ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग का सारांश

May 15, 2025

ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOPs) का परिचय

मुख्य बिंदु

  • आज हम OOPs को ज़ीरो से एडवांस तक कवर करेंगे।
  • यह लेक्चर प्लेसमेंट और इंटर्नशिप इंटरव्यूज़ के लिए महत्वपूर्ण है।
  • OOPs की मजबूत समझ होना आवश्यक है।

OOPs के सिद्धांत

  • ऑब्जेक्ट्स और क्लासेस:
    • ऑब्जेक्ट: रियल वर्ल्ड की एंटिटी।
    • क्लास: ऑब्जेक्ट्स का ब्लूप्रिंट।

OOPs के मुख्य सिद्धांत:

  1. एनकैप्सुलेशन:

    • डेटा और फंक्शंस को एक ही यूनिट में बांधना।
    • डेटा हाइडिंग: संवेदनशील जानकारी को छुपाना।
  2. एब्स्ट्रैक्शन:

    • अनावश्यक विवरण को छुपाना और महत्वपूर्ण भागों को दिखाना।
  3. इन्हेरिटेंस:

    • एक क्लास की प्रॉपर्टीज को दूसरी क्लास में इस्तेमाल करना।
    • उदाहरण: पेरेंट और चाइल्ड क्लास।
  4. पॉलीमोर्फिज्म:

    • एक ही फंक्शन का अलग-अलग रूपों में कार्य करना।
    • उदाहरण: कंस्ट्रक्टर ओवरलोडिंग और फंक्शन ओवरलोडिंग।

कंस्ट्रक्टर और डिस्ट्रक्टर

  • कंस्ट्रक्टर:
    • ऑटोमेटिक रूप से ऑब्जेक्ट्स को इनिशियलाइज़ करता है।
  • डिस्ट्रक्टर:
    • मेमोरी को डी-एलोकेट करता है।

स्टैटिक कीवर्ड

  • स्टैटिक वेरिएबल्स सभी ऑब्जेक्ट्स द्वारा शेयर किए जाते हैं।
  • स्टैटिक वेरिएबल्स का जीवनकाल प्रोग्राम के पूरे जीवनकाल तक होता है।

OOPs का व्यावहारिक उपयोग

  • प्रोग्रामिंग में OOPs सिद्धांतों का उपयोग करते समय, हमें डेटा और फंक्शंस के साथ सही तरीके से प्रबंधन करना चाहिए ताकि कोड की पुनः उपयोगिता और संगठन में सुधार हो सके।

निष्कर्ष

  • OOPs के सिद्धांतों को समझना और लागू करना इंटरव्यूज़ में महत्वपूर्ण है।
  • एमसीक्यू प्रश्नों का अध्ययन करें और अपने नोट्स तैयार करें।
  • अपने इंटर्नशिप और प्लेसमेंट इंटरव्यूज़ के लिए तैयार रहें।

  • यह लेक्चर विभिन्न OOPs के सिद्धांतों का विस्तृत अध्ययन प्रदान करता है, जिससे विद्यार्थियों को अपने प्रोग्रामिंग कौशल को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।