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इम्यून सेल्स और हेमेटोपोइजेसिस
Aug 1, 2024
इम्यून सेल्स के फॉर्मेशन पर लेक्चर नोट्स
हेमेटोपोइजेसिस
हेमेटोपोइजेसिस का मतलब है रक्त और सफेद रक्त कोशिकाओं का विकास।
यह प्रक्रिया मल्टीपोटेंट हेमेटोस्टेम सेल से शुरू होती है।
हेमेटोस्टेम सेल में विभाजन की क्षमता होती है।
स्टेम सेल्स
स्टेम सेल्स में खुद को पुन: उत्पन्न करने और विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में परिवर्तित होने की क्षमता होती है।
डिफरेंशिएटेड सेल्स में जाकर वे अपनी पहचान प्राप्त करते हैं।
स्टेम सेल्स का फंक्शन बनाए रखना ज़रूरी है।
हेमेटोपॉइटिक स्टेम सेल्स
ये विशेष प्रकार के स्टेम सेल्स होते हैं।
हेमेटोपॉइटिक स्टेम सेल्स से विभिन्न प्रकार की रक्त कोशिकाएँ बनती हैं जैसे:
लाल रक्त कोशिकाएँ (RBCs)
सफेद रक्त कोशिकाएँ (WBCs)
प्लेटलेट्स
लिंफॉयड अंग
लिंफॉयड अंग विशेष प्रकार के ऊतकों का समूह होते हैं।
ये इम्यून सेल्स के निर्माण और सक्रियण के लिए आवश्यक होते हैं।
दो प्रकार के लिंफॉयड अंग:
प्राथमिक (Primary)
द्वितीयक (Secondary)
इम्यून सेल्स की संरचना
इम्यून सेल्स मुख्य रूप से सफेद रक्त कोशिकाएँ होती हैं।
सफेद रक्त कोशिकाओं की विभिन्न श्रेणियाँ:
न्यूट्रॉफिल्स
मोनोसाइट्स
लिम्फोसाइट्स
हेमेटोपॉइटिक स्टेम सेल्स की विशेषताएँ
ये सामान्यतः बोन मैरो में होते हैं।
इनकी संख्या उम्र के साथ कम होती जाती है।
ये पैथोजेन के आक्रमण पर सक्रिय होते हैं।
अनुभव और प्रयोग
लिथल डोज़ ऑफ एक्स-रे प्रयोग में देखा गया कि हेमेटोपॉइटिक स्टेम सेल्स का सिस्टम डिस्ट्रॉय हो गया।
बोन मैरो ट्रांसप्लांट से सिस्टम को पुनर्स्थापित किया जा सकता है।
जीन्स का महत्व
विभिन्न ट्रांसक्रिप्शन रेगुलेटर किस्म के जीन्स का इम्यून सेल फॉर्मेशन में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
उदाहरण:
गट2, bmi1,PU.1
निष्कर्ष
इम्यून सिस्टम के कार्य के लिए हेमेटोपॉइटिक स्टेम सेल्स की उपस्थिति आवश्यक है।
इम्यून सेल्स की विभिन्न श्रेणियाँ और उनके कार्यों को समझना ज़रूरी है।
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद।
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