हे गाइ आज के वीडियो में हम बात करने वाले हैं हार्श रियलिटी ऑफ आईटी इंडस्ट्री वी विल टॉक अबाउट सम ट्रुथ दैट यू शुड नो बिफोर यू स्टार्ट वर्किंग आईटी इंडस्ट्री तो अगर आप आईटी इंडस्ट्री में हो या कॉलेज में हो आप बीटेक एमसीए कर रहे हो एंड इन फ्यूचर यू आर प्लानिंग टू वर्क इन आईटी इंडस्ट्री या आप स्कूल में हो और आपको बहुत ही अच्छा लगता है आईटी इंडस्ट्री का जो वर्क लाइफ बैलेंस है जो लाइफस्टाइल है आप बहुत ज्यादा मोटिवेट हो जाते हो जब आप दूसरे लोगों को देखते हो कि अच्छा वो आईटी में जॉब करता है वो टीसीएस में करती है वो एचसीएल में करती है वो काम करता है बहुत अच्छा खासा पैकेज कमा रहा है एक अलग ही चमकती धमक दुनिया है उनकी बहुत ही कूल एनवायरमेंट है और मतलब सब कुछ मस्त है अच्छे पैकेज पे और सब कुछ मतलब बढ़िया से चल रहा है तो ऐसा आपका भी सोचना है तो आपको सो देयर इज अ नीड दैट यू शुड नो द रियलिटी कि क्या रियलिटी है आईटी इंडस्ट्री की इसके बारे में ही आज हम डिटेल में बात करने वाले हैं तो सबसे पहले हम बात कर लेते हैं कि जब हम कॉलेज में होते हैं ना होते हैं थर्ड एंड फोर्थ ईयर और हमें प्रोजेक्ट्स बनाने को दिए जाते हैं तो वो जो प्रोजेक्ट होते हैं और जो रियल टाइम प्रोजेक्ट है वो कम कंपलीटली डिफरेंट है इन एक्चुअल प्रोजेक्ट योर टेक्निकल स्किल मैटर्स ओनली 50 पर अदर 50 पर डिपेंड करता है कि आपके एनालिटिकल स्किल्स कैसी है आपकी कम्युनिकेशन स्किल कैसे है आप कितना प्रेशर हैंडल कर पाते हो इजली क्या ऐसा आपका रिलेशन है अदर टीम मेंबर आपके मैनेजर के साथ तो तो बहुत सारी अदर चीजें भी हैं जो मैटर करते हैं आपके रियल टाइम प्रोजेक्ट में अब हम बात करते हैं प्लेसमेंट की जब भी प्लेसमेंट की बारी आती है तो जितनी भी सर्विस बेस्ड कंपनी होगी फोस विपो टीसीएस एचसीएल सारे भाई बल्क में हायरिंग करती है एंड डजन मैटर कि आपने सीएस ब्रांच से बीटेक किया है भाई इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिकल सिविल सारे ब्रांचेस के बच्चे बैठ जाते हैं ठीक है और उसके बाद बल्क में हायरिंग होती है हजारों में बच्चों की वो हायरिंग करते हैं क्योंकि भाई उन्हें नंबर ऑफ उन्हें क्वांटिटी ऑफ बच्चे चाहिए ठीक है क्योंकि उन्हें सर्विस देनी है अलग-अलग क्लाइंट्स को तो अब हम अगर बात करें सर्विस बेस्ड एंड प्रोडक्ट बेस्ड कंपनी की तो अगर टेक्नॉलजी लवर हो आपको कोडिंग वडिंग करना पसंद है तो भाई ट्राई करना कि आप स्टार्टिंग से ही कोई या तो स्टार्टअप में चले जाओ या कोई प्रोडक्ट बेस्ड कंपनी आपको मिल जाए क्योंकि एक बार अगर आप सर्विस बेस्ड कंपनी में घुस जाओगे उसके बाद प्रोडक्ट बेस्ड कंपनी में मूव कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है और थोड़ा नहीं बहुत मुश्किल हो जाता है ठीक है तो कोशिश करो कि प्रोडक्ट बेस्ड कंपनी में आप स्टार्टिंग में ही प्लेसमेंट ले लो अब प्रोडक्ट बेस्ड कंपनी मतलब जो प्रोडक्ट्स को बनाती है जैसे हम बात करें आपको कौन सा क्लाइंट मिला है किस क्लाइंट के लिए आप काम कर रहे हो आपको सपोर्ट या मेंटेनेंस का काम दिया जाता है तो सर्विस बेस्ड कंपनी में 90 पर जो काम होता है वो सपोर्ट और मेंटेनेंस का रहता है तो अगर आप कोडिंग लवर हो अगर आपको कोडिंग करना पसंद है तो भाई ये मत सोचना कि आप सर्विस बेस्ड कंपनी में गए और आपको अंडर लाइंस ऑफ कोड लिखने को मिलेगी बिल्कुल नहीं क्योंकि वहां पे स्क्रैप से प्रोजेक्ट बहुत बहुत बहुत ही कम होते हैं वहां पे क्या होगा प्रोजेक्ट ऑलरेडी सब बन बन रखा है बस आप उसको सपोर्ट दे रहे हो कई बारी तो एनहैंसमेंट का काम या चेंज का काम काम इस तरीके से आता है कि आपको पूरे कोड में सिर्फ एक या दो लाइन का ही कोड चेंज करना है ठीक है तो सर्विस बेस्ड कंपनी में आपको कुछ ज्यादा कोडिंग का काम करने को नहीं मिलेगा और वो भी तब अगर आप डेवलपर बनते हो क्योंकि होता क्या है जब कॉलेज से बच्चों को हायर करके लेके जाती है तो भाई 1000 ऑफ बच्चों को वो हायर करके ले गई अब वहां पर अपने रिक्वायरमेंट के अकॉर्डिंग वो बिना आपसे डिस्कस किए आधे बच्चों को वो टेस्टिंग फेस में डाल देगी आदो को वो डेवलपर कर देगी आदो को वो सपोर्ट में डाल देगी ठीक है तो रेंडमल बच्चों को डाल दिया जाता है उसके बाद फिर आप फाइट करते हो कि मुझे तो कोडिंग करनी है क्योंकि स्टार्टिंग में हर किसी को एक अलग ही क्रेज रहता है जब आप कॉलेज में होते हो आप जावा सीख रहे हो c+ प् सीख रहे हो नेट सीख रहे हो तो आपको एक अलग ही क्रेज रहता है कि भाई मुझे तो कोडिंग करनी है मुझे तो इस लैंग्वेज में कोडिंग करनी है फिर आप फाइट करते हो अपने मैनेजर के साथ कि मुझे डेवलपमेंट करनी है मुझे किसी और प्रोजेक्ट में डाल दो या मुझे रिलीज कर दो लेकिन ये एक सेकंड चैलेंज आता है कि जब भी आप किसी एक नए प्रोजेक्ट में असाइन कर दिए जाते हो आप जब आप टैग हो जाते हो एक पर्टिकुलर प्रोजेक्ट से तो बहुत ज्यादा डिफिकल्ट हो जाता है कि वहां से उस प्रोजेक्ट से खुद को रिलीज कर पाना तो आप खुद को रिलीज नहीं कर पाओगे आप उस प्रोजेक्ट से बन चुके हो जब तक वो प्रोजेक्ट खत्म नहीं होता आप को या तो उसी प्रोजेक्ट में रहना पड़ेगा या फिर आपको कंपनी छोड़ के भाई स्विच मार के दूसरी कंपनी में जाना पड़ेगा यही एक सेकंड ऑप्शन बचता है अगर मैं अपनी बात करूं तो मेरी जो फर्स्ट प्लेसमेंट हुई थी वो एचसीएल में हुआ था भाई ऑफ कैंपस प्लेसमेंट था इतने सारे बच्चे सुबह से मतलब 9 ओ क्लॉक से शाम के 56 बजे तक ना इंटरव्यूज ही चल रहे थे थाउ से बच्चों का प्लेसमेंट हुआ और जब हम लोग सब ट्रेनिंग के लिए मानेसर में गए ना भाई इतने सारे बच्चे और सबको वहां पे ट्रेनिंग दी गई जावा की नेट की रैंडम सबको ट्रेनिंग दी गई और उसके बाद रेंडम ही सबको अलग-अलग प्रोजेक्ट में डाल दिया किसी को ऑटोमेशन टेस्टिंग के लिए डाल दिया किसी को मैनुअल टेस्टिंग के लिए डाल दिया किसी बहुत सारे बच्चों को सपोर्ट वाले में डाल दिया और कुछ बच्चों को डेवलपमेंट में डाल दिया होता क्या है कि स्टार्टिंग में जब आपकी प्लेसमेंट होती है चाहे वो आपको 3 लाख का पैकेज दे रहे हो चाहे वो 4 लाख का दे रहे हो 35 का दे रहे हो ढाई का दे रहे हो आप बहुत खुश हो जाते हो आप स्टार्टिंग में जाते हो स्टार्टिंग का आपके एक दो साल तो ऐसे ही निकल जाते हैं कि वहां के फैंसी कॉफी कैंपस देख के वहां का कैफेटेरिया ब्रेकआउट आपके इतनी अच्छी कॉम्प्लेक्शन देखकर ना आप बहुत ज्यादा खुश हो जाते हो और आपका मतलब उन्हीं को एक्सप्लोर करने में लगे रहते हो मुझे अी आद है जब मैथ सेल में गई थी तो स्टार्टिंग के कुछ महीने तो हमारे ब्रेकआउट में निकलते थे ये बहुत अच्छा लगता था कि भी यहां पे ना एक कॉफी की मशीनस है अलग-अलग कैपेचीनो लाटे अलग-अलग आपको कॉफी पीने को मिल रही है तो हर थोड़ी देर में ना आपको कॉफी पीने का मन करता था कभी कैफेटेरिया जाके वहां पे एक्सप्लोर करने का मन करता था कभी इतना बड़ा कैंपस एचसीएल का 26 सेक्टर में था तो उसी को एक्सप्लोर करने में काफी दिन लग गए तो भाई आप स्टार्टिंग में ना बहुत ही खुश रहते हो अपनी सारी चीजें से इतनी हाई फैंसी ये सारी चीजें इतनी फैंसी लगती है ना और मतलब बहुत ज्यादा अट्रैक्टिव लगती है आपको और सैलरी भी आपको अपने ठीक-ठाक लग जाती है कि ठीक है भाई महीने में 200 हज आ रही है 25000 आ रहे हैं तो आपको सही लगती है लेकिन एक दो साल के बाद जब सारी चीजों से आप पक जाते हो कि भैया ठीक है देख लिया ये सब कुछ अब आगे क्या अब जो मेन है जो सैलरी है वो मुझे इतनी इनफ नहीं मिल रही है या मेरा खर्चा पानी उससे नहीं निकल पा रहा है तब आप क्या करते हो फिर आप स्विचिंग के बारे में सोचते हो या फिर अप्रेजल के लिए अपने मैनेजर से फाइट करते हो कि भाई मुझे 10 इंक्रीमेंट चाहिए मुझे 20 पर चाहिए मैंने इतना काम किया तो मुझे r1 रेटिंग चाहिए तो आप उसके लिए फाइट करते हो लेकिन रियलिटी ये कि अगर आपकी टीम 1015 लोगों की है तो एक आद लोगों को r1 रेटिंग मिलेगी जिसको 1015 पर इंक्रीमेंट मिल जाएगा उसके बाद एक दो को r2 रेटिंग मिलेगी एक दो को r3 मिलेगी और मैक्सिमम जो सात आठ लोग होंगे उनको r4 रेटिंग मिलेगी इसमें कुछ खास आपका इंक्रीमेंट नहीं होगा सिर्फ 3-4 पर नाम का होगा ठीक है और आपका जो वेरिएबल होता है एक ईयर डी है ना वेरिएबल काटते हैं आपके सैलरी में से तो वो वेरिएबल भी डिपेंडिंग ऑन कि आपकी रेटिंग क्या है उसके बेसिस पे आपको मिलता है तो अगर किसी का आरव रेटिंग है और आपका मान लो 125 पर वेरिएबल देते हैं कि मान लो अगर आपका 10000 उन्होंने ईयरली पैकेज में से काटा है तो 10 पर का भी तो 10000 से थोड़ा ज्यादा बढ़ा के आपको r1 रेटिंग में मिलेगा लेकिन अगर आपकी r2 रेटिंग है तो आपके 10000 काट है तो पूरा 10000 आपको आपको मिल जाएगा लेकिन अगर आपके r3 रेटिंग है तो भाई आपको इसका सिर्फ 75 पर मिलता है तो मतलब आपके 10 में से सिर्फ आपको 7500 मिलेगी लेकिन अगर आपकी r4 रेटिंग है तो भै आपको 60 पर मिलता है तो और तो और आपके खुद के जो पैसे कटे थे वो भी कट फट के मिलते हैं तो इन शॉर्ट कुछ खास इंक्रीमेंट देखने को नहीं मिलता लेकिन अगर यही चीज हम बात करें ना प्रोडक्ट बेस्ड कंपनी में तो पहली बात तो यह कि आपको वहां पे स्टार्टिंग में पैकेज बहुत ही अलग मिलेगा अलग ही हाईफाई मिलेगा और उसके बाद जो इंक्रीमेंट है वो बहुत ही अच्छा इंक्रीमेंट जाता है ईयरली में और बहुत सारी अलग फैसिलिटी जो मिलेंगी वो रही अलग हम डिस्कस कर लेते हैं वर्क लाइफ बैलेंस वर्क लाइफ बैलेंस ना कोई फिक्स नहीं है ऐसा नहीं है कि आप कंपनी के बेसिस से बताओगे कि भाई यहां का वर्क लाइफ बैलेंस अच्छा है टीसीएस का अच्छा है कॉग्निजेंट का खराब है विपो का अच्छा है एचसीएल का अच्छा है आप ऐसे डिफाइन नहीं कर सकते क्योंकि वर्क लाइफ बैलेंस टोटली डिपेंड करता है कि आप किस प्रोजेक्ट में एलोकेट हुए हो किस प्रोजेक्ट में आप किस क्लाइंट के लिए काम करने जा रहे हो अगर हम बात करें तो आईटी इंडस्ट्री में जो काम है जो वर्क प्रेशर है वो बहुत ज्यादा रहता है बहुत ही स्ट्रेस भरा एनवायरमेंट रहता है और बहुत ज्यादा डेड टाइमलाइन रहती है तो ऐसा हो जाता है कि मतलब अपने आर से ज्यादा देर तक बैठ के काम करना ये तो बहुत ही नॉर्मल है यहां पे मतलब अगर आपके आठ घंटे की जॉब है तो भ आप 10 10 1212 घंटे तक काम कर रहे होंगे और वीकेंड में काम करना पड़ेगा वो रहा अलग वो अलग बात है कि आपको उसका कंपनसेशन कुछ मिल जाएगा लेकिन अच्छा खासा वर्क प्रेशर आपके पास रहेगा इसके साथ-साथ कहीं बार तो इमरजेंसी सिचुएशन में ऐसा भी होता है कि भाई आपको आउटसाइड योर वर्किंग आर्स आपको घंटों भर कॉल कॉल्स में रहना पड़ जाता है ठीक है तो आपकी कॉल्स चलती है कोई इशू आ गया पीव इशू आ गया फट वट गया कुछ तो भैया आपको घंटों भर कॉल्स में रहना पड़ेगा उनको सपोर्ट देना पड़ता है बात करें ऑन साइट अपॉर्चुनिटी जो हर किसी के दिमाग में रहती है कि भाई टीसीएस तो बहुत अच्छा ऑनसाइट अपॉर्चुनिटी देती है विपो में तो बहुत कम मिलेंगे चांसेस एचसीएल बहुत बड़ी कंपनी है वहां बहुत ज्यादा मिलेगा ऑन साइट अपॉर्चुनिटी तो ऐसा कुछ नहीं है कि वो भी आपका कंपनी के बेस पे होता है ये सब भी आपके प्रोजेक्ट के बेसिस पे होते हैं लेकिन एक चीज हमेशा ध्यान रखना कि ऑनसाइड अपॉर्चुनिटी बहुत ही फ्रीक्वेंसी अगर आपने अच्छा खासा वहां टाइम बिता दिया भाई चार पांच साल से एक कंपनी में रुके पड़े हो मैनेजर से आपकी अच्छी खासी खूब पड़ती है मतलब आपके अपर मैनेजमेंट में भी अच्छा खासा आपका रिलेशन बना हुआ है तब जाके आपको ऑनसाइट अपॉर्चुनिटी मिलेगी और आपने कुछ एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी काम करके दिखाया तब आपके चांसेस बढ़ जाते हैं और उसमें भी जब वो आपको बाहर भेजते हैं ना तो ये दिमाग से हटा लेना कि वहां पे आप कुछ एक्स्ट्रा वर्क्स कमाने जा रहे हो या चिलवेल करने जा रहे हो भाई आपको एक्स्ट्रा रिस्पांसिबिलिटी के साथ भेजा जाता है अगर हम अभी की बात करें तो अभी कुछ टाइम पहले मैं और प्रवीण कनाडा गए थे बिजनेस वीजा से गए थे वहां पर उन लोगों का सिर्फ एक इंटेंशन होता है कि भाई हमें इस बंदे से काम निकलवाना है जितना ज्यादा से ज्यादा हम इससे काम निकलवा सकते तो दे डोंट केयर कि भाई आपको वीकेंड्स में काम करना पड़े आपको अपने आउटसाइड वर्किंग आर्स आपको कॉल्स में रहना पड़े कोई फर्क नहीं पड़ता है उनको और आपको एक एक्स्ट्रा रिस्पांसिबिलिटी कहीं ना कहीं दे दी जाती है क्योंकि एक अलग टैग लग जाता है भाई आपको ऑन साइड भेजा गया है तो भाई आपके ऊपर ये ये रिस्पांसिबिलिटी है आपको ये ये सारी चीजें करनी है नेक्स्ट पॉइंट जो हम बात करेंगे वो है जॉब सिक्योरिटी क्या आईटी इंडस्ट्री में जॉब सिक्योर्ड है क्या हम बोल सकते हैं कि भाई मेरा एसील में प्लेसमेंट हो गया और मतलब अब मैं आराम से निश्चिंत जब तक नौकरी करना चाहता हूं मैं एसीएल में रह सकती हूं क्या ऐसा कुछ फिक्स है नहीं जॉब सिक्योर नहीं है भाई आईटी इंडस्ट्री बहुत ज्यादा कंपटिंग है और यहां पे आप सबको पता है कि अभी भी लास्ट टू ईयर में कितना ज्यादा रिसेशन आया है तो कभी भी रिसेशन हो रहा है कभी भी हायरिंग हो रही है ये इंडस्ट्री के एक पार्ट है कई बारी आपकी बहुत अच्छी खासी हायरिंग चलती है तो कई बारी वो टाइम भी आता है कि भाई रिसेशन आता है और आपको दो सेकंड में आप कंपनी से फायर हो जाओगे आपको सिर्फ एक नोटिस आ जाएगा आपको एक मेल आ जाएगी एचआर से अपने मैनेजर से कंपनी से रिजाइन करना है और आपके पास एक दो महीने का नोटिस पीरियड है जो आपको सर्व करने को मिलेगा तो कभी भी अपनी जॉब को सिक्योर लेके मत चलना आईटी इंडस्ट्री में चाहे सर्विस बेस्ड कंपनी हो चाहे प्रोडक्ट बेस्ड कंपनी हो जब रिसेशन का टाइम आता है ना तो भ अच्छे-अच्छे पोजीशन में भी जो लोग बैठे हैं मैनेजमेंट के भी लोग हैं किसी का भी नंबर आ जाता है कि भैया उनकी फायरिंग हो गई है इसलिए इसीलिए बोला जाता है कि भाई आईटी इंडस्ट्री में ना आपको अप टू डेट रहना बहुत ज्यादा जरूरी है अपने स्किल्स को अपडेट करते रहो सो दैट कभी भी कुछ ऐसी सिचुएशन आई तो आप इजली दूसरी कंपनी में स्विच कर पाओ नेक्स्ट पॉइंट हम बात कर लेते हैं उनके बारे में जो मैनेजर पोजीशन पे होते हैं क्योंकि हम लोगों को बहुत नॉर्मल लगता है कि अरे भाई ये तो मैनेजर है इसको तो क्या ही काम है इसको तो कुछ कोडिंग मडिंग करनी नहीं है सब कुछ चीजें तो हमें करके देनी है तो ये सिर्फ हमें तो सिर्फ सुपरवाइज कर रहा है इसका काम बहुत ज्यादा इजी है बट ऐसा सच नहीं है क्योंकि जो मैनेजर लेवल के भी लोग है ना भाई उनके ऊपर भी एक टाइप से तलवार लटकी रहती है क्योंकि हमने ठीक है डेवलपर्स ने काम किया टेस्टर ने अपना टेस्टिंग कर ली उसके बाद वो आगे प्रोडक्शन में लाइव भी चला गया लेकिन अगर कुछ भी गलत हुआ तो क्लाइंट को आंसरेबल कौन करता है मैनेजर सारी चीजें किससे क्वेश्चन की जाती है मैनेजर से और भाई इस लेवल पे भी कई बारी आपकी एस्केलेशन हो जाती है कोई प्रोजेक्ट में कुछ भी गलत चला या क्लाइंट ने अगर एस्केलेट कर दिया तो इस लेवल की भी एस्केलेशन हो जाती है कि बाद में जो कंपनी वाले हैं वो सीधा मैनेजर को ही या तो उस प्रोजेक्ट से रिलीज कर देते हैं या कंपनी से ही फायर कर देते हैं इस फीडबैक के साथ कि भैया इसका फीडबैक अच्छा नहीं आया क्लाइंट से इसको बहुत सारी एस्केलेशन मिली है तो नेक्स्ट पॉइंट जो बहुत ही ज्यादा कॉमन है और आपको देखने को मिलेगी जब आप आओगे आईटी इंडस्ट्री में वो है पॉलिटिक्स भाई आपको बहुत ज्यादा पॉलिटिक्स देखने को मिलेगा मतलब हर कोई ना बस कहीं ना कहीं बटरिंग में लगा रहता है अपने मैनेजर या अपर मैनेजमेंट के उसमें कि भाई ताकि इन फ्यूचर कुछ भी चाहे वो अप्रेजल की बात हो चाहे कोई अपॉर्चुनिटी की बात हो वो उनको मिल सके वो लोग उनके गुड बुक में रह सके लेकिन मेरा मानना तो ये है कि भाई आप ये सब चीजें करने के बजाय अपना अपने आप को अपडेट रखो अपने स्किल्स अपडेट करते रहो टेक्नोलॉजीज अपनी सीखते रहो और भाई अपना काम करने में ध्यान दो क्योंकि जरूर आपको ऐसा नहीं लेके चलना कि मुझे एक ही कंपनी में रहना है अगर आपका सब कुछ सही चल रहा है देन इट्स गुड और अगर आप काम भी अच्छा करोगे ना तो आपका काम भी रिकॉग्नाइज होगा आपको उस अकॉर्डिंग भी रेटिंग मिलेगी उस अकॉर्डिंग भी आपको अप्रेजल मिलेगा और अपॉर्चुनिटी मिलेगी और 1 पर अगर आपको उस अकॉर्डिंग चीजें नहीं भी मिले ज्यादा कोई और बंदा जो कम काम कर रहा है या इतना डिजर्व नहीं करता वो आपकी जगह लेके जा रहा है तो कोई बात नहीं आपके पास इतने आप अपडेटेड इतने इतनी स्किल है आपके पास कि भई आप दूसरी कंपनी में स्विच करके आप वहां जाके अच्छा परफॉर्मेंस दे सकते हो तो मेरा मानना है कि हमेशा अपने काम प ज्यादा ध्यान देना राद देन कि ये सब बटरिंग एंड ऑल इन सब पॉइंट्स के बाद भी स्टिल मैं लास्ट में यही कहना चाहूंगी कि डिस्पाइना खासा पैकेज आप ले सकते हो अपना लाइफ स्टाइल बहुत अच्छा खासा बना सकते हो बस एक जरूरत है आपके एक्स्ट्रा एफर्ट की तो अगर आप थोड़ा सा अपना एफर्ट डाल लेते हो थोड़ा सा मार्केट के मार्केट के अकॉर्डिंग अपडेट रह लेते हो भाई आप अच्छा खासा पैकेज कमा सकती हो क्योंकि अगर हम दूसरे ब्रांचेस के बारे में बात करें ना चाहे वो मैकेनिकल हो सिविल हो इलेक्ट्रॉनिक्स हो कोई भी अदर ब्रांच आप उठा लो उसमें अगर आप देखोगे ना तो एक्सपीरियंस्ड बंदे भी जो होते हैं जो जिनका दो साल का एक्सपीरियंस है तीन साल का एक्सपीरियंस है 1515 202 हज मंथली सैलरी के लिए अप्लाई करते रहते हैं लेकिन आईटी इंडस्ट्री ऐसा है कि भाई अगर आपका दो-तीन साल का भी एक्सपीरियंस है तो मतलब आप आठ 10 लाख पर एनम या इससे ज्यादा भी पैकेज उठा सकते हो तो इसके साथ ही करते हैं आज की वीडियो को खत्म आई रियली होप कि आपको काफी सारी रियलिटी पता चली होगी आईटी इंडस्ट्री के बारे में यहां का वर्क लाइफ बैलेंस लाइफ स्टाइल कितना कूल है सब पता चल गया होगा स्टिल इफ यू हैव एनी डाउट यू कैन कमेंट आई विल डू माय बेस्ट कि मैं रिप्लाई कर सकूं एज सून एज पॉसिबल तो इसके साथ ही अगर वीडियो अच्छी लगी हो तो चैनल करना सब्सक्राइब वीडियो को देना एक बड़ा सा लाइक एंड मिलेंगे अपनी अगली वीडियो में टिल देन बाय बाय