मसल कॉन्ट्रैक्शन
परिचय
- मसल कॉन्ट्रैक्शन: लोकोमोशन और मूवमेंट के लिए महत्वपूर्ण है।
- मसल का स्ट्रक्चर जानना आवश्यक है।
मसल का संरचना
- मसल सेल्स: मसल फाइबर्स से बनी होती हैं।
- मायोफाइबर्स: मायोफिलामेंट्स से बनी होती हैं।
- थिक फिलामेंट: मायोसिन
- थिन फिलामेंट: एक्टिन
सार्कोमियर
- यह मसल की स्ट्रक्चरल और फंक्शनल यूनिट है।
- ए बैंड और आई बैंड: मायोसिन और एक्टिन की स्थिति।
- थिक और थिन फिलामेंट्स का ओवरलैपिंग होता है।
मसल कॉन्ट्रैक्शन की प ्रक्रिया
- मसल के कॉन्ट्रैक्शन से सार्कोमियर छोटा हो जाता है।
- Z लाइन पास आती हैं, जिससे मसल की शॉर्टनिंग होती है।
मायोसिन का संरचना
- मायोसिन में 6 चेन होती हैं: 2 हैवी, 4 लाइट चेन।
- हेड रीजन: एक्टिन बाइंडिंग साइट और ATPase एक्टिविटी होती है।
- टेइल पार्ट: लाइट मीरोमायसिन
एक्टिन का संरचना
- जी एक्टिन: ग्लॉबिलर रूप में होता है।
- एफ एक्टिन: मैग्नीशियम आयन की उपस्थिति में फाइब्रस रूप में पॉलिमराइज करता है।
- रेगुलेटरी प्रोटीन: ट्रोपोनिन और ट्रोपोमायोसिन
नर्वस सिस्टम का रोल
- सिग्नल: नर्वस सिस्टम से आता है।
- टीब्यूल सिस्टम: मसल सेल की प्लाज्मा मेंब्रेन में होता है।
- सार्कोप्लास्मिक रेटिकुलम: कैल्शियम आयन रिलीज करता है।
क्रॉस ब्रिज फॉर्मेशन
- एटीपी: मायोसिन हेड पर होता ह ै, जो एक्टिन से जुड़ने के लिए एफिनिटी कम करता है।
- एडीपी एवं इनऑर्गेनिक फॉस्फेट: स्ट्रोक को आगे बढ़ाते हैं।
पावर स्ट्रोक
- हेड मूवमेंट: एडीपी हटने पर होता है।
- मूवमेंट: थिन फिलामेंट अंदर की ओर मूव करता है।
सार्कोमियर में परिवर्तन
- ए बैंड: अपरिवर्तित रहता है।
- आई बैंड: छोटा हो जाता है।
- लाइडिंग मेकानिज्म: थिन फिलामेंट का थिक फिलामेंट के ऊपर स्लाइडिंग।
उपसंहार
- मसल कॉन्ट्रैक्शन की प्रक्रिया में नर्वस सिग्नल, कैल्शियम रिलीज, और एटीपी ब्रेकडाउन शामिल हैं।
नोट: अगर आपको यह विषय समझ आया हो, तो अपने विचार साझा करें और आपके डिमांड पर अन्य टॉपिक्स पर चर्चा की जा सकती है।