आई यूज्ड टू बी अ वेरी बैड स्पीकर एक बार स्कूल के समय में कोई गलत सॉक्स पहन कर चला गया था और एज अ पनिशमेंट मेरे को स्टेज पर खड़े होक 13 का टेबल सुनाना था फर्स्ट ऑफ ऑल 13 का टेबल ऑलरेडी इतना ज्यादा मुश्किल है बट फिर भी मैं अपने दिमाग में कैलकुलेट कर सकता था कि ठीक है ऐड करके देख लेते हैं 13 हो गया 26 हो गया 39 हो गया 52 हो गया 65 हो गया सो ऑन बट मैं इतना ज्यादा ओवरथिंक कर रहा था उस समय पर मैं इतना ज्यादा सेल्फ कॉन्शियस था कि लोग मेरे को देख के क्या सोच रहे होंगे और मैं कुछ बोल ही नहीं पाया वहां पे और मैं नीचे अपने टीचर को देख रहा हूं कि यार आपको दिख नहीं रहा कि मैं कितना ज्यादा स्ट्रेस्ड आउट हूं आपको दिख नहीं रहा कि यार कितना ज्यादा मैं टेंशन में हूं मैं कुछ बोल नहीं पा रहा हूं मेरे को हटाओ यहां से उस समय पर अगर मेरे को अपने किसी रिलेटिव या फिर अपने किसी क्लासमेट से भी बात करनी होती थी तो मेरे को अपने दिमाग में 10 बार सोचना पड़ता था कि मैं इसके पास जाके बोलूंगा क्या बिकॉज आई वाज ऑलवेज सो स्केर्ट एंड आई वाज नॉट आर्टिकुलेट आर्टिकुलेट होने का मतलब ये है कि जो भी मेरे दिमाग में चल रहा है जो भी मैं सोच रहा हूं और जो भी मैं फील कर रहा हूं उसको मैं दूसरे इंसान को समझा पाऊं बहुत सिंपल वर्ड्स में एक अच्छा स्पीकर वो होता है जो अपने वर्ड्स के साथ इतना ज्यादा प्रेसा इज होता है जितना प्रेसा इज एक सर्जन अपने टूल्स के साथ होता है बट आपने ये चीज नोटिस करी होगी कि आपके दिमाग में फिर भी आपको कई चीजें समझ आती हैं लेकिन जब उन चीजों को एक्सप्रेस करने की बात आती है जब भी आप उनको वर्ड्स में पुट करने की कोशिश करते हो तब आप फेल हो जाते हो आप या तो टूटा टूटा बोलते हो और जो आपके दिमाग में चीज चल रही होती है जो भी आपका थॉट होता है आप उसका बस एक फ्रैक्शन ही एक्सप्लेन कर पाते हो और जो भी आपके पास वर्ड्स होते हैं वो कम रह जाते हैं सो आज हम बात करेंगे उन पांच मेथड्स की जिन्हें ओवर द इयर्स मैं यूज़ करता आ हूं खुद को एक बेटर स्पीकर बनाने के लिए और अपने थॉट्स को प्रेसीजन के साथ एक्सप्रेस करने के लिए नंबर वन कॉग्निटिव प्राइम मिंग जो भी मैं बोलने वाला हूं उसे बहुत ध्यान से सुनना बिकॉज़ मेरे मुंह से निकलने वाला हर एक शब्द मैं बहुत सोच समझ के और बहुत प्रेसीजन के साथ बोलने वाला हूं इसे बोलते हैं कॉग्निटिव प्राइम मिंग यानी जब भी आप किसी इंसान के साथ कन्वर्सेशन शुरू करने वाले हो आप वही बोरिंग नोट पर शुरू करने के बजाय कि अच्छा तेरी आर्गुमेंट ये है अब मेरी आर्गुमेंट सुन आप ये चीज करने की बजाय उस इंसान की आंखों में आंखें डाल के बोलो कि मैंने किसी चीज के बारे में बहुत ज्यादा सोचा है और यह मेरा ओपिनियन है यह बहुत इंपॉर्टेंट ओपिनियन है सो प्लीज पे अटेंशन और जब भी आप दूसरे इंसान को ये कन्वे कर देते हो कि आप कोई भी बहुत इंपॉर्टेंट बात बोलने वाले हो तब दो चीजें होती है हैं पहली चीज यह होती है कि हमारा दिमाग हमेशा इंपॉर्टेंट चीजों को अपने एनवायरमेंट में ढूंढ रहा होता है बिकॉज अगर हमें इंपॉर्टेंट चीजों की अवेयरनेस नहीं है तो यह हमारे लिए एक सर्वाइवल थ्रेट होता है अगर हमें ये पता ही नहीं होगा कि हमारे लिए इंपॉर्टेंट क्या है तब हम मर भी सकते हैं तो जब भी आप एक दूसरे इंसान को कन्वे कर देते हो कि मैं कोई इंपॉर्टेंट बात बोलने वाला हूं तब उसकी अवेयरनेस जहां भी फैली हुई होती है वो अपनी अवेयरनेस 100% आपके ऊपर ले आता है कि अच्छा क्या बोलने वाला है तू और इसका दूसरा फायदा यह होता है कि जब भी मैं अपने दिमाग के आगे ये बोलता हूं कि मैं बहुत ज्यादा प्रेसीजन के साथ मैं बहुत ज्यादा क्लेरिटी के साथ बहुत ज्यादा सटीकता के साथ कोई मैसेज देने वाला हूं तब ये बेसिकली मेरे दिमाग के आगे एक कमांड का काम करती है मैं अपने दिमाग के आगे जब भी ये बोलता हूं कि मैं प्रेसीजन के साथ बोलने वाला हूं मेरा दिमाग सोचता है ओके है सौरभ को यहां पर प्रेसीजन चाहिए और अपना रिसोर्सेस रैंडम चीजों में लगाने रैंडम चीजों के बारे में डे ड्रीम करने फैट साइज करने के बजाय अपने सारे रिसोर्सेस स्पीच पर ले आओ और जो भी सौरभ बोलना चाहता है जो भी उसके दिमाग में थॉट्स चल रहे हैं उसकी हेल्प करो अपने आप को प्रॉपर्ली एक्सप्रेस करने में नंबर टू कलेक्ट योर वर्ड्स बिफोर स्पीकिंग ये एक और रीजन है कि क्यों हमारे थॉट्स हमारी स्पीच से ज्यादा डीप होते हैं और क्यों जो भी हमारे दिमाग में चल रहा होता है हम कभी भी उसे एक्सप्रेस क्यों नहीं कर पाते हैं बिकॉज जब भी हम कुछ बोलते हैं हम उससे पहले रुककर अपने शब्दों को इकट्ठा ही नहीं करते हैं अगर हमारे से कोई भी पूछता है कि आप कैसे हो हमारे पास पहले ही एक रिस्पांस होता है कि मैं अच्छा हूं हम किसी नए रिस्पांस के बारे में किसी एग्जैक्ट अपना जो हम फील कर रहे होते हैं उसको एक्सप्रेस करने की सोचते नहीं कि यार मैं मेरी जो फीलिंग है वो मैं बस अच्छा हूं इससे बहुत ज्यादा डीप है लेकिन फिर भी हम बोल देते हैं कि हां मैं अच्छा ह हूं बिकॉज़ हमें लगता है कि क्यों ही एक्सप्रेस करना क्यों ही इतनी मेहनत करनी कि मैं कोई बेटर वर्ड ढूंढूं अपनी करंट एक्सपीरियंस को एक्सप्रेस करने के लिए और तभी जब भी हम कहीं बार जिम जा रहे होते हैं और रिसेप्शन पर जो भी इंसान बैठा हुआ होता है वो बोलता है कि हैव अ ग्रेट सेशन टुडे हम बिना सोचे समझे बोल देते हैं यट और फिर हम एंबैरेस्ड फील करते हैं बट वी आर यूज्ड टू डिलीवरिंग अ सर्टेन डिफॉल्ट रिस्पांस और उसके बारे में हम सोचते भी नहीं है मतलब ये बिल्कुल ऐसा हो जाता है कि हम एक वर्ड्स की उल्टी सी कर देते हैं और हम दूसरे इंसान से एक्सपेक्ट करते हैं कि तू ढूंढ ले मेरा आईडी आया मैंने कहीं दे दिया है मेरे को फील हो रहा है कि मेरे पास कोई आईडिया था जो मैंने बोल दिया है ढूंढ ले इसमें से कहीं मतलब मैं एक बोर्ड पर डाट्स मारे जा रहा हूं और मैं एक्सपेक्ट कर रहा हूं कि ठीक है 20 के बाद 30 ट्राइज के बाद वो एक बार बुलज आइ पर लग जाएगा लेकिन क्या हम ऐसा करें कि जैसे ही मैं डार्ट फेंकू वो पहली बारी में बुल जाइ पर लग जाए कैसी मैं जो भी बात बोल रहा हूं मैं एक-एक शब्द वैसा बोलूं जिससे जो भी मेरे दिमाग में चल रहा है क्लियर मैं उस चीज को एगजैक्टली वैसे ही एक्सप्रेस कर पाऊं जैसे मैं उसको फील कर रहा हूं और ये तभी होता है जब आप कोई भी बात बोलने से पहले अपने शब्दों को कलेक्ट करते हो आप बस एक डिफॉल्ट रिस्पांस नहीं दे देते आप अनकॉन्शियसली बस बातें नहीं बोलते हो आप रुकते हो आप सोचते हो अगर आपको और ड्रामे रिस्पांस देना है तो आप दूसरे इंसान की आंखों में आंखें डाल के उसको बोल सकते हो कि अच्छा क्वेश्चन है गिव मी अ मिनट टू थिंक और बस उसकी आंखों में देखते रहो मतलब नॉट इन अ क्रीपी वे बस उसको बोलो कि अच्छा क्वेश्चन है मैं बस सोच रहा हूं इस बारे में या फिर ज्यादा से ज्यादा आप नीचे देख सकते हो और ये चीज दूसरा इंसान भी अप्रिशिएट करता है कि अच्छा ये सोच रहा है इस बारे में और यह बस एवी कोई रिस्पांस नहीं दे रहा बिना सोचा समझाए इसके साथ ही जब भी आपको कोई इंपोर्टेंट बात बोल रहे होते हो और उससे पहले आप एक पॉज लेते हो तब आपको एक और बेनिफिट यह मिलता है कि जो भी आपकी सरफेस लेवल वोकैबुलरी होती है और जो वर्ड्स आप हमेशा यूज कर रहे हो तो जो वर्ड्स हर कोई यूज कर रहा होता है आप उन्हीं सेम वर्ड्स को यूज करने के बजाय आप पॉज लेके अपनी गहराइयों में से उन बेटर वर्ड्स को निकाल पाते हो जो यूजुअली आप यूज नहीं करते हो जो यूजुअली कोई भी इंसान यूज नहीं करता लेकिन ये वो वर्ड्स होते हैं जो बहुत सी सिचुएशंस में जो भी हम उस टाइम पर फील कर रहे होते हैं जो भी हमारा आईडिया होता है उसको बेटर वे में एक्सप्रेस कर पाते हैं इवन कर्नल यूनिवर्सिटी में ये भी देखा गया है कि अगर हम एक नए वर्ड को ऑन एवरेज 38 टाइम्स यूज करते हैं तो वो वर्ड हमारी सरफेस लेवल वोकैबुलरी का पार्ट बन जाता है यानी अगर आप रेगुलर बेसिस पर जब भी किसी से बात कर रहे हो जब भी आप कोई सेंटेंस फॉर्म कर रहे हो और आप उससे पहले जरा सा रुककर अपनी डेप्थस में जाकर उन वर्ड्स को वापस से पुल करके सरफेस पर नहीं ला रहे हो जो आपने सीखे हैं जो भी आपने किसी बुक में पढ़ते हुए अंडरलाइन करके किसी भी वर्ड का मीनिंग लिखा है आप उसे भूल जाओगे तो रिपीटेडली पॉज लो जब भी कोई इंपॉर्टेंट बात हो रही है टेक अ पॉज एंड कलेक्ट योर वर्ड्स नंबर थ्री बिकम अ मैसेंजर स्पीकिंग के तीन लेवल्स होते हैं पहला लेवल वो होता है जहां पर एक इंसान खुद के साथ बहुत ज्यादा कंसर्न होता है कि मैं ये हूं मेरे को ये चीज पसंद है मेरे को ये चीज नहीं पसंद वो दूसरे लोगों के बारे में गॉसिप कर रहा होता है और कोई भी उसकी स्पीच को सुनके मेसमराइज नहीं होता कोई भी ये नहीं सोचता अच्छा ये किस बारे में बात कर रहा है बिकॉज़ वो बस अपने ही बारे में बात करता रहता है इससे ऊपर लेवल की जो स्पीकिंग होती है वो होती है किसी कॉज के किसी मैसेज के बारे में जैसे कई लोग ये बोल रहे होते हैं कि हेल्थ एंड फिटनेस बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है कई लोग ये बोल रहे होते हैं कि क्लाइमेट चेंज हो रहा है तो क्लाइमेट को सेव करना है तो उनका मैसेज हो गया क्लाइमेट चेंज वाला कई लोग ये बोलते हैं कि पैसा बहुत ज्यादा जरूरी है और इस तरीके से पैसा बनाया जाता है और उनका मैसेज या फिर उनका कॉज हो गया पैसा तो इस तरीके से जो भी इंसान कॉसेस के बारे में मैसेजेस के बारे में बात कर रहा होता है कि ये एक मीनिंगफुल चीज है जिसको तुम परसू कर सकते हो वो एक बेटर स्पीकिंग स्टाइल होता है बस खुद के बारे में बात करने से अगर हम इससे भी ऊपर जाएं अगर हम यह पूछे कि बेस्ट स्पीकिंग स्टाइल क्या होता है तो वो होता है एक मैसेंजर बनना यानी कोई भी एक मैसेज है कोई भी एक कॉज है और उसके और मेरे बीच में कोई गैप ही नहीं है और वो मैसेज अब मेरे थ्रू पास होता जा रहा है मैं बस एक एमटी वेसल हूं जिसको वो मैसेज या फिर वो कॉज यूज कर रहा है खुद को प्रोपेट करने के लिए खुद को फैलाने के लिए इवन अगर आप दुनिया भर के स्क्रिप्चर को देखो तो ज्यादातर स्पर्स के बारे में भी यही चीज बोली जाती है कि ना तो उन्हें एक इंसान ने लिखा और ना ही उन्हें एक भगवान ने लिखा बल्कि उन्हें लिखा एक मेसेंजर ऑफ गॉड ने यानी एक इंसान खुद को इतना खोखला इतना खाली कर पाया कि जो कॉस्मिक प्रिंसिपल्स है जो यूनिवर्स के लॉज है वो उसके थ्रू खुद को रिवील कर पाए इवन थोड़े दिन पहले मैं अपनी सिस्टर के साथ सुरभी के साथ एक मूवी देख रहा था बैटमैन बिगस और उसमें एक सीन होता है जहां पर वो बैटमैन बना नहीं होता और ब्रूस विन यह बोल रहा होता है कि यार इस शहर में इतनी ज्यादा कमियां है इतना ज्यादा क्राइम हो रहा रहा है और हर जगह मेस फैला हुआ है तो अगर मैं इस सिटी को ऑर्डर में लाना चाहता हूं तो वो मैं ब्रूस वेन बनकर नहीं कर सकता बिकॉज एज ब्रूस वेन मैं बस फ्लेश एंड बोनस हूं मैं बस चमड़ी हूं और बस हड्डी हूं और एक दिन में मर जाऊंगा और यह चीज कभी भी पूरी नहीं होगी बट एज अ सिंबल एज एन आइडिया मैं कभी नहीं मरूंगा तो वो बैटमैन बन जाता है बिकॉज बैटमैन सिंबलाइजेस एवरीथिंग दैट ही वाज अफ्रेड ऑफ तो वो एक मैसेंजर बन गया एक तरीके से वो एक सिंबल बन गया वो एक आईडिया बन गया और जो भी दुनिया में कुछ बड़ा करके गया है वो कभी भी एक्चुअल में बस एक इंसान था ही नहीं वो एक मैसेंजर था वो एक आईडिया था वो एक रोल प्ले कर रहा था जैसे एक शाहरुख खान की कोई डॉक्यूमेंट्री आई थी पता नहीं बिकॉज शाहरुख खान हैज बिकम एन आइडिया इतना बड़ा हो चुका है वो कि एक इंसान उसको भी ऐसा फील हो रहा है कि भाई मैं बस इसका करैक्टर ही प्ले कर सकता हूं इतना बड़ा एक्चुअल में मैं हूं ही नहीं तो ब्रूस विन को भी पता होता है कि भाई एक्चुअल में मैं बैटमैन नहीं हूं मैं हूं ब्रूस वेन लेकिन मेरे को एक आईडिया के साथ खुद को जोड़ना पड़ेगा अगर मैं खुद को एक्सपेंड करना चाहता हूं तो अगर मैं एक इंपैक्ट क्रिएट करना चाहता हूं तो हर सुपर हीरो को ये चीज पता होती है हर बड़े एथलीट को ये चीज पता होती है तभी वो ल्टर इगोस क्रिएट करते हैं तभी ये सोचते हैं कि भाई हम इविंस बल हैं हमें कोई भी चीज हरा नहीं सकती है नंबर फोर यूज मेटाफोर्स मैं शायर तो नहीं मगर ए हंसी जब से देखा मैंने तुझको मुझको शायरी आ गई बंदा गाने में बोल क रहा है बंदा ये बोल रहा है कि वैसे तो मेरा काम आम शब्दों से ही चल जाता है लेकिन तेरी ब्यूटी मेरी आम जिंदगी से इतनी ज्यादा ऊंची है कि उसके बारे में बात करने के लिए भी मेरे को शायरी का मेटाफर का इस्तेमाल करना पड़ता है मेरे को गाना गाना पड़ता है मेरे को पोएट्री इस्तेमाल करनी पड़ती है बिकॉज जब भी हम बहुत ज्यादा डीप ह्यूमन एक्सपीरियंस या फिर अपनी फीलिंग्लेस थॉट्स के बारे में बात कर रहे होते हैं जिनको नॉर्मल वर्ड्स में एक्सप्लेन नहीं करा जा सकता तब हमें मेटाफर का इस्तेमाल करना पड़ता है बिकॉज़ एक मेटाफर कैसे काम करता है एक मेटाफर हमें एक अननोन चीज को सिखाता है कि वो चीज क्या है उसे एक नोन चीज से रिलेट करके जैसे कहीं पॉपुलर मेटाफर होते हैं अपने पैरों पर खुद को लाड़ी मारना अंधों में काना राजा या फिर भैंस के आगे बीन बजाना और हम सबको पता है कि इन मेटाफर का मतलब क्या होता है इवन दो इनमें से कोई भी बात स्ट्रेट फॉरवर्ड नहीं है इवन अगर हम किसी ऐसे इंसान के बारे में बात कर रहे हैं जो इजली लो को धोखा देता है उस पर ट्रस्ट नहीं कर सकते हैं अगर आप उसके साथ बिजनेस पार्टनरशिप में आओगे तो बहुत चांसेस हैं कि वो आपका पैसा हड़प लेगा तो ऐसे इंसान के लिए हम इतना बड़ा चिट्ठा नहीं बोलते हैं कि भाई इतना बड़ा डिस्क्रिप्शन है ये इंसान ऐसा है हम बस सिंपली ये बोल देते हैं कि वो इंसान एक सांप है बिकॉज ऐसा बोलते ही हमारे दिमाग में सांप की क्वालिटीज आती है कि अच्छा सांप की क्वालिटीज ये है और फिर उन्हीं सेम क्वालिटीज को हम उस इंसान के साथ इक्वेट कर देते कि अगर इस इंसान के साथ हम रहेंगे तो यह हमें काट सकता है और इसका जहर हमार को हाम कर सकता है इसी तरीके से हम मेटाफर को यूज करते हैं कॉम्प्लेक्शन करने के लिए उनको छोटा बनाने के लिए और बहुत इंपैक्टफुल बात बहुत सरल वे में बोलने के लिए नंबर फाइव इंट्रोड्यूस योरसेल्फ टू अ हायर लेवल ऑफ कॉम्प्लेक्शन हम लाइफ में सिर्फ तभी ग्रो कर पाते हैं जब हमें कांस्टेंट चैलेंज मिलते हैं एंड द सेम थिंग हैपेंस विद आवर स्पीच अगर आप जो भी पढ़ रहे हो जो भी आप सुन रहे हो या फिर जो भी आप बोल रहे हो जिस भी तरीके से आप लैंग्वेज के साथ इंटरेक्ट कर रहे हो उसका लेवल कांस्टेंटली ऊपर नहीं जा रहा देन दैट्ची अगर आपको ऐसा नहीं लग रहा कि यार ये क्या चीज मैंने पढ़ी है जो भी आप मूवी देख रहे हो चाहे वो हिंदी मूवी हो चाहे वो इंग्लिश मूवी हो और आपको ऐसा नहीं लग रहा कि अच्छा इस डायलॉग को ऐसे डिलीवर करते हैं ये जो वर्ड था इसको सेंटेंस में ऐसे पुट करते हैं अगर आपको ये रिलाइजेशंस नहीं हो रही तो उसका मतलब ये है कि आप ग्रो ही नहीं कर रहे हो आप खुद को चैलेंज नहीं कर रहे हो आप कंफर्ट में बैठे हुए हो इसलिए खुद को एक बेटर स्पीकर बनाने के लिए उन लोगों से बात करो जो बस थोड़ा सा आपसे ऊपर है जो बस तीन-चार साल आपसे बड़े हैं या फिर उनको थोड़ा सा ज्यादा एक्सपीरियंस है वो वाली मूवीज देखो जो एकदम आपकी रीच से से बाहर नहीं है वो बस थोड़ी सी कॉम्प्लेक्शन है कोई वो नोवल पर बेस्ड है और वो बहुत इजली एक्सेसिबल है या फिर ऐसी बुक पढ़ो जो ना तो बहुत इजी है और ना ही बहुत ज्यादा डिफिकल्ट है बिकॉज़ अगर आप बहुत ज्यादा इजी बुक भी ले लोगे तो उसका भी कोई फायदा नहीं है और अगर आप बहुत ज्यादा डिफिकल्ट बुक ले लोगे तो भी आपको ऐसा लगेगा कि यार ये तो इतना ज्यादा गैप हो गया मेरे को तो समझ नहीं आया हर वर्ड मेरे को डिक्शनरी में देखना पड़ रहा है और जो भी सेंटेंस बनाए गए हैं मैं कभी ये सेंटेंस बना ही नहीं सकता हूं वो आपको डिस्च कर देगा सो इन ऑर्डर टू ग्रो हमेशा एक ऐसा लेवल जो आपसे एक या दो लेवल ऊपर हो थोड़ी सी ज्यादा कंपलेक्सिटी हो