अकाउंटिंग फॉर पार्टनरशिप फर्म्स (मूल सिद्धांत)

Jul 10, 2024

अकाउंटिंग फॉर पार्टनरशिप फर्म्स (फंडामेंटल्स)

परिचय

  • क्लास 11में सीखा: सोल प्रोप्राइटोरशिप (Sol Proprietorship)
  • क्लास 12में नया विषय: पार्टनरशिप फर्म्स

पार्टनरशिप की परिभाषा

  • Indian Partnership Act, 1932 के अनुसार: (Section 4)
    • "Partnership is the relation between persons who have agreed to share the profits of the business carried on by all or any of them acting for all".
    • कानून में दिए गए सेक्शन और एक्ट पर आधारित परिभाषा आधारित होती है।

पार्टनरशिप की विशेषताएँ

  1. Definition & Partners:
  • Individuals who have entered into a partnership with one another are individually called partners.
  • Collectively, these partners form a partnership firm.
  1. Separate Entity:
  • Accountable Entity: फर्म और पार्टनर अलग-अलग मान्यता प्राप्त करते हैं (separate accounting entity).
  • Legal Entity: पार्टनरशिप फर्म अलग लीगल एंटिटी नहीं होती (not a separate legal entity).
  1. Essential Features:
  • Minimum दो लोग, Maximum 50 लोग (Companies Act 2013 और Companies Rules, 2014 के अनुसार)
  • Agreement जरूरी (oral या written)
  • Lawful Business होना चाहिए
  • Profit-sharing अनिवार्य है, लेकिन Loss-sharing अनिवार्य नहीं है
  • Mutual Agency: Partners can act as both principal and agent for each other

पार्टनर्स के अधिकार

  1. मैनेजमेंट में भाग लेने का अधिकार
  2. व्यापार मामलों में परामर्श का अधिकार
  3. बुक्स ऑफ अकाउंट्स का निरीक्षण
  4. प्रॉफिट और लॉस शेयरिंग
  5. नए पार्टनर्स को रोकने का अधिकार
  6. फर्म से रिटायर होने का अधिकार (Proper Notice देना जरूरी)
  7. फर्म को लोन देने पर इंटरेस्ट प्राप्त करने का अधिकार (6% प्रति वर्ष अगर कुछ निर्धारित नहीं है)

पार्टनरशिप डीड

  • डॉक्यूमेंट: रिटन एग्रीमेंट में टर्म्स और कंडीशन
  • स्टैम्प पेपर: रजिस्ट्रार ऑफ फर्म्स के स्टैंप के साथ
  • प्रमुख बिंदु:
    • पार्टनर्स का विवरण (Name, Address, etc.)
    • फर्म का विवरण
    • बिजनेस की प्रकृति
    • प्रॉफिट शेयरिंग रेश्यो
    • कैपिटल पर इंटरेस्ट, ड्राइंग्स पर इंटरेस्ट, इंटरेस्ट ऑन लोन, पार्टनर की सैलरी, आदि
  • महत्व:
    • राइट्स और ड्यूटीज को रेगुलेट करता है
    • विवादों का समाधान
    • कोर्ट में साक्ष्य

बेसिक कांसेप्ट्स

  1. Interest on Capital (IoC):
  • फर्म पार्टनर को कैपिटल पर इंटरेस्ट देती है
  1. Interest on Drawings (IoD):
  • पार्टनर को फर्म को इंटरेस्ट देना पड़ता है
  • ड्राइंग्स Temporary Nature की होती है; परमानेंट विड्रॉल की स्थिति में इसे विड्रॉल ऑफ कैपिटल कहा जाता है
  1. Interest on Loan by Firm (IoL):
  • फर्म पार्टनर को लोन देती और इंटरेस्ट लेती है
  • फर्म के लिए अस्सेट
  1. Interest on Loan to Firm (IoL):
  • पार्टनर फर्म को लोन देती और इंटरेस्ट पाती है
  • फर्म के लिए लाइबिलिटी और इंटरेस्ट एक्स्पेंस का नेचर रखता है