मसल कॉन्ट्रैक्शन और उसकी प्रक्रिया

Oct 13, 2024

मसल कॉन्ट्रैक्शन

परिचय

  • मसल कॉन्ट्रैक्शन: लोकोमोशन और मूवमेंट के लिए महत्वपूर्ण है।
  • मसल का स्ट्रक्चर जानना आवश्यक है।

मसल का संरचना

  • मसल सेल्स: मसल फाइबर्स से बनी होती हैं।
  • मायोफाइबर्स: मायोफिलामेंट्स से बनी होती हैं।
    • थिक फिलामेंट: मायोसिन
    • थिन फिलामेंट: एक्टिन

सार्कोमियर

  • यह मसल की स्ट्रक्चरल और फंक्शनल यूनिट है।
  • ए बैंड और आई बैंड: मायोसिन और एक्टिन की स्थिति।
  • थिक और थिन फिलामेंट्स का ओवरलैपिंग होता है।

मसल कॉन्ट्रैक्शन की प्रक्रिया

  • मसल के कॉन्ट्रैक्शन से सार्कोमियर छोटा हो जाता है।
  • Z लाइन पास आती हैं, जिससे मसल की शॉर्टनिंग होती है।

मायोसिन का संरचना

  • मायोसिन में 6 चेन होती हैं: 2 हैवी, 4 लाइट चेन।
  • हेड रीजन: एक्टिन बाइंडिंग साइट और ATPase एक्टिविटी होती है।
  • टेइल पार्ट: लाइट मीरोमायसिन

एक्टिन का संरचना

  • जी एक्टिन: ग्लॉबिलर रूप में होता है।
  • एफ एक्टिन: मैग्नीशियम आयन की उपस्थिति में फाइब्रस रूप में पॉलिमराइज करता है।
  • रेगुलेटरी प्रोटीन: ट्रोपोनिन और ट्रोपोमायोसिन

नर्वस सिस्टम का रोल

  • सिग्नल: नर्वस सिस्टम से आता है।
  • टीब्यूल सिस्टम: मसल सेल की प्लाज्मा मेंब्रेन में होता है।
  • सार्कोप्लास्मिक रेटिकुलम: कैल्शियम आयन रिलीज करता है।

क्रॉस ब्रिज फॉर्मेशन

  • एटीपी: मायोसिन हेड पर होता है, जो एक्टिन से जुड़ने के लिए एफिनिटी कम करता है।
  • एडीपी एवं इनऑर्गेनिक फॉस्फेट: स्ट्रोक को आगे बढ़ाते हैं।

पावर स्ट्रोक

  • हेड मूवमेंट: एडीपी हटने पर होता है।
  • मूवमेंट: थिन फिलामेंट अंदर की ओर मूव करता है।

सार्कोमियर में परिवर्तन

  • ए बैंड: अपरिवर्तित रहता है।
  • आई बैंड: छोटा हो जाता है।
  • लाइडिंग मेकानिज्म: थिन फिलामेंट का थिक फिलामेंट के ऊपर स्लाइडिंग।

उपसंहार

  • मसल कॉन्ट्रैक्शन की प्रक्रिया में नर्वस सिग्नल, कैल्शियम रिलीज, और एटीपी ब्रेकडाउन शामिल हैं।

नोट: अगर आपको यह विषय समझ आया हो, तो अपने विचार साझा करें और आपके डिमांड पर अन्य टॉपिक्स पर चर्चा की जा सकती है।