इलेक्ट्र ोलाइटिक रिफाइनिंग की प्रक्रिया
परिचय
- मेटल्स को शुद्ध करने के विभिन्न तरीके हैं जिनमें इलेक्ट्रोलाइटिक रिफाइनिंग एक प्रमुख तरीका है।
- यह प्रक्रिया मुख्यतः विद्युत का उपयोग करके की जाती है।
मेटल्स की रिफाइनिंग
- मेटल्स को मूल रूप से उनके अयस्कों से शुद्ध रूप में निकाला जाता है।
- रिफाइनिंग के दौरान अशुद्धियाँ हटाई जाती हैं।
- उच्च शुद्धता (99.99%) प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रोलाइटिक रिफाइनिंग का प्रयोग होता है।
प्रक्रिया का विवरण
- इसमें विद्युत का उपयोग कर धातु के आयनों को उनके धात्विक रूप में अवक्षेपित किया जाता है।
- एक बैटरी के द्वारा इलेक्ट्रोड में धारा प्रवाहित की जाती है।
- अनोड पर अशुद्ध धातु होती है और कैथोड पर शुद्ध धातु जमा होती है।
उदाहरण: कॉपर रिफाइनिंग
- कॉपर सल्फेट (CuSO4) का समाधान प्रयोग में लाया जाता है।
- अशुद्ध कॉपर अनोड के रूप में और शुद्ध कॉपर कैथोड के रूप में प्रयोग होता है।
- विद्युत के प्रवाह से अनोड में से कॉपर आयन निकलकर कैथोड पर जमा होते हैं।
- इससे शुद्ध कॉपर प्राप्त होता है।
प्रक्रिया की विशेषताएँ
- इलेक्ट्रोलाइटिक रिफाइनिंग से शुद्ध धातु प्राप्त होती है।
- इस प्रक्रिया से 99.99% शुद्धता प्राप्त होती है।
- अशुद्धियाँ अनोड को मिटाने के बाद नीचे बैठ जाती हैं।
अनुप्रयोग
- यह प्रक्रिया कॉपर, सिल्वर, गोल्ड जैसे धातुओं की शुद्धता के लिए उपयोग में आती है।
- इसके द्वारा उच्च कोटि की धात्विक शुद्धता प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
- इलेक्ट्रोलाइटिक रिफाइनिंग एक अत्यंत प्रभावी प्रक्रिया है जिसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में शुद्ध धातु प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
यह नोट्स इलेक्ट्रोलाइटिक रिफाइनिंग की प्रक्रिया और उसके उपयोग को समझने में स हायक हैं।