मोमेंट ऑफ फोर्स और सेंटर ऑफ ग्रेविटी
1. मोमेंट ऑफ फोर्स की परिभाषा
- डिफिनिशन: टर्निंग इफेक्ट ऑफ फोर्स
- मोमेंट ऑफ फोर्स को टर्निंग इफेक्ट कहा जाता है जो फोर्स के कारण उत्पन्न होता है।
- इसका प्रयोग उस स्थिति में होता है जब कोई वस्तु एक निश्चित सेंट्रल पॉइंट (पिवट) के चारों ओर घूमती है।
2. टर्निंग इफेक्ट का कार्यप्रणाली
- जब फोर्स अप्लाई की जाती है, तो टर्निंग इफेक्ट उत्पन्न होता है।
- उदाहरण:
- स्पैनर: इसे एक सेंट्रल पॉइंट पर फिक्स किया जाता है, जिससे यह घुम सकता है।
- सीजर: जब फोर्स अप्लाई की जाती है, तो यह वस्तु को काटने के लिए घुमाता है।
3. टर्निंग पॉइंट (पिव ट)
- पिवट वह बिंदु है जिसके चारों ओर कोई वस्तु घूमती है।
- उदाहरण:
- किसी भारी वस्तु को उठाने के लिए एक हल्की फोर्स का प्रयोग करना।
4. मोमेंट ऑफ फोर्स का गणितीय सूत्र
- मोमेंट = फोर्स × परपेंडिकुलर डिस्टेंस
-
- फोर्स: न्यूटन में मापा जाता है।
- डिस्टेंस: मीटर में मापा जाता है।
- यूनिट: न्यूटन-मीटर
5. टर्निंग इफेक्ट का दिशा
- मोमेंट का दिशा क्लॉक वाइज या एंटी क्लॉक वाइज हो सकता है।
- दिशा को समझने के लिए पिवट बिंदु का ध्यान रखना आवश्यक है।
6. इक्विलियम की शर्तें
- इक्विलियम:
- जब कोई वस्तु रेस्ट में होती है या यूनिफॉर्म गति में होती है, इसे इक्विलियम कहा जाता है।
- कंडीशन:
- रिजल्टेंट फोर्स = 0
- क्लॉक वाइज मोमेंट = एंटी क्लॉक वाइज मोमेंट
- स्टैटिक इक्विलियम: वस्तु रेस्ट में होती है।
- डायनामिक इक्विलियम: वस्तु यूनिफॉर्म गति में होती है।
7. उदाहरण
- एक प्लक का वजन 20 न्यूटन, दूसरे फोर्स का टेंशन 25 न्यूटन।
- दोनों फोर्सेस का परपेंडिकुलर डिस्टेंस निकालकर, मोमेंट की गणना करना।
8. निष्कर्ष
- मोमेंट ऑफ फोर्स की समझ आवश्यक है ताकि हम सही तरीके से फोर्स और उसके प्रभाव को जान सकें।
- फिजिकल क्वांटिटी की पहचान और गणना के नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
नोट: प्रत्येक उदाहरण में ध्यान देना चाहिए कि फोर्स कहाँ लगाई जा रही है और उसका परपेंडिकुलर डिस्टेंस क्या है।