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The Rise of Buddhism and Its Influence

[संगीत] स्टडी आईक्यू आईएस अब तैयारी हुई अफोर्डेबल बुद्धिज्म वेलकम टू स्टडी आईक्यू मेरा नाम है आदेश सिंह दोस्तों आज मैं आपको ऐसे समय से अवगत कराने वाला हूं जिसे इंडियन एसेंट हिस्ट्री का वाटरशेड मोमेंट बोला जा सकता है यह कहानी है सिक्सथ और फिफ्थ सेंचुरी बी की जब नॉर्थ इंडिया के गंगा यमुना के अपर दवाब में आर्यन कल्चर अपने पीक पर पहुंच चुका था दोस्तों जैनिज्म के लेक्चर में हमने देखा कि किस प्रकार इस दौर में कई तरह के रिलीजस सेक्ट्स का राइज हुआ हमने देखा कैसे सोसाइटी की सोशल इकोनॉमिक और पॉलिटिकल कंडीशंस किसी भी रिलीजन के राइज होने का प्राइमरी कारण होती हैं इन रिलीजस सेक्ट्स में से जैनिज्म के साथ बुद्धिज्म ऐसा दूसरा सेक्ट था जो इंडिय सबकॉन्टिनेंट में वाइडल स्प्रेड हो पाया इंडिया में ही नहीं बुद्धिज्म का इन्फ्लुएंस आज आपको पूरे वर्ल्ड में देखने को मिलेगा कंपैरिजन के तौर पर देखें तो जैनिज्म इंडिया में ही कन्फाइंड होकर रह गया तो दोस्तों शुरू करते हैं डिस्कशन बुद्धिज्म के कॉसेस ऑफ ओरिजिन से कॉसेस ऑफ ओरिजिन ऑफ बुद्धिज्म दोस्तों क्योंकि बुद्धिज्म और जैनिज्म लगभग एक ही समय पर राइज हुए इसलिए दोनों के ऑरिजिन के कॉसेस भी सेम ही थे संक्षिप्त में देखें तो लेटर वैदिक कल्चर में वर्ण सिस्टम का रिजिंग स्ट्रक्चर और बर्थ पर बेस्ड होना न्यू रिलीजस के राइज का एक कारण बना दूसरा और सबसे मेन कॉज था मिड गजेट प्लेंस में वाइड स्प्रेड एग्रीकल्चर बेस्ड इकॉनमी का राइज होना तीसरा कॉइंस के यूज से ट्रेड और कॉमर्स बढ़ा जिससे वैश्यास का सोसाइटी में इंपॉर्टेंस बढ़ता गया और वह अपनी सोशल स्टेटस बढ़ाने के लिए नए रिलीजस की ओर आकर्षित हुए और फाइनली टी के कंजरवेटिव लोग पुरानी लाइफ स्टाइल की मांग करने लगे दोस्तों इन सभी पॉइंट्स को आप डिटेल में जैनिज्म के वीडियो से कवर कर सकते हैं आइए अब हम बात करेंगे बुद्धिज्म के फाउंडर गौतम बुद्ध के बारे में गौतम बुद्ध गौतम बुद्ध महावीर के कंटेंपररी थे उन्हें सिद्धार्थ और शाक्य मुनि के नामों से भी जाना जाता है एक ट्रेडिशनल 567 बीसी में एक शाक्य त्रय फैमिली में कपिल वस्तु के पास लुंबिनी में हुआ जो कि नेपाल में है यह जगह आज यूपी के बस्ती डिस्ट्रिक्ट से कुछ ही दूरी पर है गौतम बुद्ध के फादर शुद्धोधन कपिल वस्तु के एक इलेक्टेड लीडर माने जाते हैं जो शाक्य क्लन के हेड थे उनकी मदर माया देवी कुशला डायनेस्टी की एक प्रिंसेस थी इससे यह साफ है कि बुद्ध एक नोबल फैमिली से बिलोंग करते थे और एक रिपब्लिक स्टेट में रहने के कारण ईगलिटेरियन बिलीफ यानी समान अधिकार वादी थे बचपन से ही उनका मेडिटेशन से बड़ा लगाव था उनकी मैरिज अर्ली एज में ही हो गई थी लेकिन उन्हें कभी मैरिड लाइफ में इंटरेस्ट नहीं रहा यहां पर फोर साइट्स के फेमस इंसिडेंट का जिक्र आता है बचपन की एक भविष्यवाणी में कहा गया कि सिद्धार्थ या तो बुद्ध बनेंगे या फिर एक ग्रेट किंग अब उनके फादर ने उनको ग्रेट किंग बनने की मंशा रखते हुए उन्हें पैलेस की लग्जरी में बंद करके रखा 29 साल की एज में जब पहली बार वह अपनी पैलेस से बाहर निकले तो उन्हें चार सींस दिखाई दिए पहले उन्हें एक ओल्ड पर्सन दिखाई दिया जिसने उन्हें एजिंग के कंसीक्वेंसेस से अवगत कराया दूसरे सीन में उन्हें एक सिक पर्सन मिला जिसको कोई डिजीज थी उसने यह बताया कि सारे ह्यूमन बीइंग्स को डिजीज और पेन होना निश्चित है तीसरे सीन में उन्हें एक डेड बॉडी दिखाई दी उनके चैरिटी ने उन्हें बता कि डेथ को रोकना इंसान के लिए नामुमकिन है चौथा सीन एक एटिक यानी तपस्वी का था जिसने अपने आप को ह्यूमन सफरिंग सर्च करने में डिव किया हुआ था इन फोर साइट्स के बाद ही उन्हें ह्यूमन सफरिंग को खत्म करने और रीबर्थ की साइकिल से फ्री होने की प्रेरणा मिली 29 साल की जज में ही उन्होंने अपने घर का त्याग कर दिया समाज के लोगों में फैली मिजी से वह काफी इन्फ्लुएंस थे और उसका सलूशन ढूंढना चाहते थे सा साल तक वह एक जगह से दूसरी जगह भ्रमण करते रहे और 35 साल की एज में उन्होंने एक पीपल ट्री के नीचे इनलाइटनमेंट को पाया इसी कारण से जगह का नाम बोध गया पड़ा जो कि आज बिहार में है इसी के बाद उनको द इनलाइटें वन यानी बुद्ध कहा जाने लगा अपनी इस लंबी जर्नी में उन्होंने लोगों से अपने आइडियाज शेयर करना चालू किया जिसे समन कहते हैं पहला स उन्होंने सारनाथ बनारस में दिया उनकी फिजिक काफी स्ट्रांग थी जिसके कारण वह एक दिन में ही काफी लंबी जर्नी कर पाते थे सिर्फ बारिश के सीजन को छोड़कर वह लगातार घूमते रहते मेडिटेटर और प्रीच करते रहते थे 40 साल तक यही सिलसिला चलता रहा इस दौरान उन्हें दूसरे सेक्ट्स के सपोर्टर्स जैसे ब्राह्मण भी मिले जिनको उन्होंने आसानी से डिबेट्स में डिफीट किया उनकी मिशनरी एक्टिविटीज ने कभी भी रिच और पुर हाई और लो मैन और वुमन में डिस्क्रिमिनेट नहीं किया जो उनके इलिट बिलीव्स का एक एग्जांपल है 487 बीसी में कुशीनगर में 80 साल की उम्र में उनकी डेथ हो गई यह जगह आज ईस्टर्न यूपी के देवरिया डिस्ट्रिक्ट के कसया नाम के विलेज में है यहां यह जानना जरूरी है कि सिक्सथ सेंचुरी बीसी में बुद्ध के एसिस्टेंसिया वाराणसी वैशाली और राजगृह जैसी सिटीज जिनमें बुद्ध की प्रेजेंस का दावा किया जाता है वह सभी फिफ्थ सेंचुरी बीसी के बाद ही अर्बनाइज हो पाई दोस्तों आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं बुद्धिज्म के डॉक्ट्रिन की डॉक्ट्रिन ऑफ बुद्धिज्म गौतम बुद्ध वास्तव में एक प्रैक्टिकल रिफॉर्मर थे जिन्होंने उस समय की सोसाइटी की रियलिटीज को एक्सेप्ट किया और उसके खिलाफ लड़ाई लड़ी उन्होंने खुद को समाज की सामान्य समस्याओं से जोड़ा जो लोग डेली लाइफ में सफर कर रहे थे उनका यह मानना था कि वर्ल्ड सोरो यानी कि शोक से भरा हुआ है और लोगों की सफरिंग का मेन कारण उनकी डिजायर्स हैं यदि इन डिजायर्स को कंकर कर लिया जाए तो इंसान निर्वाणा को पा लेता है जिसके बाद वह बर्थ और डेथ के साइकिल से फ्री हो जाता है उनका कहना था कि निर्वाना कोई प्लेस नहीं है जहां पहुंचा जा सकता है बल्कि यह एक एक्सपीरियंस है जिसको इसी लाइफ में पाया जा सकता है बुद्धिस्म में कोई भी सुप्रीम डेटी या गॉड को एस्टेब्लिश नहीं किया गया बुद्ध ने ह्यूमन मिजी को एलिमिनेट करने के लिए एट फोल्ड पाथ यानी अष्टांग का मार्ग को रेकमेंडेड है राइट ऑब्जर्वेशन यानी सम्यक दृष्टि राइट डिटरमिनेशन यानी सम्यक संकल्प राइट स्पीच यानी सम्यक वाणी राइट एक्शन यानी सम्यक कर्माता राइट लाइवलीहुड यानी सम्यक आजीविका राइट एफर्ट यानी सम्यक व्यायाम राइट अवेयरनेस यानी सम्यक स्मृति और राइट कंसर्न यानी सम्यक समाधि बुद्ध के अनुसार यदि मनुष्य इस एटफोल्ड पाथ को फॉलो करेगा तो वह अपने आपको रिचुअल्स को फॉलो करने की नेसेसिटी से दूर रख पाएगा और निर्वाणा की ओर अग्रसर हो पाएगा और ऐसा करके वह अपने फाइनल डेस्टिनेशन को पाने में सक्सेसफुल हो पाएगा बुद्ध की सबसे इंपॉर्टेंट फिलोसोफी में से एक थी मिडिल पाथ इसके हिसाब से इंसान को लगजरी और ऑस्टेरिटी यानी तपस्वी जीवन के बीच में रहने के उपदेश दिए दोनों ही चीजें एक्सेस में नहीं होनी चाहिए यही फिलॉसफी बुद्ध को महावीर से अलग बनाती है जहां महावीर ने स्ट्रिक्ट ऑस्टेरिटी को फॉलो करने को कहा बुद्ध ने अपने फॉलोअर्स के लिए एक कोड ऑफ कंडक्ट भी बनाया उसके प्रिंसिपल टेनेट्स कुछ इस प्रकार थे डू नॉट कमिट वायलेंस यानी हिंसा मत करो डू नॉट कवट द प्रॉपर्टी ऑफ अदर्स यानी दूसरों की संपत्ति की कामना मत करो डू नॉट यूज इंटॉक्सिकेंट्स यानी मादक द्रव्यों का प्रयोग मत करो डू नॉट टेल अ लाय यानी झूठ मत बोलो डू नॉट इंडल्स इन सेक्सुअल मिसकंडक्ट एंड एडल्ट्री यानी व्यभिचार से दूर रहे आप देखेंगे कि यह टीचिंग्स हमें जैनिज्म में में और बाकी सभी रिलीजस में भी देखने को मिलती हैं बुद्ध के अनुसार हर इंसान खुद ही अपनी हैप्पीनेस के लिए रिस्पांसिबल होता है यह फीचर बुद्धिज्म के इंडिविजुअलिस्टिक कंपोनेंट को दर्शाता है दोस्तों जैनिज्म और बुद्धिज्म इसी दौर में राइज हुए तो एक नजर डालते हैं दोनों के डॉक्ट्रिन के डिफरेंसेस में कंपैरिजन विद जैनिज्म बुद्धिज्म साइकिल ऑफ बर्थ एंड डेथ में बिलीव करता है जो कि सिर्फ निर्वाणा यानी इनलाइटनमेंट से ब्रेक हो सकता है जबकि जैनिज्म इंसान के गुड और बैड डीड्स के हिसाब से चलता रहेगा जब तक लिबरेशन अचीव नहीं होता बुद्धिज्म में सिन को डिफाइन नहीं किया गया है जबकि जैनिज्म में दूसरों को हाम पहुंचाना सिन बताया गया है बुद्धिस्ट टीचिंग के अनुसार लाइफ को सफरिंग बताया गया है जो डिजायर्स के कारण उत्पन्न होती हैं एट फोल्ड पाथ को फॉलो करके इंसान इससे बच सकता है जैनिज्म सभी लिविंग बीइंग्स की रिस्पेक्ट पर स्ट्रेस करता है और लिबरेशन का माध्यम फाइव वाउज बताए गए हैं बुद्धिज्म के दो मेन सेक्ट्स हैं महायान और हीनयान जैनिज्म के दो मेन सेक्ट्स हैं श्वेतांबर एंड दीगा दोस्तों आगे बढ़ते हैं और देखते हैं बुद्धिज्म के फीचर्स और यह भी देखेंगे कि किस तरह बुद्धिज्म का स्प्रेड हुआ फीचर्स ऑफ बुद्धिज्म एंड कॉसेस ऑफ इट्स स्प्रेड बुद्धिज्म ने गॉड और सोल के एक्जिस्टेंस को डिनायर इंडियन रिलीजस की हिस्ट्री में एक रेवोल्यूशन की तरह देखा जा सकता है बुद्धिज्म ने वर्ण सिस्टम को अटैक किया जिसके कारण वह लोअर स्ट्रेटा के लोगों से अटैच हो पाया इसमें शुरुआती दौर में किसी भी तरह के फिलोसॉफिकल डिस्कशन को इनकरेज नहीं किया गया जिसके चलते आम आदमी इससे अट्रैक्ट हुए ब्राह्मण जम के कंपैरिजन में बुद्धिज्म लिबरल और डेमोक्रेटिक जजन के तौर पर उभर कर आया बुद्धिज्म ने पर्टिकुलर नॉन वैदिक एरियाज के लोगों को अपील किया बुद्ध की पर्सनालिटी और उनकी प्रीचिंग के मेथड्स के कारण बुद्धिज्म का स्प्रेड काफी तेजी से हुआ उन्होंने इवल को गुडनेस से और हेट को लव से फाइट करने की बात कही विट और प्रेजेंस ऑफ माइंड से उन्होंने अपने अपोनेंट्स को टैकल किया पाली लैंग्वेज जो कि प्राकृत लैंग्वेज का एक टाइप है उसने कॉमन लोगों के बीच बुद्धिज्म के स् में कंट्रीब्यूट किया और बुद्ध ने रिलीजस ऑर्डर यानी संघ को ऑर्गेनाइज किया जो हर तरह की कास्ट क्रीड और सेक्स के लोगों के लिए खुला था इन बुद्धिस्ट ऑर्डर्स यानी संघ में विमेन को भी मेन के बराबर का अधिकार मिला स्लेव्स केवल अपने मास्टर्स की परमिशन के बाद ही जॉइन कर सकते थे संघ को जवाइन करने के लिए कंटिनेंस यानी संयम पॉवर्टी और फेथ होना जरूरी था तो ओवरऑल अगर देखा जाए तो बुद्धिज्म के तीन प्रिंसिपल एलिमेंट्स थे बुद्ध धम्म और संघ ऑर्गेनाइज्ड प्रीचिंग और संघ की मदद से बुद्धिज्म बहुत तेजी से प्रोग्रेस करने लगा मगध कशाल और कौशांबी जैसे कई रिपब्लिकन स्टेट्स के रूलर और वहां के लोगों ने बुद्धिज्म को अपनाया बुद्ध की डेथ के 200 साल बाद अशोक ने बुद्धिज्म को एंब्रेस किया अशोक ने अपनी मिशनरी एक्टिविटी से बुद्धिज्म को सेंट्रल एशिया वेस्ट और श्रीलंका तक पहुंचाया और बुद्धिज्म को एक वर्ल्ड रिलीजन बना दिया बुद्धिज्म का ओरिजिन जरूर इंडिया में रहा पर यह इंडिया से डिसअपीयर्ड एशियन और ईस्ट एशियन कंट्रीज में फॉलो किया जाता है दोस्तों गौतम बुद्ध की डेथ के बाद उनकी टीचिंग्स को कंपाइल करने के लिए एक काउंसिल का गठन किया गया आगे चलकर टोटल चार काउंसिल्स बुद्धिज्म में हुई इन काउंसिल्स पर एक नजर डालते हैं बुद्धि कांसिल फर्स्ट काउंसिल किंग आजाद शत्रु के पेट्रोनेट में 483 बीसी में हुई मंक महाक श्य ने इसको प्रिसा इड किया राज गृह के सत पानी केव में यह काउंसिल हुई बुद्ध की टीचिंग्स यानी सुत को प्रिजर्व करने और डिसाइल्स के रूल्स बनाने के लिए यह काउंसिल हुई इसी काउंसिल में बुद्ध की टीचिंग्स को तीन पिकास में डिवाइड किया गया सेकंड काउंसिल किंग काला शोका के पेट्रोनेट में वैशाली में 383 बीसी में हुई इसको सबा कमी ने प्रेसा इड किया थर्ड काउंसिल किंग अशोका के पेट्रोनेट में 250 बीसी में पाटली पुत्र में हुई मोगली पुत्त तिस्सा ने इसको पिसाइड किया फोर्थ काउंसिल कुषण टेंपल के किंग कनिष्क के पेट्रोनेट में 72 एडी में कुंडल वन कश्मीर में आयोजित की गई वासु मित्र ने इसको प्रोसाइट किया फोर्थ काउंसिल इंपोर्टेंट रही क्योंकि इसी काउंसिल में बुद्धिज्म दो सेक्ट्स महायान और हीनयान में डिवाइड हो गया दोस्तों आज बुद्धिज्म हजारों सेक्ट्स और स्कूल्स ऑफ थॉट्स में डिवाइडेड है इनमें से कुछ इंपॉर्टेंट स्कूल्स और उनकी बेसिक आईडियोलॉजी को समझते हैं स्कूल्स ऑफ बुद्धिज्म महायान इसका लिटरल मीनिंग है ग्रेट वकल इसके अंतर्गत बुद्ध को गॉड की श्रेणी में रखा गया बुद्ध की आइडल वर्श को इंपोर्टेंस दी गई महायान बुद्धिज्म नॉर्थ इंडिया और कश्मीर में ओरिजनेट हुआ और बाद में सेंट्रल एशिया ईस्ट एशिया और साउथ ईस्ट एशिया में स्प्रेड हुआ चाइना कोरिया टिब और जापान में इस बुद्धिस्ट स्कूल को फॉलो किया जाता है हीनयान इसका लिटरल मीनिंग है लेस अ वकल इसमें बुद्ध की ओरिजिनल टीचिंग्स पर स्ट्रेस दिया गया आइडल वशिप को रिजेक्ट किया गया सेल्फ डिसिप्लिन और मेडिटेशन के थ्रू इंडिविजुअल साल्वेशन को पाने की बात कही गई थराव हीनयान स्कूल का ही सेक्ट है ओरिजिनल बुद्ध टीचिंग्स के सबसे करीब इसको माना जाता है श्रीलंका में इसका डेवलपमेंट हुआ और वहां से साउथ ईस्ट एशिया में इसका स्प्रेड हुआ कंबोडिया लाओस म्यानमार श्रीलंका और थाईलैंड में यह डोमिनेंट है वज्रनाभ इसको तांत्रिक बुद्धिज्म भी कहा जाता है 900 सीई में इंडिया में यह स्टार्ट हुआ इसमें कुछ स्पेशलाइज्ड नॉलेज वाले लोगों को ही इंपॉर्टेंस दी गई है इसके काफी स्ट्रिक्ट रिचुअल्स को फॉलो किया जाता है अब एक नजर डालते हैं इंपॉर्टेंट बुद्धिस्ट टेक्स्ट पर मेजर बुद्धिस्ट टेक्स्ट बुद्ध की टीचिंग्स ओरल थी जिसको संघ के मेंबर्स ने मेमोराइज किया और स्पेशल ओकेज में रिसाइट किया फर्स्ट काउंसिल में थ्री पिथि कास में इसको डिवाइड किया गया और 25 बीसी में पाली लैंग्वेज में इनको लिखा गया पहला विनया पित का इसमें मंस और नंस के लिए रूल्स ऑफ कंडक्ट और मोस्टिक लाइफ में फॉलो किए जाने वाले डिसिप्लिन को मेंशन किया गया है दूसरा सुत पीत का इसमें बुद्ध की मेन टीचिंग यानी धम्म को एक्सप्लेन किया गया है इसको पांच निकाया में डिवाइड किया गया है दिघा निकाया अंगुरा निकाया खुद का निकाया संयुक्त निकाया और मजमा निकाया तीसरा है अभि धम्म पीतिका इसमें मंस की टीचिंग्स का फिलोसॉफिकल एनालिसिस दिया गया है इसी तरह के कुछ और इंपॉर्टेंट बुद्धिस्ट टेक्स्ट हैं जैसे दिव्या वंदना दीपा वंशा महा वंशा मिलिंद पन्हा एटस दोस्तों जैसा कि हमने देखा कि बुद्धिज्म इंडिया से डिसपिटर 12थ सेंचुरी के अंत तक बुद्धिज्म इंडिया से ऑलमोस्ट एक्सटिंक्ट हो गया दोस्तों कोई भी रिलीजन स्टार्ट होने का बेसिक कारण स्पिरिट ऑफ रिफॉर्म होती है लेकिन समय के साथ वह रिचुअल्स और सेरेमनीज के सामने झुक जाता है ब्राह्मण जम के जिन इविल से लड़ाई लड़ते हुए बुद्धिज्म का राइज हुआ था वही उसके डिक्लाइन का कारण बना बुद्धिस्ट चैलेंज से लड़ने के लिए ब्राह्मण ने अपने रिलीजन को रिफॉर्म किया उन्होंने कैटल वेल्थ को प्रिजर्व करने की बात कही और विमेन और शुद्रास को हेवन में एडमिशन का अशोर दिया बुद्धिस्ट मांक्स धीरे-धीरे मेन स्ट्रीम लोगों से कट ऑफ होते चले गए उन्होंने कॉमन पीपल की लैंग्वेज यानी पाली को अबन कर दिया और संस्कृत को अपना लिया जो कि इंटेलेक्चुअल्स की लैंग्वेज थी फर्स्ट सेंचुरी के बाद से ही मंक्त कर दिया रिच ऑफिस और रॉयल ग्रांट्स के चलते बुद्धिस्ट मॉनेस्ट्रीज के मंक्त जैसे नालंदा ने करीब 200 विलेजेस से रेवेन्यू कलेक्ट करना चालू कर दिया सेवंथ सेंचुरी तक बुद्धिस्ट मॉनेस्ट्रीज ईज लविंग लोगों के डोमिनेशन में आ गई और गौतम बुद्ध ने जिन करप्ट प्रैक्टिसेस को प्रोहिबिट किया उसी का सेंटर बन गई इस नए तरह के बुद्धिज्म को वजरा ना बोला गया ब्राह्मण रूलर पुष्यमित्र शुंग ने बुद्धिस्ट को पर्क किया इसी तरह के कई इंस्टेंसस हमें हिस्ट्री में देखने को मिलते हैं होन किंग मेहर कुल ने हंड्रेड्स ऑफ बुद्धिस्ट को मार दिया शशांक ऑफ गौडा ने बोधी ट्री को गिरवा दिया जहां बुद्ध को इनलाइटनमेंट मिला ट्रेवलर हुन संग के अनुसार करीब 1600 स्तूपस को डिस्ट्रॉय कर दिया गया और हजारों मंस और फॉलोअर्स को मार दिया गया साउथ इंडिया में शैवाइट्स और वैश्णवाइट्स ने अर्ली मिडिवल एरा में जैन और बुद्धिस्ट दोनों को ही अपोज किया इन कॉन्फ्लेट के चलते बुद्धिज्म वीक हो गया मॉनेस्ट्रीज के रिच होने के बाद टर्किश इवेडर्स स्पेशली इन्हीं को टारगेट करने लगे उन्होंने मॉनेस्ट्रीज को लूटा और बुद्धिस्ट की एक बड़ी संख्या को मौत की घाट उतार दिया इन्हीं सब कारणों से 12थ सेंचुरी तक बुद्धिज्म इंडिया से वर्चुअली डिसअपीयरिंग एंड इन्फ्लुएंस ऑफ बुद्धिज्म पहले बात करते हैं इनिक्वालिटी एंड पॉवर्टी पर बुद्धिज्म के व्यूज की दोस्तों नॉर्थ ईस्ट इंडिया में आयन प्लाउ शेयर बेस्ड एग्रीकल्चर ट्रेडर्स और कॉइंस के कारण ट्रेडर्स और नोबल्स ने अच्छी खासी वेल्थ जोड़ ली थी इसके कारण सोसाइटी में सोशल और इकोनॉमिक इनिक्वालिटीज क्रिएट हो गई बुद्धिज्म ने लोगों को वेल्थ ना एक्यूट करने की हिदायत दी बुद्धिज्म के अनुसार पॉवर्टी से हेड क्रुल और वायलेंस जन्म लेता है इसीलिए पॉवर्टी का खत्म होना जरूरी है अब बात करते हैं वर्ण क्लासिफिकेशन के बेसिस की बुद्धिज्म के हिसाब से वर्ण क्लासिफिकेशन इंडिविजुअल एक्शन और क्वालिटीज पर बेस्ड था अनलाइक ब्राहमम निज्म जिनके लिए वर्ण क्लासिफिकेशन बर्थ पर बेस्ड था अनडुनू ऑफ वमन एंड शूद्र की बुद्धिज्म का वमन और शूद्र के लिए ओपन होना सोसाइटी पर एक इंपॉर्टेंट इंपैक्ट कहा जा सकता है क्योंकि विमेन और शूद्र को हमेशा ही सेम कैटेगरी में रखा जाता था ब्राह्मण जम में उन्हें वैदिक टेक्स्ट पढ़ने और सीक्रेड थ्रेड को पहनने की आजादी नहीं थी और बुद्धिज्म में कन्वर्ट होते ही उन्हें इस इनफीरियर मार्क्स से फ्रीडम मिला वहीं मैनुअल लेबर की बात करें तो बुद्धिज्म ने मैनुअल लेबर का विरोध नहीं किया इनफैक्ट बोध गया में मिले एक सेकंड सेंचुरी स्कल्पचर में बुद्ध को पलाव करते हुए देखा गया है अब अब करते हैं कैटल की बात कैटल की इंपॉर्टेंस पर स्ट्रेस देते हुए बुद्धिज्म ने कंट्री की कैटल वेल्थ को बूस्ट किया एक अर्ली बुद्धिस्ट टेक्स्ट सतानी पता में कैटल को फूड ब्यूटी स्ट्रेंथ और हैप्पीनेस अर्थात अन्न द वन्न द बलद और सुखद प्रदान करने वाला डिक्लेयर किया और इसी कारण उनकी प्रोटेक्शन पर स्ट्रेस दिया ब्रह्मनिकल फिलॉसफी में काव की सेक्रेड और नॉन वायलेंस की बात अपेरेंटली बुद्धिस्ट टीचिंग से ही इंस्पायर्ड है अब बात करेंगे बुद्धिज्म में रैशनल ज्म की दोस्तों बुद्धिज्म ने लोगों को सुपरस्टिशन से बाहर निकालकर लॉजिक और मेरिट के आधार पर अपने जजमेंट्स करने को कहा इसका मतलब बुद्धिज्म ने कहीं ना कहीं रैशनल जम को प्रमोट किया वहीं बुद्धिज्म ने एक नई तरह की लैंग्वेज हाइब्रिड संस्कृत को डिवेलप किया जिसमें पाली और संस्कृत को ब्लेंड किया गया ईस्ट इंडिया में कुछ टेक्स्ट अपभ्रंश लैंग्वेज में लिखे गए बुद्ध मोनेस्ट्री लर्निंग के लिए ग्रेट सेंटर्स की तरह उभर कर आई जिन्हें रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटीज भी कहा जा सकता है जैसे नालंदा और विक्रमशिला इन बिहार वल्लभी इन गुजरात बुद्धिज्म का इंडियन कल्चर में भी काफी कंट्रीब्यूशन रहा आइए एक नजर डालते हैं कंट्रीब्यूशन टू इंडियन कल्चर बुद्धिज्म का सबसे इंपॉर्टेंट कंट्रीब्यूशन रहा कांसेप्ट ऑफ अहिंसा जो आज भी इंडियन वैल्यूज में दिखाई पड़ता है गांधी जी भी इससे प्रभावित रहे बुद्धिज्म ने एंसेट इंडिया के आर्ट पर अपना प्रभाव छोड़ा इतिहासकारों की माने तो इंडिया में वरशिप की जाने वाली फर्स्ट ह्यूमन स्टैच्यू प्रोबेबली बुद्ध की ही कही जा सकती है फेथ फुल डेविट ने बुद्ध की लाइफ इवेंट्स को स्टोन में पोट्रे किया बध गया सांची और भारत में मिले बुद्धिस्ट आर्टिस्टिक एक्टिविटी का एक इलुमिनाटी एग्जांपल कहे जा सकते हैं गौतम बुद्ध की पैनल इमेजेस फर्स्ट सेंचुरी के बाद से ही हमको देखने को मिलती हैं ग्रीक और इंडियन स्कल्पचर्स ने मिलकर नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर में एक नई आर्ट को क्रिएट किया जो गांधा आर्ट के नाम से प्रचलित हुई मंक्त के लिए रॉक्स में कट करके रूम्स बनाए गए जिसके बाद बर्बर हिल्स गया और वेस्टर्न इंडिया के नासिक के आसपास केव आर्किटेक्चर की शुरुआत हुई साउथ के कृष्णा डेल्टा और नॉर्थ में मथुरा में भी बुद्धिस्ट आर्किटेक्चर फ्लोरिश हुआ कंक्लूजन तो दोस्तों यह थी कहानी बुद्धिज्म के राइज और उसके इंडिया पर इन्फ्लुएंस की यह सच है कि बुद्धिज्म इंडिया से डिसअपीयर्ड में आज भी बुद्धिज्म एक इंपॉर्टेंट रिलीजन है सिर्फ बुद्धिस्म में ही नहीं बुद्ध की टीचिंग्स और उनके आइडियल के लिए रिस्पेक्ट आपको हर तबके के लोगों में देखने को मिलेगी ऐसा कहा जा सकता है कि बुद्ध ह्यूमैनिटी के लिए एक ग्रेट इंस्पिरेशन है स्टडी आईक्यू आईएस अब तैयारी हुई अफोर्डेबल