व्हाट्स अप एवरीवन वेलकम बैक टू द चैनल तो गाइ हम लोग आ गए हैं ऑन डे 17 और आज के बाद बस मात्र 4 दिन और और चार दिन के बाद तुम लोग प्राउडली कह पाओगे कि हां यार वी डिड ऑल द हार्ड वर्क हमने एफर्ट लगाया और हमें यह रियलाइक्स अपलिन के साथ उस चीज की तरफ जा सकते हैं तो लाइफ में एवरीथिंग इज अची वेबल अगर आपने वो एफर्ट डाला है तो आपको लगेगा कि हां यार रिजल्ट्स भी आए हैं हम 21 दिन पहले तक कहां स्टैंड कर रहे थे और आज हम कहां स्टैंड कर रहे हैं कितना बेटर हम लोग फील कर रहे हैं कितना कुछ हमने अचीव किया है तो दिस इज समथिंग व्हिच इज वर्थ एप्रिसिएशन अब बचे हैं सिर्फ आज के बाद 4 दिन और अगले 4 दिन में हमारा पूरा ही अकाउंट्स बिजनेस स्टडीज इकोनॉमिक्स सब खत्म हो जाएगा इसी तरीके से पढ़ते रहो खूब मेहनत करो यार और जीवन में बहुत अच्छा करना है चलिए जल्दी से जाके अटेंडेंस लगा दीजिए लेट्स [संगीत] [संगीत] बिगन तो गाइस आज हम लोग जो सबसे पहला टॉपिक सीखने वाले हैं उसका नाम है इन्वेस्टमेंट मल्टीप्लायर सर व्हाट इज द मीनिंग ऑफ इन्वेस्टमेंट मल्टीप्लायर और ये मल्टीप्लायर शब्द हमने पहले भी सुना हुआ है यस आप लोगों ने पहले भी ये मल्टीप्लायर सुना बैंकिंग में जहां पर मैंने आपको मनी मल्टीप्लायर सिखाया था यहां पे क्या है यहां पे है बच्चों द कांसेप्ट ऑफ इन्वेस्टमेंट मल्टीप्लायर इन्वेस्टमेंट मल्टीप्लायर को बेटा जी हम लोग के से डिनोट करते हैं ठीक है और k का वैल्यू जो होता है इसका मतलब होता है डेल्टा वा डिवाइड बाय डेल्टा आ ठीक है अब आ स्टैंड्स फॉर इन्वेस्टमेंट y स्टैंड्स फॉर इनकम यह कांसेप्ट ये बोलता है कि जब भी एक इकॉनमी में कुछ इन्वेस्टमेंट कर जाती है तो उस इन्वेस्टमेंट से कई गुना इनकम जनरेट होती है फॉर एग्जांपल 4000 करोड़ की इन्वेस्टमेंट करी गई उस इन्वेस्टमेंट से लेट्स सपोज 20000 करोड़ की इनकम जनरेट हो गई तो हम बोलेंगे भैया मल्टीप्लायर की वैल्यू है फाइव टाइम्स कहने का मतलब यह है कि मल्टीप्लायर क्या शो करता है कि कितनी इन्वेस्टमेंट हुई और उससे कितनी इन कम जनरेट हो गई इसी को हम लोग इन्वेस्टमेंट मल्टीप्लायर बोलते हैं इस पूरे प्रोसेस को समझने के लिए आपको यह पता होना चाहिए सबसे पहले कि इन्वेस्टमेंट मल्टीप्लायर का मीनिंग क्या है तो मीनिंग तो मैंने आप लोगों को बता दिया इट शोज कि कितनी इन्वेस्टमेंट हुई और उससे कितने गुना इनकम जनरेट हो गई इसी को हम इन्वेस्टमेंट मल्टीप्लायर बोलते हैं अब यह चलता कैसे है इसका प्रोसेस क्या है किस तरीके से यह काम करता है तो मल्टी लायर का जो प्रोसेस है ना बेटा उसको समझने के लिए हमें एक टेबल बनानी पड़ेगी और उस टेबल से भी पहले हमें कुछ अंश लेनी पड़ेंगी अंश क्या है कि भैया यह एक फैक्ट पे बेस्ड है कि एक इंसान का खर्चा दूसरे इंसान की इनकम होता है और एक की इनकम दूसरे का खर्चा होता है इसका क्या मतलब हुआ सर देखो बहुत बेसिक है अगर आपको घर से पैसा मिलता है तो आपके पेरेंट्स के लिए वो खर्चा है आपके लिए वही इनकम है है ना आप अगर कोई खर्चा करते हो तो आपका खर्चा है किसी और के लिए वो इनकम है फिर जिसके लिए इनकम है वह फिर खर्चा करेगा तो किसी और के लिए वो इनकम होगा तो इस इकॉनमी में ऐसे चलता रहता है कि जहां आपकी जेब से पैसा जाएगा तो किसी ना किसी की जेब में पैसा आएगा है ना तो देखो इस प्रोसेस को समझने के लिए आपको सबसे पहले बस यही दिमाग में रखना है कि भैया जब आपकी जेब से पैसा जाता है यानी इन्वेस्टमेंट होती है तो उससे किसी ना किसी की इनकम होती है राइट जब आप इन्वेस्टमेंट करते हो तो किसी ना किसी की इनकम होती है फिर वह इस इनकम से क्या करता है कुछ पैसा कंज्यूम कर लेता है और कुछ पैसा सेव कर लेता है तो चार चीजें इसके अंदर इंपॉर्टेंट है कितनी इन्वेस्टमेंट हुई कितनी इनकम हुई कितना कंसंट हुआ कितना सेविंग हुआ ओके अब चेंज इन कंजमपट्टी 7 भी ले सकते हो 0.6 भी ले सकते हो जो आपका मन करे वो आप एमपीसी ले सकते हो इन जनरल सही है अब हम मानते हैं बच्चों कि फर्स्ट राउंड में सरकार ने ₹1 करोड़ की इन्वेस्टमेंट करी ठीक है अब अगर गवर्नमेंट 100 करोड़ की इन्वेस्टमेंट करती है सपोज आपका जो शहर है वो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में आ जाता है और उसपे 100 करोड़ की इन्वेस्टमेंट होती है 100 करोड़ की जब इन्वेस्टमेंट होती है सरकार इन्वेस्ट करेगी तो वह पैसा कहां जाएगा किसी कांट्रैक्टर के पास जाएगा किसी सीमेंट वाले के पास सरिए वाले के पास किसी डेवलपमेंटल कंपनी के पास जाएगा वह अपनी लेबर को देंगे तो किसी ना किसी की इनकम होगी इसका मतलब यह है सर जितनी भी इन्वेस्टमेंट होती है उतनी सेम किसी ना किसी की इनकम तो हो ही जाती है इसका मतलब जितना भी आप इन्वेस्ट करोगे उतनी इनकम होना तो तय है उससे कम तो नहीं होगा कि कम से कम वन टाइम तो होगा ही होगा राइट अब हमने क्या समझा कि जिसकी भी इनकम हुई एमपीसी 0.9 लिया हुआ है वो 90 पर इसका खर्च करेगा यानी 90 खर्च करेगा ₹10 सेव करेगा अब वो 90 खर्च करेगा उसकी जेब में से 90 गए तो फिर से किसी ना किसी की जेब में 90 आए है ना जहां पे इसने यह खर्च करा इन्वेस्टमेंट तो एक ही बार हुआ ये 100 आपने यहां 90 खर्च किया तो फिर से किसी ना किसी की इनकम हुई है 90 अब जिसकी भी इनकम हुई वो क्या करेगा इसका फिर 90 पर खर्च करेगा यानी 81 वो खर्च करेगा ₹ वो क्या कर लेगा सेव कर लेगा जब वो 81 खर्च करेगा फिर किसी ना किसी की इनकम हो जाएगी सर 81 राउंड नंबर तीन में किसी ना किसी की फिर इनकम हो जाएगी 81 अब 81 में 88.1 का बेसिकली सेविंग होगा 72.9 यह खर्च करेगा फिर किसी ना किसी की इनकम हो जाएगी 72.9 है ना अब यह इसी तरीके से बच्चों राउंड्स चलते रहेंगे चलते रहेंगे चलते रहेंगे और आगे बढ़ते बढ़ते बढ़ते हम लोग क्या बोलेंगे [संगीत] सर यह प्रोसेस कहां पर खत्म होगा जहां पे जो सेविंग है वह आपकी इनिशियल इनकम के बराबर आ जाएगी इतना आपके पास सेव हो जाएगा ठीक है इतना अगर आपके पास सेव हो गया तो सर इनकम जब अगर आप ये पूरा चला लो ना तो इनकम बन के आ जाएगी बच्चों 1000 इनकम कितनी बन के आ जाएगी 1000 अगर मैं पूरा टेबल कैलकुलेट करूं ना पूरा बना के कैलकुलेटर से अगर आप बना के देखोगे तो इनकम आ जाएगी बच्चों 1000 खर्चा हो जाएगा 900 सेविंग हो जाएगी 100 ठीक है वहां पे मनी मल्टीप्लायर में भी ये ऐसे ही खत्म होता था जहां पे इनिशियल जो डिपॉजिट था वो लास्ट में एलआरआर के बराबर आ जाता था है ना यहां पे भी ये प्रोसेस कहां पे खत्म होता है जब आपकी जितनी इन्वेस्टमेंट थी उतना इकॉनमी में सेविंग हो जाती है और अगर आप ध्यान से देखो तो कितना मल्टीप्लाई हो गया आपने इन्वेस्ट किया था 100 करोड़ इनकम बन गई 1000 करोड़ इसका मतलब 10 टाइम्स मल्टीप्लायर की वैल्यू आ गई 10 गुना इनकम जनरेट हो गया राइट सर यह आपको कैसे पता लगा कि ये 1000 ही आएगा बच्चों एक फार्मूला और है जो k है वो आप ऐसे भी निकाल सकते हो 1 / 1 - एपीसी और 1 - एपीसी को क्या बोलते हैं 1 / तो मुझे पहले से पता था कि 1/1 - 0.9 या फिर 1 अप 0.1 तो इसका वैल्यू तो 10 टाइम्स ही आना है मैं पहले से जानता था कि यह 10 गुना ही आएगा राइट तो आपने जो भी वैल्यू एमपीसी की ली है उसकी मदद से ही आप k की वैल्यू निकाल सकते हो समझे तो k जो आपने कैलकुलेट करा है ना इसकी हेल्प से आप सारी चीजें कर सकते हो अब देखो जब मेरा एपीसी 0.9 है तो के का वैल्यू कितना आया 10 टाइम्स ठीक है अब अगर मेरा एमपीसी में 0.5 ले लेता हूं सपोज इसका मतलब एमपीसी कम हो गया एमपीसी कम हो गया तो अब देखते हैं के का वैल्यू कितना आएगा तो सर एमपीसी अगर 0.5 हुआ है तो k = 1 अप 1 0.5 1 अप 0.5 दैट इज टू टाइम्स यह क्या आ गया टू टाइम्स आ गया तो के का वैल्यू सर कम हो गया के भी टू टाइम्स हो गया तो इसका मतलब यह है कि एमपीसी और के डायरेक्टली रिलेटेड है तो अगर आपसे यह पूछा जाए कि के का मीनिंग क्या है हम बता देंगे प्रोसेस क्या है यह पूरा प्रोसेस लिख देंगे अगर आपको बोला जाए कि रिलेशनशिप बताओ रिलेशनशिप यहां पर लिख रहा हूं मैं एमपीसी 0.9 रिलेशनशिप विद एमपीसी तो आप क्या बोलोगे डायरेक्ट रिलेशनशिप कैसा रिलेशनशिप होता है डायरेक्ट रिलेशनशिप होता है वहीं पे अगर मैं बोलू रिलेशनशिप विद एप ए तो इस में बोलते हैं इवर्स रिलेशनशिप सर इवर्स कैसे बच्चों फार्मूला में ही था k = 1 अप mps1 अप एप का मतलब इवर्स हो गया ना अब यहां पे ही आप देख लो एमपीसी अगर 0.9 है तो mps1 होगा है ना अगर एमपीसी 0.9 होता है तो एमपीए 0.1 होता है क्योंकि दोनों का सम वन होता है राइट mpc5748g एक छोटी सी क्वेश्चन और आ जाता है मिनिमम एंड मैक्सिमम वैल्यू ऑफ k k का मिनिमम और मैक्सिमम वैल्यू कितना होता है तो जो मिनिमम वैल्यू होता है बेटा k का वो वन होता है और मैक्सिमम होता है इंफाइटिंग तो कम से कम 100 की इनकम तो होगी ही होगी ना 100 का इन्वेस्टमेंट होगा तो 100 की इनकम तो होनी है इसका मतलब व टाइम तो होनी है आगे कितनी हो जाए वो इनफा है किसी को कुछ नहीं पता समझे इसको अगर फिर भी हमें लिखना हो तो हम कैसे लिखते हैं देखो भैया एमपीसी किसके बीच में घूमेगा एमपीसी का मिनिमम जीरो है एमपीसी का मैक्सिमम वन है और के किस पर डिपेंड करता है एमपीसी पे है ना तो के इज 1 अपव माइ एमपीसी अगर मैं जीरो रख लूं तो वन आएगा कम से कम k का वैल्यू कम से कम वन आएगा और अगर मैं k की मैक्सिमम वैल्यू रख दूं 1/0 इज इनफाइनों वो वन से लेके इनफिनिटी तक घूमती रहती है तो चार क्वेश्चंस इस पर्टिकुलर टॉपिक में से आते हैं कि मतलब क्या है तो हम बोलते हैं मीनिंग ये होता है कि एक इकॉनमी में इन्वेस्टमेंट से कितने गुना इनकम जनरेट हो गया वो मीनिंग है प्रोसेस में हम ये पूरा नीचे वाला प्रोसेस एक्सप्लेन कर देंगे रिलेशनशिप एमपीसी के के साथ डायरेक्ट एमपीएस के साथ इवर्स मिनिमम एंड मैक्सिमम वैल्यू ऑफ k मिनिमम वन मैक्सिमम इनफाइनों सर एन एडिशनल इन्वेस्टमेंट ऑफ 4000 करोड़ इन एन इकॉनमी जनरेट एडिशनल इनकम ऑफ 16000 करोड़ द वैल्यू ऑफ़ मल्टीप्लायर विल बी फोर मल्टीप्लायर क्या है इट इज द रेशो ऑफ इंक्रीज इन नेशनल इनकम ड्यू टू इंक्रीज इन इन्वेस्टमेंट ओके उसके बाद वर्किंग में क्या लिख दोगे मल्टीप्लायर इज द रेशो ऑफ इक्रीज इन नेशनल इनकम टू इंक्रीज इन इन्वेस्टमेंट ये इसके फार्मूला हैं वर्किंग इज बेस्ड ऑन द फैक्ट दैट वन पर्सन एक्सपेंडिचर इज अनदर पर्सन इनकम एक का खर्चा दूसरे की इनकम है व्हेन एन एडिशनल इन्वेस्टमेंट इज मेड जब भी एडिशनल इन्वेस्टमेंट करी जाएगी तो इनकम कई गुना बढ़ जाती है उसके बाद हम यह टेबल बना देंगे यह टेबल मैं आपको ऑलरेडी बना के दिखा चुका हूं सेम वही टेबल है स्क्रीनशॉट लेना है ले लो और इसी के साथ इसका पूरा का पूरा प्रोसेस समाप्त हो जाता है राइट राइट अब इसका जो एक्सप्लेनेशन है बच्चों वो सेम उसी तरीके से लिखना है आपको जैसे आप किसका लिखते हो मनी मल्टीप्लायर का लिखते हो तो अगर आप अपनी किताब खोलोगे तो उस किताब में इसका पूरा एक्सप्लेनेशन दिया हुआ होगा राइट उसका एक्सप्लेनेशन आप बड़े ध्यान से एक्सप्लेन करके लिख सकते हो ओके अब देखो बच्चों अगर आपको एक्सप्लेनेशन लिखना हो तो मैंने खोल दिया ये थोड़ा वाइट पेपर पे है बट आपको आई गेस स्क्रीनशॉट लेने में इजी हो जाएगा आप इसको लिख सकते हो स्क्रीनशॉट ले लो फिर आप लिख लेना देखो लिखा हुआ है सपोज एन एडिशनल इन्वेस्टमेंट ऑफ़ 100 करोड़ इज मेड टू कंस्ट्रक्ट अ फ्लाई ओवर फ्लाई ओवर बनाने के लिए 100 करोड़ की इन्वेस्टमेंट करी गई दिस एक्स्ट्रा इन्वेस्टमेंट विल जनरेट एक्स्ट्रा इनकम ऑफ़ 100 करोड़ इन द फर्स्ट राउंड इससे फर्स्ट राउंड में 100 करोड़ की ही इनकम हो जाएगी एमपीसीए हम ने अज्यू करा है 0.9 तो रिसिपिएंट्स इसका कितना खर्च करेंगे 90 करोड़ खर्च करेंगे एज़ कंजमपट्टी चर इससे इनकम बढ़ेगी 90 करोड़ की सेकंड राउंड में दूसरे राउंड में यही किसी ना किसी की इनकम हो जाएगी नाउ 90 पर ऑफ़ 90 करस दैट इज 81 करस व खर्च होगा है ना और ऐसे ही यह प्रोसेस चलता रहेगा द मल्टीप्लायर प्रोसेस गोज ऑन एंड कंसंट एक्सपेंडिचर इन एवरी राउंड विल बी 0.9 टाइम्स द एडिशनल इनकम रिसीवड फ्रॉम द प्रीवियस राउंड ठीक है एट लास्ट हमें दिखेगा कि इन्वेस्टमेंट ऑफ़ 100 करोड़ लीड्स टू इंक्रीज ऑफ 1000 करोड़ इन इनकम एज अ रिजल्ट मल्टीप्लायर विल बी 10 टाइम्स तो दिस इज हाउ आप अगर एक्सप्लेनेशन लिखना चाहो तो लिख सकते हो ओके चलो सर सर अब अरे अरे अरे अरे ले भाई लो जी अब हम आ जाते हैं हमारा नेक्स्ट टॉपिक पे जिसका नाम है बेटा जी एक्सेस डिमांड सर व्हाट इज एक्सेस डिमांड जब भी इकॉनमी में बच्चों डिमांड ज्यादा हो जाता है जब भी जितनी आपको को फुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम के लिए डिमांड की जरूरत थी उससे ज्यादा डिमांड हो जाता है तो ऐसी सिचुएशन को क्या बोलते हैं हम एक्सेस डिमांड तो देखो लिखा हुआ है एक्सेस डिमांड रेफर्स टू अ सिचुएशन व्हेन एडी इज मोर दन ए कॉरेस्पोंडेंस लेवल ऑफ आउटपुट से जब भी हमारा जो डिमांड है वो ज्यादा होगा तो उसको हम एक्सेस डिमांड बोलेंगे इट रेफर्स टू अ सिचुएशन व्हेन एडी इज मोर दन ए कॉरेस्पोंडेंस मेंट लेवल ऑफ़ आउटपुट इन द इकॉनमी सर इसका डायग्राम कैसा बनेगा देखो बच्चों यह आपके पास एस है यह एडी है ठीक है यह आपका फुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम था इस इक्विलियम को क्या बोलते हैं फुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम यहां पर आपने इनकम आउटपुट एंप्लॉयमेंट लिया है यहां आपने एडी लिया है ठीक है परफेक्ट है अब अगर इकॉनमी में फिलहाल डिमांड ज्यादा चल रही है मतलब अगर इकॉनमी में डिमांड यहां चल रही है इसको आप बोलोगे ए1 इसको आप बोलते हो c+ आ इसको हम बोलते हैं c + आ प् डेल्टा आ सर डेल्टा आ मतलब बेटा इन्वेस्टमेंट बढ़ी होगी इन्वेस्टमेंट बढ़ने से इनकम बढ़ी होगी इनकम अभी बढ़ गया है ना मल्टीप्लायर में कि इन्वेस्टमेंट बढ़ती है तो इनकम बढ़ती है उस इनकम से लोगों ने डिमांड बढ़ानी चालू कर दी होगी इसीलिए डिमांड बढ़ के आई है ना तो देखो अब यहां पे यह वाला इक्विलियम होता था ओवरफुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम लेकिन हम फिलहाल ओवरफुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम दिखाने नहीं आए हम दिखाने आए हैं कि कितनी डिमांड ज्यादा है तो जब भी डिमांड ज्यादा होती है तो हम लोग इसको बोलते हैं एक्सेस डिमांड ओके नाउ एक्सेस डिमांड की जब हम बात करते हैं बच्चों तो मुझे एक बात बताओ फुल एंप्लॉयमेंट पे हम बस इतना ही सप्लाई कर सकते हैं है ना अब यहां से देखा जाए डिमांड में और सप्लाई में इतना गैप आ जाएगा इतना गैप आ जाएगा या नहीं आ जाएगा तो इस गैप को हम लोग क्या बोलते हैं बच्चों कभी भी डिमांड ज्यादा होगी महंगाई हो जाएगी या नहीं हो जाएगी इकॉनमी में डिमांड ज्यादा है सप्लाई उतनी है नहीं चीजें ज्यादा लोग खरीदना चाहते हैं उतनी इकॉनमी में अवेलेबल है नहीं तो इस गैप को हम लोग बोलते हैं इन्फ्लेशनरी गैप इन्फ्लेशनरी गैप का मतलब है कि भैया जितना एडी फुल एंप्लॉयमेंट प होना चाहिए और एक्चुअल एडी जो है उसके बीच में जो गैप है इस गैप को हम इन्फ्लेशनरी गैप बोलते हैं ओके तो देखो क्या लिखा हुआ है हमारे पास कर्व मैंने आपको यही वाला बना के दिखा दिया ए आ गया एडी आ गया एडी ऊपर है तो ये e ये जो गैप है इसी को हम इन्फ्लेशनरी गैप बोलते हैं देखो लिखा हुआ है इनकम आउटपुट एंप्लॉयमेंट एक् एक्सिस पे लेंगे एडी हम y एक्सिस पे लेंगे ठीक है एग्रीगेट डिमांड एंड एग्रीगेट सप्लाई इंटरसेक्ट एट पॉइंट e इस पॉइंट को हम फुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम बोलते हैं उसके बाद हमने बोला ड्यू टू इंक्रीज इन इन्वेस्टमेंट एडी राइजेज अब बच्चों सिर्फ जरूरी नहीं है कि इन्वेस्टमेंट की वजह से ही हो मल्टीपल रीजंस की वजह से डिमांड बढ़ सकती है लेकिन हम फिलहाल मान रहे हैं कि इन्वेस्टमेंट की वजह से बड़ा है इट डिनोट्स द सिचुएशन ऑफ एक्सेस डिमांड और जो गैप है दोनों डिमांड के बीच में एडी पहले वाला और एडी फुल एंप्लॉयमेंट वाला उसको हम बोलते हैं इन्फ्लेशनरी गैप इन्फ्लेशनरी गैप क्या है इन्फ्लेशनरी गैप रेफर्स टू द गैप उस गैप को बोलते हैं बाय व्हिच एक्चुअल एडी एक्सीड्स द एडी रिक्वायर्ड टू एस्टेब्लिश फुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम जितना एक्चु एडी ज्यादा है फुल एंप्लॉयमेंट एडी से इस गैप को ही हम इन्फ्लेशनरी गैप बोलते हैं ठीक है रीजंस फॉर एक्सेस डिमांड एक्सेस डिमांड हुए क्यों है बेटा या क्यों होते हैं हमारे पास एक्सेस डिमांड तो हम लोग बोलते हैं भैया एक्सेस डिमांड होने के कई रीजंस हो सकते हैं सर कैसे रीजन हो सकते हैं देखो सबसे पहले आप यह बोल सकते हो कि राइज इन प्रोपेंसिटी टू कंज्यूम लोगों का खर्चा करने का एबिलिटी बढ़ गया राइज इन प्रोपेंसिटी टू कंज्यूम मे बी वन ऑफ द रीजंस है ना दूसरा हो स हो सकता है रिडक्शन ऑफ टैक्सेस सरकार ने टैक्स कम कर दिए हो टैक्स कम कर दिए होंगे तो भी लोग ज्यादा डिमांड करेंगे तीसरा हो सकता है गवर्नमेंट अपना एक्सपेंडिचर ज्यादा कर रहा हो इंक्रीज इन गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर देखो अगर सरकार खर्चा करेगा तो वह पैसा कहां आता है पैसा इकॉनमी में ही तो आता है इकॉनमी में पैसा आएगा लोग डिमांड करेंगे ऑफकोर्स तो डिमांड बढ़ेगा फॉल इन इंपोर्ट्स बच्चों जो हम पहले इंपोर्ट करते थे अब वह हम इंपोर्ट नहीं करते हैं इंपोर्ट नहीं करते तो हमारे देश की ही डिमांड बढ़ेगी डोमेस्टिक डिमांड बढ़ेगी राइज इन एक्सपोर्ट्स एक्सपोर्ट बढ़ गया है हमारा इसका मतलब हमारे देश के साथ-साथ अब हम बाहर भी बेचते हैं तो डिमांड तो बढ़ रही है हमारी डेफिसिट फाइनेंसिंग का मतलब होता है बेटा नए नोट्स प्रिंट होना आरबीआई जब नए नोट प्रिंट करता है तो वो पैसा कहां आता है इकॉनमी में ही आता है लोगों के पास पैसा आएगा तो लोग डिमांड तो करेंगे उसके बाद इंक्रीज इन इन्वेस्टमेंट अगर इन्वेस्टमेंट बढ़ता है तो आपको पता है कई गुना इनकम बढ़ता है इनकम बढ़ती है तो डिमांड तो बढ़ेगी एक्सेस डिमांड का जो मेन देखा जाए ना अगर वह कारण है मनी स सलाई का बड़ा होना देखो प्रोपेंसिटी टू कंज्यूम लोगों के पास पैसा ज्यादा है तभी तो हो रहा है टैक्स कम हो गया लोग ज्यादा खर्च कर पाएंगे गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर करेगा तो लोगों के पास पैसा बढ़ेगा इंपोर्ट कम हो रहे हैं इसका मतलब पैसा बच रहा है तो हम डोमेस्टिक डिमांड करेंगे ज्यादा एक्सपोर्ट कर रहे हैं पैसा आ रहा है डेफिसिट फाइनेंसिंग पैसा आ रहा है इंक्रीज इन इन्वेस्टमेंट पैसा आ रहा है तो हमें अगर एक्सेस डिमांड को कंट्रोल करना है ना तो हमें इस मनी सप्लाई को कंट्रोल करना पड़ेगा देखो बड़ी सीधी सधी सी बात है या नहीं है बच्चों कि भैया अगर देखा जाए तो हो तो वही रहा है है ना तो ये हमारे पास मेन कारण होते हैं एक्सेस डिमांड के राइट इसके बाद आता है बच्चों हमारे पास डेफिसिट डिमांड सर व्हाट इज डेफिसिट डिमांड डेफिसिट डिमांड किसको बोलेंगे तो बच्चों डेफिसिट डिमांड हम बोलते हैं एक ऐसी सिचुएशन को जब एडी कम हो जाता है करेस्पॉन्डिंग्ली ब्रियन के इसका मतलब है ये देखो ये एडी बढ़ के आया था तो एक्सेस डिमांड था इसको यही रखते थोड़ा आधा दूरा तुमहे दिखाई दे डेफिसिट डिमांड कहां पर होगा डायग्राम बड़े ध्यान से बना के आना बच्चों एग्जाम में ए यह ए ठीक है ये एडी है सी प् आ यह आपका फुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम है दिस इज योर फुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम यह आ गया जी ओ वा यहां पर इनकम आउटपुट एंप्लॉयमेंट लिया है यह आपका एडी है इस बार कम है कम है मतलब सर देखो एडी इस बार नीचे [संगीत] है ad1 ये क्या हुआ c प् आ - डेल्टा आ इन्वेस्टमेंट नहीं हुआ इन्वेस्टमेंट नहीं हुआ तो इनकम कम हो जाएगा तो डिमांड कम होगी है ना अब देखो फिर से यह वाला जो इक्विलियम है इसको अंडर एंप्लॉयमेंट इक्विलियम बोलते थे लेकिन आपको दिखाना नहीं है अंडर एंप्लॉयमेंट इक्विलियम हमेशा ध्यान रखना जो गैप दिखाना है ना आपको वो फुल एप्ल ट में दिखाना है फुल एंप्लॉयमेंट के ऊपर हुआ था यहां पे यहां फुल एंप्लॉयमेंट के नीचे होगा तो यह वाला गैप अब आप सोचो बच्चों जब डिमांड ही नहीं है डिमांड नहीं है तो चीजें महंगी होंगी या सस्ती होंगी अगर चीजों की डिमांड नहीं होती तो वो सस्ती हो जाती है तो इस गैप को हम बोलते हैं डिफ्लेशनरी गैप इस गैप को हम क्या बोलते हैं डिफ्लेशनरी गैप यहां पे एडी जो है एक्चुअल वाला वो नीचे है तो अब जो गैप आता है है उसको हम डिफ्लेशनरी गैप बोलते हैं ओके और इस सिचुएशन को क्या बोलते हैं डेफिशियेंसी पे लिए हैं एडी y एक्सिस पे लिया है एडी एंड इंटरसेक्ट करते हैं पॉइंट e पे जिसका मतलब फुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम होता है ड्यू टू डिक्रीज इन इन्वेस्ट इन्वेस्टमेंट कम हुई तो एडी गिरेगा इस बार इट डिनोट्स द सिचुएशन ऑफ डेफिसिट डिमांड और जो गैप आया है उसको हम बोलते हैं डिफ्लेशनरी गैप डिफ्लेशनरी गैप इज अ गैप बाय चच एक्चुअल एडी फॉल्स शॉर्ट यानी कम पड़ गया ऑफ एडी रिक्वायर्ड टू एस्टेब्लिश फुल एंप्लॉयमेंट इक्विलियम पॉइंट एफ इंडिकेट्स अंडर एंप्लॉयमेंट इक्विलियम ओके और इसी गैप को हम क्या बोलते हैं डिफ्लेशनरी गैप इसके क्या कारण रहे बेटा पहले वाले का जस्ट रिवर्स डिक्रीज इन टी टू कंज्यूम लोग खर्चा नहीं कर रहे डिमांड कम हो जाएगी इंक्रीज इन टैक्सेस टैक्स बढ़ गए तो चीजें महंगी हो गई डिमांड कम हो जाएंगी डिक्रीज इन गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर सरकार ने खर्चा करना कम कर दिया तो इकॉनमी में कम पैसा आएगा राइज इन इंपोर्ट अगर इंपोर्ट बढ़ जाते हैं सर इंपोर्ट बढ़ने से क्या इंपैक्ट आएगा देखो अगर इंपोर्ट बढ़ते हैं तो आप बाहर से सामान ज्यादा खरीदते हो ना तो आपकी डिमांड तो कम होगी फॉल इन एक्सपोर्ट्स एक्सपोर्ट्स कम हो जाए सर अगर बिल्कुल सही बात है एक्सपोर्ट कम हो रहे हैं इसका मतलब डिमांड कम हो रही है फॉल इन इन्वेस्टमेंट एक्सपेंडिचर इन्वेस्टमेंट कम है तो पैसा भी कम आ रहा है इकॉनमी में तो दिस इज द मेन थिंग जहां पर हम मल्टीपल रीजंस पढ़ते हैं फॉर डेफिसिट डिमांड सर अब हम कंट्रोल कैसे करें एक्सेस और डेफिसिट डिमांड को लो सर मैं तुम्हें एक चार्ट बना देता हूं यह तुम्हारे बहुत काम आएगा हाउ टू कंट्रोल एक्सेस डिमांड एंड डेफिसिट डिमांड अब देखो बच्चों एक कांसेप्ट समझ लो बड़ा आसान सा यह तुम बैंकिंग में भी पढ़ के आए हो टॉपिक तो इसमें तुम्हें ज्यादा डिफिकल्टी नहीं आएगी आसान है एक्सेस डिमांड कब था जब लोगों के पास पैसा ज्यादा है लोगों के पास पैसा ज्यादा है तभी तो लोग डिमांड कर रहे हैं इसका मतलब यहां पे ऑलरेडी मनी सप्लाई ज्यादा है तो हमें क्या करना है मनी सप्लाई को कंट्रोल करना है राइट डेफिसिट डिमांड कब होता है लोग डिमांड कब नहीं करते जब पैसा नहीं होता इसका मतलब मनी सप्लाई यहां पे कम है तो हमें मनी सप्लाई को बढ़ाना है इंक्रीज करना है राइट तो अब मनी सप्लाई को चेंज करने के लिए ना हमारे पास दो पॉलिसीज हैं एक को हम बोलते हैं फिस्कल पॉलिसी एक को हम बोलते हैं मॉनेटरी पॉलिसी फिस्कल पॉलिसी इज द पॉलिसी ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट मॉनेटरी पॉलिसी इज द पॉलिसी ऑफ आरबीआई ठीक है फिस्कल पॉलिसी मॉनेटरी पॉलिसी एग्जाम में आता है क्वेश्चन फिस्कल पॉलिसी इ द पॉलिसी ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट मॉनेटरी पॉलिसी इ द पॉलिसी ऑफ आरबीआई ठीक है अब देखो बच्चों फिस्कल पॉलिसी में दो चीज आती है मेनली गवर्नमेंट का एक्सपेंडिचर और टैक्सेस दो चीज आती है गवर्नमेंट का एक्सपेंडिचर और टैक्सेस अब तुम सोचो बच्चों हमें मनी सप्लाई कंट्रोल करना है मनी सप्लाई कंट्रोल करने का मतलब है कि इकॉनमी में ऑलरेडी बहुत पैसा है हमें उसे कम करना है तो सरकार अगर और खर्चा करेगा तो और पैसा पहुंचेगा सिचुएशन इवन वर्स हो जाएगी हमें तो करना है कंट्रोल हम नहीं चाहते कि ज्यादा पैसा जाए तो आपको क्या करना होगा गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर रिड्यूस करना होगा गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर कम करना होगा सरकार अगर अभी भी खर्चा करती रहेगी तो प्रॉब्लम आ जाएगी इसीलिए गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर को कम करना है टैक्सेस बढ़ाने पड़ेंगे सर टैक्स क्यों बढ़ाना है क्योंकि मनी सप्लाई बहुत ज्यादा है हम इसको कंट्रोल करना चाहते हैं टैक्स बढ़ाएंगे तो लोगों से पैसा इकट्ठा होगा लोगों के पास कम होगा तो वो डिमांड अपने आप कम करेंगे एक्सेस डिमांड अपने आप ठीक हो जाएगी तो हम क्या चाहते हैं कि लोग डिमांड ना करें डिमांड ना करें तो उनका पैसा खत्म करना होगा पैसा खत्म कैसे करें सरकार एक्सपेंडिचर कम से कम करें टैक्स ज्यादा से ज्यादा लगाए वहीं अगर पैसा बढ़ाना है अगर डेफिसिट डिमांड है डिमांड हो ही नहीं रही तो पैसा बढ़ाना है तो रिवर्स सरकार खर्चा ज्यादा करे सरकार खर्चा ज्यादा करेगा तो लोगों के पास पैसा ज्यादा पहुंचेगा वहीं पर टैक्सेस को कम कर दे टैक्स को कम कर दे ताकि लोग ज्यादा डिमांड करें है ना तो गवर्नमेंट अपने एंड से दो चीजों पर काम कर सकती है गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर पे और टैक्सेस पे सर आरबीआई क्या कर सकता है आरबीआई के पास बच्चों तुम्हें पता है दो मेजर्स है क्वांटिटेशन क्वांटिटेशन यह तुमने बैंक में पड़े हुए सारे आरबीआई वाज द कंट्रोलर ऑफ मनी सप्लाई ना वही पॉइंट है सेम क्वांटिटेशन मार्केट ऑपरेशंस एल आर आर लीगल रिजर्व रिक्वायरमेंट इसके अंदर दो थे कैश रिजर्व रेशो स्टेट्यूटरी लिक्विडिटी रेशो ऐसे ही क्वालिटेटिव में मार्जिन मार्जिन रिक्वायरमेंट और आपका मोरल सुए एंड सिलेक्टिव क्रेडिट कंट्रोल तो याद करो बच्चों मनी सप्लाई कंट्रोल करने के लिए क्योंकि मनी सप्लाई बढ़ा हुआ है तभी डिमांड हो रही है इसको कंट्रोल करने के लिए क्या करा जाए रेपो रेट होता था वो रेट ऑफ इंटरेस्ट जिस परे आरबीआई लोन देता है कमर्शियल बैंक्स को तो आरबीआई चाहता है कि इकॉनमी में पैसा ना जाए तो आरबीआई रेट महंगे करेगा तो रेपो रेट भी बढ़ेगा शॉर्ट टर्म के लिए होता था बैंक रेट भी बढ़ेगा या आप बैंकिंग में आपने ये टॉपिक पूरा डिटेल में समझाया मैंने अगर आपने बैंकिंग वाला वीडियो नहीं देखा तो प्लीज उसको जाके देख के आओ सेम टॉपिक है रेपो रेट बढ़ेगा बैंक रेट बढ़ेगा रिवर्स रेपो रेट भी बढ़ेगा सर रिवर्स रेपो रेट क्या होता था रिवर्स रेपो रेट होता था कि अगर कमर्शियल बैंक सेंट्रल बैंक के पास पैसा जमा करते हैं तो उनको कितना ब्याज मिलेगा तो कमर्शियल बैंक अगर सेंट्रल बैंक के पास पैसा जमा करेंगे और ज्यादा ब्याज मिल रहा है तो वो इकॉनमी में तो पैसा नहीं देंगे वो सब इधर जमा करेंगे तो मनी सप्लाई कंट्रोल हो जाएगा है ना ओपन मार्केट ऑपरेशंस होता है गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को बाय या सेल करना तो ओपन मार्केट ऑपरेशंस में हम लोग क्या करते हैं गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को अभी फिलहाल मनी सप्लाई ज्यादा है हम कंट्रोल करना चाहते हैं तो हम सिक्योरिटीज बेचेंगे सिक्योरिटीज की सेलिंग करेंगे सेलिंग करने से क्या होगा जनता के पास सिक्योरिटीज पहुंच जाएगी हमारे पास उनका पैसा आ जाएगा तो सेलिंग ऑफ गवर्नमेंट सिक्योरिटीज सीआरआर होता है कि आपको सेंट्रल बैंक के पास कुछ परसेंटेज ऑफ योर डिपॉजिट्स जमा कराना है और एसएलआर होता है अपने पास भी आपको कुछ ना कुछ जमा करना है फॉर एग्जांपल ₹1 एक बैंक के पास आए ₹10 बैंक को यहां रखने हैं ₹10 यहां रखने हैं यह होता है सेंट्रल बैंक के पास ये होता है अपने पास तो लोन कितना बांट सकता है 80 मनी सप्लाई 80 का बढ़ाएगा वो हम चाहते हैं कम जाए तो हम ये दोनों बढ़ा देते हैं कि भैया रिजर्व यहां पे भी बढ़ेगा यहां पर भी बढ़ेगा तो एलआरआर को आपको बढ़ाना है इसको बढ़ाने से अपने आप मनी सप्लाई कंट्रोल हो जाएगा ओके जब आपको मनी सप्लाई बढ़ाना हो तो इन सबको कम करो है ना रेपो रेट का मतलब रेपो रेट कम करने का मतलब है कि आप आसानी से लोन देना चाहते हो बैंक रेट कम करने का मतलब भी यही है कि आप आसानी से लोन चाहते हो रेपो रेट शॉर्ट टर्म के लिए होता है बैंक रेट लॉन्ग टर्म के लिए होता है रिवर्स रेपो रेट का क्या मतलब है सर रिवर्स रेपो रेट को भी हमें कम कर देना है कि हमारे पास मत जमा करो पब्लिक में बांटो आप हमारे पास जमा करोगे तो हम आपको जो इंटरेस्ट देंगे उसको रिवर्स रेपो रेट बोलते थे वह भी कम करना है ओपन मार्केट ऑपरेशंस में इस बार सिक्योरिटीज को हम लोग बाय करेंगे ओपन मार्केट ऑपरेशंस में हम लोग इस बार सिक्योरिटीज को बाय करेंगे आरबीआई बाय करेगा तो आरबीआई के पास सिक्योरिटी आ जाएगा पैसा पब्लिक के पास पहुंच जाएगा एलआरआर को भी कम करा जाएगा सीआरआर एसएलआर दोनों कम करे जाएंगे कि रिजर्व मत बनाओ ज्यादा से ज्यादा लोन बांटो ठीक है मार्जिन क्या होता था सर मार्जिन होता था कि डिफरेंस बिटवीन लोन एंड सिक्योरिटी कि अगर 1 लाख का लोन चाहिए तो 5 लाख की सिक्योरिटी लेके आओ 50000 का डिफरेंस आया वो मार्जिन होता था अगर लोन नहीं देना तो मार्जिन को बढ़ा देते थे लोन देना है तो मार्जिन को कम कर देते थे सर यहां न क्यों देना है क्योंकि डिमांड नहीं है भाई लोगों को पैसा दो तो डिमांड बढ़ेगी मोरल सुए आरबीआई बोलता है जैसा मैं बोलूंगा मेरी बात माननी पड़ेगी आरबीआई की बात को सुनना इज मोरल सुशन है ना जैसे हमारी मोरल ड्यूटी है हमारी पेरेंट्स की बात को सुनना वैसे ही कमर्शियल बैंक की ड्यूटी है आरबीआई की बात को सुनना उसको हम मोरल सुशन बोलते हैं तो आरबीआई बोलेगा डिस्क करज लैंडिंग हमें लेंड नहीं करना डिस्क लेंडिंग और यहां पे क्या करेगा इनकरेज लेंडिंग ज्यादा से ज्यादा लोन दो ठीक है यहां पर बच्चों लेंड नहीं करना लोन रोकता है तो सिलेक्टिव क्रेडिट कंट्रोल चलाता है यहां पे हम करते हैं इंट्रोड्यूस क्रेडिट राशनिंग क्रेडिट राशनिंग एक स्कीम है जिसके अंदर आरबीआई बोलता है कि बहुत केयरफुली असेस करके चेक करके लोन बांटो यह नहीं किसी को भी दे रहे हो तो राशनिंग करो मेजर करो एक्यूरेसी से देख करो और जिसको जरूरत है उसको दो बाकियों को मत दो तो इंट्रोड्यूस करो क्रेडिट राशनिंग यहां पे क्या कर लेना है विड्रॉ कर दो सब को पैसा बांटो विड्रॉ क्रेडिट राशनिंग कोई राशनिंग करने की जरूरत नहीं है पैसा बांटो तो एक्सेस डिमांड और डेफिसिट डिमांड को ठीक करने के लिए यह सारी की सारी पॉलिसीज चलती है यह सारे के सारे इंस्ट्रूमेंट्स चलते हैं अगर आपको इसमें से कोई भी इंस्ट्रूमेंट डिटेल में पढ़ना हो तो एक बार बैंकिंग खोल लेना बैंकिंग में मैंने बहुत ज्यादा टाइम लगा के इसको पढ़ाया है तो वहां पे पढ़ाया था तो दोबारा कोई परपज नहीं है सेम टॉपिक है राइट तो एक्सेस डिमांड को कैसे कंट्रोल करना है एक तैयार कर लेना दूसरा अपने आप तैयार हो जाएगा जस्ट रिवर्स लिख के आना है बेटा जी ओके तो देखो गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर से चीजें ठीक हो सकती है टैक्सेस से चीजें ठीक हो सकती है ओके उसके बाद आरबीआई के पास जो पॉलिसीज है उसको हम मॉनेटरी पॉलिसी बोलते हैं उसमें क्वांटिटेशन मार्केट ऑपरेशन एलआरआर राइट और उधर कौन-कौन से हो गए मार्ज इन मोरल सुशन सिलेक्टिव क्रेडिट कंट्रोल और यह सब पढ़ने के बाद बच्चों हमारा यह यूनिट पूरा का पूरा समाप्त हो जाता है अब बचे हमारे पास इस यूनिट के न्यूमेरिकल्स न्यूमेरिकल्स मैं आपको बिल्कुल लास्ट में कराऊंगा सीरीज खत्म होने के बाद एक सेपरेट दो दिन की सीरीज चलाएंगे जिसमें सारे न्यूमेरिकल्स एक बार देखेंगे एडी एएस के है ना क्योंकि वो पक्का एग्जाम में आने हैं जैसे नेशनल इनकम के हैं तो एडीए के दो दिन लगाएंगे सीरीज खत्म होने के बाद जिसमें हम सिर्फ और सिर्फ न्यूमेरिकल पोर्शन कवर करेंगे या देख लेंगे 21th जो हमारा 21 डे आएगा उस परे खत्म कर लेंगे तो यह यूनिट हमारा कंप्लीट हो जाता है इक्वेशंस आती है कंसंट सेविंग की वो न्यूमेरिकल के साथ ही चलेंगी बाकी अब हमारे पास मैक्रो में बचते हैं बेटा तीन चैप्टर गवर्नमेंट बजट बीओपी फॉरेन एक्सचेंज जिसमें से दो हम लोग कल कर लेंगे मे बी फॉरेन एक्सचेंज और बीओपी हम कल करेंगे और गवर्नमेंट बजट बचेगा वो हम करेंगे परसों बस अब तो मंडे को ही होगा और मैक्रो खत्म इंडियन में चार चैप्टर्स बचे हैं माइक्रो का रिवीजन भी शाम को चल रहा है 9:00 बजे तो जो बच्चों के स्टेट बोर्ड वाले बच्चे जिनमें माइक्रो आ रहा है तो वो 9:00 बजे माइक्रो भी रिवाइज कर सकते हैं वहां पे भी पूरे पूरे यूनिट्स में वन शॉट करा रहा हूं तो बहुत शानदार तरीके से चीजें चल रही हैं ऑलराइट थैंक यू सो मच गाइ फॉर जॉइनिंग इन हमारा सफर अभी बहुत लंबा है बट हम बहुत अच्छे तरीके से काम करेंगे मेहनत करेंगे क्योंकि लाइफ इज ऑल अबाउट द जर्नी एंड इज नॉट अबाउट द डेस्टिनेशन कहां पहुंचेंगे कहां नहीं उससे फर्क नहीं पड़ता जर्नी को एंजॉय करो मिलते हैं बहुत जल्द टिल देन सीया टेक bye-bye [संगीत]