Hello friend, this is Vikas Pandey and welcome to EasyTutsForYou.com आज के इस टूटियोर में पढ़ेंगे File Handling और Stream के बारे में जैसा कि पहले हम प्रोग्राम बना चुके हैं जहां पर जो input होता है वो हम keyboard से लेते हैं मतलब standard input device से और जो output होता है वो monitor के लिए होता है मतलब standard output device जहां हम see in और see out का use करते हैं जब हम प्रोगाम बनाते हैं तो हम data in करते हैं और output की रूप में screen हमें दिखाई देता है लेकिन यह temporary होता है मतलब अगर प्रोगाम से exit होते हैं तो वो data save नहीं होता है यह temporary memory पर होता है लेकिन अगर आप data को या information को permanently मतलब hard disk पर store करना चाहते हैं file के रूप में तो आपको file handling यूज़ करना होता है मतलब header file हम यूज़ करते हैं इसके लिए f stream जैसा कि हमें पता है कि जब भी हम c++ के program लिखते हैं normal program तो वहाँ पर हम यूज़ करते हैं इस तरीके से header file इनपुट औटपुट के लिए हम इसको यूज करते हैं, यहाँ पर दो classes जिसके हम बात करते हैं, i stream और o stream, इन classes के object C in और C out इसका use हम जो normal program बनाते हैं जहां standard input और standard output होता है वहाँ पर use करते हैं जैसा कि हम अभी तक कर रहे थे C in का use कर रहे थे input के लिए जैसे हम keyboard से input लेने के लिए लिए लिए इनके अंदर जहां पर हम इनके ऑब्जेक्ट यूज करते हैं तो सबसे पहले हमें स्ट्रीम के बारे में सबदना होगा फिर हम फाइल हेंडलिंग में क्या यूज होता है यहां पर जैसा सीन और सी आउट यूज हुआ है तो उसके लिए वहां क्या है आईस्ट्रीम ओ स्ट्रीम जो यूज हो रहा है आयो स्ट्रीम इसमें स्ट्रीम क्या है तो स्ट्रीम का मतलब यह होता है जैसा कि हम देख पा रहे डायग्राम समझते हैं अ सबसे पहले एक डाइग्राम से देखते हैं कि जब हम input और output करते हैं, तो माल लिजे कि हमने keyboard हमारे पास है, यह है keyboard, यह यहां से हमने input किया, input, तो यह program पर जाता है, यह माल लिजे यहां पर program है. कि यह प्रोग्राम इसी तरीके से जब हम आउटपूट करते हैं या फिर कुछ लिखते हैं मॉनिटर पर तो इस तरीके से वह मॉनिटर पर जाता है यहां पर मान लीजिए कि मॉनिटर है यह हो गया आउटपूट अ कि इस डाइग्राम से समझेंगे जब हम प्रोग्राम बनाते हैं तो प्रोग्राम में या तो हम इनपुट करते हैं मतलब कीबोर्ड से डाटा इन करते हैं प्रोग्राम में और या तो आउटपूट यानि प्रोग्राम से हम डाटा मॉनिटर पर लिखते हैं या इनफॉर्मेशन तो यहां पर जो प्रोग्राम है वह इनपुट आउटपूट की बीच में टेंप्रेरी मेमोरी के रूप में होता है मतलब जैसे हमने इन किया एक नंबर टेन वह टेन प्रोग्राम पर जाता है मतलब एक टेंप्रेरी मेमोरी पर उसके बाद जब हम उसको मॉनिटर पर लिखना चाहते हैं तो temporary memory से वो monitor पर इस तरीके से output होता है तो stream जो होता है वो input output जो भी device है और program के बीच में interface का काम करता है यह sequence of bytes होता है जब हम information या कोई data in करते हैं sequence of bytes की रूपने वो program ने input की रूपने जाता है फिर जब program उसको output की रूपने monitor पर लिखता है तो वो data sequence of bytes की रूपने फिर वो monitor से connect होता है या output device से connect होता है और वहाँ पे data write होता है या तो read होता है या तो फिर write तो इस तरीके से अगर हम यहाँ पर देखे जब हम keyboard से input लेते हैं तो हम use करते हैं C in का इसी तरीके से जब output हम करते हैं तो हम use करते हैं C out का तो यह input और output stream create करते हैं इसका मतलब यह है कि जब हम C in use करते हैं तो C in मतलब input stream जहाँ पर data या information जो standard input device के लिए use होता है, keyboard से होते हुए एक sequence of bytes की रूप में program पर आता है, और जब हम cout use करते हैं, इसका मतलब यह है कि output stream जो की connected है monitor से, standard output device के लिए इसका use हो रहा है। तो प्रोग्राम से वह डाटा आउटपुट डिवाइस जैसा कि स्टेंडर आउटपुट डिवाइस मॉनिटर है वहां पर राइट होता है इस तरीके से यह इंपुट आउटपुट और प्रोग्राम की बीच में इंटरफेस का यूज़ इंटरफेस की तरह काम करता है और सिक्वेंस आफ बाइट्स होता है यह दो प्रकार से होता है जैसा कि इस प्रोग्राम हम देख रहे हैं या तो इंपुट स्ट्रीम होगा या इस डाइग्राम को इंपुट फिर यहां से सिक्केंस और बाइट्स की रूप में डेटा या इंफर्मेशन प्रोग्राम पर आता है प्रोग्राम और इसी तरीके से प्रोग्राम जब इसको आउटपूट करता है या लिखना चाहता है मॉनिटर पे तो आउटपूट स्ट्रीम का यूज़ करता है यह आउटपूट स्ट्रीम द्वारा जो डेटा होता है सिक्वेंस औप बाइट्स की रूप में आउटपूट डिवाइस पर जाता है इस तरीके से यहाँ पर आउटपूट डिवाइस है आउटपूट तो है तो यहां पर आप देख पा रहे हैं कि इनपुट डिवाइस से जो डाटा या इनफॉर्मेशन है वह सिक्वेंस आफ बाइट्स की प्रोग्राम पर जाता है जहां पर यह स्टेक्ट होता है उसके बाद जब प्रोग्राम इसको मॉनिटर पर लिखना चाहता है तो प्रोग्राम से होते हुए यह आउटपुट डिवाइस पर रह जाता है डाटा आउटपुट स्ट्रीम के लिए जाता है डाटा आउटपुट डिवाइस पर रहता है या तो लीट होता है फिर रहता है तो अगर डाटा जो है वो इस तरीके से सब्सक्राइब करता है इन पूर्ट स्ट्रीम जो होता है वह प्रोग्राम और इनपूट डिवाइस की बीच में इंटरफेस का काम करता है ताकि इन पूछे जो भी इन पूछे जैसे कीबोर्ड वहां से डाटा रिट करते हुए उसको प्रोग्राम तक जा सके इसी तरीके से आप पूछे इस ट्रीम ने प्रोग्राम जो प्रोग्राम होता है वह पूछे इस ट्रीम दोरा डाटा को राइट करता है तो यहां पर यह इनपूट स्ट्रीम है है इन पुट स्ट्रीम और यह है आउटपुट स्टेट इन पुट स्ट्रीम द्वारा यहां पर देखिए इनपुट किया जा रहा है प्रोग्राम में लेता और आउटपुट स्ट्रीम द्वारा उसको मॉनिटर पर राइट किया जा रहा है तो यह हो गया अभी होता है और स्टेंडर आउटपुट मानिटर होता है इनपुट स्ट्रीम द्वारा कीबोर्ड से लेटर यहां पर बीड़ होता प्रोग्राम में फिर आउटपुट स्ट्रीम द्वारा वह प्रोग्राम द्वारा राइट होता है मानिटर पर अब हम फाइल की बात करत जो हम प्रोग्राम देख रहे हैं यहां पर पूरी तरीके से वह टेंप्रेरी मेमोरी पर है खुद यह प्रोग्राम भी टेंप्रेरी मेमोरी पर होता है जब हम परमानेंट स्टोरेज की बात करते हैं तो इनफॉर्मेशन या फिर डेटा डिस्क पर एक नेम किसी नाम से स्टोर होता है यह होता है फाइल तो जब हम फाइल की बात करते हैं मतलब परमानेंट स्टोरेज की बात कर रहे हैं वहां पर डेटा इनफॉर्मेशन परमानेंट स्टोर होगा तो डेटा इनफॉर्मेशन को रिड राइट करने के लिए करती है जहां फाइल और प्रोग्राम के बीच में स्ट्रीम इंटरफेस का काम करता है अगर वह फाइल से डाटा रीट करते हैं तो हम इनपुट स्ट्रीम का यूज करते हैं फाइल पर डाटा राइट करते हैं तो हम आउटपुट स्ट्रीम का और इस डाइग्राम में जैसा की प्रोग्राम है यहाँ पर होगा यह प्रोग्राम अब यहाँ से डाटा अगर रीड होगा इस तरीके से तो इनपुट स्ट्रीम जैसा की पहले भी हमने देखा हुआ है इस तरीके से और यह होगा रीड और अगर data को हम write करना चाहेंगे तो output stream का use होगा और डेटा यहाँ पर इस तरीके से फाइल पर राइट हो जाएगा रीड होगा या फिर यहाँ पर राइट होगा रीड या फिर राइट है तो इस तरीके से यहां पर आप देखेंगे तो यहां पर इनपुट और आउटपुट की रूप में अलग-अलग डिवाइसेस जो स्टेंडर्ड इनपुट और आउटपुट है यहां पर फाइल है फाइल को हम रिट कर रहे हैं यानी डेटा जो फाइल पर लिखी यह फाइल पर हम data लिख रहे हैं, write कर रहे हैं, तो यहाँ पर input stream फाइल से पढ़ने के लिए, यह input stream, और फाइल पर write करने के लिए, यह output stream का use किया जाता है, तो जिस तरीके से हम standard input output की बात करते हैं, C in और C out यूज़ कर रहे थे, जो कि I stream या O stream का object है, और यहाँ पर input output stream इस तरीके से यूज़ हो रहा था, जब हम file handling की बात करेंगे, तो यहाँ पर हम header file F stream का यूज़ करेंगे, तो F stream में भी classes होते हैं, जो support करते हैं, input function के लिए, output function के लिए, उसमें और भी कई functions होते हैं, जो यह ऐसे function होते हैं, प्रोवाइड करते हैं जिसके द्वारा हम फाइल को रेड या फे राइट कर सके तो हेडर फाइल जो हम यूज करेंगे आयो स्ट्रीम जो हमने पहले किया था वह हेडर फाइल उसी तरीके से हम यहां यूज करेंगे एफ स्ट्रीम हेडर फाइल अब अगर इन पर डाइग्राम को कंबाइन करके यूज करें देखिए कि किस तरीके से यह कंबाइन करके प्रोग्राम काम होता है एक्टिमेशन स्टोर कराना चाहते हैं फाइल पर पहले आप स्टेंडर्ड इंपुट का यूज करेंगे जहां पर कीबोर्ड से डाटा प्रोग्राम पर स्टोर करांगे प्रोग्राम पर देंगे तो इस तरीके से डाटा प्रोग्राम पर टेंपली मेमोरी पर फिर प्रोग्राम से होते हुए आप उसको फाइल पर लिखेंगे इसी तरीके से जब हम रीट करेंगे तो रीट करने के लिए आप यूज करेंगे तो जो स्टैंडर्ड इनपुट आफिस्ट्रीम है वह फाइल हेंडलिंग साथ कंबाइन करके यूज होगा तभी एक पूरा प्रोग्राम बनेगा जिसमें हम यूजर से इनपुट कराते हैं वह टेंपली मेमोरी जाता है फिर हम परमान इन प्लेस स्टोर करते हैं फाइल के उपने फाइल को जब तभी भी रिट करते हैं और मॉनिटर पर प्रिंट करते हैं तो यह दोनों कंबाइन हो जाएंगे डायग्राम तो हम समझ पाएंगे कि इन दोनों का यूज हम एक साथ करते हैं पूरे प्रोग्राम ने तो हम कोई डाटा या इंफर्मेशन यूजर से स्टोर करना चाहते हैं फाइल के रूप में देख लेते हैं कौन कौन सी classes हम use करते हैं और इसको एक अगर diagram को combine करके हम समझना चाहे तो किस तरीके से use होगा fstream.h जब हम file handling की बात करते हैं तो file पर read, write करने के लिए हम header file fstream.h का use करते हैं यहाँ पर कई classes हैं जिसमें से मैं कुछ classes जो बता रहा हूँ जो कि file के लिए हम use करेंगे यहाँ पर हम use करेंगे iStream iFstream फिर इसी तरीके से o f stream और f stream तो यहाँ पर f stream.h जो header file है यहाँ पर कई classes हैं इसमें से i f stream, o f stream और f stream का use हम file handling में करेंगे यह वो classes हैं जो कि file handling करते समय बहुत से फांडलिंग हैं यह वो classes हैं जो कि file handling करते समय बहुत से फांडलिंग हैं फंक्शन है इनके पास मैथड है जो कि फाइल पर रिड राइट को सपोर्ट करते हैं यहां पर हम देखेंगे सबसे पहले आईएफ स्ट्रीन क्लास है जो कि फाइल को रीड करने के लिए हम यूज करते हैं यहां पर आईएफ स्ट्रीन को जब हम use करते हैं तो इसमें बहुत से function हैं जो file पर read करने के लिए use होते हैं इसी तरीके से OF stream इस class की जब हम बात करें तो इसमें ऐसे कई method है जिसका use हम file पर write करने के लिए करते हैं इस stream का इस class का और उसके बाद F stream इसका use हम file पर read और write दोनों के लिए कर सकते हैं तो यहाँ पर file पर read करने के लिए या file को read करने के लिए फाइल पर राइट करने के लिए और यह जब हम एफिस्ट्रीम की बात करें तो इसका यूज हम फाइल पर रीड राइट करने के लिए यूज करते हैं यहां पर से बहुत से फंक्शन है जो कि इस प्रोसेस के लिए पर सपोर्ट करते हैं अब हम यहां पर देखते हैं कि जब हम प्रोग्राम पर कोई एक्ट्रीयल प्रोग्राम बनाते हैं जहां पर स्टेंडर्ड इनपुट डिवाइस से इनपुट लेते हैं फिर उसको जो कि परमानेंटली स्टोर नहीं होता पहले टेंपली मेमोरी पर होता है फिर हम एफ स्टीम का यूज करते हुए आईएफ स्टीम या वेश्वी टीम का यूज करते हुए उसको फाइल पर राइट करते हैं इसी तरीके जब फाइल से रिट करते हैं तो पहले तो वह परमानेंट स्टोरेज से टेंपली करते हैं तो इस तरीके से फाइल स्ट्रीन क्लासेस भी यहां पर यूज होती है प्रोग्राम बनाते से में और जो स्टैंडर्ड इन्पुट स्ट्रीम है जैसे सीन और सी और जो हम पहले यूज करते थे वह भी यूज होता है तो एक कंबाइन वनुष्ट्रीम को यूज किया जाएगा वह देख लेते हैं एक full diagram इसका देखेंगे हम यह माना कि keyboard है key board यहाँ से जब data in होगा इस तरीके से तो यह data प्रोग्राम पर जाएगा यह टेंप्रेरी मेमोरी है इंटरनल मेमोरी जहां पर प्रोग्राम प्लस डाटा कि दोनों यहां पर होंगे यह इंटरनल मेमोरी है इंटरनल मेमोरी इसी तरीके से कि यह जो डाटा है यहां पर यह रिट हो रहा है जब प्रोग्राम रहे राइट होगा तो स्टेंडर आउटपुट डिवाइस मॉनिटर है मान लीजिए इसके इन यहां पर राइट होगा तो रिडिया राइट के लिए जैसा कि सीन और स्विधि उस होता है यहां पर सीधा आउट put data to monitor और यहाँ पर see in read data from keyboard है तो यहां पर यह जो डाइग्राम पूरा हुआ यह तो कंसोल के लिए हुआ कंसोल के लिए मतलब यह है कि आपने कीबोर्ड से डाटा इन किया वह प्रोग्राम पर जाता है जो कि इंटरनल मेमोरी है टेंपली मेमोरी है और जब प्रोग्राम से मॉनिटर प्लिक य� यानि ये output stream है तो ये console देखने के लिए program बनाई ये console program होगा जहाँ keyboard से program पर और program से screen पर ये data जा रहा है अब file handling की बात करें तो ये जो temporary memory है जहाँ पर data है या file फाइल पर राइट कर सकते हैं जहां परमारिंटली स्टोर हो जाएगा फिर कभी भी आप फाइल से इसको रीड कर सकते हैं यहां से वह रीड होगा और यहां पर आ जाएगा टेंपली में पर तो राइट करने के लिए आप आउटपुट स्ट्रीम और रीड करने के लिए हम इनपुट स्ट्रीम जैसा कि मैंने आपको बताया था राइट करने के लिए हम फाइल फाइल पर राइट करना एक्सटर्नल अगर यह memory है और यहाँ data files है इस तरीके से, data files और यह मालिज़े external memory है, external memory, तो अब यहाँ पर अगर हम data file के उपने store करना चाहते हैं, तो temporary memory से यह data इस तरीके से फाइल पर राइट होगा राइट होते समय ये आउटपूट स्ट्रीम का यूज़ होगा जो टेंप्रेरियल मेमरी से जो डेटा है या इंफर्मेशन है वो फाइल पर राइट कर रही है इसी तरीके से ये होगा राइट तू फाइल्स फिर हम फाइल से डेटा को रीट करना चाहते हैं यहां पर एनिटेंप्रेवियल मेमोरी के रूप में रीड होगा ती होगा रीड फ्रॉम फाइल्स तो इस तरीके से एक फुल डाइग्राम है इस फुल डाइग्राम में आप देख पाएंगे कि किस तरीके से जो स्टेंडर्ड इनपुट आउटपूट है और जो फाइल है यह दोनों एक साथ काम करते हैं स्टेंडर्ड इनपुट आउटपूट एक कंसोल अगर हम एक बीच से डॉटेड लाइन करें डिवाइड करके देखें इसको कि तिस्तरीके से डिवाइड होता है यहां पर जो इनपुट आउटपुट है और जो परमानीय स्टोरेज है इसकी बीच में यह प्रोग्राम एजिन मीडिएटर यहां पर वर्क कर रहा है या फिर यह टेंपरी मेमोरी है जो कि दोनों के बीच में मीडिएटर के रू इनपूट से अगर आप डाटा लेते हैं तो टेंप्री मेमोरी पर आता है वह इनपूट स्ट्रीम है जैसा सीन तो डाटा यहां पर आगे प्रोग्राम ने फिर हम आउटपूट स्ट्रीम के यूज करते हुए उस डाटा को हम फाइल पर राइट कर देते हैं फिर अगर होगा तो फाइल से हम डाटा रीट करते हैं इनपुट स्ट्रीम वहां पर यूज करते हैं फाइल पर जो डाटा रीट करते हैं प्रोग्राम पर आ गए नहीं टेंपरी मेमोरी पर इंटरनल मेमोरी पर उसके बाद हम उस इंफर्मेशन को अगर स्ट्रीम सी आउट है उसका यूज करते हैं उसको मानिटर पर लिख देता है तो यह इसका कंबाइन एक डाइग्राम है यहां पर जो दो पार्ट है यहां पर वह यह है कि कंसोल प्रोग्राम इंटरेक्शन यहां पर जो डॉटर लाइन से मैंने बनाया हुआ यहां तक उसके बाद कि यह फाइल प्रोग्राम इंटरेक्शन कि यहां तक तो इस तरीके से यह पूरा कंबाइन प्रोग्राम हम देखते हैं तब यह फाइल हेंडलिंग का एक प्रोग्राम बनता है जहां पर स्टेंडर्ड इंपूट आउटपूट डिवाइस के रूप में सीएंड इंपूट आउटपूट का प्रिम का यूज हुआ है और फाइल के जब बात करेंगे तो फाइल स्ट्रीम का जो इन पुष्टिशन है आउटपुट स्ट्रीम है फाइल पर रिड राइट करने के लिए वह यूज हुआ है तो इस तरीके से कंबाइन पूरा डाइग्राम है यहां पर हमारा प्रोग्राम यह टेंप्रेड मेमोरी इन दोनों की बीच में एक प वह जाता है और जब वह स्टोर होता है परमार्ट फाइल क्रूप में स्टोर हो जाता है वापस जब वह रिड होता है फिर टेंपरी में यह पर आता है फिर उसको आप पूछते हैं का यूज करते हुए स्टेंडर आप पूछ दिवाइस पर एंड स्क्रीन डिस्प्ले कर सकते हैं तो दोनों ही तरफ से यहां पर इनपुट और पूछ ट्रीम का यूज होता है एक कंसोल प्रोग्राम बनाते हैं वहां पर हमने standard c in and c out का use किया है यानि input और output stream का अब हम file handling use करेंगे तो file के लिए हम file input, file पे input या output करने के लिए यानि file को read करने के लिए या फिर write करने के लिए भी streams का use करेंगे जैसा मैंने आपको अभी बताया कि f stream जो class है उसके अंदर if stream input के लिए if stream output के लिए और f stream input output दोनों के लिए use होता है है तो आज हमने जो देखा वह एकदम बेसिक जानकारी बेसिक इंफॉर्मेशन देखिए कि स्ट्रीम क्या होता है इसकी जरूरत क्यों पड़ती है अभी तक के प्रोग्राम में हम इनपूट और पूर्ट ट्रिम का जो यूज कर रहे थे और अभी हम फाइल हेंडलिं यह एवेलेबल प्रासेस है हमारे पास जिनके द्वारा हम इन स्ट्रीन का यूज करेंगे उसकी बाद उनके अंदर मैथड से जिन मैथड का यूज हम फाइल पर रिड राइट करने के लिए करते हैं और भी बहुत सी मैथड होते हैं जिनका जिनका हम फाइल पर करें कि जब फाइल input stream नहीं output stream का use करना होता है यानि फाइल open करना होता है, फाइल close करना होता है फाइल पर read करते हैं, write करते हैं तो हम उसका प्रोग्राम बनाएंगे और उसके concept चंजेंगे कि किस तरीके से किया जाता है आज हमने फाइल handling का introduction पढ़ा और stream के बारे में देखा कि stream क्या होता है तो आगे के प्रोग्राम में हम इसके और detail जानकारी देखेंगे तब तक के लिए आप हमारी website easytuts4u.com पे login कर सकते हैं तब तक के लिए, बाइ