उद्देश्य: एंप्लॉइज और मैनेजमेंट के बीच इंट्रैक्शन, और कंपनी के आंतरिक और बाहरी हितधारकों के साथ कम्युनिकेशन।
नेचर और करैक्टेरिस्टिक्स
कंटीन्यूअस प्रोसेस: बस एक बार का नहीं, यह एक सतत प्रक्रिया है।
टू-वे प्रोसेस: रिसीवर का रिस्पॉन्स अति आवशयक।
अनअवॉइडेबल: इससे बचा नहीं जा सकता। हर स्तर पर आवश्यक है।
प्रिवेज़िट फंक्शन: हर लेवल पर आवश्यक।
फैसिलिटेट चेंज: किसी भी परिवर्तन को लाने के लिए।
रिमूव मिसअंडरस्टैंडिंग: कांफ्लिक्ट्स और मिसअंडरस्टैंडिंग को कम करने के लिए।
परपज
प्रोसेस इंस्ट्रक्शंस और ऑर्डर्स
कम्यूनिकेट विद सुपर ओर सबऑर्डिनेट्स
प्रोवाइडिंग राइट इंफॉर्मेशन
प्रोवाइड सजेशंस और एडवाइस
परसुएड प ीपल
प्रोवाइड काउंसलिंग
सपोर्ट ट्रैनिंग और डेवलपमेंट
निष्कर्ष
बिजनेस कम्युनिकेशन की मुख्य भूमिका: ऑर्गेनाइजेशन के गोल्स को से हासिल करने में मदद करना। यह इंफॉर्मेशन शेयरिंग, समझाना, ऑर्डर और इंस्ट्रक्शन का प्रोसेस है।