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धरती के लैंडफार्मों का अध्ययन
Sep 9, 2024
धरती के लैंडफार्म
1. लैंडफार्म का परिचय
लैंडफार्म का अ र्थ:
लैंड के आकार और उसकी आकृति।
इसमें फ्लैट लैंड, पहाड़, प्लेटो आदि शामिल हैं।
भारत में विभिन्न प्रकार के लैंडफार्म जैसे कि नैनिताल और कुल्लू-मनाली आदि का उदाहरण।
2. धरती के आंतरिक तापमान
धरती का आंतरिक ताप बहुत गर्म होता है।
इसका कारण:
कोर में मौजूद रेडियोधर्मी सामग्री।
यह सामग्री गर्मी उत्पन्न करती है।
3. लैंडफार्म के निर्माण का कारण
लैंडफार्म का निर्माण प्लेट टेक्टोनिक्स के कारण होता है।
क्रस्ट और मेंटल लेयर की संरचना:
क्रस्ट के नीचे मेंटल लेयर होती है।
एस्थेनोस्फियर: 100 से 400 किलोमीटर की गहराई पर।
4. विभिन्न प्रकार के लैंडफार्म
4.1 पहाड़ (Mountains)
निर्माण प्रक्रिया:
प्लेटों का आपस में टकराना।
कंप्रेशन के कारण फोल्ड माउंटेंस बनते हैं।
फोल्ड माउंटेंस:
हिमालय एक उदाहरण।
वेदरिंग और इरोशन के कारण रेजिडुअल माउंटेंस बनते हैं।
ब्लॉक माउंटेंस:
टेंशनल फोर्स के कारण क्रैक से बनते हैं।
4.2 प्लेटो (Plateaus)
एक उच्च भूमि क ्षेत्र जो सपाट होता है।
प्लेटो के प्रकार:
इंटर-माउंटेन प्लेटो।
वॉल्केनिक प्लेटो।
4.3 समतल भूमि (Plains)
स्ट्रक्चरल प्लेन और डिपोजिशनल प्लेन।
जलवायु और जीवन पर प्रभाव।
5. लैंडफार्म के फायदे
विविधता से धरती की सुंदरता बढ़ती है।
जलवायु, बारिश और वातावरण पर प्रभाव।
प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता।
6. निष्कर्ष
लैंडफार्मों का अध्ययन हमारे पर्यावरण और जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
यह प्राकृतिक सौंदर्य और संसाधनों का स्रोत है।
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