ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग
ट्रांजेक्शन क्या होता है?
- ट्रांजेक्शन एक ए कल लॉजिकल कार्य इकाई होती है जो कई operations के संग्रह से मिलकर बनती है।
- इसका मुख्य उपयोग बैंकिंग सेक्टर में होता है जैसे कि पैसे का एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करना।
- यह एक प्रोग्राम की इकाई है जो विभिन्न डेटा आइटम्स को एक्सेस कर सकती है और अपडेट कर सकती है।
ट्रांजेक्शन ऑपरेशन
- एक ट्रांजेक्शन में दो मुख्य ऑपरेशन होते हैं:
- रीड (Read):
- खाते x के मूल्य को डेटाबेस से पढ़कर मुख्य मेमोरी में बफर में स्टोर करता है।
- राइट (Write):
- बफर से अपडेटेड डेटा को मुख्य मेमोरी में स्टोर करता है।
उदाहरण
- दो खाते:
- x और y
- शुरुआत में, x के पास 1000 रुपये और y के पास भी 1000 रुपये हैं।
- x खाते से 500 रुपये रिड्यूस करना और y खाते में जोड़ना।
- अंतिम परिणाम:
- x के पास 500 रुपये बचे और y के पास 1500 रुपये हो गए।
ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग की विशेषताएँ
- रीड और राइट ऑपरेशन ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- अगर फेलियर होता है, तो रोल बैक कंडीशन लागू होती है।
रोल बैक की आवश्यकता
- अगर ट्रांजेक्शन बीच में फेल हो जाता है, तो इसे रोल बैक किया जा सकता है।
- उदाहरण: अगर डेबिट ट्रांजेक्शन ऑपरेशन 2 के बाद फेल हो जाता है, तो स्थिति रोल बैक कर दी जाती है।
समाधान
- कमिट (Commit):
- जब प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है, तो इसे कमिट किया जाता है।
यह आपका बेसिक इंट्रोडक्शन था ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग का। धन्यवाद।