निगेट्री बोलने के बाद हम अक्सर पस्ताते हैं अयदि हम राम चलते जाएंगे तो पता नहीं रहेगा हमें रुकना कहा है मैंने समय का हमेशा सद उपयोग किया वो समय सबके पास चाहे वो अमबानी हो अडानी हो चाहे साधन मजदूरों 24 घंटे हैं पहले के जैमाने में लोग इसकी इस उडजा का उपयोग सिर्फ हीलिंग के लिए करते थे और ये विद्या हमारे भारत की है क्योंकि हमारे रिशी मुनी इतनी तपशा करते थे कि उनके हाथों में उनके भीतर इतना पावर होता था कि वो टच करके लोगों को हिल कर देते हैं नमस्य जैहिन मेरा नाम है जै और ये है दावारा मुस एक ऐसा podcast जहां हम बात करते हैं भारत के past, present और future की आज का ये conversation बहुत ही ज़्यादा खास है क्योंकि इसे मैंने किया एक बहुत ही ज़्यादा special इंसान के साथ इस episode में मैं बात कर रहा हूँ राजेश्वरी जी मोधी से जिनने प्यार से लोग राजदीदी कहते हैं राजदीदी नारायन रेकी सच्चन परिवार की founder है वो एक रेकी grandmaster है और बहुत ही ज़्यादा spiritual person है हमारे thoughts, words और deeds इन सभी में बहुत ज़्यादा शक्ति होती है इसलिए इट इज इंपोर्टेंट कि हर वक्त हम अपने आपको पॉजिटिव रखने की कोशिश करें बट अफ कॉस हमारे लिए हर वक्त डेल किस तरह से करें और रेकी का इस्तेमाल करके हम हमारे लाइफ में सक्सेसफुल कैसे बने इसके बारे में आज हमें राजदीदी ने बताया राजदीदी की एनर्जी इतनी ज्यादा पॉजिटिव है और इतनी ज्यादा काम एंड पेशेंट्स वाली है कि और मुझे तक पहुच रही थी which is exactly why मैं खुद बहुत ज़्यादा positive हो गया था और मैं खुद बहुत ज़्यादा patient हो गया था this is by far one of the best spiritual conversation जो हमने इस channel पर किया है मैं आशा करता हूँ जितने भी लोग इस podcast को देखेंगे अगर आप इस channel पर नए हैं हमारा podcast पहली बार देख रहे हैं तो please subscribe button दबा दीजिए because आपके subscribe button दबाने से हमें confidence मिलता है और ऐसे conversations करने का तो चलिए नारायन बोलके इस podcast की शुरुवात करते हैं नरन दीदी नरन आपसे मिलके बहुत अच्छा लगा मेरी फैमिली आपकी बहुत ज़ादा बड़ी फैन है तो ये पॉटकास जो है ये इंटरव्यू जो है ये करने से आने के पहले ही मेरा एक इंटरव्यू हो चुका है घर पे ओक सबको बहुत expectations है कि मैं ये वाला अगर मैंने अच्छे से नहीं किया तो बहुत डाट पड़ेगी घर पे wish you good luck तो दीदी सबसे पहले तो मुझे आपसे यही पूछना है नारायन क्यों बोला जाता है ये ना हमने बच्पन से ही अपने पपा के मुख से सुना है भगवान का नाम है ये और उनको घर से बाहर निकलते भी देखते थे और हमसे भी करवाते थे और हमसे कहा जाता था कि यदि आप घड़ से बोल कर निकलते हो नारन तो आपकी हर जगह सुरक्षा हो जाती है। आप सुरक्षा के घेरे में आ जाते हैं। तो मुझे याद भी नहीं आ रहा कि हमने कब से वो हमारी बीतर चला गया। तो कदम जो ही बाहर इतना चला गया अभीतर मुझे आपके बच्पन के बारे में जानना है आपने कहा कि आपके पिताजी ने आपसे कहा था नारायन कहने के लिए तो बच्पन कैसा था पिताजी के साथ में जो time आपने spend किया वो कैसा था और उस वक्त क्या सीखने मिला आपको मिल में, मिल चलती थी न, उन दिनों तो, साधारन सिकलर की नौकरी करते थे, तो बेहद हम कहेंगे कि आप ये कह सकते हैं कि middle class, lower middle class जीवन जीया हुआ है, उतनी से income के भीतर हम चार भाई भैनों को पालना उस विवस्था में, दादी ने पाला पुसा, भौतिक विवस्थाई हम लोग को अभी आप इस पर से समझ पाएंगे कैसे बच्चवन बीता है कि दिपावली पर जब उनको बोनस मिलता था तब हमको कपड़े मिलते थे चार भाई बेनों को वो भी दिपावली पर एक जोड़ी फिक्स था एक जो एक ड्रेस और एक जोड़ी बाटा की चपल और वो आठ रुपिया भी उन दिनों एक बड़ी रक्कम हमारे लिए एट लिस्ट और जो कपड़े खरीदे जाते थे हमारी जो हाइट होती थी उन दिनों उससे भी पांच सा तींच लंबा फ्रॉक और दादी घर में लेकर आती थी खरीद के कि पूरा साल चलाना है ना उसक जीवन बहुत सीधा और सरल था, घर का वातावन एकदम अध्यात्मिक, क्योंकि पिताजी निरंतर निरंतर, उनके मुख को मैंने कभी देखा नहीं, कि मुझ बंध है, लगाता राम राम, उनके होट जो मुझे आते हैं आद, हिलते ही रहते थे, और उन्होंने स कि मुझे पढ़ने का बहुत शौक था न्यूसपेपर का टुकडा भी मिलता है न उसको पढ़ना है बैठके ऐसे इतना रेडिंग का शौक तो मैं कभी किसी से बुक मांगलाती क्योंकि खुद की financial position ऐसा नहीं था कि हम खरीद के पढ़ें novel, filmy magazine से उनको बहुत ज़्यादा चिड़ थी यदि देख लिया हम पढ़ रहे हैं dustbin डाल के आते थे only गिता प्रिस गोरकपुर के जो अध्यात्म की पुस्तक यहां थे आप इतना एडिया नहीं होगा उसको, पर मारवडी समाजिस से चिरपर्चित है, उनके पुस्तके, उनका साइत्य हमारे घर में पूरा सामने सजाता था, शोकेस नहीं होता था, एक टेबल पर लगा रखा था, तुमको पढ़ना है, इसको पढ़ो, बारं बार पढ़ो, हम कितनी बार पढ़ेंगे, पूछते थे कितनी बार पढ़ेंगे, और दूसरा चीज़ पढ़ने के लिए, इसको पढ़ो, और उन दिनों पढ़ने का शोक, सिर्फ लिमिटेड बुक्स पढ़ने के लिए, और कुछ विवस्थाएं थी नहीं, तो उन books में अगर आप मुझे पूछोगे कि इस page पर कौन सी line लिखी है, मैं आपको आँख बंद करके बोल सकती थी, इतना हम उसको पढ़ लेते थे, और उस time हमको कई बार पिताजी पर गुस्सा भी आता था, कि खुद खरीद कर लाके देते नहीं हैं, हम लोग मांग कर लाते हैं, फिर भी आप पढ़ने देते नहीं हूँ, पर अब एहसास होता है कि basic उन्होंने जो पक्का कर दिया था, आज वही चीजे मंच पर बोली जा रही हैं. संस्कार बहुत स्ट्रॉंग थी उनके और financial position ठीक नहीं थी इतनी मा नहीं थी तो समाज का थोड़ा कई बार pressure रहा करता था है ना जो आता कुछ दो बाते बोल कर जाता था उनको हम लोग छोटे होते थे और हमारे सामने उनका नादर हुआ वो हमको सहन नहीं होता था आपको भी चार बात बोलनी चाहिए, आप मत सुना करो, वो कोई आपको खाना दिता है क्या, ऐसे करके, मतलब छोटे, उनका ये बोलना था कि बोलने के लिए ताकत नहीं चाहिए, शांत रहने के लिए ताकत चाहिए, बहुत पावरफल बात है, तो वो बच्चपन से हमने व उससे होता है और सतत भगवान का अस्मन करना कुछ भी जरा सा समय विपरीत महसूस हुआ बीच में मेल भी बंद हो गई थी स्ट्राइक चलती थी लिम्रिट धन था उसमें भी कैसे निकालना समय पर हमें कभी महसूस नहीं हुआ कि हम लोग इतने कह सकते आज की भाषा में का� तो बच्चमन financially भले strong नहीं था, संस्कारों से भरा हुआ था, ये निश्चित था, हमारी bonding बहुत अच्छी थी, हम भाई भेनों की, और हर बात वो हमसे share करते थे, जो अच्छी बाते होती थी, उनका कहीं समाज में अनादर हुआ, हमको बाहर से मालूं पड़ता था, कभी उन कि वो चीजे हमारे बितर आती चले गई तो आपने जीवन में अब तक बहुत सारी चीजे देखी है एक कोई life lesson ऐसा जो आप हमारे audience के साथ में भी share करना चाहोगे कि जीवन से क्या सीख सकते हैं हम खुद के ये कहूँगे कि जीवन हमें कदम पर सिखाता है यदि आप सीखना चाहते तो कोई भी घटना हमारे जीवन में घटित होती है जब अच्छी घटना घटित होती है we are very happy है ना खुश रहते हैं दूसरों से शेयर भी करते हैं चर्चा करते हैं और बहुत समय तक वो हमारी दिमाग में रहता भी है लेकिन यदि कुछ मन के विपरीत घटित हुआ हम आहत हुए उन चीजों को लेना, फिर मन में बसाई रखना, उसमें से कैसे बाहर निकलना है, यह जरूर हमने अपने जीवन में सीखा, क्योंकि यह आपकी भाषा में यदि हम कहें, तो हमारा जीवन जो भी आपको दिख रहा है, आसान सा, जगमाट दिख रही है, वैसा नहीं था, शुरू से जीवन में आप कह सकते हैं, स्ट्रगल रहा है, पर हम... को वो struggle है ऐसा महसूस नहीं हो, क्योंकि मन में किन्तु परन्तु नहीं था, तो जीवन आसानी से निकलता चला गया, और हर वक्त हम जीवन से कुछ न कुछ सीखते चले गये, और अभी भी ऐसा, अगर कभी ऐसा होता है, कि मन के अनुकूल नहीं होता है, तो हम उसमें देखते हैं, मुझे क्या संदेश देने के लिए आई है, बजाए आहत होने के. आत्मचिंतन करते हैं, यदि जीवन में इखटित हुआ तो क्यों है, और दूसरा हम लोग शब्दों पर बहुत फोकस करते हैं, जैसे कई लोग विचारों पर करते हैं, कि अपने विचार आपको पॉजिटिव रखने चाहिए, निगेटिव मस सोचो, गलत मस सोचो, अच्छ मैं क्या सोच रही हूँ आप कैच नहीं कर पाओगे लेकिन मैं क्या बोल रही हूँ कौन से शब्दों का उच्चारन कर रही हूँ वो आप पकड़ सकते हैं उससे आप आहत भी हो सकते हैं आप खुश भी हो सकते हैं हम लोग शब्दों की ताकत को ज़्यादा प्राथमिकता देते हैं तो अगर ऐसा कुछ गटित हुआ कि मुझे मेरे मन के प्रतिकोल हुआ कि मेरी वाणी से ऐसा कोई शब्द निकला है क्या जिसकी वज़े से इन परिस्थितों का निर्मान हुआ या मेट से ऐसा कोई कर्म हुआ है जिसकी वज़े से ये सामने आया है मैंने कुछ किया है क्योंकि क्रिया करते हैं तो प्रतिर्क्रिया आना निश्चित है उसी है निश्चित है आपने कहा शब्दों में बहुत शक्ती होती है ये किस तरह से क्योंकि बहुत से बार ऐसे होता है न, हम इंसान है, इंसान के लाइफ में कितनी सारी चीज़े हो रही है, कोई टेंशन में है, कोई गुस्से में है, और कभी कबार हम बिना सोचे समझे कुछ कह देते हैं, क्या उन शब्दों में भी उतनी शक्ती होती है, जितना हम जो सोच स वो ब्रह्माण में गया, वो फलित होगा, है न, हम लोग मजाक में, देखो अक्सर जब आप मजाक करते हो न, उस वक्त आपके मुख से गलत शब्द बहुत, जो बहुत बोलता है, जो बहुत मजाक करता है, किसी का सुभाव है, उसका आप देखे, उसके मुझ से अक्सर गलत लिटल टाइम और सो जैसे इसमें डाला मुशे निकला बीच गया है ना अब पर जब आप खाद पानी डालेंगे पुना और अधि दूसरी नकारत्मक शब्दों का उच्चारण करते हैं तो आप उस पर खाद पानी डालते हैं फिर वो फलित होकर आपके सामने आ जाता है हर शब्द में एनर्जी है हम तो कहते हैं कि हर एक शब्द मंत्र है यदि सुनने वाले को अच्छा महसूस करवाता है किसी को फाइदा देता है तो वही शब्द जरूरी नहीं है कि राम या गायतरी मंत्र हमें उचारन किया तो वही मंत्र है ना वो मंत्र है पर आपके कहे शब्द भी मंत्र बन जाते हैं यदि किसी को राहत दिलवाते हैं पर फिर इनसान अपने गुस्से पे अपने जेलेसी पे इन सब चीजों पे काबू कैसे करें क्योंकि उस मुमेंट में हम ऐसे कुछ चीजें कह जाते हैं जिसके बारे में हम खुद भी रेगरेट करते हैं बाद में और उस पर कंट्रोल कैसे करें फिर देखिए पहली बात तो ये कि यदि आपको ये पता चल जाए कि जो मैं मुख से बोल रहा हूँ इर आपके पास जब आप इतना aware हो जाएंगे, तो आपके मुख से उतने शब्द जो नहीं उचारित करने हैं, वो शब्द उचारित नहीं होंगे, first thing, और दूसरा awareness का यह, कि अभी जब आप मेरे वीडियोस पर देखेंगे तो आप समझ जाएंगे हम शब्दों पर कितना फोकस करते हैं, अभी अपनी बातचीत चलेगी तो आप समझ जाएंगे और definitely है कि आप भी aware हो जाएंगे शब्दों के प्रति, फिर भी निकल जाएगा क्योंकि अभी system में गय तीन मेने बाद हमको लगता हमें ऐसा नहीं बोलना चाहिए था पर उस वक्त मेरे मूँ से निकल गया सर्टन चीजें हमको पता होती है कि इस चीजों पर मैं रियक्ट कर देता हूँ चाहे आप वर्क प्लेस पे हो चाहे आप घर में हो सर्टन सीचुशन से आपको पता है आपकी रियक्शन का कारण बनते हैं रियक्ट आप हमेशा करते हैं और हमेशा उसके बाद पस्ताते हैं ऐसे एक बार नहीं होता है वापस साइकल चलता है तो रात को सोने के पहले उस सिच्वेशन को आपको विजुलाइस करना है कि सामने वाले सब्बोस आपकी टेबल सिस्टेमेटिक चाहिए है आफिस की सब आप इंटरव्यू लेते हैं पॉडकास्ट करते हैं उसमें सब चीज़ी आपको व्यवसित चाहिए है और आपने आपके साथ जो काम कर रहे हैं उसके बावज़ुद भी आगे पीछे वो सामान रखा जाता है और आप फिर अशान्त हो जाते हैं कि मैंने इतनी बार बोलना इसके बाद भी तुमको समझ में नहीं आया है तो आपको आखे बंद करके रात को सोनने के पहले उस सिच्वेशन को देखना है कि सामान यहां से यहां रख दिया गया और मेरा बोलना हो गया बाद मुझे नहीं बोलना चाहिए इतना तो नेक्स्ट टाइम से आप आपको अपने brain को instruction देना है, कि यदि situation आई, फिर भी मैं शांत रहूंगा, आपने 5-7 बार बोला, आपने situation देखी, और अपने आपको instruction दिया, कि दुबारा भी scene मुझे दिखाई दिया, मैं शांत रहूंगा, I will response, not react, यह जब आपने instruction दे दिया, next time आपका position आई है, आपका move बोलते आप रुक जाओगे जैसे यहां तक भी आएगा आपके पर मूँस से बाहर नहीं निकलेगा आप मुझे सपने में भी बोलेंगे ना कि कोई गलस शब्द उचारित कर दो सपने में भी देखो अवेरनेस नहीं होती है आप मारे मुख से नहीं निकलेगा जी ओके क्योंकि इतने बार आपने वो विजुलाइज कर लिया है विजुलाइज का नहीं बोलूंगी मुझे ताकत समझ में आकर शब्दों की महत्व ताकत सामर्थ बोल लीजिये, शक्ति बोल लीजिये, और कई बार हमको audience को बताने के लिए कुछ शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ता है, क्योंकि वो समझ आम जनता नहीं समझ पाती है, तो हमनों उसके आगे बीचे कई बार नाराइन शब्द बोल, नारा जी, दीदी आप नाराइन से हमने इस पॉटकास के भी शुरुवात की, और मैं पिछले एक हफ्ते से आपके कई सारे वीडियोस देख रहा हूँ, मैं सुबहोट के भी मैंने कई सारे वीडियोस देखे, तो आप रामराम वन, रामराम टू वो काउंटिंग करते हैं और नाराइन सिर्फ उस वक्त मूँ से निकलता था जब हम घड़ से बाहर जाते थे और ऐसे रहता था कि हमें अमारी इश्व रक्षा हो जाएगी घड़ से बाहर जा रहे हैं रक्षा करने के हमारी इश्व रक्षा करें इसलिए नाराइन बोलना है तो वो सिस्टम में वैसा सेट हो गया और राम जप वैसे सेट हो गया और वन और दस सीम बट ये सिस्टम इस तरह से सेट हो गया तो राम जी और नारायन जी एक है?
वन इन दसीम, पावर इस वन दसीम, आप कृष्ण बोलो, आप माता राणी बोलो, तो भगवान तो एक है, भगवान एक है, पावर एक है, और राम वन, राम टू, राम थ्री, ये नंबर्स में क्यों इस तरह से? हाँ, कई लोग हमसे प्रश्ण करते हैं. कि number wise क्यों बिला, उसको क्यों count करना है। मेरा यह question पूछने का उद्देश है यह कि इससे मुझे यह जाना है, रामराम आप एक बार बोलो, सौ बार बोलो, हजार बार बोलो, शायद जितने बार बोलो, उतने बार कम ही है, तो counting क्यों। है न, 500 लोग, 1000 लोग। अगर हम राम चलते जाएंगे, तो पता नहीं रहेगा हमें रुकना का है, आप समझ रहे हैं, अब जब हम लोग counting कर रहे हैं समू में, हजार, दो हजार, पान सो जितने लोग होते हैं, तो राम 21 पे रुक जाना है, एक माला करनी है, राम 21 करना है, तो और विदाउट काउंटिंग यदि करते हैं, तो समझ नहीं पाते हैं कहां पे रुकना है। और खुद भी जब कर रहे हैं, अकेले में भी जब कर रहे हैं, तो अगर समझो बीच में फोन आता है, डोर बैल बसती है, कहां तक क्या नहीं समझ में आता है। सुविधा जनक है। 21 का महत्व यह है सुवीधा 21 भी बोलते हैं रामराम 56 भी करते हैं 108 भी करते हैं आजकल छोटी माला कर ले 21 पर ही कर देते हैं इसलिए कि comfortable है 30 second में पूरी हो जाती है पहली बात और हमारे मारवाड़ी में कहाबत है कि हर कार 21 होना चाहिए 19 नहीं होना चाहिए तो उस 21 को focus करते हैं best होने के लिए दीदी मैं भी मारवाडी हूँ तो मुझे घर से काफी सारे questions मिले आपके लिए तो ये एक question ऐसा ही कुछ है मुझे बहुत सारे लोगों ने बोला ये पूछने के लिए दीदी बहुत ज़्यादा humble है बहुत patience भी है daily माला जपना फिर उसके आदमें लोगों की परिशानिया ज तो यह कैसे आपने डेवलप की और लोग इसे किस तरह से डेवलप कर सकते हैं? देखो, पेशन्स की बात आप कर रहे हैं, जितना पेशन्स आपको दिखाई दिता है ना, उससे थोड़ा कम है, गर में उतना नहीं रहता, थोड़ा सा हो जाता है, और दूसरा मैंने एक चीज़ सीखी, एक तो देखो बच्पन में जिस वातारण में हम लोग पले बड़ी है हमारे पास दूसरा option नहीं था, जिद नहीं कर सकते थे किस से करेंगे, किस base पर करेंगे, है न, हम कहेंगे हम दबके चले, सीधी सरल भाषायदी कहें, और जोड़ से बोलना मेरे भाईयों को नहीं पसंद था, मेरे पिताजी बहुत सीधे सरल, मेरे भाई थोड़े strict थे, ते� उनको पसंद नहीं था और बड़े भाई के बड़ा भाई तो ठीक छोटे भाई के भी आंखों से हम डरते थे छोटा हूं ने पांच साल छोटा है मुझसे और बड़ा भाई भी बड़े भाई से तो वैसे रिस्पेक्ट के आधार पर आप बोल सकते हैं आज भी हमारी हिम्मत जैसे मा नहीं थी, मेरी चाची का हम बोलेंगे कि हमारे जीवन पर बहुत impact है, दादी नहीं पाला पुसा, पर supporters हमारी चाची थी, तो वो हमेशा हमें बोलती रहते थी, कि देखो सस्राल गए हैं, जब सस्राल में आए, तो जोड़ से मत बोलना, कल को ऐसा नहीं लगे कि मा न दादी और चाची ने अच्छे संस्कार दिये हैं वो बारां बार प्रेम से समझाना कभी जो उची आवाज मिले कि बिटा अपने को शांत रहना है यहाँ पर तुम्हारा को इतना सब ससुराल में शांत रहके चलोगी विवार अच्छा रहेगा कि उस बल पे तुम अपनी आवाज तेज कर सको इस तरह से उनकी जो फीडिंग जो हमको जो फ्रेंड सरकल जो मारा था वह बहुत अच्छा था यह कृपा ही कहेंगे मेरन की कि शुरू से हमें सराउंडिंग बहुत अच्छी मिली तो वह चीज अच्छी चीज भीतर आती चली गई अभी आप देखिए ना लोग मुझसे पूछते हैं कि इतनी बड़ी माफ कैसे तैयार कर रखे हो कैसे लोगों को डिल करते हो कैसे उन्होंने मुझे डिल करते हैं उन्होंने समालते मुझे कुछ नहीं समालना पड़ता रिएली पूछे आप किसी से ही पूछेंगे तो अपने आप जैसे आप पूछो कि क्या विजन था कि आप इतनी उचाई पर जाना है अपनी आप चीजे जीवन में होते चले गई खाली मैं इतना जरूर बोलूंगी कि मैंने समय का हमेशा सदुपयोग किया जैसे शब्दों का बहुत सोर समझ कर उच्चारण किया बहुत अधिक बोलना फोन पर टाइम पास करना, टीवी देखना, गब्शब करना दोस्तों से, ये कभी भी मेरे इसमें, आज तो खैरी सच्चंग से पूरी तरह से, खाना पीना सुना सब को सच्चंग हो गया, वो बात अलग है, लेकिन उन दिनों की बात जब सच्चंग से इतना इंवॉल्व नहीं था, तभी भी वो सुभाव नहीं था, कि जाकर गॉसिप कर रहे हैं, टीवी देख रहे हैं, वो... चीजे तो सारे साथ से अच्छा ही रही और अब चीजे समझ जब ग्रंथों का ध्यान कर रहे हैं तो अब समझ में आ रहा है कि आप सामने वाले को पुलाइटनेस से जीच सकते हो क्रोज से नहीं जीच सकते हो पहले जीच और अब जितने बड़े लोगों को देखेंगे आ नाराइन शास्त्र तो कहता है कि जब आप विनम्र होते हैं, आप सम्रिध्धी को अपनी जीवन में आकर्षित करते हैं, सम्रिध्धी यानि ओली धन नहीं, चार चीजे काउंट होती हैं, आपका तन, आपका मन, आपका धन आपके सम्मंद हैं, आप देखे न पोलाइट जब आपके relationship सम्मंद सही यह बहुत कुछ चीजें देती है पुलाइटनेस आप चार बात सुना कर नहीं ले सकते हो आप जितने पुलाइट होंगे हम्बल होंगे आप आकरशित करते जाते हैं चीजों को जो भी चीजें आप उसका तो यह मेरी लाइफ स्टाइल है ऐसा नहीं कि यह मेरे दिनचर्या में शामिल है अभी आपकी दिनचर्या एक्जाक्ली कैसी दिखती है मतलब सुबह से लेके रात तक क्या आप करते हो देखो अभी पिछले तीन सालों से तो अगर देखें तो अमारी ब्रह्म मुरत की साधना चल रही है सुबह साड़े चार से सवा पांच की प्रातनाएं होती है तो उसके जल्दी उठना चरूरी है, तीन बजे उठते हैं, तो वो एक आदत से पढ़ चुकी है, कई बार ट्रेवल करके रात को एक बजे घर पहुंसते हैं, तो जो साथ वाले टीम होती है, तो उनका कहना होता है कि कल हमनों रिकॉर्डिंग लगा देंगे, आप नीन पूर वो निंद खुलेगी और मुझे यदि मैं उस प्रात्ना में न बैठूंगी देखो ट्रेवल कर रही हूँ ट्रेन में हूँ तो विशेश कर तब तो देखो विवस्था नहीं है तो छूटना सुभाविक है पर मैं जान बुचके रेस्ट करने के लिए छूड दूँ घर का काम भी पूरा देखती हूँ और देखो काउंसलिंग चलती है अध्यान रहता है नामस्पण जप अगर रहता है मैं आपसे कहती हूँ अगर समय कभी मुझे मिलेगा समय टाइम एडिव्यक्ति के रूप में मुझे मिलेगा तो मैं उससे कह सकती हूँ दावे के साथ कि मैं तुम्हारा सदुप्योग किया हूँ आलवेज है तो मेरा सारे काम लिखे ही होते मुझे लिखने की बहुत आदत है मेरे बैट पर बोर्ड मिलेगा आपको मेरी सामने दिवार पर बोर्ड मिलेगा छोटी-छोटी चीजें लिख लिखकर जी तो अगर मुझे बता है कि मेरे पांच मिनट का टाइम है मोदी जी से बात कर रही हूं उस तरह मुझे क्या करना शर्ट पर बटन लगा लेना है यह काम भी मेरे इंक्लूड रहते हैं कि उस तरह मुझे यह काम कर लेने सारे कामों के लिस्ट होती इसकी वश सारे काम मेरे व्यवसित होते चल जाते हैं और मुझे habit है कि मुझे किसी ने जैसे आप लोगों ने 4 बजे का समय दिया था यदि आप मुझे 4.45 बजे बोलते हैं भी पहुंच जाओ तो I will reach 20 बिनट पहले मैं ready होके बैठ जाती हूँ ऐसा नहीं कि अभी 5 बिन बिट करेगा अभी आना है तो यह अपने कि time का आपने सदूपयोग किया पर आज हम एक ऐसे कि time समय बहुत कम है सबके पास तो यह इससे कैसे लोग डिल कर सकते हैं अपने समय को बढ़ा कैसे सकते हैं लोग देखो समय सबके पास चाहिए वह अंबानी हो और डानी हो चाहिए साधान मजदूर हो 24 घंटे हैं और हमें कब लगता है कि समय कम है, है ना, वो तो समय आपको फिर जैसे 24 घंटे होते हैं, आपको 50 घंटे भी देंगे तो आपके पास वही विवस्था रहेगी, इसलिए, कि आप नोटिस कीजिए समय के शिकायत कौन करता है, जो गैर जरूरी काम है ना, वो पहले करता ह यदि आप ज़रूरी काम पहले कर लेते हैं, तो आपके बाद समय ही समय है, जो जितनी उचाई पर लोग पहुंचे वे हैं, देखो समय उनके पास भी उतना ही है, बट वो उसका सदूप्योग करते हैं, आपका मुबाइल कितना समय ले लेता है, और बड़े लोगों को आप आप एक मैसेज देखने के लिए फोन ठाते हैं, आप कभी घड़ी पर ध्यान दीचेगा, आदा पौना घंटा का कब निकल गया, पता है नहीं चलेगा आपको, इसलिए फिर आपके बास टाइम बसता नहीं है, हम लोगों ने टाइम बांद रखा हैं, और इतना अंगुठे म उसको बोलती हूँ पाँच मिनट में अलारम लगा देना, उसमें अलारम बज जाता है, और वो अगर उसका अलारम बज जा, उसी टाइम मैं रोगती हूँ, फिर उसको बढ़ाती नहीं, चाहिए कितना interesting चल रहा हो topic, immediate, वो system, अगर रात को सोती ही हूँ, कई बार देरी से स करती हूं कि जिम्मीदारी है सीट पर बैठना है हम जी तो वह बसते से ही कि पांच में उठती हूं कभी ऐसा करा नहीं है वह बजार उठना है वह बजार मोबाइल बंद करना है वह सेटिंग हां यह देखो माइंड अपना माइंड अपने से यहां तक देखूंगा अ कि बहुत देड़ से देखा नहीं काफी मैसेजेस है आपको इंटरेस्ट आता है आपके हाथ में आया अपने ऑन कि आपको इंटरेस्ट आएगा उसके अंदर डाइट और कितना टाइम कब जाएगा पता नहीं चलेगा यदि आपने अलारम सेट कर दिया है और अलारम के साथ बंद कर दिया चार पांच बार कि इसको बता चल जाता है कि इसके ऊपर लेगा नहीं नेक्स्ट टाइम आपको वो बजा और आपकी बटन चली जाएगी बराबर दब जाएग आपने अलरम लगा दिया, अलग्जा को बोल दिया, ऐसे दस मुन के बाद अलरम बचा आपका, आपने बंद नहीं किया, दो बार देख लेता हूँ, नेक्स्ट टाइम फिर आपको वोई साइकल चलेगा, और पांच-शे बार आपको ये पता चल गया इसमें, कि मुझे भी र इसको ट्रेंड करना पड़ता है बिल्कुल है तो मुझे एक और चीज जो आपसे जाननी है जो ये आप सुबह साड़ी चार बजे ब्रह्ममूरत में प्रार्थना करते हैं राम बन, राम टू वो जो जब भी करते हैं ये ना शास्त्रों के अनुसार है इससे ब्रह्ममूरत की बेला कहा गया है अति उत्तम समय है वो अति उत्तम समय है पहली बात वो साधु संतों के जगने का समय है उस पक्त देखे जो अच्छी एनर्ची रहती है जो सात्विक लोग हैं, अच्छे लोग हैं, वही लोग उस वक्त उठते हैं, विद्यार्थे जो पढ़ाई करते हैं, वो लोग उठते हैं, सादु संत जो पूजा बाठ करते हैं, वे लोग उठते हैं, तो वो एनर्जी उस वक्त ब्रह्महंड में विद्यमान रहती है, और तो दो तीन बार हमने यह तो मौनिंग का तो हमारा समय इंटेक्ट ही है दुपेर को हम लोग एक साधना और लिया करते थे उस पक्त कई बार हमारे पास समाच आता था 11 से 11.30 लेते थे कि आप दुपेर के टाइम रीचे हमारा लंच टाइम है दुपेर को लो तो ये सो नहीं क भगवान का अस्मन करने के लिए तो मैंने ना बहुत सारे लोगों को देखा और मैं अभी मुझे पता है कि ये पूछने के आदमें मुझे थोड़ी घर पर डाट पड़ेगी, क्योंकि मेरे फामिली में मैंने देखा है, बहुत सारे लोग सुबह साड़े चार बज़े उठते हैं, प्रातना करते हैं, फिर व आपने प्रात्ना कर ले उसके बाद उठकर आपको काम के लगना है ना एकदम कंफ़र्टेबल कर रखा है आपको स्थान कर ले गया के नहीं किया आप जिस अवस्था में है उस अवस्था में बैठे हैं भगवान का इस प्राण जरूरी है बिल्कुल ना इट्स ओके बैठो प्रात्ना करो आराम करते हैं वो सारी छूटा कि सबसे पर तो आपको रात को सोना समय पर पड़ेगा अब लोग रात को टीवी लेट तक देखते हैं मोबाइल लेकर बैठे रहते हैं लेट सोंगे तो का उठेंगे कहां से जी है तो उनको यह बोले कि सोने का सिस्टम सही कर लें दूसरा अलारम लगा ले देखो कोई भी नई चीज एक बात आपको ध्यान में रखना कि कोई अच्छी आदत जो हमारी रहती है जैसे उस महिला ने आप से कहा कि पहले मैं regular थी अब मैं छूट गया अच्छी आदतों को पकड़ के रखना बहुत चरूरी है यदि आप exercise भी regular करते हैं और केरीन दो चार दिन आप बाहर चले गए आपकी छूट गई वापस रेपो में आने समय लगता है आपने देखा को time लग जाता है इसी तरह इसका भी है आप strict होके पगड़ के बैठेंगे तो साधना में बैठ सकते हैं तो उनसे कहे पहले तो सोने का समय सही करें रात को जल्दी सोई, आलाराम लगा की सोई, एफ़र्ट डालना पड़ेगा पाँच साथ दिन, वापस उनका जॉइन हो जाएगा.
दी दी, एक personal question मुझे पूछना है आपसे, मुझे clearly वजन लूस करनी की बात जरूर हैते हैं इस वक्त, पर मैं exercise नहीं कर पाता, motivation नहीं आता, तो motivation खुद को किस तरह से दे? देखो, शुरू में खुद को एफ़र्ट डालना पड़ेगा, अभी आपको ये पता है कि मेरा वजन जादा है, मुझे मेरा वजन कम करना है. और कोई दूसरा व्यक्ति motivate यदि आपको करता है वो थोड़ टाइम के लिए करता है। बड़ा पर है न। बिल्कुल। और खुद यदि आप स्थान लेते हैं कि मुझे यह काम करना ही करना है। है न। और हम लोग तो एक साधना बताते हैं जो लोग नहीं कर पाते। ऐसे आप बोल रहे हैं कि मैं चाहता हूँ पर नहीं कर पाता हूँ। excuses बहुत हैं बीजी हूँ रात को लेट हो जाता है। वैसे काम ज कि भाई रात को सोने के पहले, that is the best period, सोने के पहले, कि आखे बंद कर लीजिए, और आप अपने आपको exercise करता हुआ देखें, करें, करें मत, खाली visualize करना है आपको, कि मैं 6 बचे उठ जाता हूँ, 6 बचे उठ के gym जाता हूँ, या exercise करता हूँ, जो आपकी व्यवस्था है वो तो उसके बाद कई लोग क्या सोचते हैं कि घंटा बर एक्सेस करूंगा दो घंटा करूंगा हम कहते हैं कि आप फिर शूज पहन लीजिए अगर वॉकिंग शुरू करना आपको जूते पहन लीजिए जूते पहन के उतार के रख देजिए वापस वॉक पर मज़ जाए भले और देखिए जो आप जो दो मिनट भी आप करेंगे जुत्ता भी पहनेंगे आपको लगा जुते तो पहन लिए एक राउंड लागा किया ताओं पाँच मिनट से शुरू किया अकब वो पाँच मिनट आपका घंटा भर में बदल जाएगा आपको पता ही नहीं चलेगा और पांच राउंड लिये हैं, दो राउंड लिये हैं, दस राउंड लिये हैं only visualize, खाई देखते रहे हैं बस उस scene को कि आपने walk के कपड़े पहन लिये हैं, shoes पहन लिये हैं और आप walking कर पांच साथ दिन आप खाली अपनी माइंड को दिखाईए वो चीज की आप कर रहे हैं उसके बाद शुरुवात क्या करनी है आपको मैं जूते पैने फिर आपस खोल के रख दीजिये स्टेप बाई स्टेप और एक बार आपको लगन लग जाएगी न इसकी की बेनिफिट मिलने शुरु जाते हैं फिर हमने लोगों को देखा है की ट्रेन में भी ट्रेवलिंग कर रहे हैं वो तो कोई की स्टेशन में पांच मिन ट्रेन रुकती है न नीचे उतरेंगे अच्छा ट्रेन के बीटर वॉक करेंगे हां है बिटे ना होंगी कई उनको प्रायणाम करते भी देखते हैं एक्सरेस करते भी देखते हैं ट्रेन में ट्रेबल करते वक्त था फ्लाइट में देखते प्रायणाम करते हैं प्रिक्रम हमारी दिवारे में बात करते हैं मुझे समझना है आपसे कि रेकी फर्स्ट क्या है नारायन रेकी उसमें क्या होता है रेकी यह एक उड़जा है एनर्जी है रेखा आर्थ है सर्वत्र ब्रह्मान में व्याप्त उड़जा या सर्वत्र की यानि उड़जा एनर्जी आप पॉजिटिव एनर्जी बोल सकते हैं हीलिंग एनर्जी बोल सकते हैं जो ब्रह्मान में प्रवाइत हो रही है यह जो कॉमन रे� कि पहले के जमाने में लोग इसकी इस उडजा का उपयोग सिर्फ हीलिंग के लिए करते थे और यह विद्या हमारी भारत की है क्योंकि हमारे रिशी मुनि इतनी तपस्या करते थे कि उनकी हाथों में उनके भीतर इतना पावर होता था कि वह टैच करके लोगों को हील कर देते थे तो ग्रांथों में इसका पूर्ण लेकर मिलेगा इस पर शिक्षा के राधा नाम से पर कालांतर में इस विद्या का प्रयोग ज्यादा नहीं हुआ या प्रैक्टिस नहीं भी मान्यता नहीं मिले जो भी रिजन रहा हो जापान की डॉक्टर मिका उस्वी ने इस विद्या को पुना जागरत किया अब उनके नाम से इस विद्या प्रचलित है रेके के नाम से और उस उर्जव ब्रह्मान में व्याप्त उर्जा है, उससे आप आकर्षित करते हैं उन मंत्रों के सहारे, सिंबल के सहारे और अपने चक्रों में समाइत होते हुए, आप दूसरों को भी दे सकते हैं, खुद के लिए भी इसका इप्योग कर सकते हैं पर धीरे इतने अधिक इसके प्रयोग किये गए, तो पता चला है कि ये हर छेतर में काम करती है, आपको अपना कैरियर बनाना है, रिलेशन्शिप सही करनी है, आदत्यें सही करनी है, बच्चों का कॉंसंट्रेशन पावर बढ़ाना है, कोई बिजनिस आपका बढ़ाना है, आपकी न� कि इसके बेनिफिट ही बेनिफिट है, किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं है, यदि समझो आपने अधिक कर दिया प्रयोग, या कम कर दिया इसका प्रयोग, या उच्चारन आपने मंत्रों का सही तरीके से नहीं किया, सिंबल आपसे गलत बन गए, बस यह आपको बेनिफिट देने में, आपको फाइदा मिलने में थोड़ा समय अतरिक लग जाएगा, लेकिन इसका कोई तरीका साइड या आफ्टर इफेक्ट नहीं है. पूर्ण रूप से शुद्ध पवित्र उड़जा है। और जो आप इस उड़जा का प्रयोग अधिक करते हैं, आप वितर से भी शुद्ध होते जाते हैं, आपकी मन में फिर यह इर्शा का भाव है, विश का भाव है। आपको एफर्ट नहीं डालना पड़ता कि यह निगेटिविटी मुझे अपने वितर नहीं रखनी है, मुझे निकाल देना है, हम लोग बोलते हैं निकाल देना, आप जब इस विद्धा के संपर्क में आते हैं, इसका प्रयोग करते हैं, यह भाव ही नही कि हमें खुशी होती है कि उसको देखो कितना अच्छा तैयार हो पर है एक है इर्शा का भाव उसकी साड़ी मेरी साड़ी से सुंदर कैसे वह उसकी साड़ी कितनी अच्छी है यह परिवर्तन आ जाता है और नारायन रेखी में क्या फर्क है ना है जो डॉक्टर मिकाऊं उसे के चीकिस्सा पद्दतिया रेखी है सेम वन द सेम इस नारायन रेखी ओके सेम वही चीज है ना खाली हमने उसके साथ राम जोड़ दिया हुं कि उससे क्या बेनिफिट हुआ उस विद्या में आपको जब आप उनके थूं करते हो रिख सीखते हैं तो आपको एक जगह बैठकर वो साधना करनी होती है, विशेष समय निकालना पड़ता है, कि आपको बस समय होगा, और जिसको आप दिभेजना चाते है एनर्जी, उसको भी आपको बताना पड़ता है, उसको भी जोड़ना पड़ता है, राम जोड़ने से अभी आपने स उसे इस कारे में सफलता मिलें और अपना काम करते जा रहे हैं भगवान का अस्मन करते जा रहे हैं उस तक एनर्जी पहुचाते जा रहे हैं ये बेनिफिट हमारे पास बहुत बड़ा है कि हमें एक जगह विशेष टाइम निकाल कर बैठना है आप देखो अब देखो सब लो कहां सीख लेंगे तो करने के लिए समय चाहिए हम तो आपको अतरिक्त समय नहीं देना पड़ता आप ट्रेवल करने हैं बस में ट्रेवल कर रहे हैं ऑटो में ट्रेवल कर रहे हैं आप बातचीत कर रहे हैं भी जैसे मैं आपसे बातचीत कर है बगवान का श्वान भी चलेगा इंटेंशन भी चलेगा ओके काफी इंट्रेस्टिंग है इसके बारे में आपसे और बूचना है तो आप आपके लाइफ में रेकी का जो फर्स्ट इंस्टेंस वह कैसे हुआ मतलब आपके लाइफ में रेकी कैसे आई आपने क्यों रेकी वाला रास्ता चूज किया रेकी सीखने के पहले या इसमें इस दुनिया में प्रवेश करने रेकी की दुनिया में प्रवेश करने के पहले एक उनका पालन पोषण करना वो ही सब जो आम दुनिया करती है वैसा ही जीवन चल रहा था रेकी का तो शब्द भी रेकी शब्द भी नहीं सुना था हमने कभी अपने जीवन में ये संयोग रहा 1995 की बात है हम लोग साथ कपल मेरे हजबन के फ्रेंट्स हम लोग साथ कपल हम लोग लोनावला गए थे छोटे बच्चे थे हमारे किसी का बंगलो हमको मिला हुआ था, उन दिरों तो इतने साधन भी नहीं थे, किसी की जगा वहाँ पर थी, तो हम लोग जस्ट पिकनिक मनाने के लिए दो दिन साथ में रहेंगे, ऐसा एक जन गाता, मा गए वे थे, वहाँ पहुँचें, उसके थोड़ी दिर बाद ही, ह कि जितनी रजाईयां उस पक्त उस बंगले में थी 8-10 उसको उड़ाते चले गए उसके बाद भी कांप रहा था बोरी तरह एकदम से और हमारे पास किसी के पास कोई मेडिसिन नहीं कोई सुविधाएं नहीं कोई मोबाइल तो था नहीं कि फोन करो बंगवालों पिर उस बंगले में जो केयर टेकर माली था जो वहां रहता था उसने बोला कि मैं बिसाइकल पर जाकर प्रोसीन लेकर आता हूं मार्केट से प्रोसीन उन्होंने चलती थी प्रोसीन लेकर आता हूं जी वह साइकल लेकर चला गया लेकर जाने के लिए वह तो चला गया यह कांप रहा था और हम सब यह देख रहे थे कि इसको कुछ इतनी दिर में कितनी दिर में दवाई आएगी कब कैसे ठीक होगा क्योंकि वह जो बंगला भी था वह इंटीरियर में था वह बोल कर गया था कि हमको टाइम लगेगा और मिल भी जाएगी क्या मैं नहीं बोल सकता मैं ट्राइड करता हूं मिल जाए रोशिन ऐसा तो हमारे ग्रुप में से ट्रेडी ने बोला कि मैं रेखी जानती हूं मैं इसको रेखी देती हूं यह भी नया कुछ सुनने मिला है तो हम सभी कमरे में बैठे भी थे बातचीत करे थे और वह कांप रहा था तो उसने सब को रिक्वेस्ट किया कि आप सब बाहर चले चाहिए जी हमसे सबसे कहा गया कि मैं इसको रेक्टी दूंगे मुझे शांति का वात लाइट चाहिए आप लोग बातें करोगे तो बाप लोग बाहर चले चाहिए सब बाहर चले गए और मुझे उसका कि मैं कहीं क्या करने तो है ना मैं चांती से बैठूंगे रिशित है। हमने देखा कि उसने वो बच्चा तो रजाईयों से ओवर लोड़िड था। उसके इदर हाथ रखा बस रजाईयों के उपर ही। और आखे उसने बंद किया। अब वो मूँ से क्या बोल रही थी। कुछ थोड़े होड तो म और फिर खराटे की आवाजाई इसको वहरी नींद आ गई उसको जो ही नींद आई उसने अपने हाथ उठा लिया और मुझे भी बोलना कि आप भी बाहर चल रहे हैं म पंधरा बीस मिनट बाद में दवाई आई, तो उस बच्चे को देखा तो वो गहरी निदों में था, तो बाकी लोग जेंज जो साथ में थे, उनका कहना था कि उठा कर दवाई देना उचित नहीं है, सोया हुआ है, उसको सोने देशे, उठे का जब देखते हैं क्या करना है, खाना खा लिया, बैट बॉल खेल लिया, मैडिसिन कोई कुछ नहीं गई थी बैट में, हमने उस महिला से पूछा फिर ये क्या चीज है, आपने क्या किया, क्या मुझे सोच चारण किया, कि पहले तो मुझे इतना समझ में नहीं आया, काली हाथ रखा है, कुछ ऐसा, पर जब आते हैं महने में एक बार वह सिखाते हैं मुंबई में हर जगह एवेलेबल यह व्यवस्था नहीं है ठीक पर मुझे उस विद्या के बारे में अकर्षण तब महसूस हुआ जब उसने मुझसे कहा कि अभी तो मैंने फर्स्ट लेवल किया है उसमें अपने यह चीज तो मुझे एकदम नहीं लगे कि आप इधर बैठे हैं और बच्चों को सिक्योर कर सकते हैं उनका कॉंसेंट्रेशन पावर भी बढ़ा सकते हैं आपके बच्चे कहीं पिकनिक पर गए हैं तो उनको सेफ कर सकते हैं अब यह जो आप दूसरी जगा एनरजी भेज के हील कर सकते हैं तो सीखने की उस सुक्ता जाकी और फिर इस लाइन में जब बेनिफिट मिलते चले गए करते चले गए, आगे बढ़ते चले गए, और फिर कब समझ में धीरे आने लगा, कि अभी इसमें हमलों टोटल पॉजिटिव शब्द बोलते हैं, रेकी में जब उसको हील भी करते हैं, तो इसमें डॉक्टर मिकाउसी के पांच नियम दिये गए हैं, कि आज मैं जूत फिर जब लेडिस लोगों को यह बोलोग एक रोटी बनानी आ जाती है, आलो का पराठा आ गया, तो हम फूल गोबी का बना लेते हैं, पनीर का बना लेते हैं, चीज का बना लेते हैं, फिर दिरे वो चीजें एड होती गई, खुद के विश्वास इतना बैठा इस वि� समझो 10 से 1 बज़ तक 3 घंटे उनका पेपर है, तो मैं 9 बज़ अपनी सीट पर बैठती थी, फोन अंगेज, घर के बाहर लॉक, कि कोई डोर बैल भी नहीं बचाना चाहिए, और 1 घंटे बाद तक लगातार एक की स्थान पर बैठ कर उनको रेकी देना, यह अभी तक भी मेरा और राम का इसको जोड़ने से सबसे बड़ा लाब ही हो गया न, कि आपको दूसरे काम करते हुए आप आराम से कर सकते हैं, आपको अधिरिक्त समय निकालना ही निकालता, एक तो ये, first benefit एक तो, दूसरा बहुत बड़ा लाब ही है, कि हमारा शास्र कहता है, प्रैक्टिस चाहिए ना, ने तो ये दुखता है, वो दुखता है, अब क्या है, सोते जगते हो राम बोला नहीं पड़ता, निकलता ही है, बसता रहता है, अभी आपसे ही बात करते हैं, तो बीतर बज रहा है, वो, और सबको आदत पड़ चुके, जो जुड़ता है, ए अभी तो यह अवस्ताएं लोगों की लोग शेयर करते हैं सच्चाई में कि टीवी या फिल्म में हम कुछ देख रहे हैं गलत है अब वो तो पिछर है ना वो तो एक्टिंग है फिर भी हमारे मूँस से उसको बचाने के लिए राम निकल करता है ऐसी अवस्ताएं है आप तो सिर्फ राम बोलने से भी हो सकता है?
बिल्कुल, हम लोग सब चीज़ों की ट्रेनिंग देते हैं, कि वह बगल में बैठा है उसको सिखाना है तो उस टेंट रेकी नहीं सिखा सकते हैं माला सबको सिखा देते हैं एफरमेशन सिखा देते हैं शब्दों की ताकत बदाते ते हैं अपना हमारी चोटे-चोटे बुक्स है वह पर्ट्स में आपके साथियों के रहती है जी वह उसको गिफ्ट कर देते हैं और रेकी मतलब के नॉर्मल इंसान रेकी सीख सकता है आराम से अम साथ साल के बच्चों को ट्रेनिंग देते हैं अच्छा फोर्स बने हुए हैं आप जी आराम से 80 years, 90 years के लोग सीख रहे हैं, और हम तो कहेंगे आप लोग कर लीजे, कोई साबको double benefit होगा, और young generation को तो और भी करना चाहिए, आप सोचे देखे, मुझे ये विद्या आज इस age में मिल रही है, और इतना benefit है, वो आप लोग सब लोग जानते हैं, सब कुछ सब के सामन आपको तो इतनी छोटी उम्र में मिल रही है कितना बेनिफिट ले सकते हैं इसका बताइए सोचिया मैंने हमेशा से रेकी को इस नजरिये से देखा था कि रेकी जिस तरह से आपने भी कहा कि लोना अला में और उस बच्चे की तब्बत बगी थी तो उसे हीलिंग के लिए इस्तेमाल किया गया बट रेकी का इस्तेमाल करके लाइफ में करियर में सक्सेस पाई जा सकती है हर जगह ऐसा कोई छेत्र हमको नहीं मिला जहां बेटी का प्रयोग नहीं कर सकते हैं ओके तो सक्सेस के लिए कैसे यूज होती है रेकी? देखो, आप रेकी सीखते हैं, आपको किसी particular छेतर में सफलता हासिल करनी है, उसका affirmation आपको बताते हैं, कि affirmation आप क्या बोलेंगे, मैं इस छेतर में top पर हूँ, आपको visualize करना सिखाते हैं, जब आप सीखने के लिए आते हैं और आप बता देते हैं teacher को, तो कौन सा affirmation पर आपको focus अधिक करना होगा? क्या विजुअलाइज करना होगा वह सारा आपको बताते हैं परापर है अब देखो विजुअलाइज जब आप करते हैं नीमित रूप से आप रेकी करते हैं एफर्मेशन बोलते राम का उच्छर्ण करते हैं तो वह चीज यह रस्ते आपको नीते जाते हैं कि अगर आपको ऊंचाई पर पहुंचना है तो किस रस्ते से आपको आगे बढ़ना है क्या एफर्ट डालने हैं आपका ब्रेन आपकी बॉडी आपसे वह एफर्ट करवा लेती है तो अब एक और चीज यहां पर आती है जैसे आपके वेबसाइट में मैंने तीन वहां से वर्ड्स पिक किए थे एक नारायण रेकी थी जो आपने समझा दी एक करुणा रेकी और वर्दान रेकी अब ये दो क्या चीज है आप पुरा सिख बुरा देख बल कर आये हो नारायण रेकी जो आम प्रचलित है रेकी सब जग आप जाओगे आपको आप सीख सकते हैं किसी से भी मतलब अदर देन नारायण रेकी भी जो लोग सिखाते हैं दूसरी रेकी से जो जुड़े हुए हैं ये सिंपल हमारी रेकी है पर कुछ हाँ, कुछ सिम्बल्स हम लोगों ने इसमें एड किये हैं, अब क्या है कि इतना इसमें इन्वॉल्व हो गए हैं, खाना, पीना, सोना बोलेंगे तो ते सूल नहीं रेकी, सारे दिन दिमाग में वो ही चलता है, तो जब ध्यान साद्धाईं बैठते हैं, तो कुछ- कि नारायंड रेखी में है और उसके उसका अगला स्टेप आपने ग्रेजुएशन कर लिया पोस्ट ग्रेजुएशन बोल लीजिए करो नारेखी को उसका ऊपर वाला वर्षन है वह उसमें कुछ अधिक सिंबल्स दिखाए गए हैं नारायंड रेखी में क्या पर्टिकुल सेट ऑफ सिंबल्स है जब आपको करने के लिए बैठेंगे तब को सारे सिंबल्स यूज करने पड़ेंगे जी सबका साथ में लेना पड़ेगा जी है ना कि करुणा रेकी की सिंबल इटसेल्फ इतने पारफुल है उसमें दो तीन थीन आपको लेने पड़ते हैं उसे पर्टिकुलर चीज के लिए पर्टिकुलर सिंबल है जैसे किसी की है बिट सुधारने तो आपको यह सिंबल यूज करना है ओके नारण रेकी कि आपको है बिट के लिए बोलिए कॉन्सेंट्रेशन के लिए बोलिए हेलिंग के लिए बोलिए उस चीज आप पाना जाते हैं इसके लिए बोलिए वह सेम सिंबल आपको यूज करने होंगे वह चैपांचों के पांचों यूज करने होंगे करोणा रेकी में हैं अलग-अलग चीज के अलग-अलग है जैसे शक्कर है तो शक्कर खाली मिठास पैदा करेगी आप नमकीन की जगह उसको यूज नहीं कर सकते हैं है ना है तो इसमें करोणा रेकी में जो सिंबल्स हमारे हैं हैबिट्स के लिए अलग है हैबिट्स सही करने यह हमारा अपना कृपा है उसकी, अपना बोलें, creation बोल दीजिए, जो भी कृपा बोल दीजिए, यह अपना है, यह सबसे उपर level की है, अधिक powerful है, सब में symbol है, symbol सब में है, बस उसकी power बढ़ती चली जाती है.
और मैंने ये notice किये, जि अपने experience से जाना है, कि आप नारन रेखी करो, करुणा रेखी करो, वर्दान रेखी करो, हम तो सब करने बोलते हैं लोगों को, कि बहुत beneficial है, पर उस शक्ति का power और बढ़ जाता है, जब हम सही, उचित, सकारात्मक, आदर सुचक शब्दों का प्रयो और अपने सिंबल की बात की सिंबल एक्जाक्ली क्या होते है कोई एग्जांपल आप दे सकते हैं देखो आपने ओम देखा है वह भी सिंबल है इसी तरह के जैपनी सिंबल नान रेखी में आते हैं और बाकी जो करुणा रेखी है जो वर्दान रेखी इसी तरह के कुछ-कु� आसान और सरल है कि अधिकांश तो आप क्लास जब कर रहे हैं तब भी ड्रॉक करना सीख जाते हैं ओके प्रैक्टिस कर दी इतना प्रैक्टिस करवा देते दिफूल डे का क्लास रात तो इतनी प्रैक्टिस हो जाती है कि आप घर जाने तक आप सिंबल सिख लेते हैं और नहीं तो तब आपको बुक सामने रखने पड़ती है जी देख कि आपको बनाना होता है आप रोज वहीं वहीं बनाएंगे तब को याद हो जाता है ठीक है और रेकी सीखने के लिए कितना समय लगता है अ देखो आजकल व्यवस्थाएं बहुत आसान कर दी गई हैं पहले ये व्यवस्था थी अभी भी जो लोग traditional day की follow करते हैं उन लोग पूरा दिन लेते हैं दो दिन अच्छा शुरुबात first degree के लिए इसमें degrees होती हैं first, second, third सुबह 10 बजे start करते हैं 11 बजे करते हैं शाम को 5 बे तक लेते हैं 6 बे तक लेते हैं दो दिन लेते हैं touch healing कैसे करना है absinthe कैसे करना है सारा हम लोगों ने थोड़ा कोर्ट्स आसान कर दिया है। क्योंकि हर एक विक्ति उतना समय नहीं दे पाता। और कोर्ट्स की फीस भी हम लोग नॉमिनल लेते हैं। इसलिए कि अधिकाधिक लोगों तक की चीजे पहुंच सकें। सेकेंड यह भी कि इदि सामनी वाला इदि आके हमको बोलता है कि हमारी इच्छा है सीखने की। और पर इतना नहीं दे पाएंगे। आप सीखिए। फीस की... डोनेशन चार्ज लेते हैं, वो हम लोग उसका माफ कर देते हैं, जितना तुम दे सकते दे दो, नहीं दे सकते हैं, इट्स ओके, बट आप रियर कीचिए, आराम से सीख सकता है, और आजकल ओनलाइन भी सिस्टम है हमारा, तीन घंटे में, पहले दिन, तीन घंटा दूसरी द जी फॉर एग्सांपल सुबह अर्ली इन द मौनिंग जैसे हमने काम लोग जल्दी उठते हैं चार बजे उठते हैं ना तीन बजे उठते हैं कई लोगों का वह सोने का समय है जो लेट तक सोते हैं अभी सोएंगे फिर सुबह लेट तक उठेंगे तो जो मौनिंग हमारा उठने क हमारे भीतर हैं, क्योंकि हम जैसा होते हैं, वैसे ही हमारी दुनिया बनती चल जाती हैं, आप देखिए जो ड्रिंक करने वाले होते हैं, वो एक जगा एकात्रित हो जाते हैं, चाय पिने वाले वो एक जगा जमा हो जाते हैं, सत्संगे एक जगा जमा हो जाते हैं, तो कल यू जो values हमें दी गई थी बच्चपन में, हमें भी दी गई थी, आपके parents भी दे रहे हैं, हर parents अपने बच्चों को देता हैं, उसी values को पुना जागरित कर रहे हैं, they are very valuable, that values are. तो ऐसा क्यों होता है कि कुछ जैसे बच्चे होते हैं बच्चपन में या थोड़े उमर हो जाती हैं उसके आदमें, वो राह भटक जाते हैं अपनी, वो क्या करें, जब वो negative path पर निकल गये हैं? देखो पहली बात तो ये कि आपके घर का वातावरण कैसा है, first thing, पैरेंट्स का घर में आपसी सम्मंद कैसे हैं, बच्चों को इतने छूट होने चाहिए, देने चाहिए हमें, कि वो अपने मन की बात कह सकें, जब वो घर में शेयर नहीं कर पाता है कोई बात, तो बाहर जाके रास्ता बटकने की संभावना पूरी रहती है, अच्छे हमें कहा ना कि हमारे घर में कोई ध्यान रखने वाला तो सब के सब हमनों लाइन पर है, उस वक्त खर जमाना भी सीधा सरल था, आज का जमाना में भी फरक है, पर जो बच्चे हमने जो नोटिस किया है वो यह, कि वो बच्चे जल्दी भटक जाते हैं, जिनने एक परिवार की तरफ से सपोर्ट नहीं मिलता है, बच्चे, परिवा मोबाइल पकड़ा दिया कि शान तो जाएगा, खाना खा लेगा, खाना खाते वो देख क्या रहा है, वो खाने के साथ वो भी तो बीतर जा रहा है, तो उतनी attendance parents को बच्चों के देली होगी, मुझे अब एक महिला से मिलना हुआ, wonderful she is a lady, बहुत अमीर घर से है वो, be her side, she is only child, शिवार शुरू में लौव मेरेज करके गई वहां भी फाइनेंशल पोजीशन बहुत अच्छी है बहुत स्ट्रॉंग है बस वहां पर इधर पाली माता-पिता और सिंगल चाइड लड़की और वहां पर चार भाइयों की फैमिली हस्पन चार भाई और सब जॉइंट में किचन एक है सब जॉइंट बिजनेस जॉइंट में है लौव मेरेज थी पहले इसके फादर मना कर दिए है कि इतने बड़े घर में मेरी बेटी एडजेस्ट नहीं कर पाएगी तो नहीं दूंगा पर बेटी नहीं मानी अ और यह चीज उसके फादर ने लड़के के फादर के सामने भी रख दी कि यहाँ यह अकेली बहुत मैंने इसको ऐसे पाला हुआ है और यहाँ आपके घर में तो बहुत जॉइन फैमिली है तो मेरी मंशा इसलिए कम है देने की बच्ची को पर यह मान नहीं रही है यह के आपक पर आप जब बोलोगे आपकी बेटी जब बोलेगी मैं इसको अलग फ्लैट की व्यवस्था मेरी है मेरी पास प्रॉपर्टी यह फ्लैट है मैं इसको शिफ्ट कर दूंगा यह जिस दिन बोलेगी मैं इसको शिफ्ट कर दूंगा हमारी तरफ से कोई प्रेशर नहीं है इसके उससे बार-बार उसकी पिताजी का बोलना कि तु जिस दिन बोलेगी तेरे फादर इनलाउन ने बोल रखा है कि मैं अलग घर लेके दूँगा, अगर वो नहीं लेके दूँगा तो मैं लोके दूँगा, पर तुमको कोई तरह की आसिवदा नहीं होनी चाहिए। बोला मैं अलग न तो आज हूँगी न भविष्य में हूँगी, मैं रहूँगी साथ में, थोड़े एजजस्टमेंट मुझे करने पड़ते हैं, पर अभी बच्चे हैं उसके चोट जो प्यार इसे जॉइंट में मिल रहा है वो मेरे अकेले होने के बाद मेरे बच्चे दो बच्चे हैं चुटे तो वो बोल रहे कि अकेले रहने के जब मैं अकेले चले जाओंगी तो I am working she is highly educated, she is working वो बोल रहे कि helpers के भरूसे मेरे बच्चे पलेंगे तो दस साल बाद यदि मैं तो मुझे बहुत भारी रक्कम शुकानी पड़ेगी आजादिकी मेरी, जब ना तो संस्कार इनके भीतर होंगे, ना सुरक्षा होंगे, ना प्यार मिलेगा अलग होने के बाद, तो वो चीज मुझे मेरे बच्चों को दे रही है, अलग तो मुझे होना ही नहीं है, ना आज ह इतने सेक्योर है मेरे बच्चे कभी कोई गोधी में ले रहा है कभी कोई गोधी में लाड़ कर रहा है ये लाड़ मेरे बच्चों को नहीं मिलेगा ये चीज मेरे को नहीं मिली भी है तो मुझे मेरे बच्चों को दे नहीं है तो उसकी जब मैंने उसकी बात सुनी तो मुझे कि कपल इतना व्यस्त रहता है आजकल क्योंकि पड़े लिखे बच्चे हैं आप लोग जो नौकरी करते हैं आप लोग पूरा दिन तो आपका जॉप में निकल जाता है बच्चों के पास टाइम के आपके पास देने के लिए और क्या सिखाएंगे हम बच्चों के बच्चों क और जॉइन फैमिली मच्चा कब सीख लेता है आपको पता ही नहीं चलता बिल्कुल ये बात मुझसे मेरी मुम्मी ने भी कही थी मुम्मी जॉइन फैमिली से आई थी शादी के बाद में जॉइन फैमिली से थोड़ी चोटी वाली फैमिली हो गई थी जब हम life की बात करते हैं मेरी generation में especially ये बात बहुत चलती है कि life का purpose क्या है सब लोग इस question के पीछे बहुत भागते हैं कि life का purpose धून्डो आपके according life का purpose क्या है और आपकी life का purpose क्या है इस वक्त देखो इसके लिए बहुत खोजना है ऐसा कुछ नहीं है जीवन सचमुच देखा जाए तो बहुत सीधा सरल है सीधा सरल है जिस शास्त्र पर नारण शास्त्र पर हम लोग उसके अनुसार चलते हैं ना उसमें सीधी सरल भाषा में कहा गया है कि मनुष्य जीवन आपको क्यों मिला है कि इसके पहले भी हमने बहुत सारे जीवन जीए है क्योंकि 84 लाख योनिया होती है ऐसा शास्त्र कहता है कई जन्मो इश्वर को पाने का इतलौता साधन है और किसी योनी में आप इश्वर को नहीं पा सकते हैं, सिफ इसी योनी में पा सकते हैं और कैसे पा सकते हैं, नित्ते खाली स्मर्ण करते रहेंगे भगवान का, उससे नहीं होगा, क्योंकि हम लोग साधु सन्यासी नहीं हैं, हम ग्रह स आप उनके लिए क्या कर रहे हैं? Give best to them.
उनको best दीचिये. जितना best आप उनको देंगे, आपको अपने आप लक्ष मालूम पड़ता चला जाएगा. बिल्कुल. खोजना नहीं पड़ेगा आपको. जो वेक्ति आपके संपर्ग में आता है, मैं इसके लिए क्या कर सकता हूँ?
What can I give? जरूरी नहीं हम हमेशा cash और kind में ही दें. उसके लिए प्रातना कर सकते हैं, उसे आशिर्वार दे सकते हैं। बिल्कुल। तो लाइफ में सक्सेसफुल होना सबके लिए इजी है, सबके लिए पॉसिबल है। चाहत होनी चा आप में उतनी ताकत है, इंपुट डालने की, मेहनत करने की, तो बिल्कुल, चाहना होने चाहिए, खाली मूझे बोलने से नहीं होगा, आप किसी से भी पूछे, वो हर वक्ति कहेगा, हमको सफल होना है, हर वक्ति सफल होना चाहता है, सफलता सा विक्ति चाहता है, पर उसके कीमत पे करना आप तैयार हैं क्या, वो प्रश्ना आगे का देने के लिए तैयार है तो of course you will get पर success पानी के लिए जो लोग तैयार भी है कोई affirmations होते हैं देखो affirmation होते हैं affirmation के ताकत से हम आगे बढ़ पाते हैं पर एकलोता affirmation काम नहीं करता है ना आपको कारी भी करना होता है जैसे आप swimming सीखना चाते हैं आपका लिए affirmation दे रहा है, I am a great swimmer, पानी मुतरना होगा, swim करना होगा, practice करनी होगी, समय देना होगा, तो बिना मेहनत कर दो कुछ भी बहुत सुबह नहीं है, मेहनत तो कर, of course, आपका life का purpose क्या है इस वक्त, सीधा सरल, जितनी लोगों का जीवन समार सकते हैं, खाल जितना लोगों की देखो जो मुझे मिला है मुझे बाटना है बाटने इन फैक्ट कहें तो बाटने के लिए मिला है लोगों का जीवन जितना सुन्दर बन सकता है अब देखिए जो भी स्पीरिचुल गुरूस वगर है जो होते हैं हम लोग उनका भी सुनते हैं सच सबका है वक्ति हो उस पर ज्यादा फोकस रहता है हमारी मन्शा यह है कि जो जीवन हमें मिला है उससे हमें किस तरह जीना है क्योंकि यदि ये जीवन हमने अच्छा जी लिया तो आगे अच्छा ही अच्छा है बिल्कुल जैसे पूरे साल आपने मेहनत कर ली तो एग्जाम अच्छी जानी है आगे अच्छा ही है बिल्कुल ब बहुत ज़्यादा experts है उनसे भी बात करते हैं astrology की सब बात करते हैं and numerology हो गई astrology हो गई इन सब चीजों की तो एक जगह पे जहां पे हम कहते हैं कि शास्त्र में लिखा है कि हर इंसान अपना भाग्य लिखवा के आया है दूसरी और हम ये भी try करते हैं कि हम success पा ले ऐस पर नाराण शास्त्र, जो हमारा शास्त्र है, वो कहता है कि हमारा भाग्य पैंसल से लिखा हुआ है, नोट पैंसल, है ना, आप मिटा के जैसा चाहें वैसा भाग्य बना सकते हैं, है ना, आपको एग्जांपल दूंगे तो आपको इजी पड़ेगा समझने में, है ना, स उसी दुकान पर बैठता है वो भाग्य में क्या था उसके वोई किराने की दुकान चोटी सी अब यदि वो उसको महनत करके उसको डिपार्टमेंट स्टोर में भी कनवर्ट कर सकता है भाग्य में तो चोटी सी दुकान थी और ये भी है कि अगर काम नहीं किया तो वो भी हासे बिल्कुल कर सकता है ना और इसे मेहनत नहीं किया तो जो हाथ में है वो भी निकल जाएगा जाएगी ऐसे तो भाग्य में तो चोटी सी दुपान थी ना जी पर तुमने मेहनत करके क्या कर लिया उसको बहुत सारे को आप और जैसे जोतिश शास्रे में आप जो भी आपने इं प्रति छण बदलता है प्रति पल प्रति छण आप इसमें आप देखो आप पकड़ सकते हैं इस पात को कि अक्सर हमने देखा है कि पहुंचे जोतिश की पास ये लोग जाते हैं आप है ना कि बहुत बड़ा जोतिश हम उसकी पास जाकर आएं उसको दिखाई कुणली उसने चो बोला दूसरे को दिखाई उसने अलग बोला तीसरे को दिखाई उसने अलग बोला सेम टू सेम जनरली सुनने में नहीं आता है कि इसने भी यही बोला था उसने भी यही बोला है बहुत हमने तो नहीं सुना है यह फरक कैसे आता है जब कुंडली तो वही है आपने एक को दिखाया उस वक्त आपकी मांसिक अवस्था कैसे थी उसका रिफलेक्शन उस पर आता ह और फिर दूसरे को दिखाया, चाहे अपने आदि घंटे बाद ही दिखाया हो, दो चार दिन बाद दिखाया हो, उस आदि घंटे के दौरान, आपने अधि अच्छे कर्म किये, तो उसकी रीडिंग में फरक आएगा, गलत कर्म किये, तो रीडिंग में फरक आएगा, बिल्कुल, कि कर्मत हम प्रती पल प्रतिचन कर रहे हैं, विचारों से कर रहे हैं, वाणे से कर रहे हैं, विवहा� तो जो आप कर्म करती जाते हैं, भागय की रेखा हो और अपनी रास्ता बदलती जाती है, उसकी रीडिंग में फरग आ जाता है। बिल्कुल, मेरे एक बहुत फेवरेट ज्योतिश आचार्य है, उनका राम अरुन पंडित जी है, तो मैं उन्हें अपने गुरू के तरह ही मानता हूँ, उन्होंने मुझसे एक चीज कही थी और मुझे आज तक मेरे लाइफ में वो एक चीज है जैसे मैं मानता हूँ, उन्हो आपके हाथ में जो भी लिखाओ आपके astrological charts में जो भी लिखाओ एक नाम ले लो नारायन सब बदल जाएगा आपको सब नारायन वाला ही मिलते हैं शायद कृष्ण भगवान की कृपा है पर दीदी एक आपसे आखरी सवाल पूछूँगा इस podcast के लिए इस podcast के थूँ मेरा लाइफ का परपस है जो वो अपने लाइफ में apply कर सके आपके थ्रू मैं चाहता हूँ उन्हें एक blueprint दे कि सुबह से लेके रात तक उनकी दिनचरिया क्या होनी चाहिए, so that वो अपने life में खुशी पा सके, क्योंकि सबसे बड़ा success तो वही है, कि peace, kindness ये अपने life में आप ला सको.
देखो, यदि आप मैं आपको एक लाइफस्टाल जचा के दूँगी, वो सब पर फिट नहीं बैठेगी, बिल्कुल, राइट है न, आपके घर में भी चार मेंबर है सपोस, तो चारों का टेस्ट अलग-अलग रहता है, एक सबजी बन जाएगे तो सब नहीं काने पाले, है सकते हैं जैसा वह चाहते हैं यानि उस हद तक अपना जीवन सवाट सकते हैं हमने आपसे शब्दों की ताकत के बारे में बात की है तो सुबह उठकर जैसे हर शास्त्र कहता है हर जाति में की प्रात्ना करिए श्वर की उठे से भगवान कि आप सुबह जो नेंद खुलती हैं, अभी आपने बिस्तर नहीं छोड़ा है, नेंद खुले हैं, लेटे हुए हैं, आपको खली maximum एक मिनट लगेगा उस बात के लिए, जो हम बताने चाहे करने के लिए, कि जिनके साथ आप रहते हैं, जो आपके साथ रहते हैं, एक-एक को कि आज दिन भर में मैं इसके लिए क्या करूँ ऐसा, कि इसको अच्छा महसूस है, इसे खुशी मिले, इसे सुख मिले, चोटा सा कारे कोई है, अप्रिशेस्टी कर दिया, रिस्पेक्ट रिखर दिया, चरण चू लिये, जैसे पेरेंट्स के अपने चरण चू लिये, उन्हे उनको कि मैं इसके ऐसा क्या काम करूं कि उनको खुशी मिले एन सुख मिले उन्हें अच्छा मैसूस हो छोटे-छोटे कार्य छोटे-छोटे वह डिसाइड कर लीजिए आप रोज रिपीट कर सकते हैं सेम चीज भी रिपीट कर सकते हैं इसमें वेरिएशन कर सकते हैं और जब यह करके आप उठेंगे ना अभी तो अपने किया ही नहीं एक्शन में तो वह आया ही नहीं है जैसे अब किया नहीं है आपने, पर आपने thought में भी लेकर आया है आप, है न, कि मैं अब workplace पर जाने की बात, वहाँ से, जैसे समझे थी कोई घर में आश्वस्थ है, तो मैं तब्यत पूछूँगा फोन करके, कैसे लग रहा आपको, आपको पता है आप एक फोन करेंगे उन्होंने और करने के बाद तो और अच्छा महसूस होगा और जब ये अच्छा महसूस करते हैं हम फिल्गुड का भाव चुआता है ना हमें पता नहीं होता कि हम जीवन में कितनी अच्छी चीज़ों को आकरशित कर लेते हैं अंचाने में कई बार हम रात को सोचते हैं अरे आज का दि करेंगे आज मैंने यही चीज की थी और सब अच्छा होता चला गया और किसी दिन ऐसा भी होता है आज पता नहीं किसका मूँ देख लिया जो है ना पर आपको यह नहीं बता था दरपणी देखा था हमने तो ऐसा जी तो अच्छे शब्दों को को फैमिली मेंबर को लाईए और वो करिये फिर अपना दिन देखिये और सामने वाले को खुश करने के लिए आपको बड़े उपहार देने ऐसा नहीं है respect है, appreciation है, यह बहुत बड़े उपहार है और आपको यदि cigarette दे रही हूँ आपको जीवन का अभी तक मैंने disclose नहीं किया security वाला आपको दे रहे हैं, जीवन में आगे बढ़ना है तो जब भी, देखो आजकल तो सारी बाते हमारी फोन पर होती है personal तो होती नहीं किसी से भी ना आप अपने parents से बात करें, उनका phone आया, है ना, अब यदि आपसे कोई senior का किसी का phone आया, आप just attentive हो जाते हैं, जो workplace में, जो senior हैं, उनका just attendant, अरे sir का phone है, बहुत attentive हो जाते हैं, आपके parents का, मा का phone आया, आपकी पिताजी का phone आया, कई बार आप disconnect कर देते हैं, बाद में बात कर पर आप अक्सर रेंडमली भी काट देते हैं गपे मार रहे हैं वो अनादर है, receive that call, पहली बात, और लेटे पसर के बात नहीं करना है, आदर, आपकी body language उनसे बात करने, उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है, पर आपकी body language, respect fully हो जाने चाहिए, उनसे बात करते दे, यदि खड़े होके बात करते हैं, respect देके बात करते हैं, बाते आप पर दी बॉडी लेंग्बेज आपका सवर गया, आपका जीवन बन जाएगा, ओके, यू केन ट्राइ, जी, बिलकुल, ठीक है, दीदी एक आखरी सवाल जो मुझे पूछना था, अक्शिली, जो मैं नहीं पूछ पाए इसके पहले, नारायन शास्तर की आपने बात जिसको आप भगवान शे कृष्ण कहते हैं या जिस भगवान को आप मानते हैं और उसका कोई रूप रेखा नहीं है निराकार बस नारायन लिखा हुआ है उसको हम लोग पूछते हैं हम सबके अंदर नारायन हैं सबके अंदर हैं उसकी संतान है तो उसका अंश भी हमारे भीतर है बच्पन से ही सिखा जाता है ना प्रवार्थ दर्शन करने चाहिए इश्वर के दर्शन करने चाहिए तो जब शास्री चीजें कह रहा है तो इसका आधुस्कि है हमारे भीतर है खाली यह है कि यदि कोई अच्छा विवार करता दिखो है ना यदि हम सही उचित कार्य कर रहे हैं तो हम नर से नाराण बन जात कि यदि हम गलत कार्य करते हैं तो मानव सिदानव बन जाते हैं तो हमारे पर निर्भर करता है बिल्कुल पर हम भूल क्यों जाते हमारे अंदर नारायण है देख इसलिए कि है बिट में नहीं है आदत में नहीं है अब जैसे आज एक CCTV कैमरे की का सिस्टम है तो हर जगह हम अवेर रहते हैं कि लिफ्ट में लगा हुआ है जी बड़ी-बड़ी सोसाइटी में तो सीडियों में भी लगा होता है, आप बहुत precaution के साथ चलते हैं, right, कि यह CCTV camera है, और उसके प्रति आवेर हैं, कि आपको अपना action सही रखना है, और इसके प्रति आप अवेर नहीं कि अंदर भी, मेरे अंदर भी इश्वर है, सामने वाले मे बट आप जागरित नहीं हैं बस मैंने देखा है कई सारे लोग नारायन्ड से भगवान से डरते हैं और कुछ लोग होते हैं जो भगवान से बहुत प्रेम करते हैं तो भगवान से डरना चाहिए या प्रेम करना चाहिए क्या करना चाहिए देखो जिस अवस्था में आपको भगवान नज़दीक लगते हैं वो अवस्था आपकी सही है यदि डर की आपको लगता है कि मुझे डर लग रहा है तो मैं भगवान का स्मर्ण कर लेता हूँ और यदि आपको लगता है भगवान से प्रेम करते वक्त मुझे ज़्यादा मैं जब कर पाता हूँ या राइट कोई सही धरिका नहीं है ऐसा कोई बंधन नहीं है जैसे मैंने मेरे पिताजी से वो तो बहुत शास्त्र पढ़ दे थे और उनकी ये व्यवस्थाती कि आप गर भगवागीता उनके सामने रख दो जट निकल आता है मूर से उनके भागवत के रामान के दोहे ये सब निकलते थे उनके मुझे कोई सिचुएशन देखी तो भागवत कथा का कोई प्रसंग या वो उनके मुझे जट निकलता था वो लेट करते थे उस चीज़ को तो मैंने उनसे पूछा था कि मैं सारी समय ये बात लगबग 30 साल पहले की है मैंने उनसे पूछा था कि नामस्मन तो मैं भी करती हूँ आप भी करते हैं मैं भी करती हूँ पर सारे दिन मैं जब करते वक्त उस टाइम में जो राम 21 वगर सिस्टम नहीं था डेवलप आदा घंटा जब किया एक घंटा जब किया ये इस तरह से बाटा करती थी मैं तो आदा घंटा चोटे बेटे के लिए प्राथना आदा घंटा बड़े बेट एकदम नॉनस्टॉप होगा फिर मैं पूरा ध्यान रखती हूं तो बर यह तो मेरा मां� मतलब से कर रही हूँ मैं प्राथना, तो उन्होंने बहुत अच्छा उत्तर दिया था, कि चाहे मतलब से कर रही हूँ, constant उससे मांग रही हूँ तो, फिर भी उसका स्मर्ण कर रही हूँ, स्मर्ण करना प्राथमिकता है, भगवान का नाम जब तुमसे हो रहा है, ये प्राथ सिस्टम में हम कहेंगे संसकारों में चली गई है हमने शुरुवात आपके पिताजी से की थी शायद पॉडकास का अंत भी आपके पिताजी से हो रहा है तो बहुत एक अच्छे नोट पे अंड हो रहा है दीदी आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा मुझे आपकी एनरजी बहुत काइंड है बहुत पीसफुल है और मैं आपको यहाँ पे फील भी हुआ हो यह पीसफुल एनरजी दीदी थैंक यू सो मच यह एपिसोड करने के लिए नारायन थैंक यू वेरी मस्ट थैंक यू गॉड ब्लेस यू खुब प्रगती करो खुब बनती करो धेट सारा आशिरवाद नारायन हमारा एक मंत्र है लव यू लाइक यू रिस्पेक्ट यू धेट सारा प्यार धन्यवाद और आशिरवाद नारायन प्रस्त�