लेक्चर नोट्स: फोटोसिंथेसिस (Photosynthesis)
परिचय
- यह लेक्चर 11th Biology के SM2 टॉपिक "फोटोसिंथेसिस" पर है।
- फोटोसिंथेसिस का अर्थ:
- Synthesis: उत्पादन, विशेषकर ग्लूकोस का।
- Photo: लाइट ऊर्जा से संबंधित, विशेष रूप से सूर्य की रोशनी।
प्रमुख बिंदु
- सूर्य से प्राप्त ऊर्जा सभी प्रकार की ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है।
- फोटोसिंथेसिस प्रक्रिया में प्लांट और कुछ अन्य ऑर्गेनिज्म लाइट एनर्जी का उपयोग कर खाना (ग्लूकोस) बनाते हैं।
- ऑर्गेनिज्म जो खुद का खाना बनाते हैं उन्हें Autotropic Organisms कहते हैं।
फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया
- फोटोस िंथेसिस की प्रक्रिया में CO2 और H2O का उपयोग करके प्लांट में ग्लूकोस का उत्पादन होता है।
- इस प्रक्रिया का बायप्रोडक्ट ऑक्सीजन है।
- यह प्रक्रिया दिन में होती है जब सूर्य की रोशनी उपलब्ध होती है।
फोटोसिंथेटिक एक्टिव रीजन (PAR)
- पूरी सूर्य की ऊर्जा का केवल 2-3% ही प्लांट्स द्वारा उपयोग किया जाता है।
- मुख्य रूप से 390 से 730 nm की रेंज में ऊर्जा का ट्रैपिंग होता है।
रेस्पिरेशन और फोटोसिंथेसिस में संबंध
- रेस्पिरेशन के दौरान ग्लूकोस का ऑक्सिडेशन होता है और CO2 का उत्पादन होता है।
- फोटोसिंथेसिस के लिए यह CO2 और पानी आवश्यक हैं।
- यह एक चक्रीय प्रक्रिया है जिसमें प्लांट्स और ऑर्गेनिज्म एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं।
क्लोरोप्लास्ट का परिचय
- क्लोरोप्लास्ट: एक विशेष ऑर्गनली जो प्लांट सेल में फोटोसिंथेसिस के लिए जिम्मेदार होता है।
- इसमें डबल मेंब्रेन और सर्कुलर DNA होता है।
- क्लोरोप्लास्ट के अंदर थालाकोइड और स्ट्रोमा होते हैं।
संरचना
- थालाकोइड: कॉइन-शेप्ड संरचना जिसमें फोटोसिंथेटिक पिगमेंट होते हैं।
- ग्रानम: थालाकोइड का स्टैक, इसे ग्राना भी कहा जाता है।
- थालाकोइड की मेंब्रेन में फॉस्फोलिपिड्स होती हैं।
फोटोसिंथेसिस की रिएक्शन
- मुख्य रिएक्शन: 6CO2 + 12H2O → C6H12O6 + 6O2 + 6H2O
- यह एक एनाबॉलिक रिएक्शन है, जिसमें छोटे अणुओं से एक बड़ा अणु बनता है।
समापन
- इस लेक्चर में फोटोसिंथेसिस की मूल बातें और उसकी आवश्यकता को समझाया गया।
- अगले लेक्चर में डार्क रिएक्शन और लाइट रिएक्शन पर विस्तार से चर्चा होगी।
यह नोट्स भविष्य में रिवीजन के लिए सहायक होंगे। किसी भी प्रश्न के लिए, शिक्षणकर्ता से संपर्क करें।