हेलो स्टूडेंट आज से हम स्टार्ट कर रहे हैं कंपनी लो स्टार्ट करने का रीजन यह है की आप लोग बहुत ज्यादा कमेंट कर रहे हैं युटुब पर भी और इसके अलावा हमारी टीम जो बच्चों से कॉल पे बात करती है तो वहां से भी बहुत सर जो है जवाब ये ए रहा है की कंपनी लो स्टार्ट कीजिए युटुब पर सो आज से हम कंपनी लोग स्टार्ट कर रहे हैं कंपनी लोग के ये लेक्चरर्स जो है बीकॉम स्टूडेंट बा स्टूडेंट का स्टूडेंट का स्टूडेंट और 11 12थ वाले भी अटेंड कर सकते हैं बेसिक सीखना हो तो आई कंपनी डॉ का आज का जो लेक्चर है इसमें मैं आपको बेसिक बताऊंगा की जैसे कंपनी होती क्या है और उसकी कौन-कौन सी टर्म्स है जो हमें आगे आने वाले सारे चैप्टर के अंदर देखने को मिलेगी तो एक ओवर जो समरी आज के चैप्टर में आज के इस लेक्चर के अंदर हम करेंगे और फिर डिटेल में जो है धीरे-धीरे धीरे-धीरे आगे के लेक्चर के अंदर उसको समझेंगे तो आज का लेक्चर जो है टेक्निकल तकनीकी रूप से डॉ की लैंग्वेज में कम होगा लेकिन सिंपल बहुत ज्यादा होगा आम भाषा के अंदर आपको बताया जाएगा की कंपनी लोग क्या होता है और उसके साथ साथ में कुछ लोगों के शब्द के बड़े में भी आपको समझाया जाएगा आज का लेक्चर स्टार्ट करें हां उससे पहले सबसे पहले यही बोलूंगा आपको प्लीज आप लाइक शेर और सब्सक्राइब कीजिए सपोर्ट कीजिए तो हमें ऐसे ही वीडियो आपके लिए लेट रहेंगे आई स्टार्ट करते हैं लो कंपनी के ऊपर लगे वाला कानून तो कंपनी डॉ के अंदर जो हमारा लो लगता है वह कंपनी एक्ट 2013 इससे पहले 1956 यानी की कंपनी अधिनियम 1956 लेकिन उसको खत्म कर दिया गया और अभी कौन सा एक्ट लगता है कंपनी एक्ट 2013 कंपनी अधिनियम 2013 इंग्लिश मीडियम और हिंदी मीडियम दोनों स्टूडेंट इन लेक्चरर्स को अटेंड कर सकते हैं कोई समस्या नहीं आएगी कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी ओके सबसे पहले बात करते हैं कंपनी है क्या कंपनी है क्या इससे पहले हम बात करनी पड़ेगी सॉल्व प्रोपराइटरशिप क्या है अकाल व्यापार क्या है अकाल व्यापार क्या होता है डिटेल में नहीं लेकिन सिंपली अगर देखें तो अकाल व्यापार हुए व्यापार होता है जिसके अंदर जो बिजनेस मां होता है जो पैसा लगता है बिजनेस के अंदर जिसको हम कैपिटल बोलते हैं वो कोई एक व्यक्ति होता है अकेला व्यक्ति होता है है ना जैसे एक मिस्टर है गणेश मिस्टर गणेश ने एक बिजनेस स्टार्ट किया 2 लाख रुपए इसके अंदर लगा दिए अब वो बिजनेस करेगा खुद करेगा उसे बिजनेस को उससे प्रॉफिट होगा तो उसका अगर उसे लॉस हो गया तो वो भरेगा अगर बिजनेस बर्बाद हो गया तो उसकी पुरी पूंजी भी किसकी डब जाएगी उसे मिस्टर गणेश की ओके तो इस चीज से बचाने के लिए और बिजनेस को थोड़ा बड़ा करने के लिए जहां पर पूंजी की ज्यादा जरूर होती है लोग करते हैं साझेदारी यानी की पार्टनरशिप पार्टनरशिप में कम से कम दो सजेदार यानी की पार्टनर होते हैं दो लोग होते हैं जो पूंजी लगाते हैं ज्यादा से ज्यादा 50 लोग होते हैं इसमें क्या होता है सब जाने मिलकर के पैसा लगाते हैं किसी को एक साथ ₹2 लाख सब मिलकर के व्यापार करते हैं और इससे क्या होता है जो भी प्रॉफिट होता है वो सब में बढ़ता है लेकिन अगर लॉस हो गया तो भी सब भरेंगे और डब जाता है तो किसी का एक साथ दो लाख रुपए नहीं डूबेंगे सब का थोड़ा थोड़ा डूबेगा ओके अब इससे भी बड़े स्टार पर अगर व्यापार करना है करोड़ में करना है और इतनी आपके पास पैसा नहीं है और अगर पैसा है भी तो आप अकेले नहीं लगाना चाहते आप चाहते हैं की अगर लॉस हो जाए क्योंकि व्यापार का कुछ भरोसा नहीं है है ना व्यापार में तो कुछ भी हो सकता है बिजनेस तो बिजनेस होता है तो उसमें हैवी प्रॉफिट भी हो सकता है कई बार नहीं भी चला है व्यापार ओके तो उसे कैसे में रिस्क भी रहती है की कैपिटल डब जाएगी तो फिर वहां पर इस रिस्क को और लोगों में बांटने के लिए कंपनी नाम की चीज आई है कॉन्सेप्ट में इसके अंदर क्या होता है किसी एक का पैसा नहीं लगा होता बहुत सारे लोग मिलकर के पैसा लगाते हैं ना जैसे आपने शब्द सुना होगा क्राउड फंडिंग क्राउड फंडिंग आपने देखा होगा कभी कुछ लोगों को गंभीर बीमारी हो जाति है तो क्राउड फंडिंग के क्राउड जो है पैसा उठाया जाता है या फिर बहुत सारे लोग गरीब भी होते हैं उनकी हेल्प करने के लिए भी आपने युटुब पे भी देखें होंगे कुछ लोग ढाबा चलते थे बाबा का ढाबा ऐसा कुछ था ना क्राउन फंडिंग के जारी उनकी हेल्प की गई तो क्राउड फंडिंग में क्या होता है जैसे एक तो मैं एक लाख रुपए खुद किसी को दे डन ये क्या है किसी ने ₹10 दिए किसी ने ₹50 दिए किसी ने कितने दिए और ₹1 लाख इकट्ठा हो गए तो किसी पे इतना बड़ा दबाव भी नहीं पड़ा और नॉर्मली सब ने पैसा लगाया लेकिन एक क्राउड फंड इकट्ठा हो गया उससे उसकी हेल्प हो गई तो ऐसे ही ऐसे कंपनी के अंदर भी फंडिंग की जाति है पब्लिक से अगर पब्लिक कंपनी की बात करूं तो वैसे कंपनी प्राइवेट कंपनी भी होती है पब्लिक कंपनी भी होती है लेकिन मैं यहां पर आज के एग्जांपल के अंदर पब्लिक कंपनी लूंगा प्राइवेट कंपनी पब्लिक कंपनी टाइप्स ऑफ कंपनी वो हम डिटेल में आने वाले लेक्चरर्स के अंदर पढ़ेंगे लेकिन हम यहां पर आज के इस लेक्चर के अंदर पब्लिक कंपनी लेक चलेंगे ओके इसमें क्या होता है की पब्लिक में से बहुत सारे लोग जो है कंपनी में पैसा लगा देते हैं और फिर भी प्रॉफिट होता है वो भी सब में बढ़ता है और अगर लॉस हो जाता है तो अभी किसी को लॉस तू बियर नहीं करना पड़ता है लेकिन ठीक है प्रॉफिट नहीं मिलेगा और इसके अलावा अगर कंपनी डब जाति है तो जो पैसा लगा हुआ है वो डूबता है और किसी का एक साथ नहीं होता है थोड़ा थोड़ा सब का होता है ओके तो इसको बाढ़ जाति है ठीक है ओके अब आते हैं भैया ये जो कंपनी है हां ये कंपनी का रजिस्ट्रेशन कौन करवाइए हो सकता है कंपनी में कन्वर्ट हो रही हो हो सकता है कोई पार्टनरशिप कंपनी में कन्वर्ट हो रही हो ऐसा भी हो सकता है यानी की पहले से व्यापार चल रहा है लेकिन उसको बड़े स्टार पर ले जान के लिए कंपनी बनानी पड़ती है क्योंकि यहां पर बड़े स्टार पर ले जान के लिए कैपिटल की जरूर होती है पैसों की जरूर होती है बहुत ज्यादा फंड की जरूर होती है और वो पब्लिक से उठाया जाता है इसके लिए कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाना होता है तो जो लोग कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाते हैं उनको बोला जाता है प्रमोटर प्रमोटर यानी की पर्वत तक उनको क्या बोला जाता है अब यहां पर थोड़े टेक्निकल शब्द आने स्टार्ट हो जाएंगे हिंदी में बोलते हैं इसको पर्वत तक है तो वह आपसे मुझे सर पर वोट प्रमोटर कौन होते हैं परमोटर वो लोग होते हैं जो कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाते हैं प्रमोटर वो लोग होते हैं तो होते हैं जिनके दिमाग में आइडिया होता है की इतने बड़े बिजनेस को करना है कैसे करना है कैसे नहीं करना है ओके ये लोग प्रमोटर होते हैं जो पहला करते हैं कंपनी को बनाने की या कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाने की इनका इतिहास होता है की इस बिजनेस को कैसे बड़े लेवल पर ले जय जा सकता है नेशनल लेवल या इंटरनेशनल लेवल पर ओके अब ये जो प्रमोटर्स होते हैं ये थोड़ा सा यहां पर हटा दूंगा यह वैसे भी एक टहनी कुछ कम का ये जो प्रमोटर्स होते हैं ये कंपनी का करवाते हैं रजिस्ट्रेशन और यह रजिस्ट्रेशन जी व्यक्ति के पास में करते हैं उसको बोला जाता है आर ओ सी की फूल फॉर्म होती है आज का लेक्चर पूरा अटेंड कर लिया तो आप कंपनी अकाउंट के अंदर चाहे कोई भी चैप्टर पढ़ेंगे ना तो वहां पर कुछ शब्द आएंगे और वह जो चैप्टर है उसको पढ़ करके आपको समझ में आने ग जाएगा क्योंकि आज सारे के सारे उसके टेक्निक वर्ल्ड शब्द और उसका कॉन्सेप्ट कम्युनिकेशन कैसे बंटी है वह डिटेल में बताने वाला हूं और बड़ी सिंपल लैंग्वेज में बताने वाला हूं ओके ओके रजिस्टर ऑफ कंपनी क्या होता है गवर्नमेंट का ये एम्पलाई होता है सेंट्रल गवर्नमेंट का ठीक है सेंट्रल गवर्नमेंट का एम्पलाई होता है ये और एमसीए के अंदर आता है ये ओके ये हर राज्य के अंदर एक दो बड़े-बड़े जो शहर होते हैं राज्य के आर स्टेट के अंदर आपको मिल जाएगा जो प्रमोटर्स होते हैं वो इसके पास अप्लाई करते हैं कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए लेकिन कंपनी का अगर आपको रजिस्ट्रेशन करवाना होता है तो आपको क्या करना पड़ेगा कुछ फॉर्म्स जमा करने होंगे अप्लाई करना होगा रो सी के पास में रजिस्टर ऑफ कंपनी के पास में ओके मां लेते हैं आप खुद और मोटर है और आप अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो आप किसके पास करेंगे और इस के पास तो इसमें सबसे पहले आपको एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है यह जो एप्लीकेशन मोमो रेंडम ऑफ संगठन संगठन और यह तो हो गया पार्सल अंतर नियम ठीक है आप क्या व्यापार करेंगे कितनी कैपिटल चाहिए कंपनी की इंटरनल पावर क्या होगी आंतरिक शक्ति क्या होगी पावर क्या होगी रूल्स क्या होंगे वो सब आई के अंदर लिखे होते हैं यानी की कंपनी की पुरी की पुरी एक आप बोल सकते हैं संविधान अरे कॉन्स्टिट्यूशन होता है ना जैसे इंडिया का कॉन्स्टिट्यूशन है ऐसे कैसे कंपनी की ये कांस्टीट्यूशंस है कंपनी का इनको संविधान बोला जाता है ओके सॉरी ओके ये और क्या करना होता है और कंपनी का डायरेक्टर कौन होगा डायरेक्टर को हिंदी में बोलते हैं निर्देशक या संचालक भी बोलते हैं ठीक है कंपनी का डायरेक्टर कौन होगा ठीक है वो डायरेक्टर जो होगा उसे व्यक्ति का नाम उसके जो भी प्रूफ वगैरा है वो सब ओके और इसके अलावा डायरेक्टर वही व्यक्ति बन सकता है जिसके पास होता है दिन क्या होता है डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर डायरेक्टर की पहचान के नंबर होते हैं जैसे अगर आपको वोट देना है मत देना है है ना वोटिंग आप कब दे सकते हैं वोट कब दे दें का अधिकार हो जब आपकी उम्र 18 से ऊपर हो और फिर उसके बाद में आपके पास क्या वाटर आईडी कार्ड हो तभी आप वोट दे सकते हैं ऐसे कैसे डायरेक्टर बने के लिए भी कुछ एलिजिबिलिटी होती है वो हनी चाहिए और उसके अलावा आपके पास दिन होना चाहिए जैसे वाटर आईडी कार्ड होना चाहिए वैसे दिन होना चाहिए और ये दिन जो है आप गवर्नमेंट से ले सकते हैं अप्लाई करके ऑनलाइन अगर आप एलिजिबल है तो और एक बार किसी व्यक्ति के पास नहीं ए जाता है तो फिर वो किसी भी कंपनी का डायरेक्टर बन सकता है ओके तो ये प्रमोटर बताएंगे की कंपनी का डायरेक्टर कौन है ओके इसके अलावा कंपनी डायरेक्टर ऑनलाइन जो है ये प्रमोटर्स जो है वो कम जो रजिस्ट्रेशन फीस है पंजीयन जो शुल्क है वो जमा कर देंगे आरुषि के पास में तो ये पूरा का पूरा एप्लीकेशन फॉर्म भर के किसके पास जमा कर दिया जाएगा आरुषि के पास में क्यों ताकि कंपनी का क्या हो जाए रजिस्ट्रेशन हो जाए रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट मिल जाए कंपनी के पंजीयन का सर्टिफिकेट मिल जाए आरुषि क्या करेगा इन सब को अच्छे से जांचेगा और देखेगा अगर सब ओके हैं कोई कमी नहीं अगर कमी होगी तो वापस इसे कांटेक्ट करेगा इनको बोलेगा ये सुधार अगर कोई कमी नहीं है तो डायरेक्टर क्या करेगा सॉरी रॉक क्या करेगा कंपनी का जो सर्टिफिकेट है वो इशू कर देगा कंपनी का क्या इशू कर देगा रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन कॉरपोरेट आईडेंटिफाई नंबर जैसे कंपनी का रजिस्ट्रेशन हो जाता है रजिस्ट्रेशन होता है ना तो कंपनी का हो जाता है बर्थ बर्थ मतलब कंपनी का जन्म हो जाता है और कंपनी को माना जाता है परसों क्या माना जाता है कंपनी को एक व्यक्ति माना जाता है लेकिन कैसा नेचुरल परसों नहीं आर्टिफिशियल परसों माना जाता है कृत्रिम व्यक्ति कृत्रिम व्यक्ति जैसे रोबोट है वह क्या है आर्टिफिशियल है आर्टिफिशियल चीज होती है जिसको इंसान बनाता है प्रकृति नहीं बनती जिसको प्रकृति बनती वो नेचुरल होता है तो ये आर्टिफिशियल परसों है ओके ठीक है अच्छा फिर आगे क्या होता है फिर कंपनी जैसे कंपनी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिल जाता है तो वह आर्टिफिशियल परसों की कैटिगरी में ए जाति है उसके बाद कंपनी को राइट होता है साइन करने का अधिकार मतलब जहां कहानी भी कंपनी को एग्रीमेंट करना है जहां कंपनी को अपने नाम से ऐसेट खरीदनी है अपने नाम से जो भी कम करना होता है वहां पर कंपनी क्या कर शक्ति है साइन कर शक्ति है डॉक्यूमेंट निकाल जाएंगे नहीं कंपनी को क्या मिलती है एक सेल मिल जाति है उसको हिंदी में बोलते हैं सर्व मुद्रा सर्व मुद्रा मिल जाति है उसको और जैसे सेल मिल जाति है ना उसके बाद में जो कंपनी का डायरेक्टर होता है वो कंपनी की सेल लगता है जहां पर भी कंपनी को एग्रीमेंट करना है और अपने साइन कर देता है और अपना दिन नंबर भी वहां पर लिख देता हूं लिख देता है कंपनी का वो सेल के साथ जुड़ा होता है और उसके बाद में कंपनी जो है कम करना स्टार्ट करती है कंपनी का जैसे ही जन्म हो गया हां जी इनको ऑपरेशन हो गया अब कंपनी आगे की करवाई करेगी आगे की करवाई कंपनी क्या करेगी करेगा ये डायरेक्टर इसको अप्वॉइंट ही इसलिए किया गया था ताकि ये आगे की करवाई करें डायरेक्ट निर्देशक हर कंपनी के डायरेक्टर तो होते ही है ना अगर आप थोड़ी बहुत बिजनेस में इंटरेस्टेड हैं है ना और आपका सपना वो बड़ा व्यापार खोलना का और आपने ऐसी न्यूज़ वगैरा या ऐसे ही वीडियो वगैरा देखें हैं तो आपने देखा होगा एचडी मैनेजिंग डायरेक्टर है ना जो टाइम डायरेक्टर पार्ट टाइम डायरेक्टर तो ये डायरेक्टर डायरेक्टर क्या होता है कंपनी के व्यापार को रन करता है है ना ये कंपनी का होता है यानी एक तरह के कर्मचारी भी होता है ठीक है ओके और इसको अपने कम के बदले में जो रैम्यूनरेशन मिलता है उसको सैलरी बोलते हैं ओके वेतन वगैरा इसको मिलता है ओके अब डायरेक्टर कम स्टार्ट करेगा डायरेक्टर क्या करेगा की भैया यह कंपनी जो है हां इसको खोलना का उद्देश्य क्या था व्यापार करना किसी एक व्यापार को करना है इसका खोलना का उद्देश्य था बिल्कुल अब व्यापार करने के लिए क्या चाहिए की सर उसके लिए तो चाहिए कैपिटल कैपिटल कहां से लेनी है मैं मां रहा हूं पब्लिक कम नहीं है तो पब्लिक से पैसा उठाना है फंडरेज करना है क्योंकि पैसा चाहिए पैसे की बिना व्यापार होगा नहीं बिजनेस का एक्सपेंशन नहीं होगा फिर कंपनी खोलना से मतलब क्या तो ये फिर डायरेक्टर क्या करेगा यहां पर बनाएगी एक प्रोस्पेक्टस तैयार करेगा प्रोस्पेक्टस बहुत सारे शब्द बताएं हिंदी में इसको जैसे मैंने आपको दिन नंबर बताया और इस बताया मोहे बताया सन नंबर बताया आपको और जो कंपनी स्टार्ट करते हैं उनको प्रमोटर बोलते हैं डायरेक्टर क्या होता है है ना ये सब बताया मैंने आपको तो ऐसे कैसे अब आई है प्रोस्पेक्टस की प्रोबेबिलिटी ये जो शब्द है ना बहुत सारे ऐसे बताते जाऊंगा तो काफी हेल्प करेंगे इस डॉ को इस कानून को समझना में है तो प्रोस्पेक्टस क्या होता है एक तरह का एडवरटाइजमेंट होता है इसको रेड आ प्रोस्पेक्टस बोला जाता है एडवरटाइजमेंट होता है एक विज्ञापन होता है और यह एडवरटाइजमेंट जो है कंपनी की वेबसाइट पर और न्यूज़पेपर में पब्लिश किया जाता है न्यूज़पेपर के अंदर क्या किया जाता है पब्लिश किया जाता है इस प्रोस्पेक्टस को प्रोबेबिलिटी ठीक है ये विज्ञापन होता है किस चीज का विज्ञापन होता है वही फन रेस करने के लिए किया जाना वे विज्ञापन है इस एड को करते हैं न्यूज़ पेपर में और कंपनी की वेबसाइट पे अपलोड कर देते हैं इस प्रोस्पेक्टस में कंपनी की साड़ी की साड़ी जो सर का सर बिजनेस प्लेन है उसको लिखा हुआ होता है की कंपनी पब्लिक से पैसा उठाकर क्या करेगी कौन सा बिजनेस करेगी क्या आइडिया है कैसे करेगी कैसे पैसा कमाएगी और कंपनी अगर पहले से सॉल्व प्रोपराइटरशिप या पार्टनरशिप या प्राइवेट कंपनी थी तो उसके पिछले 5-10 साल के तीन कर साल के क्या-क्या रेवेन्यू हैं वो सर इस प्रोस्पेक्टस में शामिल किया जाता है ओके खाने का मतलब ये है की कंपनी की साड़ी की साड़ी बिजनेस प्लेन साड़ी डीटेल्स इस प्रोस्पेक्टस में दाल दी जाति है और उसको पब्लिक में इशू कर दिया जाता है इसमें ये भी बताया जाता है की कंपनियां कंपनी को कितने फंड की जरूर है कितने फंड की जरूर है कितने पैसे की जरूर है इसके लिए कंपनी शेर इशू करती है ना एक डॉक्यूमेंट होता है ऐसे उसको इशू करती है वो जो भी खरीदना है उसके बदले में कंपनी में पैसा लगता है शेर एक डॉक्यूमेंट होता है पब्लिक में इशू किया जाता है पब्लिक ऐसे जो भी उसे शेर को खरीदना है आ फ्री में होता नहीं है तो वो खरीदने के पैसे कंपनी के पास में ए जाते हैं ओके ठीक तो वह शेर कितने इशू करेगी और एक शेर की प्राइस क्या है ओके ये होता है ओके जो प्रोस्पेक्टस इशू करते हैं और उसकी की आगे की जो भी प्रोसेस होती है ना प्रोसेस से प्रोस्पेक्टस इशू करने की इसको कैसे बोला जाता है ईपू ईपू मतलब इनिशियल पब्लिक आफरिंग अगर आप शेर मार्केट में थोड़ा बहुत भी इंटरेस्टेड है तो आपने देखा होगा ईपू निकलते हैं इनिशियल पब्लिक आफरिंग और में मैं जब इसको थोड़ा सा सम अप करूंगा तब आपको इस कंपनी का शेर मार्केट से क्या कनेक्शन है वो भी बताऊंगा ओके ठीक है तो आईपीओ इसको बोला जाता है ईपू निकालना तो आईपीओ निकालने से पहले प्रोस्पेक्टस इशू होता है और ईपू निकालना का एक ही उद्देश्य होता है पब्लिक से फंड्रेस करना ओके अब कंपनी क्या करती है प्रोस्पेक्टस इशू कर देती है अब बहुत सारे लोग होते हैं बहुत सारे लोग होते हैं जो कंपनी के उसे प्रोस्पेक्टस को अच्छे से पढ़ने हैं कंपनी के उसे बिजनेस प्लेन को अच्छे से पढ़ने हैं बहुत सारे लोग होते हैं जो इन्वेस्टर होते हैं ना जो इन्वेस्टर होते हैं वह उसे कंपनी के प्रोस्पेक्टस को क्या करते हैं पढ़ने हैं अच्छे से बहुत सारे बना देता हूं ये पब्लिक है पुरी ठीक है या फिर वेबसाइट पर जाकर इसको अच्छे से पद्धति है कंपनी को पूरा बिजनेस प्लेन समझते हैं और उसके बाद उनको लगता है की यार बात तो सही कंपनी तो इस प्रोस्पेक्टस को मां लेते हैं पढ़ने हैं पढ़ने के बाद में इसमें से जी भी व्यक्ति को इंटरेस्ट होता है उसे कंपनी में इन्वेस्ट करने के लिए वो क्या करता है इस कंपनी में पैसा लगता है और उसे बदले में कंपनी की तरफ से क्या मिलता है शेयर्स क्या मिलते हैं शेयर्स ठीक है आजकल तो डीमेट अकाउंट में मिलते हैं पहले तो फिजिकल फॉर्म में मिलते थे डीमेट अकाउंट में मिलते हैं है ना दे मेट अकाउंट खुलवाना पड़ता है वहां पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से मिलते हैं इलेक्ट्रॉनिक ठीक है डीमेट अकाउंट क्या होता है एक अकाउंट होता है जैसे हमारा बैंक अकाउंट होता है ना उसमें पैसे रखते हैं डीमेट अकाउंट में क्या रखा जाता है शेर रखा जाता है ठीक है तो जो शेर होते हैं वो इन से होल्डर के डीमेट अकाउंट में चले जाते हैं ओके जैसे कोई पैसा मेरे अकाउंट में जमा कराएगा तो मेरे अकाउंट में आएगा ना फिर वहां से मैं निकाल सकता हूं तो ऐसे कैसे शेर जो होते हैं वो डीमेट अकाउंट में चले जाते हैं ओके जो लोग शेर खरीदने हैं उसके बदले में वो कंपनी में क्या लगाते हैं पैसा लगाते हैं मनी लगाते हैं रुपए लगाते हैं खरीदने के बदले में जो पैसा लगाया जाता है उसको बोला जाता है शेर कैपिटल शेर कैपिटल हिंदी में क्या बोलते हैं और उनका पैसा कंपनी के पास में चला जाता है तो यहां पर एक नाम देखा आपने मैंने क्या बोला अंश पूंजी शेर कैपिटल इसका मतलब यह लोग जो है इसका मतलब यह लोग जो हैं थोड़ा इसको इधर करते हैं ये लोग जो है यह कौन हो गईं ये हो गए शेर होल्डर शेर को हॉल करने वाले इनको बोला जाता है शेर होल्डर या इनको बोला जाता है मेंबर कंपनी के मेंबर यानी की अजारी या सदस्य ये कंपनी के अंदर ए रही है या सदस्य है ओके क्योंकि इनके पास कंपनी का क्या पड़ा है शेर ओके अब इनके पास शेर पड़ा है पैसा लगा दिया है और पैसा जो लगाया उसको मैंने बोला शेर कैपिटल कैपिटल यानी की पूंजी अब कोई भी व्यक्ति अगर पूंजी लगता है कहानी पर तो उसको क्या बोला जाता है ओनर स्वामी यह कंपनी के ओनर होते हैं स्वामी होते हैं कंपनी के मलिक होते हैं लेकिन एक नहीं होता बहुत सारे लोग होते हैं मां लेते हैं कंपनी ने 10 लाख से रेशों की कितने की है 10 लाख शेर और एक शेर है ₹10 का कंपनी के पास में कितने रुपए ए गए ₹1 करोड़ ए जाएंगे तो मां लेते हैं कंपनी के पास में 1 करोड़ ए गए मनी रिसीव हो गई और कंपनी के पास में क्या ए गई शेर कैपिटल यानी की फंड ए गया शेर कैपिटल यानी की कंपनी के पास में ए गई अनसुनी ओके आईपीओ इशू क्या हो रहा है और कंपनी के शेर इशू हो गए लोगों ने पैसा लगाया यह शेर होल्डर बन गए कंपनी के मलिक बन गए और कंपनी के पास पैसा ए गया अब पैसा जी उद्देश्य के लिए चाहिए था वो जैसे पूरा करने के लिए आगे प्रोसेस होगा तो आगे जो ये डायरेक्टर हैं कंपनी का ये देखो ये डायरेक्टर है ना यहां पर मैं पेन चेंज करता हूं देखो ये वाला डायरेक्टर ये जो डायरेक्टर है ये डायरेक्टर आगे करवाई करता हुआ प्रोस्पेक्टस कर दिया इसके पास एक कैपिटल ए गई अब डायरेक्टर क्या करेगा कंपनी की बुलाएगी साधारण सभा इस अगम में कौन पार्टिसिपेट कर सकता है यह मीटिंग है ना मीटिंग में तो कोई ना कोई तो पार्टिसिपेट करेगा तो इसमें पार्टिसिपेट कर सकते हैं कंपनी के शेर होल्डर तो इसमें पार्टिसिपेट कौन करेंगे कंपनी के शेरहोल्डर कौन से वाले इक्विटी वाले आगे बताऊंगा टाइप्स दो तरह प्रेफरेंस शेर वैसे भी आपने पढ़ाई होगा 11 12th के अंदर तो यह जो शेर होल्डर होते हैं इनको इस अगम के अंदर राइट्स होते हैं किस चीज की एक तो पार्टिसिपेट करने के ठीक है आजकल तो ऑनलाइन भी पार्टिसिपेट कर सकते हैं और वोट देने के वोटिंग देने की मत देने की ये कुछ ऐसे और भी राइट्स होते हैं लेकिन कुछ बता रहा हूं मैं आपको यहां पर ये राइट्स होते हैं इनको तो अगम में ये सारे शेर होल्डर पार्टिसिपेट करते हैं और पार्टिसिपेट करने के बाद में इनको राइट्स होता है की वो कंपनी के अंदर उसमें मीटिंग में आए और कंपनी के जो है लिखे वगैरा भी चेक कर सकते हैं और कंपनी के जो भी डिसीजन होता है निर्णय होता है उसमें वोट भी देते हैं तो फिर अगम के अंदर कंपनी के सारे मलिक किया शेरहोल्डर्स कंपनी के मलिक के थे मैंने बोला ना स्वामी है इन्होंने पैसा लगाया ये अगम में आते हैं और जितने भी डिसीजंस लेने होते हैं जितने भी निर्णय लेने होते हैं वह सारे के सारे निर्णय इनकी वोटिंग की थ्रू ले जाते हैं जैसे यह डायरेक्टर जो है इसको अप्वॉइंट नया डायरेक्टर अप्वॉइंट करने हैं और अपॉइंटमेंट ऑफ डायरेक्टर या जो पैसा आया है फंड आया है उसका उसे कैसे करना है उसे कौन सी असेट्स परचेज करनी है कौन सी नहीं करनी है आगे बिजनेस में अब क्या-क्या करना है मैनेजमेंट को अप्वॉइंट करना हो गया यानी की वो मीटिंग में आते हैं और डायरेक्टर जो प्रॉब्लम से लेकर आता है उसके ऊपर वोटिंग के थ्रू निर्णय ले लेते हैं है ना तो वोटिंग भी दो तरीके से की जाति है इसको बोलते हैं रेजोल्यूशन पास करना है क्या बोलते हैं रेजोल्यूशन पास करना अगम में बहुत सारे रेजोल्यूशन पास होते हैं रेजोल्यूशन मतलब प्रस्ताव बहुत सारे प्रस्ताव रखें हुए होते हैं वह सारे अगम के अंदर वोटिंग के थ्रू पास होते हैं यह प्रस्ताव भी दो तरीके के होते हैं एक होते हैं और यानी की ऑर्डिनरी रेगुलेशन ऑर्डिनरी रेगुलेशन यानी की सामान्य प्रस्ताव एक होती है ऐसा यानी की स्पेशल रेजोल्यूशन विशेष प्रस्ताव इसमें अगर वोटिंग अकाउंट परसेंट से ज्यादा हो जाति है तो और पास होता है और इसको पास करने के लिए 75% से ज्यादा वोटिंग की जरूर होती है 75% हमें वोट करेंगे तब वो निर्णय लिया जाएगा वरना उसको रिजेक्ट कर दिया जाएगा वो प्रस्ताव कैंसिल हो जाएगा तो इस तरीके से अगम के अंदर सारे के सारे डिसीजन निर्णय लिए जाते हैं और उसके बाद में जो भी डायरेक्टर और भी डायरेक्टर अप्वॉइंट होते हैं तो जो लोगों को पॉइंट हो जाते हैं कंपनी के पूरा का पूरा जो मैनेजमेंट होता है एनजीटी मतलब मैनेजमेंट वह व्यापार करता है वह बस मीटिंग में आते हैं अपने घर चले जाते हैं क्या कोई शेर होल्डर में से ही डायरेक्टर बन सकता है वो व्यापार करते हैं पूरे साल व्यापार करते हैं और पूरे साल व्यापार करने के बाद में बिजनेस करते हैं और बिजनेस करने के बाद में और में जब यह रेंट होता है तो अकाउंट तैयार करते हैं फाइनल अकाउंट तैयार कर देते हैं कंपनी का स्टेटमेंट ओपिनियन बालन सीट नॉर्थ तू अकाउंट कैश फ्लो वगैरा और कंपनी की पुरी रिपोर्ट तैयार कर देते हैं पुरी रिपोर्ट तैयार करने के बाद में और इसमें हेल्प कौन करता है का ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर देते चार्टर्ड अकाउंटेंट होता है वो कंपनी में ये कम करता है रिपोर्ट तैयार करता है उसके बाद में वापस से बलाई जाति है ये चीज और इस अगम में नेक्स्ट जो अगम होती है उसके अंदर सारे के सारे शेरहोल्डर को नोटिस जाता है बिना नोटिस तो कैसे आएंगे डायरेक्टर को नोटिस देना पड़ता है और नोटिस देने के बाद सारे शेरहोल्डर्स ए जाते हैं मेंबर्स शेर होल्डर बोर्ड अच्छा नहीं राहत मेंबर बोला जाता है सारे मेंबर ए जाते हैं और ये सर अगम के अंदर मेंबर्स के सामने वो बुक्स ऑफ अकाउंट्स रख दी जाति है और बताया दिया जाता है की कंपनी को इतना प्रॉफिट हुआ या इतना लॉस हुआ कंपनी ने ये सेल्स कारी है अब फ्यूचर प्लानिंग क्या है किन लोगों को अप्वॉइंट करना है की इनको हटाना है वो सारे डिसीजन लिए जाते हैं कंपनी को अगर प्रॉफिट हुआ है या नहीं हुआ अगर कंपनी को प्रॉफिट हुआ है तो कंपनी उसमें से कितना डिविडेंड है लवेंस किसको दिया जाता है देखो इधर लेबैंस किसको दिया जाता है इन शेर होल्डर को देखना यहां पर जैसे जो सेल होती है उसमें सारे खर्च लेस हो जाते हैं सब कुछ लेस करने के बाद में और में जो प्रॉफिट बचत है वो प्रॉफिट मार दिया जाता है शेरहोल्डर्स के अंदर इसी को ही बोलते हैं डिविडेंड तो यह डिविडेंड शेर होल्डर में बांटना है या नहीं यह भी फैसला लिया जाता है अगर नहीं बांटना है तो आपको हो सकता है वापस कंपनी में लगाना शेर होल्डर बोल रहे हैं की भैया कंपनी में लगा दो तो इसके लिए रेजोल्यूशन यानी की निर्णय लेने के लिए वोटिंग करवा दी जाति है प्रस्ताव पास करवा दिया जाता है प्रस्ताव में लिखना है की कुछ डिविडेंड दे दो या पूरा डिविडेंड दे दो या नहीं दो वो जो भी है वो शेर होल्डर मिलकर के डिसीजन लेते हैं ओके तो इस तरीके से ये कंपनी का पूरा कम चला है इस तरीके से कंपनी में साड़ी चीज होती हैं तो कंपनी का एक ओवरव्यू मैंने आपको बताया अब आपके दिमाग में ये क्वेश्चन जरूर ए रहा होगा अगर आपको ये नोट्स चाहिए तो कहां से मिलेंगे वो भी मैं आपको अभी बता दूंगा वो ये ए रहा होगा की सर इनका क्या होगा जिन्होंने कंपनी बनाई थी किसने बनाई थी प्रमोटर्स कंपनी के प्रमोटर्स इनका क्या हुआ वैसे कंपनी का जब जन्म होता है रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाते हैं तो उसके बाद में प्रमोटर का कंपनी से कोई लेना देना नहीं होता है तो फिर उन्होंने कंपनी बनाई थी क्योंकि प्रमोटर भी आगे जाकर क्या कर देते हैं कंपनी जब शेर इशू करती है ईपू निकलते है ये देखिए कंपनी ने जब प्रोस्पेक्टस इशू करके आईपीओ निकाला था और कंपनी ने शेर इशू किया थे तो इसमें से प्रमोटर्स ने भी शेयर्स खरीद लिए थे और प्रमोटर को अपने बिजनेस पे ज्यादा भरोसा था तो उन्होंने कुछ ज्यादा शेर खरीदे होंगे तो उनके पास वोटिंग राइट भी वगैरा ज्यादा होगा ओके हो सकता है क्योंकि स्काई प्लेन है नेक्स्ट आता है अब यहां पर यहां पर मामला आता है की यह जो शेर मार्केट है इसका कम यहां से क्या लेना देना है शेर मार्केट का क्या लेना देना है इन कंपनी के साथ में तो देखो बेटा फाइनेंशियल मार्केट दो तरीके सेकेंडरी मार्केट पर एग्जांपल के लिए ओएलएक्स क्या सेकेंडरी मार्केट है सेकंड हैंड समाज मिलता है लेकिन आप अगर नया समाज लेकर ए रहे किसी दुकान से तो वो प्राइमरी मार्केट हो गया आया समझ में तो कंपनी जो प्रोस्पेक्टस इशू करती है प्रोस्पेक्टस करते हैं उसकी प्रोसेस को हम क्या बोलते हैं आईपीओ कंपनी पब्लिक में क्या इशू करती है प्रोस्पेक्टस यानी की पब्लिक में क्या करती है वहां से शेर कैपिटल अपने पास लेती है यह होता है सब प्राइमरी मार्केट के अंदर यह आईपीओ के थ्रू होता है तो आईपीओ जो निकलता है वह प्राइमरी मार्केट में निकलता है और कंपनी अब यहां पर बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जिन्होंने पैसा लगाया होगा ओके और बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जैसे पर एग्जांपल के लिए जितने लोगों ने भी पैसा लगाया है ना उनको ₹10 में शेर मिल गया किसी ने 1000 शेर खरीद लिए किसी ने 2000 किसी ने 3000 किसी ने 4000 ऐसे करके कंपनी के ₹1 लाख 10 लाख जो भी शेर थे वो खरीद लिए ओके और कंपनी के सबसे रोलर बन गए अब सेकेंडरी मार्केट में जो वो शेर होल्डर है कंपनी के जो कंपनी के क्या है शेर होल्डर हैं अगर वह अपना शेर बेचना चाहे तो तो कंपनी को थोड़ी बोलेंगे यह ले तेरे हजार शेर मेरे को मेरे पैसे वापस दे ऐसा नहीं होता बेटा कंपनी से जो उसका ओनर है वो कैपिटल थोड़ी निकाल सकता है आप अपनी व्यापार से पूंजी निकाल देंगे व्यापार बैंड हो जाएगा ना तू कंपनी से नहीं मांग सकता अब अगर यहां जो शेर होल्डर है जिनके पास कंपनी के शेर पड़े हैं वो क्या अगर अपना शेर बीच करके पैसा लेना चाहे तो तू आता है सेकेंडरी मार्केट में है ना अब नया समाज लेक आए अब वापस थोड़ी दे डॉग अब सेकंड हैंड हो गया है उसको कहां भेजोगे सेकेंडरी मार्केट के अंदर तो बस जिन लोगों को कंपनी के शेर खरीद तो ली है लेकिन उनको लगता है की नहीं मुझे बेचे तो वो आते हैं शेर मार्केट सेकेंडरी मार्केट में यानी की शेर मार्केट में और अपने इंडिया के अंदर ऐसे दो एक्सचेंज बने हुए हैं एक बीएससी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एनएससी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ये देखो दो स्टॉक एक्सचेंज बने हुए हैं इन स्टॉक एक्सचेंज के ऊपर जाके लोग क्या करते हैं अपने शेर को एक्सचेंज करते हैं कुछ लोग हैं जिनके पास शेर पड़ा है कंपनी से खरीद लिया था कुछ लोग हैं जिनको नहीं मिला था उसे टाइम या वो उसे टाइम चक गए थे तो कुछ लोग यहां पर है जिनके पास शेर पड़ा है कुछ वायर खरीदने वाली तो यह लोग भेज देते हैं यह लोग खरीद लेते हैं और ये जो डील करता है यह बीएससी और से करता है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और वो फ्री में नहीं कर था इसके बदले में कमीशन लेट है ओके क्यों अगर किसी शेर की डिमांड बहुत ज्यादा है मतलब वायर बहुत ज्यादा है खरीदने वाले बहुत ज्यादा है और बेचे वाली बहुत कम है तो वह शेर की प्राइस हाय हो जाति है उधर से ₹1000 का भी हो सकता है लेकिन अगर किसी शेर की सेलर बहुत ज्यादा है लेकिन खरीदने वाले को यह नहीं इंटरेस्टेड ही नहीं तो उसकी प्राइस नहीं किया जाति है तो डिमांड और सप्लाई पर शॉर्ट टर्म में डिमांड और सप्लाई पे कम चला है लॉन्ग टर्म में कम चला है कंपनी परफॉर्म कैसा कर रहे हैं ओके तो वैसे हमारा शेर मार्केट टॉपिक तो नहीं है लेकिन फिर भी मैंने बता दिया ताकि वो कन्फ्यूजन दूर हो जाएगा आपका ओके सो कंटिन्यू करेंगे नेक्स्ट लेक्चर इसके अंदर आप ने यहां तक अगर लेक्चर कंटिन्यू देखा है तो आपको बहुत ज्यादा नॉलेज अच्छा नॉलेज और सिंपल लैंग्वेज में मिला होगा और आप जिन्होंने और बच्चों तक पहुंचाइये शेर कीजिए ज्यादा से ज्यादा लाइक कीजिए कमेंट करके बताइए हमें कैसा लगा हां मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में आज के लिए इतना ही तब तक के लिए गुड बाय थैंक यू