हेलो गाइस मैं आपका भाई दोस्त एजुकेटर अव इकानोमिक्स लव कौशिक आज एक क्लास में मैक्रो इकानोमिक्स से फोरन एक्शेंज रेट का चैप्टर कंप्लीट करेंगे छोटे-छोटे टॉपिक्स के लिए आपको इधर-इधर भागने की जरूरत साथ-साथ एक रियल मार्केट टच देखे जाएगा आपको एक चैप्टर तो वन शॉट में कवर करेंगे दोस्तों और जो आपका और ये content है दोस्तो इस chapter का जिसमें foreign exchange rate का मतलब और उसके types साथ में foreign exchange की market करा देंगे demand supply curve करा देंगे equilibrium foreign exchange rate कैसे decide होता है ये सबसे important question है इस chapter का ये भी करा दूँगा revolution, devaluation, appreciation, depreciation जैसे शब्दों को लेकर students बहुत ज़्यादा confused रहते हैं वो चीज crystal clear करूँगा और last में दोस्तो हम करेंगे spot market और forward market तो भाई बहुत basic चीज से शुरू करूँगा, एक एक चीज बिल्कुल ABCD की तरह तुम्हारे दिमाग में गुशने लगेगी, तो पहला शब्द आपके सामने पेश किया जाता है foreign exchange, foreign exchange का सीधा मतलब होता है foreign currency, exactly, foreign currency इसको बोल दो, कोई पुछे, what is foreign currency? foreign exchange तो लिख देंगे हम अंसर it refers to the foreign currency that's it yeah it means foreign currency अब हमारे प्यारे देश भारत के लिए foreign currency क्या है बाई हमारे देश की currency यानि Indian रुपिया को छोड़कर world में किसी भी देश की currency है वो सब हमारे लिए foreign currency है चाहे वो Pakistan की currency हो Nepal की currency हो Bangladesh की हो America की हो Europe की हो Australia की हो Singapore की हो किसी भी देश की डॉलर नहीं है, पाउंड नहीं है, यूरो नहीं है, दिनार में भी क्या है, पूरे वर्ल्ड के अंदर साथ कंट्री हैं ऐसी हैं जिसके अंदर दिनार चलता है, अब कुएत ऐसी कंट्री है जिसका दिनार लगबग 250 रुपे का एक है, 250 रुपे पे का एक दिनार, डॉलर भी नहीं अतना तो, तो सबसे महङी करंसी होना अलग बात है, सबसे स्ट्रॉंग करंसी होना अलग बात है, सबसे स्ट्रॉंग करंसी पूरे वर्ड की अभी भी डॉलर है, कौन सा डॉलर, डॉलर भी तो बहुत सारी कंट्री में चलता है, सिंगा� हम strong currency की अगर बात करें तो वो US dollar है, United States of America का dollar सबसे strong currency है पूरे world की, उसके पीछे भी history आपको यहाँ पर कुछ knowledge मिलेगी, इस chapter के अंदर मैंने बोला न, real market touch, अच्छी knowledge मिलने वाली है, तो यार हमारे लिए foreign currency क्या होगी, हम यहाँ पर लिख सकते हैं, America का dollar, अब Russia में जो currency च दुबई में जो करंसी चलती है उसको दिरहम बोलते हैं ठीक है यूरोफ में करंसी चलती है यूरो और पाउंड स्टरलिंग भी चलती है अलग-अलग कंट्री का अलग-अलग हिसाब किताब है यहाँ पर ठीक है यह कुछ करंसी है जो नाम जान लो तो आपका जाई कह रहा है कोईती दिनार इस वर्ल्ड स्ट मोस्ट एक्सपेंसिव करंसी ठीक है हरे रंग से लिख दिया आपके काम आएगा ठीक है अब जैसे नॉर्मल मम्मी बोल देती ना आपको जा बेटा मैगी लेकर आ चीनी लेकर चावल लेकर आ टूथपिस लेकर आ लियाती हो दुकान से हना जाना पड़ता है दुकान में तो नॉर्मल हम समान खरीदने दुकान में जाते हैं तो आसपास की जो दुकाने है और हम है हम एक मार्केट का हिस्सा है मार्केट वो जगह होती है जहां पर लोग खरीदने भी जाते हैं और जहां पर लोग समान बेचने हाँ जहां पर गुड्स खरीदने और गुड्स बेचने जाते हैं उस जगा को बोलते हैं गुड्स मार्केट नॉर्मली हमारे जिंदगी के आसपास वोई चीज है लेकिन एक ऐसी जगा भी है दोस्तों जहां पर फोरन करंसी खरीदी जाती है और फोरन करंसी बेची जा फॉरमली देखने को नहीं मिलेगा यह बहुत कम जगह होता है मतलब हर जगह फॉरम कर्नसी खरीदी और बेची नहीं जाती लेकिन जहां पर भी यह खरीदी और बेची जा रही है उस जगह को बोलते हैं फॉरम एक्शेंज मार्केट फॉरम एक्शेंज मार्केट के लिए where foreign currency is bought and sold bought का मतलब buy करना sold का मतलब बेचना simple असान भाषा के निधर definition देती अच्छा और बात हैं से बता देता हूँ आपको ये foreign exchange market के निधर दो तरीके की settlement होती है मतलब आज आपने अगर dollar खरीदी हैं 5 तो उसकी hand to hand payment कर दो जब hand to hand cash payment करके settlement कर रहे हो न तो उस type of market को बोलेंगे spot market word सुनाई होगा आपने on the spot काम हो गया मतलब hand to hand payment हो गई काम हुआ है मतलब आज आपने डॉलर को बुक कर लिया और बोला कि मैं 10 दिन बाद लूंगा 20 दिन बाद लूंगा डिलीवरी या 30 दिन बाद लूंगा रेट आज डिसाइड कर लिया आज 80 रुपए का डॉलर है तो बोल दिया 80 रुपए के हिसाब से डॉलर और 10 दिन बाद लूंगा रिस्क तो है इसमें क्या पता 10 दिन बाद कैसा हो रेट आपने आज ही फिक्स कर लिया तो करते हैं वह बुकिंग कहलाती है फॉरवर्ड मार्केट तो दोनों की दोनों अलग चीजें दोनों तरीके से काम दंदे चल रहे हैं मार्केट में जैसा आपको करना वैसा कर लो है तो आखिर इस फॉरन एक्शेंज मार्केट में रिस्क लोग पता है फॉरन करंसी क्यों खरि� बंदे डॉलर खरीद कर रख लेते हैं अपने पास, उनको लगता है जब ये भेंगे हो जाएंगे न, तब बेच देंगे वापिस, ऐसा कर लेते हैं, जब उनको लगता है कि फोरन करन्सी कोई भी हो डॉलर के लावा या येन हो, यूआन हो, रूबल्स हो, कोई भी हो, ये खरीदने वाले लोग उसको खरीद कर रख लेते हैं और जब ये महंगी हो जाएगी इसको बेचते हैं तो प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं ऐसी एक्टिविटी को हम बोलते हैं हिंदी में सट्टे बाजी जी हाँ सट्टे बाजी कोई इलीगल शब्द नहीं है इलीगल कि सट्टा एक लीगल शब्द है अब बहुत सारी कंट्री ऐसे डेवलप्ट कंट्री अगर मैं इंग्लैंड की बात करो तो वहां पर क्रिकेट में पैसा लगाना अलाउड है तो वहां पर उसको बोल सकते हो अगर हिंदी शब्द इस्तेमाल करो तो इंग्लैंड के ल इक्शनर आपको कि वर्ड यूज किया जाएगा यहां पर इधर आप सटे बाजी करोगे तो उसको गैंबलिंग नहीं बोलेंगे फॉरन पर चीज सटे बाजी को स्पेकुलेशन बोलते हैं भाई ऐसी स्पेकुलेशन यानि अंदाजा लगाते हैं कि रेट बढ़ेगा हैं या बाद में कुछ transaction future में contract कर रहे हैं share market भी speculation होती है सब ये सट्टाई एक तरीके से मतलब uncertain है चीजें यहां risk तो है सच में ठीक है दोस्तों अब foreign exchange market और foreign exchange का concept हुआ है और आपको बेकरारी होगी foreign exchange rate का मतलब जानने से तो वो rate जानने से पहले आप ये समझो कि आपको आपकी मम्मी या पापा या पडोसी या आप newspaper में देखते होंगे किसी भी चीज का rate देखते हो तो कैसे लिखा होता है? 40 रुपे किलो का आलू 50 रुपे किलो टमाटर, 60 रुपे लीटर दूद, यानि किसी भी चीज का रेट लिखा होता है, 1 यूनिट में लिखा होता है, 40 रुपे का 1 किलो आलू, 50 रुपे का 1 किलो टमाटर, कभी ऐसा रोल लिखा होता है, कि 70 रुपे के 3.5 किलो प्याज है, ऐसे नहीं लिखा होता, 50 खरीदने जाते हैं तो उसको भी खरीदने का कोई ना को रेट होता होगा जैसे कि अब मैं ज्यादा तरह से बात करूंगा डॉलर को लेकर डॉलर हमारी फॉर अंग्रेंसी है मालो तो जब डॉलर खरीदने जाएंगे तो डॉलर लगभग मालो अस्थिर रुपए दिल रहा है तो अस्थिर रुपए का एक डॉलर न यह डॉलर को खरीदने का रेट है न इसी को बोलते फॉरन एक्शेंज रेट किसी भी फॉरन करंसी को खरीदने का रेट फॉरन एक्शेंज रेट होता है और कितनी खरीदनी है खरीदनी कितनी तो आपके सामने पेश है foreign exchange rate का concept और यहां लिख दिया definition foreign exchange rate is the rate at which one unit of foreign currency can be purchased ठीक है can be purchased in terms of domestic currency domestic currency मतलब हमारे देश की currency यह खर्च करके ही तो होगा जैसे कि मानो कहीं लिखा है 80 is to 1 80 रुपे का 1 dollar है जो यह लिखा है न इसको बोलते है foreign exchange rate तो आप अपने देश की currency लिखोगे like रुपया इसके लिए हम यू वाड यूज़ करते हैं ये home currency है या फिर domestic currency है कोई भी word आप यूज़ कर सकते हो और ये लिखने के बाद दोस्तों ratio लगाओगे ratio के बाद जो आपने लिखा ये dollar है ये foreign currency है और foreign currency को हम foreign exchange भी बोलते हैं कभी भी foreign exchange rate लिखना होगा तो ऐसे लिखना और easy language में अगर आप ये rate define करना चाते हो तो सीधा बोल दो foreign exchange rate एक price है जो एक dollar खरीदने के लिए यहाँ पर देना पड़ा तो foreign currency की एक unit purchase करने के लिए जो भी price देना पड़े वो foreign exchange rate है और करके तो foreign exchange rate refers यानि it refers to the price of purchasing one unit of foreign currency one unit of foreign, जगा बचेगी मेरे बास, बच गई, currency, ठीक है, आपका काम हो गया, definition पुरी मिलगी, लिखी लिखा है यहाँ पर, आप बोलोगे, सर, मैंने क्या करूँ, इसके notes कहां मिलेंगे, notes मिलेंगे, P, W की, android app पे, physics वाला की, आप विश्वास बैच search करोगे, उसके अंदर जो भी तो foreign exchange rate की definition हो गई अब pound की अगर बात करूँ तो 98, 99 रुपीज के आसपास का एक pound आता है तो 98 is to 1 pound की terms में foreign exchange rate हो गया euro की बात करूँ तो 82 के आसपास का euro है हाँ, euro की value dollar से थोड़ी जादा है कितनी सारी currency है जिनकी value dollar से जादा है एक trust है ये कैसे settle हुआ इसकी बात सुननो तरह जब second world war हुआ था न कि सारी कंट्री अफेक्टेड हुई थी किसी किसी कंट्री में अलग-अलग लेवल की तभाई मची हुई थी अमेरिका ने सेकंड वर्ल्ड वर्क के अंदर पार्टिसिपेट नहीं किया था तो अमेरिका एक सेफ कंट्री थी बिल्कुल अनफेक्टेड तो अमेरिका वहां पर यह रॉल प्लेट करती है कि बहुत सारी कंट्री को अपने देश में बुलाती है जिस जगह पर बुलाती है उस कि लगभग 44 कंट्रीज के वृद्ध बहुत सारे बड़े बड़े लोग आये वे थे वहाँ पर तो वहाँ पर इन्होंने मीटिंग में डिसाइड किया कि अमेरिका अनफेक्टेड कंट्री है इसकी करणसी सबसे ज़्यादा स्टेबल है इसकी करणसी पे विश्वास किया जा सकता है इसका मतलब ये नहीं है कि पूरे वर्ल्ड में सिर्फ डॉलर कोई मतलब सबसे मजबूत करणसी मान लिया गया है तो इसकी टर्म्स में ट्रेड होता होगा नहीं अगर हम इरान से पट्रोल खरीदते हैं तो हम रुपीज में पेमिट करते हैं हम जपान से कुछ खरीदते हैं तो जपान को भी रुपीज में पेमिट करते हैं और बहुत सारी कंट्री है जिनको हम डॉलर में पेमिट करते हैं अब या नहीं है तो ना तो पाकिस्तानी रुपया लेंगे ना पाकिस्तान हमारा रुपया लेता तो बचा कौन डॉलर डॉलर में लेने चल जाता है तो इसलिए डॉलर यूनिवर्सल कंट्री है कोई कंट्री एक दूसरे की करंसी नहीं लेना चाहती हो तो वह समझे आगे चलो जी हमें फॉरेंड करंसी क्यों चाहिए यह एक रीजन है मैं फॉरेंड करंसी क्यों चाहिए अच्छा सोचो डॉलर तब चाहिए जब अमेरिका का समान मैं खरीदूंगा या तो अमेरिका में घूमने जाओं डॉलर इसलिए चाहिए अमेरिका में जाओंगा तो अमेरिका में रुपिया थोड़े अक्सेप्ट करेंगे वो डॉलर ही अक्सेप्ट करेंगे और या फिर कोई अमेरिका से स यार मेरे अकाउंट से तो रुपिया ही कटा है लेकिन हमारे देश के Central Bank ने Foreign Currency पे कर दी है यानि गई है Foreign Currency हमारे देश से चाहे मेरे अकाउंट से वो हमारे देश का रुपिया कटा हो तो जब भी मैं कुछ इंपोर्ट कराऊंगा विदेशों से तो foreign currency ही हमारे देश से जाती है इस बात को ध्यान रखना तो मुझे foreign currency यानि हमारे देश को foreign currency क्यों चाहिए question यह है personal level का question नहीं है हमारे देश के level का question है क्योंकि macro economics बढ़ रहे हैं तो foreign currency इसलिए चाहिए क्योंकि हम विदेशों से समान अपने देश में खरीद कर लाते हैं उसे import बोलते हैं foreign currency इसलिए चाहिए क्योंकि हम विदेशों के अंदर tour and travelling मौज मारने जाते हैं घूमने फिरने जाते हैं बताऊं तुम्हें इंडिया से बार को विडियो के टाइम में थाइलेंड गए थे बैंकोक मोज मनाने और बोल रहे थे अपने घर से कि कलकत्ता जा रहा बिजनेस के लिए पकड़ेगा कि कोरोना के अंदर जब घर पर नोटिस आया कि तुमने विदेश ट्रावेलिंग करी दी तुम्हारा कोरोना चेक ब इसे आया या थाइलेंड देश की रंसी कुंसी है कमेंट सेक्शन में बता दो थाइलेंड की बताओ फॉरन एक्सेंज हमारे लिए ठीक है थर्ड नंबर पर अगर विदेश में हम इनवेस्ट करना चाहते हैं अपनी कंपनी की कोई ब्रांच खोलना चाहते हैं तो हमें फॉर्न करंसी चाहिए तो इनवेस्टमेंट पर पर से चाहिए या विदेशी कंपनी में शेयर पर्चेस करना चाहते हैं तो भी चाहिए तो इनवेस्टमेंट इन अब्रोड इन अब्रोड अब्रोड या एब्रोड कुछ भी बोल दो कोई दिक्कत वाली बात नहीं है फिर दोस्तों हमें फॉर अपनी चाहिए क्योंकि कुछ लोग क्या करते हैं डॉलर खरीद कर रख लेते हैं जब हेंगा हो जाएंगे तो देंगे ऐसी अक्टिविटी को बोलते हैं प्रेक्टिवेशन तो कुछ लोग स्पेकुलेट करने के लिए फॉर्न करंसी ले लेते हैं अब किसी के बाब बाबुश होना या रिलेटिव कहीं विदेशों में रह रहा है तो उनको गिफ्ट सेंड करना होता है तो वहीं की वहीं गिफ्ट सेंड कर देते हैं तो उसलिए उनको फॉर्न करंसी चाहिए या गिफ्ट वाउचर सेंड कर दिया तो भाई किसी को गिफ्ट वगैरह सेंड करने के लिए इसको गिफ्ट नहीं बोलूंगा इसको बोल सकते हैं सेंडिंग इफ्ट फॉर सेंडिंग गिफ्ट इफ्ट इ या एट्सेट्रा कुछ भी यूनिलेटरल ट्रांसफर करने के लिए हमें फॉरन करंसी चाहिए हो सकती है अब ये जो मैंने लिखे है ना पाँच रीजन उसमें से और दस रीजन आप अपनी मरजी से बना सकते हो अब इसको जब पेपर में कोशन आएगा तो कैसे आएगा ये तो आई सकता है वाई वी डिमांड फॉरन एक्शेंज दूसरा आ सकता है वाई ये सब source of foreign exchange demand है इसको बोल देते हैं sources of demand for foreign exchange foreign exchange को मैं प्यार से ऐसे लिखूंगा forex आप मत दिखना हैं साथ news तो पेपर में लिखा होता है यह रियल बात बता रहा हूँ न्यूस पेपर में फोर्ट एक्शेंज को ऐसे लिखा होता है लेकिन आप अगर अपनी कॉपी के अंसर चीट में लिखोगे तो टीचर ठीक नहीं करेंगे गड़ड़ी हो जाएगी आप समझ लो बताओ समझाना भी और मार्केट के बारे में भी जान रहे हो कि कैसे शब्द इस्तेमाल हो रहे हैं क्या डिक्शनरी चल रही है मार्केट में उस्ताद तो ठीक है यह important question है आप हलके level पे मत लेना इस question को अब question यह उठता है चलो मुझे foreign currency इन सभी purpose के लिए चाहिए लेकिन आएगी कहां से foreign currency ऐसा भी तो होता है न तुम बोलोगे मुझे मेरा पड़े है पांचार रुपए चाहिए चाहिए न लेकिन आएंगे कहां से चाहिए होना अलग बात है और आते कहां से अलग बात है आएंगे पापा से मम्मी से पेरेंट्स देंगे आप आप ऑफिसली लेकिन फॉरेंड करने से कहां से आएगी यानी फॉरेंड करने से के डिमांड के सोर्स तो हमने देख लिए अब यह फॉरेंड करने से कि सप्लाई कहां से हो रही है यह चेक करना है भाई फॉरेंड करने से हमारे देश में तब बहुत सारा रेवन्ड होता है टू वेंड रेवनिंग से है जब हमारे देश का सामान विदेशों में बिकेगा अमेरिका के जब इंडियन गुड्स खरीदेंगे ना तो इंडिया के अंदर डॉलर आएंगे समझे जब अमेरिका की एक कंपनी इंडिया में इनवेस्टमेंट करेंगे जैसे गूगल इंडिया में आ रही है Microsoft इंडिया में है पैपसी इंडिया में है कोकाकोला इंडिया में है कितनी अमेरिकन कंपनी इंडिया में तो डॉलर उनके थ्रू इंडिया में जाता है फिर इंडियन करंसी में स्पेकुलेशन हो या इंडिया के अंदर कुछ रेमिटेंस लोग सेंड करने लगे तो सप्लाई प्रस्तुति टूरिजम बोल सकते हो सिंपल अच्छा फोरनर्स तुमने कहां देखे मैंने कश्मीर में देखे रिशिकेश में देखे मैंने बहुत सारे फोरनर्स क्या कर रहे थे बहुत सारे देखे मतलब आते हैं फोरनर्स इंडिया के अंदर गुमने एक अमेजिंग फैक्ट आपको यहा इंडिया में घूमने आते हैं वह सारा पैसा खर्च करने के लिए कि सब्सक्राइब कर रहे हैं तो इंडिया में कुछ लोग पड़े हैं महीनों महीनों से जब खत्म हो जाते हैं फिर पहुंच जाते हैं अनेंप्लॉयमेंट लेने के लिए ऐसा कुछ लोग कर रहे हैं यह अमेजिंग फैक्ट है कहीं लिखा नहीं है यह मेरे को मेरे दोस्तें बताया था मैंने कहा आपको बताई दूं मैं ठीक है सही चीज है दोस्तों अब बात होगी फॉरन करंसी का डिमांड कर्व भी बनता है माइक्रो इकानोमिक्स में डिमांड कर होता है जो बताता है प्राइस बढ़ता है तो डिमांड कम हो जाती है प्राइस कम होता है तो डिमांड बढ़ जाती है तो ऐसे ही फॉरन करंसी का डिमांड करव है बस यहां पर गुड्स की बात नहीं हो रही है फॉरन करंसी की बात हो रही है यह लगा लो कि हमारे सामने जो प्रोडक्ट है वह फॉरन करंसी है डॉलर है मान लो तो डॉलर को खरीदने का रेट अगर बढ़ेगा तो लोग डॉलर की डिमांड कम कर देते हैं अगर डॉलर को खरीदने का रेट कम हो जाता है तो लोग जादा डॉलर खरीदना चाते हैं कहने का मतलब देखो यहाँ पर मालो असी रुपे का एक डॉलर मिल रहा है अगर इसका रेट तो यहाँ पर लोग इसकी डिमांड को कम कर देते हैं और अगर यह रेट सेवन्टी फाइफ का एक हो जाता है तो लोग इसकी डिमांड बढ़ा देंगे वैसे तो मैंने पांच पांच रु��ए का अंतर आपको दिखा दिया छोटा-छोटा पैसो-पैसो का अंतर होता बढ़ा देते हैं बड़ा कट फ्रॉट कंपेटिशन चलता है इसके अंदर तो यह फोर foreign exchange का demand curve, जादा detail ना देते हुए आपको बताता हूँ, direct negatively sloped होता है, downward sloping, ऐसा बनता है foreign exchange का demand curve, straight line मैंने बना दिया, DD, यह भी यही दिखाता है कि foreign exchange के price में और demand में negative relation है, यहाँ पर हम लिखेंगे, y-axis पर, price of foreign currency, price of foreign currency, dollar लिख दिया मालो, और x-axis पर लिखेंगे quantity of foreign currency, यानि quantity of dollar, अब इसको काफी सारी book के अंदर ऐसे बनाया है, बनाया हुआ यानि सीधी लाइन नहीं बनाया हुआ डिमांड कर्व को थोड़ी टेडी लाइन बनाया हुआ ऐसे करके कर्वी लाइन तो कर रहा है यह वाला पॉइंट कोई भी कि यह डॉलर का प्राइस है ठीक है और यहां पर डोलर की क्वांटिटी है जैसे इस दिमांड बढ़ जाती है ठीक है तो ऐसी शो करता है फॉर नेक्स्ट डिमांड कर चाहिए वह तुम्हारा मुड़ा हुआ कर वह यह भी सेव चीज शो कर रहा है देख लो अब तो टा कलर चेंज कर देता हूं मान लो यह प्राइस है डोलर का पी और यह उसकी क्वांटिटी डिमांडेड है अगर प्राइस बढ़ेगा ऊपर चला जाएगा तो लोग उसकी डिमांड कम कर दें दोनों चीजें दिखाई दे रही हैं फॉर्न एक्शेंज का डिमांड करव है डिमांड करव इंपॉर्णेंट है ठीक है कभी-कभी क्वेश्चन आता है कि डॉलर का जब रेट बढ़ जाता है तो लोग उसकी डिमांड कम क्यों करते हैं तो आप आपको बताओगे कि लोग ही जो फॉर्न एक्सचेंज की डिमांड के सोर्सेस बताएं न वह सब एक्सपेंसिव हो जाते हैं टू एंड ट्रैवलिंग एक्सपेंसिव हो जाती है आप बताओगे कि इंपोर्ट एक्सपेंसिव हो जाता है इन इन्वेस्टमेंट एक्सपेंसिव हो जाती है लगता है तो यह definition लिखी है foreign exchange demand curve की तो it refers to the curve showing क्या show करता है relationship between foreign exchange rate foreign exchange rate लिखा है यहाँ पर यह price of dollar ना इसको foreign exchange rate बोलते हैं and demand for foreign currency इन दोनों में negative रिष्टा show करता है तो as foreign exchange rate rises demand for foreign currency falls as foreign exchange rate falls demand for foreign currency rises if other things remaining constant याद होगा law of demand में लिखते थे आब आजाओ foreign currency का supply curve यहाँ बता देता हूँ पहले कि अगर आप foreign currency का supply curve समझना चाते हो तो अपने आपको वो बन्दा माल लो जो dollar बेचने के लिए खड़ा है खरीदने के लिए नहीं बेचने के लिए तो बेचने वाले का दिमाग पता है क्या चलता है जैसे rate महङा होगा बेच दूँगा जैसे rate शस्ता होगा नहीं यार अब ऐसे चलता है कि माल लो 80 रुपे का एक dollar हो रहा है और ये 85 का एक हो लिख हो गया तो यह चाहेगा कि बिक जाए सप्लाई बढ़ा देगा अब सप्लाई का मतलब सेल नहीं होता सप्लाई का मतलब इच्छा बढ़ा देगा कि मुझे ज्यादा बेचना है अब वह बिके ना बिके बात दूसरी है कि बाहर भी तो नहीं खरीदेगा यहां है तो असलियत में क्या होता है वहीं पढ़ना है अभी आगे चैनल बाकी है भाई अभी अगर यह सस्ता हो जाता है हो रहा है तो फॉरन करंसी का सप्लाई कर आप चेट लाइन ऐसा बना लो अ या foreign currency का supply curve करवी आप ऐसा बना लो, ठीक है, यहाँ पर लिखेंगे price of dollar, और यहाँ लिखेंगे quantity of dollar, same चीज, ठीक है, यह foreign exchange का supply curve SS लिख दिया, और प्यार से बनाना ऐसा बना लो यार, ठीक है, किसी भी तरीके का बना सकते हो, यह positive relation बताता है, मालो, price इतना है, तो supply इतनी है लेकिन अब आपसे क्वेश्चन पूछूं जो एक क्लास देखते देखते तुम्हारे दिल में चल रहा होगा भाई 80 रुपए का एक डॉलर है किसने बोला 80 का एक डॉलर है यह कैसे डिसाइड हुआ कि 80 रुपीस का डॉलर आ रहा है कल को रेट बढ़ है वह डिसाइड करने के तरीके होते हैं पहले इसको हमारे देश में मतलब बहुत सारे देशों में सेंट्रल गॉर्वर्मेंट समझ लेना तो पहले इसको गॉर्वर्मेंट डिसाइड करती थी अब के टाइम में रियल मार्केट में गॉर्वर्मेंट डिसाइड नहीं कर रही है जब गॉर्वर्मेंट डिसाइड करती थी ना पता कैसे मालों और जिस देश की करंसी से हमें कितने रुपए में डॉलर को एक्सेंज किया जा सकेगा तो क्या रेट होगा किस बेसिस पर वह बेसिस भी होगा उनका कि किस देश देश के पास कितना gold है gold को भी देखा जाता है gold बड़ी important चीज होती है तो यार ऐसे gold के basis पर एक rate decide कर लेते हैं और वो लंबे time तक fix रहता है यानि बदलता नहीं है जब तक gold की value नहीं बदलती आजकल तो gold की value भी daily बदल रही है न ठीक है लेकिन उस time ऐसा होता था अब ऐसा ह तब जो system start किया गया था उसको Bretton Woods system बोलते थे, Bretton Woods system बोल दो, फिर ये 1970s में exactly बताऊं तो 1973 के आसपास वो system खतम हो गया, फिर market ने rate decide करने शुरू किये पूरे world में, बहुत सारी countries में, लेकिन ऐसा नहीं है कि पूरे world के अंदर आज भी हर जगा market ही decide कर रही है rate, होता है यह डिपेंड करता है कि देश के अंदर foreign exchange को decide करने का कौन सा system चल रहा है अब system अगला topic यही है कि foreign exchange rate system कितने तरीके है तरीके के होते हैं, बाई मोटे मोटे तोर पे foreign exchange rate system दो तरीके के होते हैं, एक होता है fixed exchange rate system, exchange को अब मैं ऐसे लिखूंगा ये x है और ये delta को change बोलूंगा, आप बत लिखना ऐसे, feature number काट लेके पूरा लिखना, तो एक fixed exchange rate system होता है, और दूसरा होता है floating exchange rate system, यार इस floating exchange rate system को exchange rate system को हम flexible exchange rate system भी बोलते हैं ठीक है अब अगर हमारे देश के अंदर सरकार decide कर रही है central bank decide कर रहा है कि foreign currency का rate क्या होगा तो वो fixed exchange rate system है जो कि अब नहीं चलता अगर foreign exchange rate rate को market decide कर रही है market कैसे decide करते है भी बताऊंगा ठीक है वही टॉपिक है आगे लेकिन सुन लो अगर market decide कर रही है तो वह वाला system floating exchange rate system है यह चला था यह खतम होने के बाद हाल फिलाल यह भी नहीं चल रहा इसमें भी improvement है अब क्या बोला सरकार ने बोला कि इस सिस्टम के दो टुकड़े कर दो एक होता है क्लीन फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट सिस्टम है Clean Floating Exchange Rate System और एक होता है Dirty Floating Exchange Rate System Dirty मतलब थोड़ी गंदगी होती है लेकिन यह गंदगी नहीं है यहाँ मतलब बताता हूँ अभी देखने तो फैले Dirty Floating इसको हम Managed भी बोलते हैं Managed यह वाला वर्ड तुम्हें ज़्यादा तर देखने को मिलेगा Managed Floating Exchange Rate System तो यार अब समझ लो इनके बीच का अंतर क्या क्या कहानी है देखो जब जब आपको clean floating exchange rate लिखा मिलेगा न ये और ये, डिट्टो सेम है यानि floating exchange rate system वो exchange rate system होता है जहाँ पर exchange rate को market decide करती है demand और supply के basis पे अब ये बताऊंगा कैसे और कोई पूछे कि clean floating exchange rate क्या होता है तो ये भी same है ये categorization ऐसे कर रखी है कि book की बात है भाई, इस साथ से number मिलने, जिस साथ से मैंने आपको बताया है, ऐसे करना नहीं चाहिए था, लेकिन करना किसले चाहिए था, इससे समझ में आता है, ये वो वाला exchange rate system है, जिसके अंदर foreign exchange rate को market ही decide कर रही है, लेकिन यहां पर बीच में सरकार भी इंटरफेयर करती रहती है तो एक ग्रेजुअल इंटरफेयर सरकार का है ग्रेजुअल का मतलब क्या होता है थोड़ा सा तो यहां पर सरकार यानि सेंट्रल बैंक और मार्केट दोनों मिल रहे हैं ठीक है या प्यूर मार्केट है या प्यूर सरकारी मैटर है अगर आपको इनकी डेफिनेशन जाननी है तो यहां इस चीज का मैं सिस्टम की इनका स्क्रीनशॉट ले लो मैं सामने से हट जाता हूं और फिर दोस्तों देखो यह डेफिनेशन है मैनेज्ड फ्लोटिंग एक्शेंज सिस्टम की पढ़वा देता हूं यह मैनेज्ड फ्लोटिंग रेट रेफर्स टू द एक्सचेंज रेट सिस्टम वेर फोरेंड एक्शेंज यह फोरेंड एक्शेंज रिखा है फोरेंड एक्शेंज रेट इस डिटरमाइंड बाय दा मार्केट फोर्सेस वेद ग्रेजुअल इसका बड़ा इंपोर्टेंट है ठीक है अब मैं इस चीज को गायब कर देता हूं क्योंकि नई फीचर थी मैंने यूज करी यह यह इसकी डेफिनेशन फिक्स एक्शेंज रेट सिस्टम वह एक्शेंज रेट सिस्टम होता है जहां पर एक देश का सेंटरल बैंक ऑफिशल डिक्लेयर कर देता है कि हां भाई क्या होगा फॉर एक्शेंज रेट ठीक है तो इसको छोड़ दो इसको छोड़ दो इसको पकड़ लो इस वेरी पॉइंट या फिर इसको है डिंग में लो भाई मार्किट जब फॉर एक्शेंज रेट को डिसाइड करती है तो कैसे डिसाइड करती है तो मार्किट में हमेशा इक्विलीब्रियम फॉर एक्शेंज रेट डिसाइड होता है जहां पर खरीदने वाले और बेचने वाले दोनों happy हो, खुश हो, मोज में हो, तो यहनी ऐसा rate जहां पर foreign currency की demand और foreign currency की supply एक दूसरे के बराबर हो, उस rate को equilibrium foreign exchange rate बोलते हैं, और वो decide होता है जहां पर foreign currency का demand curve और foreign currency का supply curve एक दूसरे को intersect करेगा, cut करेगा एक दूसरे को, determination of foreign exchange rate under floating exchange rate system, ठीक है आपसे यह नहीं पूछेगा कि फिक्स्ट एक्सचेंजेट सिस्टम में कैसे ड जो तो ऑफिशियल डिक्लेयर करती है सरकार और वह लंबे टाइम तो कॉन्सटेंट रहता है लेकिन यहां पर दो-दो मिनट में एक-एक मिनट में डिसाइड होता रहता है असली मार्केट में फ्लेक्सिबल एक्शेंज डेट सिस्टम चलता है फ्लोटिंग बता दूंगा देखो यहां पर डेफिनेशन आएगी इक्वुलीब्रियम फॉर एक्शेंज डेट क्या होता है पहले बता दूं इक्वुलीब्रि यह लिखा है मैंने forex आप लिखना है इसको foreign exchange foreign exchange rate refers to the rate to the exchange rate where market short में लिखा है market demand and market supply of Foreign exchange यानि foreign currency are equal to each other जहाँ पर foreign currency की demand और supply एक दूसरे के बराबर होगी वहाँ पर जो भी rate होगा वो equilibrium foreign exchange rate होगा अब यह diagram से explain करना है तो यहाँ पर मैं yellow color पसंद करूँगा है green लेता हूँ यह बनाया y-axis यह बनाया x-axis कि एक तरफ बनाऊंगा फॉर एक्शेंज का डिमांड कर एक बार बनाऊंगा फॉर एक्शेंज का सप्लाई कर यह फॉर एक्शेंज का कि मार्केट डिमांड कर इसका नाम डीडी दे दिया यह फॉर एक्शेंज मार्केट सप्लाई कर इसका नाम ऐसे दे दिया तो अब एक पॉइंट दिखा� E यह वाला पॉइंट जहां पर इन्होंने दूसरे को कट किया है भाई जो पॉइंट है यहां पर फॉर्न कर्नसी की डिमांड और सप्ला एक दूसरे के बराबर है और इस पॉइंट को बोलते हैं इक्विलिब्रियम पॉइंट ऑफ फॉर्न एक्शेंज मार्केट या फॉर कोई definition पूछ ले तो foreign exchange market equilibrium refers to the point या refers to a situation where demand and supply of foreign currency are equal to each other that's it अब इसके सामने जो भी rate चल रहा होगा 70, 80, 90 जो भी dollar का rate चल रहा होगा यहां पर मैंने इसको क्या लिखूं आर लिखूं पी लिखूं जो मरजी बोल दो पी लिख दिया वन टू थी लिखना तो बच्चों की बात है तो बड़े हो गए हो और यहां कितनी भी quantity purchase करना चाह रहा होगा बन्ता ठीक है यहां क्यों लिख दिया तो यार य कि 80 रुपए का डॉलर मिल रहा है ना तो वह इक्वली पर फॉर एक्शेंज रेट मान लो डिसाइड हो गया यह दो मिनट में बदलता रहेगा एक मिनट में दो मिनट में तस मिनट में आधे घंटे पता नहीं कितने-कितने रिमेजेशन से डिमांड सप्लाई बदले लेकिन दोस्तों आपको बोले कि आप डाइग्राम बनाओ तो कुछ बच्चे ऐसा डाइग्राम बना देते हैं ये demand curve ये supply curve ये भी बिल्कुल ठीक है आप सीधी सीधी line बना लो चाहिए घूमते बे curve बना लो अब इससे उपर जो rate होगा ना महंगा हो जाएगा तो buyer दुख कि महंगे रेट में सैलर बेचना चाहते हैं, बायर खरीदना नहीं चाहते, तो बेचना ज़्यादा चाहेंगे, लोग खरीदना कम चाहेंगे, तो बरा��री नहीं होगी, यहाँ पर एकसेस सप्लाई हो जाएगी फॉरन करन्सी की, तो इससे उपर कोई भी सिचिवेशन हो, व एक्सेस डिमांड ऑफ फॉर्न करंसी जरूरी नहीं आप ऐसा डिजाइन नहीं बनाओगे मतलब नोट मेंडिटरी और यह है एक्विलीब्रियम फॉर्न एक्सेंज मार्केट बाई डाइग्राम ध्यान रख लेना डाइग्राम बड़ा इंपोर्टेंट है जब भी एक्जाम में कोशन आएगा कि एक्विलीब्रियम फॉर्न एक्सेंज रेट कैसे डिसाइड होता है तो आपने क्या करना है मैं बताता ह� आपको सबसे पहले ये steps follow करने है पहले तो आप लिखोगे meaning of equilibrium foreign exchange rate पहले नंबर पे ही है दूसरे पे sources जरूर लिखोगे दो दो ठीक है न demand के भी और supply के भी source आपको बताएगा बता रखे है, तीसरे पर line लिखोगे, this can be explained with the help of following diagram, फिर बना दोगे दोस्तो diagram, फिर diagram के number तब तक नहीं है, जब तक diagram को explain नहीं किया, तो चौथे number पर diagram के, एक्सप्लेन जरूर करना है और कोई भी डाइग्राम को एक्सप्लेन कैसे करते हैं बड़ा आसान है मैं बोल रहा हूं आप लिखना स्मार्ट होना अब इन द अब डाइग्राम ऐसे लिखना एक्सप्लेन जरूर क्वांटिटी डिमांड डाइट ऑफ फॉर्न करंसी और क्वांटिटी ऑफ फॉर्न करंसी लिखना डिमांड डाइट नहीं क्योंकि डिमांड सप्लाई दोनों शो कर रहा है ना दोबारा से शुरू करते हैं इन द अ foreign exchange supply curve, E is the point where both curve cut each other and OP is the एक्विलिब्रियम फोरन एक्शेंज रेट एनी रेट अबव ओपी विल लीड टू एक्सेस सप्लाई एनी रेट बिलो ओपी विल लीड टू एक्सेस डिमार्ड और फोरन एक्शेंज देट इस वाइ दिस इस देख दो कि जो आम बात दिख रही है और अब ये भी आ सकता है है तो यह रेट बदल जाएगा जी हां बदल जाएगा इसको आपको जानना है माल लो यह फॉरन एक्सचेंज रेट है कुछ भी है अगर यह डिमांड बढ़ जाती है तो डिमांड कर राइट वर्ड शिफ्ट हो जाता है तो देखो फॉरन एक्सचेंज रेट पहले ज्यादा बढ़ गया क्वांटिटी को मत देखो रेट देखो ठीक है अगर डिमांड कम हो जाती वाइट कलर से कम कर देता ह� यह कम हो जाती, तो नया equilibrium आ जाता न, तो देखो rate कम हो गया, quantity से छोड़ो कोई लेन देनी है, ऐसा ही दोस्तों supply के साथ है, मालो यह equilibrium foreign exchange rate है, कोई भी यहाँ पर आप लिख नहीं रहा है, क्योंकि यह चीज इतनी खास important नहीं है, अगर supply increase हो जाएगी, तो equilibrium बदल जाएगा, त यह सप्लाई कम हो जाती यह लेफ्टवर्ड शिफ्ट होने को कम बोलते हैं तो नया इक्विलीब्रिम होता फॉर एक्शेंज रेट बढ़ जाता और यह कम हो जाती तो आपको यह जानना है कि यह राइटवर्ड शिफ्ट में बढ़ना होता है लेफ्टवर्ड शिफ लाइग्राम बना दिया, रट्टा मारना पड़ेगा क्या?
नहीं, बिल्कुल रट्टा नहीं मारना, एक्जाम में अगर आ भी गया कि फोरन करंसी की डिमांड बढ़ गई है, तो फोरन एक्शेंज लेट पे क्या फर्क पड़ेगा? आपको रट्टा नहीं मारना, आप दे एक्शेंज रेट है अगर डिमांड बढ़ गई तो डिवांड को राइट वर्ड शिफ्ट करना और नया एक्पुलीबिरियम यह बताएगा रेट बढ़ गया यह यह यह यह चीज बड़ी इंपोर्टेंट तो भाई सबसे इंपोर्टेंट क्वेश्चन धाकर लेवल का क्वेश्चन पर प्रोफेक्ट होने वाले हैं आपको पेपर में आ सकता है फिक्स एक्सचेंज रेट सिस्टम अ और floating exchange rate system में example difference बता दो क्या difference बनेगा इसमें मैं तुम्हारी मेहनत चाहूँगा तुम्हारी मेहनत में number one काम पहला तो दोनों का meaning लिख दोगे दोनों का meaning लिख दोगे, it refers to the rate which is decided by the central bank, या which is officially declared by the central bank, it refers to the rate which is determined by the market forces of demanded supply, that's it. दूसरे पे लिख दोगे, ये थोड़ा certain रहता है, ठीक है, फिक्स रहता है और ये थोड़ा uncertain है, अब भाई जो चीज uncertain है तो 60 तो वहीं लग सकता है न, जो चीज fixed है वहाँ 60 नहीं लग सकता, तो यहाँ uncertain है तो speculation possible है, speculation possible यहाँ पर है, dollar खरीद के बन्दा रख लेता है, जब महंगे हो जाएंगे तो बेच देगा, यहाँ क्या आसानी से बन सकते हैं और भी लिख सकते हो कि एक यहां पर रिस्की अक्टिविटी हो जाती है कि डॉलर का रेट कभी भी कम ज्यादा हो सकता है यहां पर रिस्की अक्टिविटी कोई नहीं होती तो ऐसे कितने भी डिफरेंस बना लो लेकिन तीन डिफरेंस पर तुम्हें याद करने की जरूरत है नहीं अराम से तीन मोज मार के डिफरेंस करो ठीक है अब एक नई डिक्शनरी जो तुम्हें परेशान करती है वह बताया तो भी मान लो डॉलर का रेट 80 रुपए का एक है यह किसी रीजन की वजह से 75 का एक हो जाता है तो बताओ हमारे देश में डॉलर की वैल्यू बढ़ी है या कम हुई है ये 80 रुपे से अगर 75 का रेट हो जाता है न तो हमारी करंसी की वैल्यू बढ़ी है क्योंकि डॉलर पहले एक डॉलर 80 रुपे में मिल रहा था अब वोई डॉलर 75 में मिल रहा है तो फाइदा हुआ है हमें तो इसको बोलते है हमारी करंसी की वैल्यू बढ़ गई बढ़ गई ना, चीक है, और यार अगर ये rate 85 का एक हो जाता dollar, तो ये क्या बोल रहा है, ये बोल रहा है कि dollar मेंगा हो गया है, अनि हमारी currency की value कम हो गई, अब इसको क्या लिखू, ये है increase in foreign exchange rate, और ये है decrease in foreign exchange rate, यह है हमारी करंसी की वैल्यू का बढ़ना, यह है हमारी करंसी की वैल्यू का कम होना। अब जब हमारी करंसी की वैल्यू बढ़ जाती है न, इसको बोलते appreciation, और पहले इसको बोलते थे revaluation, पहले कब, जब देश में fixed exchange है। एक्शेंज डेट सिस्टम चलता था ना तब इसको रिवेल्यूएशन बोलते थे लेकिन अब इसको अपरिशेशन बोलते हैं नाम सेम सेम सा लग रहा है जब फिक्स्ट एक्शेंज डेट सिस्टम चल रहा था तब इसको डेवेल्यूएशन ओफ डोमेस्टिक करन्सी बोलते थे अब इसको डेपरिशेशन बोलते हैं तो यानि मैं कहना क्या चाता हूँ यहां देख लो आप अगर देश के अंदर फिक्स्ट एक्शेंज एट सिस्टम चल रहा है है तो हमारे देश की करंसी की वैल्यू अगर बढ़ जाती है यह फॉर्न एक्सचेंज रेट कम हुआ है लेकिन हमारे देश की करंसी की वैल्यू बढ़ गई है तो दिस इस कॉल्ड रिवेल्यूएशन ऑफ डोमेस्टिक करंसी रिवेल्यूएशन ऑफ डोमेस्टिक करन्सी यह सरकारों नहीं मिलकर किया है सेंट्रल बैंक नहीं किया है मार्केट का रूल नहीं होता है इसमें और इसको बोलेंगे दिस इस डिवेल्यूएशन ऑफ डोमेस्टिक करन्सी यहां पर यहां अंदर floating exchange rate system चल रहा होता, floating में चाहे clean floating हो, चाहे managed floating हो, दोनों की बात कर रहे हैं, कोई भी चल रहा हो, ठीक है, अगर यहाँ पर माल लो, 80 रुपे का एक dollar आ रहा है, और किसी वज़े से वो dollar 75 का एक हो जाता है, तो हमारी currency, currency की value बढ़ गई ना तो इसको हम बोलेंगे appreciation लेकिन किसी वजह से यह dollar महंगा हो जाता है तो हमारी currency की value कम हो गई ना इसको बोलेंगे depreciation आजकल यही वाली language यूज़ कर रहे हैं यह है appreciation किसका appreciation हमारे देश की currency का है उनकी हमारे देश की currency का appreciation of domestic currency ठीक है और यह है दोस्तों depreciation of domestic currency इस बात को ध्यान रख लेना, एक्जाम में अगर difference आ जाए, क्या appreciation और ये, revaluation, दोनों में हमारे देश की currency बढ़ रही है न, दोनों सेम बात है, बाई meaning से same लगते हैं, actual same नहीं है, तो यार there are differences between appreciation versus revaluation, दोनों सेम सेम से लगते हैं, फर्क क्या है?
फर्क जान लो, पहला फर्क, बीच में लाइन डाल देता हूँ, अंतर बड़ा important है, भाई appreciation होता है floating exchange rate system में, तो it exist in the floating exchange rate system, और ये exist करता है fixed exchange rate system में, अलाकि meaning सेम सेम सा है, लेकिन dictionary पर बड़ा है, लेकिन दिक्षित पर बड़ा है इस देश में गए और उस देश की वेल्यू बढ़ गई और तुम ने उस बंदे से पूछा इसको तुम क्या बोलते हो अगर उस बंदे ने बोला इसको बोलते हैं रिवेल्यूएशन ऑफ डोमेस्टिक करंसी तो तुम समझ जाए चाहिए ना कि उस देश के अंदर अभी भी फिक्स एक्सेंजेट सिस्टम चल रहा है अगर उस देश के बंदे ने यह बोला होता है हमारी करंसी अप्रेशेट हो गई है तो समझ जाते हैं कि तुम फ्लोटिंग एक्सेंजेट सिस्टम चल रहा है उस में ठीक है तो यार अब अप्रेशेशन हुआ है तो यह फ्लेक्सिबल एक्सेंजेट सिस्टम का पार्ट है यहां पर पर्किट फोर्सेस ऑफ डिमांड सप्लाई ने में रूल प्ले किया है ठीक है यहां पर देश के सेंट्रल बैंक ने में रूल प्ले किया है अब मेन रोल प्लेइ किया है तो तीसरी बात अब सुन लो बड़ा इंपोर्टेंट डिफरेंस है इंपोर्टेंट डिफरेंस क्या है रिवेल्यूशन जैसी अक् कि कभी भी स्पेकुलेशन को प्रोमोट नहीं करेगी अब अप्रेशेशन में स्पेकुलेशन हो सकती है रिस्की एक्टिविटी है तो अप्रेशेशन अपने आप में अंसर्टेन भी बदलता रह सकता है यह मार्किट ने डिसाइड किया पॉलिसी में हेल्पफुल होगा फिर गॉर्नमेंट ने किया है ना तो हेल्पफुल इन गॉर्नमेंट पॉलिसी ठीक है लेकिन यह नॉट हेल्पफुल है क्योंकि गॉर्नमेंट ने किया ही नहीं अभी यह अप्रेशिएट हुआ थोड़े देर में डेप्रिशिएट हो सकता है मिन्ट मिन्ट में वैल्यू चेंज होती है ना तो यार अगर डिफरेंस आ जाये ना डेप्रिशिएशन वर्जिस डिवैल्यूएशन तो भी यह डिफरेंस नहीं है डिटो मैंने कोई ऐसी लैंग्वेज यूज़ नहीं की मैंने मिनिंग मिनिंग तोड़े लिखवा है यहाँ पर ऐसी कोई लैंग्वेज यूज़ नहीं की जिससे आपका डिफरेंस कलत हो जाये बहुत ट्रेंडिंग कोशन चल रहा है डिवैल् they are not same because there are differences between devaluation and depreciation मैं क्या करूँ देखो तुम्हे समझाने के लिए के लिए यह अटा देता हूँ ठीक है यहां लिखा मैंने depreciation of domestic currency और इधर मैंने लिखा devaluation of domestic currency कोई भी अंतर नहीं सेव है यह floating exchange rate system में होता है यह fixed exchange rate system में होता है तो लिख दोगे it is a part of floating exchange rate system it is a part of fixed exchange rate system लिख भी देता हूँ यार कि इज जाओ पार्ट ऑफ फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट सिस्टम ठीक है आइट इस डन थ्रू मार्केट फोर्सेस या डन बाय मार्केट फोर्सेस ऑफ डिमांड एड सप्लाई एड इस डन बाय द सेंट्रल बैंक दो डिफरेंस तो इट इज नॉट हैल्पुल बात नहीं है हालांकि जो यह डेप्रेसिशन और डिवेल्यूशन जैसे वर्ड है इनका यार हमारे अ देश के export और import पे भी फर्क बढ़ता है export import पे क्या फर्क बढ़ता है वो दिख लेते हैं माल लो 80 रुपे का एक डॉलर आ रहा है ये किसी वज़े से किसी वज़े से माल लो 75 is to 1 का एक हो गया तो इसका export और import पर क्या impact पड़ेगा ये बता रहा हूँ सोचो 80 रुपे का एक डॉलर था अब 75 का एक डॉलर हो गया मालो अमेरिका में कोई चीज जो हम 80 रुपे की एक खरीद रहे थे अब वो अमेरिका की चीज हमें 75 की एक मिलेगी माल लो अमेरिका में अस्टी रुपे की एक दो लिटर की पैपसी की बोटल थी, अब अमेरिका में जाएंगे तो वो पैपसी की बोटल हमें पिछतर रुपे की एक मिलेगी, मतलब अमेरिकन गुड समारले सस्ती हो गई है, जब भी foreign exchange rate कम होता है, तो इसका मतलब foreign goods समारले cheaper ह चीपर, सस्ती हो गई हैं हमारे लिए, तो नाओ हम लोग, यानि domestic buyer can purchase more quantity of foreign goods with same amount of money, उतने ही पैसों में हम ज़्यादा समान करीज सकते हैं, तो उतने ही पैसों में ज़्यादा समान करीजेंगे, तो हम अपने import बढ़ा देंगे जो हम समान विदेशों से खरीदते हैं ना उसको import बोलते हैं तो यहाँ पर import बढ़ जाएंगे लेकिन इस बीच में line लिखनी पड़ेगी वो दुबारा बोल रहा हूँ now domestic buyer can purchase more quantity of foreign goods with same amount of money वो line लिखनी पड़ेगी तो यह हुआ क्या actually foreign currency की value कम हुई ना तो इसको हम appreciation बोल सकते हैं या appreciation बोलो या devaluation बोलो ठीक है, दोनों का impact same होना है, दोनों का impact same है, इस पे, import पे ध्यान रखना, बड़ी important चीज है, ठीक है, इसके अलावा यहाँ पर अगर आपको बताऊं, अगर ये dollar 80 रुपे का एक है, ये किसी वज़े से 85 का एक हो जाता, है तो इसका एक्सपोर्ट और इंपोर्ट पर क्या फर्क पड़ता पहली बात तो बताऊं यह हमारी करंसी की वैल्यू कम हो गई है इसको डेप्रेशन बोलेंगे अभी आज के टाइम पर या इसको पहले डिवेल्यूएशन बोलते थे दोनों तो पिछासी के आने लगी है तो हम कम खरीदेंगे वहां से हम कम खरीदेंगे तो इंपोर्ट कम हो जाएगा अ ध्यान रखना ठीक है तो डेप्रिशेशन हो या डेवेल्यूएशन हो दोनों का सेम इंपैक्ट बढ़ता है इंपोर्ट पर है दोनों में डिफरेंस डेवेल्यूएशन अलग है डेप्रिशेशन अलग है यह दिखाया था ना लेकिन दोनों का इंपोर्ट पर सेम इंपैक्ट है अब एक्सपोर्ट की बात करते हैं यानि जो समान हम विदेशों को बेचते हैं देखो जो अमेरिका के बंदे हमारे देश में से समान खरीदते हैं उसको एक्सपोर्ट बोलते हैं मालो अमेरिका का बंदा एक डॉलर में 80 टॉफी ऐसे खरीदता है लेकिन अप्रीशेशन की वजह से वह एक डॉलर में 75 टॉफी पर्चेस कर पा रहा है इसका मतलब क्या कि हमारी चीज उनके लिए महंगी हो गई है तो जब appreciation होता है तो domestic goods expensive हो गई है हमारी चीजें तो it means domestic goods are now become expensive या costlier बोल दो अगर ज़्यादा खतरनाक word यूज़ करना चाते हो तो costlier हो गई है पहले से तो now एक line जो लिखनी पड़ेगी आपको मैं बोलूंगा now they can purchase less quantity of domestic goods with same amount of money यानि जितने पैसों उतने पैसों में अब उनको कम समान मिलेगा तो उनको कम समान मिलेगा, तो मतलब इंडिया का कम समान उनके देश में जाएगा, तो यानि इंडिया का export कम जाएगा, तो इसकी वज़े से export कम हो जाते हैं, इस बात को जान लो, export कम हो जाते हैं, ठीक है, और यहाँ पर अगर export की बात करें, depreciation devaluation की वज़े से, तो यार export ब अमेरिकन अब एक रुपए की पिचासी टॉफी मिलेंगी तो नाओ डोमेस्टिक गुड्स बिकम चीपर फॉर द फॉरनर्स तो नाओ देखें बाए ठीक है अब आपके बुक्स के अंदर ना कहीं कहीं लिखा होता है एक ज़वा सर यह नॉमिनल एक्सचेंज रेट क्या होता है नॉमिनल एक्सचेंज रेट वहीं नॉमिनल एक्सचेंज रेट की डेफिनेशन है तो इट रेफर्स टू द प्राइस ऑफ पर्चेजिंग वन यूनिट फॉरन करंसी फिर लिखा होता है रियल एक्सचेंज रेट क्या होता है अब यह रियल एक्सच Nominal exchange rate की definition लिख दो, बस बोल दो कि price changes को avoid करेंगे और तब हम exchange rate को calculate करेंगे तो वो real exchange rate होगा. So it is the exchange rate which ignore change in price level. That's it. फिर कहीं कहीं लिखा होता है, nominal effective exchange rate.
कहीं कहीं लिखा होता है real effective exchange rate, यार ये चीज असान है एकजाम के लिए लेकिन इतनी important नहीं है बताये तो, कभी कभी क्या होता है न, dollar के लिए हमारी currency की value कम हो गई, माल लो, अस्तिरुपए का डॉलर आ रहा था और किसी रिजन की वजह से 85 का एक डॉलर हो गया लेकिन अमेरिका के लिए ऐसा हुआ है और दूसरे दोस्तों के लिए क्या हुआ वालो पचपन रुपए का एक सिंगापुर का डॉलर हम खरीद रहे थे और अब वह 40 का खरीद रहे ह यानि किसी दूसरे देश के लिए हमारी currency की value बढ़ गई है और किसी दूसरे देश के लिए हमारी currency की value कम हो गई है तो ऐसे में जो exchange rate calculate किया जाएगा कि overall रुपिये की value कम हुई है या बढ़ी है overall रुपिये की बात कर रहे है अपने देश की क्योंकि एक देश के लिए हमारी currency के value कम हो गई, दूसरे देश के लिए हमारी currency के value बढ़ गई, तो overall रुपे का status क्या है? वो पता लगाने के लिए जो exchange rate calculate किया जाता है, उसको बोलते है nominal effective exchange rate. अब इसमें अगर price change को avoid करोगे, लोगे तो उसको बोलेंगे रियल एफेक्टिव एक्शेंज रेट समझाने का काम तो समझाने के लिए इंपोर्टेड चीज है अब तुम पूछो कि सर इस चैप्टर में क्या-क्या इंपोर्टेंट बस यह बता दो एक बार ही तो वह इस चैप्टर के अंदर सबसे पॉइंट यह है फिर दूसरे नंबर पर यह डिफरेंस इंपोर्टेंट है डिफरेंस बड़े चलन में है कौन-कौन से डिफरेंस जैसे कि माल लो आ गया appreciation versus depreciation depreciation नहीं आएगा appreciation versus revolution क्योंकि दोनों same same सी है न तो आपको बताना पड़ेगा appreciation flexible में revolution fixed में है appreciation market force ने किया है revolution central bank ने किया है appreciation में सरकार की policy का कोई लिंदे नहीं है revolution सरकार की policy का result है ठीक है it is the result of government policy फिर depreciation versus डिवेल्यूशन दोनों सेव नहीं अलग है फिक्स्ट एक्स्चेंज रेट वर्जिस फ्लेक्सिबल यानि फ्लोटिंग एक्स्चेंज रेट सिस्टम यह आ सकता है यह ज़्यादा इंपोर्टेंट को बड़े कोशिशन है मतलब और तहलके वाले हाई ओडर डिप्रेशन ऑफ डोमेस्टिक करंसी का एक्सपोर्ट और इंपोर्ट पर क्या फर्क बढ़ता है डेप्रेशन ऑफ डोमेस्टिक करंसी का एक्सपोर्ट और इंपोर्ट पर क्या फर्क बढ़ता है इवन नैशनल इंकम पर क्या फर्क बढ़ता है देखो नैशनल इव देश की नेशनल इंकम कम हो जाती है क्योंकि हमारी बिक्री कम हुई है ना सेल कम हुई है अगर एक्सपोर्ट बढ़ जाते हैं तो इसकी वजह से हमारे देश की नेशनल इंकम बढ़ जाती है बिक्री ज्यादा हुई है अब तुम को देश की करंसी 1991 में हमने अपने रुपियों को जबरदस्ती डिवेल्यूएट किया था और 1991 के बाद से हमारा देश फ्लैक्सिबल अपने देश की अगर बात बताओ तो तो devaluate किया था ताकि अमारे exports बढ़ जाए और value रुपिया की बढ़ जाए और रुपिया की value कह रहा हूँ देश के लोगों की income बढ़ने लगे तो यहाँ पर दोस्तों foreign exchange rate का पूरा chapter खतम करा दिया जो जो topic बोले थे सारे आपको बता धन्यवाद