एस 15: एंप्लॉई बेनिफिट्स
परिचय
- आज का टॉपिक: एस 15 एंप्लॉई बेनिफिट्स
- महत्वपूर्ण सहयोग: यह एक नया और महत्वपूर्ण टॉपिक है।
- लेक्चर को 2 भागों में विभाजित किया गया है:
- महत्वपूर्ण चर्चा
- अन महत्वपूर्ण चर्चा
एंप्लॉई बेनिफिट्स का महत्व
- एंप्लॉई बेनिफिट्स: स्टेटमेंट ऑफ प्रॉफिट और लॉस के अंतर्गत एक अलग हेडिंग।
- एंप्लॉई बेनिफिट्स एक्सपेंस:
- यह पी एंड एल में चित्रित होता है।
एंप्लॉई बेनिफिट्स के प्रकार
- शॉर्ट टर्म एंप्लॉई बेनिफिट्स
- 12 महीने के भीतर भुगतान किए जाने वाले: सैलरी, बोनस, ओवरटाइम, एक्सपेंस, अलाउंस।
- अन्य लॉन्ग टर्म एंप्लॉई बेनिफिट्स
- पोस्ट एंप्लॉयमेंट एंप्लॉई बेनिफिट्स
- जैसे ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड।
- टर्मिनल या टर्मिनेशन बेनिफिट्स
- जैसे वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम।
शॉर्ट टर्म एंप्लॉई बेनिफिट्स
- शॉर्ट टर्म बेनिफिट्स हमेशा एक ही बार में पी एंड एल में जाते हैं।
- इनकी अकाउंटिंग सरल होती है।
लॉन्ग टर्म एंप्लॉई बेनिफिट्स
अन्य एवं पोस्ट एंप्लॉयमेंट बेनिफिट्स
- इनका ट्रीटमेंट एक समान होता है, प्रोजेक्टेड यूनिट क्रेडिट मेथड के अनुसार।
दिये गए बेनिफिट्स का कार्यान्वयन
प्रोजेक्टेड यूनिट क्रेडिट मेथड
- इस मेथड के अंतर्गत दो मुख्य तत्व:
- डीसीपी (डिफाइंड कंट्रीब्यूशन प्लान)
- फिक्स्ड कंट्रीब्यूशन रहता है।
- डीबीपी (डिफाइंड बेनिफिट प्लान)
- फिक्स्ड बेनिफिट पर आधारित होता है।
अकाउंटिंग संचालन
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डीसीपी:
- सीधा खर्चा पी एंड एल में डाला जाता है।
- कोई डिस्काउंटिंग नहीं की जाती।
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डीबीपी:
- फिक्स्ड बेनिफिट पर आधारित होता है।
- इसकी गणना करने के लिए एक्चुरियल अनुमानों की आवश्यकता होती है।
- डिस्काउंटिंग की जाती है।
कंट्रीब्यूशन एवं बेनिफिट्स
- कंट्रीब्यूशन: एंप्लॉयर का दिया गया भुगतान।
- बेनिफिट: एंप्लॉई को मिलने वाला अंतिम टोटल।
योजना संपत्ति (Plan Assets)
- योजना संपत्ति क्या है?
- यह एंप्लॉयर द्वारा की गई इन्वेस्टमेंट है।
- हर साल कंट्रीब्यूशन किया जाता है।
सारांश
अंतिम टिप्पणी
- आगे के सत्र में बाकी बचे विषयों पर चर्चा की जाएगी।
- पाठकों से अनुरोध है कि वे इन पॉइंट्स को स्पष्ट रूप से समझे।
धन्यवाद, सभी स्टूडेंट्स को!