मिक्स ऑफ गोल्स के मतलब थोड़े मटेरियल थोड़े नॉन मटेरियल िक आया समझ इसके लिए एनसीआरटी में दो एग्जांपल्स भी दिए उ पढ़ लेना अ ठीक है चलो आगे चलते अी इंडिविजुअल डेवलपमेंट की बात करते कर से अब जरा देश पे आते हैं इंडिया की बात करते हैं नेशनल डेवलपमेंट की बात करते हैं तो व्हाट इज नेशनल डेवलपमेंट ब कोई देश बस्ता लेके ऑफिस तो नहीं जाता है देश के पास बैग तो नहीं है कि चलो मैं स्कूल जा रहा हूं पढ़ाई करूंगा पढ़ करूंगा और फिर जाऊंगा ऑफिस और पैसे कमाऊ देश नहीं जाता इंडिया तो नहीं जाता है बस्ले के ऑफिस इंडिया में रहने वाले लोग जाते हैं भारतवासी जाते हैं इंडियंस जाते हैं ऐसे ही अमेरिकंस जाते हैं पाकिस्तानी जाते हैं श्रीलंकन जाते हैं राइट सो पीपल मेक द नेशन देश बनता है लोगों से तो जब हम नेशनल डेवलपमेंट की बात कर रहे हैं तो उसका कहने का मतलब ये है कि देश में रहने वाले लोग जब डेवलप फील करेंगे चाहे वो सोसाइटल बेसिस पे है चाहे वो पर्सनल बेसिस पे है चाहे वो यू नो इकोनॉमिक बेसिस पे है उनका इकोनॉमी भी बढ़ रही है उनकी सैलरी भी बढ़ती जा रही है साथ में सोसाइटी में डिस्क्रिमिनेशन कम हो रहा है साथ में उन्हें पॉलिटिकल इक्वलिटी भी मिल रही है जब ये सारी चीजें देश में रहने वाले लोगों को मिलती रहेंगी देश में रहने वाले लोगों का स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग बढ़ता रहेगा तो मैं बोलूंगी कि देश डेवलप होरहा है ऐसा नहीं कि देश में रहने वाले सिर्फ अमीरों के साथ अगर ये सब हो रहा है तो मैं नेशनल डेवलपमेंट नहीं बोल सकते नेशनल डेवलपमेंट भी जब देश में रहने वाले एक एक सिटीजन का स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग बढ़ेगा इमोशनल पर्सनल इकोनॉमिक वेल बीइंग होगी तो उसे मैं बोलूंगी नेशनल डेवलपमेंट आया समझ चलो जल्दी से तुम्हे 30 सेकंड्स दे रही हूं नेशनल डेवलपमेंट की एक डेफिनेशन सोचो जल्दी से बिकॉज मैंने ऑलरेडी बता दिया है तुम्हें नेशनल डेवलपमेंट फिर मैं बताती हूं कि एक्चुअली में नेशनल डेवलपमेंट की डेफिनेशन क्या होनी चाहिए सोचनी चलो मैं लिख के बताती [संगीत] एक सेकंड ये डेफिनेशन मैंने अभी अभी बनाई है इसको थोड़ा चेंज भी कर सकती हूं कि एक देश में नेशनल डेवलपमेंट रेफर्स टू अ सिचुएशन वेयर ऑल द पीपल इन द नेशन हैव अ बेटर स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग ऐसे बोलो ये भी बोलो कका का बोलो एक ही बात होती है अल्फाबेट्स की बात हो रही है राइट सो नेशनल डेवलपमेंट क्या होता है जब देश में रहने वाले लोगों का सोशल इकोनॉमिक पॉलिटिकल हर तरीके से वेल बीइंग हो रहा है तो उसे हम नेशनल डेवलपमेंट बोलते हैं लेकिन इसी तरीके से क्लासरूम में अगर एक आप क्लास की बात करोगे तो हम बच्चों को कई बेसिस पे देख सकते हैं हम बच्चों को सोशल बेसिस पे देख सकते हैं कि कौन सा बच्चा कितना पोलाइट है टीचर्स का कितना फेवरेट है टीचर्स की कितनी बात मानता है क्या कौन सा बच्चा मैथमेटिक्स में अच्छा है या कौन सा बच्चा एसएसटी में अच्छा है या कौन सा बच्चा कितनी अच्छी हैंडराइटिंग है उस बच्चे की है ना तो बच्चों को भी जज करने के लिए क्लास में भतेरे पैरामीटर हो सकते हैं उसी तरीके से एक देश को अगर देखना है कि कौन सा कंट्री कितना नेशनली डेवलप्ड है या कितना अंडर डेवलप्ड है इसके भी बहुत सारे पैरामीटर्स होते हैं लेकिन सही सही बताना कि मोस्टली तुम्हें किन बातों पे जज किया जाता है एक स्टूडेंट होने के नाते तुम्हारे पेरेंट्स तुम्हारे रिलेटिव्स तुम्हारे फ्रेंड्स तुम्हें किस बात पे जज करते हैं तुम्हारे मार्क्स के बेसिस पे करते हैं आर देर नॉट अदर क्राइटेरिया आल्सो और भी भतेरी चीजें जिन पे तुम्हें जज किया जा सकता है लेकिन फिर भी तुम्हें मार्क्स के बेसिस पे किया जाता है सिमिलरली वैसे तो बहुत तरीके हैं एक नेशनल डेवलपमेंट को आंकने के लिए लेकिन मोस्टली मोस्टली जो पैकरा आमाया जाता है जो पैरामीटर अपनाया जाता है जो स्केल यूटिलाइज किया जाता है कंट्रीज की नेशनल डेवलपमेंट को मार्क करने के लिए उसे हम कहते हैं इनकम एक देश के पास कितना पैसा है ये बहुत ही विडंबना है वेरी आरोनिक कि देश के पास कितना पैसा है उस बेसिस पे हम उसे डेवलप्ड अंडर डेवलप्ड बोलते हैं ठीक है सो एक देश के पास कितना पैसा है उस बेसिस पे बोला जाता है नाउ इसी पैसे को नेशनल इनकम बोला जाता है तो मैं क्या कह रही हूं बच्चा कि नेशनल डेवलपमेंट के बहुत सारे पैरामीटर्स हो सकते हैं लेकिन मोस्ट यूटिलाइज पैरामीटर जो होता है नेशनल डेवलपमेंट का वो होता है नेशनल इनकम मतलब कि एक देश में कितना पैसा है अब एक देश में सारे लोग काम नहीं करते कुछ वर्किंग पॉपुलेशन होती है कुछ बच्चे होते हैं कुछ एडोलसेंट होते हैं कुछ न्यू बोर्न्स होते हैं कुछ औरतें होती है जो काम प जाती है कुछ औरतें होती है जो काम प नहीं जा पाती है कुछ वृद्ध लोग होते हैं सीनियर सिटीजंस होते हैं जो अपने बच्चों पे डिपेंडेंट होते हैं तो क्या मैं ये बोल सकती हूं कि एक देश में मोस्टली दो तरीके की पॉपुलेशन होती है एक वर्किंग पॉपुलेशन एक नॉन वर्किंग पॉपुलेशन है नाना लेकिन जब मैं नेशनल इनकम कैलकुलेट कर रही हूं तो मैं तो सिर्फ वर्किंग पॉपुलेशन के पैसे काउंट कर रही हूं क्योंकि नॉन वर्किंग पॉपुलेशन तो डिपेंडेंट वकिंग पॉपुलेशन पे है अब यहां पे आ जाती है गेम यहां पे आ जाती है गेम ये बात याद रखना मैंने तुम्ह क्यों बताई है क्योंकि नेशनल इनकम को हम कहां गया य ठीक है सो नेशनल इनकम क्या होती है एक कंट्री में रहने वाले लोग कितना पैसा कमा रहे हैं एक साल में उसे तुम बोल दोगे नेशनल इनकम लेकिन नेशनल इनकम से ना हमें एक बात समझ नहीं आती कि देश सही में अमीर है कि सही में गरीब है फॉर एग्जांपल मान लो मैंने 10थ ए 10थ बी 10थ सी तीनों क्लासेस को हजार हजार हजार रप दे दिए ठीक है कितने रुपए दे दिए हज हज दे दिए एक क्लास में 10 बच्चे हैं मैंने बोला आपस में बांट लेना जब हज रपए 10 बच्चों में बटे पर बच्चा 00 मिल गए सब पर बच्चा 00 मिल गए 10थ बी में 20 बच्चे 10थ बी में 20 बच्चे हजार रुप दिए थे लेकिन बच्चे 20 है सबको 5050 मिले राइट 10थ सी में और ज्यादा बच्चे हैं तो पर बच्चा पैसा और कम होता जा रहा है क्यों मैं पैसा सबको इक्वल दे रही हूं लेकिन सबकी पॉपुलेशन डिफरेंट है इसलिए पैसा अलग होता जा रहा है पर पर्सन पैसा जो में अलग होता जा रहा है इसीलिए वैसे तो हम कंट्रीज को नेशनल इनकम के बेसिस पे जज करते हैं लेकिन नेशनल इनकम का एक एक रिफाइंड तरीका है जिसे बोला जाता है पर कैपिटा इनकम ये जो पैरामीटर है पर कैपिटा इनकम का ये वर्ल्ड बैंक यूटिलाइज करता है कौन यूज करता है वर्ल्ड बैंक डब्ल्यूबी यूटिलाइज करता है कंट्रीज को डेवलप या अंडर डेवलप बोले तो गरीब या अमीर बताने के लिए अब इससे क्या पता चलता है इससे पता चलता है कि एक देश में अगर ज्यादा पॉपुलेशन है मान लो इं बहुत पैसा छाप रहा है इंडिया इतना बड़ा देश है इंडिया प्राइमरी सेक्टर सेकेंडरी सेक्टर टरी सेक्टर तीनों सेक्टर में मिला के बहुत पैसा छाप रहा है लेकिन अगर उसमें रहने वाले लोग बहुत ज्यादा है डिपेंडेंट पॉपुलेशन वर्किंग पॉपुलेशन पे डिपेंडेंट पॉपुलेशन बहुत ज्यादा है तो पर पर्सन तो पैसा कम ही आ रहा है ना तो गरीबी कहां से कम होगी अगर पॉपुलेशन ज्यादा है तो गरीबी कहां से कम होगी क्योंकि देश चाहे जितना मर्जी पैसा कमा ले लेकिन लोग बहुत ज्यादा है पर पर्सन पैसा कमा है राइट सो व्हाट इज पर कैपिटा इनकम बचा पर कैपिटा इनकम इज एवरेज इनकम पर कैपिट इनकम इ एवरेज इनकम बोले तो वर्ल्ड बैंक यूटिलाइज करता है सबसे पहले हम करते क्या है अरे एक देश की टोटल इनकम को टोटल इनकम में मोस्टली किसकी इनकम आएगी वर्किंग पॉपुलेशन की आएगी नॉन वर्किंग पॉपुलेशन भी तो वर्किंग पॉपुलेशन से ही पैसे ले र है आप भी तो अपने पेरेंट से ही पैसे ले रहे हो राइट तो पर कैपिटा इनकम में आपकी काउंटिंग हो रही है लेकिन पैसे किसके काउंट हो रहे है सिर्फ पापा के हो रहे तो कहने का मतलब ये है टोटल इनकम ऑफ द कंट्री को टोटल पॉपुलेशन से डिवाइड किया जाता है एक कंफ्यूजन होता है जो एनसीआरटी दूर नहीं करती है तो मैं बस बता रही हूं टोटल इनकम है वर्किंग पॉपुलेशन की इनकम काउंट होर है क्योंकि नॉन वर्किंग की कोई इनकम ही नहीं है लेकिन टोटल पॉपुलेशन में जो है वर्किंग पॉपुलेशन प्लस नॉन वर्किंग पॉपुलेशन दोनों काउंट हो रही है देश की पूरी जनता काउंट हो रही है क्योंकि हम बेसिकली ये देखना चाहते हैं कि पर पर्सन कितना पैसा है एक देश में तभी एवरेज इनकम को क्या बोला जाता है पर कैपिटा इनकम बोला जाता है पर कैपिटा का मतलब पर पर्सन कितनी इनकम है एक देश में एक साल में उससे हम हम देखते हैं कि देश जो है अमीर है कि गरीब है और इसी क्राइटेरिया के बेसिस पे इसी क्राइटेरिया के बेसिस पे वर्ल्ड बैंक क्या करता है देशों को या तो डेवलप बताता है मतलब अगर किसी देश में पर कैपिटा इनकम यानी कि पर पर्सन इनकम इतने से ज्यादा होती इतनी या इतने से ज्यादा होती है बेसिकली 1256 यूएस डॉलर से पूरे साल की बताई जाती है पूरे साल की अगर एक इंसान की इनकम 1256 यूएस डॉलर से ऑन एन एवरेज ज्यादा है तो वो कौन सा देश कहलाएगा वो कहलाएगा अमीर देश अगर $55 यूएस डॉलर से पर ईयर की पर कैपिटा इनकम किसी देश की कम है तो वो कहलाएगा गरीब देश अब इंडिया क्या आता है इन दोनों के बीच में आता है तो इंडिया आता है डेवलपिंग नेशन जो अभी डेवलप हुए नहीं है पर अंडर डेवलप भी नहीं है गरीब भी नहीं है तो लो इनकम मिडल कंट्री बोल दो या डेवलपिंग बोल दो एक ही बात है अब यहां पे बच्चों का बड़ा कंफ्यूजन होता है कि मैम यूएस डॉलर में हम अपने देश को क्यों जज कर रहे हैं बच्चा हम एक ऐसा पैरामीटर जो पूरी दुनिया पे लागू हो है हम रुपया भी यूज कर सकते हैं लेकिन एक्चुअली यूएस पहले आपको पता ही है दुनिया में यूएसए का कितना वोट बाला है देखो सच तो ये है यूएसए का बड़ा बोल बाला है ये वर्ल्ड बैंक वगैरह में भी यूएसए का बड़ा बोल बाला है दूसरा रीजन ये है कि दुनिया में ना बहुत सारी चीजें हुई है फर्स्ट वर्ल्ड वॉर हुई है सेकंड वर्ल्ड वॉर हुई है यूनाइटेड नेशंस बना है कोल्ड वॉर हुई है बहुत सारी चीजें हुई है यूएस डॉलर एक ऐसी करेंसी है जो इतनी सारी चीजों के बावजूद भी सबसे ज्यादा स्टेबल रही है बहुत ज्यादा उसका प्राइस ऊपर या प्राइस नीचे नहीं गया बहुत ज्यादा स्टेबल रही है इसीलिए हम मोस्टली आप देखोगे इंटरनेशनल पैरामीटर्स पे यूएस डॉलर के बेसिस पे कंट्रीज को जज करते हैं तो आ गया ना ये समझ पर कैपिटा इनकम वाला एवरेज इनकम क्यों बोलते हैं एवरेज इनकम पर कैपिटा इनकम एक ही बात है डेफिनेशन क्या बताओगे एवरेज इनकम ऑफ अ नेशन इज टोटल इनकम ऑफ दैट नेशन डिवाइडेड बाय द टोटल पॉपुलेशन ऑफ दैट नेशन सिंपल ठीक है जी चलो अभी तो मैंने बोला कि बच्चों को मार्क्स के बेसिस के अलावा भी बहुत सारे बेसिस पे जज कर सकते हैं सिमिलरली एवरेज इनकम एक क्राइटेरिया जरूर है लेकिन और भी बहुत इंपोर्टेंट क्राइटेरिया है जिनके बेसिस पे हमें कंट्रीज की स्टेट्स को या दुनिया की कंट्रीज को जज करना चाहिए जो हम आगे पढ़ेंगे उससे पहले एक ऐसा क्वेश्चन देख लेते हैं जो बोर्ड एग्जाम में पिछले पाच सालों में दो बार आ चुका है डेटा बेस क्वेश्चन है ये टेबल एनसीआरटी का है जरा इसे एक बार स्टडी कर लो यहां पे कंट्री ए और कंट्री बी दे रखी है अगर आप उनकी पर कैपिटल इनकम देखोगे एवरेज इनकम देखोगे तो यहां पे भी आपको 10000 दिख रही है और यहां पे भी आपको 10000 दिख रही है है ना अब यहां पे ना एवरेज इनकम की बुराई करने वाले ठीक है अगर मैं बोलू कि कौन सा कंट्री कौन सा ज्यादा अमीर है या ज्यादा गरीब है तो तुम नहीं बता सकते तुम बोलोगे दोनों कंट्रीज जो है एक जैसे हैं क्योंकि दोनों की एवरेज इनकम क्या है सिमिलर है गलत अब अंदर देखो एवरेज इनकम क्या करती है ना एवरेजेस में प्रॉब्लम ये होती है कि एवरेज के अंदर कितना घपला है है ना मान लो घर में चार लोग हैं मैंने एक को दिए ₹10 एक को दिया ₹ एक को दिया ₹ एक को दे दिया ₹ ध्यान से देखना ₹ ₹ 10 और एक इंसान को दे दिए 00 डिवाइड करोगे फोर से क्या आएगा 30 130 डिवा 4 130 डिवाइड बाय 4 32 प समथिंग आ 32 प समथिंग तो अगर तुम ये पैरामीटर देखोगे तुम एवरेज देखोगे इस फैमिली का तुम्हे लगेगा यार लोगों के पास ठीक ठाक पैसा है लेकिन अंदर जाके देखोगे तो तुम्हें दिखेगा कि घपला कि है श मैम ने तीन लोगों को 10 दिए एक इंसान को 00 दे दिया है ना सो कहने का मतलब ये है कि एवरेजेस में अंदर के जो घपले हैं अंदर की जो डिस्ट्रीब्यूशन है मनी की इनकम की वो छुप जाती है क्योंकि यहां अगर तुम कंट्री ए लिखोगे तो तुम देखोगे कि यहां पे अमीरी और गरीबी का भेदभाव ज्यादा नहीं है लोगों की जो इनकम है वो मोस्टली क्या है इक्विटेबल है सिमिलर है सिमिलर स्केल पे लेकिन कंट्री बी में जब तुम देखोगे जहां पे तुम्हें दिखेगा कि गरीबी और अमीरी का भेदभाव बहुत है क्योंकि मोस्टली जो फैमिलीज है वो बहुत कम पैसे कमा रही है एक आधा फैमिलीज है जो बहुत ज्यादा पैसे कमा रही है तो कहने का मतलब ये है कि एवरेज इनकम की अपनी डिस्प है बच्चा एवरेज इनकम जो है हैं क्या हुआ ये एक सेकंड हां एवरेज इनकम जो है आपका डिस्पर्टी को छुपा लेती है कितना अमीरी और गरीबी का भेदभाव है इनकम कैसे डिस्ट्रीब्यूटर है कंट्रीज में रिच फोर्स के बीच में कितना गैप है ये सारी चीजें एवरेज इनकम में रह जाती है चलो आगे चलते हैं आगे च बाकी इंपोर्टेंट चीजों के बारे में बात करते हैं तो जब हम अपने इंडिया के अंदर अगर मैं बोलूं तुम्हें सबसे अमीर स्टेट कौन सी है तुम क्या देखोगे एक स्टेट में कितना पैसा बन रहा है तुम झक से बोल दोगे ये वाली स्टेट अच्छी है राइट लेकिन मैं तुम्हें बोलूं कौन सी सबसे डेवलप स्टेट है कहां पे ज्यादा पढ़े लिखे लोग है तुम बोलोगे यार केरला में ज्यादा पढ़े लिख ले तो ज्यादा अमीर स्टेट ज्यादा अच्छी हुई कि ज्यादा पढ़े लिखी स्टेट ज्यादा अच्छी हुई वी आर नो बडी टू डिसाइड बट हम ये जरूर बोल सकते हैं कि सिर्फ पैसे के बेसिस पे जैसे मार्क्स के बेसिस पे बच्चों को जज करना बहुत गलत बात है वैसे ही सिर्फ पैसे के बेसिस पे स्टेट्स को जज करना या कंट्रीज को जज करना थोड़ी गलत बात है और भी इंपोर्टेंट चीज है फॉर एग्जांपल इन्फेंट मोर्टालिटी रेट बच्चा इन्फेंट क्या होता है जब एक छोटा बच्चा एक साल या एक साल से कम का होता है ना गोदी वाला जो बच्चा होता है उसे आप इन्फेंट बोलते हो मोर्टालिटी का मतलब क्या होता है मौत का दर मोर्टालिटी रेट का मतलब मौत का दर मतलब कि मान लो आपके एरिया में हजार बच्चे पैदा हुए जो पैदा हुए थे कई बच्चे होते हैं जो पैदा ही मरे हुए होते हैं ना अ बूम में ही उनकी डेथ हो जाती है डिलीवरी के टाइम में उनकी डेथ होती है तो व्हेन दे आर बोर्न दे आर डेड राइट बट वी आर टॉकिंग अबाउट लाइव बर्थ जो जिंदा बच्चे हुए हजार बच्चे उनमें से कितने बच्चे एक साल की आयु से पहले ही दम तोड़ दे रहे हैं उसे तुम बोलोगे इन्फेंट मोर्टालिटी रेट तो व्हाट इज इन्फेंट मोर्टालिटी रेट द नंबर ऑफ चिल्ड्रन डाइंग एट लेस देन वन ईयर ऑफ देयर लाइफ और वन ईयर ऑफ एज डिवाइडेड बाय द लाइफ बर्थ दैट ईयर इज नोन एज इन्फेंट मोर्टालिटी रेट पर थाउ लाइफ बर्थ कितना पर थाउ लाइफ बर्थ इससे हमें क्या पता चलेगा मान लो एक एरिया में बहुत ज्यादा बच्चे एक साल की आयु से पहले दम तोड़ दे रहे हैं तो तुम्हें समझ आ रहा है कि या तो वहां पे कोई बीमारी चल रही है या तो वहां पे कोई हॉस्पिटल हॉस्पिटल नहीं है मतलब कि वहां की हेल्थ जो है थोड़ी सी पिछड़ी है तभी तो बच्चे दम तोड़ देना ना अच्छी हेल्थ फैसिलिटी टाइम पे मिलेगी तो बच्चों के जीने के चांसेस बढ़ जाएंगे राइट तो एक एरिया का एक कंट्री का इन्फेंट मोर्टालिटी रेट एक अच्छी कंट्री का इन्फेंट मोर्टालिटी रेट हाई होना चाहिए कि लो होना चाहिए लो होना चाहिए जितने कम बच्चे मरेंगे एक साल से पहले उतना अच्छा वहां का क्या होगा हेल्थ होगा ठीक है नेक्स्ट पैरामीटर लिटरेसी रेट लिटरेसी का मतलब होता है साक्षरता कितने पढ़े लिखे लोग तो एक पर्टिकुलर एरिया में हर हजार लोगों में से कितने ऐसे लोग हैं जो सात साल की आयु से ऊपर है और इंडिया की कोई एक शेड्यूल्ड भाषा बोल लिख और पढ़ पाते हैं इसमें अंग्रेजी का कोई लेना देना नहीं है इंडिया की स्केड्यूल भाषाओं में से अगर आप कोई भी एक भाषा बोल लेख पढ़ पढ़ सकते हो और आपकी उम्र 7 साल से ऊपर है क्योंकि हम मान के चलते हैं 7 साल से नीचे वाला बच्चा ऑन एन एवरेज इंडिया में पढ़ लिख नहीं पाता है ठीक है ऑन एन एवरेज तो उसे आप क्या बोलते हो लिटरेसी रेट में काउंट कर लेते हो तो जिस जिस जगह का लिटरेसी रेट जितना अच्छा होगा जितना हाई होगा मतलब वहां पे स्कूल्स कॉलेजेस उतने अच्छे गवर्नमेंट जो है एजुकेशन पे ध्यान दे रही है तो एक अच्छी कंट्री का लिटरेसी रेट हाई होना चाहिए कि लो होना चाहिए हाई होना चाहिए इफट मोर्टालिटी रेट होना चाहिए लो लिट रेट होना चाहिए हाई और नेट अटेंडेंस रेशो भी होना चाहिए हाई व्हाट इज नेट अटेंडेंस रेशो बच्चा अटेंडेंस का मतलब प्रेजेंट होना नेट का मतलब टोटल तो कई बार होता है बच्चा कि बच्चे स्कूल में दाखिला दे देते हैं पेरेंट्स जो है बच्चों का नाम लिखवा देते हैं स्कूल्स में लेकिन उन्हें स्कूल भेजते नहीं है चाहे किसी भी प्रॉब्लम से बच्चों से कभी पैसे कमवा जाते हैं क्योंकि मां-बाप बहुत करीब होते हैं बच्चों को घर में छोटे बच्चों का ध्यान रखने को बोल दिया जाता है बहुत सारे कारण होते हैं लेट्स नॉट गेट इन टू दैट बट कहने का मतलब ये है स्कूल में एडमिशन करा दिया जाता है लेकिन स्कूल नहीं भेजा जाता है बच्चों को तो नेट अटेंडेंस रेशो बोलता है कि एक पर्टिकुलर एज ग्रुप में जैसे मान लो 10थ क्लास के बच्चों की बात कर ें हैं तो 14 से 15 साल की एज ग्रुप में कितने बच्चे स्कूल रेगुलरली जा रहे हैं एक एरिया में कितने बच्चे हैं मान लो एक एरिया में 100 बच्चे हैं उन 100 बच्चों में से अगर चार ही बच्चे स्कूल जा रहे हैं 1415 साल के तो नेट टेंडेंस रेशो क्या बनेगा 4 डिड बा 100 राइट सो व्हाट इज नेट एटंड रेशो द टोटल नंबर ऑफ द स्टूडेंट्स और टोटल नंबर ऑफ द चिल्ड्रन इन अ पर्टिकुलर एज ग्रुप गोइंग टू स्कूल अटेंडिंग स्कूल डिवाइडेड बाय द टोटल नंबर ऑफ चिल्ड्रन इन दैट पर्टिकुलर एज ग्रुप इज नोन एज नेट अटेंडेंस रेशो जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं पर्टिकुलर एज ग्रुप में डिवाइडेड बाय द टोटल नंबर ऑफ बच्चे उस एज ग्रुप में उस पर्टिकुलर एरिया ठीक है जी उसे बोलते हैं तो एक कंट्री का नेट एडेंस रेशो अच्छा होना चाहिए कि बुरा होना चाहिए अच्छा होना चाहिए मतलब कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं अवेयरनेस है है ना अब इस डेटा को देखो इस डेटा में देखो तो मैं तीन स्टेट्स ली हुई है हरियाणा केरला और बिहार और यहां पे तुमने देखा है अगर तुम सिर्फ पैसे के बेसस जज करते हैं एवरेज इनकम के बेसिस पे तो तुम्हे देखता हरियाणा सबसे बढ़िया स्टेज है लेकिन जैसे ही तुम बाकी पैरामीटर्स को कंसीडर करते वो लिटरेसी रेट को इफट मोर्टालिटी रेट को तो तुम्हें दिखता है कि यार केरला वेस्ट कर रहा है क्यों कि केरला में बेशक हो सकता है कि आपका पर कैपिटा इनकम थोड़ी कम हो हरियाणा से लेकिन केरला का लिटरेसी रेट अच्छा है इन्फेंट मोर्टालिटी रेट कम है नेट टनेस रेशो अच्छा है तो कहने का मतलब ये है कि ये डाटा ये बताता है कि केरला हेल्थ के मामले में अच्छा कर रहा है सबसे केरला जो है एजुकेशन के मामले में अच्छा कर रहा है सबसे और केरला जो है पर कपि इनकम ठीक ठाक कर रहा है क्योंकि बिहार का तो पर कैपिटा इनकम बहुत ही कम है लेकिन ऑन द अदर हैंड हरियाणा की इनकम बेशक बहुत ज्यादा हो पर कैपिटा इनकम लेकिन हरियाणा की हेल्थ और एजुकेशन जो है थोड़ी सी खराब है सो द डेटा सजेस्ट दिस इसीलिए ब इसीलिए एक सेकंड रा लिख ल जरा फिर बताती इसीलिए क्योंकि हर कोई अपने लिए चीजें अफोर्ड नहीं कर सकता हर कोई अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज सकता कॉलेजेस नहीं भेज सकता इसीलिए कुछ चीजें होती है जो गवर्नमेंट प्रोवाइड करती है तो उन्हें बोला जाता है पब्लिक फैसिलिटी ऐसी बेसिक फैसिलिटी अब तुम बोलो मेरी जान को खतरा है मुझे जो है पर्सनल बॉडीगार्ड दे दो तो वो नहीं देगी पर्सनल बॉडीगार्ड गवर्नमेंट किसकिस को देती रहेगी पर्सनल बॉडीगार्ड लेकिन पुलिस तो होती है तो ऐसी बेसिक फैसिलिटी जो गवर्नमेंट अपने सारे सिटीजंस को प्रोवाइड करती है विदाउट एनी डिस्क्रिमिनेशन उन्हें बोला जाता है पब्लिक फैटीज जैसे कि सोशल सिक्योरिटी यानी कि पुलिस होती है आर्मी होती है जैसे की गवर्नमेंट स्कूल गवर्नमेंट हॉस्पिटल पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम है ना ये सारी चीजें पब्लिक फैसिलिटी में आता है अब बात ये आती है कि मैम सब लोग अपने पैसे कमाए सब लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजे गवर्नमेंट के ऊपर क्यों प्रेशर डालना है गवर्नमेंट के ऊपर इसलिए प्रेशर डालना है क्योंकि ये चार कारण है पहली बात तो सोसाइटी में अमीरी और गरीबी का भेदभाव है हो सकता है हम और आप अपने बच्चों को स्कूल भेज पाए हॉस्पिटल लेके भाग पाए अगर बच्चों को चोट लगी तो लेकिन कई गरीब लोग होते हैं जो नहीं कर पाते अब बोलोगे मैम उनके पास तो पब्लिक हॉस्पिटल है वो फिर भी नहीं करते वो बारी उस स डिबेट में मत जाओ तुम ये सोचो कि सोसाइटी में पॉलिटिकल इक्वलिटी है डेमोक्रेसी में रहते हैं पॉलिटिकल इक्वलिटी है हम और आप सब बराबर है राइट जब सब बराबर है तो अगर अमीर इंसान के पास ये हक है कि वो अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ा पा रहा है प्राइवेट स्कूल में तो गरीबों के पास भी इतना हक तो होना चाहिए कि अगर वो बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं तो उनके पास ऑप्शन हो पैसे की कमी की बच्चे वजह से उनके बच्चे ना पढ़ पाए ऐसा हम बर्दाश्त नहीं कर सकते सो वी हैव टू प्रोवाइड बिकॉज नॉट एवरी बडी कैन अफोर्ड बेसिक फैसिलिटी आल्सो गरीब लोग नहीं कर सकते दूसरा पॉइंट कभी-कभी गवर्नमेंट को ही ये फैसिलिटी प्रोवाइड करनी पड़ती है क्योंकि आपके पास अंधा धुन से जितना मर्जी पैसा हो आप कुछ फैसिलिटी अफोर्ड नहीं कर पाते दिल्ली में रहने वाले लोग करोड़पति हैं मतलब गरीब लोग भी है पर कई सारे लोग है जो दिल्ली में बड़े करोड़पति है लेकिन जब दिल्ली में पोल्यूशन होता है अपने घरों में पेशेंट को एयर प्यूरीफायर लगा ले गाड़ियों में एयर प्यूरीफायर लगा ले जैसे ही सड़क प उतरो उसी हवा में सांस लेनी पड़ेगी जिस हवा में गरीब लोग सांस ले राइट तभी ऑड और इवन इस तरीके की आप स्कीम देखते हो दिल्ली में चलती हुई सरकार को कदम उठाने पड़ते हैं कि भैया थोड़ा थोड़ा सा पब्लिक ट्रांसपोर्ट अच्छा करें ताकि लोग अपनी पर्सनल गाड़ियां लेके कम दौड़े सड़कों पे ताकि पोल्यूशन कम हो ताकि दिल्ली में थोड़ा सांस ले पाए राइट तो गवर्नमेंट को कई बार ये स्टेप इसलिए उठाने पड़ते हैं क्योंकि आपके पास जितना मर्जी पैसा हो कुछ चीजें आप अफोर्ड नहीं कर सकते फॉर एग्जांपल कोविड की वैक्सीन जब कोविड आया था तो अमीरों के घरों में भी बहुत डेथ हुई है गरीबों के घरों में भी बहुत डेथ हुई है राइट वहां पे कोविड ने ये नहीं देखा कि कौन अमीर है कौन गरीब है तो गवर्नमेंट को ही वैक्सीन बनवानी पड़ी ना क्योंकि इतनी बड़ी जो रिसर्च है इतने लार्ज स्केल पे जो रिसर्च होनी है वैक्सीन बर्ने की वो तो गवर्नमेंट ही इनीशिएट करेगी तो कोई और नहीं कर सकता नाउ राइट ऑफ सिटीजन इंड डेमोक्रेसी अगर आप एक डेमोक्रेसी में ठहर हो आपसे टैक्स बटोरा जा रहा है तो आपको बेसिक फैसिलिटी तो देनी पड़ेगी सिटीजंस को और चौथा होल्ड दफ सोसाइटी टुगेदर जब हम अमीरों और गरीबों के बीच का भेदभाव मिटाने की कोशिश करते हैं तो डेमोक्रेसी जो है फलती है फूलती है अब कुछ स्टेट्स है केरला जैसी तमिलनाडु जैसी जहां पे पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम जिनसे यू नो गरीब लोगों को राशन प्रोवाइड किया जाता है हर महीने कम दामों में वहां पे इस टाइप के सिस्टम्स अच्छे हो रहे हैं कई केरला जैसे स्टेट्स है जहां पे स्कूल्स बहुत अच्छे चल रहे हैं गवर्नमेंट स्कूल भी प्राइवेट स्कूल से अच्छे चल रहे हैं दिल्ली में भी गवर्नमेंट स्कूल्स बहुत अच्छे हो गए हैं आजकल राइट स लेकिन कुछ जगह है जहां पे ये पब्लिक फैसिलिटी अभी पीछे है तो बेसिकली देश हमारा इक्वल नहीं है कुछ स्टेट्स है जो पब्लिक फैसिलिटी में बहुत आगे हैं कुछ है जो थोड़ा सा अभी भी पिछड़ी है चाहे वो उसका रीजन करप्शन हो हाई पॉपुलेशन हो जो भी ठीक है चलिए नाउ अभी तो बात हुई अभी तक जो चैप्टर चल रहा था अब आगे जाके चैप्टर थोड़ा डिफरेंट हो जाता है चैप्टर में बचते हैं सिर्फ तीन टॉपिक एक है बॉडी मास एंटेस एक है ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट और एक है सस्टेनेबिलिटी बॉडी मास इंडेक्स बच्चा जैसे हम कंट्रीज को इसके बेसिस पे जज कर रहे हैं ना जैसे बच्चों को मार्क्सस के बेसिस पे कंट्रीज को एवरेज इनकम के बेसिस पे जज कर रहे हैं वैसे ही एक इंसान कितना न्यूट्रिशस है क्या उसमें यू नो विटामिंस मिनरल्स न्यूट्रिशन है कि नहीं उसे हम बॉडी मास इंडस के बेसिस प जस्ट करते क्या है बॉडी मास इंडेक्स एक स्केल है एक वैल्यू है जो एक फॉर्मूले से आती है हां एक फॉर्मूले से आती है तो बॉडी मास इंडेक्स में क्या करते हो आप अपने बॉडी का वेट को डिवाइड करते हो अपने हाइट के स्पर किससे डिवाइड करते हो हाइट के स्पर से हाइट होनी चाहिए आपकी मीटर में वेट होना चाहिए आपका केजी में और जब आप उसे डिवाइड करते हो तो आपका बॉडी मास इंडेक्स आ जाता है ये एक तरीका है जसे मैं बोलू 40 से नीचे वाले बच्चे फेल हो गए 40 से ऊपर वाले बच्चे फेल हो गए मैं चाहती थ 50 भी बोल सकती थी मैं चाहती तो 60 भी बोल सकती थी पर इतनी रिसर्च करके हमारे टीचर्स ने माना है कि यार 33 या 40 एक अच्छा नंबर है जिससे नीचे फेल जिससे ऊपर पा है ना सिमिलरली बॉडी मास इंडस की इतनी रिसर्च करके ये फार्मूला निकाला गया है और उसके अकॉर्डिंग उसके अकॉर्डिंग अगर आप 141 साल के बच्चे हो और आपका बॉडी मास इंडस चाहे आप लड़के हो चाहे आप लड़की हो 18.5 बच्चा याद रखना ये वेट नहीं है बॉडी मास इंडेक्स की एसआई यूनिट है ये केजी मीटर स्क्वा राइट तो अगर आपका बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच में है तो तो आप नरेश हो 18.5 से नीचे है अगर आपका बीएमआई तो आप अंडर नरेश हो 24.9 से ऊपर है तो आप ओवरवेट हो लेकिन इस पे ध्यान मत दो थोड़ा बहुत ऊपर नीचे चलता है लेकिन अगर अपना बीएमआई कैलकुलेट लेट करना है तो अपना वेट अपनी हाइट इन मीटर्स नॉट इन फिट नॉट इन सेंटीमीटर मीटर में स्क्वायर के साथ इसको डिवाइड कर लेना अपने वेट को आपका बीएमआई आ जाएगा आपको पता चल जाएगा आप इस रेंज में फॉल कर रहे हो कि नहीं कर रहे हो सो व्हाट इज बॉडी मास इंडेक्स इट इज अ स्केल टू डिसाइड इफ द पॉपुलेशन इज हेल्दी र नॉट हर एज ग्रुप के ललर निकलता है 14 से 15 साल वाले बच्चों का यहां पे दिया हुआ है नेक्स्ट इज बच्चा ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट तो लाइक आई सेड कंट्रीज को कई बेसिस पे जज किया जा सकता है एक तरीका अपनाया वर्ल्ड बैंक ने जिसने सिर्फ पर कैपिटा इनकम प ध्यान देके बोल दिया ये कंट्री अमीर है ये कंट्री गरीब है दूसरा तरीका अपनाया जाता है ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट पब्लिश की जाती है यूएनडीपी द्वारा बच्चा देखो यूनाइटेड नेशन एक बड़ी ऑर्गेनाइजेशन उसके अंदर बहुत सारी ऑर्गेनाइजेशन आ है वर्ल्ड बैंक भी उसी के नीचे आती है यूएनडीपी भी उसी में आती है यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम तो वर्ल्ड बैंक अपनाती है पर कैपिटा इनकम और यूएनडीपी अपनाती है ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स ठीक है तो यूनाइटेड यूएनडीपी हर साल एक मोटी सी रिपोर्ट पब्लिश कर उसमें सब कुछ लिखा होता है ये कंट्री ऐसे कर रही है वो कंट्री ऐसे कर रही है ब्ला ब्ला ब्ला उस रिपोर्ट में ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट में एक पर्टिकुलर पेज होता है एक पर्टिकुलर सेक्शन होता है जिसे बोला जाता है ह्यूमन अ एचडीआई ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स यानी कि वो जो तुम्हारी क्लास टीचर ने एक बड़ी सी नोटबुक बना रखी है उसने सब कुछ लिखा है ये बच्चा ऐसा करता है ये बच्चा ब ऐसा करता है ये बच्चा नटखट है ये बच्चा इसकी राइटिंग अच्छी नहीं है ब्ला ब्ला ब्ला लेकिन पहले पेज पे उन्होंने क्या दिया हुआ है पहले पेज पे उन्होंने रोल कॉल दिया हुआ है रोल नंबर वन रोल नंबर टू रोल नंबर थ्री कुछ ऐसा इमेजिन करो तो जो हर साल पूरी रिपोर्ट निकलती है उसे तुम बोलते हो ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट उस ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट में जो पर्टिकुलर सेक्शन होता है जिसमें तुम्हारी यू नो कंट्रीज की रैंकिंग होती है उसे तुम बोलते हो ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स अब ये वाला क्राइटेरिया वर्ल्ड बैंक के क्राइटेरिया से बहुत बेहतर है क्यों क्योंकि वर्ल्ड बैंक ने तो सिर्फ ध्यान दिया एवरेज पे यूएनडीपी की एचडीआई यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स ने ध्यान दिया ध्यान से सुनना एवरेज इनकम पे ग्रॉस एनरोलमेंट रेशो यानी कि एजुकेशन पे और साथ में लाइफ एक्सपेक्टेंसी यानी कि हेल्थ पे अब तुम्हारा होमवर्क ये है बच्चा कि तुम्हें डेफिनेशन लिख के मुझे कॉमेंट्स में बतानी है ग्रॉस एनरोलमेंट रेशो की और लाइफ एक्सपेक्टेंसी की ठीक है ये दो डेफिनेशन तुम्हें मुझे बतानी है पेपर में आ सकती है बिल्कुल तुम्हें याद करके मुझे कॉमस में बतानी है जरूर बताना ताकि मुझे समझ आ चैप्टर आ गया ठीक है तो कहने का मतलब ये है व्हाई ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट बेटर देन द क्राइटेरिया यू बाय वर्ल्ड मैप बिकॉज वो सिर्फ एवरेज इनकम पे ध्यान नहीं देते वो एजुकेशन हेल्थ और एवरेज इनकम तीनों पे ध्यान देते हैं और जब हम वैसे देखते हैं सिर्फ इनकम के बेसस प देखते हैं तो हमें दिखता है इंडिया बहुत डेवलप कर रहा है लेकिन जब हम बाकी चीजों पे ध्यान देखते हैं तो हमें दिखता है कि ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट में इंडिया अपने पड़ोसी देशों से भी नीचे चल रहा है यहां है हमारा इंडिया यहां हमसे ऊपर तो श श्रीलंका चल रहा है बताओ सो ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट में इंडिया की पोल खुल जाती है क्योंकि हमारी इनकम बेशक बढ़ती जा रही है क्योंकि जनता बहुत है लेकिन वो इनकम का फायदा नहीं हो पा रहा है क्योंकि हेल्थ और एजुकेशन जिस तरीके से बढ़नी चाहिए थी बढ़ नहीं रही ठीक है लास्ट टॉपिक लास्ट टॉपिक इ बच्चा सस्टेनेबल डेवलपमेंट ये तुम रिसोर्सेस एंड डेवलपमेंट में भी पढ़ते हो अब इतनी सारी चीजों से डेवलपमेंट का एक बहुत इंपोर्टेंट एस्पेक्ट है हमने डेवलपमेंट का एक एस्पेक्ट पढ़ा जहां पे इनकम पढी फिर हमने पढ़ा इफ रेट लाइफ एक्सपेक्टेंसी सोऑन सो फ बहुत सारी चीजें पढ़ बीएमआई भी पढ़ लिया डेवलपमेंट का एक सबसे इंपोर्टेंट एस्पेक्ट है सस्टेनेबल डेवलपमेंट आज ल देश जो डेवलपमेंट कर रहे पिछले 200 सालों 300 सालों से जो डेवलपमेंट होती आ रही है वो सस्टेनेबल बिल्कुल भी नहीं है ट्स वेरी अनसस्टेनेबल सर्ट ऑफ डेवलपमेंट सस्टेनेबल डेवलपमेंट होती है सिंपल सिंपल डेफिनेशन रटता नहीं माना है सस्टेनेबल डेवलपमेंट होती है जब आप आज की जनरेशन का ख्याल रखते हो फ्यूचर की जनरेशन का ख्याल और साथ में एनवायरमेंट को डैज सो अ डेवलपमेंट दैट नीड द रिक्वायरमेंट ऑफ प्रेजेंट जनरेशन टेक्स केयर ऑफ द नीड्स ऑफ द फ्यूचर जनरेशन एंड डज नॉट हार्म द एनवायरमेंट इज नोन एज सस्टेनेबल क्या ये बहुत मुश्किल है नहीं जी बिल्कुल मुश्किल नहीं है हम बस आलसी है वी एज ह्यूमन बीइंग्स आर जस्ट लेजी दिस इज नॉट डिफिकल्ट क्यों हमारे पास दो तरीके के रिसोर्स रिसोर्सेस होते हैं रिन्यूएबल नॉन रिन्यूएबल रिन्यूएबल रिसोर्सेस होते हैं जो भैया बारबार बार बार बन जाते हैं जैसे पानी है हाइड्रोलॉजिकल साइकल से दोबारा बन जाता है तुम छोटी क्लासेस में पढ़ के आए हो है ना इवेपरेशन कंडेंसेशन ल ट हमारा सोलर एनर्जी सोलर एनर्जी आज भी सूरज उगा है कल भी उगेगा परस भी उगेगा तो सोलर एनर्जी रिबल रिसोर्स हम क्या करते हैं नॉन रिबल रिसोर्सेस को यूटिलाइज करते है तो क्या होता है एनवायरमेंट डमेज होता है तो वाई इज वई इ सस्टेनेबल डेवलपमेंट पोर्टेंट जो तीन मार्क का क्वेश्चन आएगा बिकॉज पहला न हम मोली नन रिसोर्स को यूज करते हैं वो कभी ना कभी खत्म हो जाएंगे फर एपल क्रूड ल आगे दिया है दूसरा रीजन हम जो है एनवायरमेंट के साथ जो छेड़छाड़ कर रहे हैं अनसस्टेनेबल तरीके से यूटिलाइज करके डेवलपमेंट करके उससे क्या हुआ ग्लोबल वार्मिंग सुनामी जैसी हरकतें हो रही है अंटार्टिका के ऊपर वैसी ओजोन लेयर में ल है तीसरा हम रिन्यूएबल रिसोर्सेस को भी इतनी तेजी से यूज करते हैं कि जब तक वो बेचारे दोबारा से बनते हैं उससे पहले ही हम उसे खत्म कर चुके होते हैं इसका सबसे अच्छा एग्जांपल है ग्राउंड वाटर बच्चा अब ग्राउंड वाटर सबको पता है कि दोबारा बन सकता है ग्राउंड वाटर दोबारा कैसे बन सकता है वो हाइड्रोलॉजिकल साइकल है जो छोटी क्लासेस में पढ़ते आए लेकिन मान लो ग्राउंड वोटर इतनी कैपेसिटी में है जितनी कैपेसिटी में वो दोबारा बन रहा है उससे तुम्हारी यूटिलाइज करने की कैपेसिटी बहुत ज्यादा है तो ओबवियसली ग्राउंड वाटर टेबल क्या हो रहा है कम हो रहा है क्योंकि हम यूज ज्यादा तेजी से कर रहे हैं वो बेचारा बंद कम तेजी से रहा है हम नेचर के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं हमारा एक्सप्लोइटेशन का रेट जो है उसके रिप्लेनिशमेंट के रेट से बहुत ज्यादा है इसलिए आप देखते हो कि यूपी पंजाब हरियाणा जैसे स्टेट जिन्होंने ग्रीन रेवोल्यूशन के नाम पे बहुत सारा पानी यूटिलाइज कर लिया वहां पे भी अब पानी की कमी होने लग गई है बेंगलोर जैसे शहरों में तो पानी ही नहीं है टंकर मंगवा मंगवा के घरों में नहाया जा रहा है सो दिस इज व्ट वी हैव डन टू द एनवायरमेंट एंड दूसरा एग्जांपल है आपका क्रूड ऑयल का अकॉर्डिंग टू द वर्ल्ड एनर्जी रिव्यू जो जून 2011 में पब्लिश हुआ था हमारी पूरी दुनिया में जो रॉ ऑइल है जो रॉ ऑइल है उसका उतना ही बस हमारे पास यू नो स्टॉक पड़ा है जो अगले 50 साल में खत्म हो जाएगा और उसके बाद हम क्या करेंगे हमें नहीं पता तो व्हाट वी नीड टू डू इज वन सेकंड हां व्ट वी नीड टू डू इज वी नीड टू लुक फॉर सस्टेनेबल रिसोर्सेस क्योंकि जब एनवायरमेंट अपना बदला लेगी तो वो नहीं दिखेगी कि हम इंडिया में सुनामी कर रहे हैं कि पाकिस्तान में सुनामी कर रहे हैं फिर तो वो कुछ भी करेगी इस वाले टॉपिक में से बहुत सारे थ्री मार्क के क्वेश्चन आते हैं बच्चा दैट व्हाट डू यू अंडरस्टैंड बाय द कंसीक्वेंसेस ऑफ एनवायरमेंटल डिग्रेडेशन डू नॉट रिस्पेक्ट नेशनल स्ट बाउंडी इतना दुखी होने की जरूरत नहीं है बहुत इजी सा क्वे क्वेन है जब भी ये क्वेश्चन आए दो तीन एग्जांपल आपको देने हैं कहने का मतलब ये है कि हम तो एनवायरमेंट के साथ छेड़छाड़ अलग तरीके से करते हैं अमेरिका में लोग ज्यादा छेड़छाड़ कर रहे हैं एनवायरमेंट के साथ यहां तो इंडिया में इतनी गरीबी है भैया लोग पुल पे सो रहे हैं सड़कों पे सो रहे हैं वो क्या एसी लगाएंगे वो क्या डन लगाएंगे वो क्या एसी और फ्रिज चलाएंगे राइट कूलर चलाएंगे कुछ नहीं है उनके पास अमेरिका में पर पर्सन जो एनर्जी का कंजमेट के बेसिस पे देखो तो सम कंट्रीज आर एक्सप्लोइटिंग द नेचर वे मोर देन द अदर नेशन बट जब नेशन ब बदला लेता है तो नेशन फिर सबसे बदला लेता है ग्लोबल वार्मिंग का असर अगर पुणे में दिख रहा है तो दिल्ली में भी दिख रहा है और दिल्ली में दिख रहा है तो यूरोप में भी दिख रहा है यूरोप में जहां आज तक कभी हीट वेव नहीं आई थी जहां की समर्स हमारे यहां की विंटर टाइप होती थी वहां पे भी हीट वेव चल रही है दिल्ली जैसा मौसम हो गया है व्हाट इज दिस दिस इज ग्लोबल वार्मिंग डू यू थिंक ग्लोबल वार्मिंग हैज कम जस्ट बिकॉज ऑफ इंडिया और जस्ट बिकॉज ऑफ अमेरिका नहीं हमारा कलेक्टिव एफर्ट है और ग्लोबल वार्मिंग का असर सब पे दिख रहा है तो मतलब कि जब एनवायरमेंट बदला लेने पाएगा तो वो ये नहीं दिखेगा कि एक देश से बदला ले रहा है कि दूसरे देश से बदला दे रहा है वो तो बस अपना कहर मचाएगा तो इसमें आपको एग्जांपल लिखने है कि जब अगर यू नो नेपाल में बाढ़ आती है तो उसका असर इंडिया में भी देखने को मिलता है जब ब्राजील में डिफॉरेस्टेशन होता है तो उससे पूरी धरती का जो टेंपरेचर है वो बढ़ता है जब अंटार्टिका के ऊपर ओजोन लेयर में छेद हुआ तो पूरी धरती का टेंपरेचर में ग्लोबल वार्मिंग का असर देखने को मिला दीज एग्जांपल्स यू हैव टू राइट मेरे बच्चों अगर तीन मार्क्सस का आएगा तो एक एग्जांपल और थोड़ा सा एक्सप्लेनेशन बहुत है पांच मार्क्स का आएगा तो एटलीस्ट दो एग्जांपल्स आप लिख के जरूर बराना चलो क्वेश्चंस कर लेते हैं डेवलपमेंट ऑफ अ कंट्री कैन जनरली बी डिटरमाइंड बाय जनरली इट्स पर कैपिटा इनकम होना चाहिए एक्चुअली ऑल द अबब लेकिन ये विडंबना है ये आयनी है कि उसकी जनरली जो है पर कैपिटा इनकम से होती है व्हिच ऑफ द फॉलोइंग नेबरिंग कंट्रीज हैज बेटर परफॉर्मेंस इन टर्म्स ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट देन इंडिया श्रीलंका अभी हमने देखा चार्ट में श्रीलंका इंडिया से ऊपर था अधिम चार फैमिली कंट्रीज में द एवरेज पर कैपिटा इनकम ऑफ दज फैमिली इ 5000 एवरेज बोल रहा है 5000 है एवरेज का फर्मूला क्या होता है 4000 प् 7000 प् 4 और से कितना हुआ चलो मैं य लिख 4k प् 7k प् 3k प् x डिवाइडेड बाय कितनी फैमिली है टोटल तो 5000 इ 4 और से ये हो गया 10 10 14 14 प् x अप 4 यहां से एक्स निकाल लेना बेसिकली तुम्हारे टीचर की मैथ अच्छी नहीं है पर एक्स निकाल लेना नेक्स्ट व्हाट इज द मेन क्राइटेरिया यूज बाय द वर्ल्ड बैंक इन क्लासिफाइड कंट्रीज मेन क्राइटेरिया है पर कैपिटा इनकम लिमिटेशन क्या है डिस्पैरेज पता नहीं चलती अमीरी और गरीबी का भेदभाव पता नहीं चलता इन व्हाट रिस्पेक्ट द क्राइटेरिया यूज बाय यूएनडीपी इ बेटर यूएनडीपी का क्राइटेरिया बेटर है क्योंकि वो हेल्थ एजुकेशन पर कपिट इनकम तीन पे ध्यान देता है ओवरऑल डेवलपमेंट पे ध्यान देता है देन हाउ डू वी यूज एवरेजेस आर देर एनी लिमिटेशंस वही एवरेज की लिमिटेशन देनी है कि एवरेज के अंदर डिस्पैरेज पता नहीं चलती इनकम का डिस्ट्रीब्यूशन पता नहीं चलता राइट अ केरला विद लोअर पर कैपिटा इनकम केरला का पर कैपिटा इनकम कम है लेकिन वो बेटर ह्यूमन डेवलप रैंकिंग आती है हरियाणा से अ हेल्स पर कैपिटा इनकम यूजफुल क्राइटेरिया नहीं रहना चाहिए डू यू अग्री र नॉट आपने यहां बोला है यस पर कैपिटा इनकम अकेले शुड नॉट बी द सोल क्राइटेरिया टू जज अ नेशन और टू जज अ स्टेट बिकॉज देयर आर मोर इंपोर्टेंट थिंग्स आल्सो लाइक एजुकेशन एंड हेल्थ एग्जांपल दे दोगे केरला का क क्वेश्चन में दिया हुआ है केरला का और हरियाणा का राइट फाइंड आउट द प्रेजेंट सोर्सेस ऑफ एनर्जी दैट आर यूज्ड बाय द पीपल इन इंडिया प्रेजेंटली क्या यूज होता है सबसे ज्यादा कोल यूज होता है सबसे ज्यादा फॉसिल फ्यूल को बर्न करके एनर्जी निकाली जाती है थर्मल पावर प्लांट से एनर्जी निकाली जाती है एंड व्हाट कुड बी द अदर पॉसिबिलिटी अदर पॉसिबिलिटीज क्या हो सकती है सोलर एनर्जी विंड एनर्जी राइट गोबर गैस एनर्जी ऑल ऑफ दैट व्हाट इज द इशू ऑफ सस्टेनेबिलिटी इंपोर्टेंट फॉर डेवलपमेंट जो भी सस्टेनेबिलिटी के बारे में बताया है सस्टेनेबल ये यहां पे तीन रीजन दिए थे तुम्हें ये लिख देने है तुम्हें इसमें ठीक है जी चलो सो आई होप यू एंजॉय टुडेज लेक्चर बच्चा नेक्स्ट चैप्टर तुम्हें कौन सा चाहिए मुझे जरूर जरूर बताना अच्छा और भी क्वेश्चन है क्या कुछ द अर्थ हैज इनफ रिसोर्सेस टू मीट द नीड्स ऑफ ऑल बट नॉट इनफ टू सेटिस्फाई द ग्रीड ऑफ इवन वन पर्सन हां तो इसमें आपको लिखना है कि अर्थ के पास इतने रिसोर्सेस है कि अगर हम चुपचाप यूज़ करेंगे तो यूज़ हो जाएगा लेकिन हम क्या करते हैं एक्सप्लोइटेशन बढ़ा देते हैं एग्जाम लिख देना इसमें ग्राउंड वाटर का ग्राउंड वाटर हमारे पास इतना है कि सारी दुनिया की पॉपुलेशन को सस्टेन कर सकता है अगले कई सालों तक लेकिन हम क्या करते हैं बहुत ज्यादा एक्सप्लोइट करते हैं पानी का मिसयूज करते हैं तो ग्राउंड वाटर टेबल भी जो कि रिन्यूएबल एनर्जी है वो भी कम होता जा रहा है लिस्ट अ फ्यू एग्जांपल्स ऑफ एनवायरमेंटल डिग्रेडेशन कुछ भी लिख दो लैंड डिग्रेडेशन सोइल डिग्रेडेशन एयर डिग्रेडेशन वाटर डिग्रेडेशन राइट फॉर इच ऑफ द आइटम गिवन इन टेबल 1.6 फाइंड आउट च कंट्री इज एट द टॉप यहां पे तुम्ह दिया हुआ है अच्छा ये कोई और टेबल की बा बा े केरला और मध्य प्रदेश को कंपेयर करना है ठीक है ये भी मैं होमवर्क में दे रही हूं इसमें तुम मुझे बताना है कि केरला अच्छा कर रहा है हेल्थ बेसिस पे या मध्य प्रदेश अच्छा कर रहा है अभी मैं जा रही हूं मेरा जिम का टाइम हो है मुझे बहुत जल्दी जाना है इन दोनों क्वेश्चन के आंसर्स मैं कॉमेंट में देती हूं एंड आई विल सी यू नेक्स्ट टाइम डोंट फॉरगेट टू सब्सक्राइब टू द चैनल एंड नेक्स्ट चैप्टर कौन सा चाहिए वो भी कमेंट्स में बता देना बाय बाय