Overview
इस लेक्चर में OIC (Oracle Integration Cloud) और ICS (Integration Cloud Service) के महत्व, उनकी जरूरत, कार्य और लाभों की चर्चा की गई है, विशेषत: क्लाउड और ऑन-प्रेम सिस्टम्स के बीच इंटीग्रेशन के सन्दर्भ में ।
OIC और ICS का परिचय
- OIC (Oracle Integration Cloud) और ICS (Integration Cloud Service) वस्तुतः एक ही टेक्नोलॉजी के नाम हैं; पहले ICS कहा जाता था, अब OIC कहा जाता है।
- OIC सिस्टम्स के बीच डेटा और सेवाओं की इंटीग्रेशन को सरल बनाता है, चाहे वह क्लाउड पर हो या ऑन-प्रेम हो।
ऑन-प्रेम और क्लाउड की आवश्यकता
- पहले कंपनियां अपने सभी सिस्टम्स ऑन-प्रेम (स्थानीय सर्वर) पर रखती थीं।
- क्लाउड कंप्यूटिंग आने के बाद, अधिकतर कंपनियां डेटा और सॉफ्टवेयर को इंटरनेट के माध्यम से क्लाउड पर शिफ्ट कर रही हैं।
- कुछ सिस्टम्स अभी भी लाइसेंसिंग या आवश्यकता के अनुसार ऑन-प्रेम रहते हैं।
इंटीग्रेशन की समस्याएँ और OIC का समाधान
- क्लाउड व ऑन-प्रेम दोनों सिस्टम्स से डेटा एक्सचेंज करने में समय, मैन्युअल एफर्ट और लागत अधिक आती है।
- OIC इन समस्याओं को सॉल्व करता है, जिससे डेटा का इंटीग्रेशन तेजी और आसानी से हो जाता है।
- OIC के उपयोग से डिवेलपर्स के प्रयास, कंपनी की लागत और समय बचता है।
OIC की विशेषताएं और लाभ
- कनेक्टिविटी को सिंप्लिफाई करता है, बिना लोकेशन की परवाह किए सिस्टम्स को जोड़ता है।
- एजेंट्स और अडैप्टर्स के जरिए डिफरेंट सिस्टम्स से आसानी से कनेक्शन बनते हैं।
- ऑटोमेटिक पैचिंग, अपग्रेड और बैकअप की सुविधा देता है।
- बिजनेस की ग्रोथ और विस्तार में मदद करता है क्योंकि किसी भी थर्ड पार्टी या वेंडर से इंटीग्रेशन आसान रहता है।
- इंटीग्रेशन को मॉनिटर व शेड्यूल किया जा सकता है, लॉग्स से एरर और रन ट्रैकिंग संभव है।
Key Terms & Definitions
- OIC (Oracle Integration Cloud) — ओरैकल का क्लाउड-बेस्ड प्लेटफॉर्म जो विभिन्न एप्लिकेशनों को इंटीग्रेट करता है।
- ICS (Integration Cloud Service) — OIC का पुराना नाम।
- ऑन-प्रेम — कंपनी के अपने डेटा सेंटर पर चलने वाले सिस्टम्स।
- एजेंट — दो सिस्टम्स के बीच डेटा ट्रांस फर को सुगम करने वाला मध्यस्थ।
- अडैप्टर — विभिन्न प्लेटफार्म्स या एप्लिकेशनों से कनेक्शन बनाने वाला सॉफ्टवेयर।
- इंटीग्रेशन — दो या अधिक सिस्टम्स के बीच डेटा/सेवा एक्सचेंज की प्रक्रिया।
Action Items / Next Steps
- अगले सेशन में एजेंट्स, अडैप्टर्स और इंटीग्रेशन की डिटेल स्टडी करें।
- OIC पर आधारित प्रैक्टिकल उदहारण और प्रक्रिया सीखें।
- वीडियो/सीरीज के अगले भागों को देखें व अपनी क्वेरीज़ कमेंट करें।