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Physiology of Menstruation and Reproductive System

तो आज की वीडियो देखने के बाद आप लोग लड़कियों की इज्जत करना जरूर शुरू कर दोगे अगर करते हो तो बहुत अच्छी बात है नहीं करते हो तो यह वीडियो को आपको जो है पूरा देखना है तो इस दुनिया की जितनी भी फीमेल्स हैं उन सभी को मेरा दिल से सैल्यूट अब आपको लगेगा सर क्या फेंक रहे हो इतनी ज्यादा भी क्या हो गया तो भाई साहब आप ये समझो कि जो फीमेल्स होती है ना उनको एक या दो बार या तीन बार मेनली प्रेग्नेंट होती हैं और उसके लिए वो इतने सालों तक लगातार हर महीने दर् सहते हैं जिसमें हम आज बात करेंगे मेंसुरेशन साइकिल के बारे में जो जनरली लोग पीरियड्स वगैरह आते हैं ना उसको जानते हैं तो आप उसको ऐसे ही मजाक ले लेते हो लेकिन आज हम एक्चुअल में डिटेल्स में और डीप बात करने वाले हैं कि आखिर होता क्या है और क्यों होता है और इसके लिए आखिर जरूरी क्यों है ये भाई होना और ना हो तब क्या प्रॉब्लम हो सकती है अगर हो गया तब क्या प्रॉब्लम होती है तो बस आज यह मत समझना कि मैं आपको एक सिर्फ लेक्चर प्रोवाइड करने वाला हूं आज मैं आपको कुछ ऐसी बातें बताऊंगा जो हो सकता है कि लड़कियां खुद जानती हो तो ऐसी बहुत सी बातें आज आपको पता चलेंगी तो हमारा सब्जेक्ट रहा था ह्यूमन एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी बी फार्मेसी सेकंड सेमेस्टर और उसकी यूनिट फिफ्थ रिप्रोडक्टिव सिस्टम हमने स्टार्ट कर दी थी अब देखो इसको ना हमने दो पार्ट में डिवाइड कर करना था तो इसका जो फर्स्ट पार्ट था उसमें हमने बात की थी एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी ऑफ मेल एंड फीमेल रि प्रोडक्ट सिस्टम के बारे में इसको हमने ऑलरेडी कवर कर लिया था पार्ट वन नहीं देखा हो भाई जाके देख लेना आपको बहुत ज्ञान की बातें मिलने वाली है अब जो ये वीडियो है ना इसमें हमारे बहुत से छोटे-छोटे टॉपिक रह गए थे जैसे हमारा सेक्स हार्मोस फिजियोलॉजी ऑफ मेंसुरेशन या इसी में हम जो है मेंसुरेशन साइकिल बोल सकते हैं फर्टिलाइजेशन स्पर्मेटोजेनेसिस ओ जेनेसिस प्रेगनेंसी एंड पाश्चराइजेशन तो इन सभी टॉपिक को यानी कि टोटल सारे ही टॉपिक आज हम इस वीडियो में कवर करने वाले हैं तो हो हो सकता है कि वीडियो थड़ी सी लेंथी हो जाए लेकिन मेरी रिक्वेस्ट है यार प्लीज आप इसको ऐसे मत देखो कि आप कोई लेक्चर देख रहे हो देखो आप इसको एज अ स्टोरी की तरह समझो कि क्या कैसे होता है और ये सब बातें आपको मुंह जबानी यानी कि अभी मैं बोल रहा हूं ना आपको तुरंत ही सारा कुछ याद हो जाएगा और आपके अगर एग्जाम पूछ लेगा ना तो आप डायरेक्टली जो है उसको लिख करर आ जाओगे तो सबसे पहले तो जिन भी लोगों ने पार्ट वन देखा है या आप लोग डायरेक्टली पार्ट टू देख रहे हो तो सबसे पहले आपको जो है रिप्रोडक्टिव सिस्टम की डेफिनेशन कमेंट करके लिखनी है भाई देखते हैं कितने लोगों को आता है कि डायरेक्टली आप यहां आ गए तो पहले जो है उसकी डेफिनेशन कमेंट करके लिखो बाकी जो भी हमारे टॉपिक्स हैं इनके टाइम इस टाइम आपको मिल जाएंगे आप चाहो तो डायरेक्टली उस टॉपिक को भी जाके देख सकते हो तो हमारा इंपोर्टेंट टॉपिक इस पूरे में सबसे इंपोर्टेंट यही है हमारा फिजियोलॉजी ऑफ़ मेंसुरेशन या इसी में मेंच साइकिल के बारे में बात करेंगे फिर हमारा फर्टिलाइजेशन इंपोर्टेंट है और स्पर्मेटोजेनेसिस इंपोर्टेंट है उसके बाद ये वाला कई बार क्वेश्चन बन जाता है कि इसके फेसेस वगैरह क्या है तो हम स्टार्ट करेंगे यहां से लेकिन उससे पहले हेलो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग आई होप आप सभी लोग बहुत-बहुत अच्छे होंगे तो मेरा नाम है आकाश कुमार और स्वागत करता हूं मैं आप सभी के अपने चैनल केयरवेल फार्मा में और एक और बात कि भाई लोग आप कमेंट किया करो यार क्या लगता है क्या कुछ सोचेगा यार क्यों घबराते हो ये तो भाई जनरल है पब्लिक है आप कमेंट करो डेफिनेशन लिखो जो मैंने पूछी है और इस वीडियो को लाइक करके शेयर कर देना इसके लिए बोल रहा हूं मैं अलग से क्योंकि ये बहुत इंपोर्टेंट है और सबके बारे में इसके बारे में पता होना चाहिए तो सबसे पहले अगर हम बात करें सेक्स हार्मोंस के बारे में तो देखो सिंपली हमको इतना पता है कि हार्मोंस हमारे वो केमिकल सब्सटेंस होते हैं हार्मोंस क्या होते हैं वो केमिकल सब्सटेंस होते हैं जो हमारी बॉडी में ग्रोथ करवाते हैं डेवलपमेंट करते हैं हमारी बॉडी जो आज तक बड़ी हो रही है वो सब इन्हीं हार्मोंस का नतीजा होता है ठीक है यानी कि ये भी हेल्प करते हैं अब यहां पे बात हो रही है सेक्स हार्मोंस के बारे में में तो सिंपल सा फंडा है कि जो हमारी बॉडी है ना इस बॉडी में जो भी एक्टिविटी हमारी सेक्स से कनेक्टेड है सेक्सुअल एक्टिविटी हो गया सेक्सुअल ग्रोथ हो गई जैसे हमारे मतलब मेल और फीमेल का जो रिप्रोडक्टिव सिस्टम है ना जैसे पेनिस हो गया वजाइना हो गया इन सब की ग्रोथ को ले लो इसके बाद जो यहां पे ओवुलेशन होता है यानी कि जिसमें एग निकलता है स्पर्म एट जो इसमें एग स्पर्म बनते हैं उसके बाद इनकी फर्टिलाइजेशन होती है उसके बाद जो बच्चा बनता है तो ये सारी की सारी जो भी सेक्सुअली कनेक्टेड एक्टिविटीज है ना उन सबको कराने में हेल्प कौन करता है हमारे सेक्स हार्मोंस करते हैं यानी कि सिंपल देखा जाए तो नाम से ही समझ आ रहा है कि सेक्स हार्मोंस हमारे वो हार्मोंस हैं जो एक तो हमारी पहली बात एंडोक्राइन सिस्टम से निकलते हैं सिंपल सी बात है जितने भी हार्मोंस हमारी बॉडी में है वो सारे के सारे हमारे एंडोक्राइन सिस्टम से निकलते हैं और ये क्या करेंगे मेनली हमारे जो सेक्सुअल डेवलपमेंट है हमारे ऑर्गन्स वगैरह हो गए सेक्स वाले डेवलप करने के लिए वो सारे ऑर्गन्स की डेवलपमेंट कराते हैं ग्रोथ कराते हैं और रिप्रोडक्शन में भी हेल्प कराते हैं बाकी जो पवटी वगैरह जब आता है एज तो उसमें जो पीबिक एरिया में हेयर आते हैं बॉयज हमारी चेंज हो जाती है उसके बाद गर्ल्स में जैसे ब्रेस्ट वगैरह डेवलपमेंट होता है तो ये सारे के सारे हमारे इन्हीं हार्मोंस की वजह से होता है बाकी आपको एक मजे की बात बताऊं देखो आप लोगों ने कभी नोटिस किया होगा कि आजकल क्या हो रहा है ना लोगों की जो एज हो रही है जैसे पहले कहा था 14 15 12 के बाद जो एज होती थी 14 15 साल 16 साल 18 साल तब जाके जो है बॉडी में ग्रोथ देखने को मिलती गर्ल्स की बॉडी में ग्रोथ मिलती थी लेकिन आजकल क्या है 12 13 14 15 साल तक ही जो है मैक्सिमम ग्रोथ देखने को मिल जाती है इसके पीछे रीजन क्या है कि आजकल क्या है ना बहुत ज्यादा मिलावट चल रही है हर तरफ मतलब जहां देखोगे वहां तो लोग क्या कर रहे हैं फायदे के लिए जो बाकी की चीजें हैं खाने पीने वाली उन सब में ग्रोथ हार्मोन लगाते हैं जिससे वो जल्दी डेवलप हो जाए अब क्या होता है कि उन्हीं से बाहर की चीजों को लोग खाते हैं तो जब बच्चे और जो छोटे-छोटे बच्चे सारे उनको खा रहे हैं बाहर की चीजों को बहुत ज्यादा खा रहे हैं ऑर्गेनिक कम हो गया सारा कुछ तो उनके अंदर भी वो कहीं ना कहीं थोड़ा बहुत हार्मोन चला जाता है और इसी वजह से क्या हो रहा है कि आजकल जो इवेलुएशन आपने सुना होगा ना इसीलिए पहले बंदर था आदमी इंसान से बन गए हैं तो इसी तरह धीरे-धीरे एवल्यूशन होता जा रहा है होता जा रहा है और जो पहले गर्ल्स या फिर बॉय जो 15 से 18 साल की एज में डेवलप होते थे आज वो 12 से 13 साल की एज में ही जो है गर्ल्स वगैरह आपने देखा होगा ब्रेस्ट ज्यादा डेवलप हो रहे हैं तो ये सब चीजें इसीलिए आ रही हैं तो अभी भी आप ट्राई करो कि जितना हो सके पॉसिबली बाहर की चीजों को कम करो और घर का खाओ अच्छा खाओ शुद्ध खाना खाओ ये आपके लिए काफी ज्यादा बेस्ट रहेगा तो हम बात कर रहे थे सेक्स हार्मोंस के बारे में तो ये बेसिकली वही हार्मोंस है जो एंडोक्राइन सिस्टम से निकलेंगे और हमारे सेक्सुअल डेवलपमेंट ग्रोथ और रिप्रोडक्शन पवटी इन सब में हेल्प करते हैं तो ये मेनली हमारे दो टाइप्स के होंगे सिंपल सी बात है दो हमारे क्या थे यहां पे सिस्टम थे एक मेल सेक्स हार्मोस होंगे और एक होंगे फीमेल सेक्स हार्मोस होंगे ठीक है तो एक-एक करके हम सभी के बारे में बात करते हैं तो जो मेल सेक्स हार्मोंस है ना ये बेसिकली हमारे वो हार्मोंस है जो मेल सेक्स ऑर्गन्स के द्वारा बनाए जाते हैं अब हमने जो है अपने जब पहले बात की थी एनाटॉमी फिजियोलॉजी के बारे में जो फर्स्ट यूनिट थी फर्स्ट हमारा चैप्टर था इसका फर्स्ट पार्ट था उसमें हमने जाना था कि जो टेस्टस है ना वही एक्चुअल में क्या करता है एंड्रोजन और इसी के अंदर हमारा आता है टेस्टोस्टरॉन इसको बनाता है तो सिंपल सी बात है कि ये हमारे वो हार्मोंस है जो मेल सेक्स ऑर्गन के द्वारा बनाए जा रहे हैं और ये बेसिकली हमारे जो सेक्सुअल ऑर्गन्स की ग्रोथ हो गई या स्पर्मेटोजेनेसिस है यानी कि जो स्पर्म हमारा निकलता है उन सब में क्या कर रहे हैं ये हेल्प करते हैं ठीक है तो एग्जांपल हमारा एंड्रोजन और इसी के अंदर हमारा टेस्टोस्टरॉन आता है अब जो टेस्टोस्टरॉन है ना ये प्राइमरी मेल सेक्स हार्मोन है यानी कि ये हमारा मेन है बाकी इसी के जैसे और हमारे सिंथेटिक वगैरह बना दिए गए हैं लेकिन ये हमारा मेन है तो ये हमारा मेनली जो मेल रिप्रोडक्टिव टिश्यू होते हैं जैसे टेस्टिस हो गया प्रोस्टेट हो गया इन सबको डेवलप करने में हमारा टेस्टोस्टरॉन हेल्प करता है इसके अलावा ये हमारे स्पर्मेटोजेनेसिस को भी हेल्प करेगा यानी कि जैसे हमारा स्पर्म जैसे सिंपल है कि स्पर्म हमारे बन रहे हैं इसके अलावा हमारी और चीजें जैसे हमारी बॉडी के मसल्स हो गया बोन मास हो गया या फिर बॉडी हेयर्स हो गए या या कि आपने देखा होगा मेल्स में थोड़ी सी ना ज्यादा ताकत होती है और ज्यादा ही हाथ पैर एकदम मजबूत होते हैं मसल मजबूत होते हैं तो ये हमारे टेस्टोस्टरॉन की वजह से होता है अब आप लोगों ने कभी नोटिस किया होगा कि कुछ-कुछ लड़कियां ऐसी कभी-कभी निकलती है जिसमें क्या होता है आवाज लड़कों जैसी लगेगी या थोड़ा सा वो मतलब मर्दानी चाल आपने सुना होगा किसी को भूली या वो नहीं करना है मैं जस्ट पढ़ाने के लिए आपको बोल रहा हूं तो उस केस में क्या होता है ना कि उनके अंदर जो हार्मोन है ना वो इंबैलेंस हो जाते हैं और इस चक्कर में उनमें क्या है कि टेस्टोस्टरॉन की अमाउंट ज्यादा चली जाती है उनमें और ज्यादा जब उनके अंदर देखो ऐसा होता है कि जो मेल के हार्मोन है वो थोड़ी मात्रा में फीमेल के अंदर भी बनते हैं और जो फीमेल वाले हार्मोन है वो थोड़ी मात्रा में मेल्स के अंदर भी बनते हैं तो अगर ये हमारे इंबैलेंस हो जाए मान लो जो मेल्स में बन रहे हैं और फीमेल्स में बन रहे हैं अगर इनमें इंबैलेंस हो जाए थोड़ी सी ज्यादा मात्रा में बनने लगे तो इसीलिए देखने को मिलता है कि कई जगह क्या होता है जो फीमेल्स है ना उनके अंदर भी थोड़े-थोड़े मेल जैसे मतलब कैरेक्टर देखने को मिलते हैं और जो हमारे मेल्स हैं उनके अंदर भी कभी-कभी जो है फीमेल जैसे कैरेक्टर देखने को मिलते हैं तो ये हमारा कब होता है जब हमारे जो हार्मोंस है ना वो इंबैलेंस हो जाते हैं मेल्स में फीमेल के ज्यादा हो गए फीमेल्स में मेल के ज्यादा हो गए तो बस ये हमारे इसी की वजह से होता है बाकी ये हमारे प्रमोट करेगा मसल्स बोन मास और बॉडी हेयर वगैरह को सेकंड हमारा आता है फीमेल सेक्स हार्मोन तो ये बेसिकली हमारे वो हार्मोस है जो फीमेल के सेक्स ऑर्गन यानी कि जो मेन हमारा ऑर्गन होता है फीमेल का वो होता है ओवरीज तो ओवरीज से रिलीज किए जाते हैं और ये उनके सेक्सुअल ऑर्गन्स को बनाने में और ओवुलेशन होता है ओवम को रिलीज करने में उसमें हेल्प करता है ठीक है तो इसके दो मेन होते हैं हमारे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन एस्ट्रोजन होता है ये मेनली हमारे मेंसुरेशन साइकिल को रेगुलेट करता है प्रोजेस्ट्रोन भी करता है लेकिन ये दोनों ही करते हैं यहां पे ठीक है बाकी ये फर्टिलिटी और प्रेगनेंसी में भी बहुत बड़ा रोल प्ले करता है इसके अलावा ये फीमेल के जो सेक्सुअल कैरेक्टरिस्टिक है बोन डेंसिटी है उन सब को मेंटेन करेगा प्रोजेस्ट्रोन हमारा जो मेनली क्या होता है ना यूटरस यानी कि जो बोम जिसको बोलते हैं जिसमें बच्चा जो है बड़ा होता है तो बम को तैयार करने में जो बहुत ज्यादा हेल्प करता है और इसके अलावा ये एंब्रियो जेनेसिस जो एंब्रियो डेवलप हो रहा है वो ब्रेस्ट की जो ग्रोथ हो रही है और ओवुलेशन में भी हेल्प करता है और ये दोनों ही हार्मोन जो हमारे फीमेल के हेल्थ के लिए और डेवलपमेंट के लिए बहुत इंपोर्टेंट होते हैं तो ये टॉपिक हमारा ज्यादा नहीं आता तो एज अ इंट्रोडक्शन के लिए हमने इसको जो है कंप्लीट कर दिया तो अब हमारा आता है यहां पे मोस्ट इंपोर्टेंट टॉपिक फिजियोलॉजी ऑफ मेंस्ट्रुएशन या फिर मेंस्ट्रुअल साइकिल के बारे में अब पहले एक बात समझ लो कि ये जो हमारी मेंस्ट्रुअल साइकिल है ना ये सिंपली जो हमारी बॉडी है वो इसलिए करवाती है क्योंकि यहां पे हमारी बॉडी प्रिपेयर करती है किसको जो फीमेल का रिप्रोडक्टिव सिस्टम होता है ना तो जो ये यूटरस होता है ना इसको बॉडी प्रिपेयर करती है प्रेग्नेंसी के लिए यानी कि बॉडी हर महीने इसीलिए प्रिपेयर करती है कि यहां पे ये हमारी क्या है प्रेग्नेंट होने वाली है लेकिन अगर ये प्रेगनेंसी नहीं होती है तब जाके क्या होता है कि यहां पे ब्लीडिंग होती है और उसी को हम क्या बोलते हैं मेंस्ट्रुअल साइकिल जो हमारी हर 28 दिन में चलती है और जो ब्लीडिंग हो रही होती है उस प्रोसेस को हम बोलते हैं मेंस्ट्रुएशन यानी कि ब्लीडिंग वाली एक्चुअल प्रोसेस को मेंस्ट्रुएशन कहा जाता है अब पहले हम समझते हैं कि एक्चुअल में ये पूरा क्यों हो रहा था कैसे हो रहा था देन हम आगे जो है स्टेप बाइ इन सबको बहुत ही सिंपली तरीके से समझने वाले हैं तो पहले ये आपको दिख रही होगी पूरी की पूरी फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम ये हमारी होती है यहां पे वजाइना ये सर्विक्स होती है और यहां से एंट्रीज जाते है जब ये जगह हमारी कहलाती है यूटरस और यूटरस एक्चुअल में हमारी वो मेन जगह है जहां पे जो भी बच्चा होता है उसका मतलब लालन पोषण होता है वो बड़ा होता है यहां पे उसको फीड मिलती है सारा कुछ मेनली यहीं पे होता है ये हमारे होते हैं फैलोपियन ट्यूब और इधर हमारी प्रेजेंट होती है दो ओवरीज एक टाइम पे मतलब जो एक ही हमारी काम करती है तो सबसे पहले क्या होता है कि मान लो ये ओवरीज है ना तो ओवरीज क्या करती हैं ओवरीज यहां से ओवम को रिलीज करें अब ओवम हमारा क्या होता है एग होता है इसमें भी हमारे काफी ज्यादा स्टेप होते हैं वो एक-एक करके आपको समझ आएगा तो यहां से जब एग रिलीज हो जा था ना तो एग धीरे-धीरे ऊपर मतलब यहां पे मूव करता है मूव करता है क जो हमारी फैलोपियन ट्यूब है ना इसमें हमारे फिंगर लाइक स्ट्रक्चर पाए जाते हैं और उन्हीं के द्वारा ये हमारे मूव करते हैं अब यहां से क्या क्या होता है कि जब मान लो सेक्सुअल इंटरकोर्स हो गया और पेनिस ने एंट्री मारी स उसके बाद क्या होगा कि यहां से जो स्पर्म है ना वो यहां से अंदर चले जाते हैं अब जब स्पर्म मूव करेंगे तो ढेर सारे स्पर्म ले होते हैं लेकिन उनमें से कुछ एक या दो स्पर्म होते हैं वो यहां तक फाइनली पहुंच पाएंगे मतलब कुछ मान लो पहुंच गए इतने सारे उनमें से कोई एक स्पर्म होगा जो क्या करेगा इस वाले पार्ट में जाके इस मतलब जो हमारा एग ओवम है उसको जाके फर्टिलाइज करेगा यानी कि उसको जाके अंदर उसके जा पाएगा तो जो हमारी फैलोपियन ट्यू है इसमें ये स्टार्टिंग का पार्ट स्मत कहलाता है जो इससे कनेक्टेड है ये वाला फेवरी आई और बीच का पार्ट मिडल पार्ट कहलाता है एंपू तो जो एंपू है वो मेन जगह है जहां पे फर्टिलाइजेशन होती है यानी कि जहां पे हमारा जो ओवम है उसके साथ हमारा एग मिलता है तो अब मान लो कि यहां पे जैसे ही एग मिल जाता है हमारे बॉडी में हार्मोंस भी रिलीज हो रहे होते हैं तो जैसे ही हमारा ये एग मिलता है यहां पे हमारा बनता है कॉर्पस लटियम इसको मैं बाद में आपको बताऊंगा ये क्या करता है बस इतना समझ लो तो ये रिलीज करता है प्रोजेस्ट्रोन को जो हमारा मतलब फीमेल सेक्स हार्मोंस है उनके दूसरा हार्मोस है पहला हमारा होता है एस्ट्रोजन दूसरा होता है प्रोजेस्ट्रोन तो एस्ट्रोजन ने अपना काम कर दिया एस्ट्रोजन का मेन काम था इस ओवुलेशन को करवाना यानी कि एक को रिलीज करना इसने कर दिया अब जो प्रोजेस्ट्रोन है उसका मेन काम क्या होगा कि वो जो लाइनिंग है ये एंडोमेट्रियम की लाइन है ना इसको यहां पे डेवलप करेगा डेवलप का मतलब क्या है कि इसको थिक करवाएगा अब ऐसा क्यों होता है वो अभी बताता हूं तो जैसे मान लो ये हमने थिक किया यहां पे और इधर हमने ये थिक किया तो इसके थिक होने की वजह से क्या होता है कि इसमें हमारा एक तो ढेर सारा ब्लड आ जाता है दूसरा इसके अंदर हमारे प्रेजेंट होते है न्यूट्रिशन न्यूट्रिशन मतलब जो भी जैसे फीटर है उसको खाने पीने के लिए चाहिए बॉडी का एक तो यहां पे मतलब वो ब्लड कनेक्ट हो गया और न्यूट्रेंड वगैरह जो भी जरूरी चीज है वो यहां पे डेवलप हो जाती है अब क्या होता है कि जैसे हमारा जैसे ही इसको पता चल जाता है कि यहां पे ये हो गया यहां पे ये प्रोजेस्ट्रोन इसको यहां पे डेवलप करता है डेवलप करेगा अब ये धीरे-धीरे क्या होता है एग यहां से आएगा रिलीज होके इधर आ जाएगा इधर आके और फाइनली क्या करेगा वो यहां पे जाके अटैच हो जा था यहां जाके अटैच हो जाएगा धीरे-धीरे क्या करेगा ये जो ओवम यहां अटैच हुआ है जागोट हमारा वो यहां पे इसके साथ बम करेगा और जिससे न्यूट्रिशन वगैरह सब लेता रहेगा और धीरे-धीरे इस तरह हमारी प्रोसेस प्रेग्नेंसी की आगे बढ़ती है जो मैं आपको आगे बताऊंगा लेकिन अब प्रॉब्लम क्या आती है कि यहां पे जो सेक्चुअल इंटरकोर्स था वो तो हुआ ही नहीं स्पम हमारा पहुंचा ही नहीं है और जब स्पर्म नहीं पहुंचा है लेकिन जो ये काम है ये सब हमारे बाकी सेम हो रहे हैं बस एक काम नहीं हुआ कि स्पर्म नहीं पहुंचा तो उस वजह से ये जो हमारा एग था ये फर्टिलाइज नहीं हुआ है और जब फर्टिलाइज नहीं हुआ है तो ये एग हमारा धीरे-धीरे यहां पे आएगा और वो एग भी हमारा यहां पे मतलब अटैच हो जाता है यहां पे पहुंच जाता है अब एक बात यहां नोटिस करो कि जब हमारा एग फर्टिलाइज ही नहीं हुआ है हमारा जागोट ही नहीं हुआ है तो जब जागोट बनेगा नहीं क्योंकि जागोट हमारा मेन सेल होता है जब जागोट ही नहीं बनेगा तो ये आगे डेवलप ही नहीं करेगा आगे कोई बच्चा वगैरह बनेगा ही नहीं तो जब जागोट नहीं बना है तो उस चक्कर में क्या है कि ये जो एग है वो डेवलप ही नहीं होता और जब ये कुछ भी डेवलप नहीं होता है यहां से कुछ भी इस चीजों को यूज ही नहीं कर पाता तो जो हमारी एंडोमेट्रियम वॉल है ना ये वाली ये हमारी ऐसी की ऐसी रह जाती है अब क्या होता है कि हमारे कुछ टाइम बाद जो हमारा टाइम आएगा 28 डेज उस टाइम पे तब क्या होता है कि ये जो इसके लेवल है एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के ये दोनों लेवल हमारे डिक्रीज हो जाते हैं कम हो जाते हैं और इन दोनों लेवल के कम होने की वजह से क्योंकि प्रोजेस्ट्रोन ने इसको बनाया था एस्ट्रोजन ने एक को यहां भेजा जब ये दोनों ही लेवल हमारे कम हो जाते हैं तो ये जो हमारी वॉल है ना ये अपने आप को मतलब बहने लगती है धीरे-धीरे गिरने लगती है और जब ये ये हमारी क्या होगी ये धीरे-धीरे यहां से गिरना शुरू होती है और जब ये गिर रही होती है तो जो सर्विक्स है जो यहां पे प्रेजेंट होती है ये थोड़ा बहुत म्यूकस भी रिलीज करती रहती है तो इस चक्कर में क्या होता है कि अब यहां से हमारा जो गाढ़ा गाढ़ा एक तरह से थिक जहां पे क्या होगा कि जो ब्लीड होगा वो धीरे-धीरे गिरना शुरू होता है और इसी वाले गिरने की प्रोसेस को हम यहां पे मेंसुरेशन बोलते हैं और इस पूरे को हम क्या बोलते हैं मेंसुरेशन साइकिल और ये जो गिर रहे होते हैं ना इस प्रोसेस को हम क्या बोलते हैं वेजाइनल ब्लीडिंग बोलते हैं क्या बोलते हैं यहां पे वेजाइनल ब्लीडिंग बोलते हैं और इसी वेजाइनल ब्लीडिंग को हम एक्चुअल में क्या बोलते हैं पीरियड्स बोलते हैं अब इसका नाम पीरियड्स क्यों बनाया क्योंकि ये हमारा एक पीरियोडिक चलता है यानी कि हर 28 डेज बाद ये हमारा नॉर्मली चलता रहता है देखो हर किसी का अलग-अलग होता है थोड़ा बहुत वैरी कर जाता है लेकिन नॉर्मली इसको जो है हम पीरियड्स ही बोल देते हैं और ये बेसिकली देखा जाए तो एक से पांच दिन तक मतलब अप स चलते हैं किसी-किसी के सात दिन तक चल जाते हैं तो किसी के दो दिन में खत्म हो जाते हैं तो ये वेरिएशन चलता रहता है लेकिन ये होता है अब सारे के सारे लड़के ध्यान से सुन लो आपको लगता होगा तो क्या हो गया ये ब्लीडिंग हो रही है नॉर्मल हो गया नहीं ऐसा सिंपली नहीं होता जब ये हो रहा होता है तो भाई बहुत ही ज्यादा पेन होता है क्या होता है पेन होता है और जो पहला दिन होता है ना उसमें तो भाई समझ नहीं सकते इतना ज्यादा पेन होता है बहुत टाइम तो ऐसा होता है कि गर्ल्स को कई बार जो है दवाइयां लेने की जरूरत पड़ जाती है लेकिन वो नहीं लेनी चाहिए क्योंकि वो लास्ट में अगर कोई ज्यादा मेडिसिन वगैरह लेता है पेन में तो जब एक्चुअल में प्रेगनेंसी होगी और जो बच्चा जहां डेवलप होगा तो जब जो डिलीवरी होनी होगी ना इसमें से बच्चा बाहर आएगा तब बहुत ज्यादा दर्द होगा और कई केस में अगर वो सीवर हो गया आप सह नहीं पाए तो गड़बड़ हो सकती है तो इसीलिए आपको दवाइयों का यूज नहीं करना है कभी मजबूरी हो गई इमरजेंसी तो अलग चीज है पर अवॉइड करो जितना मेडिसन को इस वाले पीरियड्स पेन में कम कर सको ठीक है बाकी यहां पे क्या होगा कि ये इस तरह से पूरी ब्लीडिंग गिरती है और इसमें अच्छा खासा पेन होता है तो ये एक प्रॉब्लम है भाई जो मतलब फीमेल्स में होती है जो लड़के शायद ना समझ पाए सेकंड केस यहां पे क्या होता है कि भाई जब ये पूरा ऐसे निकल रहा होता है तो सोचो ये दो-तीन दिन तक लगातार लीक कर रहा है एक तरह से लीक कर रहा है तो कैसी बहुत ही अजीब सी फीलिंग आती होगी तो ये भी बहुत ज्यादा उनको अनकंफर्ट बल कर देती है और इसीलिए उनके कई जगह जो है माइंड सॉरी मूड स्विंग्स होते हैं कभी ये कभी वो तो ये होता रहता है तो इस चीज से से आप मजाक ना उड़ाए और इसकी इज्जत करें लड़कियों को इस भाई बहुत ही रिस्पेक्ट करनी चाहिए क्योंकि आप इस दर्द को कम तो कर नहीं सकते ई प्रेगनेंसी के लिए हो रहा है तो ये हो नहीं है इसमें हम कुछ भी नहीं कर सकते कुछ हेल्प नहीं कर सकते तो बस क्या कर सकते हैं केयर कर सकते हैं सपोर्ट कर सकते हैं तो भाई केयर और सपोर्ट जरूर करें जब भी ऐसा कुछ होता है तो तो आप एक बेसिकली समझ गए कि क्यों और कैसे होता है प्रोजेस्ट न के लेवल के घटने से ही हमारा मिल्ली होता है अब हम थोड़ा सा डिटेल्स में इसको यहां पे समझते हैं तो ये जो हमारी मेंस्ट्रुअल साइकिल है ये मंथली प्रोसेस होती है और ये हमारी फीमेल्स की बॉडी प्रिपेयर करती है प्रेगनेंसी के लिए लेकिन जब प्रेगनेंसी नहीं होती है तब क्या होता है कि तब ये ब्लीडिंग या फिर पीरियड्स हमारे आते हैं अब ये बेसिकली क्या होता है इसमें हार्मोनल चेंज भी होते हैं ओवुलेशन यूटन लाइनिंग ये सारी चीजें होती हैं इसको हम एक-एक करके आगे समझते हैं बाकी एक और चीज है ये मेंसस क्या है हमारी तो जो मेस्ट सेशन है ना ये हमारी एक्चुअल में वो प्रोसेस है जो यहां बताया जिसमें जो ब्लीडिंग हो रही होती है तो जैसे हमारी जो मेंस्ट्रुअल साइकिल है ये कंप्लीट साइकिल है जो हमारी लगभग 28 डेज में घूम कर आती है लेकिन उसमें से जो हमारा एक से पाच दिन का टाइम है जिसमें सबसे पहले पीड्स हो रहे होते हैं उस वाले टाइम को हम यहां पे मेंस्ट्रुएशन बोल देते हैं तो मेंस्ट्रुएशन सिंपल हमारी एक एक तरह से हमारा स्टेप है एक तरह से हमारा फेस है जो पूरी मेंस्ट्रुएशन साइकिल में हो रही है तो ये दोनों अलग-अलग चीजें होती हैं और मेंस्ट्रुएशन में मेनली क्या होता है जो एंडोमेट्रियम होती है जो यूटन की लाइनिंग होती है जो मैंने आपको बता है ये एंडोमेट्रियम पूरी वॉल है हमारी यूटर जो हमारी पूरा यूटरस है तो इसको यूटरस की लाइनिंग बोलते हैं तो ये हमारी क्या हो रही है उस टाइम पे शेड होती है यानी कि नीचे गिरती है और इसी गिरने की वजह से क्या होता है यहां पे वजाइनल ब्लीडिंग होती है हमारी ठीक है तो इसी को बोलते हैं बाकी ये मंथली देखने को मिलती है बाकी अब थोड़ी ज्ञान की बात है जो आपके एग्जाम में भी काम आएगी तो ये हमारी जो मेंस्ट्रुअल साइकिल है ये हमारी पहला दिन यानी कि जब यहां पे ब्लीडिंग शुरू होती है ना पीरियड वो पीरियड जिस दिन शुरू हुए है उसको हम पहला दिन मानते हैं और उसी दिन से हम जो है इसको गिनना शुरू कर देते हैं तो ये फर्स्ट डे ऑफ वन पीरियड टू द फर्स्ट डे ऑफ द नेक्स्ट तो ये पहला पीरियड जब आया उससे लेके जो नेक्स्ट पीरियड से आना है उसका जो पहला दिन होगा इनके बीच के दिनों को हम काउंट करते हैं और इसी को हम यहां पे मेंस्ट्रुअल साइकिल बोल देते हैं अब ये सभी के लिए सेम नहीं होती है जनरली इसका 28 डे माना जाता है लेकिन ये वेरी कर जाता है 21 से ले के 35 दिन के बीच में तो लगभग यहां पे जो है 7 दिन का मार्जिन लिया गया है आगे और पीछे अगर किसी के इससे भी ज्यादा हो रहे हैं तो हो सकता है कि कुछ गड़बड़ हो बाकी ये जो पूरी हमारी साइकिल है इसको चार भागों में डिवाइड कर सकते हैं और इसमें बेसिकली हार्मोनल और फिजियोलॉजिकल सब चेंज देखने को मिलते हैं तो इसके चार फेज होते हैं हमारे मेंस्ट्रुएशन जो डे से एक से लेकर पांच तक रहता है ये जनरल वाले मैं बता रहा हूं ये हमारे वरी कर सकते हैं फिर फॉलिकुलर फेस हमारा जो 6 से 14 दिन तक होता है ओवुलेशन डे 14 वाले दिन मेनली होता है और लूटल फेस हमारा डे 15 से 28 तक रहता है बाकी दो जरूरी बात है ये हमारा एक होता है मिनार्क इसको हम बोलते हैं जो पहला मेंसुरेशन होता है और भाई कई जगह पे क्या होता है ना जैसे बहुत साउथ में ऐसी बहुत जगह हैं जहां पर क्या होता है कि मतलब लड़कियों का अगर जब पहला मिनार्स आता है ना जब फर्स्ट मेंसुरेशन होता है तो उनकी पूजा वगैरह करके और कुछ अच्छा सा ही होता है तो मुझे नहीं पता हमारे इधर नहीं होता है तो अगर किसी का होता है भी कमेंट करके बताओ क्या कैसे होता है उसको क्या बोलते हैं बाकी जो मेनोपॉज होता है ना ये आखिरी वाला होता है यानी कि जब भी किसी लड़की का आखिरी मतलब मेंसुरेशन आता है और इसके बाद जो मेंच साइकिल है वो परमानेंटली स्टॉप हो जाती है तो ये हमारी इसके बाद आती है ठीक है बाकी अब एक-एक करके हम सभी फेस के बारे में पढ़ते हैं तो जो हमारा मेंसन पहला फेस है ये हमारा लगभग एक से 5 दिन तक रहता है वेरी कर सकता है ये किसी के मान लो 2 दिन में खत्म हो गए तो किसी के सात दिन में जाके खत्म हो र तो ये वरी कर सकता है फिर हमारा फॉलिकुलर फेस आता है ये लगभग छ से 13 दिन तक मान लो क्योंकि 14वें दिन हमारी मेनली होती है ओवुलेशन और इसके बाद 14 से हमारा 15 से लेकर 28 दिन तक मान लो लूटल फेज चलता है अब एक-एक करके सभी के बारे में बात करते हैं अब जो हमारा मेंसन फेज है ना पहला फेज है इसमें मेनली क्या है कि इसमें मैचुरेशन ब्लीडिंग होती है और इसमें जो एंडोमेट्रियम की लाइन है जो यहां पे आपको दिख रही होगी ये लाइन हमारी शेड होती है यानी कि नीचे गिरती है और इसको हम वेजाइनल ब्लीडिंग बोलते हैं और ये मेनली क्यों होता है क्योंकि इस टाइम पर हमारे जो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन ये जो जो हमारे हार्मोंस होते हैं ना ये डिक्रीज हो जाते हैं और इनके डिक्रीज लेवल होने की वजह से क्या होता है ये जो दोनों मतलब जो एंडोमेट्रियम की वॉल है ये हमारी नीचे गिरती है ठीक है बाकी इसके टाइम पे एक और होता है कि जो सर्विक्स है हमारी यहां पे सर्वा वो म्यूकस को रिलीज करती है और जो क्या करेगी जो ये सर है ना इसको बाहर निकालने में हेल्प करती है क्योंकि ब्लड भी नहीं बाहर निकल सकता थोड़ा सा गाढ़ा थिक है तो ये क्या करेगा ये इसको पूरे को बाहर निकाल लने में हेल्प करता है अब सेकंड फेज हमारा आता है फॉलिकुलर फेज अब जो फॉलिकुलर फेज है ना ये बेसिकली क्या होता है इसके बारे में अच्छे से आपको बताता हूं तो जैसे सिंपली मैंने आपको क्या बताया कि ये जो हमारा ओवरी है ना ये क्या करता है एग को रिलीज करता है तो फॉलिकुलर फेस क्या होता है फॉलिकुलर फेस का मेन काम क्या होता है कि ये इस एग को रिलीज कराने के लिए बहुत ज्यादा मतलब ताम करता है और हेल्प करता है अब ये कैसे होता है ना मैं इसके बारे में आपको डिटेल्स में बताता हूं तो जो हमारी ओवरीज होती है यहां पे आपको दिख रही होगी इस ओवरीज के अंदर हमारे इस तरह के ढेर सारे फॉलिकल्स पाए जाते हैं अब फॉलिकल्स क्या होते हैं तो फॉलिकल्स मान लो एक तरह से हमारे थैले होते हैं थैले मतलब जैसे कोई भी थैला है ना जिसके अंदर हमारा कुछ भरा होता है तो इस तरह के हमारे थैले होते हैं और इस थैले के अंदर हमारा थोड़ा सा फ्लूइड सा भरा होता है और इसी के अंदर हमारे पाए जाते हैं x क्या पाए जाते हैं हमारे एक्स पाए जाते हैं तो ये हमारे इस तरह के होते हैं अब इनको स्टिमुलेटिंग हार्मोन यानी कि नाम से समझ आ रहा है कि ये जो हमारे थैले जिसको हम फॉलिकल बोल रहे हैं इसी फॉलिकल को स्टिमुलेटिंग कैटेगरी में आता है और इसको रिलीज करते हैं पिट्यूटरी ग्लैंड यानी कि पिट्यूटरी ग्लैंड के द्वारा इसको जो है निकाला जाता है तो समझ गए तो एफएसएस आया पिट्यूटरी ग्लैंड से और वो क्या कर रहा है वो ओवरीज में क्या कर रहा है ये जो फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन है ये इस फॉलिकल को डेवलप करने में हेल्प कर रहा है तो यहां पे ढेर सारे इस तरह के हमारे फॉलिकल्स बनते हैं अब इन सब में से कोई एक होता है जिसको हम क्या बोलते हैं डोमिनेंट फॉलिकल बोलते हैं इसका मतलब क्या है कि ऐसे देखो जो हमारा स्पर्म है ना वो अत्यधिक मात्रा में अनगिनत बनते रहते हैं लेकिन जो ओवरीज है वो हमारी ऐसे नहीं बनती है तो उसमें लिए क्या है कि जैसे यहां ढेर सारे जो फॉलिकल्स होंगे उनमें से कोई एक फॉलिकल्स होगा जो चुना जाएगा और उस चुने हुए फॉलिकल्स को हम यहां क्या बोलते हैं डोमिनेंट फॉलिकल्स बोलते हैं क्या बोलते हैं डोमिनेंट फॉलिकल बोलते हैं तो इनमें से कोई एक हमारा फॉलिकल है वो चूज किया जाएगा जिसको डोमिनेंट फॉलिकल बोलते हैं और वही आगे जाके क्या करता है ओवम या एग को रिलीज करता है तो यहां पे जैसे मान लो ये हमारा चुन लिया गया अब जैसे ये चुन लिया जाता है उसके बाद ये क्या करेगा ये यहां पे ओवम या फिर एग को रिलीज करेगा जैसे यहां पे क्या हुआ इसने ओवम एग को रिलीज किया और ये हमारा फैलोपियन ट्यू में चला गया तो यहां पे क्या आप समझे कि हमारा जैसे ओवरीज है इसके अंदर ढेर सारे फॉलिकल्स होते हैं और वो फॉलिकल हमारे खाली थैली की तरह होते हैं जिसके अंदर एक्स वरे होते हैं उनमें से कोई एक फॉलिकल को चुना जाएगा और वो एक फॉलिकल हमारा डोमिनेंट फॉलिकल कहलाता है और वो डोमिनेंट फॉलिकल हमारा क्या करेगा एग को रिलीज कर देता है और वो रिलीज वाला एग है वो हमारा फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है तो ये हमारी मेन प्रोसेस होती है और इसमें जब ये प्रोसेस हो रही है तो इस टाइम हमारा जो एस्ट्रोजन का लेवल है वो हमारा यहां पे बढ़ जाता है और जब एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है तो एस्ट्रोजन का लेवल क्या करेगा एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ा तो एक तो इसने ओवुलेशन करवाया जो यहां पे ये मतलब पूरा ओवुलेशन हुआ सेकंड काम इसने क्या किया कि इसने इसकी लेयर को जो है इस तरह से थिक करना है यानी कि थोड़ा सा चौड़ा करना शुरू कर दिया पहला काम अब यहां पे ये स्टेप खत्म नहीं होता अब इसके बाद क्या होता है हमारा आता है थर्ड यहां पे हमारा आता है ओवुलेशन तो ओवुलेशन सिंपली जो मैंने आपको बता दिया कि जो हमारा डोमिनेंट फॉलिकल्स है वो एक्चुअल में क्या करेगा वो एग या फिर ओवम को रिलीज कर देगा और ये जो एग या ओवम है ये फैलोपियन ट्यूब में जाके रिलीज होगा और ये लगभग 12 से 24 घंटे के लिए अवेलेबल रहता है यानी कि ये फेलोपियन टू में अच्छे से यानी कि अगर इस 12 से 14 घंटे घंटे के बीच में अगर कोई स्पर्म आता है तो वो अच्छे से जो है इसको प्रेग्नेंट कर सकता है तो ये मेन है यानी कि अगर आपको यहां बता जाए है कि जो मेन टाइम ऐसा कोई टाइम जहां पे मतलब प्रेग्नेंट होने के सबसे ज्यादा चांस रहेंगे तो वो रहेगा डे 14 यानी कि डे 14 वाले दिन अगर कोई यहां पे मतलब सेक्स करता है 14 या 13 वाले दिन तो बहुत चांस है कि भाई प्रेग्नेंट हो सकती है लेडीज तो आपको कभी कसी को मतलब अपने किसी फैमिली मेंबर बता देना कि मतलब 13 से 14 दिन कैसे ही बताओगे यार चलो मैनेज कर लेना आपके टाइम पे तो काम आएगी ये बात ठीक है तो इसलिए 12 से 24 घंटे तक ये रहता है और ये हमारा ट्रिगर्ड किया जाता है एलएच के द्वारा एलएच हमारा होता है न्यूट्रलाइजिंग हार्मोन और ये भी हमारा पिटू प्यूटरी ग्लैंड के द्वारा रिलीज किया जाता है कहां से पिट्यूटरी ग्लैंड से यानी कि मेन देखा जाए तो पिट्यूटरी ग्लैंड जो हमारा है ना पिट्यूटरी ग्लैंड से हमारे दो हार्मोन निकल रहे हैं एलएच हमारा हो गया लूटना इजिंग हार्मोन और एफएस हमारा हो गया फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन ने हमारे ओवुलेशन कराने में हेल्प की यानी कि हमारे इस फॉलिकल को डेवलप किया और जो लूटना इजिंग हार्मोन थे उसने इसको रिलीज करने में हेल्प की यानी कि यहां पे एक एफएस इधर लग गया और जो हमारा एलएच हार्मोन है वो हमारा इधर लग गया यानी कि उसने क्या किया इस ओवुलेशन कराने में हेल्प की उसने इस एग को यहां से रिलीज होने में क्या की हेल्प की तो जब यहां पे हो जाता है पिट्यूटरी ग्लैंड से उसके बाद हमारा आता है ल्युटियन फेस अब ल्युटियन फेस में एक्चुअल में क्या होता है ये हमारा सबसे ज्यादा फेस चलता है यानी कि सिंपल देखोगे मेंसुरेशन पढ़ लिया सेकंड फॉलिकुलर पढ़ लिया थर्ड ओवुलेशन पढ़ लिया जिसमें ओवम रिलीज होते हैं लास्ट आता है लूटल फेज इसमें मेनली क्या हो रहा है कि अब देखो यहां पे जो फॉलिकल था इसने एक को रिलीज कर दिया अब ये जो खाली वाला फॉलिकल है ना ये धीरे-धीरे कॉलेप्स यानी कि डिजनरेट होने लगता है और डिजनरेट होते-होते ये कन्वर्ट हो जाता है हमारा किसमें कॉर्पस लटियम में किस में कन्वर्ट हो जाता है कॉर्पस लटियम में अब इसका काम समझो क्या होता है जो कॉर्पस लटियम है ना ये एक्चुअल में प्रोड्यूस करता है प्रोजेस्ट्रोन को यानी कि ओवरीज हमारी दोनों बनाती है एस्ट्रोजन प्रोजेस्ट्रोन तो जो प्रोजेस्ट्रोन है वो हमारा कैसे बनाती है ये जो फॉलिकल हमारे खाली हो जाते हैं एक को रिलीज करके वही खाली हमारे कोलप्पन जाते हैं कॉर्पस लटियम और ये कॉर्पस लटियम हमारे मतलब जनरेट करते हैं प्रोजेस्ट्रोन को अब प्रोजेस्ट्रोन जब जमल होना हैना तो प्रोजेस्ट्रोन का मेनली काम क्या होता है कि वो इस यूटरस को तैयार करता है कि यहां पे जो यहां से जागोट निकला है ना वो प्रिपेयर हो सके यानी कि आप ये समझ लो कि इतनी छोट मतलब बारीकियों से काम किया गया है ऊपर वाले ने इतना सोच समझ के बनाया है कि उन्होंने जैसे ही देखा कि यहां से एग ने इसको रिलीज कर दिया तो अब उनको पता है एग रिलीज हो गया तो एग आगे जाके क्या होगा यूटरस पे चिपके का तो उन्होंने क्या किया कि पहले ही यहां पे एक और सिस्टम बना दिया जो इस यूटरस को डेवलप करे यूटरस जैसे मान लो आपके घर मेहमान आने वाले हैं तो आपके घर एक छोटा भाई पहले ही भेज देते कि भाई जा और तू सब घर की सफाई कर तैयार कर उनको खाने पीने का नाश्ता वगैरह सब तैयार कर तो वही यहां पे होता है कि इसने एक को रिलीज करके और खुद यहां पे काम पे लग गया जिसने प्रोजेस्ट्रोन बनाया और प्रोजेस्ट्रोन मेनली काम कर रहा है इस यूटरस को तैयार करने के लिए तो अब यहां पे क्या होता है कि जो हमारा यूट्रस है वो क्या करेगा इस पूरे मतलब जो हमारा प्रोजेस्ट्रोन है वोस यूटरस को तैयार कर देता है और यूटरस को तैयार करने के लिए एस्ट्रोजन प्रोजेस्ट्रोन दोनों काम कर रहे हैं एस्ट्रोजन ने इसको थोड़ा सा थिक किया प्रोजेस्ट ने पूरा इसको तैयार कर दिया फीड वगैरह करने के लिए सब कुछ कि अगर यहां पे अब कोई भी जागोट लगता है तो काम करेगा और ये जो हमारी वॉल तैयार है ना ये हमारी चार से पाच दिनों के लिए रहती है यानी कि चार से पाच दिन तक ये हमारी पूरी तैयार है रिसेप्ट करने के लिए कि कोई जागोट आए और इसको फाइनली चिपका ले तो अब आती है हमारी फाइनली खड़ी अब क्या होता है कि अगर प्रेगनेंसी अकर्स हो जाती है यानी कि फर्टिलाइजेशन हो गया इस एग को स्पर्म को को मिल जाता है तो ये जो एंब्रियो या फिर जो हमारा जागोट बनेगा ना वो हमारा इंप्लांट हो जाता है इस यूट्रस के ऊपर ये टॉपिक भी हम आगे पढ़ेंगे तो यहां पे हो जाता है और नॉर्मली हमारे यहां बच्चे का जन्म होने लगता है लेकिन अगर प्रेगनेंसी ओकर्स नहीं होती है यहां पे कोई भी स्पर्म नहीं मिलता है तो जो कॉर्पस लटियम है ना वो हमारा धीरे-धीरे क्या होता है ये हमारा डिजनरेट होना शुरू हो जाता है और जैसे ही ये डिजनरेट होना शुरू हो जाएगा ये धीरे-धीरे क्या करेगा प्रोजेस्ट्रोन के लेवल को डाउन कर देगा तो यहां पे क्या होगा कि प्रोजेस्ट्रोन का लेवल डाउन होगा और जैसे ही प्रोजेस्ट्रोन का लेवल डाउन होगा जो हमारी यूटरस यहां पे तैयार थी वो वो क्या हो जाएगी यहां पे खत्म होना शुरू हो जाती है और धीरे-धीरे क्या होता है ये पूरा सा गिरना शुरू हो जाता है और इसी को हम यहां पे मेंसुरेशन या फिर मेंसुरेशन साइकिल का लास्ट स्ट्रेस ब्लीडिंग बजाइन ब्लीडिंग या फिर पीरियड्स बोल देते हैं तो आप समझ गए कि अगर ये होता तो हमारा कॉसपास लू टम जिंदा हो जाता अगर प्रेगनेंसी हो जाती तो यहां पे कंटीन्यूअस हमारा प्रोजेस्ट्रोन था वो यहां पे इसको फीडिंग करता रहता करता रहता और हमारा जो एंब्रियो था जागोट था वो डेवलप हो गया आगे जाके बच्चा बन जाता लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और इस चक्कर में क्या है यहां पे ब्लीडिंग वगैरह होने लगती है तो ओवरऑल ये हमें समझ आया कि पिट्यूटरी ग्लैंड हमारा जिसको हम गोनार्ड ट्र पस वाला हिस्सा है वो हमारे एलएच एफएस ये दो हार्मोंस को रिलीज करता है और ये हमारे आगे जाके सेक्स हार्मोन को और बढ़ावा देते हैं और जब ये हमारे बहुत ज्यादा हो जाते हैं तो यहां से नेगेटिव फीडबैक्स व से इसको रोक देते हैं तो मेन क्या हो रहा था कि फॉलिकुलर फेज जो हमारा यहां पे सेकंड फेज था उसमें एस्ट्रोजन प्रोड्यूस हो रहा था और जो लूटल फेज था हमारा लास्ट वाला इसमें प्रोजेस्ट्रोन प्रोड्यूस हो रहा था और दोनों ही हमारे रेगुलेट करते थे इस पूरे को बाकी मेंसुरेशन हमारी कब अकर होती है जब एग को क्या है फर्टिलाइज नहीं हो पाता तो ये सारी बातें मैंने आपको बता दी जस्ट रिकप के लिए मैंने ये लिख दिया है तो आई होप आपको ये सारा फंडा अच्छे से समझ आ गया होगा और रेगुलेशन के लिए भी मैंने बता दिया कि कौन सा कहां कैसे आता है तो अगर आप इतना पूरा लिखकर आते हो आप यकीन मानो आपको बहुत अच्छे मार्क्स मिलेंगे और ये और ये बनाकर भी आ जाना आपको काफी अच्छे मार्क्स मिलेंगे तो एक-एक चीज आपको अब समझ आ गई अब हमारा यहां पे नेक्स्ट टॉपिक आता है फर्टिलाइजेशन अब फर्टिलाइजेशन एक्चुअल में क्या होता है तो अगर मैंने आपको अभी क्या बताया था कि जैसे यहां पर अगर क्या होता है कि इस स्टेज में जब एपिला में हमारा एग होता है अगर उसपे स्पर्म मिल जाता है तो वो हमारा जो प्रोसेस होती है जब स्पर्म इसको मतलब छेड़ता है तो उसी को हम यहां पे फर्टिलाइजेशन बोल देते हैं तो फर्टिलाइजेशन हमा हमा एक सिंपल प्रोसेस है जिसमें क्या हो रहा है कि स्पर्म हमारा क्या कर रहा है एग को फर्टिलाइज कर रहा है और इन एग को फर्टिलाइज करने के चक्कर में क्या है कि अब वहां पे जो है जागोट का जन्म हो जाता है और एक तरह से बोला जाए तो फर्टिलाइजेशन को सिंपली बोले तो ये हमारा फ्यूजन होता है स्पर्म और एग या फिर ओवम का और ये मेनली हमारा जो फैलोपियन ट्यूस की जो एंपू वाला पार्ट है इसमें हमारा होता है यानी कि अगर आप ध्यान दोगे तो जो जो मेन प्रोसेस थी वो सब मैं आपको पहले ही बता चुका हूं अब जो भी आप पढ़ने वाले हो सारा कनेक्टेड होने वाला है हमारा बाकी अब अगर ध्यान दोगे तो जैसे एक बार जब यहां पे पूरा मतलब बेजाना वगैरह में जब यहां पे पेनिट्रेशन होती है पेनिस जब अंदर जाता है तो एक टाइम पे जो सीमन रिलीज करता है ना पूरा उस सीमन में लगभग जो है 300 मिलियन स्पम पाए जाते हैं कितने होते हैं 300 मिलियन कितने ज्यादा हो गए समझ सकते हो ना अब फिर भी लोग मतलब पता है एक बहुत बड़ा मिथ फैला है लोग कहते है कि मास्टरबेशन करो कोई बात नहीं हमारी बॉडी बहुत ज्यादा बनाती है इस वाले टर्म को याद रखना यानी कि जब आपने एक बार पूरा इजैकुलेट किया ना तो उसमें लगभग आपके जो है 300 मिलियन स्पर्म बाहर निकलते हैं जो मतलब लेडीज फैद में जाते हैं तो अगर आप मास्टरबेशन करते हो तब भी लगभग आपकी 200 300 मिलियन स्पर्म तो निकल ही जाते होंगे ना तो दिक्कत कहां आती है ना ये बताते हैं हम आपको आगे चलके ठीक है तो मेन यहां पे क्या है कि ये हमारे सेवरल स्टेप को मतलब कंटेन करती है तो लगभग जो है पांच स्टेप यहां पे हमारे बहुत मेन होते हैं स्पर्म माइग्रेशन स्पर्म कैपेसिटेशन ओवुलेशन फ्यूजन और लास्ट में हमारा होता है जाय गट अब सिंपली देखो क्या होता है मैं अब आपको सारी स्टेप ऐसे समझाने वाला हूं कि यहां से फर्टिलाइजर से लेके बच्चा पैदा होने तक की सारी कहानी मैं इजली आपको समझाने वाला हूं तो सबसे पहले होता है स्पर्म माइग्रेशन यानी कि सिंपली यहां पे क्या है कि यहां पे जो सेक्सुअल इंटरकोर्स होगा और उसके द्वारा क्या होगा कि जो बेजाना है ना उसके अंदर हमारे स्पर्म को क्या है डिपॉजिट कर दिया जाता है और ये एजकुलेशन से होगा और स्पर्म जब डिपॉजिट हो जाता है तो वो धीरे-धीरे क्या होगा हमारे फैलोपियन ट्यूब में पहुंच जाता है और फैलोपियन ट्यूब में जाने के बाद जो ओवम होगा उसके जाके क्या है उसको जाके ऐसे अटैच करेगा और इसी प्रोसेस को हम यहां पे फ्यूजन बोल देते हैं थोड़ा सा इसको समझो कि ये मान लो हमारा ओवम था और यहां पे जाके जो स्पर्म है ढेर सारे हमारे आते हैं तो उनमें से कोई एक स्पर्म होगा वो क्या करेगा वो इसको जाके फर्टिलाइज कर देगा इस जो सेल मेंब्रेन है इसके साथ जाके फ्यूज हो जाएगा और अंदर जाके हमारे ओवम वगैरह से मिलके सारा काम करता है तो ये हमारा होता है स्पर्म माइग्रेशन फिर हमारा आता है स्पर्म कैपेसिटेशन इसका मतलब क्या होता है कि जब स्पर्म हमारा यहां से निकलता है ना तो वो अपने आप को तैयार करता है किसके लिए कि वो अपने आप को एक तो मोटाईल करता है मोटाईल मतलब होता है मूवमेंट यानी कि वो अपने आप को क्या है मूवमेंट कर पाए अच्छे से आगे जा पाए तो एक मूवमेंट के लिए करता है सेकंड होता है कैपेबल ऑफ फर्टिलाइजेशन यानी कि अगर उसको एग मिलता है क्योंकि देखो आपने देखा होगा 300 मिलियन स्पर्म है तो भाई रेस कहते हैं ना भाई कितने ज्यादा स्पर्म से रेस लगानी पड़ती है और तब जाके कोई एक स्पर्म जीता है तब जाके एक बच्चा बनता है तो ये सब काम आप लोगों ने सब ने किया है भाई ऐसा नहीं किसी ने नहीं किया सब ये काम करके ही आए हुए हैं तो जो एग है इसको मतलब आप देखो और भी यहां ढेर सारे लेकिन कोई एक ही कर पाता है तो इसीलिए स्पर्म सारे के सारे अपने आप को तैयार करते हैं कि वो फर्टिलाइजेशन अच्छे से कर पाए थर्ड आता है ओवुलेशन तो जब यहां पे स्पर्म यहां पे अंदर पूरा हो चुका होता है और यहां पे स्पर्म आपको तैयार कर चुका होता है तब यहां पे ओवुलेशन होती है यानी कि जो हमारी ओवरीज है वो क्या करती है एग को रिलीज करती है और फैलोपियन ट्यूब के पास पहुंचाती है और फोर्थ हमारा स्टेप होता है मेन स्टेप जिसको हम बोलते हैं फ्यूजन यानी कि अब यहां पे क्या क्या होगा कि जो स्पर्म है ना वो मीट करता है एग को फैलोपियन ट्यूब है और इसके लिए मेनली क्या होता है देखो यहां पे स्पर्म अगर मैं आपको दिखाऊं डायग्राम मैंने आगे बनाया है तो जैसे मान लो ये होता है स्पर्म ठीक है पूरा का पूरा एकदम खतरनाक ही लगता है इसका स्ट्रक्चर तो यहां पे अगर देखोगे तो ये जो आगे का पार्ट है ना ये हमारा होता है एक्रोसोम और जो एक्रोसोम पार्ट है इसके अंदर पाया जाता है एक एंजाइम और उस एंजाइम का नाम यहां पे क्या होता है हाउली यूरेन डेस नाम ऐसा ही है आप देख लेना तो ये जो एंजाइम है ना इसका मेन काम क्या होता है देखो पहले आप समझो कि जो हमारा एग है इसके ऊपर लेयर क्या-क्या होती है तो ये पूरा आए गया और ये हमारी होती है इसकी प्लाज्मा मेंब्रेन इसके ऊपर ये वाली लेयर जो होती है इसको हम बोलते हैं जना पलसंडा और जो इस तरह के आपको ये पूरे दिख रहे होंगे इस पूरी लेयर को हम बोलते हैं कोरोना रेडिएट तो अब यहां पे क्या होता है कि जब स्पर्म आते हैं तो स्पर्म की जो ये एंजाइम है ना ये मेनली क्या करता है ये हेल्प करता है कि जो स्पर्म है वो इस कोरोना रेडिएट और जोना पेल सडा इन दोनों लेयर को पेनिट्रेट करके अंदर द पाए यानी कि इनको पेनिट्रेट करना बहुत जरूरी है और हर एक स्पर्म ऐसा नहीं कर पाता कोई एक या दो स्पर्म कर पाते हैं तो यही मेन होता है तो जब यह स्पर्म क्या करते हैं कि यह इन दोनों को क्या कर देते हैं पेनिट्रेट कर देते हैं किसकी मदद से स्पर्म के सबसे आगे पाया जाता है एक्रोसोम जो हैड होता है स्पर्म का और इस एक्रोसोम के पास एंजाइम होता है हमारा हाइलो यूरिन डेज और वो एंजाइम क्या करेगा वो इस वाले दोनों पार्ट को पेनिट्रेट करके अंदर आएगा और जब ये पेनिट्रेट कर देता है तो देखो यहां पे जो स्पर्म है ना वो इसके साथ फ्यूज हो जाता है किसके साथ जो हमारी सेल मेंब्रेन होती है एक की प्लाज्मा मेंब्रेन उसके साथ फ्यूज हो जाता है और उधर बनाता है फर्टिलाइजेशन कॉन और जब यह फ्यूज हो जाता है देन आगे जाके क्या होता है कि एक सिंगल सेल एक जागोट फॉर्म हो जाता है है और जागोट फॉर्म में मेनली क्या होता है कि जागोट हमारा वो है जिसके पास दोनों के यानी कि बोथ पेरेंट्स के जेनेटिक मटेरियल होते हैं यानी कि जो एग है इसका डीएनए और जो मतलब मेल होते हैं ना उसका डीएनए जो होता है वो इस स्पर्म के आगे हेड में पाया जाता है तो इस हेड के अंदर का स्पर्म डीएनए और जो फीमेलस का आएगा उसके अंदर का डीएनए आपस में मिलके हमारा जागोट फॉर्म करता है तो जागोट एक्चुअल में वो एक सेल है जो मतलब क्या करेगा आगे जाके जनरेट करता है बच्चे को यानी कि जागोट हमारा मेन पहला प्रोसेस है मेन पहला स्टेप है जिसमें हमारा बच्चे का जन्म होना शुरू हो जाता है और इसी जागोट को हम यहां पे जो है डिप्लॉयड सेल बोलते हैं तो आई होप आपको समझ आ रहा होगा कोई डाउट हो तो पूछ लेना भाई कमेंट्स में क्योंकि थोड़ा वैसा टॉपिक है लेकिन मैं ट्राई कर रहा हूं आपको जितना सिंपली और नॉर्मली समझा पाऊं कोई डाउट है पूछ लेना तो यहां पे मेन आप क्या समझे कि पांच स्टेप में हो रहा है पहले नंबर पे क्या हो रहा है स्पर्म जो है हमारे वो यहां से माइग्रेट करेंगे अंदर और अपने आप को तैयार करते कैपेसिटेशन से कि वो फर्टिलाइज कर सके फिर यहां पे ओवुलेशन हो रही है ओवम रिलीज हो रहे हैं और थर्ड स् फोर्थ में क्या है फ्यूजन हो रहा है कि जो स्पर्म है वो इसको यहां पे मतलब टच कर रहा है और उस फ्यूज करने के लिए स्पर्म को क्या-क्या चाहिए स्पर्म का जो मतलब ड होता है उसमें एग्रो जोम नाम का मतलब एंजाइम है वो क्या करेगा एंजाइम क्या करेगा हाइलो वो इसको पेनिट्रेट करेगा कोरोना रेडिएटर जोन इनको पेनिट्रेट करके इस प्लाज्मा मेंब्रेन के साथ फ्यूज हो जाता है और जब फ्यूज हो जाता है तब जाके हमारा जागोट फॉर्म होता है अब कुछ इंपोर्टेंट बातें ये है कि एक के ना यहां पे हमारे कुछ यहां पे देखो यहां पे हमारे पाए जाते हैं यहां पे कॉर्टिकल ग्रेनल तो इनका काम क्या होता है कि जैसे हमारा किसी एक ने कर दिया ना तो बाकी के जो स्पर्म है उनको ये रोकता है कि भाई अब आप नहीं आ सकते क्योंकि कोई एक स्पर्म कोई एक लकी स्पर्म होता है जो क्या करता है जो इसको पेनिट्रेट करता तो बाकी सबको ये खुद ही रोक देते हैं इसके अलावा जो जागोट है वो आगे जाके क्लीव यानी कि टूटना शुरू हो जाते हैं और जो फर्टिलाइजेशन है हमारी वो मेनली डिपेंड करती है स्पर्म की क्वालिटी पे यानी कि कितना क्या है कितना मैचर हुआ है कितना अच्छा आया है जो आप लोग आजकल बहुत कमजोर कर ले रहे हो एक की क्वालिटी पे टाइमिंग कितने मतलब फर्टाइल विंडो के बीच में जो 12 से 24 घंटे उसके बीच में आना चाहिए और हार्मोनल बैलेंस कौन-कौन से हार्मोन कितना काम कर रहे हैं तो इन सब चीजों पे हमारा ये डिपेंड करता है तो फर्टिलाइजेशन मेन यहीं तक थी कि हमारा जागोट फॉर्म होता जा था ये हमारी मेन फर्टिलाइजेशन थी अब फर्ट न के बाद क्या-क्या होता है ये भी मैंने आपको यहां पे बता रखा है जो आगे जाके प्रेगनेंसी में काम आएगा तो सबसे पहले ओवम के जो आपको मैंने बताया था कि फॉलिकुलर हमारे इस तरह बनते है फिर यहां पे ये रिलीज हो जाता है तो पहला स्टेप यहां पे ओवुलेशन हो जाता है उसके बाद फर्टिलाइजेशन ओकर्स हमारी 12 से 24 घंटे के बीच में अगर हो जाती है तो तो अगर हो जाती है देन हमारा यहां पे जागोट बन जाता है देन जो जागोट है ना वो धीरे-धीरे टूटना शुरू करता है तो जागोट के अंदर हमारी होती है माइटोटिक सेल डिवीजन और जागोट हमारा क्या है टूटते टूटते आखिरी में वो मरला में कन्वर्ट हो जाता है और मरला में लगभग वो तीन से चार दिन बाद यानी कि जब फर्टिलाइज हो चुका है जब उसको स्पर्म मिल चुका है उसके लगभग तीन से चार दिन बाद वो मरला तक कन्वर्ट हो जाता है और मरला में कन्वर्ट होने के बाद वो चार से पांच ब दिन बनता है ब्लास्टो साइट और ये ब्लास्टो साइट एक्चुअल में हमारा क्या होता है ब्लास्टो साइट के ऊपर एक लेयर भी होती है ट्रोफोब्लास्ट की वो भी आपने सुना होगा तो जो ब्लास्टो साइट है वो लगभग हमारा छठे या छह से सातवें दिन हमारा यहां पे इंप्लांट हो जाता है कहां पे यहां पे इंप्लांट हो जाता है तो फर्टिलाइजेशन के बाद भी लगभग पांच से छ दिन पूरा छ दिन नहीं है अब मान लो कि लगभग पाच से छ दिन का टाइम लग जाता है कि जो पूरा जागोट बना है वो यहां पे आके क्या है अटैच हो छ पाए और जहां पे जो अटैच होता है उसको हम क्या बोलते हैं ब्लास्टो साइट बोलते हैं बाद में ये ब्लास्टो साइट हमारा क्या होता है धीरे-धीरे जहां डेवलप हो जाता है तो एंब्रियो में चला जाता है और एंब्रियो जैसे ही डेवलप होता है वो एमब्रोस से होते है यानी कि अब एंब्रियो का डेवलपमेंट होगा और कुछ महीनों के बाद क्या होता है ऐसे अगले महीने करीब वो हमारा फिटस में कन्वर्ट हो जाता है और फिटस क्या होता है देखो एंब्रियो हमारी स्टार्टिंग कंडीशन है जब हमारा ये जागोट सेल लगा था वो एंब्रियो में कन्वर्ट हुआ लेकिन एंब्रियो क्या होता है कुछ टाइम बाद वो फिटस में कन्वर्ट हो जाता है फिटस हमारा बच्चे का रूप है यानी कि अब वो थोड़ा सा शेप ले चुका है और उसके अंदर धीरे-धीरे हमारे ऑर्गन्स का बन शुरू हो जाता है तो ये हमारा होता है यहां पे फिटस और इसी के बाद जैसे ही फिटस बन जाता है समझ लो एक नया इंडिविजुअल आने वाला है तो ये पूरी कंप्लीट प्रोसेस हमारी चल रही होती है पूरी फर्टिलाइजेशन के बाद में तो अब हम इसको और डिटेल्स में समझते हैं प्रेगनेंसी के अंदर तो प्रेगनेंसी एक्चुअल में हमारी वो प्रोसेस है जिसमें क्या हो रहा है कि जो फिटस है वो अपने आप को ग्रो करता है फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम के अंदर अब इसमें मेनली क्या होता है कि ये शुरुआत पहली बात कहां से हो रही है प्रेगनेंसी को हम कहां से मानेंगे तो प्रेगनेंसी मेनली कब मानी जाएगी जैसे हमारे जो ब्लास्टो साइट है ना वो जब यहां जाके अटैच हो जाता है तो जैसे इंप्लांट हो जाता है है इंप्लांट होने के बाद यहां पे हमारी एक तरह से बोल सकती है कि अब जो है प्रेगनेंसी हो चुकी है जब तक इंप्लांट नहीं होगा तब तक प्रेग्नेंसी नहीं मानी जाती है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जैसे ही मतलब इंप्लांट हो जाता है ना ब्लास्टो साइट वो जैसे ही हमारा एंब्रियो में कन्वर्ट होता है हमारा एक यहां पे हार्मोन रिलीज होता है जिसका नाम होता है ह्यूमन कोरोनियो गोडन ट्रेपन यार एक तो नाम ऐसे होते हैं यहां पे तो जो हमारा एससीजी हार्मोन है ना ये जैसे ही रिलीज होता है ना ये हमारा ब्लड में और यूरिन में रिलीज हो जाता है और इसी वजह से क्या होता है कि जो फीमेल्स होती है ना वो मेनली क्या करेंगे जो किट वगैरह होता है उसपे यूरिन की एक से दो ड्रॉप डालती हैं और अगर वहां पे जो सिंगल लाइन आती है तो नॉर्मल कंट्रोल वाली सिंगल और इधर प्रेग्नेंसी वाली भी लाइन आ जाती है तो समझ लोग प्रेग्नेंट है और वो लाइन तभी आएगी क्योंकि वो लाइन हमारी सेंसिटिव होती है इस वाले हार्मोन यानी कि एचजीसी के लिए तो अगर ये एचजीसी हार्मोन है तभी हमारी प्रेग्नेंट करेगी और ये हार्मोन तो हमारा लगता कब है जब हमारा जो एंब्रियो है ज ब्लफ साइड है वो हमारा यहां पे अटैच हो जाता है और इसको चेक करने के लिए कोई वो नहीं है आपको नॉर्मल किट किसी भी मेडिकल स्टोर पे मिल जाएगी प्रेगना न्यू या किसी की भी आप उस किट को लो उसपे दो से तीन ड्रॉप यूरिन की डालो और उसके बाद चेक करो थोड़ी देर वेट करो अगर वो लाइन आ जाती है एससी से रिलेटेड वाली तो समझ लो प्रेगनेंट है अगर नहीं आती है तो प्रेग्नेंट नहीं है तो ऐसा हो सकता है तो ये पूरा हमारा प्रेगनेंसी का आप सिस्टम समझ गए होंगे कैसे चेक करते हैं कैसे पता चलता है इसके अलावा जो प्रेगनेंसी है ना वो टोटली हमारी 40 हफ्तों में डिवाइड होती है और इन 40 सप्तो को हम जो है टोटली नौ मंथ में कन्वर्ट कर द यानी कि 40 हफ्ते हमारे अप्रॉक्स जो है 9 महीने में हो जाते हैं और ये हमारा कब से काउंट होते हैं पता है 40 हते पहला दिन जब मतलब मेंसुरेशन हो रही होती है यानी कि जब ब्लीडिंग हो रही होती है उस पहले दिन से हम इसको काउंट करते हैं अगर हम ये पहले दिन इन दो हफ्तों को हटा दें ना जो हमारे मतलब 28 दिन लगभग जो पहला महीना चलता है तो हम इसको लगभग जो है 38 वीक बोल सकते हैं यहां पे क्योंकि 14 दिन के बाद ही होता है सारा तो हम इसको जो है फर्स्ट डे से काउंट करते हैं बाकी अब जो प्रेगनेंसी है उसको देखो इसके ना क्वेश्चन आता है वेरियस फेसेस ऑफ़ प्रेगनेंसी तो डिफरेंट डिफरेंट आते हैं तो मैंने यहां पे क्या कि इसको तीन ट्राइमेकर में कन्वर्ट करते है जिससे आपको ये अच्छे से समझ आए तो हमारा फर्स्ट ट्राइमेकर होता है जो लगभग एक से 12 हफ्ते तक चलता है और सेकंड हमारा होता है जो 13 से 26 हफ्तों तक चलता है और थर्ड ट्राइमर होता है जो 27 से 40 हफ्तो तक चलता है और आखिरी में हमारी होती है पचरा इजेशन या इसको हम बोल सकते हैं चाइल्ड बर्ड यानी कि बच्चे का जन्म होता है तो इसमें कुछ भी नहीं करना सिंपल सी बात है कि जो हमारा पहला हफ्ता होता है यानी कि एक से लेके जो हमारे 12 वीक है ये हमारा मतलब फर्स्ट ट्राइमेकर डिली मतलब पूरा इसमें डिवाइड होता है अब जो पहला जो हमारा पहला और दूसरा हफ्ता होता है ना 14 दिन जो मैंने आपको स्टार्टिंग में बताए थे वो मेली चले जाते हैं मेंसुरेशन एंड ओवुलेशन में यानी कि 14वें दिन जाके ओवुलेशन होती है तो 14 दिन 7 2 14 दो हफ्ते तो निकल ही गए तो 14वें दिन जाके हमारी ओवुलेशन होती है उसके बाद अगर वहां पे फर्टिलाइजेशन हो जाती है देन आगे जाके जो है प्रेगनेंसी होती है तो फर्टिलाइजेशन और इंप्लांटेशन होती है जागोट की और ये सब पूरा प्रोसेस हमारा आगे जाके कितने में होता है तीन से आठ हफ्ते के बीच में होता है यानी कि फिर क्या होगा जो हमारा ब्लास्टो साइट या जो ट्रोपो प्लास्ट है वो हमारे प् मतलब यहां पे कनेक्ट हो जाते हैं एंब्रियो के साथ कैसे होते हैं चलो मैं आपको अच्छे से बताता हूं तो जैसे मान लो ये हमारा था अब यहां पे ये अगर मैं सेल मान लो कि ये हमारा मान लो जागोट यहां पे कनेक्ट हो गया ठीक है अब जागोट क्या करता है ना जागोट इसका कनेक्ट होता है तो धीरे-धीरे इस तरह के फिंगर लाइक स्ट्रक्चर हमारे बनते रहते हैं और बनते बनते फाइनली क्या होती है हमारी एक प्लेसेंटा की बैरियर या मेंब्रेन एक तरह से हमारी यहां बन जाती है अब इस प्लेसेंटा का काम क्या होता है कि जो भी लेडीज खाएगी पिएगोन के थ्रू बच्चों में मिलेगा तो इसीलिए बोलते हैं कि प्रेगनेंसी के टाइम प बहुत ही ध्यान से और सोच समझ के खाना चाहिए तो यही यहां पे बताया कि स्टार्टिंग के जो हमारे एक से 12 हफ्ते तक ले लो अगर आप इसको काउंट करोगे तो लगभग ये हमारा दो से तीन महीने का टाइम होता है तो उसमें जो हमारा पहला यानी कि पहला और दूसरा जो हफ्ता होते हैं ना पहले जो फर्स्ट और सेकंड वक है उसमें मेनली हमारे मेंसुरेशन ओवुलेशन उसके बाद फर्टिलाइजेशन प्रोसेस होगी यहां पे पूरा होगा और उसके बाद वो यहां पे इंप्ला इंप्लांट होगा इंप्लांट होके जो हमारी प्लेसेंटा बैरियर बनेगी और उसके बाद जो फीडिंग है वो यहां पे हमारी चलती रहेगी तो ये सारा फंडा हमारा लगभग स्टार्टिंग के एक से दो हफ्ते में हो जाता है और जब ये हो जाता है देन उसके बाद यहां पे हमारा ये जैसे ही डेवलप हो गया ये हमारा बन जाता है एंब्रियो अब जो एंब्रियो है ना उसमें हमारी होती है एंब्रियो जेनेसिस तो इसमें लगभग हमारे तीन से आठ हफ्ते लग जाते हैं यानी कि अब जो हमारा एंब्रियो था है जिसको धीरे-धीरे फीडिंग मिलती रहेगी और सबसे पहले जो हमारा पहला सात में से आठ में हफ्ता मान लो यानी कि पहला महीना या दूसरा महीना हमारा होने वाला होता है तब हमारा बच्चे का सबसे पहले डेवलप होता है हार्ट यानी कि अब जो है एक हर्ट बन चुका होगा इसीलिए बोलते हैं कि अगर प्रेगनेंसी को डेढ़ महीने करीब हो चुका है तो अब आप जो मतलब कुछ लोग जो है मिस करेज कराते हैं कुछ लोग उसको गिराते हैं बच्चे को तो वो काम फिर नहीं कर सकते क्योंकि हर्ट बन चुका होता है बच्चा आ चुका होता है तो ऐसा फिर कुछ भी काम नहीं करना है कभी भी तो यहां पे तीन से आठ हफ्ते तक लगभग हमारे एंब्रियो जेनेसिस हो धीरे-धीरे एंब्रियो हमारा बड़ा होता है और उसके बाद वो फिटस में एक तरह से कन्वर्ट हो जाता है और उसके बाद न से 12 हफ्ते तक जो है उस फिटस क्योंकि अब वो ऑर्गन बन चुका है उसका हार्ट बन गया हार्ट बनते ही वो हमारा एक तरह से फिटस कहलाएगा क्योंकि अब उसमें ऑर्गन आने लग गए हैं और जैसे ही फिटस कहलाता है वो फिटस के बाद में और ऑर्गन डेवलप होते हैं जैसे उसके हाथ पैर बनेंगे लिंग्स बनेंगे उंगलियां बनेंगी और 9 से 12 हफ्ते तक लगभग वो है बनना शुरू हो जाता है उसके बाद फिर हमारा आता है सेकंड ट्राइमेकर और इसको हमने डेवलप किया लगभग 13 से 26 हफ्तों के बीच में और ये मेनली हमारा इवॉल्व करता है फिटस के डेवलपमेंट में यानी कि यहां तक हमारा इनिशियल डेवलपमेंट था हमारा वो मतलब अटैच हो गया हमारे प्लेसेंटा वाली बैरियर जहां पे बन जाती है पूरी पूरी मतलब हमारी जिससे हमारा खाना पीना बच्चों को मिलता रहता है फिर लगभग हमारा सातवें हफ्ते में उसका हर्ट बनना शुरू हो हो जाता है उसके बाद हमारे ऑर्गन्स बनना शुरू हो जाते हैं तो यहां तक हमारा पूरा फिटस बन चुका है सॉरी आवाज थोड़ी बैठ चुकी है बोलते बोलते अब जो हमारा सेकंड ट्राइमेकर है इसमें जो हमारा फिटस बन गया था उसकी डेवलपमेंट पे ध्यान दिया जाता है तो मैंने इन सबको डिवाइड कर दिया आपको जरूरी नहीं है इतना सारा लिखना तो 13 से 14 हफ्ते में बीच में हमारा नर्व और ऑर्गन डेवलपमेंट होते हैं फिर हमारे यहां पे 15 से 16 हफ्ते में आई मतलब आई यर नोज माउथ यानी कि हमारे आंख ना मुह ये सब बनना शुरू हो जाते हैं और 17 से 18 हफ्ते में जो मसल्स और बोनस होते हैं ये हमारी डेवलप होना शुरू हो जाती है उसके बाद 1920 हफ्ते में स्किन डेवलपमेंट शुरू हो जाता है और 21 से 22 में जो ब्रेन और नर्वस सिस्टम है यानी कि सोचने समझने की क्षमता भी बच्चे में थोड़ी-थोड़ी आने लगती है और लास्ट में हमारा 23 से 24 हफ्ते में लंग्स डेवलपमेंट होता है सांस लेना शुरू करता है मतलब सांस तो हो रही होती है नॉर्मल ब्रीथिंग हमारी वो शुरू हो जाती है वैसे तो मांस से ही जो चलता है सारा कुछ मां से ही चलता है और जो हमारा आखिरी में और फीटल ग्रोथ होता है और जो हमारा 25 से 26 वां हफ्ता होता है वहां पे हमारे बच्चे के रिफ्लेक्स शुरू होते हैं यानी कि बच्चा भी जवाब देना शुरू करता है और लगभग जो है 25 से 26 हफ्ते के बाद बच्चा जो है किक मारना शुरू करता है यानी कि जो पहला किक शुरू होता है ना वो हमारा लगभग 25 से हफ्ते 26 हफ्ते में शुरू होता है और ये ना थोड़ा सा वेरी करता है ऐसा नहीं देखो अब ये लगभग काउंट करोगे तो आपके छ महीने हो गए तो कोई-कोई बच्चे जो है 6 महीने के बाद ये किक मार रहे ये सब शुरू करते हैं कुछ बच्चे जो है 5 महीने के बाद ही रिफ्लेक्स करना शुरू कर देते हैं तो ये बच्चे जो बच्चे वेरी भी करता है तो ऐसा जरूरी नहीं है जो लिखा है वो सही है देखो थोड़ा सा वेरी करता रहता है ये एक जनरल टर्म है जो हर बच्चे के लिए लागू होती है ठीक है तो यहां पे लगभग बच्चा जो है 25 26 हफ्ते में यानी कि लगभग मान लो छठे महीने में जो है बच्चा किक वगैरह मारना और ये सब चीजें शुरू कर देता है तो जो इतना डेवलपमेंट है वो लगभग छ महीने तक बच्चे का हो जाता है अब जो छठे महीने के बाद हमारा आता है थर्ड ट्राइमेकर और इसमें मेनली क्या होता है कि अब बच्चा जो है अपने आप को कंप्लीट मैच्योर कर रहा होता है और बाहर निकलने के लिए यानी कि उसके बर्थ के लिए तैयारी शुरू हो जाती है तो लगभग 27 से 32 हफ्ते तक जो है बच्चा मैच्योर होता है यानी कि ये सब चीजें जो डेवलप हुई है वो और मजबूत होती हैं ग्रो होती हैं धीरे-धीरे उसकी हड्डियां और थोड़ा बनना शुरू होती है यानी कि ये चल रहा होता है तो ये कंटीन्यूअस चलता रहता है और उसके बाद लगभग 33 से 6 7 के बीच क्या होता है जो फाइनल फीटल का वो डेवलपमेंट हो जाता है और वो अच्छे से ग्रो कर लेता है और जो आखिरी हफ्ते को जाता 27 से 37 से 40 यानी कि आपने देखा होगा कि जो नाइवा मंथ होता है ना नौवा उसमें कभी भी ऐसा नहीं है कि बिल्कुल लास्ट में ही होगा हो सकता है नवव महीने की शुरुआत में ही बच्चा आ जाए हो सकता है बाद में आए तो ऐसा पूरा चलता रहता है तो यहां पे नौवें महीने में जो है बच्चे की लेबर और डिलीवरी के लिए तैयारी शुरू हो जाती है यानी कि बच्चा कभी भी डिलीवर कर सकता है तो ये हमारा होता है थर्ड ट्राइमेकर यानी कि सिंपली आपने देखा कि हमने पूरे प्रेगनेंसी को तीन फेज में कन्वर्ट कर दिया पहले में वो पहले आके बच्चे का मतलब पूरा मेंसुरेशन होने के बाद फर्टिलाइजेशन होता है बच्चे का जायगा मिलता है ब्लास्ट साइज आके फिर यहां पे अटैच हो जाता है फिर यहां पे प्लेसेंटा बन के सारा बैरियर सब कनेक्ट होता है उसके बाद सातव आठवें हफ्ते में दिल बनता है धीरे-धीरे वो फीट्स में कन्वर्ट होते है उसके ऑर्गन वगैरह बनते हैं उसके बाद उसके बॉडी में ढेर सारे डेवलपमेंट शुरू हो जाते हैं और थर्ड ट्राइमेकर में वो सिर्फ और सिर्फ जो है बर्थ के लिए यानी कि उसके डिलीवरी के लिए सारी की सारी तैयारियां होती हैं और यहां पे कई बार आपने सुना होगा कोई बच्चा सातवें में आ जाता है कोई तो सातवें महीने में आके भी बच्चे जो है क्योंकि उनका जो है ऑर्गन सारा कुछ डेवलप हो चुका होता है यहां पे बस वो अपने आप को मैच्योर कर रहे होते हैं यानी कि और मैच्योर होते हैं बड़े होते हैं तो इसीलिए जो सात महीने के बाद जो है बच्चे वगैरह जन्म कर जाते हैं और वो सरवाइव भी कर जाते हैं तो क्या आपके आस पड़ोस में कोई ऐसी न्यूज़ हुई है कि 7 महीने का बच्चा आया और वो सरवाइव भी किया अच्छा हुआ तो भाई एक आद आप शेयर कर सकते हो ऐसे ठीक है तो जब बच्चे का पूरा तैयार हो जाता है तो पूरा हो जाता है उसके बाद हमारी प्रोसेस चलती है परचुरे अब जो परचुरे है ना ये हमारी एक्चुअल में होती है चाइल्ड वर्थ तो अब यहां पे क्या होता है कि जैसे ही 9 महीने पूरे हो जाते हैं बच्चे के कोई कोई 8 महीने के बाद कोई ढ़ महीने के बाद तो जैसे ही ये टाइम पूरा हो जाता है बच्चे का उसके बाद क्या होता है वो सिग्नल जाएगा हमारे किसके बाद ब्रेन के बाद वहां पे और उसके बाद तुरंत हमारे जो है यूट्रस है वहां पे कांट क्शन होना शुरू हो जाती है यानी कि ये था हमारा तो ये हमारा अभी तक रिलैक्स हो रहा था इसके अंदर जो पूरा बच्चा बढ़ जाता है और ये अच्छा खासा जो है साइज में हो जाता है और इसके अंदर पूरा जो है बच्चा अच्छे से डेवलप हो जाता है ठीक है अब क्या होता है जैसे ही टाइम पूरा होता है ये यूट्रस हमारी क्या है कांट्रैक्ट होना शुरू होती है वापस और जब कांट्रैक्ट होगी तो बसली बात है बच्चे का क्या है नीचे प्रेशर आएगा तो बच्चा यहां से बाहर निकलने के लिए एकदम प्रेशर फील होता है तो यही एकदम जब फीमेल्स होती है ना बताती हैं कि भाई एकदम लग रहा है तो उन्हें यही एकदम फील होता है और इसी को हम यहां पे क्या बोलते हैं लेबर पेन यानी कि एक तरह से हमारे ये साइन हो जाता है तो सिंपल देखा जाए पर्च एक प्रोसेस है जिसमें चाइल्ड बर्थ होता है और इसमें मेनली क्या होता है ऑनसेट ऑफ लेबर यानी कि लेबर का ऑनसेट एकदम शुरू हो जाता है अब ये लेबर एक्चुअल में होता क्या है और क्या होता है तो लेबर एक तरह से आप बोल सकते हैं एक प्रोसेस है या एक तरह से साइन है जो मतलब फीमेल्स को दिया जाता है कि अब जो है आपके बच्चे का जन्म होने वाला है तो आप लोग जो है सही से या तो हॉस्पिटल पहुंच जाओ अच्छे से या फिर जो दाई वगैरह होती है वो करें तो मतलब तैयार हो जाए अच्छे से तो उनके साइन क्या होते हैं तो सबसे पहले होती है कंट्रक्शन यानी कि एकदम उन्हें क्रैंपिंग फील होगई और टाइटनिंग ऐसा लगेगा यूटरस को कोई दबा रहा है और बहुत ही जोर से ऐसा लगेगा यानी कि ये पूरा एकदम ऐसे दबता है कांट्रैक्ट होता है और इसीलिए उनको मतलब पता लगता है कि अब कुछ होने वाला है बच्चा आने वाला है उसके अलावा सेकंड साइन होता है ब्लडी शो इसका मतलब क्या है कि म्यूकस पली ली थोड़ा-थोड़ा ब्लड वगैरह आना शुरू हो जाएगा और जो मेंब्रेन होती है वो रपच हो जाती है जिस वजह से पानी आपने कई बार मूवीज में देखा होगा कि एकदम पानी की कहते हैं ना भाई पानी की थैली फट गई है एकदम जो हमारा यहां पे जो पूरा म्यूकस ये सब होता है ना ये पूरा फट जाता है और पूरा जो पाटर है वो नीचे आने लगता है और इसके बाद बच्चे के आने के लिए मतलब रास्ता पूरा साफ हो जाता है उसके अलावा बैक पेन होता है और नोजिया और वोमिटिंग ये तो भाई कॉमन ही है भाई आपने मू में तो बस उल्टियां करते हैं और समझ लो हो गया काम तो ये वोमिटिंग और नोजिया तो बहुत बड़े साइन होते ही है हमारे तो ये कुछ साइन है अगर ये ऐसे कुछ साइन लास्ट में आते हैं तो समझ लो कि बच्चे का जन्म होने वाला है और इसी को हम बोलते हैं लेबर और इन्हीं को जब ये मतलब होने वाला होता है तो उस टाइम जो पेन होता है उसको हम लेबर पेन बोलते हैं कि भाई ले लेबर पेन हो रहा है यानी कि ये साइन है कि बच्चा आने वाला है और इस पूरी प्रोसेस को हम पर्च रेशन बोलते हैं ठीक है बाकी ये मेनली कब होगा तो ये हमारे अगर नॉर्मल वजाइनल डिलीवरी होती है ना तब पता है क्या होता है जो साइन है वो हमारे जैसे सीएनएस के पास जाएगा ब्रेन ब्रेन हमारा क्या करता है ब्रेन यहां पे मतलब इंड्यूस देता है फीटल इजेक्शन रिफ्लेक्स को इसका मतलब क्या होता है कि ये हमारी वो ताकत है जिसमें क्या होगा कि जो वैजाइना है वो अपने आप को कांट्रैक्ट कर सकती है और इतना कांट्रैक्ट कर सकते है कि जो चाइल्ड है ना वो बाहर आने के लिए तैयार होता है और इस काम को करने के लिए हेल्प करता है हमारा हार्मोन ऑक्सीटोसिन तो ऑक्सीटोसिन का काम क्या होता है कि वो एक तो इधर इसको कांटेक्ट करेगा और यहां से जो बेजाना है इसको रिलैक्स करके जो है फिटस को जो हमारा चाइल्ड बेबी बन चुका है उसको बाहर निकालने में हेल्प करता है बाकी ऑक्सीटोसिन हमारा आगे जाके लैक्टस में भी हेल्प करता है जो मतलब चाइल्ड की ब्रेस्ट फीडिंग वगैरह करते हैं उसमें भी बा बाकी इसमें हमारे सी सेक्शन और इंस्ट्रूमेंटल डिलीवरी दो तरह के और भी ऑप्शन होते हैं अगर मान लो अब नॉर्मल केस है यानी कि फीमेल इसको पुश नहीं कर पा रही इजली बाहर नहीं निकाल पा रही है उस केस में जो है इसका यूज किया जाता है तो जब बच्चे का जन्म हो जाता है तो उसके बाद के पीरियड को हम यहां पे पोस्टपार्टम या फिर पोस्ट नेटल पीरियड बोलते हैं और ये लगभग छ हफ्ते तक चलता है इसमें क्या होता है कि एक तो फीमेल की जो बॉडी है फिजिकली रिकवर करती है इमोशनल चेंजेज आते हैं बेबी के साथ जो बॉन्डिंग बनती है उसके प्यार वगैरह सारा कुछ होता है और लेक्टेशन और ब्रेस्ट फीडिंग होती है और ये प्रोसेस हमारी आगे छ हफ्ते के बाद भी चलती रहती है ऐसा नहीं है नहीं चल रही है आगे भाई बच्चे को दूध आपने देखा होगा कोई कोई छ महीने 1 साल डेढ़ डेढ़ साल तक जो है पिलाते रहते हैं तो ये थी हमारी पूरी प्रोसेस यहां पे प्रेगनेंसी की और इसके बाद हमारी पाश्चराइजेशन की ये हमारा चाइल्ड बर्थ था तो आई होप आपको अच्छे से सब समझ आ गया होगा जैसे ही साइन हमारा उधर जाएगा ऑक्सीटोसिन आएगा और वो रिलीज करके हेल्प करेगा इसको बाहर निकालने के लिए तो ये पूरा फंड आपको समझ आ गया होगा कोई भी डाउट्स आप कमेंट करके पूछो बाकी ट्राई करो कि एक बार फिर से वीडियो देख लो अगर समझ ना आया हो तो तो आज की वीडियो का हमारा लास्ट टॉपिक आता है गेमेटोजेनेसिस और इसके अंदर हमारे दो टॉपिक आते हैं एक आता है स्पर्मेटोजेनेसिस और एक आता है हमारा ऊ जेनेसिस स्पर्मेटोजेनेसिस और ऊ जेनेसिस स्पर्मेटोजेनेसिस हमारा मेल्स के लिए होता है जिसमें स्पर्म का फॉर्मेशन कैसे होता है वो होती है ऊ जेनेसिस हमारा फीमेल्स के लिए होता है जिसमें ओवम का फॉर्मेशन कैसे होता है ये होता है बाकी ये जो ओवम और स्पर्म है ना ये एक्चुअल में मैच्योर कैसे हो र है ना उसके बारे में आपको यहां पे पढ़ना पड़ेगा तो सबसे पहले हम बात करते हैं स्पर्मेटोजेनेसिस के बारे में जो हमारा एग्जाम के पॉइंट ऑफ व्यू से भी काफी ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है तो देखो स्पर्मेटोजेनेसिस वैसे तो हमारी प्रोसेस है किसकी फॉर्मेशन ऑफ स्पर्म की लेकिन ये मेनली क्या इवॉल्व करता है कि हमारे पास ऑलरेडी इमेच्योर सेल होते हैं कौन से होते हैं इमेच्योर सेल होते हैं जो स्पर्म नहीं होते हैं तो ये स्पर्म मैटो जनस प्रोसेस क्या करती है कि उस इमेच्योर सेल्स को मैच्योर स्पर्म सेल में कन्वर्ट कर देती है और स्पर्म सेल कहां बनते हैं तो ये मैंने आपको स्टार्टिंग में बताया कि जो हमारे टेस्टिस होते हैं उसके अंदर हमारे 250 से 300 लवल्स पाए जाते हैं और एक लवल्स के अंदर लगभग हमारे एक से चार सेम फेरस ट्यूबल्स पाए जाते हैं और ये सेमन फेरस जो ट्यूबल्स है इनकी लाइनिंग पे हमारे दो तरह के सेल होते हैं एक हमारे होते हैं जम सेल्स मेनली और उनको हम क्या बोलते हैं स्पर्मेटोगोनिया बोलते हैं जो मेनली क्या करते हैं स्पर्म को जनरेट करते हैं और दूसरे हमारे जो सरटोली सेल्स है वो जम सेल्स को न्यूट्रलाइज करते हैं बाकी अब एक काम की बात जानो कि जो स्पर्म है ना इनको बनने में अप्रॉक्स 70 से 80 दिन लगते हैं यानी कि कंप्लीट मैच्योर स्पर्म बनने में अब बोलोगे सर आप अभी कह रहे थे कि डेली यानी कि अगर मैं आपको बताऊं तो मान लो कि एक एडल्ट जो हेल्दी है ना वो डेली लगभग 400 मिलियन स्पर्म बनाता है लेकिन फिर भी हमारे एक स्पर्म बनने में मतलब एक जो पूरा वो चल रही है साइकिल एक पूरी प्रोसेस उसमें लगभग हमारे 70 से 80 कैसे लग जाते हैं दिन तो पहली बात क्या है कि जो 70 से 80 दिन लग रहे हैं उसके वो हमारी कंप्लीट प्रोसेस में लग रहे हैं तो ऐसा नहीं है कि उसके अंदर हमारे नॉर्मल स्पर्म बनते हैं उसमें हमारे ढेर सारे स्पर्म बनते हैं तो इसमें हमारे लगातार बनते रहते हैं बनते रहते हैं अब क्या होता है कि जो ल में पहले से यानी कि आज से 70 दिन पहले जो प्रोसेस शुरू होएगी वो अब जाके कंप्लीट होगी फिर आज से मतलब 70 दिन पहले तो इस तरह हमारी प्रोसेस चलती रहती है चलती रहती है चलती रहती है और हमारे डेली ही जो है स्पर्म बनते रहते हैं तो इसलिए लगभग हमारे जो है डेली मान लो कि 400 मिलियन स्पर्म जो है डेली बनते हैं अब मैंने आपको स्टार्टिंग में बताया था कि जब आप एक बार इजैकुलेट करते हो ये सबका अलग-अलग हो सकता है तो अप्रॉक्स मान लो कि आपके लगभग 300 मिलियन स्पर्म जो है एक बार में निकल सकते हैं जब आप मतलब सेक्स के दरा निकालते हो तो अगर आप जो दिन में मतलब लगातार मास्टरबट ज्यादा टाइम करते हो तो उस टाइम के लिए क्या होगा आपका जो स्पर्म है ना वो काउंट जितने आपके नॉर्मल बन रहे हैं वो प्रोडक्शन से क्या हो जाता है आपका डिक्रीज लेवल ज्यादा हो जाएगा तो ऐसा नहीं है कि खत्म हो जाएंगे आप जितनी बार कर आता रहेगा स्पर्म आता रहेगा लेकिन एक्चुअल में प्रॉब्लम क्या होती है मैंने स्टार्टिंग में आपको क्या बताया था एक बात मैं फिर से आपको यहां पे दिखा देता हूं तो जैसे आपको यहां पे अगर देखोगे हां गया ये हमारा टेस्टिस था तो टेस्टस के अंदर जो एपिड डमस है ना ये हमारी 20 फीट लंबी होती है और इसमें क्या होता है स्पर्म मैच्योर होता है मेनली तो अब यहां पे क्या होता है कि जब आप क्या करते हो बार-बार मास्टबेशन करते हो बार-बार करते हो लगातार करते हो उस टाइम मेली क्या होता है कि जो स्पर्म है ना उसको यहां पे मैच्योर होने के लिए टाइम नहीं लगता और जब मैच्योर होने के लिए टाइम नहीं लगता वो जल्दी-जल्दी बन तो रहा है भाई बनता रहेगा बहुत ही मिलियंस में बन रहा है आपके बहुत बन रहा है भाई हर सेकंड में 1500 करीब बन रहे हैं स्पर्म तो बनते रहते हैं लेकिन क्या होता है कि ऐसे निकलते जब ज्यादा रहेंगे तो उसको मैच्योर होने का टाइम नहीं लगता और इस इसलिए होता है कि जब एक्सेस मास्टर प कोई ज्यादा कर लेता है तो नुकसान क्या है आगे चलके हो सकता है कि वो इनफर्ट इल हो जाए यानी कि बांध हो जाए एक तरह से बांध मतलब लड़कियों के लिए होता है मेन क्या हो जाएगा कि वो उसमें ये ताकत नहीं रहेगी उसके स्पर्म में कि वो जाके एग को न्यूट्रल मतलब एग को फर्टिलाइज कर पाए और कभी बाप बन पाए तो इसीलिए इसको जितना अवॉइड कर सकते हो उतना अवॉइड करो भाई कर सकते नॉर्मली देखो नॉर्मली चलता है हफ्ते में एक बार महीने में एक बार ऐसे करके लेकिन डेली कोई कोई डेली दिन में दो बार तीन बार तो ये सब काम आपको नहीं करने हैं ये बहुत ही गलत होते हैं और अत्यधिक मात्रा में करने से इनफर्टिलिटी रेट ल डिस्फंक्शन और बहुत ही ज्यादा मतलब वेरियस प्रॉब्लम हो सकती है और आगे जाके आपके बच्चों का फ्यूचर आप पे लगा तो भाई इस वजह से तो छोड़ दो कभी भी ज्यादा मन करे इतना सोचो कि आपके बच्चों का फ्यूचर आप पे लगा है तो उनको भाई ना करो ठीक है ऐसा तो नहीं आगे जाके शादी नहीं करोगे इसके चक्कर में ये थोड़ी देर का मजा है लेकिन आगे आपको बहुत भारी नुकसान हो सकता है तो ऐसा आपको नहीं करना चाहिए तो लगभग जो है 70 से 80 दिन लग सकते हैं बाकी ये थोड़ा बहुत वैरी भी करता है कहीं 64 लिखा मिलेगा कहीं 74 लिखा मिलेगा तो ये थोड़ा बहुत वेरी करता रहता है बाकी स्टेजेस के बारे में बात करें तो मेनली ये भी हमारा चार से पांच स्टेज में होता है तो इसको मैं क्या करता हूं ना डायरेक्टली आपको डायग्राम से समझाता हूं ठीक है सबसे पहले हमारा होता है सेमिनिफरस ट्यूबल्स और जिसके अंदर हमारे सेल्स होते हैं उनको हम सबसे पहले स्टेम सेल्स होते हैं अब ये क्या होते हैं तो जैसे हमारे जो इमेच्योर सेल होते हैं ना उन्हीं को हम क्या बोलते ते हैं स्टेम सेल बोल देते हैं और ये मिल्ली हमारे डेवलप हो जाते हैं और ये हमारे पक्के नहीं है ऐसा नहीं है कि जो स्पर्म सेल जो हमारे ये स्टेम सेल्स होते हैं वो हमारे स्पर्म नहीं होते जो स्टेम सेल्स है ना ये एक्चुअल में मान लो कि रॉ मटेरियल है यानी कि स्टार्टिंग पॉइंट है जहां से हमारे स्पर्म बनना शुरू हो जाते हैं तो स्टार्टिंग में हमारे पास होता है एक डिप्लॉयड डिप्लॉयड मतलब मान लो जिसके पास दो तरह के मतलब सेल्स होते हैं और इसमें 46 क्रोमोजोम होंगे और ये हमारे स्टेम सेल्स होते हैं अब बस इसको याद याद कर लो ये स्टार्टिंग पॉइंट है इसके आगे मैं आपको सब समझाता हूं तो यहां पे मान लो कि ये हमारे स्टेम सेल्स होते हैं मेनली और ये हमारे मेनली स्पर्म में जब कन्वर्ट होते हैं इसी को हम स्पर्म ट गोनिया बोलते हैं तो पहला प्रोसेस हमारा क्या है कि जो स्टेम सेल्स होते हैं हमारे डिप्लॉयड वाले वो हमारे होते हैं रॉ मटेरियल की तरह काम करेंगे उसके बाद जो स्पर्म गोनिया होताना है ये हमारा माइटोसिस में जाता है और जब मीटो सिस होती है तो ये हमारे दो स्पर्मेटोसाइट्स बनाते हैं यानी कि यहां पे देख लो कि मान लो ये स्टेम सेल हमारा और ये हमारा 2n क्यों लिखा है क्योंकि इसमें हमारे डिप्लॉयड है दो हमारे क्रोमोसोम प्रेजेंट है और 46 क्रोमोसोम है ये हमारा देन फर्दन मीटो सिस में जाएगा मीटो सिस 2n 2n में इसको डिवाइड कर देगा अब जो ये एक सेल बचा ना इधर वाला ये हमारा अगेन यूज हो जाएगा दूसरे प्रोसेस के लिए दूसरे साइकिल के लिए अब जो ये वाला है ये हमारा फर्द ग्रो करेगा और ग्रो ग्रो करते करते ये हमारा मीटो सिस से चला जाता है मयोसिस में और जब ये मयोसिस में जाता है ना तो इसके बाद जो प्राइमरी स्पर्मेटोसाइट है ये हमारा डिवाइड हो जाता है दो में यानी कि अब जो हमारा ये डिप्लॉयड था ये हमारा हैप्लॉयड हैप्लॉयड यानी कि दो सिंगल सिंगल में चला गया और इसको हम बोलते हैं सेकेंडरी स्पर्मेटोसाइट्स अब ये जो दो बन गया इसकी अगेन हमारी मयोसिस सेकंड होती है ये मयोसिस हमारी वन है ये मियोस सेकंड है ये दोनों हमारी सेल डिवीजन होती है तो उसके बाद ये हमारे यहां पे देखो चार ए सेल में चला जाता है और ये चार एन सेल हमारे यहां पे सबसे पहले इसको हम बोलते हैं अर्ली स्पर्मेटिड्स और ये आगे जाके हमारे लेट स्पर्मेटिड्स बनाते हैं और ये आगे जाके हमारे एक मैच्योर स्पर्म में कन्वर्ट हो जाता है तो स्पर्म बनने के लिए हमारे यहां पे चार-पांच प्रोसेस हो गई पहला हमारा था स्पर्म गोनिया इसमें हमारा जो स्टेम सेल होता है मेन मेल रिप्रोडक्शन सिस्टम का वो हमारा यहां पे जनरेट होता है और वो इमेच्योर सेल होता है देन जो स्पर्मेटोगोनिया है वो हमारा अंडरगोज करेगा मीटो सिस में और ये दो स्पर्मेटोसाइट्स को बनाता है दो स्पर्मेटोसाइट्स को बनाएगा एक हमारा काम आएगा किसी दूसरे साइकिल के लिए ज बेसमेंट में रोकेगा और जो एक है वो हमारा आगे जाके मयोसिस करता है तो जब मयोसिस करेगा तो जो पहला मयोसिस होता है उसमें हमारा यहां पे एक हैप्लॉयड सेकेंडरी स्पर्मेटोसाइट बनता है और जो दूसरी मयोसिस होती है उसमें हमारे स्पर्मेटिड्स बनते हैं तो स्पर्मेटोसाइट्स हम यहां बात करें तो ये हमारे एक तरह से स्पर्म का पार्ट है लेकिन जो स्पर्मेटिड्स है ना ये स्पर्म बनने वाले होते हैं यानी कि ये इमेच्योर स्पर्म होते हैं हमारे ठीक है तो ये दोनों हमारे यहां पे हो गए इसके बाद हमारा लास्ट होता है स्पर्मियोजेनेसिस इसमें जो हमारे स्पर्म टेट्स है ना इन स्पर्मे टस में क्या होता है कि केवल हेड हेड होता है यानी कि देखो सिर्फ हमारा हेड है हमारी जो स्पर्म है उसकी टेल नहीं बनी होती है तो स्पर्मेटोजेनेसिस क्या करेगा कि ये मैच्योर कन्वर्ट होगा और इसमें हमारा जो स्पर्म है वो फुल्ली डेवलप हो जाएगा और ये हमारा पूरा क्या होगा आगे जाके हमारा इस तरह का पूरा एक तरह का हमारा स्पर्म बन जाता है तो थोड़ा कन्फ्यूजिंग था है भाई थोड़ा बहुत तो आप बस इतना समझ लो जो मैंने लिखा है ये चार स्टेप आप पढ़ के चले जाओ और सिल स्पर्मे जन से हमारी प्रोसेस है जिसमें हमारा स्पर्म बनता है और मेनली कैसे बनता है तो हमारे एक ऑलरेडी इमेच्योर सेल होता है हमारी बॉडी में प्रेजेंट होते हैं वो इमेच्योर सेल्स हमारे स्पर्म में कन्वर्ट होते हैं और ये मैच्योर सेल हमारे डिप्लॉयड होता है यानी कि इसमें 46 क्रोमोसोम यानी कि दो ए पाए जाते हैं ऐसे याद कर लो दो ए है हमारा पहला मेटोसिन हुआ डिवाइड हो गए डिवाइड होके एक हमारा बेसमेंट में रुक गया और एक हमारा आगे ग्रो हो रहा है ग्रो होके ये चले गए मयोसिस में मयोसिस में पहली मयोसिस में क्या होता है 2n हमारे एक एक एन में टूट गए क्योंकि मयोसिस हमारी क्या करती है बराबर क्रोमोजोम ऐसे बांट देती है अब इसके बाद जो सेकेंडरी ये हमारे बन गए प्राइमरी स्पर्म फिर सेकेंडरी बन गया इसमें हमारी फर्द मयोसिस हो गई तो इसने भी क्या किया दो एन एन इसको मतलब क्या किया डुप्लीकेट बना दिया यानी कि ये सेल डिवीजन हो रहा है एक्चुअल में तो अब यब बन गए ना तोन आगे जाके ये हमारे इस तरह के लेट स्पर्मेटिड्स में बनेंगे इसके पास टेल्स नहीं होता देन आगे जाके ये और मैच्योर हो जाएंगे और मैच्योर होके हमारे कंप्लीट स्पर्म बन जाते हैं और मैच्योर हमारे कहां होते हैं एपीडी डाइम्स में होते हैं बाकी जो मैंने आपको बताया था कि 70 से 80 दिन लगते हैं तो इस तरह बढ़ता है जो हमारा पहला है यानी कि स्टेम सेल बनने में लगभग सात से 10 दिन लगते हैं फिर जो हमारा सेकंड है यानी कि स्पर्मेटोसाइट्स में उसमें लगभग 20 से 255 दिन लगते हैं फिर जो हमारे स्पेमन साइट्स में ये चीज बनती है यानी कि सेकंडरी स्मे टाइट बनेगा यानी कि इसको बनने में 20 से 25 दिन जो सेकेंडरी बन रहा है इसको बनने में यहां लगभग 14 से 14 दिन लगते हैं और जो हमारा आखिरी ये स्प टेड्स है इसको लगभग 10 से ये जो हमारे बने हैं इसको 10 से 14 दिन लगते हैं और बाद में इनको पूरे को डेवलप होने में 10 से 15 दिन लग जाते हैं तो लगभग दि रहा है ओवरऑल जो हमारा स्पर्म जो एक मैच्योर हेल्दी स्पर्म है उसको कंप्लीट होने में लगभग 70 से 80 दिन लग जाते हैं तो इसीलिए थोड़ा सोच समझकर इनका उपयोग करो बाकी हार्मोनल रेगुलेशन की बात बात करें तो जो हमारा एफएस है फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन है ये हमारा मीटो सिस में मतलब जाता है यहां पे मीटो सिस में हेल्प करता है और जो एलएच है वो हमारा टेस्टोन को रिलीज करेगा और टेस्टेन हमारा स्पर्म सेल को डेवलप और मैच्योर करने में हेल्प करता है बाकी ये पूरा आपको दिख जाएगा इस तरह का स्पर्म होता है ये हेड है बॉडी है और ये टेल होती है ठीक है तो यहां पे हेड के आगे एक एक्रोसोम होता है एंजाइम जो पेनिट्रेट करने में हेल्प करता है ये न्यूक्लियस होता है ये सेंट्रल्स होते हैं ये माइटोकांड्रिया स्पायरल होते हैं और ये माइट्रो ट्यूबल्स होते हैं अब ये हमारे तीन रीजन में डिवाइड है हेड हमारा डीएनए करता है और एक्रोसोम जो पेनिट्रेट करेगा बॉडी में हमारा माइटोकांड्रिया पाया जाता है यहां पे आप आपको दिख रही होगी और ये हमारा एनर्जी प्रोवाइड करता है क्योंकि माइटोकांड्रिया एनर्जी का सोर्स होता है और स्पर्म को आगे स्विम कराने के लिए और जो टेल है उसमें फ्लज म पाया जाता है जो स्पर्म को मूव कराने में हेल्प करता है बाकी जो हेल्दी एडल्ट्स है वो लगभग जो है पर डे 400 मिलियन स्पर्म को जनरेट करते हैं प्रोड्यूस करते हैं बाकी अगर इनमें इस पूरी प्रोसेस में कोई डिस्ट्रक्शन होता है या कोई अबन मेलिट होती है तो इनफर्टिलिटी और बर्थ डिफेक्ट जैसी प्रॉब्लम आ सकती है अब हमारा लास्ट टॉपिक आता है नसिस तो ये हमारा क्या है ये मतलब फीमेल्स के अंदर जो एग है वो कैसे बनता है और कैसे मैचर होता है उसके बारे में प्रोसेस होती है ठीक है तो ये भी हमारी कंप्लीट प्रोसेस है जो इमेच्योर सेल्स होते हैं हमारे फीमेल्स के अंदर उनको डेवलप एग सेल्स में बनाता है यानी कि अब तक जो आप देख रहे थे ना एग बन रहा है ओवम बन रहा है वो बन कहां से रहा था यहां पे मैंने आपको दिखाया था तो ये फॉलिकल थे इनके अंदर हमारे ये कुछ तो प्रेजेंट थे ना तो ये हमारे इमेच्योर वाले सेल्स थे यही आगे जा जाके हमारे डेवलप होके मैच्योर ओवम में बाहर निकल रहा था तो वही प्रोसेस हमारी सेम यहां होती है और ये हमारे ओवेरियन फॉलिकल्स के अंदर होता है और जो फीमेल्स के होते हैं इनको लगभग 120 से 150 दिन तक का टाइम लग सकता है अब इनके स्टेप के बारे में बात करें तो इनमें जो मैच्योर सेल होता है उसका नाम होता है पीजीसी प्राइमर्जी गेमेट सेल और ये पता है कब डेवलप हो जाता है जैसे फीमेल्स जब मान लो पेट में होती है यानी कि जब वो खुद एक एंब्रियो फिटस होती है ना उन्हीं के उसके दूसरे या तीसरे हफ्ते से इसका बनना शुरू हो जाता है तो ये उनके बर्थ से ही जो है बर्थ से पहले से ही बन रहे होते हैं तो यहां पे जो हमारे ये पीजीसी होते हैं ना ये हमारे फर्द क्या करेंगे माइटोसिस करके ये अपने आप को डिवाइड करेंगे तो ये हमारे 2n वाले हैं तो ये 2 2n में हमारे डिवाइड करके ओजोनिक्स क्या हो गया एक तरह से इमेच्योर सेल्स हो गया देन ये ओजोनिक्स माइटोसिस में जाएगा अगेन और इसके बाद हमारा बन जाता है यहां पे प्राइमरी ऊ साइट्स बन जाता है अब ये जो ऊ साइट्स है ना ये हमारे डीएनए वगैरह इन सबकी रेप्ट केशन करते हैं तो ऊ साइट्स हमारे जो यहां पे बन गए हैं ये हमारे फर्दन मयोसिस वन और टू में जाते हैं अब एक और बात समझ लो जो हमारे ऊ साइट्स है ना प्राइमरी ऊ साइट्स बन गए तो ये जब मयोसिस वन और टू में जब जाते हैं तो मयोसिस वन में ये दो में टूटेंगे अब क्या होता है यहां पे कि जो ओवम है आपने देखा होगा यहां पे कि इनमें से कोई एक ही एग हमारा रिलीज होगा जो अच्छा होगा बाकी सारे नहीं होते हैं सेम वर्ना हमारा यहां चलता है कि जैसे हमारे यहां से मयोसिस बंद हुआ तो जो बाकी के हमारे ये पोलर बॉडी है यानी कि ये नॉन फंक्शनल है और इधर इसने एक निकाला उसके बाद ये भी हमारा दो में डिवाइड हुआ तो ये एक हमारा ओवम बनता है लेकिन बाकी हमारी ये पोलर बॉडी चली जाती है ये हमारी प्राइमरी सेकंड फर्स्ट पोलर बॉडी या सेकंड पोलर बॉडी तो ये नॉन फंक्शनल है हमारे लिए जो काम किया है वो यही चीज होती है तो यहां पे उ साइड्स हमारा जाएगा और मयोसिस वन टू में ये हैप्लॉयड सेल जो सिंगल सेल्स वाले ये फॉर्म करता है यहां पे इसके बाद सेकेंडरी ओ साइड्स हमारा ओवन फॉलिकल्स में जाके मतलब मेन जो एग है वो यहां पे बनता है और आखरी में जाक वो रिलीज हो जाता है तो ये हमारा मेन इस तरह चलता है पहले हमारा माइटो से चलेगा ओजन ये बन जाएगा फिर हमारे ये ऊ साइट्स बनता है प्राइमरी ऊ साइट्स बनेगा देन मयोसिस में जाके सेकेंडरी ऊ साइट्स बनेगा और जो सेकेंडरी ऊ साइट्स है बाकी सब पोलर में चले जाएंगे जो एक होगा मैच्योर अच्छा था वो हमारा ओवम बन के बाहर निकलता है अब इसमें जो लूटन हार्मोन है हमारा वो ओवुलेशन करवाता है और एस्ट्रोजन वगैरह को रेगुलेट करता है पोलर बॉडी जो हमारी होती है वो नॉन फंक्शनल होती है बाकी जो ओजन एसस होती है ब जन्म से पहले से शुरू हो जाती है और मेनोपॉज जब तक आखिरी वाला पीरियड चलता है तब तक ये प्रोसेस चलती है तो बस भाई लोग मेरी जान निकल चुकी है मैं सारा कुछ समझा चुका हूं रिप्रोडक्शन अच्छे से हो चुका है बच्चा प सारी बातें आपको बताते ल गई अब आपको वीडियो कैसी लग कमेंट करके जरूर बताओ बाकी कोई भी डाउट्स आप कमेंट करके मुझसे पूछ सकते हो बाकी रिप की डेफिनेशन कमेंट करके लेखो बाकी मैं मिलता हूं से बहुत नेक्स्ट वीडियो में ंड थैंक यू टेक केयर अपना अपनी फैमिली का ख्याल रखिएगा बाय बाय दोस्तों जय हिंद दोस्तों