भूमि, जल, मृदा और वनस्पति के संसाधन

Aug 24, 2024

कक्षा 10 भूगोल: अध्याय 2 - भूमि, मृदा, जल और प्राकृतिक वनस्पति

भूमि संसाधन

  • भूमि संसाधन पृथ्वी के सतह पर मौजूद 30% भाग है।
  • भूमि संसाधन की उपयोगिता विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न होती है।
  • भूमि का उपयोग कृषि, वानिकी, खनन, भवन निर्माण आदि में होता है।
  • भूमि सीमित संसाधन है, अतः इसका सही उपयोग महत्वपूर्ण है।

भूमि उपयोग पैटर्न

  • भूमि उपयोग भौतिक और मानव कारकों पर निर्भर करता है।
  • भौतिक कारक: स्थलाकृति, मृदा प्रकार, जलवायु आदि।
  • मानव कारक: जनसंख्या घनत्व, प्रौद्योगिकी, उद्योग आदि।

भूमि संरक्षण

  • अधिक से अधिक वनीकरण करें।
  • भूमि को पुनः प्राप्त करना।
  • कीटनाशकों और उर्वरकों का नियंत्रित उपयोग।
  • अधिक चराई की रोकथाम।

मृदा संसाधन

  • मृदा का निर्माण भूमि के प्रकार पर निर्भर करता है।
  • मृदा में जैविक पदार्थ, खनिज और वेदरिंग रॉक शामिल होते हैं।

मृदा संरक्षण

  • जैविक खेती और कृषि पद्धतियों का पालन।
  • बहु-फसल प्रणाली और संघर्सीय खेती का उपयोग।
  • जल निकासी नियंत्रण कार्य।

जल संसाधन

  • पृथ्वी का 75% भाग जल से ढका है।
  • केवल 2.7% जल ही ताजे जल के रूप में उपलब्ध है।

जल के उपयोग

  • पीने, कृषि, उद्योग, बिजली उत्पादन आदि में जल का उपयोग।

जल संरक्षण

  • जल चक्र के माध्यम से जल का नवीकरण।
  • जलाशयों और नहरों का सही प्रबंधन।

प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीव संसाधन

  • प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीव लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

संरक्षण

  • राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य, और जैवमंडल संरक्षण।
  • अवेयरनेस प्रोग्राम्स और समाजिक वनीकरण।
  • वन्यजीवों के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते।

निष्कर्ष

  • भूमि, मृदा, जल, और प्राकृतिक वनस्पति के संरक्षण के प्रयास आवश्यक हैं।
  • संसाधनों का सही उपयोग और प्रबंधन हमारे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।