हेलो स्टूडेंट्स कैसे हैं आप सब लोग आज हम लोग क्लास 12थ बिजनेस स्टडीज का सेकंड चैप्टर पूरा का पूरा कवर करेंगे वन शॉट के अंदर यानी जीरो टू एंड सेकंड चैप्टर को क्लास बहुत बेसिक से लेकर एडवांस तक सब कुछ इसके अंदर हम कवर करने जा रहे हैं वन शॉर्ट के अंदर तो वीडियो एंड तक देखना और आज इस चैप्टर को पूरी तरीके से खत्म करना है ताकि क्लास हम बाद में इसकी केस स्टडीज भी कर सके तो स्टार्ट करते हैं चैप्टर नंबर टू प्रिंसिपल्स ऑफ मैनेजमेंट देखो यार अगर मैं सीबीएससी के सिलेबस की बात करूं तो प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट में यह सारी चीजें हैं उसकी कांसेप्ट और सिग्निफिकेंट यानी कि प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट के फीचर है इंपोर्टेंस है और फियोल के प्रिंसिपल्स है और टेलर के साइंटिफिक मैनेजमेंट के प्रिंसिपल और टेक्निक मतलब टेक्निक और प्रिंसिपल्स दोनों है टेलर के और फेयोल के 14 प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट है मैं कोशिश करूंगा तीन से चार क्लासेस के अंदर अच्छे से इस चैप्टर को पूरी तरीके से खत्म कर दूं ठीक है तो स्टार्ट करते हैं सबसे पहले मीनिंग से कि प्रिंसिपल्स ऑफ मैनेजमेंट होते क्या है तो मेरे पास दो वर्ड है यहां पे सबसे पहला प्रिंसिपल्स सिद्धांत और किसके क्लास मैनेजमेंट के सो प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट होता क्या है यानी कि जो मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स है वो फंडामेंटल ट्रुथ है व्हिच हेल्प्स द मैनेजर टू टेक एक्शंस एंड डिसीजन देखो यार ऑर्गेनाइजेशन में जो मैनेजर्स होते हैं ना उन्हें बहुत सारे एक्शंस लेने होते हैं एज अ मैनेजर अगर आप एक कंपनी के मैनेजर हो तो आपको बहुत सारे एक्शंस लेने होते हैं बहुत सारे आपको काम कर करने होते हैं और बहुत सारे जगह पे आपको डिसीजंस लेना होता है कि यह करना चाहिए या नहीं करना चाहिए कोई काम करना चाहिए तो क्यों करना चाहिए इसका रिजल्ट क्या आएगा उसका इफेक्ट क्या होगा तो आपको बहुत सारे एक्शंस और डिसीजंस लेने पड़ते हैं एज अ मैनेजर तो वो जो एक्शन और डिसीजन लोगे उसको गाइड करता है क्लास प्रिंसिपल्स ऑफ मैनेजमेंट यानी कि कुछ ऐसे सिद्धांत बताए जाते हैं आपको कुछ ऐसे प्रिंसिपल्स बताए जाते हैं जो क्लास आपके डिसीजन मेकिंग एबिलिटी को इंप्रूव करता है और आप ऑर्गेनाइजेशन में अच्छे से काम करते हो और सही डिसीजंस ले पाते हो सो प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट क्या है क्लास फंडामेंटल ट्रुथ है जो कि बिल्कुल सही है जो मैनेजर की मदद करता है क्लास ताकि वो क्लास मैनेजरियल एक्शंस और डिसीजंस को ले सके अगर मैं मैनेजमेंट के प्रिंसिपल्स की बात करूं जैसे मैं आपको बहुत सारे प्रिंसिपल्स तो हैं मैं आपको एक प्रिंसिपल का एग्जांपल देता हूं क्लास जिसका नाम है प्रिंसिपल ऑफ इक्विटी प्रिंसिपल ऑफ इक्विटी क्या कहता है किसी भी एंप्लॉई के बीच में किसी प्रकार का कोई भेदभाव कोई डिस्क्र नेशन आपको नहीं करना है दिस इज कॉल्ड प्रिंसिपल ऑफ इक्विटी तो अगर आप भेदभाव करोगे किसी भी एंप्लॉई के बीच में तो होगा क्या एंप्लॉई छोड़ के चला जाएगा अपने बेस्ट एबिलिटी से परफॉर्म नहीं करेगा अपना अच्छे से पोटेंशियल को यूज नहीं करेगा और वो कंपनी को छोड़ के चला जाएगा अल्टीमेटली आपका नुकसान होगा तो प्रिंसिपल ऑफ इक्विटी कहता है क्ला सारे एंप्लॉयज को आप बराबर तरीके से देखो भले ही उसका लेवल अलग-अलग है लेकिन जो ट्रीटमेंट है ये नहीं कह रहा सबको बराबर बराबर सैलरी दो बट सबके साथ जो ट्रीटमेंट है सबके साथ जो बिहेवियर है जो रूल्स है वो सबके साथ क्या होना चाहिए सेम हो होना चाहिए ठीक है तो वो हमें हेल्प करता है क्लास ताकि हम ऑर्गेनाइजेशन में सही से डिसीजन ले सके और कंपनी को इंप्रूव कर सके अगर मैं बात करूं फीचर की कैरेक्टरिस्टिक नेचर और फीचर्स ऑफ मैनेजमेंट प्रिंसिपल तो बहुत सारे फीचर्स अभी पढ़ेंगे एक-एक करके लाइक जनरल गाइडलाइंस है फ्लेक्सिबल है फॉर्म बाय प्रैक्टिस एंड एक्सपेरिमेंट यूनिवर्सल एप्लीकेशन है बिहेवियरल नेचर है यानी कि इंसान के बिहेवियर को क्लास ये क्या करता है डिफाइन करता है कैसा आपको काम करना है और कॉज एंड इफेक्ट रिलेशनशिप कि इस प्रिंसिपल का कॉज क्या है क्यों इसे लगाना है और इसको ल गाने का असर क्या होगा जैसे साइंस में होता है प्रिंसिपल्स बेसिकली साइंस में दिखे देखे जाते हैं कि यार इसका कॉज क्या होगा इसका कारण क्या है और इसका इफेक्ट क्या होगा मैनेजमेंट प्रिंसिपल में भी क्लास आपको कॉज और इफेक्ट देखने को मिलेगा कि इस प्रिंसिपल को लगाने से इसका इफेक्ट क्या आएगा तो सबसे पहले फीचर की बात करते हैं दैट इज जनरल गाइडलाइंस देखो जो मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स है ना वो कोई रेडीमेड सॉल्यूशन नहीं है सर प्रिंसिपल कौन-कौन से हैं वो क्लास हम अगली क्लास में देखेंगे मैनेजमेंट के बहुत सारे प्रिंसिपल्स फेयोल के हम पढ़ेंगे क्लास पूरे 14 प्रिंसिपल्स तो उन 14 प्रिंसिपल्स को ज आप पढ़ोगे ना एक्चुअल में दिमाग ख दिमाग खुल जाएगा आपका कि यार ऑर्गेनाइजेशन में डिसीजंस कैसे लेने क्या सही है क्या गलत है आपको नॉलेज देता है मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स लेकिन हां रेडी टू मेड सॉल्यूशन नहीं है कि आंख बंद करके किसी भी सिचुएशन में इस प्रिंसिपल को लगा दिया नहीं मैनेजमेंट प्रिंसिपल सिर्फ आपको गाइड करता है कि आपको कैसा काम करना है सही क्या है गलत क्या है ये आपको गाइड करेगा मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स आर गाइडलाइंस टू द एक्शन कि आपको काम जो करना है ना उ के लिए गाइडलाइंस है बट दिस प्रिंसिपल डू नॉट प्रोवाइड रेडीमेड सॉल्यूशन फॉर एनी प्रॉब्लम इट मींस ब्लाइंड यू कैन नॉट अप्लाई द स्टेटमेंट्स इन नी एनी सिचुएशन क्लास आप आंख बंद करके इसको किसी भी सिचुएशन में अप्लाई नहीं कर सकते यानी कि क्लास यह आपको गाइड करता है सिर्फ आपके बिहेवियर को क्लास गाइड करेगा यह दूसरा है फ्लेक्सिबल मैनेजमेंट प्रिंसिपल फ्लेक्सिबल है फ्लेक्सिबल तो समझते ही हो ना क्लास आप लोग फ्लेक्सिबल का मतलब क्या है जो बदल सकता है जिसे चेंज कर सकते हैं सिचुएशन टू सिचुएशन मैनेजमेंट प्रिंसिपल कैन बी अप्लाइड डिफरेंट अंडर डिफरेंट कंडीशंस अलग-अलग कंडीशन में मैनेजमेंट प्रिंसिपल को अलग-अलग तरीके से लागू किया जा सकता है सम चेंजेज कैन बी मेड इन एप्लीकेशंस ऑफ प्रिंसिपल अकॉर्डिंग टू द रिक्वायरमेंट ऑफ द कंपनी कंपनी की रिक्वायरमेंट के अकॉर्डिंग आप क्या कर सकते हो इन प्रिंसिपल में थोड़े बहुत थोड़े बहुत चेंज कर सकते हो ठीक है जैसे मान लो एक प्रिंसिपल है जो कहता है अच्छी सैलरी दो एक प्रिंसिपल है जो कहता है कि भैया अच्छी तनख्वा दो ताकि घर पर चल सके अब वो अच्छी तनख्वा का डेफिनेशन अलग है अगर आप बैंगलोर में रहते हो तो वहां पे अच्छी तनख्वा का मतलब अलग है अगर नोएडा में रहते हो तो वहां की सैलरी वहां के लोगों को जो सैलरी दी जाती है वो अलग क्योंकि वहां पे जो लिविंग कंडीशन है वो अलग है उसी तरीके से क्लास अगर आप गुड़गांव में जाते हो तो वहां पे सैलरी ज्यादा मिलती है क्योंकि वहां पे खर्चे ज्यादा है मुंबई में सैलरी ज्यादा मिलेगी वहां पे खर्चे बहुत ज्यादा है वहां किराया बहुत ज्यादा है तो इसी तरीके से आप ये डिफाइन नहीं कर सकते एगजैक्टली एक नंबर बिकॉज ये स्टेट टू स्टेट क्या करता है क्लास कंट्री टू कंट्री क्या करता है वेरी करता है कंट्री के रूल्स अब यूएस के रूल अलग है न्यूयॉर्क में सैलरी देने का जो रूल है वो सरकार बनाती है भाई कम से कम इतनी सैलरी होनी चाहिए इंडिया में क्लास रूल है बट उसको रियल लाइफ में फॉलो नहीं करती कंपनी है ना तो फ्लेक्सिबल का मतलब क्या है आप प्रिंसिपल को अपने हिसाब से चेंज कर सकते हो फ्लेक्सिबल ऐसा रिजडले मेंट नहीं है जो लिखा है वही होगा आप अपने हिसाब से क्लासेस को चेंज कर सकते हो तो पहला क्या है जनरल गाइडलाइन दूसरा क्या है फ्लेक्सिबल तीसरा फॉर्म बाय प्रैक्टिस एंड एक्सपेरिमेंट ये जितने भी प्रिंसिपल बनाए गए हैं ना जैसे अभी आप पढ़ोगे साइंटिफिक मैनेज में टेलर के जो प्रिंसिपल्स हैं उन प्रिंसिपल्स को ऐसा आंख बंद करके नहीं बना दिया गया जितने भी प्रिंसिपल्स आप इस चैप्टर में आगे जाक पढ़ोगे इन प्रिंसिपल को मल्टीपल टाइम एक्सपेरिमेंट करके बनाया है जैसे क्लास किसी काम को करने का समय कितना होना चाहिए अगर एक कंपनी घड़ी बना रही है तो वो घड़ी एक कितनी घड़ी बनेगी एक दिन के अंदर तो इसे अपनी मर्जी से डिसाइड नहीं किया हजारों लाखों लोगों को काम पे लगाया जाएगा उनका एवरेज टाइम नोट किया जाएगा हर एक आदमी कितने घंटे में कर रहा है फिर उसका एक एवरेज टाइम निकाल के सबको बोला जाएगा भैया आपको एक घड़ी इतनी देर में बनानी है मेरी बात समझ रहे हो मतलब कि एवरेज बेसिस पे तो यहां जितने भी मैनेजमेंट के प्रिंसिपल्स हैं वो कैसे बनते हैं क्लास प्रैक्टिस और एक्सपेरिमेंट से द मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स आर डेवलप ओनली आफ्टर थ्रू रिसर्च वर्क दे आर नॉट डेवलप ओवरनाइट रातों-रात डेवलप नहीं होते प्रॉपर ऑब्जर्वेशंस एंड एक्सपेरिमेंट आर कंडक्टेड बिफोर डेवलपिंग देम तो मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स को डेवलप करने से पहले भैया प्रॉपर एक्सपेरिमेंट किया जाता है प्रॉपर रिसर्च किया जाता है तब जाके उसे बनाया जाता है जस्ट लाइक साइंटिफिक प्रिंसिपल्स राइट अगला यूनिवर्सल एप्लीकेशन यानी कि परवेसिव द प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट आर यूनिवर्सल इन नेचर इट मींस दे कैन बी अप्लाई टू ऑल टाइप ऑफ ऑर्गेनाइजेशन जैसे मैंने आपको बोला प्रिंसिपल ऑफ इक्विटी चाहे छोटी कंपनी हो चाहे बड़ी कंपनी हो चाहे स्कूल हो चाहे हॉस्पिटल हो सब सबके साथ जो बिहेवियर है ट्रीट है वो इक्वल करना चाहिए अच्छी सैलरी देनी चाहिए तो हर जगह है ना अच्छी सैलरी छोटी कंपनी हो बड़ी कंपनी हो क्लास प्रॉफिट मेकिंग हो नॉट फॉर प्रॉफिट मेकिंग हो स्पोर्ट्स क्लब हो हर जे क्लास जो ट्रीटमेंट वर्कर के साथ बराबर और सैलरी अच्छी देनी चाहिए इर रिस्पेक्टिव नेचर साइज बिजनेस नॉन बिजनेस स्मॉल लार्ज पब्लिक प्राइवेट कोई लेना देना नहीं लाइक डिवीजन ऑफ वर्क एक प्रिंसिपल और है जिसका नाम है डिवीजन ऑफ वर्क ये प्रिंसिपल क्या कहता है पढ़ोगे आप कल को कि जो टोटल वर्क है उसके छोटे छोटे पार्ट कर दो यह सारा का सारा काम है इसको पांच हिस्सों में बांट दो चार हिस्सों में बांट दो ठीक है या छह हिस्सों में बांट दो जितने भी इससे में बांटते हो एक इंसान को एक ही काम दो मतलब एक इंसान से सारा काम मत कराओ एक इंसान को एक ही काम दो मैचिंग टू हिज स्किल्स हिज क्वालिफिकेशन उसकी एबिलिटी को देखो उसके इंटरेस्ट को देखो यह सब देखते हुए किसी इंसान को एक ही काम दो बस कि भाई तेरा काम यही है वही काम करते-करते बार-बार अपने काम में एक्सपर्ट हो जाएगा रिसोर्सेस का वेस्टेज कम करेगा समय पर सामान जो है बना के दे देगा तो इससे क्लास आपको काफी फायदा होगा तो ये प्रिंसिपल हर जगह चलता है मंदिर में देखो मस्जिद में देखो घर में देखो आप स्कूल में देखो हॉस्पिटल में देखो सब अपना-अपना काम पकड़े हुए हैं सबको वही वही काम करना है समझ रहे हो बात को दिस इज कॉल्ड यूनिवर्सल एप्लीकेशन और हर जग क्लास अप्लाई होता है अगला बिहेवियरल नेचर बिहेवियरल नेचर का मतलब क्या है कि मैनेजमेंट प्रिंसिपल ना इंसान के बिहेवियर के लिए है कि आप कैसा रिएक्ट करोगे क्या सिचुएशन करो कैसा डिसीजन लोगे आपका बिहेवियर क्या रहेगा मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स आर फॉर्म्ड एंड गाइड द इन्फ्लुएंस द बिहेवियर ऑफ एंप्लॉई एंप्लॉई के बिहेवियर को चेंज करना एंप्लॉई के बिहेवियर को सही डायरेक्शन में लेके जाना कि आपका बिहेवियर कैसा है या नहीं कि कंपनी में तुम्हारा गांव का कोई आदमी काम करता है तो उसको छुट्टी दिए जा रहे हो उसका छुट्टी पास कर रहे हो दूसरे आदमी के घर में कोई बीमार है फिर भी आप छुट्टी नहीं दे रहे दिस प्रिंसिपल इंसिस्ट इंप्रूविंग द रिलेशनशिप बिटवीन सुपीरियर सबोर्डिनेट सुपीरियर मतलब आपसे जो काम करवा रहा है बॉस सबोर्डिनेट मतलब क्लास आप बॉस के नीचे जो है एंप्लॉई ठीक है अगर मेरा एक बॉस है तो मैं उसको सुपीरियर बोलूंगा और मैं क्या हो गया उसके लिए सबोर्डिनेट एंड ऑल ऑफ द मेंबर ऑर्गेनाइजेशन तो मेंबर जितने भी ऑर्गेनाइजेशन में है ना सबकी बिहेवियर को क्लास काफी अच्छे से मॉड्यूल करता है या फिर आप समझो काफी अच्छे से इन्फ्लुएंस करता है ताकि वो सही डिसीजन ले सके जब मैं आपको पढ़ा दूंगा ना 14 के 14 प्रिंसिपल फेयोल के और टेलर के जो प्रिंसिपल्स हैं तो आपको लगेगा हां यार इस प्रिंसिपल से तो हमें काफी कुछ सीखने को मिला कल को अगर कंपनी में ऐसी सिचुएशन आएगी तो हम क्या करेंगे तो यही प्रिंसिपल आपको नॉलेज देगा गाइड करेगा कि हां तब आप क्या करोगे अगर आप ऐसा करोगे तो उसका असर क्या होगा ऐसा नहीं करोगे तो असर क्या होगा राइट दिस इज कॉल्ड कॉज एंड इफेक्ट रिलेशनशिप तो जो प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट है वो कहता है कि किसी भी प्रिंसिपल को लगाने का कारण क्या है और लगाने से असर क्या होगा एज यू ऑल नो दैट मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स आर डेवलप आफ्टर कंटीन्यूअस प्रैक्टिस एंड रिसर्च वर्क मैंने बताया क्लास फॉर्म बाय प्रैक्टिस एंड रिसर्च सो दीज आर बेस्ड ऑन कॉज एंड इफेक्ट दैट मींस द प्रिंसिपल टेल अस अगर वो प्रिंसिपल बताएगा कि अगर हम इस प्रिंसिपल को लगाएंगे तो क्या होगा अगर आप काम का बंटवारा करोगे तो क्या होगा हर एक इंसान को अपना काम पता रहेगा ओवरलैपिंग भी नहीं होगा रिसोर्सेस का वेस्टेज भी नहीं होगा लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो एक इंसान ओवर बर्डन फील करेगा जैसे एक एक और प्रिंसिपल है एक और प्रिंसिपल है दैट इज कॉल्ड प्रिंसिपल ऑफ अथॉरिटी एंड रिस्पांसिबिलिटी अथॉरिटी मतलब पावर रिस्पांसिबिलिटी मतलब जिम्मेदारी तो अगर आप अथॉरिटी दे रहे हो किसी को तो उतनी ही रिस्पांसिबिलिटी भी दो यानी अथॉरिटी मस्ट बी इक्वल टू रिस्पांसिबिलिटी अगर आपने पावर ज्यादा दे दिया तो पावर का मिसयूज करेगा पावर कम दिया तो ओवर बर्डन फील करेगा लाइक आप मेरी दुकान में काम करते हो सेल्स पर्सन हो आप मैं बोलूंगा भैया देख तेरे को आज संडे है आज तेरे को 5 लाख का माल बिकवा है अगर मैं आपसे कहता हूं मान लेते हैं आज संडे है मैं आपसे बोलू आज 5 लाख का माल बिकवा है तो आप बोलोगे सर जी 5 लाख का माल कैसे बिकेगा ग्राहक कैसे खरीदेंगे मैं बोलता हूं नहीं मैं तुम्हें पावर देता हूं तुम अपने हिसाब से डिस्काउंट भी दे देना कोई दिक्कत नहीं है डिस्काउंट दे देना ग्राहक को सेल्स बढ़ाने के लिए एक खरीदोगे 10 पर डिस्काउंट दो खरीदोगे 40 पर डिस्काउंट तीन खरीदोगे 60 पर डिस्काउंट ग्राहक तीन खरीद के जाएगा मॉल में होता है ना ऐसा बाय वन गेट वन बाय टू गेट फोर तो सोचता है मैं एक क्यों खरीदूंगा या बाय टू गेट थ्री तो मैं सोचता है एक क्यों खरी दूं दो खरीदूंगा इस तरीके से तो जो मैंने उसको बोला भाई तो डिस्काउंट दे सकता है तो वो क्या हु है क्लास पावर यानी कि अथॉरिटी और मैंने बोला 5 लाख का माल बवाना है तो वो क्या हो गया रिस्पांसिबिलिटी तो अगर मैं बोलूंगा अपने मन से दे देना डिस्काउंट तो भ वो 90 100% डिस्काउंट भी दे देगा तो मैं बोलूंगा भाई देख तू अपने मन से डिस्काउंट दे सकता है लेकिन 50 पर तक ही दे सकता है उसके आगे नहीं दे सकता उसके आगे तेरे को डिस्काउंट देना है तो मेरे पास आना मैं दूंगा ग्राहक को डिस्काउंट समझ रहे हो तो नहीं एक लिमिट कर दूंगा नहीं तो फिर वो पावर का मिसयूज करेगा अपने घर वालों को बुलाएगा सब 100% डिस्काउंट में फ्री में बेज देगा या बहुत कम दाम में बेज देगा ठीक है तो कॉज एंड इफेक्ट रिलेशनशिप का मतलब क्या है किसी भी प्रिंसिपल का कॉज क्या है उसका कारण क्या है उसको लगाने का और उसका इफेक्ट क्या होगा अगर हम ऐसा करते हैं तो क्या होगा नहीं करते हैं तो क्या होगा ये प्रिंसिपल जैसे एक प्रिंसिपल है सैलरी दो अच्छे से अच्छी सैलरी नहीं दोगे तो क्या होगा छोड़ के चला जाएगा दोगे तो अपने मन से काम करेगा बेस्ट एबिलिटी से काम करेगा रिसोर्सेस को वेस्ट नहीं करेगा कंपनी के लिए अच्छे से क्लास सारी चीजें करेगा जैसे स्कूल में क्या होता है आपको जब टीचर आप मारते हैं आपको तो उसका इफेक्ट क्या क्या होता है आप स्कूल के अंदर जाकर स्कूल की प्रॉपर्टी को डैमेज करते हो स्कूल में बाथरूम में जाकर टोंटी तोड़ देते हो जाके है ना और दीवारों पे पेन चला देते हो अगड़म झगड़ हम तोड़फोड़ करते हो आप स्कूल में बोर्ड को तोड़ देते हो बल्ब तोड़ देते हो स्कूल के के आपको पिटाई लगी तो उसका इफेक्ट हुआ वही चीज है क्लास तो किसी भी प्रिंसिपल को लगाने से क्या इफेक्ट होगा सो दीज आर बेज ऑन कॉज एंड इफेक्ट दैट मींस दज प्रिंसिपल टेल अस इफ अ पर्टिकुलर प्रिंसिपल इज अप्लाइड ऑन अ पर्टिकुलर सिचुएशन व्हाट माइट बी द इफेक्ट क्या इफेक्ट हो सकता है यह हमको बताता है सो ये थे क्लास मैनेजमेंट के प्रिंसिपल्स के मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स के फीचर्स अब बात करते हैं क्लास इंपोर्टेंस जैसे मैंने आपसे पहले भी कहा था फीचर बताता है क्लास की क्या-क्या कैरेक्टर है इसके और इंपॉर्टेंस बताता है कि उस बेनिफिट क्या होगा आपको फायदा क्या होगा मैनेजमेंट प्रिंसिपल अगर यूनिवर्सल है कॉज एंड डिफेक्ट रिलेशनशिप शो करता है बिहेवियरल नेचर है यूनिव क्लास गाइडलाइन जनरल गाइडलाइन है फ्लेक्सिबल है तो इससे फायदा क्या होगा तो ये सारे फायदे हैं साइंटिफिक डिसीजंस प्रोवाइड गाइडलाइंस टू द मैनेजर फुलफिल सोशल रिस्पांसिबिलिटी रिसोर्सेस का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन और मीटिंग चेंजेज इन द एनवायरमेंट आप ध्यान रखना इसमें से ये वाला पॉइंट ना ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्सेस कहीं भी किसी के भी इंपोर्टेंस में डाल सकते हो पूरे क्लास 12थ बीएसटी के सिलेबस के अंदर दैट इज ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्सेस यानी कि रिसोर्सेस का पूरी तरीके से इस्तेमाल करना रिसोर्सेस का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन करना ताकि रिसोर्सेस को वेस्टेज बिल्कुल भी ना हो ये ये इंश्योर करता भी वेस्टेज ना हो तो कैसे होगा देखते हैं जरा सबसे पहला प्रिंसिपल है साइंटिफिक डिसीजन देखो मैं तुम्हें याद करने का एक ट्रिक बताऊंगा और वीडियो के कमेंट सेक्शन में क्लास आप लास्ट में लिख के जाना देखना आपको याद रहेगा वो सबसे पहला साइंटिफिक डिसीजंस क्योंकि इंपोर्टेंस पूछ लिया जाता है कई बार तो बहुत इंपोर्टेंट है साइंटिफिक डिसीजन का मतलब क्या होता है मैनेजमेंट की जो भी प्रिंसिपल है ना वो साइंटिफिकली साइंटिफिकली डिराइवर है यानी कि उसका एक साइंटिफिक रीजन है इस प्रिंसिपल का राइट ऐसा नहीं आंख बंद करके नहीं बना दिया गया प्रैक्टिस क्रिएटिविटी एक्सपेरिमेंट करके बनाया गया है सो मैनेजमेंट प्रिंसिपल आ साइंटिफिक डिसीजन इट मींस दीज आर मेड विद द प्रॉपर लॉजिक पूरे लॉजिक के साथ रीजन फैक्ट के साथ बनाए गए तो क्लास ये आप जो डिसीजन ले रहे हैं ना मैनेजर्स उनमें काफी हेल्प करेगा अगला है क्लास गाइडलाइन मैनेजमेंट प्रिंसिपल क्या करता है गाइडलाइन करता है मैनेजर को गाइड करता है साइंटिफिक प्रिंसिपल इंप्रूव नॉलेज आपकी नॉलेज को इंप्रूव करेगा डिसीजन मेकिंग एबिलिटी को इंप्रूव करेगा आपकी अंडरस्टैंडिंग को इंप्रूव करेगा क्लास और बहुत सारे मैनेजरियल सिचुएशन में आपको कैसा रिएक्ट करना है आपको यह बताएगा आप देखना क्लास पूरा चैप्टर पढ़ने के बाद लगेगा हां यार कि मैं एक मैनेजर की तरह बिहेव कर सकता हूं एक मैनेजर इस सिचुएशन में क्या करेगा अगर ऐसा हुआ तो यह आपको क्लास सिखाता है मैनेजमेंट प्रिंसिपल यानी कि जनरल गाइडलाइंस देता है साइंटिफिक डिसीजंस तो है ही यानी कि जो डिसीजन आप ले रहे हो वह साइंटिफिकली प्रूफ है वह गलत नहीं है अगला है फुलफिल सोशल रिस्पांसिबिलिटी देखो यार हर एक मैनेजर का कर्तव्य होता है कि आप समाज के लिए काम करो समझ रहे हो बात को सोशल रिस्पांसिबिलिटी मैनेजमेंट प्रिंसिपल प्ले एन इंपॉर्टेंट रोल इन फुलफिलिंग द रिस्पांसिबिलिटी टुवर्ड्स द मैनेजमेंट टू डू समथिंग फॉर सोसाइटी देखो अपने सोसाइटी के लिए भी कुछ करना है j सिम फ्री में दिया क्लास रहे हैं आप लोग घर बैठे-बैठे कहीं से भी ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हो पढ़ाई कर सकते हो कंसल्टेंसी अच्छे से अच्छे डॉक्टर की घर बैठे ले सकते हो क्लास इंफॉर्मेशन गैदर कर सकते हो सारी चीजें क्लास होने लगी है और इसकी वजह से क्लास वर्क फ्रॉम होम भी लोग कर रहे हैं तो आपकी सोशल रिस्पांसिबिलिटी भी है मैनेजमेंट प्रिंसिपल आपको इस लाइक भी बनाता है कि आप समाज की टुवर्ड्स जो रिस्पांसिबिलिटी है वो भी निभाओ रिसोर्सेस को वेस्टेज मत करो आप सबको पता है रिसोर्सेस लिमिटेड है मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स आपकी हेल्प करता है कि आप रिसोर्सेस को वेस्टेज नहीं करोगे मैनेजमेंट प्रिंसिपल हेल्प मैनेजर टू रिड्यूस द कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन तो कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन को कम करो प्रोडक्शन करने में जो खर्चा आ रहा है उसको मिनिमाइज करो बाय ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्सेस मैनेजमेंट प्रिंसिपल हेल्प टू रिमूव द वेस्ट फुल मूवमेंट एंड सेटिंग अप स्टैंडर्ड टाइम टू कंप्लीट ए टास्क तो कंपनी में वर्कर्स ना बहुत सारे ऐसे मूवमेंट करते हैं जो वेस्टफोर्ट छ घंटे पढ़ते ही हो कई बार आप बेमतलब की वॉशरूम के बहाने घूमने फिरने निकल जाते हो तो वो क्या कर रहे हो दूसरी क्लास में बैठ जाते हो कहीं और किसी पीरियड में बैठ रहे हो स्पोर्ट में बैठे हो कहीं और बहाना बना के सर दर्द का बैठे हुए हो टाइम पास कर रहे हो तो ये सब होता है अनप्रिटेंशस मूवमेंट है जिससे कोई फायदा नहीं है अब मैं पढ़ाते पढ़ाते क्लास इधर-उधर की बातें करने लगो तो वो टाइम वेस्ट है आप बोलो सर आप टाइम क्यों वेस्ट कर रहे हो उसी तरीके से क्लास कंपनी में वर्कर बहुत सारे टाइम वेस्ट करते हैं क्लास तो ये मैनेजमेंट प्रिंसिपल क्लास उस वेस्ट टाइम को पकड़ता है कहां वेस्टेज कर रहे हैं एंप्लॉई कहां एंप्लॉई टाइम वेस्ट कर रहे हैं और उस क्लास एलिमिनेट करते हैं उसको ठीक करते हैं तो आप पढ़ोगे सारे के सारे प्रिंसिपल में रिसोर्सेस का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन होता है चाहे वो फिजिकल रिसो सोर्सेस हो चाहे वो ह्यूमन रिसोर्सेस हो किसी भी तरीके का क्लास टाइम पास टाइम वेस्ट नहीं होता मैनेजमेंट प्रिंसिपल आपको इस लाइक बनाता है कि आप सीधा-सीधा देख सको कि वर्कर कौन सा ऐसा मूवमेंट कर रहे हैं जो गलत है और उसको फिर रोकना है अगला है मडिंग चेंजेज इन एनवायरमेंट अब एनवायरमेंट में बहुत सारे चेंजेज होते हैं आपको पता है क्लास जो हमारा एनवायरमेंट है कई बार सरकार बदल गई कई बार लोगों का टेस्ट प्रेफरेंस बदल गया कई बहुत सारे ऐसे चेंजेज होते हैं जो बिजनेस एनवायरमेंट में कंटीन्यूअसली आते रहते हैं तो उन चेंजेज को अडॉप्ट करता है क्लास आपको हेल्प करता है मैनेजमेंट के प्रिंसिपल ताकि आप उन चेंजेज को अडॉप्ट कर सके एवरी बिजनेसमैन हैज टू मेक चेंजेज इन द ऑर्गेनाइजेशन अकॉर्डिंग टू द चेंजेज टेक प्लेस इन द बिजनेस एनवायरमेंट बाहर जो बदलाव आएगा उसको अंदर लागू करना पड़ेगा सरकार ने नोट बंद कर दिया तो हमें ऑनलाइन पेमेंट लेना पड़ेगा जो भी चेंजेज आ रहे हैं क्लास हमें उसे अपने बिजनेस में लगाना है और अगर हम लगाएंगे तभी हमारे बिजनेस को फायदा होगा और सोशली एथिकली लीगली यह सब जरूरी भी है तो मैनेजर प्रिंसिपल्स आपकी हेल्प करता है जब आप मैनेजमेंट के प्रिंसिपल्स को पढ़ोगे तो आपकी हेल्प करेगा वह ताकि जो भी चेंजेज एक्सटर्नल एनवायरमेंट में आ रहे हैं उसको इंटरनल एनवायरमेंट में लागू कर सके इन द बिजनेस एनवायरमेंट मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स हेल्प द मैनेजर टू अडॉप्ट दीज चेंजेज जो भी चेंजेज आ रहे हैं बाहर एक्सटर्नल एनवायरमेंट में जो भी चेंजेज आया मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स क्लास उसको इंटरनल एनवायरमेंट में अडॉप्ट करने के लिए क्लास आपकी हेल्प करेगा सो क्या-क्या है जरा पॉइंट्स पढ़ते हैं सबसे पहला साइंटिफिक डिसीजंस दूसरा ड गाइडलाइंस टू मैनेजर तीसरा फुलफिलिंग सोशल रिस्पांसिबिलिटी ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्सेस एंड मीटिंग चेंजेज इन द एनवायरमेंट अब ये सारे के सारे पॉइंट्स अगर देखें कितने पॉइंट्स है क्लास एक दोती च पा ये पांच के पांच पॉइंट एक स्टेटमेंट से एक शॉर्ट स्टेटमेंट से आप हमेशा के लिए याद कर सकते हो मुझे कमेंट सेक्शन में लिख के दिखाना क्लास स्टेटमेंट आपको याद हुआ कि नहीं सिंपल सी बात है क्या है वो मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स आर दोज सबसे पहला साइंटिफिक डिसीजन तो मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स क्या है साइंटिफिक जीजन है व्हिच प्रोवाइड जो क्लास प्रोवाइड करता है गाइडलाइंस टू मैनेजर सो दैट दे कैन फुलफिल सोशल रिस्पांसिबिलिटी ताकि समाज की टुवर्ड जो रिस्पांसिबिलिटी है वो पूरा कर सके रिसोर्सेस का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन कर सके और मीटिंग चेंजेज इन द एनवायरमेंट तो मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स आर दोज साइंटिफिक डिसीजंस व्हिच प्रोवाइड गाइडलाइंस टू द मैनेजर सो दैट दे कैन फुलफिल सोशल रिस्पांसिबिलिटी ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्सेस एंड मीटिंग चेंजेज इन द एनवायरमेंट जो येलो कलर में लिखा है वो पॉइंट्स हैं यह बा बाकी सारे क्लास इस सेंटेंस को बनाने में यूज़ किया गया है सो मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स क्या है बोलो मेरे साथ-साथ मैनेजमेंट प्रिंसिपल्स आर दोज साइंटिफिक डिसीजंस व्हिच प्रोवाइड गाइडलाइंस टू द मैनेजर सो दैट दे कैन फुलफिल सोशल रिस्पांसिबिलिटी ऑप्टिम रिसोर्सेस एंड मीटिंग चेंजेज इन द एनवायरमेंट ठीक है हेनरी फेल ने 14 प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट यानी कि मैनेजमेंट के 14 प्रिंसिपल्स दिए जो कि इन्होंने क्लास अपनी बुक में लिखे जिसकी वजह से क्लास आज बहुत सारे मैनेजर्स सक्सेस हैं इनके प्रिंसिपल्स को फॉलो करते हुए बेसिकली क्लास होता क्या है जब कोई इंसान अपने बिजनेस को बहुत अच्छे से रन करता है ठीक है तो वो सक्सेसफुल बन गया तो उससे पूछा जाता है भैया कि आपने ऐसा क्या-क्या किया किन बातों को आपने फॉलो किया तो क्लास इनसे पूछा गया इन्होंने क्लास 14 प्रिंसिपल्स दिए क्लास जो बहुत हेल्पफुल है जो क्लास अभी मैं आपको कराने वाला हूं हेनरी फेयोल वाज अ फ्रेंच माइनिंग इंजीनियर ये फ्रेंच माइनिंग इंजीनियर थे 29th ऑफ जुलाई 1841 को क्लास ये पैदा हुए इस्तानबुल टर्की में और इन्होंने एक बुक लिखी देखो देखो इसमें यही काम कि है कि उन्होंने बुक कौन सी लिखी वो बहुत इंपोर्टेंट है जो बुक लिखी हेनरी फेल्स क्लासिक जनरल एंड इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट इन्होंने इस बुक में क्लास कुछ प्रिंसिपल्स लिखे जो हम आज डिस्कस करने वाले हैं ही बिकम फेमस एज फादर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड थॉट ये फेमस हुए किस नाम से फादर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड थॉट्स बिकॉज इन्होंने कंपनी को इस ऊंचाई प पहुंचाया अपने इन्हीं प्रिंसिपल्स के थ्रू जो क्लास आपको भी हेल्प करेगा और सबको पता भी होना चाहिए तो इनके प्रिंसिपल में यह है क्लास 14 के 14 प्रिंसिपल्स हेनरी फियोल के अथॉरिटी एंड रिस्पांसिबिलिटी य यूनिटी ऑफ़ कमांड स्टेबिलिटी ऑफ़ टेनर ऑफ़ पर्सनल डिसिप्लिन ऑर्डर डिवीज़न ऑफ़ वर्क इक्विटी सबोर्डिनेशन ऑफ़ इंडिविजुअल इंटरेस्ट टू जनरल इंटरेस्ट इनिशिएटिव रेमेन स्कलर चेंज सेंट्रलाइजेशन एंड डिसेंट्रलाइजेशन स्प्रेड डी कॉप्स और यूनिटी ऑफ़ डायरेक्शन तो एक-एक करके सारे के सारे प्रिंसिपल्स को पढ़ते हैं और अच्छे से समझते हैं कि यह प्रिंसिपल बिज़नेस में किस तरीके से आपको भी हेल्प कर सकता है सबसे पहला प्रिंसिपल है प्रिंसिपल ऑफ़ डिवीज़न ऑफ़ वर्क नाम से समझ आ रहा होगा हेनरी फेयोल साहब ने कहा कि जो टोटल वर्क है उसके छोटे-छोटे पार्ट कर दो और एक इंसान को सिर्फ एक ही काम दो मैचिंग टू हिज स्किल्स हिज क्वालिफिकेशन हिज एक्सपर्टाइज्ड ताकि वो बार-बार वही काम करते-करते एक्सपर्ट हो जाए स्पेशलाइज हो जाए अपने काम में कंपनी का वेस्टेज ना करें रिसोर्सेस का और समय पर काम को पूरा करके दे सके तो अगर आप ऐसा करते हो तो क्या होगा क्लास जो वो बंदा स्पेशलाइज हो जाएगा उस काम के अंदर और अगर आप नहीं करोगे तो क्या होगा अगर आप नहीं करते तो क्लास परेशान हो जाएगा एक ही इंसान को सारा काम दे दोगे तो दिक्कत होगी पढ़ते हैं क्या है अकॉर्डिंग टू दिस प्रिंसिपल द होल वर्क मस्ट बी डिवाइडेड इनटू स्मॉल यूनिट एंड वन पर्सन इज टू असाइन ओनली वन वर्क मैचिंग टू हिज स्किल्स क्वालिफिकेशन इंटरेस्ट एंड एक्सपीरियंस दिस लीड्स टू स्पेशलाइजेशन एंड इंप्रूव एफिशिएंसी स्पेशलाइज हो जाएगा अपने काम में और रिसोर्सेस का वेस्टेज नहीं करेगा कंसीक्वेंसेस यानी कि परिणाम क्या होगा परिणाम स्वरूप कंसीक्वेंसेस ऑफ वायलेशन मतलब अगर आपने इस प्रिंसिपल को फॉलो नहीं किया मैंने आपको सिखाया भाई डिवीजन ऑफ वर्क में आप कोई काम करा रहे हो वर्कर से तो एक ही काम मत दो काम को पहले तीन-चार हिस्से में बांट दो एक इंसान को एक ही काम दो बस सिंपल सी बात है तो एक काम दोगे तो वो उसी काम में एक्सपर्ट हो जाएगा और क्लास समय कम लेगा रिसोर्सेस को वेस्ट कम करेगा लेकिन अगर आप इस प्रिंसिपल को फॉलो नहीं करते कहते हैं नहीं ये कि इंसान को दे दो सारा काम वो करेगा तो होगा क्या लैक ऑफ एफिशिएंसी वो रिसोर्सेस को वेस्टेज करेगा चेंज इन चांसेस ऑफ डुप्लीकेशन ऑफ वर्क क्योंकि क्लास यहां पे ये क्लास चांसेस है ठीक है चांसेस चांसेस ऑफ डुप्लीकेशन ऑफ वर्क यानी ऐसा भी हो सकता है कि काम डुप्लीकेट अब एक इंसान को एक ही काम दोगे तो उसे पता होगा मेरा ये काम है सारा काम एक इंसान को दे दिया तो वो सेम काम कोई दूसरा पर्सन भी कर सकता है नो स्पेशलाइजेशन एक्सपर्ट नहीं बन पाएगा वो सब कुछ करेगा तो किसी में भी एक्सपर्ट नहीं बन पाएगा और क्लास ऑर्गेनाइजेशन का जो गोल है उसको हासिल करने में देरी होगी दिस इज कॉल्ड डिवीजन ऑफ वर्क प्रिंसिपल के वायलेशन अब केस स्टडी में आपको वायलेशन पूछ सकता है कि ये सब वायलेशन है बताओ ये किस प्रिंसिपल का वायलेशन है है किस प्रिंसिपल का लेशन है क्लास डिवीजन ऑफ वर्क का सेकंड है अथॉरिटी एंड रिस्पांसिबिलिटी अथॉरिटी का मतलब क्या होता है पावर टू टेक डिसीजन पावर जो आपको मिलती है अथॉरिटी मैंने पार्ट वन में भी बताया था आपको अथॉरिटी मतलब पावर टू टेक डिसीजन और रिस्पांसिबिलिटी मतलब क्या होता है क्लास आपको जो जिम्मेदारी दी होती है आपको जो टास्क दिया होता है यह कहते हैं किसी इंसान को अगर आप रिस्पांसिबिलिटी दो तो उसी के मैचिंग की आप अथॉरिटी भी दो यानी रिस्पांसिबिलिटी मस्ट बी इक्वल टू अथॉरिटी कहने का मतलब क्या है अथॉरिटी मींस पावर टू टेक डिसीजन रिस्पांसिबिलिटी मींस ऑब्लिगेशंस टु कंप्लीट द जॉब ऑन टाइम यानी कि आप काम को समय प पूरा करो दिस इज़ कॉल्ड रिस्पांसिबिलिटी और उस काम को पूरा करने के लिए तुम्हें कुछ डिसीजंस लेने होंगे तो हम तुम्हें वह डिसीजन लेने का हक देते हैं ठीक है मान लो क्लास मैं किसी को एक मीटिंग में भेज रहा हूं तो उस मीटिंग में जाएगा वह वहां पे क्लास उसे कुछ डिसीजंस लेने होंगे मैंने बोला भाई डिसीजन अपने हिसाब से ले लेना एग्जांपल मैंने बोला भाई सेल्स को को बढ़ाओ तो तुमको रिस्पांसिबिलिटी दे दी मैंने कि सेल्स को बढ़ाओ लेकिन सेल्स बढ़ाने के लिए तुम्हें कुछ वर्कर को भी हायर करना पड़ेगा तुम्हें कुछ एक्स्ट्रा एक्सपेंस करने पड़ेंगे तुम्हें कुछ एडवर्टाइजमेंट करना पड़ेगा मार्केटिंग एजेंसी से बात करनी पड़ेगी तो मैंने बोला अपने हिसाब से कर लो तुम कैसे भी करना हो बस मुझे तो भाई काम चाहिए तो मैंने तुम्हें काम दिया और क्लास साथ में पावर भी दिया तो ये कहते हैं काम और पावर दोनों क्या होना चाहिए मैच होना चाहिए अगर ये मैच नहीं हुआ लाइक अगर रिस्पांसिबिलिटी ज्यादा दे दिया आपने तो वो ओवर बर्डन फील करेगा वर्कर और आपने पावर ज्यादा दे दिया तो पावर का मिस यूज करेगा ठीक है एक्सेस अथॉरिटी लीड्स टू मिसयूज मिसयूज ऑफ़ अथॉरिटी एक्सेस रिस्पांसिबिलिटी लीड्स टू ओवर बर्डन दिस प्रिंसिपल हेल्प्स मैनेजमेंट टू मीट द रिस्पांसिबिलिटी ऑन टाइम एंड देयर इज नो मिस यूज ऑफ़ अथॉरिटी ये प्रिंसिपल ध्यान रखता है कि कोई अथॉरिटी का मिसयूज ना हो और अथॉरिटी रिस्पांसिबिलिटी के बराबर है लेकिन अगर आप इस प्रिंसिपल को वायलेट करोगे इस प्रिंसिपल को फॉलो नहीं करोगे तो क्या होगा मिसयूज ऑफ अथॉरिटी अगर आपने किसी को ज्यादा पावर दे दिया तो वो पावर ऑ क्या करेगा क्लास मिसयूज करेगा ओवर बर्डन ड्यू टू एक्सेस ऑफ रिस्पांसिबिलिटी रिस्पांसिबिलिटी बहुत ज्यादा है तो वो ओवर बर्डन फील करेगा डिले इन वर्क ड्यू टू लेस अथॉरिटी पावर कम है तो क्लास काम में क्या होगी देरी होगी और आप उसे पावर ही नहीं दोगे डिसीजन लेने का तो वो काम पूरा नहीं कर पाएगा काम में बहुत देरी होगी थर्ड इज डिसिप्लिन देखो यार हर एक इंसान को लाइफ में डिसिप्लिन फॉलो करना है दिस इज कॉल्ड प्रिंसिपल ऑफ डिसिप्लिन डिसिप्लिन का मतलब बेसिकली क्या होता है ध्यान से समझना ये सारी बातें केस स्टडी में लिखी हुई आएंगी और आपको इनडायरेक्टली पूछा जाएगा ये कौन सा प्रिंसिपल है यह किस-किस प्रिंसिपल का वायलेशन हुआ है बिकॉज़ बिजनेस स्टडीज में केस स्टडी लगभग 50 पर का पूछा जाएगा ठीक है तो प्रिंसिपल ऑफ डिसिप्लिन डिसिप्लिन मींस रेस्पेक्ट फॉर द रूल्स एंड रेगुलेशंस ऑफ द ऑर्गेनाइजेशन इट इट इज रिक्वायर्ड एव्री लेवल देखो यार डिसिप्लिन का मतलब क्या है जो रूल रेगुलेशन है आपको उसे मानना है आपको उसकी रिस्पेक्ट करनी है चाहे वह आप किसी भी लेवल के लिए हो सबके लिए रूल्स क्या होते हैं सेम होते हैं रूल इज इक्वल फॉर ऑल सबके लिए रूल्स सेम होते हैं इट इज रिक्वायर्ड एवरी लेवल सुपीरियर एंड सबोर्डिनेट बोथ हैव टू मेंटेन इन द डिसिप्लिन दिस लीड्स टू सिस्टमिक वर्किंग इन द ऑर्गेनाइजेशन एंड इंप्रूव एफिशिएंसी सम टाइम ऑर्गेनाइजेशन मे पुट पेनल्टी ऑन एंप्लॉयज व्हेन दे डू नॉट मेंटेन डिसिप्लिन अगर आपने डिसिप्लिन मेंटेन नहीं किया तो कई बार ऑर्गेनाइजेशन आपके ऊपर इस पेनल्टी भी लगाती है तो डिसिप्लिन का मतलब क्या है कि जो अ ओनर है यानी कि जो एंप्लॉयर है और जो एंप्लॉई है दोनों अपने कमिटमेंट को पूरा करें बोथ ऑनर देयर कमिटमेंट ये लाइन आती है क्लास केस स्टडी में कि मान लो कि मालिक ने बोला भाई तुम इतनी सेल अचीव कर लो हम तुम्हें इतने रुपए का बोनस देंगे प्राइस देंगे ठीक है तो भैया वर्कर को प्राइस और बोनस देना पड़ेगा आपको दिस इज कॉल्ड डिसिप्लिन जैसे आप स्कूल में नहीं देखते सारे बच्चे डिसिप्लिन में रहते हैं एक साथ ही एक जैसे कपड़े पहन के आते हैं क्लास स्टडी मटेरियल सबका सेम होता है बिहेवियर मैम का सबके साथ सेम होता है आप लोगों का सेम होता है ठीक है तो कहने का मतलब क्या है कि रूल्स रेगुलेशंस को आपने फॉलो करना है डिसिप्लिन पढ़ाई तो क्लास लेटे लेटे भी हो जाएगी बट स्कूल में आप लेट के तो नहीं पढ़ते ना पढ़ाई तो आप जींस में भी अगर स्कूल जाते हो तो भी पढ़ाई हो जाएगी पढ़ने का कपड़े से लेना देना नहीं है लेकिन फिर भी व वहां पे क्लास एक डिसिप्लिन मेंटेन होता है ताकि हर एक बच्चा क्लास खुद को इक्वल समझे और डिसिप्लिन से पढ़ाई करे ठीक है दिस इज कॉल्ड डिसिप्लिन कंसीक्वेंसेस अगर आपने इस प्रिंसिपल को फॉलो नहीं किया तो क्या हुआ काम में देरी होगी और दूसरी बात रिसोर्सेस का वेस्ट होगा क्योस होगा कंफ्यूजन लड़ाई झगड़े क्योस कंफ्यूजन ये सारी चीजें होंगी टेल हेनरी फेयोल ने एक और प्रिंसिपल दिया जिसका नाम है यूनिटी ऑफ कमांड देखो ऑर्गेनाइजेशन में ना बहुत सारे बॉस होते हैं एक बॉस ने आपको कोई काम दिया कि भाई चलो ये काम करके आओ आप जा रहे थे वो काम कर रास्ते में एक और बॉस मिल गया उसने बोला भाई चलो ये काम कर के आओ फिर आप जा रहे थे एक और बॉस रास्ते में मिल ग उसने बोला येय काम करके आओ तो आपको क्या क्या करोगे आप किसी का भी काम नहीं करोगे और बहाना बना दोगे सर आपका इसलिए नहीं किया क्योंकि दूसरा ने कुछ काम दे दिया था दूसरे का इसलिए नहीं किया कुछ तीसरे ने काम आप किसी का भी काम नहीं करोगे आपको बहाना मिल जाएगा कंफ्यूज हो जाओगे मैं किसका काम करूं तो यूनिटी ऑफ कमांड क्या कहता है क्लास कि भैया आपको एक ही बॉस का सुनना है आपको एक ही बॉस की सुननी है क्लास तब कोई दूसरा बॉस काम ना दे आप एक ही बॉस को सुनो अकॉर्डिंग टू दिस प्रिंसिपल एंप्लॉई शुड रिसीव ऑर्डर फ्रॉम वन बॉस ओनली और ऑर्गना ना इजेशन में इस तरीके से सिस्टम बनाना चाहिए कि भाई एक ही बॉस सबको ऑर्डर दे और वो सब काम करें बिकॉज़ इ इफ ही इज रिसीविंग ऑर्डर फ्रॉम मोर दन वन बॉस ही विल कंफ्यूज एंड विल नॉट एबल टू अंडरस्टैंड व्हाट हुज ऑर्डर मस्ट बी कंप्लीटेड फर्स्ट कंसीक्वेंसेस ऑफ़ वायलेशन इस प्रिंसिपल का जो वायलेशन होगा वो क्या होगा कंफ्यूजन इन माइंड ऑफ सबोर्डिनेट अगर आप कई सारे लोगों कई सारे बॉस ऑर्डर दे रहे हैं तो कोई काम नहीं कर पाएगा बहाने बनाएगा कंफ्यूजन कंफ्यू कंफ्यूजन होगा क्या कर स किसका काम मैं पहले करूं और डिसिप्लिन भी मेंटेन नहीं होगा और साथ में ईगो क्लासेस होंगे ध्यान रखना एक बॉस बोलेगा यार दूसरे बॉस की वजह से तूने मेरा काम नहीं किया तो दोनों बॉस में लड़ाई झगड़ा हो जाएगा ईगो क्लासेस एक घमंड आ जाएगा एक अहंकार आ जाएगा कि यार इसका काम किया इस बॉस का काम किया मेरे बॉस का मतलब मेरे काम नहीं किया मतलब मेरी कोई इज्जत नहीं है यार तूने मेरा काम नहीं करा इस तरीके से दिक्कत हो गी ठीक है इसको बोलते हैं यूनिट ऑफ कमांड कमांड एक ही की सुनो ठीक है मिलिटरी में है ना कमांड एक ही देता है सब लोग एक एक ही कमांड सुनते हैं यूनिटी ऑफ डायरेक्शन एक ही दिशा में चलो आपने एक गोल बनाया आप उसको हासिल करने चलो आप लोग रियल लाइफ में इस प्रिंसिपल को बिल्कुल फॉलो नहीं करते सोचते हो आज मैं इसे खत्म करूंगा फिर आज दिन में सोचते हो नहीं मैं दूसरा कुछ कर लेता हूं तीसरा कुछ कर लेता हूं नहीं सारे लोग एक ही दिशा में चलेंगे और उस गोल को अचीव करेंगे और वंस अ गोल इज अचीव तो ही आप दूसरे गोल की तरफ चलोगे इसको बोलते हैं यूनिटी ऑफ डायरेक्शन वन हेड या वन यूनिट वन प्लान अकॉर्डिंग टू दिस प्रिंसिपल ऑल दी मेंबर्स एंड एंप्लॉयज इन द ऑर्गेनाइजेशन मस्ट बी डायरेक्टेड टुवर्ड्स वन गोल दैट इज वन यूनिट वन प्लान एक ही ऑर्गेनाइजेशन का जो गोल है उसी को अचीव करने के लिए सबको चलना है एक बार वो गोल हो जाएगा अचीव फिर आप दूसरे पे चलना अगर आपने इस प्रिंसिपल को फॉलो नहीं किया तो गोल अचीव नहीं होगा तालमेल नहीं बैठेगा और क्लस रिसोर्सेस का वेस्टेज होगा एंड डोंट वरी आपको ऐसा लग रहा होगा सर सब वायलेशन तो मेजर्ली सेम ही है लेकिन क्लास हर एक पॉइंट अलग-अलग है आपको समझ आ जाएगा हम केस स्टडीज की प्रैक्टिस भी करेंगे आगे चलके सो चिंता की बात नहीं है फिलहाल आपको इसका मतलब पता होना चाहिए एक गोल पे सभी लोग चलेंगे एक ही गोल में सब लोग अल अलग अलग-अलग दिशा में चलेंगे ना तो दिक्कत होगी तो इसे कहते हैं क्लास एक ही दिशा में चलो यूनिट ऑफ डायरेक्शन अब सब लोग अलग-अलग दिशा में चलेंगे तो ऑर्गेनाइजेशन गोल कैसे अचीव होगा मैं कुछ कह रहा हूं मैं कुछ सोच रहा हूं मेरा गोल कुछ और है दूसरे गोल कुछ और है हम सबका गोल एक ही होना चाहिए वो है क्लास ऑर्गेनाइजेशन गोल जो ऑर्गेनाइजेशन का गोल है वही हमारा गोल है उसको अचीव करेंगे ऑर्गेनाइजेशन फायदे में जाएगा तो कंपनी हमारी सैलरी बढ़ाएगा और हमें भी इंसेंटिव देगा हमें भी फायदा होगा छठा सबोर्डिनेशन ऑफ इंडिविजुअल इंटरेस्ट टू द जनरल इंटरेस्ट इसमें होता क्या है सबोर्डिनेशन ऑफ इंडिविजुअल इंटरेस्ट हर एक इंसान ना अपने बारे में सोचता है वो कहता है अपने बारे में मत सोचो जनरल इंटरेस्ट के बारे में सोचो ऑर्गेनाइजेशन के इंटरेस्ट के बारे में सोचो मेरी बात समझना मान लो क्लास कि मुझे क्या करना है एक फ्लाई ओवर बनवाना है ठीक है मुझे फ्लाई ओवर बनवाना है एक ओके ठीक है बिहार में पता है ना क्लास का पुल गिर गया था अभी हाल फिलहाल में तो ये मुझे फ्लाई ओवर बनाना है ठीक है तो ये जो फ्लाई ओवर बनाना है इसके लिए जो मटेरियल आएगा जो मटेरियल आएगा ये आएगा क्लास मान लो 20 करोड़ का 20 करोड़ का सीमेंट आएगा ठीक है अब मैं गया दुकानदार के पास मुझे दो दो लोग मिले एक तो ए मेरा कजन है है ठीक है ये मेरा ब्रदर ब्रदर है ब्रो ठीक है ये कह रहा है भैया अ जो 20 करोड़ का मटेरियल है मैं आपको अ दे दूंगा 20 करोड़ में ठीक है ये कह रहा है मैं आपको 18 करोड़ में दे दूंगा ठीक है मेरे को बजट अनाउंस हुआ है 20 करोड़ का 20 करोड़ लगने हैं ठीक है तो मैंने बोला कि यार 18 करोड़ जो है मुझे यह दे रहा है लेकिन मेरा भाई मुझे 2020 करोड़ दे रहा है फिर भी क्योंकि वो मेरा भाई है मैंने इसे ठेका दे दिया मैंने इसको ठेका नहीं दिया कांट्रैक्ट ने इसको दे दिया कि तुम इस ब्रिज के लिए फ्लाई ओवर के लिए तुम माल सप्लाई करोगे 20 करोड़ में भले ही थोड़ा घाटा घटिया माल लगा देना लेकिन मुझे ₹ करोड़ फालतू दे देना क्योंकि मैंने तुमको टेंडर दिया है तो मैंने क्या किया इस पुल के बारे में कंपनी के बारे में नहीं सोचा आम जनता के बारे में नहीं सोचा ऑर्गेनाइजेशन के गोल के बारे में सोचा नहीं मैंने अपने फायदे के लिए सोचा फुल गिरता है गिरने दो भाई मेरे को दो करोड़ मिलेंगे ना मेरा घर चल रहा है ठीक है दूसरे घर चले नहीं चले मुझे क्या मतलब है ऐसा ऐसी सोच क्लास इसको बोलते हैं सबोर्डिनेशन ऑफ इंडिविजुअल इंटरेस्ट ट जनल इंटरेस्ट भ अपने बारे में मत सोचो आम जन कंपनी के बारे में सोचो ऑर्गेनाइजेशन के गोल के बारे में सोचो खुद के गोल के बारे में मत सोचो दिस इज कॉल्ड सबोर्डिनेशन ऑफ इंडिविजुअल इंटरेस्ट ू जनल इंटरेस्ट आपने घूस ले लिया और घूस लेके नुकसान करा दिया घूस ले लिया आपने और किसी बेगुनाह को बेगुनाह गार को सजा दे दी और जो क्लास पैसे वाला था वो बच गया बेचारा गुनहगार जो है वो बच गया और उसके ज किसी और वो आपने देखा होगा ना मुन्ना भैया का कि जो समाधि हमेशा किसकी दी जाती है वो आपने देखा ही है वो सीन मुन्ना भैया जो मैं कहना चाह रहा हूं तो समाधि बकरे की दी जाती है ना बली बकरे की दी जाती है जो भी है एक्स वाई जड ठीक है तो यही चीज है कि भा अपने बारे में आपने नहीं सोचना है ऑर्गेनाइजेशन के बारे में सोचना है दूसरा एग्जांपल इसी एग्जांपल से सवाल आता है ठीक है मा लो क्लास की एक यह मैनेजर है और इसकी क्लास इसको ना आज अपने गांव जाना है कुछ काम है इसको एक फैमिली फंक्शन है उसमें जाना है घर में परिवार में किसी की शादी है अचानक क्लास य तैयार होक निकलता है कंपनी से फोन आ जाता है कि भाई तुम्हें बहुत जरूरी है अगर तुम नहीं आए तो हमारा बहुत नुकसान होगा तुम्हें तो इससे क्लास अपने घर परिवार की पार्टी कैंसिल करके क्या गैदरिंग कैंसिल करके फंक्शन कैंसिल ऑर्गेनाइजेशन के बारे में जाना है मतलब अपने बारे में नहीं सोच रहा ऑर्गेनाइजेशन के बारे में सोच रहा है जैसे हमारे देश के जवान करते हैं ना बहुत सारी मूवी में देखा होगा फौजियों की शादी होती है और शादी के अगले दिन दिन ही कॉल आ जाता है या फिर राखी होता है अगले दिन ही कॉल आ जाता है व वापस जाना है शेरशाह भी आपने देखी होगी उसमें भी ऐसा ही है तो अगले दिन वापस जाना है है कि नहीं तो अगले दिन वो वापस चले जाते हैं मतलब अपने गोल को सैक्रिफाइस करते हैं ऑर्गेनाइजेशन के गोल के लिए दिस इज कॉल्ड सबोर्डिनेशन ऑफ इंडिविजुअल इंटरेस्ट टू जनरल इंटरेस्ट ठीक है अकॉर्डिंग टू दिस प्रिंसिपल इंडिविजुअल गोल इज टू बी सैक्रिफाइस फॉर अचीवमेंट ऑफ ऑर्गेनाइजेशन गोल गोल ऑफ इंडिविजुअल मस्ट बी डायरेक्टेड टुवर्ड्स द अचीवमेंट ऑफ ऑर्गेनाइजेशन हमारा गोल कुछ नहीं है हमें ऑर्गेनाइजेशन गोल के पीछे जाना है ऑर्गेनाइजेशन इंटरेस्ट एंड नॉट फॉर पर्सनल इंटरेस्ट हमें काम किस लिए करना चाहिए हमें वो डिसीजन लेना चाहिए जो हमारे इंटरेस्ट को नहीं ऑर्गेनाइजेशन के इंटरेस्ट के लिए हो इससे क्या होता है कोऑर्डिनेशन होता है क्लास और इससे इंडिविजुअल और जो कोऑर्डिनेशन होता है इंडिविजुअल गोल और ऑर्गेनाइजेशन गोल में मुझे सोचना है कि मुझे कंपनी को तरक्की पे लेके जाना है अगर कंपनी तरक्की पे जाएगी तो मेरा फायदा होगा जैसे सिंपल सी बात है मैं क्या सोचता हूं मेरा हर एक बच्चा कॉमर्स में अच्छे नंबर लेके आए सब टॉप करें क्लास सब अच्छे से पास हो एक बच्चा भी कंपार्टमेंट नाए कोई फेल ना हो मैं सोचता हूं तो इससे तुम सबका फायदा होगा इनडायरेक्टली मेरा भी फायदा होगा तो मैं अपने फायदे के लिए नहीं सोच सोचता मैं सोचता हूं चलो अगर मैंने क्लास योद्धा बैच इस साल फ्री में लॉन्च किया फ्री ऑफ कॉस्ट अकाउंट को ओबवियसली क्लास काफी नुकसान हुआ है लेकिन मैं तैयार हूं क्लास उस नुकसान को झेलने के लिए मुझे पता है जब आपका रिजल्ट आएगा तो आप मुझे सपोर्ट करोगे उससे मुझे बहुत ज्यादा फायदा होगा सिंपल सी बात है यानी कि यहां पे जो मेरा गोल है वो है क्लास कि आपको अच्छे से पास कराना उससे मुझे फायदा होगा सि सिंपली अगर आप कंपनी में कलो काम करोगे तो आप सोचना मेरी कंपनी तरक्की पे जाएगी अग कंपनी ग्रोथ करेगी कंपनी तरक्की पे जाएगी तो मुझे भी फायदा होगा एसील infosys.com अपने एंप्लॉय का ध्यान तो रखेगी ही रखेगी है ना इस तरीके से लेकिन अगर आपने इसको फॉलो नहीं किया तो गोल अचीव नहीं हो पाएगा और क्लास एंप्लॉय भी लंबे समय में सफर करेंगे भैया आज तुम कंपनी को चूना लगा रहे हो लंबे समय तक नहीं चूना लगा पाओ कंपनी बंद हो जाएगी आपका घाटा होगा अगला रिमुनरेट टू पर्सन देखो सिंपल सी बात है हर एक इंसान पैसे के लिए काम करता है घर परिवार चलाता है हर एक इंसान जब सब्जी लेने जाता है तो उसको पैसे देने पड़ते हैं घर का किराया अगर देना है कोई अगर मान लो कि अगर हर कोई इंसान फ्री में काम करे तो आप भी फ्री में काम नहीं कर सकते ये पॉसिबल नहीं है क्योंकि क्लास अगले इंसान को पैसा चाहिए अगर मैं अगर मैं यहां पर खड़ा हूं तो भैया मुझे बहुत सारे एक्सपेंसेस को बियर करने पड़ते हैं उसके लिए मुझे चाहिए पैसा तो अगर मैं किसी कंपनी में काम कर रहा हूं वो कंपनी मुझे इतना पैसा नहीं दे रही कि अपने घर परिवार का अपने बच्चों की स्कूल की फीस का खर्चा बूढ़े मां-बाप के इलाज का खर्चा अगर मैं नहीं झेल पा रहा अपने खाने पीने का कपड़े लत्ता का ये सब खर्चा में अगर मैं नहीं झेल पा रहा तो मैं उस कंपनी में काम क्यों करूंगा और क्या मेरी मेंट मेंटल कंडीशन इतनी अच्छी होगी कि मैं वहां अच्छे से काम कर पाऊंगा नहीं मैं फ्रस्ट्रेट हो जाऊंगा और छोड़ के कंपनी को छोड़ दूंगा कहीं और चला जाऊंगा ठीक है तो इसको बोलते हैं रेमन टू पर्सन अकॉर्डिंग टू दिस प्रिंसिपल एंप्लॉय इन द ऑर्गेनाइजेशन मस्ट पेड फेयर रेम आप उसे इतनी तनख्वा दो कि भैया उसे सेटिस्फेक्शन मिले वो अपने आप मोटिवेट हो सके बेहतर तरीके से काम करने के लिए अपना घर परिवार चला सके उतना पैसा दो उसको लेकिन अगर आपने ऐसा नहीं किया तो एंप्लॉई छोड़ के चला जाएगा डिस सेटिस्फाई हो जाएगा डिमोटिवेट होगा कंपनी में काम नहीं कर पाएगा राइट अगला है सेंट्रलाइजेशन एंड डिसेंट्रलाइजेशन सुनो मेरी बात टॉप लेवल मैनेजर अपना सारा काम खुद नहीं कर सकते तो व नीचे लेवल पे सबको थोड़ा-थोड़ा पावर बांटते चले जाते हैं तो जब टॉप लेवल मैनेजर नीचे लेवल पे कई सारे लोगों को पावर बांट देते हैं अलग-अलग डिपार्टमेंट्स के लोगों को दिस इज कॉल्ड डिसेंट्रलाइजेशन लेकिन कुछ पावर वो अपने हाथ में रखते हैं कहते हैं भाई ये पावर मैं किसी को नहीं दूंगा 50 पर तक डिस्काउंट देना है दे दो उससे ऊपर के लिए मेरे पास आना पड़ेगा चेक पे साइन करने के लिए मेरे पास आना पड़ेगा बाकी फॉर्मेलिटी आप पूरी कर दो दिस इज कॉल्ड सेंट्रलाइजेशन मैं बैंक में गया खाता खुलवाने के लिए कोई काम करने के लिए ठीक है तो बैंक ने बोला ये सारे फॉर्म है मल यार ये सारे फॉर्म तुम खुद भर दो अब वो बोले सर चेक पे साइन कर रहे हैं तो मैं थोड़ी कह दूंगा लो तुम मेरा चेक साइ साइन कर दो नहीं चेक पे साइन मैं खुद करूंगा तो टॉप लेवल मैनेजर्स कुछ पावर को अपने हाथ में रखते हैं वो किसी को नहीं देते दिस इज कॉल्ड सेंट्रलाइजेशन और कुछ पावर वो नीचे लेवल पे बराबर बराबर डेलीगेट कर देते हैं नीचे लेवल पे ट्रांसफर कर देते हैं दिस इज कॉल्ड डिसेंट्रलाइजेशन और एक अच्छी कंपनी को ना मिक्स पॉलिसी अपनाना चाहिए फुल्ली सेंट्रलाइज नहीं होना है सारा पावर खुद रख लोगे भैया तो तुम ओवर बर्डन फील करोगे और फुल्ली डिसेंट्रलाइज भी नहीं होना चाहिए सारा पावर नीचे दे दोगे तो तुम क्या रह गए मालिक फिर तो नीचे वाले ही मालिक हो गए और मिक्स मतलब कुछ पावर अपने हाथ में रखो जो जरूरी है जो डिसीजन मेकिंग पावर है जो बहुत ज्यादा जरूरी है अपने हाथ में रखो छोटे-मोटे काम को नीचे लेवल पे आप दे सकते हो सेंट्रलाइजेशन रेफर्स टू कंसंट्रेशन ऑफ अथॉरिटी और पावर इन फ्यू हैंड एट टॉप लेवल डिसेंट्रलाइजेशन मींस इवनली या इक्वली क्लास यहां पे मींस एवरी नहीं इवनली इवनली क्लास इवनली या समझ लो इक्वली ठीक है इवनली और इक्वली डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ पावर एट एव्री लेवल ऑफ मैनेजमेंट अकॉर्डिंग टू फ फयोला कंपनी मस्ट बी कंप्लीट मस्ट नॉट बी कंप्लीट सेंट्रलाइज और कंपलीटली डिसेंट्रलाइज देयर मस्ट बी अ कॉमिनेशन ऑफ बोथ दिस लीड्स टू अचीवमेंट ऑफ गोल एंड वर्क लोड मैनेजर्स का जो वर्क लोड है वो भी कम होता है और वर्कर्स के अंदर भी एक मैनेजरियल टैलेंट डेवलप होता है है ना अगर क्लास वर्कर मैनेजर काम करता चला जाएगा तो वो फ्यूचर का मैनेजर बनने के लिए रेडी हो गया वो फ्यूचर में एज अ मैनेजर भी काम कर कर सकता है मैनेजर के एब्सेंट में जैसे कई बार कंपाउंडर ही दवाई पहले से लिख देता है कंपाउंडर को पता होता है डॉक्टर क्या दवाई लिखने वाला है पहले से निकाल के दे देता है वो काम करते करते सीख गया कंसीक्वेंसेस अगर आपने इस प्रिंसिपल को फॉलो नहीं किया तो कंपलीटली अगर आप सेंट्रलाइजेशन करोगे तो काम में देरी होगी आप काम कर ही नहीं पाओगे ओवर बर्डन फील करोगे कंपलीटली डिस्टलाइजेशन करोगे तो फिर वो मिसयूज करेगा पावर का जिसको आपने पावर दिया है नाइन है प्रिंसिपल ऑफ स्कलर चेन ये है क्लास स्कलर चेन ये प्रिंसिपल क्या कहता है हेनरी फेयोल साहब कहते हैं कि जो भी इंफॉर्मेशन है वह लाइन टू लाइन जाना चाहिए यानी कि एक हायरा की में जाना चाहिए यह अपने बॉस को अपडेट करेगा यह अपने बॉस को यह अपने बॉस को ऊपर से कोई चीज आती है तो यह डायरेक्टली नीचे वाले को नहीं यह अपने नीचे वाले को यह अपने नीचे वाले को यह अपने नीचे वाले को दिस इज कॉल्ड स्कलर चेन यानी कि लाइन बाय लाइन इंफॉर्मेशन शेयर की जाएगी शॉर्टकट आप मार सकते हो अगर आपको लगता है कोई अर्जेंट इंफॉर्मेशन है क्लास तो आप शॉर्टकट लगा सकते हो सीधा डी जी को कांटेक्ट कर सकता है क्लास अगर लगता है क्लास कि हां कि कोई इमरजेंसी इंफॉर्मेशन है तो भाई वो लाइन बाय लाइन आप कांटेक्ट नहीं करके शॉर्टकट अपना सकते हो उस शॉर्टकट को गैंग प्लैंक बोलते हैं क्या बोलते हैं गैंग गैंग प्लैंक स्केलर चेन मींस लाइन ऑफ अथॉरिटी और चेन ऑफ सुपीरियर फ्रॉम हाईएस्ट टू लोएस्ट रैंक फेयोल इंस इज दैट द चेन मस्ट बी फॉलो स्ट्रिक्टली इन द ऑर्गेनाइजेशन आपने स्कूल में देखा होगा कोई छुट्टी का अगर नोटिस आता है तो प्रिंसिपल अपने नीचे वाले को देता है वोह अपने नीचे वाले को देता है फिर पीवन को मिलता है पीवन आपके टीचर्स को बताता है फिर आपके थ्रू इंफॉर्मेशन पहुंचती है ठीक है तो लाइन बाय लाइन इनफॉर्मल मस्ट पास थ्रू एवरीवन नो स्किपिंग इज अलाउड बट इन केस ऑफ एनी अर्जेंट इंफॉर्मेशन फेल सजेस्टेड ए शॉर्टकट उसको क्या बोलते हैं गैंग प्लैंक सिंपल लैंग्वेज में आप नोट्स इसी तरीके से मेंटेन करोगे और एग्जामिनेशन में जहां मौका मिलेगा वहां ऐसा डायग्राम चार्ट बनाओगे बिजनेस स्टडीज की कॉपी अट्रैक्टिव होनी चाहिए हर जगह जहां चार्ट डायग्राम प्रेजेंटेशन दे सकते हो ना वो आप दोगे ठीक है तो य है कि इंफॉर्मेशन था छूटे ना कोई ऐसी बात जो किसी से स्किप हो जाए रह जाए ऐसी समस्या ना आए दिस लीड्स टू सिस्टमिक फ्लो ऑफ इंफॉर्मेशन एंड नो कम्युनिकेशन बैरियर और गैप बट मेनी क्लास बट मेनी डिले इन एक्शन क्लास बट मे डिले इन एक्शन क्लास एक्शन में क्या हो सकता है देरी भी हो सकती है भाई सीधी सी बात है अगर इंफॉर्मेशन लाइन बाय लाइन सबके पास जाएगी तो कहीं ना कहीं काम में देरी भी होगी कंसीक्वेंसेस ऑफ वायलेशन सबके पास लाइन बा लाइन जा रहा है टाइम तो लगेगा वायलेशन क्या है क्लास देयर भी कम्युनिकेशन गैप ठीक है अगर आपने इस प्रिंसिपल को फॉलो नहीं किया तो कम्युनिकेशन गैप आएगा किसी को पता ही नहीं चल पाएगा इंफॉर्मेशन और नो क्लेरिटी क्लेरिटी नहीं रहेगी कौन किसका बॉस है अब ऊपर से नीचे आ रहा है शिकायतें नीचे से ऊपर जा रही है तो पता है ना मेरा बॉस कौन है उसका बॉस कौन है अब पता ही नहीं चल पाएगा अगर आपने स्केलर चेन फॉलो नहीं किया तो तो स्कलर चेन को इसलिए फॉलो करना जरूरी है 10थ प्रिंसिपल है प्रिंसिपल ऑफ ऑर्डर यहां वो नहीं है ऑर्डर ऑर्डर ऑर्डर ये काम करो चलो ये पानी लेके आओ ये वाला ऑर्डर नहीं यहां पे हर एक चीज की प्रॉपर जगह होनी चाहिए एवरीथिंग इज राइट प्लेस हर एक चीज इंसान अपनी जगह पे हो ऑफिस बने हुए हो जहां किसी को कांटेक्ट करना है सीधा आप उसके ऑफिस में जा कांटेक्ट करो और जो सामान है जो रॉ मटेरियल है वो भी अपनी जगह पे रखे होना चाहिए हर चीज सही जगह पे होगी तो हमारा टाइम वेस्ट नहीं होगा ढूंढने में आप बताओ कई बार ऐसा होता है ना आपको कोई सामान घर में खो जाता है आप ढूंढते हो मिलता ही नहीं लेकिन आपकी मम्मी क्या करती है हर एक चीज सही जगह पे रखती है आप यहां वहां फेंक के आते हो उठा के वहां ताकि कल को ढूंढना हो आप घर में कोई चीज खो गया सीधा म से पूछो म वो चीज कहां है घर में कोई चीज आपकी नहीं मिल रही सॉक्स नहीं मिल रही आपके या फिर आपका मोबाइल फोन नहीं मिल अब आपकी मम्मी सीधा बोलेगी बिना देखे अरे वहां देख वहां रखे होंगे क्यों उनको पता है कि भाई यह सही प्लेस है और ये चीज वहीं रखी है अगर इधर-उधर होती है तो उठा के वहां पे रख देती हैं इससे क्या होता है फ्रस्ट्रेशन नहीं होता टेंशन नहीं होता समय बचता है आपका और जिस इंसान को राइटली ढूंढने जिस इंसान को सही समय प ढूंढ रहे हो वो इंसान सही समय प आपको मिल जाता है और जो सामान आप सही समय प ढूंढ रहे हो वो सामान आपको सही समय पे मिल जाता है कुछ बच्चे कॉपी बनाते हैं तो इंडेक्स पेज नोट करते हैं वैसे 90 बच्चे नहीं करते आपको पता है कुछ बच्चे नोट करते हैं ताकि सीधा उस पेज नंबर प जाके वो चीज ढूंढ सके जो चीज क्लास उनको को बिफोर एग्जाम देख के जानी है सो इन दिस प्रिंसिपल ऑर्डर डज नॉट मीन कमांड बट इफ बट क्लास इट रेफर्स टू ऑर्डरली अरेंजमेंट ऑफ मेन एंड मटेरियल दिस इज अ फिक्स दिस इ क्लास इसका मतलब क्या है फिक्स प्लेस फॉर एवरीथिंग एंड एवरीवन इन द ऑर्गेनाइजेशन इट लीड्स टू सेव टाइम एनर्जी इन सर्च ऑफ मैन आप किसी इंसान को किसी सामान को ढूंढने में एनर्जी वेस्ट नहीं करोगे टाइम वेस्ट नहीं करोगे जो चीज आपको जहां पे चाहिए वो चीज क्लास आपको तुरंत मिल जाती है दिस इज कॉल्ड प्रिंसिपल ऑर्डर अब आप समझ रहे हो ना कितना ज्यादा जरूरी है हेनरी फेयोल ने जो 14 प्रिंसिपल दिए हैं हमारे रियल लाइफ में भी कितना काम आता है और यही सब ध्यान रखना है यही आपका मैनेजर टैलेंट डेवलप कर रहा है फ्यूचर के लिए अगला प्रिंसिपल्स ऑफ प्रिंसिपल ऑफ इक्विटी सब समान सबको बराबर बराबर तनख्वा की बात नहीं कर रहा मैं वो इक्वलिटी नहीं इक्विटी इक्विटी का मतलब क्या है क्लास कि सबके साथ रूल रेगुलेशंस बराबर रखो अ चाहे वो जो लीव रूल है क्लास या फिर छुट्टी का रूल है या कोई किसी भी चीज का कुछ रूल रेगुलेशंस है वो सबके लिए सेम होना चाहिए टाइम सबके लिए क्या होना चाहिए क्लास सेम होना चाहिए आने जाने का और ऐसा नहीं कि आपके गांव का है जेंडर बेसिस पे लड़का है लड़की है ठीक है मेल फीमेल की बेसिस पे जेंडर के बेसिस पे नेशनलिटी के बेसिस पे रिलीजन के बेसिस पे अपनी कस्टम्स के बेसिस पे भी मैं इसको फॉलो करता हूं वो भी उसको फॉलो करता है तो हम लोग साथ-साथ हो गए इस तरीके से नहीं करना है हर एक एंप्लॉई के साथ आपने इक्वल ट्रीटमेंट करना है किसी भी तरीके का कोई भी डिस्क्रिमिनेशन नहीं करना है ये बहुत जरूरी है अगर आपने वर्कर के साथ डिस्क्रिमिनेशन किया वर्कर के साथ आपका एक नेगेटिव रिलेशनशिप क्रिएट होगा अनहेल्दी रिलेशनशिप क्रिएट होगा और वो कंपनी में लंबे समय तक काम नहीं कर पाएगा छोड़ के चला जाएगा इक्विटी रेफर्स टू काइंड फेयर जस्ट ट्रीटमेंट टू एंप्लॉयज एंप्लॉयज विल पुट देयर मैक्सिमम एफर्ट ओनली व्हेन दे आर ट्रीट काइंड निस एंड जस्टिस प्यार से ट्रीट करोगे तो क्यों नहीं होगा अगर प्यार से आपसे कोई काम करवाता है तो डेफिनेटली आप काम करोगे लेकिन अगर तुम्हारे स्कूल के टीचर भेदभाव करती है कि भाई नहीं ये तो मेरे से ट्यूशन पढ़ता है तो मैं इसके साथ अलग बिहेव करूंगी ये ट्यूशन किसी और से पढ़ता है तो मैं इसके साथ अलग बिहेव करूंगी आप ट्यूशन लगवा लो स्कूल टीचर स्कूल टीचर की नजर में बच्चा बहुत अच्छा हो जाता है अरे भाई तुम्हारा लाल है टेस्ट में नंबर भी अच्छे आ जाते हैं गलतियां भी नहीं होती क्लास में शिकायतें भी नहीं होती सब अच्छा चलता है बच्चा स्ड में रहता है स्कूल के टीचर को पैसा ना दो ट्यूशन ना लगाओ तो फिर स्कूल वाले टीचर बैंड बजा के रखते हैं ठीक है यही चीज नहीं करनी चाहिए इक्वल ट्रीटमेंट इफ मैनेजर इज बायस्टी विद द एंप्लॉयज देन एंप्लॉई विल गेट डिस सेटिस्फाई कंपनी में भी यही है अगर आप भेदभाव करोगे अब कुछ एंप्लॉई होते हैं जो चुगली लगाने की आदत रखते हैं बैक बिडिंग करते हैं अब मालिक के लिए अच्छा हो जाता है वो ठीक है अब मान लो उसका प्रमोशन कर देता है दूसरों का नहीं करता मतलब कौन से प्रिंसिपल को वायलेट किया आपने प्रिंसिपल ऑफ इक्विटी को विल नॉट कंट्रीब्यूट मैक्सिमम भेदभाव करोगे तो भैया इंसान अच्छे से काम नहीं कर पाएगा इक्विटी का मतलब इक्वल सैलरी देना नहीं है क्लास पीओ हो क्लर्क हो सुपरवाइजर हो नहीं इक्विटी का मतलब क्या है ए डिसिप्लिन रूल्स लीव रूल सेम होना चाहिए क्लास सब इंसान के लिए हर इंसान के लिए सेम होना चाहिए किसी भी तरीके का जेंडर बेसिस पे लैंग्वेज कास्ट बिलीफ नेशनलिटी अगर क्लास ऑर्गेनाइजेशन इस प्रिंसिपल को फॉलो करेगा तो एंप्लॉई मोटिवेट होगा और बेहतर तरीके से काम करेगा अगर नहीं किया इसको प्रिंसिपल को फॉलो तो क्या होगा क्लास वायलेशन क्या होगा एंप्लॉई के अनहेल्दी रिलेशनशिप होंगे ए एलॉ छोड़ के चला जाएगा ठीक है अगला स्टेबिलिटी ऑफ टेनर ऑफ पर्सनल अब सुनो मेरी बात जब कोई नया एंप्लॉई आए तो हेनरी फेल साहब कहते हैं भैया उसे सेटल होने का समय दो 6 महीने तक वो गलती करेगा एक टाइम दो छ महीने अब देखो अब जो टाइम दो ये तो कहा हेनरी फेल साहब ने बट मैनेजमेंट के प्रिंसिपल फ्लेक्सिबल है अब हर काम में छ महीने का समय नहीं चाहिए ना किसी-किसी काम में साल भर लगता है सेटल होने में किसी काम में दो दिन हो लगता है सेटल होने में तो ये अपने हिसाब से देख लो ये फ्लेक्सिबल आपके पास है यानी आंख बंद करके चाहे कोई भी कोई हवाई जहाज उड़ा रहा है और कोई साइकिल चला रहा है सबको छछ महीने का टाइम दे रहे हैं नहीं सबका टाइम अलग-अलग है तो स्टेबिलिटी ऑफ नयूर ऑफ पर्सनल क्या कहता है कि भैया क्विकली सेटल डाउन नहीं होगा वर्कर को समय दो वो सेटल डाउन हो जाएगा ये नहीं कि तुरंत उसको ट्रांसफर कर दिया तुरंत टर्मिनेशन कर दिया काम दो दिन अच्छा नहीं लगा निकाल दिया इस तरीके से करोगे तो वर्कर छोड़ के चले जाएंगे तुम्हें ही नुकसान होगा एक कंपनी में वर्कर जितना पुराना समय से टिका हुआ हो ना उतना कंपनी के लिए ज्यादा अच्छा है एक्सपीरियंस वर्कर अगर आप तुरंत निकाल वर्कर आया आपने ट्रेनिंग वगैरह दी क कंपनी के लाखों रुपए खर्च किए वर्कर के ऊपर फिर उसे निकाल दिया तो भैया आप ही का नुकसान हुआ ना वो तो सीख सक के कहीं और चला के काम करेगा नुकसान आपका हुआ है तो स्टेबिलिटी ऑफ टेनर ऑफ पर्सनल मतलब क्या है जॉब सिक्योरिटी देना है वर्कर को अकॉर्डिंग ट दिस प्रिंसिपल द मैनेजमेंट मस्ट प्रोवाइड द फीलिंग ऑफ जॉब सिक्योरिटी अमंग द एंप्लॉई बिकॉज़ विद द फीलिंग ऑफ इनसिक्योरिटी ऑफ जॉब अगर वो इनसिक्योरिटी फील करेगा ना कभी भी अपना बेस्ट परफॉर्म नहीं कर पाएगा और वो छोड़ के चला जाएगा एंप्लॉयज टर्न ओवर टर्न ओवर मतलब एंप्लॉई का छोड़कर चला जाना और ये अच्छी चीज नहीं है ठीक है कम मजबूर जब तक बिल्कुल ही मजबूरी ना आ जाए तब तक उसको मत निकालो उसको सेटल डाउन का मौका दो सीख जाएगा धीरे-धीरे कंपनी स्पेंड टू मच ऑन न्यू एंप्लॉई बाय प्रोवाइड देम ट्रेनिंग इफ दे लीव द जॉब आफ्टर ट्रेनिंग इट वुड बी अ लॉस फॉर द कंपनी ऑर्गेनाइजेशन शुड गिव प्रॉपर टाइम टू सेटल द एंप्लॉई जहां पे ये लाइन लिखी आ जाए ना समझ जाना ये कौन से प्रिंसिपल की बात कर रहा है स्टेबिलिटी ऑफ टेनर ऑफ पर्सनल ठीक है अगर आपने इस प्रिंसिपल को फॉलो नहीं किया तो आपका रिसोर्सेस वेस्ट होगा पैसा वेस्ट होगा नई जॉब सीखने में फ्रस्ट्रेशन होगा क्लास डि सेटिस्फेक्शन होगा एंप्लॉई के बीच और नए एंप्लॉई को ढूंढने में तुम्हें ही दिक्कत होगी निकालते चले जाओगे पुराने एंप्लॉई को तो नए एंप्लॉई को ढूंढने में तुमको ही कल को दिक्कत आनी है प्रिंसिपल ऑफ इनिशिएटिव इनिशिएटिव पता है क्या कहता है कोई भी डिसीजन ले रहे हो तो एक बार वर्कर से पूछ लो कि क्या हम ये काम कर सकते हैं क्या आप सब लोग मिलके हमारे साथ हेल्प करोगे इस टारगेट को अचीव करने के लिए क्या दिन भर में इतना टारगेट आप बना लोगे अच्छा आप लोग बताओ क्लास इस काम को कैसे करें तो जब हम वर्कर्स का इवॉल्वमेंट रखते हैं ना वर्कर को एक फीलिंग आती है फीलिंग ऑफ बिलोंग नेस कि यार हां हम भी इस ऑर्गेनाइजेशन का हिस्सा है र हम भी इस ऑर्गेनाइजेशन का पार्ट है जब जब कंपनी में यह सोचने लगे ना वर्कर तो व अच्छे से काम करेगा उसे खुद का ही समझेगा कि यार मेरी ऑर्गेनाइजेशन है मैं इसको अगर एक मेरी कंपनी होती क्या मैं ये काम नहीं करता अगर ये मेरी कंपनी होती तो क्या मैं इस तरीके से काम करता ज सोचेगा ना तो कंपनी को बहुत फायदा होगा आपको पता होना चाहिए एंप्लॉयज आर द मोस्ट इंपोर्टेंट एसेट ऑफ एनी ऑर्गेनाइजेशन सबसे इंपोर्टेंट एसेट अगर किसी ऑर्गेनाइजेशन में है तो वो एंप्लॉई है अगर एंप्लॉई अपनी बेस्ट एबिलिटी से परफॉर्म करेगा तो सबको फायदा होगा इनिशिएटिव रेफर्स टू टेकिंग द फर्स्ट स्टेप विथ सेल्फ मोटिवेशन फेल सजेस्टेड दैट एंप्लॉय द ऑर्गेनाइजेशन मस्ट बी गिवन अपॉर्चुनिटी टेक सम इनिशिएटिव इन मेकिंग एन एग्जीक्यूटिंग प्लान इनिशिएटिव का मतलब क्या उनके सजेशन को वेलकम करना ये प्रिंसिपल कहता है वर्कर अगर कोई सजेशन दे रहा है तो सजेशन को वेलकम करो ठीक है ये नहीं कि अच्छा तू सिखाएगा हमें चल तू मत सिखा हमें इस तरीके से नहीं आप उसके सजेशन को वेलकम करो क्या पता एंप्लॉई कुछ ऐसा सजेशन दे दे जो कंपनी को लाखों करोड़ों का फायदा पहुंचा दे तो आपके सजेशन को वेलकम करना है एटलीस्ट सुनना है दिस विल मोटिवेट एप्ल सो मैनेजर मस्ट वेलकम देयर सजेशन एंड आइडिया ऑफ़ द एंप्लॉई बिफोर अ फ्रेमिंग द प्लान दिस वुड क्रिएट फीलिंग ऑफ बिलोंग नेस एंड ऑर्गेनाइजेशन गोल कैन बी अचीव ऑन टाइम कंसीक्वेंस ऑफ वायलेशन अगर आपने इस प्रिंसिपल को फॉलो नहीं किया तो उसका वायलेशन अगर आपने किया तो परिणाम क्या होगा डिमोटिवेशन अमंग एंप्लॉई एंप्लॉई डिमोटिवेट हो जाएगा और एंप्लॉई विल नॉट वर्क विद देयर बेस्ट एबिलिटी एंप्लॉई अपनी बेस्ट एबिलिटी से परफॉर्म नहीं कर पाएगा 14th और लास्ट प्रिंसिपल है दिस इज दिस इज कॉल्ड प्रिंसिपल ऑफ एस्पिरिट डी कॉप्स एस्पिरिट डी कॉप्स सिंपली सी सिंपल सी बात कहता है यूनिटीज स्ट्रेंथ एकता में बल है अगर 10 इंसान को हर एक इंसान को 10-10 जूते बनाने का काम दिया जाए तो हर इंसान दिन में 100 जूते बनाएगा बेहतर है कि हर एक इ 10 10 इंसान 100 जूते बनाएंगे ठीक है एक इंसान अगर 10 बनाता है तो आप एक काम करो 10 लोगों का एक टीम रख दो टीम ए और उसको उसको टारगेट दो 100 जूते बनाने का अगर एक बंदा छुट्टी पे भी है ना तब भी टीम जो है वो 100 का आप आउटपुट जो है पूरा करके देगी क्लास मेरे कहने का मतलब क्या है कि जो टीम एफर्ट है वह हमेशा ज्यादा होता है इं इंडिविजुअल एफर्ट से ज्यादा क्या होता है टीम एफर्ट तो आपने टीम वर्क को प्रमोट करना है स्कूल में इसीलिए आपने देखा होगा हाउसेस बनाए जाते हैं ठीक अलग-अलग कलर के ड्रेस पहना के किसी पर्टिकुलर डे पे एक हाउस क्रिएट किया जाता है कि आपका यह हाउस है ये हाउस है चार हाउस जनरली बनाए जाते हैं जिससे क्लास कंपटीशन किया जाता है तो एक ग्रुप का अलग तुम्हें अच्छा लगता है कि यार मेरे हाउस का बंदा है भले ही तुम नहीं जानते उसे लेकिन अगर तुम्हारे हाउस का है ना तो एक फीलिंग आती है हां यार भाई मेरी टीम का बंदा है वही तो मैनेजर शुड रिप्लेस आई विद v यहां पे आई को v से रिप्लेस किया गया एक इंसान की बात नहीं करो हम सब मिलके काम करेंगे तो जो टारगेट दिया जाता है ना वो किसी एक इंसान को मत दो पूरे ग्रुप को दो तो ग्रुप में अगर कोई इंसान कमजोर भी है ना तो बाकी मेंबर हेल्प करेंगे उसको और क्लास उससे अ हेल्प करें ताकि हम सबका जो गोल है ग्रुप का वो अचीव हो सके राइट दिस विल गिव राइज इन म्यूचुअल ट्रस्ट मैनेजर शुड बी इनकरेज एंड प्रमोट टीम स्पिरिट थ्रू ग्रुप एफर्ट मोर पावरफुल दन इंडिविजुअल एफर्ट ध्यान रखना ग्रुप एफर्ट हम हमेशा ज्यादा पावरफुल होता है एज कंपेयर टू इंडिविजुअल एफर्ट ऑर्गेनाइजेशन गोल कैन बी अचीव इजली थ्रू बहुत आसानी से अचीव कर सकते हो क्लास यानी कि ग्रुप कंट्रीब्यूशन सब लोग मिल के काम करेंगे तो बेसिकली ये बात क्या करता है ग्रुप की तो अगर आपने वायलेशन किया तो ग्रुप का गोल अचीव नहीं होगा और इंडिविजुअल के ऊपर ज्यादा स्ट्रेस होगा तो एक ग्रुप में रहते हैं तो काम बहुत अच्छे से होता है इंडिविजुअल में क्लास काम उतने अच्छे से नहीं हो पाता तो एस्प्र डी कॉप कहता है यूनिटी स्ट्रेंथ यानी कि आई को रिप्लेस करो वी से आई की बात मत करो वी की बात करो इससे क्लास गोल अचीव होगा राइट तो ये है क्लास 14 14 प्रिंसिपल्स जो हेनरी फेल साहब ने दिए थे और ये क्लास प्रिंसिपल्स एंड साइंटिफिक प्रिंसिपल्स ऑफ मैनेजमेंट जिसको दिया था एफ डब्लू टेलर ने क्लास अगर हम बात करें टेलर की यहां पे इन्होंने बोला है कि ये है क्लास एफ डब्लू टेलर इन्होंने कहा था कि मैनेजमेंट के अंदर यानी एक ऑर्गेनाइजेशन के अंदर चाहे वो किसी भी लेवल के मैनेजर्स हो उनको जितने भी डिसीजंस लेने हैं वो साइंटिफिकली लेने हैं आपको कहीं भी अपना दिमाग मत चलाना क्लास सारे डिसीजंस आप साइंटिफिक तरीके से लेना रिसर्च पे बेस होना चाहिए एक्सपेरिमेंट पे बेस होना चाहिए कैसे वो हम क्लास आगे बात करेंगे इट मींस एप्लीकेशन ऑफ साइंस ध्यान रखना हर जगह क्लास साइंस का एप्लीकेशन करना मैनेजमेंट में फ्रेडरिक विंसल टेलर पूरा नाम है क्लास अमेरिकन बॉर्न है 20 मार्च ् लेकिन इसी तरीके से इनको कहा जाता है फादर ऑफ साइंटिफिक मैनेजमेंट तो जब भी बात होगी साइंटिफिक प्रिंसिपल की तो टेलर की बारे में क्लास हम बात करेंगे टेलर फॉर्मुले फोर प्रिंसिपल्स ऑफ साइंटिफिक मैनेजमेंट और ये चार के चार प्रिंसिपल ही आज की क्लास में अच्छे समझना है ध्यान से एक-एक करके क्लास स्टार्ट करते हैं सबसे पहला है क्लास साइंस नॉट रूल ऑफ थम दूसरा हार्मनी नॉट डिस्कॉर्डेंट इंडिविजुअलिज्म चौथा है क्लास डेवलपमेंट ऑफ वर्कर्स टू देयर ग्रेटेस्ट एफिट सबसे पहले बात करते हैं साइंस नॉट रूल ऑफ थम देखो ध्यान रखना टेलर ने कहा है कि ऑर्गेनाइजेशन में जितने भी डिसीजंस लिए जा रहे हैं जितने भी डिसीजन सब में साइंस अप्लाई करना है क्योंकि आप मालिक हो आप अपनी मर्जी से अपनी इच्छा से या जो आपको लगता है आपके पास्ट एक्सपीरियंस से कोई भी डिसीजन नहीं लेना मैनेजमेंट के अंदर जितने भी डिसीजंस लेने हैं क्लास वो साइंटिफिक तरी तरीके से लेने हैं उसका रिसर्च करके एक्सपेरिमेंट करके कॉज एंड इफेक्ट रिलेशनशिप देख के आपको डिसीजन लेना है इसके लिए क्लास इन्होने एक वर्क स्टडी को सजेस्ट किया मैं आपको बताऊंगा क्लास आगे चलके वर्क स्टडी क्या होता है बेसिकली एक ऐसी स्टडी जो साइंटिफिक स्टडी है जिसके बेसिस पे डिसीजंस लिए जाते हैं अकॉर्डिंग टू दिस प्रिंसिपल टेलर इंसिस्ट दैट ईच जॉब परफॉर्म इन द ऑर्गेनाइजेशन शुड बी बेस्ड ऑन साइंटिफिक इंक्वायरी एंड नॉट ऑन द बेसिस ऑफ एक्सपीरियंस रूल ऑफ थम मींस डिक्टेटरशिप तानाशाह रूल ऑफ फॉम का मतलब क्या है मेरी लाठी जिसकी लाठी उसकी भैंस क्योंकि भाई मैं ओनर हूं मैं बोलूंगा तुम्हें इतने बजे काम करना है तुम्हें इतने बजे लंच होगा तुम्हे इस मैथड से काम करना है तुम्हें यह एक्टिविटी करनी है यह एक्टिविटी नहीं करनी इस काम को इतनी देर में करना है क्योंकि मैं मालिक को जो मैं बोलूंगा वो होगा है ना या फिर मुझे लगता है मैं इस काम को 4 घंटे में कर सकता हूं आपको भी 4 घंटे में करना है यह नहीं चलेगा टेलर ने क्लास अपने पहले प्रिंसिपल्स साइंस नॉट रूल ऑफ थम में कहा है वेयर एज साइंटिफिक डिसीजंस आर बेस्ड ऑन कॉज एंड इफेक्ट रिले फॉर एग्जांपल इन द रूल ऑफ थर्म द स्टैंडर्ड टाइम टू रिक्वायर्ड टू डू अ पर्टिकुलर जॉब इज़ डिसाइडेड बाय द मैनेजर ऑन द बेसिस ऑफ़ हिज पास्ट एक्सपीरियंस मैनेजर को लगता है यार इस काम को इतनी देर में करना चाहिए इतनी देर में कर दो बट साइंस क्या कहता है क्लास टलस इज दैट स्टैंडर्ड टाइम फॉर जॉब जो है वह है क्लास एक स्टडी किया जाएगा टाइम स्टडी जिसके बारे में हम आज ही अगली क्लास में पढ़ेंगे टेक्निक एक है अ टाइम स्टडी मेथड स्टडी मोशन स्टडी फटीक स्टडी टाइम स्टडी इस तरीके से चार स्टडी है जिनको हम डिटेल में पढ़ेंगे अगली क्लास में टेलर कहते हैं कि भैया आप एक स्टडी करो टाइम स्टडी टाइम स्टडी का मतलब क्या है कि आप हजारों वर्कर से काम कराओ स्टॉप वॉच लेके घड़ी लेके काम कराओ और देखो कौन सा इंसान कितनी देर में काम करता है सबके जोड़ दो क्लास हजार से डिवाइड दे तो पता पड़ जाएगा हर इंसान ने काम को कितनी देर में किया और उसी एवरेज टाइम को फिक्स कर दो कि हर कोई क्लास इसी एवरेज टाइम पे करेगा मतलब क्लास ओनर अपनी इच्छा से बिल्कुल भी डिसाइड नहीं करेगा काम करने का स्टैंडर्ड टाइम क्या है ये क्लास एक स्टडी से किया जाएगा इसको बोलते हैं टाइम स्टडी तो ये हो गया हो गया ना साइंटिफिक तरीका इसी को बोलते हैं क्लास साइंस नॉट रूल ऑफ थम मतलब मैनेजमेंट में ईच एंड एवरी एलिमेंट में साइंस का यूज करना है तो अगर ये किसी केस स्टडी में आती है तो साइंस नॉट रूल ऑफ थम दूसरा है हार्मनी नॉट डिस्कॉर्डेंट ग्रुप और मैनेजर ग्रुप वर्कर काम करते रहते हैं मैनेजर इनको ऑर्डर देते रहते हैं तो मैनेजर को ऐसा लगता है वर्कर किसी काम के नहीं है हमेशा रिसोर्सेस का वेस्टेज करते हैं सैलरी ज्यादा मांगते हैं आए दिन छुट्टी चाहिए बहाना बनाते कंपनी के रिसोर्सेस को प्राइवेट यूज के लिए इस्तेमाल करते हैं और वहीं पे इनकी शिकायत क्या होती है वर्कर्स की यार मैनेजर तो कुछ भी काम नहीं करते आता है घूमता रहता है कोई काम नहीं करता सारा काम हम करते हैं मजे हैं इसके तो सैलरी भी हमसे डबल ट्रिपल लेता है काम कुछ करता नहीं हम पे रोप झाड़ता है और हमारा हमें अच्छी सैलरी देता नहीं है ना हमारी तनख्वा बढ़ाता है ना हमें छुट्टी देता है उनकी तकलीफ हमेशा रहती है वर्कर का मैनेजर के लिए हमेशा एक नेगेटिव एटीट्यूड रहता है और मैनेजर का वर्कर के लिए एक नेगेटिव एटीट्यूड र रहता है हार्म नॉट डिस्कॉर्डेंस हमें मिलजुल कर रहना है हार्म नॉट डिस्कॉर्डेंस क्या कहता है क्लास देयर शुड बी हार्मनी बिटवीन द एंप्लॉई एंड मैनेजमेंट दिस कोऑर्डिनेशन विल हेल्प मिनिमाइज द कॉन्फ्लेट जो भी लड़ाई झगड़ा है कॉन्फ्लेट्स है एरर है उसको हम क्या कर सकते हैं कम से कम कर सकते हैं दोनों के बीच में परफेक्ट अंडरस्टैंडिंग रहनी चाहिए वर्कर को समझना चाहिए कि यार अगर मेरे को ज्यादा कमाना है तो मैं ज्यादा काम करता हूं मैं ज्यादा कमाऊ वर्कर मैनेजर को लगता है कि इससे ज्यादा काम करवाना तो ज्यादा पैसे दो कितना सिंपल है वर्कर ज्यादा काम करेगा ज्यादा पैसे कमाए मैनेजर ज्यादा काम करवाएगा तो ज्यादा पैसे देगा इतनी सी बात है तो दोनों के बीच में समझना चाहिए हार्मोनी कि अगर वर्कर नहीं है तो मैनेजर भी कुछ भी नहीं है बिना वर्कर के मैनेजर को कौन रखेगा काम पे नहीं और अगर वर्कर को सोचना चाहिए अगर मैनेजर नहीं है तो हमें सैलरी कौन देगा तो दोनों ही एक दूसरे के लिए बने हैं दोनों ही एक दूसरे पे डिपेंड है इसका समझना चाहिए शेयरिंग द गेन अगर कंपनी ने ज्यादा पैसे कमाए कभी अगर कंपनी को लगता है हमने इस साल एक्स्ट्रा पैसे कमाए तो भी वर्कर को भी एक्स्ट्रा बेनिफिट्स दो वर्कर को भी क्लास कुछ पर्क्स दो कुछ बेनिफिट दो तो गेन को वर्कर के साथ भी शेयर करो तभी तो वर्कर अच्छे से काम करेंगे एक ऑर्गेनाइजेशन क्लाइमेट रखो जहां पे वर्कर खुशी-खुशी आए जहां कंपनी के अंदर वर्कर आए तो खुशी-खुशी काम करें सबके साथ अच्छे रिलेशनशिप हो अच्छे से काम करें आपके फेबर में काम करें अपना काम समझ के करें तो ये चीज क्लास जो है इसे कहते हैं हार्मिन नॉट डिस्कॉर्डेंट हार्मिन नॉट डिस्कॉर्डेंस नॉट इंडिविजुअलिज्म अब कई लोगों को ना हार्मिन नॉट कोऑपरेशन नॉट इंडिविजुअलिज्म है बहुत कंफ्यूजन होता है मैं अच्छे से बता रहा हूं हार्मोनी मैंने बता दिया नेगेटिव रिलेशनशिप जो दोनों के बीच में है उसको खत्म करना गेंस को शेयर करना होता है अगर अच्छा कमाया पैसा तो भाई वर्कर के साथ भी शेयर करो कोऑपरेशन नॉट इंडिविजुअलिज्म क्या कहता है आपने एक प्रिंसिपल पढ़ा था हेनरी फियोल का प्रिंसिपल ऑफ इनिशिएटिव ये सेम वही प्रिंसिपल है लेकिन साइंटिफिक तरीके से प्रिंसिपल ऑफ इनिशिएटिव में आपने पढ़ा था वर्कर के सजेशन को वेलकम करना है कोऑपरेशन नॉट इंडिविजुअलिज्म में भी वर्कर को कॉन्फिडेंस में लेके आना है किसी भी काम को देने से से पहले और कोऑपरेट करना यह नहीं कि आज काम बहुत है तो आज लंच नहीं होगा आज काम बहुत है तो आज आपको एक्स्ट्रा काम करवाएंगे लेकिन एक्स्ट्रा पे नहीं करेंगे ये नहीं होना चाहिए कोऑपरेशन नॉट इंडिविजुअलिज्म क्या कहता है सब लोग मिलजुल के काम करो कोप कोऑपरेट करो अकॉर्डिंग टू दिस प्रिंसिपल वर्कर मस्ट बी कैरी इन कोऑपरेशन विद ईच अदर विद म्यूचुअल कॉन्फिडेंस एंड अंडरस्टैंडिंग फॉर ईच अदर द मैनेजमेंट मस्ट टेक वर्कर इन कॉन्फिडेंस बिफोर सेटिंग अप स्टैंडर्ड्स और टारगेट कि आज का टारगेट कितना है यह टारगेट देने से पहले वर्कर से पूछ लो क्या आप इतना टारगेट कर पाओगे पूरा क्या आज हम लोग इतना काम कर पाएंगे वर्कर अगर नहीं भी कर पा रहा है ना आप उससे पूछ लोगे तो वर्कर बोलेगा हां यार मैं कर सकता हूं क्योंकि आपने उसको प्रायोरिटी दी उसको लगेगा कि हां यार मैं भी कुछ मायने रखता हूं कंपनी के लिए मैनेजर शुड वेलकम सजेशन मैनेजर को वर्कर के सजेशन को वेलकम करना चाहिए साथ में क्लास उन्हें कुछ रिवॉर्ड देना चाहिए कि आपने अच्छा सजेशन दिया जिसकी वजह से हमारी कंपनी को फायदा हुआ आपने एक सलाह दी आपने एक रास्ता बताया हमको फायदा हुआ तो आपको पे करना है उसको एट द सेम टाइम वर्कर शुड न नॉट गो स्ट्राइक एंड क्लास मेक अनरीजनेबल डिमांड अनरीजनेबल डिमांड नहीं करना चाहिए क्लास वर्कर को स्ट्राइक पे नहीं जाना चाहिए क्लास मैनेजर शुड वर्क साइड बाय साइड विद वर्कर ध्यान रखना क्लास मैनेजर को साइड बाय साइड जो है काम करना है जापनीज की बात करते हैं जापान में वर्कर को एज अ फैमिली मेंबर मानते हैं कंपनी कंपनी के अंदर जो लोग काम करते हैं ना उनको फैमिली की तरह ट्रीट करते हैं क्लास ठीक है तो पैटिक स्टाइल ऑफ मैनेजमेंट होता है ये ये क्लास आता है कोऑपरेशन नॉट इंडिविजुअलिज्म में जहां पे वर्कर्स को क्लास एक फैमिली की तरह ट्रीट करते हैं और हमारी कंपनी में ऐसा नहीं होता वर्कर को जितना ज्यादा निचोड़ सको निचोड़ लो सरकार एक मिनिमम वेज फिक्स करती है बट वर्कर के लिए क्लास वो अप्लाई नहीं करती कंपनी थोड़ा पैसा उस वर्कर से मार के वो घूस खिला के क्लास काम चला लेती है तो ऐसा नहीं होना चाहिए नो लंच टाइम फॉर टुडे ड्यू टू हेवी लोड वेलकमिंग एंप्लॉई सजेशन नो अनरीजन स्ट्राइक्स एंड डिमांड पैटर्न स्टिक स्टाइल्स ऑफ स्टाइल ऑफ मैनेजमेंट जो जापान में होता है क्लास य पार्टिसिपेशन ऑफ वर्कर वर्कर का पार्टिसिपेंट ये सारे पार्टिसिपेशन ये सारे क्लास एग्जांपल्स हैं कि किसके कोऑपरेशन नॉट इंडिविजुअलिज्म के ठीक है साइंस नॉट रूल ऑफ थंब अ हार्मनी नॉट डिस्कार्ड कोऑपरेशन नॉट इंडिविजुअलिज्म एंड फोर्थ इज डेवलपमेंट ऑफ वर्कर्स टू देयर ग्रेटेस्ट एफिशिएंसी कितनी सिंपल सीधी बात है अगर मैं चाहता हूं कि मेरा हर एक बच्चा 100 में से 100 लेके आए तो मुझे 100 में से 100 की तैयारी भी करानी पड़ेगी मैं 80 50 नंबर की तैयारी करवा के आपसे 100 नंबर एक्सपेक्ट नहीं कर सकता सिंपल सी बात है तो अगर मैं कंपनी में मैनेजर हूं मैं चाहता हूं कि वर्क अगर बहुत बेहतरीन परफॉर्मेंस दे तो मुझे वर्कर को बहुत बेहतरीन ट्रेनिंग और वर्कर के डेवलपमेंट भी के बारे में भी सोचना पड़ेगा ट्रेनिंग किसको कहते हैं कि भाई मैं तुम्हें ये काम सिखा रहा हूं ये काम सीखो और करो लेकिन डेवलपमेंट का मतलब क्या है तुम ये एक्स्ट्रा चीज भी सीखो भले ही तुम्हारे काम में काम ना है बट तुम्हारे लाइफ में काम आएगा एग्जांपल वर्कर्स के लिए क्लास कुछ फिजिकल एक्टिविटी की जाती है हेल्थ एक्टिविटी की जाती है उनको कुछ एक्स्ट्रा टेक्निक्स उनके पर्सनालिटी डेवलपमेंट उनकी कम्युनिकेशन स्किल्स को इंप्रूव किया जाता है सो दैट नियर फ्यूचर वो यहां नहीं कहीं भी काम करेगा तो फायदा पहुंच पहुंचेगा उससे वर्कर को प्रमोशन दिया जाए यह सब डेवलपमेंट के लिए डेवलपमेंट ऑफ वर्कर्स टू देयर ग्रेटेस्ट एफिशिएंसी अगर आप चाहते हो वर्कर अपनी ग्रेटेस्ट एफिशिएंसी से परफॉर्म करें तो भैया वर्कर का डेवलपमेंट जरूरी है अकॉर्डिंग टू दिस प्रिंसिपल द एफिशिएंसी ऑफ ईच एंड एवरी पर्सन शुड बी टेकन आर क्लास राइट फ्रॉम हिज सिलेक्शन अच्छे वर्कर को सिलेक्शन करो उनको ट्रेनिंग दो अच्छे से अल्टीमेटली काम अच्छे से करेगा सैलरी अच्छी दो अ प्रॉपर अरेंजमेंट ऑफ एवरीबॉडी ट्रेनिंग शुड बी मेड कंपनी शुड ट्राई टू अपडेट द नॉलेज वर्कर की नॉलेज को टाइम टू टाइम अपडेट करो कई सारी कंपनी क्लास अभी हाल फिलहाल में देखोगे दिल्ली सरकार ने अपने टीचर्स को बाहर भेजा अलग-अलग कंट्री में भेजा जाओ वहां पे देखो वहां पे क्या टेक्नोलॉजी चल रही है उसको सीख के आओ तो ये उनका ही फायदा हुआ ना टीचरों का उनको पता चला अच्छा ऐसे सिखा सकते हैं बच्चों को ऐसे बेहतरीन देशों में पढ़ाया जाता है हम भी ऐसे ही पढ़ाएंगे तो वो डेवलपमेंट करेंगे एजुकेशन सिस्टम को तो अगर आप चाहते हो कि आपके आपका एंप्लॉय अच्छे से परफॉर्म करें तो भैया क्लास प्रमोशनल अपॉर्चुनिटी देनी पड़ेगी उनको मौका देना पड़ेगा प्रमोशन हो ऐसी कंपनी में काम करता हूं जहां पे प्रमोशन किसी का होता ही नहीं है तो फायदा क्या काम करने का तो प्रमोशनल अपॉर्चुनिटी दो कि काम अच्छे से करोगे देखो तो प्रमोशन होगा तभी तो उसके अंदर एक आग लगी रहेगी ना काम को अच्छे से करने की अदर वाइज वो काम अच्छे से क्यों करेगा एंड आल्सो जॉब सिक्योरिटी उसको जॉब सिक्योरिटी भी लगनी चाहिए कि हां यार मेरी जॉब यहां पे सिक्योर है मैं परमानेंट एंप्लॉई हूं मैं एक फॉर्मल सेक्टर में काम कर रहा हूं जब मर्जी तब मुझे निकाल नहीं सकती कंपनी तो कंपनी को जब जब एंप्लॉय को लगेगा कि ये जॉब सिक्योर है मेरी तो वो काम अच्छे से करेगा हालांकि इससे कुछ डी मेरिट भी है सरकारी जॉब में क्या होता है सरकारी ऑफिसर्स को पता होता है अभी कोई हमें निकाल नहीं सकता तो कई बार वो क्लास काम नहीं करते दिस विल इंश्योर ग्रेटेस्ट एफिशिएंसी एंड प्रोस्पेरिटी फॉर बोथ वर्कर्स एंड कंपनी तो अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारे वर्कर अच्छे से काम करें उनको प्रॉपर ट्रेनिंग दो उनके डेवलपमेंट की बात करो उनको अच्छा पे करो प्रमोशनल अपॉर्चुनिटी दो उनको डेफिनेटली वो अच्छे से काम करेंगे उनकी नॉलेज को अपडेट करो उनको लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पे काम करवाओ अच्छे से काम करेंगे उनका डेवलपमेंट होगा और आपका भी फायदा होगा राइट सो ये हो गया क्लास चार चौथा प्रिंसिपल साइंटिफिक टेक्निक ऑफ टेलर टेलर ने कुछ टेक्निक्स दिए थे जिनके बारे में क्लास हम पढ़ेंगे और एक-एक करके सारे टेक्निक्स को देखते हैं सबसे पहली टेक्निक है फंक्शनल फॉर मैनशिप फंक्शनल फॉर्मन शिप कहता है अकॉर्डिंग टू टेलर बिजनेस के अंदर बहुत सारे काम होते हैं और एक एक्सपर्ट जो है वह इतना मतलब कि उसे हर फील्ड की नॉलेज नहीं है समझ रहे हो जो एक एक्सपर्ट है उसे हर फील्ड की नॉलेज नहीं है तो ये कहते हैं कि जो बॉस होने चाहिए वो एक से ज्यादा हो होने चाहिए आठ बॉसेनो होने चाहिए क्लास सो दैट हर एक बॉस अपनी फील्ड में एक्सपर्ट हो और अपनी फील्ड में क्लास वो लोगों को गाइड कर सके तो यहां पे फंक्शनल फॉर मैनशिप में अकॉर्डिंग टू टेलर फैक्ट्री शुड बी डिवाइडेड इनटू टू डिपार्टमेंट फैक्ट्री के अंदर दो डिपार्टमेंट है पहला है क्लास प्लानिंग डिपार्टमेंट इनका काम क्या है सिर्फ और सिर्फ प्लान करना दिमागी काम करना एनालिसिस करना फॉर कास्टिंग करना ये फ्री फ्रॉम वर्क है मतलब इनको फिजिकल एक्टिविटी नहीं करनी इनको मेंटल एक्टिविटी करनी है एंड प्रोडक्शन डिपार्टमेंट दूसरा है क्लास प्रोडक्शन डिपार्ट पहला है प्लानिंग डिपार्टमेंट दूसरा है प्रोडक्शन डिपार्टमेंट अब इस डिपार्टमेंट के अंदर इन्होंने चार अलग-अलग हेड बना दिए और प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में भी चार अलग-अलग हेड बना दिए यानी कि ये क्या कहते हैं क्लास देखो एक तरीके से ये जो प्रिंसिपल है ना एक प्रिंसिपल का वायलेशन है आप याद करो आपने हेनरी फेयोल के जो 14 प्रिंसिपल पढ़े थे उनमें से एक प्रिंसिपल का ये वायलेशन है वो है यूनिटी ऑफ कमांड उसमें पढ़ा था आपने एक बॉस की सुनो लेकिन यहां पे एक बॉस नहीं है यहां चार-चार अलग-अलग बॉस बना दिए टेलर फेल्ट दैट वर्कर मस्ट क्लास बिफोर फ्रॉम क्लास यानी कि वर्कर जो है वो क्लास अलग रहना चाहिए किससे प्लानिंग से वर्कर को भैया सिर्फ और सिर्फ क्या करना है क्लास वर्कर को काम करना है उसको प्लानिंग से दूर रहना चाहिए ठीक है अवे फ्रॉम अ प्लानिंग और क्लास उनको जो वर्कर्स हैं उनको प्लानिंग से दूर रहना चाहिए और जो प्लानर्स हैं उनको काम से दूर रहना चाहिए बिकॉज़ ये दोनों का अलग-अलग काम है इनका काम है क्लास मेंटल एक्ससाइज जबकि इनका काम क्या है क्लास इनका काम है फिजिकल एक्टिविटी करना फिजिकली काम करना दे मस्ट कंसंट्रेट ऑन वर्क एंड प्रोडक्शन प्लानिंग डिपार्टमेंट शुड फोकस ऑन प्लानिंग पॉलिसी स्ट्रेटेजी बनाना है ना ये सब चीजें टू डेवलप स्पेशलाइजेशन इन बोथ डिपार्टमेंट टेलर सजेस्टेड इन डिपार्टमेंट में स्पेशलाइजेशन रखने के लिए टेलर ने क्लास बोला इसमें चार एक्सपर्ट होने चाहिए इसमें भी चार एक्सपर्ट होने चाहिए क्योंकि एक एक्सपर्ट नहीं होता सब काम को एक नहीं कर सकता देखो जैसे यहां पे यहां पे चार चार है तो प्लानिंग डिपार्टमेंट में ये रहे चार एक्सपर्ट ऑपरेशनल डिपार्टमेंट में ये रहे चार एक्सपर्ट चार-चार एक्सपर्ट व तो सबसे पहला जो है यह है रूट क्लर्क प्लानिंग डिपार्टमेंट में यह चार एक्सपर्ट है मैं आप सबसे रिक्वेस्ट करता हूं अी कमेंट सेक्शन में इसे अच्छे से लर्न करो और इसे लिख के दिखाओ प्लानिंग डिपार्टमेंट में सबसे पहला रूट क्लर्क रूट क्लर्क वो इंसान होता है जो आपको रास्ता दिखाता है कि भैया आपको कैसे-कैसे काम करना है इसने पूरा प्री डिटरमाइंड स्टेप्स ऑफ स्टेप्स बना दिए क्लास कि आपको काम कैसे-कैसे करना है इंस्ट्रक्शन कार्ड क्लर्क आपको इंस्ट्रक्शन देगा आपके साथ-साथ चलेगा अच्छा देखो अब ऐसे करो फिर आपके साथ आगे जाएगा अब ऐसे करो इसने ने पूरा प्लान सेट कर दिया रूट बना दिया ये रूट पे आपके साथ चलेगा और ये जो क्लास है बॉस ये बॉस चेक करेगा टाइम और कॉस्ट को काम समय पे कर रहे हो कि नहीं कर रहे रिसोर्सेस का वेस्टेज तो नहीं कर रहे अगर आपको 50 का बजट मिला था तो ये सामान आपने 50 का ही बनाया है या ₹ खर्च कर दिया इसके पीछे समझ रहे हो अगला एक क्ला डिसिप्लिन चेक करें क्लास काम डिसिप्लिन तरीके से हुआ है कि हुआ है या नहीं हुआ है काम को जब आपने किया है तो उसे डिसिप्लिन तरीके से किया कि नहीं किया उस चीज को ये चेक करेगा काम होना जरूरी है लेकिन डिसिप्लिन से होना भी जरूरी है एग्जांपल एक डॉक्टर ऑपरेशन कर रहा है ऑपरेशन का सक्सेसफुल होना जरूरी है लेकिन डिसिप्लिन के साथ यानी दारू पी के आप ऑपरेशन कर रहे हो नशा करके आप ऑपरेशन कर रहे हो जो कबीर सिंह मूवी में आपने इस चीज को देखा भी था फाइन भी लगता है उनके ऊपर और जेल भी हो सकती है तो ये चार सबसे पहले रास्ता दिखाता है रूट क्लर्क रास्ता दिखाएगा भाई ऐसे ऐसे करना है रूट क्लर्क कहानी की तरह याद करो रास्ता दिखाएगा रूट क्लर्क रास्ते में साथ चलेगा इंस्ट्रक्शन कार्ड क्लर्क और कॉस्ट और टाइम दिखेगा कॉस्ट एंड टाइम क्लर्क और काम डिसिप्लिन तरीके से हुआ है कि नहीं प्रॉपर तरीके से हुआ है कि नहीं क्लास उस चीज चीज को डिसिप्लिन चेक करेगा भ जो काम हुआ एक्चुअली में प्रॉपर तरीके से हुआ कि नहीं हुआ अभी ऑपरेशन डिपार्टमेंट दो डिपार्टमेंट सेपरेट किया था ना टेलर ने प्रोडक्शन डिपार्टमेंट को ऑपरेशनल डिपार्टमेंट बोलते हैं और ये प्लानिंग डिपार्टमेंट है इनमें भी चार बॉस हैं चार अलग-अलग हेड हैं चार अलग-अलग एक्सपर्ट्स हैं इनमें क्या है गैंग बॉस गैंग बॉस वो बॉस है जो तुम्हारे लिए हर एक चीज अरेंज करके रखेगा एज अ एंप्लॉई जब मैं कंपनी में जाता हूं तो मशीनस रॉ मटेरियल सब कुछ अवेलेबल रहता है वो अवेलेबल कराने का काम इनका है कि वर्कर आएगा वर्कर सीधे काम करेगा उसकी टेंशन नहीं है रॉ मेटेरियल कहां से जाएगा उसकी टेंशन ये है कि सब कुछ रखा है अब मैं काम करना स्टार्ट करता हूं स्पीड बॉस ये चेक करेगा भा जो काम हो रहा है वो करेक्ट स्पीड से हो रहा है कि नहीं एक दिन में एक वर्कर को 10 यूनिट बनाना है तो 10 से कम तो नहीं बना रही ये चेक करेगा क्य वर्कर टाइम पास करते हैं कंपनी के अंदर बहुत सारे तो ये चेक करता है स्पीड अगला है रिपेयर बॉस अगर किसी मशीन में खराबी आ गई तो ये नहीं बोलेंगे मशीन रिपेयर में जाएगा 10 दिन में आएगा तब तक वर्कर 10 दिन खाली बैठा रहेगा क्या नहीं भैया रिपेयर बॉस कंपनी के अंदर ही होता है तुरंत जाके ठीक करेगा मशीनस को वो खराबी हो गई तुरंत ठीक होगा ऐसा नहीं घर का रेफ्रिजरेटर खराब हो गया वो आएगा 10 दिन में ठीक करेगा नहीं इंस्टेंट ठीक होगा रिपेयर बहुत सा काम है कोई भी चीज खराब होती है उसको रिपेयर करना इंस्पेक्टर क्लास क्यूसी होता है क्वालिटी चेकर ये चेक करेगा भैया कि क्वालिटी जो प्रोडक्ट में होनी चाहिए वो बनाई कि नहीं बनाई समान वर्कर ने बनाया पर वो क्वालिटी है कि नहीं जो क्वालिटी हम ग्राहक को देते हैं आपने ब्रांडेड चीज देखी होगी सब एक जैसा रहता है सबकी क्वालिटी अच्छी रहती है सो ये क्वालिटी इंस्पेक्टर है ये क्वालिटी को चेक करता है प्रोडक्ट जो बना है ये क्वालिटी इसकी अच्छी है कि नहीं है जो क्वालिटी हमने डिसाइड की है वो है कि नहीं अप टू मार्क है कि नहीं स्टैंडर्ड्स का सेट है कि नहीं राइट तो फंक्शनल फॉर्मन शिप में सिंपल सी बात है डब्ल्यू टेलर ने कहा है दो डिपार्टमेंट बना दो प्लानिंग डिपार्टमेंट ऑपरेशन डिपार्टमेंट प्लानिंग डिपार्टमेंट को ऑपरेशन का काम नहीं करना ऑपरेशन डिपार्टमेंट को प्लानिंग का काम नहीं करना दोनों का काम अलग-अलग है दोनों को अपने काम पे फोकस करना है बट क्योंकि एक एक्सपर्ट नहीं होता क्लास जो सारी चीज सारी फील्ड में एक्सपर्ट हो तो उन्होंने चार एक्सपर्ट प्लानिंग में चार एक्सपर्ट ऑपरेशन डिपार्टमेंट में रखे हुए हैं और उन चारों का नाम क्लास यहां लिखा हुआ है चार चार आठ एक्सपर्ट्स और ये स ये सब आपको अच्छे से लर्न होना चाहिए राइट नेक्स्ट स्टैंडर्डाइजेशन एंड सिंपलीफिकेशन ऑफ वर्क टेलर का कहना है कि आप जो प्रोडक्ट बना रहे हो ना उसके एक स्टैंडर्ड होना चाहिए मेरी बात समझना ₹ की घड़ी भी आती है 500 की घड़ी भी आती है 5000 की घड़ी भी आती है 50000 की घड़ी भी आती है 5 लाख की घड़ी भी आती है और 5 करोड़ की घड़ी भी आती है सब टाइम दिखाती है लेकिन सबका जो क्वालिटी है वो अलग है 500 वाली घड़ी को बनाने के लिए जो रॉ मटेरियल यूज किया गया है जिसकी मार्केटिंग जैसी की गई है और 5 करोड़ को 5 करोड़ की घड़ी बनाने के लिए जो मार्केटिंग की जो रॉ मेटल यूज़ किया गया जो हर एक सामान उसके अंदर यूज़ किया गया है बिल्कुल डिफरेंट है तो आप कैसा स्टैंडर्ड रखना चाहते हो अपने प्रोडक्ट का मेरी बात समझ रहे हो क्लास सारी घड़ी एक जैसा टाइम बताती है क्लास पर आपके हाथ में जो घड़ी है वो आपका टाइम बताती है कि आपका हाल कैसा चल रहा है अगर आप 5 लाख की घड़ी पहन रहे हो तो वो आपका समय बताती है कि भाई आपका समय कैसा चल रहा है राइट सो कहने का मतलब क्या है ये कहते हैं भ प्रोडक्ट का जो स्टैंडर्ड है ना वो आपको मेंटेन करना है कि कि आप किस स्टैंडर्ड का सामान बनाते हो एग्जांपल के तौर पे बहुत सारे सामान है ब नमक भी ले लो ₹10 का आता है 20 का आता है 50 का 100 का 200 का भी आता होगा ठीक है उससे से कोई भी चीज ले लो कोई कपड़ा ही ले लो अब मान लो एक शर्ट है जो 00 की भी आती है एक शर्ट 5000 की भी आती है तो दोनों में क्या है क्वालिटी डिफरेंस है तो वही चीज क्लास भी आप कैसी क्वालिटी में डील करना चाहते हो साइंटिफिक मैनेजमेंट ऑलवेज इंसिस्ट ऑन मेंटे निंग क्वालिटी स्टैंडर्ड शुड बी मेंटेन फ्रॉम बिगिनिंग सिलेक्शन ऑफ टूल अब हर चीज अब सुनो मेरी बात को हर चीज चीज अब जो 500 का शर्ट सिल रहा है उसकी सिलाई मशीन सस्ती होगी लेकिन जो 5000 की शर्ट सिल रहा है उसकी सिलाई मशीन महंगी होगी उसके टूल उसके फैब्रिक उसका धागा सब अलग होगा राइट इक्विपमेंट रॉ मटेरियल एंड मशीनस ठीक है स्टैंडर्ड साइज साइज क्या स्टैंडर्ड साइज होगा वेट क्या रखेंगे ये सब चीज केला डिसाइड करना दिस इज कॉल्ड स्टैंडर्डाइजेशन और सिंपलीफिकेशन का मतलब क्या है अननेसेसरी डायवर्सिफिकेशन को खत्म करना है एक कंपनी गाड़ी बनाती है 50 कलर में नहीं बनाती वो पांच कलर में बनाएगी अन नेसेसरी चीजों को डायवर्सिफाई मत बेमतलब के प्रोडक्ट की ग्रेडिंग मत करो चार पांच चीज बनाओ ठीक है ब बहुत सारे मत बनाओ खर्चा आएगा बिकेगा भी नहीं सिंपलीफिकेशंस मींस एलिमिनेशन ऑफ अननेसेसरी डिवीजन ऑफ़ प्रोडक्ट साइज टाइप्स अब कोका कोला बनाती है दो-तीन साइज के अंदर अभी तो ना कि 250 ग्रा का बनाया 500 ग्रा का बनाया 750 ग्रा का बनाया फिर 1250 ग्रा का बनाया इतना नहीं दो-तीन साइज बहुत है तो जो अननेसेसरी जिनकी जरूरत नहीं देखो जहां जरूरत है वहां बनाओ सो सिंपलीफिकेशन का मतलब क्या है एलिमिनेशन ऑफ अननेसेसरी डिवीजन ऑफ़ प्रोडक्ट और क्लास स्टैंड का मतलब क्या है क्वालिटी चेक करना आप एक स्टैंडर्ड सेट करना कि भा हमारा प्रोडक्ट इस स्टैंडर्ड का है तो हम ये प्राइस चार्ज करेंगे हमारा प्रोडक्ट इतना लो स्टैंडर्ड नहीं है कि और प्राइस कम चार्ज करें और इतना हाई भी नहीं है कि ज्यादा चार्ज करें तो हमारा ये है तो जैसा रॉ मटेरियल यूज़ हुआ है जैसी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी यूज़ हुई है जैसे टैक्सेस यूज़ हुए हैं उस हिसाब से प्राइस सेट किया जाता है तीसरा वर्क स्टडी यही है जिसकी बात हमने क्लास की थी अभी साइंस साइंटिफिक अ प्रिंसिपल्स के अंदर साइंस नॉट रूल ऑफ थम हमने कहा था कि हर एक एलिमेंट में साइंस का इस्तेमाल करना है और उसी को बोलते हैं वर्क स्टडी वर्क स्टडी के अंदर चार स्टडी होता है जिसको हमें करना है क्लास साइंटिफिकली अभी हम देखेंगे पहला है फैटिक स्टडी दूसरा है मेथड स्टडी ती तीसरा है मोशन स्टडी चौथा है टाइम स्टडी ठीक है अब ये फैटी स्टडी क्या है इसको बोलते थकान अध्ययन सीधी सधी बात है जब ऑर्गेनाइजेशन में कोई भी वर्कर काम करेगा तो एक फिक्स टाइम के बाद वो थकना स्टार्ट कर जाएगा और जब वो थकेगा तो उसकी एफिशिएंसी लो होती चली जाएगी उसको ब्रेक चाहिए होगा अगर मैं ये वीडियो 202 मिनट की बना रहा हूं तो मैं बिल्कुल एनर्जेटिक रहता हूं लेकिन अगर यही वीडियो मेरी दो घंटे की हो ती घंटे की हो हो तो मैं थकना स्टार्ट करूंगा थोड़ा डलनेस आएगा वॉइस लो हो जाएगी तो मैं क्या बोलूंगा ब्रेक कि मुझे थोड़ी देर का ब्रेक चाहिए सो दैट मैं फिर से एनर्जेटिक हो जाऊं और अच्छे से पढ़ाऊंगा कितनी देर में थक जाते हैं अब ये मालिक डिसाइड नहीं करेगा कि मैं मालिक हूं मैं एक घंटे में थक जाता हूं तो मैं एक घंटे बाद ब्रेक दे दूं नहीं आपको एक स्टडी करनी पड़ेगी इसको बोलते हैं फैटी स्टडी थकान अध्ययन इट इज़ कंडक्टेड टू फाइंड आउट द फ्रीक्वेंसी ऑफ रेस्ट इंटरवल कितनी रेस्ट इंटरवल दोगे एक रेस्ट इंटरवल कितनी देर का होना चाहिए और ऐसे कितने रेस्ट इंटरवल दोगे इस चीज को डिसाइड करना सो देयर इज़ ऑलवेज नीड फॉर रेस्ट इंटरवल सो दीज आर डिसाइड विद द हेल्प ऑफ अ साइंटिफिक अप्रोच कॉल्ड फैटिक स्टडी टू कंडक्ट फैटिक स्टडी कैसे कंडक्ट किया जाए क्लास ऑब्जर्व करो एक वर्कर को कि वो ऑन एन एवरेज कितनी देर में थक जाता है स्टॉप वॉच घड़ी लेके हजारों वर्कर से काम कराओ घड़ी लेके देखो कौन कितनी देर में थकना शुरू कर रहा है और उस सारे टाइम को लेके एक एवरेज टाइम बना दो कि भाई ये आपका एक एवरेज टाइम है आपको इस दो घंटे बाद ब्रेक मिलेगा फिर उस ब्रेक में देखो कि ब्रेक के बाद फिर से कितनी देर में वो एन एनर्जाइजर रहे हैं फिर से क्योंकि फिर वो एनर्जेटिक हो जाएंगे फिर काम करेंगे और फिर उस टाइम का एवरेज निकालो कि हां भैया ये रेस्ट इंटरवल कितनी देर का होना चाहिए उसके बाद फिर अगेन वो दोबारा थक फिर दोबारा रिसर्च करो मतलब अपनी मर्ज से मत करो कि नहीं सर इतना आप वर्कर को बैठा देखो और फिर उस हिसाब से सेट करो अगर आप यह एवरेज सेट करोगे तो यह क्या होगा क्लास आपका बेस्ट माना जाएगा इसी को बोलते हैं क्लास फट स्टडी देन एज पर द जॉब नोट डाउन द टाइम वही है टाइम नोट करो क्लास जब वर्कर थकना स्टार्ट कर रहा है क्लास एफिशिएंसी देखो कब उनका क्लास डिक्रीजिंग हो रहा है अब उनको ब्रेक दो सिमिलरली क्लास आपका रेस्ट इंटरवल कितने होने चाहिए कितनी देर का होना चाहिए सब क्लास फेटिक स्टडी से ही डिसाइड किया जाएगा जो वर्क स्टडी का पार्ट है वर्क स्टडी इज द सम ऑफ फेटिक स्टडी मेथड स्टडी मोशन स्टडी एंड टाइम स्टडी अगला है मेथड स्टडी बहुत सिंपल है किसी भी भी काम को करने के अलग-अलग मेथड होते हैं एफ डब्लू टेलर कहता है कि उस मेथड को मत सिलेक्ट करो जो तुम्हें अच्छा लगता है जो तुम समझते हो जो तुम्हारा पास्ट एक्सपीरियंस है तुम एंप्लॉई को बोलो इस मेथड से भी करो इस मेथड से भी करो इस मेथड से भी करो जो मैं खुद इस्तेमाल करता हूं अब मेथड मान लो क्लास अगर मैं अकाउंट्स की बात करूं अकाउंट्स में मैंने आपको एक मेथड पढ़ाया था वेटेड एवरेज प्रॉफिट मेथड ठीक है उसमें मैंने बताया था क्लास कि भैया आप या तो एवरेज प्रॉफिट में से एक बार घटा दो सैलरी एंप्लॉई पार्टनर्स की या हर साल में से अलग-अलग घटाओ आंसर दोनों से सेम आना है मैंने आपको दोनों मेथड बता दिए अब आपकी मर्जी जो आपको आसान लगता है वो आप फॉलो कर लो उसी तरीके से क्लास वर्कर से इस मेथड से भी काम कराया जाता है दूसरे मेथड से भी काम कराया जाता है जिससे समय कम लगा जिससे हमारा रिसोर्सेस कम रिसोर्सेस का कम वेस्टेज हुआ उसी मेथड को फाइनलाइज कर देंगे फिर आगे आने आने वाले टाइम में उस बेसिस पे उसी मेथड को लगा के काम करवाएंगे या नहीं कि मेरी इच्छा जो है तो इसको बोलते हैं क्लास आपका मेथड स्टडी अगला है टाइम स्टडी बहुत इंपॉर्टेंट है सबसे ज्यादा अगर कोई चीज आती है तो वो टाइम स्टडी है टाइम स्टडी बेसिकली इसलिए किया जाता है ताकि हम यह जान सके कि कौन सा काम कितनी देर में होगा और इसका डिसीजन इसी स्टडी से किया जाता है ना कि मालिक की इच्छा से द टेक्निक ऑफ टाइम स्टडी और ये टेक्निक है आपको पूछेगा साइंटिफिक टेक्निक तो आप ये सब बताओगे आपको पूछेगा साइंटिफिक प्रिंसिपल्स तो चार प्रिंसिपल्स जो बताए थे वो बताओगे क्वेश्चन ढंग से पढ़ना पड़ेगा पूछ क्या रहा है साइंटिफिक पूछ रहा है या नॉर्मल पूछ रहा है नॉर्मल में 14 प्रिंसिपल फेयोल के साइंटिफिक में प्रिंसिपल पूछ रहा है या टेक्निक पूछ रहा है प्रिंसिपल चार है टेक्निक क्लास आप पढ़ रहे हो अ स्टैंडर्ड टाइम टू रिक्वायर्ड टू परफॉर्म अ जॉब किसी भी काम को करने का एक स्टैंडर्ड टाइम जो है व कितना लगता है सेटिंग ऑ स्टैंडर्ड टारगेट फॉर वर्कर्स वर्कर्स के लिए टारगेट सेट करना डिटरमाइंड द नंबर ऑफ वर्कर्स रिक्वायर्ड टू परफॉर्म अ जॉब किसी भी काम को करने के लिए कितने लोगों की जरूरत है कैटेगरी इजिंग द वर्कर्स इन एफिशिएंट एंड क्लास एफिशिएंट एंड इनएफिशिएंट कैटेगरी यानी क्लास आप कैटेगरी इज करो वर्कर्स को कौन हमारे एफिशिएंट वर्कर है कौन हमारे इनएफिशिएंट वर्कर है यानी क्लास इससे ये भी पता चल जाता है कौन एफिशिएंट है जो काम को समय पूरा करके दे रहा है कौन इनएफिशिएंट है जो काम को समय प पूरा करके नहीं दिया जा रहा तो कितने लोगों की जरूरत है ये कहां से पता चलता है क्लास टाइम स्टडी से कि इतना काम इतने समय पे होगा तो इस पूरे काम को करने में कितने लोगों की जरूरत पड़ेगी ठीक है तो ये सारे के सारे क्लास टाइम स्टडी के अंदर आता है और टाइम स्टडी कैसे किया जाता है क्लास पता है ना आपको टाइम स्टडी कैसे किया जाएगा वर्करों को क्लास सबसे सबको बिठा दिया जाएगा सब काम करो स्टॉप वॉच घड़ी लेके है ना किसने काम कितनी देर में किया किसीने एक घंटे में किसी ने आधे घंटे में किसीने 45 मिनट में किसीने 55 मिनट में किसी ने 60 मिनट में यानी एक घंटे में किसी ने 1 घंटा 5 मिनट किसी ने डेढ़ घंटे में और सब टाइम का लेके एवरेज निकाल दो और उसी टाइम स्टडी हो गया क्लास फिक्स कर दो और हर एक वर्कर व क्लास वही टाइम में काम करना है दिस इज कॉल्ड टाइम स्टडी राइट थर्ड का जो डी पार्ट है वो है मोशन स्टडी गति अध्ययन यह जो मेथड ये जो टेक्निक है साइंटिफिक टेक्निक टेलर का ये इसलिए किए जाते है ताकि वर्कर्स के प्रोडक्टिव और अनपटडाउनेबल सारे ऐसे मूवमेंट करता है जो प्रोडक्टिव है जहां काम किया जा रहा है लेन बहुत सारे ऐसे मूवमेंट होते हैं जो अनपटडाउनेबल मूवमेंट है और इन मूवमेंट को एलिमिनेट करना टेलर की जिम्मेदारी टेलर कहता है भैया इसको एलिमिनेट करो अब इसको ट कैसे करोगे कौन से मूवमेंट प्रोडक्टिव है कौन से मूवमेंट अनप्रॉक्टर्ड को बैठा दो काम पे और देखो कि कौन कौन-कौन सा मूवमेंट कर रहा है नोट डाउन करो सारे प्रोडक्टिव मूवमेंट्स को नोट डाउन करो सारे अनप्रॉक्टर्ड टिव मूवमेंट को एलिमिनेट कर दो एग्जांपल मैं कंपनी में सिलाई कर रहा हूं मेरे सामने सलाई मशीन है लेकिन सीजर के लिए मुझे वहां जाना पड़ता है दूसरे जगह से सीजर लेके आना पड़ता है कहीं से बॉब इन केस लाना पड़ता है कहीं से नीडल लेके आना पड़ता है कहीं से थ्रेड लेके आना पड़ता है तो कंपनी देख रही है कि मैं टाइम पास कर रहा हूं यहां-वहां जाके तो कंपनी पूरा का पूरा टूल किट मेरी कुर्सी सी के नीचे रखवा देती है कि भैया तुम्हें जो भी चाहिए यहीं से ले लेना यहीं रख देना तुम्हें यहां वहां जाने की जरूरत नहीं है तो ये मेरे अनप्रिटेंशस लाना है चौक लाना है तो बाहर जा रहे हो इससे अच्छा चौक डस्टर क्लास में रखवा दो एक्स्ट्रा मार्कर एक्स्ट्रा क्लास में रखवा दो इंक क्लास में रखवा दो एक्स्ट्रा ताकि बाहर जाने का जो टाइम वेस्ट करने का है चॉक डस्टर नहीं है उसी में 5-10 मिनट गुजर जाते हैं चॉक डस्टर को अरेंज करने में पीरियड ही 40 मिनट का होता है 10 मिनट उसमें खराब हो जाते हैं बच्चे के भी मजे हैं टीचर के भी मजे हैं तो इन अनपटडाउनेबल एन वर्कर एक वर्कर को देखो जब वो काम को परफॉर्म कर रहा है एंड नोट डाउन द मूवमेंट इज डूइंग हाउ मेनी टाइम ही गेटिंग अप फ्रॉम हिज प्लेस अपनी प्लेस से कितनी बार वोह उठ रहा है बार-बार देखो वो क्या अनप्रूवन कर रहा है क्लास उसको देख के फाइंड आउट करो ठीक करो और यह अपनी मर्जी से नहीं करना है इसके लिए भी क्लास मोशन स्टडी का रिसर्च करना है और क्लास उसके बाद क्लासिफाई करो कौन से प्रोडक्टिव मूवमेंट है कौन से अनप्रिटेंशस कौन से मूवमेंट कर रहे हो राइट चौथा चौथा जो है वर्क स्टडी तीसरा था अब चौथा जो टेक्निक है वो डिफरेंशियल पीस वेज रेट सिस्टम मेरी बात ध्यान से समझना दो दोस्त हैं दोनों कंपनी में आते हैं एक पूरी ईमानदारी से काम करता है शिद्दत से काम करता है एक दूसरा टाइम पास करता है दोनों को सैलरी मिलती है बराबर तो जो टाइम पास करता है वो हंसी उड़ाता है मजाक उड़ाता है अरे यार तू इतना काम करता है देख तब भी तेरे को बराबर पैसा मिलता है मैं मजे लेता हूं मुझे भी उतना पैसा मिलता है सबसे बड़ा नुकसान है ये कल को वो बोलेगा अरे यार सही कह रहा है भाई मैं भी क्यों मेहनत से काम करूं मैं भी लोट मारूंगा मैं भी मजे लूंगा टाइम पास करूंगा और बस जो है सैलरी मुझे भी उतनी मिलेगी तो ये डबल नुकसान है वो तो तो नहीं कर रहा जो करने वाला था वो भी नहीं कर रहा तो कंपनी ने क्या कहा कि डिफरेंशियल पस वेज पीस वेजेट सिस्टम दिस इज अ स्ट्रांगेस्ट मोटिवेट ये स्ट्रांगेस्ट मोटिवेट है स्ट्रांगेस्ट मोटिवेट है कहता है कि जो कम काम करेगा उसे कम पैसा मिलेगा जो ज्यादा काम करेगा उसे ज्यादा पैसा मिलेगा जो ज्यादा पीस बनाएगा उसे ज्यादा पैसा मिलेगा या नहीं एक टारगेट सेट करते हैं ये टारगेट है ये टारगेट है जो इतना काम करता है उसको इस रेट से पैसा मिलेगा जो इससे ज्यादा काम करेगा उसको डबल ट्रिपल रेट से पैसा मिलेगा ताकि लोग सोचे कि हम ज्यादा काम करें तो हमें ज्यादा पैसा मिला और जो कम काम करेगा इससे उसको कम रेट में मिलेगा पैसा तो सिंपल सी बात है एक सेट कर दिया लिमिट उससे ज्यादा काम करेगा ज्यादा रेट मिलेगा जो कम काम करेगा कम रेट मिलेगा सीधी-सादी बात है इसमें क्या है अभी सोचेगा अरे यार इसको ज्यादा पैसा मिल रहा है काम कर रहा है तो मैं लटू लौटूंगा नहीं मैं और काम करूंगा था मुझे भी ज्यादा पैसा मिले क्योंकि मुझे कम पैसा मिल रहा है और पहले ऐसा नहीं हो रहा था तो ये स्ट्रांगेस्ट मोटिवेट है सीधी सी बात है आप ज्यादा रिवॉर्ड मिलेगा तो आप ज्यादा काम करोगे ही करोगे सेम मिलेगा तो नहीं करोगे टेलर वाज द ओपिनियन दैट देयर शुड बी डिफरेंशिएबल द ए एंट एंड इनएफिशिएंट वर्कर और जो काम कम कर रहा है वो इनएफिशिएंट वर्कर है इनको तनख्वा कम देना है जो ज्यादा कर रहा है वो एफिशिएंट वर्कर है इसको तनख्वा ज्यादा देना है अभी हमने जो पहले पढ़ा वो वो एक्टिविटी के लिए था मूवमेंट के लिए था प्रोडक्टिव मूवमेंट अनप्रिटेंशस पीस वेड सिस्टम किसके लिए है डिफरेंस करने के लिए एफिशिएंट और इनएफिशिएंट वर्कर जो एफिशिएंट वर्कर है काम को समय पर पूरा कर रहा है उसको रिवॉर्ड मिलना चाहिए और जो इनएफिशिएंट वर्कर है क्लास उसको कम पैसा मिलना चाहिए सीधी सी बात है सो फेयर डे वर्क वेजेस पर आर पर आर का वेजेस इंटू नंबर ऑफ आर्स वर्क जो ज्यादा काम करेगा ज्यादा पैसे मिलेंगे ज्यादा पीस बनाएगा ज्यादा पैसे मिलेंगे जो कम पीस बनाएगा उसे कम पैसे मिलेंगे सो फॉर दिस इंट्रोड्यूस डिफरेंट रेट ऑफ वेज पेमेंट फॉर दोज हु परफॉर्म अव द स्टैंडर्ड एंड दोज हु परफॉर्म बिलो द स्टैंडर्ड एक स्टैंडर्ड सेट किया 100 यूनिट बनाना है दिन भर में जो 100 बनाएगा उसको ये रेट मिलेगा 100 से कम बनाएगा तो कम रेट मिलेगा 100 से ज्यादा बनाएगा ज्यादा रेट मिलेगा तो इस हिसाब से भी हर किसी को ज्यादा काम करना पड़ेगा इसे पीस रेट भी कहते हैं और लास्ट है क्लास मेंटल रिवोल्यूशन मेंटल रिवोल्यूशन क्या है हमने पहले भी पढ़ा था कि जो मैनेजर्स हैं और जो वर्कर्स हैं उन दोनों के बीच का जो नेगेटिव थिंकिंग है उसको दूर करना है एहसास दिलाना है दोनों को कि भैया दोनों के बिना एक दूसरे के बिना दोनों अधूरे हो अगर मैनेजर नहीं है तो वर्कर को तनख्वा नहीं मिलेगी और वर्कर नहीं है तो क्लास मैनेजर की कंपनी ही बंद हो जाएगी ओनर की कंपनी बंद हो जाएगी दोनों एक दूसरे के लिए जरूरी है दोनों को मिलजुल के काम करना चाहिए नेगेटिव नहीं सोचना चाहिए उसकी नेगेटिव की जो नेगेटिव थिंकिंग जो दोनों के बीच की है उसको हटाना उस को चेंज करना मेंटल रेवोल्यूशन कहलाता है द ऑब्जेक्टिव ऑफ दिस टेक्निक इज टू चेंज द नेगेटिव एटीट्यूड यहां पे नेगेटिव एटीट्यूड को चेंज करना है क्लास मैनेजमेंट और वर्कर्स दोनों का जो एक दूसरे के लिए नेगेटिव एटिट्यूड उसे चेंज करना है देयर शुड बी कोऑपरेशन बिटवीन द वर्कर्स एंड मैनेजमेंट बोथ शुड बी रिलाइज दैट ईच वन इज इंपोर्टेंट फॉर बोथ एंड हैव टू चेंज देयर थॉट्स फॉर ईच अदर दिस इज नोन एट नोन एज मेंटल रेवोल्यूशन भैया एक दूसरे के लिए जो तुम्हारा नेगेटिव एटीट्यूड है उसको पॉजिटिव एटीट्यूड में कन्वर्ट करना इज मेंटल रेवलेशन राइट तो यहां पे पूरा हो गया एंड आई होप आपको यह पूरा चैप्टर अच्छे से मैं एक्सप्लेन कर पाया आपको समझ आया होगा अगर आपको योद्धा बैच एंजॉय कर रहे हो तो प्लीज अपने क्लासमेट को वीडियो शेयर करो उन तक पहुंचाओ कि सुनील सर ने योद्धा बैच फ्री ऑफ कॉस्ट लच कर रखा है अकाउंट सको बीएसटी का डेली बेसिस पे वीडियोस आती हैं क्लास अकाउंट्स की डेली आती है मंडे टू फ्राइडे कभी अगर कोई दिक्कत परेशानी है तो शायद नहीं आती बट कोशिश कर रहा हूं डेली आए इको बीएसटी का तीन-तीन दिन ऑलरे एडको टीएस बीएसटी उम्मीद है क्लास आप सपोर्ट जरूर करोगे बाकी मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में नए चैप्टर के साथ तब के लिए टेक केयर बाय बाय गॉड ब्लेस यूू