सो हेलो एंड जय वेलकम बैक टू योर ओन चैनल सर तरण पानी एक्सक्लूसिव चैनल फॉर आईसीएससी बोर्ड स्टू यस माय डियर सुपरस्टार्स वीी आर लाइव क्या आप मुझे देख पा रहे हैं क्या आप मेरी आवाज क्रिस्टल क्लियर सुन पा रहे हैं जल्दी से सुपर स्टार्स आर ओपी जल्दी टाइप करिए ताकि हम समझ पाएं कि आप मुझे देख पा रहे हैं आप मुझे सुन पा रहे हैं एंड रियली रियली सॉरी वी वर ट्राइड टू कनेक्ट देर वास सम टेक्निकल इशू एंड वी गट डिलेड सो तैयार है पर हम अपने इस जबरदस्त सेशन के लिए आज है डे टू हां डे वन का सेशन में हम लोग ने फर्स्ट सेवन चैप्टर्स ऑफ हिस्ट्री किया और दो चैप्टर ऑफ सिविक्स किया था आज है डे टू की बारी आज हम बचे हुए सारे चैप्टर्स हिस्ट्री के एट चैप्टर्स हिस्ट्री के एट चैप्टर्स और सिविक्स के बचे तीन चैप्टर्स आज पूरी तरह से खलास कर देंगे हिस्ट्री एंड सिविक्स को याद रखिएगा हम सिर्फ आंसर्स नहीं बता रहे हम आपको बता रहे हैं कि क्या टॉपिक आपके लिए इंपॉर्टेंट है क्या आपको पढ़ना है और क्या आपको छोड़ देना है हां हर वो चीज जो आपके लिए जरूरी है मेरे सुपरस्टार्स यहीं पर है मैं 34 इयर्स से आईसीएससी स्टूडेंट्स के लिए कंटेंट बना रहा हूं पढ़ा रहा हूं और उनके पेपर फ्रेम कर रहा हूं सो आई नो द क्वेश्चन आई नो द पेपर एंड आई नो हाउ इट इज चेक्ड याद रखिएगा कि मैंने कोई भी कोई भी आपसे किसी भी तरह का कोई क्लास कोई कंटेंट कोई चीज नहीं बेची है अगर कोई मेरे नाम का यूज करके मुझे पता चला था कि कुछ लोग फेक आईडी बना करके कि मैं तरुण सर तरुण का बेटा हूं या मैं सर तरुण क्या को का एजेंट हूं ऐसा कोई भी हमारे यहां नहीं है हमारे यहां हर कुछ एब्सलूट फ्री है याद रखिएगा कोई भी कंटेंट कोई भी लेसन वीडियो एमसीक्यू सेशंस रिवीजन सेशंस डाउट क्लीयरिंग सेशंस ये सब कुछ सब कुछ सब कुछ एब्सलूट एब्सलूट फ्री है हां आपका प्यार बस मुझे मिल रहा है और मैं ऑलरेडी एज अ प्रिंसिपल वर्क कर रहा हूं एंड दैट मेक्स मी द सेंस ठीक है तो आपके ढेर सारे प्यार भरे मैसेजेस आते हैं बस जो आप कहते हैं हम लोग उसी के हिसाब से अपने कंटेंट को चेंज करते रहते हैं यकीन जानिए आज का सेशन सच में बहुत जबरदस्त होने वाला है सारे सारे सुपर स्टार्स को इनवाइट कर दीजिए यस अपने सारे सुपर स्टार्स को इनवाइट कर दीजिए ताकि हम इस सेशन को फटाफट जल्दी से पूरा फिनिश करेंगे याद रखिएगा मैं आपको इंपॉर्टेंट बताता जाऊंगा और वही क्वेश्चंस आएंगे ठीक है हिस्ट्री इज नो लंगर अ मिस्ट्री तो इसके लिए बस करना क्या है आपको कांसेप्ट पर फोकस करना है रटने की कोशिश नहीं करनी है समझना है मैं आपको बेसिक से स्टोरी के फॉर्म में पूरा हिस्ट्री और सिविक्स बता दूंगा मतलब कि आपको लगेगा कि कोई कहानी चल रही है हां आपको वह कहानी के रूप में समझ में आएगी और आपको याद भी नहीं करना पड़ेगा सच कह रहा हूं एकदम मक्खन एकदम सिंपल लैंग्वेज में हिस्ट्री एंड सिविक्स क्लियर कर देंगे चलिए स्टार्ट करते हैं आज का सेशन आपकी परमिशन मिल चुकी है सो लेट्स बिगिन दिस सेशन याद रखिएगा बीच-बीच में मैं क्वेश्चंस पूछूंगा आपको क्वेश्चंस का आंसर भी देना है एंड सबसे इंपॉर्टेंट सबसे इंपॉर्टेंट इंपॉर्टेंट जो बताता जा रहा हूं उसको कहीं नोट कर लीजिएगा जो टॉपिक जो क्वेश्चन आपको इंपॉर्टेंट बता रहा हूं उसको आप को नोट कर लेना है ताकि आप उस पर ज्यादा अच्छे से फोकस कर सके उसके पॉइंट्स को पन डाउन कर सके और बोर्ड में फोड़ के आ जाए समझ में आ गई बात तैयार है आप चलिए लेट्स बिगिन दिस सेशन तो हम लास्ट के बचे हुए चैप्टर्स के सारी कह रहे हैं एंड करने वाले हैं बात करेंगे अब सिविक्स का पहला चैप्टर आ रहा है जो कि आज के टॉपिक में पहला चैप्टर है प्राइम मिनिस्टर एंड दी काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स आप तो प्राइम मिनिस्टर को जानते ही हैं क्या कहते हैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी तो प्राइम मिनिस्टर कौन होता है कैसे बनता है है ना उसके पावर्स क्या होते हैं यह काउंसिल ऑफ मिनिस्टर कौन सी बला है इसके अंदर कैबिनेट क्या होता है डिप्टी मिनिस्टर क्या होता है मिनिस्टर ऑफ स्टेट क्या होते हैं यही है चैप्टर यही है चैप्टर प्राइम मिनिस्टर एंड द काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स चैप्टर को आप ऐसे कह सकते हैं द यूनियन एग्जीक्यूटिव सर ये क्या मतलब हुआ एग्जीक्यूटिव वो होता है जो लॉज को गवर्नमेंट की पॉलिसीज को इंप्लीमेंट कराए ठीक है अब बात करते हैं स्टार्ट करते हैं हमारे देश में पार्लियामेंट्री फॉर्म ऑफ गवर्नमेंट है और क्योंकि हमारे देश में पार्लियामेंट है पार्लियामेंट याद है किससे बनी हुई है इसको देख के याद आ गया बताओ व्हाट इज पार्लियामेंट कांस्टिट्यूशन हमारे पार्लियामेंट में क्या-क्या चीजें इंक्लूड होती है टाइप करो मैं नहीं लिख रहा तुम बता रहे हो कि पार्लियामेंट किस किस चीज से मिलकर बनी है हां लिखिए व्हाट डस पार्लियामेंट कांस्टिट्यूशन में पार्लियामेंट्री फॉर्म ऑफ गवर्नमेंट है पार्लियामेंट कहां है नई दिल्ली में है और वहां पर प्रेसिडेंट को हेड बनाया गया है पर प्रेसिडेंट तो सिर्फ नाम का हेड है काम का हेड कौन है बताइए हु इज दी हेड ऑफ का काम का मतलब एग्जीक्यूटिव पावर किसके पास है रियल एग्जीक्यूटिव कौन है हमारे देश का तो रियल एग्जीक्यूटिव है प्राइम मिनिस्टर क्लियर चलिए बात करते हैं प्राइम मिनिस्टर की तो प्राइम मिनिस्टर देश का सबसे पावरफुल इंस्टिट्यूशन होता है प्राइम मिनिस्टर को देश का स्पोक्समैन होता है गवर्नमेंट का गवर्नमेंट का फेस होता है क्या चीज होता है गवर्नमेंट का फेस ऑफ दी गवर्नमेंट होता है अब प्रेसिडेंट क्या किसी को भी अपॉइंटमेंट अपॉइंट्स इज द लीडर ऑफ दी मेजॉरिटी पार्टी मतलब जो पार्टी जो पार्टी चुनाव में सबसे ज्यादा सीट जीतती है याद रखिएगा ध्यान से समझिए जिस पार्टी के पास चुनाव में सबसे ज्यादा सीट होती है वह मेजॉरिटी पार्टी होती है एक एग्जांपल से मैं आपको समझाता हूं आइए देखिए जल्दी से अगर हमारे देश की पार्लियामेंट को देखें बात समझिए तभी समझ में आएगा यह वाली बात हमारे देश की पार्लियामेंट है हमारे देश की पार्लियामेंट है यह क्यों हो रहा है इतना स्पेस जल्द ठीक करो उसको उसको बुलाओ जल्द ठीक करो जल्दी देखो हमारे देश की पार्लियामेंट है यह क्यों हो रही है स्पेस इतनी इसको इसको चेक करो जल्दी से फटाफट स्पेस हटाओ सब में से हमारे देश की पार्लियामेंट है लोकसभा की बात करते हैं ठीक है किसकी बात करते हैं लोकसभा की बात करते हैं ठीक है लोकसभा है लोकसभा की टोटल मेंबरशिप कितनी है लोकसभा की टोटल मेंबरशिप है 550 लोकसभा की टोटल मेंबरशिप है 550 550 का आधा कर दो 550 का हाफ करो जब तुम हाफ करोगे तो आपके पास आ जाएगा 2 2 70 5 क्या है 275 एग्जैक्ट हाफ हाफ ऑफ दी सीट्स ऑफ दी लोकसभा तो अगर किसी पार्टी के पास हाफ से एक भी ज्यादा सीट आ गई कितनी सीट हो गई मेजॉरिटी किसको बोलते हैं मेजॉरिटी मेजॉरिटी बोलते हैं 276 सीट्स तो जिस भी पार्टी के पास 276 सीट होगी जब चुनाव हुआ जब इलेक्शन हुआ देश का और इलेक्शन में जिस पार्टी को 276 सीट्स मिल गई कितनी सीट्स मिल गई 276 सीट्स मिल गई इसे कहते हैं क्या 276 सीट्स या इससे ज्यादा इससे ज्यादा को कहते हैं मेजॉरिटी तो 276 सीट जिस भी पार्टी के पास आ जाएंगी वह पार्टी बन जाएगी मेजॉरिटी पार्टी चुनाव में 276 सीट जितनी पड़ेगी और इस बार हां हमारे देश में इस बार क्या हुआ इस बार बीजेपी नाम की एक पार्टी है उसके और उसके मेंबर्स उसके जो कोलेशन पार्टनर्स हैं उन्होंने मिलकर के 260 76 से ज्यादा सीट्स गैदर कर ली तो बन गया एक सिंगल पार्टी बना सकती है जैसे लास्ट टाइम लास्ट टाइम 9 में अकेले बीजेपी क्या कर रही थी पूरे देश को लीड कर रही थी उसके के पास अकेले 276 से ज्यादा सीट्स थी तो सिंगल मेजॉरिटी पार्टी थी और उस पार्टी का लीडर देश का पीएम बात समझ में आ गई अब इस बार ऐसा नहीं हो पाया अकेले बीजेपी नहीं जीत पाई 2024 में 2024 में जनरल इलेक्शन आया 5 साल का पर अकेले बीजेपी नहीं जीत पाई तो जब बीजेपी अकेले नहीं जीत पाएगी तो उन्होंने अपने और पार्टनर्स बना रखे थे और पार्टीज के साथ उन्होंने कोलेशन कर रखा था पर इन सब लोग ने मिलकर के जो सीट जीती वो 276 से ज्यादा थी बन गई मेजॉरिटी पार्टी अब समझ में आया तो जो भी मेजॉरिटी जिनके पास भी मेजॉरिटी होगी प्रेसिडेंट उसको क्या करेगा उसके लीडर को बना देगा देश का प्रधानमंत्री अब समझ में आया कैसे बना प्रधानमंत्री अब प्रेसिडेंट के पास कोई चॉइस नहीं है याद रखिएगा क्या प्रेसिडेंट के पास चॉइस नहीं है कि अपने ही रिश्तेदार को बना देगा प्राइम मिनिस्टर नहीं लीडर ऑफ दी मेजॉरिटी पार्टी बिकम दी प्राइम मिनिस्टर रिमेंबर दिस इन केस ध्यान से सुनिए इन केस किसी एक पार्टी के पास मेजॉरिटी नहीं आती है या मेजॉरिटी बन ही नहीं पा रही है कोलिशन करने के बाद भी नहीं बन पा रही है तब क्या होगा तब क्या होगा तब प्रेसिडेंट के पास है डिस्क्रीशनरी पावर क्या तब प्रेसिडेंट खुद डिसाइड करेगा कि वह किसको देश का प्रधानमंत्री बनाए और वह किसको बनाएगा जिसके पास मैक्सिमम सपोर्ट होगा जो प्रूव कर पाएगा जो प्रूव कर पाएगा मेजॉरिटी प्रेसिडेंट उसको मौका देगा बात समझ में आ गई कैसे बनते हैं देश में प्राइम मिनिस्टर क्लियर है अब प्राइम मिनिस्टर के बाद आते हैं काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स तो आर्टिकल 75 ये कहता है आर्टिकल 75 ऑफ द कंस्ट बताता है कि प्रेसिडेंट प्राइम मिनिस्टर को पॉइंट करता है और प्राइम मिनिस्टर ध्यान दीजिएगा प्राइम मिनिस्टर प्रेसिडेंट को बताता है कि कौन मेरे साथ के मंत्री हैं तो ऑल मिनिस्टर्स ध्यान दीजिएगा ऑल मिनिस्टर्स आर अपॉइंटेड बाय दी प्रेसिडेंट बट ऑन द एडवाइस ऑफ द प्राइम मिनिस्टर तो अपॉइंटमेंट कर रहा है पर किसकी एडवाइस प पॉइंट कर रहा है प्राइम मिनिस्टर की एडवाइस पे बात समझ में आ गई तो क्या ऐसा भी हो सकता है कि कोई नॉन मेंबर को प्राइम मिनिस्टर बना दे एक एग्जांपल देता हूं एक व्यक्ति है मान लेते हैं ए एक व्यक्ति है ए ध्यान से देखिए तो केस को एक व्यक्ति है ए मिस्टर ए मिस्टर ए अब प्रधानमंत्री इसको जानते हैं यह बहुत ईमानदार आदमी है बहुत अच्छा आदमी है यह है फलाना है डिमका है प्रधानमंत्री ने बोला कि मिस्टर ए मेरे मिस्टर ए मिस्टर ए जिसने चुनाव भी नहीं लड़ा है अब यह मेरे मिनिस्टर बन जाएंगे प्राइम मिनिस्टर इसको मिनिस्टर बनाना चाहते हैं क्या बना सकते हैं बताइए टाइप करके बताइए कैन अ नॉन मेंबर कैन अ नॉन मेंबर बिकम अ मिनिस्टर बताइए क्या बताइए कैन मैंने कहा एज्यूम करके बताया मिस्टर ए नाम का एक व्यक्ति है मिस्टर ए एक ईमानदार व्यक्ति है नेक व्यक्ति है मिस्टर ए को प्राइम मिनिस्टर पसंद करते हैं क्या प्राइम मिनिस्टर इसको कोई मिनिस्टर बना सकते रेलवे मिनिस्टर फूड मिनिस्टर बना सकते हैं यस यस यस कोई भी अनजान व्यक्ति को बना सकते हैं जवाब है हां बना सकते हैं भली ही वो चुनाव लड़ा हो चाहे ना लड़ा हो कैसे सर मैंने कहा बड़ा आसान तरीका है मिस्टर ए को पहले क्या करेंगे मिनिस्टर बना देंगे कैसे प्रेसिडेंट उसको ओथ ऑफ ऑफिस दिला देगा प्रेसिडेंट उसको कसम दिलवा देगा हां अब उसके बाद क्या होगा विदन सिक्स मंथ कितना विदन सिक्स मंथ कितना टाइम दिया गया है 6 महीने का टाइम 6 महीने के अंदर उसे क्या करना होगा इलेक्शन लड़ कर के सीट जीत नहीं पड़ेगी अगर इलेक्शन हार गया चुनाव लड़ा भी और चुनाव में हार गया तो नमस्ते नमस्ते नमस्ते समझ में आया उसको हटा दिया जाएगा बात समझ में आ गई बात करते हैं हां परफेक्ट ठीक है बात करते हैं कैबिनेट टाइप ऑफ काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की मिनिस्टर्स की टाइप तो आप देखेंगे तीन टाइप के मिनिस्टर्स होते हैं काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स तीन टाइप के होते हैं सबसे कोर सबसे इंपॉर्टेंट सबसे सेंटर कौन है कैबिनेट उनसे ऊपर कौन है मिनिस्टर ऑफ स्टेट और सबसे छोटे सबसे लोएस्ट रैंक वाले ऑफिसर कौन है सीक्वेंस याद कर लो कैबिनेट सबसे अंदर है देख लीजिए तो सबसे कोर है सबसे इंपॉर्टेंट है सबसे कम संख्या में होते हैं उससे ज्यादा संख्या में कौन है मिनिस्टर ऑफ एट स्टेट एंड सबसे कम है डेप्युटी मिनिस्टर डेप्युटी मिनिस्टर की संख्या सबसे कम है बात करते हैं कैबिनेट मिनिस्टर्स की कौन होते हैं कैबिनेट मिनिस्टर्स तो सबसे इंपॉर्टेंट पोर्टफोलियो होल्ड करने वाले हां जरा टाइप करिए हां तुमसे पूछ रहा हूं हु इज दी या ब लिखिए हु इज द डिफेंस मिनिस्टर ऑफ इंडिया आपको बताना है मैं नहीं बता रहा हु इज दी डिफेंस मिनिस्टर अभी वर्तमान में भारत का डिफेंस मिनिस्टर कौन है तुमको बताना है बताइए सुपरस्टार्स तो वह एक कैबिनेट मिनिस्टर टाइप करिए डिफेंस मिनिस्टर का नाम अगर आपको पता है तो क्या रोड एंड रेलवे मिनिस्टर यह भी कैबिनेट मिनिस्टर है फाइनेंस मिनिस्टर कैबिनेट मिनिस्टर है तो इस तरीके से देश के जितने भी इंपॉर्टेंट पोर्टफोलियोस होते हैं बात समझ में आ गई इन पोर्टफोलियोस को जो होल्ड करता है इन्हें हम कैबिनेट मिनिस्टर्स कहते हैं तो फाइनेंस हो रेलवे हो इन सबको कहते हैं इन सबको कहते हैं क्या कैबिनेट मिनिस्टर और आपने अगर लिखा राजनाथ सिंह तो यू हैव डन अ बिग जॉब सुपर्ब राजनाथ सिंह इज दी कैबिनेट मिनिस्टर डिफेंस मिनिस्टर अब इसके नीचे आता है मिनिस्टर ऑफ स्टेट क्या आता है इसके ठीक नीचे मिनिस्टर ऑफ स्टेट यह कैबिनेट के नीचे होते हैं यह इंडिपेंडेंट चार्ज होल्ड भी कर सकते हैं नहीं भी होल्ड कर सकते हैं और प्राइम मिनिस्टर इनसे ज्यादातर कंसल्ट नहीं करते हैं तो प्राइम मिनिस्टर कंसल्ट किससे करता है डे टू डे बेसिस पे एवरीडे डे टू बेसिस पे प्राइम मिनिस्टर कैबिनेट से कंसल्ट करता है और कैबिनेट से कंसल्ट करने का मतलब है कि काउंसिल ऑफ मिनिस्टर ने क्या कर दिया प्राइम मिनिस्टर को परमिशन दे दी ही नीड नॉट कंसल्ट एवरीबॉडी ठीक है प्राइम मिनिस्टर है एक से कंसल्ट करें ऐसा कोई जरूरी नहीं है तीसरे टाइप के मिनिस्टर की बात करें डेप्युटी मिनिस्टर तो अब सबसे ऊपर कौन मिनिस्टर है कैबिनेट कम लोग होते हैं मैंने कहा गिने चुने लोग होते हैं सीनियर मोस्ट मिनिस्टर होते हैं मोस्ट ट्रस्टेड होते हैं उनके अंडर में काम कौन करते हैं मिनिस्टर ऑफ स्टेट और उनके नीचे काम करते हैं डेप्युटी मिनिस्टर डेप्युटी मिनिस्टर थर्ड कैटेगरी है क्या यह सबसे जूनियर मोस्ट मिनिस्टर हैं ज्यादातर यह मिनिस्टर्स क्या करते हैं सीनियर मिनिस्टर्स को असिस्ट करते हैं उनको गाइड करते हैं यही मिनिस्टर जो सीख रहे हैं अभी अभी नए-नए मंत्री बने हैं जो पहली पहली बार चुनाव जीता है तो उनको यह मौका मिलता है डेप्युटी मिनिस्टर का बात समझ में आ गई बात करेंगे अब कैबिनेट की तो मैंने बताया कैबिनेट सबसे इंपॉर्टेंट होती है अब आप देखिए आपको राजनाथ सिंह दिखाई दे रहे होंगे यह रहे राजनाथ सिंह जी डिफेंस मिनिस्टर आपको अमित शाह जी दिख रहे होंगे बहुत पॉपुलर है वेरी फेमस अमित शाह जी होम मिनिस्टर ठीक है और देखिए नितिन गट केजरी नितिन नितिन टकरी जी हां जो आप चौड़ी चौड़ी सड़कें देख रहे हैं बड़े-बड़े जो सड़क देख रहे हैं भारत की वो इन्हीं की देन है नितिन गडकरी जी मिनिस्टर ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और आ जाइए जगत प्रकाश न नड्डा जी ये क हैं मिनिस्टर ऑफ हेल्थ एंड फैमिली अफेयर्स तो इस तरह से कई सारे आप कैबिनेट मिनिस्टर्स आपने देखा यह है मिनिस्टर्स ऑफ कैबिनेट स्मॉल होते हैं बट सबसे सीनियर मोस्ट होते हैं ठीक है इनका अपॉइंटमेंट कौन करता है मैंने कहा प्राइम मिनिस्टर करता है प्राइम मिनिस्टर प्राइम मिनिस्टर इनका नाम रिकमेंड करता है प्रेसिडेंट को और प्रेसिडेंट न्हे अपॉइंट्स में जब तक प्लेजर ऑफ प्रेसिडेंट है वैसे तो 5 साल का ऑफिस है ठीक है परट क्या 5 साल के बीच में इनको हटाया जा सकता है तो हां इनको हटाया जा सकता है प्रेसिडेंट इन्हें कभी भी रिमूव कर सकता है कौन रिमूव कराएगा तो मैंने कहा प्राइम मिनिस्टर इन्हें रिमूव करा सकता है और क्या खास बात है काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स कलेक्टिवली रिस्पांसिबल है और एक मि एक मिनिस्टर जब ओथ ऑफ ऑफिस लेगा तो उन्हें ओथ ऑफ ऑफिस कौन दिलाएगा प्रेसिडेंट मतलब इन सारे मंत्रियों को इन सारे काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स को और इवन प्राइम मिनिस्टर को ओथ ऑफ ऑफिस कौन दिलाएगा प्रेसिडेंट ठीक है इनको शपथ लेनी पड़ती है ना इसे कहते हैं पद और गोपनीयता की शक शपथ ठीक है और ऑफिस ऑफ ओथ ऑफ ऑफिस एंड ओथ ऑफ सीक्रेसी यह दोनों शपथ लेनी पड़ती है हां नेक्स्ट बात करेंगे फंक्शंस ऑफ कैबिनेट तो कैबिनेट क्योंकि सबसे पावरफुल है ऐसा समझिए कि प्रधानमंत्री भी कैबिनेट के फैसले को आगे बढ़ाता है कैबिनेट प्रधानमंत्री के सबसे क्लोजेस्ट मंत्री है प्रधानमंत्री के सबसे करीबी मंत्री हैं प्रधानमंत्री अगर कोई भी देश के लिए फैसला सुनाता है तो वह कैबिनेट का ही फैसला होता है बात समझ में आ गई गया ये गिने चुने मेंबर्स होते हैं 15 17 20 बस इतने मेंबर होते हैं यही प्रधानमंत्री को सलाह देते हैं यह क्या बनाते हैं पहला पावर है इनका एडमिनिस्ट्रेटिव पावर देश की पॉलिसी बनाते हैं देश के अंदर क्या पॉलिसी होगी जैसे एग्रीकल्चर की पॉलिसी क्या होगी हमारी फॉरेन पॉलिसी क्या होगी कौन बना रहा है पॉलिसी कौन बना रहा है यही कैबिनेट मिनिस्टर्स बना रहे हैं भाई और इंप्लीमेंटेशन ऑफ पॉलिसी एक बार पॉलिसी बन गई एक बार पार्लियामेंट में लोकसभा में पॉलिसी पास हो गई तो यह पॉलिसी कैसे देश में इंप्लीमेंट होगी यह भी यही लोग डिसाइड करेंगे इसके लिए जो मिनिस्टर्स ऑफ़ स्टेट होते हैं और डेप्युटी मिनिस्टर होते हैं वह इंचार्ज होते हैं एक एग्जांपल समझाते हैं एक एग्जांपल समझो अब मिनिस्टर ऑफ फैमिली वेलफेयर एग्जांपल है मिनिस्टर ऑफ फैमिली वेलफेयर ने एक पॉलिसी बनाई कि जो बच्चे ध्यान से सुनिए जो बच्चे जिनको अच्छा स्कूल नहीं मिल रहा है पढ़ने का सरकार उनको क्या करेगी एग्जांपल है सरकार उनको क्या कर रही है अच्छे स्कूल में डलवाए गी और उसका सारा फीस सरकार भरेगी सरकार ने एक ऐसा कानून बनाया और वैसे कानून सच में है आपको नहीं पता है हां आरटीई नाम का एक कानून है ध्यान से सुनिए मेरा बात को आरटीई राइट टू एजुकेशन नाम का कानून है 2009 का इस कानून में यह है कि कोई भी बच्चा कोई भी बच्चा जो किसी भी घर में रहता हो उसके घर में चाहे पैसे हो चाहे ना हो हां निम्न वर्ग का बच्चा शेड्यूल कास का बच्चा डिप्राइव क्लास का बच्चा किसी भी बच्चे को अगर अच्छे स्कूल में शिक्षा लेनी है बड़े स्कूल में शिक्षा लेनी है सो कॉल्ड अ पब्लिक स्कूल में शिक्षा लेनी है तो सरकार उसका उस स्कूल में दाखिला करा देती है एडमिशन कराती है उसका फीस गवर्नमेंट भरती है राइट टू एजुकेशन के नाम पर हां अब यह राइट टू एजुकेशन कानून बन गया कि कि गरीब बच्चों को बड़े किसी भी स्कूल में एडमिशन करा दिया जाएगा गवर्नमेंट कराएगी उसकी फीस भरेगी तो यह पॉलिसी इंप्लीमेंट कौन करेगा तो मैंने कहा इस पॉलिसी को इंप्लीमेंट करेंगे मिनिस्टर ऑफ स्टेट और डेप्युटी मिनिस्टर करेंगे वह अकेले कर लेंगे नहीं उनके नीचे होते हैं सिविल सर्वेंट्स देश के सिविल सर्वेंट्स को यह क्या करते हैं वो लोग पॉलिसी हैंड ओवर कर देते हैं मतलब यहां से पॉलिसी किसके पास जाती है सिविल सर्वेंट के पास सिविल सर्वेंट्स को इंप्लीमेंट कराते हैं मतलब शहरों में जो बड़े-बड़े ऑफिसर्स हैं डीएम आईएएस है ना जो रैंक के ऑफिसर्स हैं ये लोग सिविल सर्वेंट्स हैं ये लोग इ गवर्नमेंट की पॉलिसी को क्या करते हैं इंप्लीमेंट करा देते हैं बात समझ में आ गई यह काम होता है और क्या करते हैं जितने भी डिपार्टमेंट्स है गवर्नमेंट के अ अलग-अलग मंत्रालय हैं उनके बीच में तालमेल करना ताकि जो काम है वो मिलके किया जा सके नेक्स्ट है देश में बड़े-बड़े अपॉइंटमेंट जैसे जजेस ऑफ सुप्रीम कोर्ट जजेस ऑफ हाई कोर्ट आप कहेंगे सर यह तो प्रेसिडेंट अपॉइंट्स ऑफ सुप्रीम कोर्ट कौन अपॉइंट्स अपॉइंटमेंट पॉइंट करता है पर एडवाइस किसकी होती है पीछे कौन सलाह देता है कि किसको बनाना है जज ऑफ हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट तो ये कैबिनेट की सलाह होती है तो कैबिनेट ट एडवाइज करती है प्रेसिडेंट उसी को बनाता है ठीक है लेजिस्लेटिव पावर मतलब लॉ मेकिंग पावर जब जब ना लेजिस्लेटिव शब्द आए तो लेजिसलेटिव मतलब होता है कानून बनाने से संबंधित पावर तो कोई भी पार्लियामेंट में बिल बन रहा है वो कौन बनाएगा अरे यही मिनिस्टर बनाएंगे भाई कैबिनेट मिनिस्टर्स ही या काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स ही क्या कर रहे हैं पावर बना रहे हैं लॉ बना रहे हैं ना यही तो प्रपोजल ला रहे हैं पहले क्या करते हैं ये लोग प्रपोजल लाते हैं प्रपोजल पर डिस्कशन होता है डिबेट होता है बाद में स्पीकर इससे पुट टू वोट करता है अगर वोट इसके फेवर में बन जाता है तो यह कानून बन जाता है बात समझ में आ गई कैसे कानून बनता है तो देश में जो भी कानून आ रहा है बिल्स आ रहे हैं वो सब कौन लाती है कैबिनेट लाती है कैबिनेट लाती है इसलिए इसको कई बार ऑफिशियल बिल्स बोलते हैं ठीक है कैबिनेट ला रही है इसीलिए ऑफिशियल बिल बोलते हैं नेक्स्ट है सोर्स ऑफ इंफॉर्मेशन जितने भी क्वेश्चंस पूछे गए हैं मिनिस्टर से इन सबका उनको जवाब देना होता है आपको पता ही है क्वेश्चन आवर याद है क्वेश्चन आवर क्या होता है कितने बजे क्वेश्चन ववर शुरू होता है बताइए वन वन वन डज क्वेश्चन आवर बिगिन ठीक है आपको बताना है क्वेश्चन आवर कब बिगिन करता है हां टाइप करिए मैं बता दूंगा पर आपको टाइप करना है अभी हां वन डज क्वेश्चन आवर बिगिन और क्या करते हैं कानून में कांस्टिट्यूशन में बदलाव कर सकते हैं कैबिनेट मिनिस्टर्स हाउस को बुलाना हो मीटिंग बुलानी हो सनि मतलब होता है कॉलिंग मतलब होता है कॉलिंग तो हाउस की बैठक करवानी है कि नहीं करवानी है अब साल में तीन सेशन लगने हैं साल में तीन सेशन लगने हैं कौन से तीन सेशन लगने हैं साल में पहला सेशन लगना है बजट सेशन दूसरा सेशन लगना है मानसून सेशन तीसरा सेशन लगना है विंटर सेशन तो सेशन के लिए बुलाने को क्या बोलेंगे सम्मन करना कौन बुलाता है तो मैंने कहा बुलाता है कैबिनेट बोलते हैं नहीं नहीं सर प्रेसिडेंट बुलाता है फिर मैंने कहा प्रेसिडेंट अपने मन से नहीं बुलाता है प्रेसिडेंट को एडवाइस कौन दे रहा है कि सारे मेंबर्स को बुलाया जाए मीटिंग के लिए कैबिनेट मिनिस्टर्स कैबिनेट मिनिस्टर्स के ही सलाह पे हाउस को बुलाया जाता है ठीक है और प्रेसिडेंट की स्पीच कौन तैयार करता है याद से रखिएगा फर्स्ट स्पीच पार्लियामेंट की पहली स्पीच फर्स्ट डे स्पीच ऑफ दी ईयर या फर्स्ट स्पीच एट दी टाइम ऑफ दी जनरल इलेक्शन जनरल इलेक्शन हो गए हैं पहली बार सारे मेंबर्स आए हैं पा साल में जनरल इलेक्शन होता है आपको पता ही है हर 5 साल में हर 5 साल में जनरल इलेक्शन होता है और इस जनरल इलेक्शन में जो जो चुन के आता है उनको पहली स्पीच प्रेसिडेंट की सुननी पड़ती है अब प्रेसिडेंट की स्पीच कौन तैयार करता है हां प्रेसिडेंट अपने मन से कुछ नहीं लिखता है प्रेसिडेंट एड्रेस इसे बोलते हैं क्या इसे बोलते हैं प्रेसिडेंशियल एड्रेस या प्रेसिडेंट्स एड्रेस एड्रेस मतलब पता नहीं बताता है प्रेसिडेंट अपना आकर के कि मेरे घर का पता ये है आइए मेरे घर पर नहीं नहीं एड्रेस मतलब स्पीच देना बात समझ में आ गई और स्पीच लिखता कौन है क्या होता है प्रेसिडेंट क्या बोलता है इसमें प्रेसिडेंट वही बोलता है जो कैबिनेट लिख के देता है प्रेसिडेंट को तो आगे बस पढ़ देना होता है बात समझ में आया इसमें गवर्नमेंट की प्लांस होते हैं फ्यूचर पॉलिसीज होती है समझ में आया इसी को कहते हैं प्रेसिडेंट्स एड्रेस या स्पीच नेक्स्ट है प्रेसिडेंट ऑर्डर इशू कर सकता है देश में जिसका नाम है ऑर्डिनेंस जिसका नाम है ऑर्डिनेंस तो सर ऑर्डिनेंस अरे ऑर्डिनेंस इज टेंपरेरी लॉ इट इज इश्यूड व्हेन द पार्लियामेंट इज नॉट इन सेशन तो प्रेसिडेंट लॉ बना सकता है हां बना सकता है भाई पर मैंने कहा प्रेसिडेंट प्रेसिडेंट लॉ क्यों बना रहा है तो प्रेसिडेंट एक्चुअली नाम आ रहा है सिर्फ मैंने कहा था ऑल एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स देश के सारे ऑर्डर्स प्रेसिडेंट के नाम से इशू होते हैं एक्चुअली में एक्चुअली में ये सारे ऑर्डर तो कैबिनेट दे रही होती है प्राइम मिनिस्टर दे रहा होता है बात समझ में आ गई तो सिर्फ प्रेसिडेंट क्या है मुखौटा है प्रेसिडेंट का सिर्फ नाम लग रहा है प्रेसिडेंट की सिर्फ मोहर लग रही है तो प्रेसिडेंट इशू करता है ऑर्डिनेंस पर वो ऑर्डिनेंस किसके एडवाइस पे होता है वो एडवाइस होता है कैबिनेट के ठीक है तो आइए बात करते हैं फाइनेंशियल पावर की देश का बजट तो मैंने कहा देश का बजट तो फाइनेंस मिनिस्टर बनाता है पर ये बजट का पावर मैंने कहा किसके पास है कैबिनेट के फाइनेंस मिनिस्टर इज कैब कैबिनेट मिनिस्टर और कौन है हमारा फाइनेंस मिनिस्टर हु इज द फाइनेंस मिनिस्टर बताइए और हमारे देश में बजट कब पास होता है वन इज दी बजट ऑफ दी इंडिया प्रेजेंटेड इन द पार्लियामेंट उस दिन को कहते हैं बजट डे बताइए वह दिन कौन सा है और हमारा हमारी फाइनेंस मिनिस्टर कौन है हां लेडी है एक तो लिखिए नाम अब बात करते हैं आगे बढ़ जाए हां टाइप करो तुम लोग यू पीपल टाइप इट तुम सब को लिखना है हां सब लोग लिखेंगे अगर पता है चुपचाप बैठना नहीं है साथ में क्लास में पार्टिसिपेट करना है ठीक है क्योंकि आपके पार्टिसिपेशन से ये क्लास लवली हो जाता है बहुत सारे सुपर आंसर मुझे दिख रहे हैं मैं पढ़ूं क्या आंसर हां मैं आंसर देख लेता हूं अभी देख लेता हूं तो मैं देख पा रहा हूं कि आप लोगों ने आंसर लिखा है बहुत तेजी से आंसर लिख रहे हैं एकदम बुलेट की स्पीड से आंसर भाग रहा है मैं चेक करने जा रहा था कि आपने क्या-क्या लिखा है तो मैं देख रहा था कि लिखा है निर्मला सीतारमन एब्सलूट राइट आंसर है और मैंने पूछा था व्हेन इज द बजट डे आप सबने लिखा है फर्स्ट फरवरी यू पीपल आर रियली ऑसम हां आप सब जबरदस्त है नो डाउट इन इट अन डाउटेड तभी मैंने तुम्हारा नाम सुपरस्टार रखा था हा ना सही रखा था ना क्योंकि आप सुपर से भी ऊपर हो चलिए बात करते हैं फाइनेंस ऑफ द गवर्नमेंट की तो कैबिनेट ही डिसाइड करती है गवर्नमेंट के खर्चे गवर्नमेंट को जो खर्चे कैबिनेट अप्रूव करेगी वही गवर्नमेंट ही खर्चे कर पाएगी अब वो चाहे रोड रेलवे किसी के भी खर्चे हो कौन डिसाइड करता है कैबिनेट देश में जो मनी बिल आता है मनी बिल बिल्स रिलेटेड टू टैक्स रेवेन्यू मनी मैटर इज कॉल्ड एज मनी बिल ये भी पार्लियामेंट में इशू करने के लिए कैबिनेट ही परमिशन देती है ठीक है क्योंकि मनी मतलब टैक्स तो देश में अगर कोई भी टैक्स लग रहा है तो बिना कैबिनेट के अप्रूवल के वो नहीं लग सकता कैबिनेट जब अप्रूव करेगी तो वह पार्लियामेंट में पेश होगा और कहां पेश होगा बताइए किस हाउस ऑफ द पार्लियामेंट में मनी बिल पेश होता है तुमको लिखना है च हाउस कैन कैन इनिशिएटिव हाउस ऑफ द पार्लियामेंट कैन इनीशिएट और प्रेजेंट द मनी बिल बताइए जल्दी से बताइए और मनी बिल मनी बिल 14 दिन तक ही उस हाउस में रुकता है 14 दिन बाद वह बिल वह बिल पास मान लिया जाता है एक बार मनी बिल पहुंच गया आंसर मुझे दिख रहा है मैं छोटी सी स्क्रीन पर सामने देख रहा हूं हां मैंने कहा था जल्दी हम लोग स्क्रीन बड़ी कर लेंगे और तब मैं अच्छे से पढ़ पाऊंगा अभी दूर से देखता हूं तो मुझे अपने कंप्यूटर की स्क्रीन पर दिखाई देता है या या पास में मैंने क्या कर रखा है मैंने पास में य प स्क्रीन पर क्या रखा है य मोबाइल रखा हुआ है हां मैं तुम लोग के सारे आंसर देख रहा हूं कि मेरे सुपर स्टार्स में से कौन-कौन है जो रियली आर ओपी यस माय सुपर स्टार्स मैं देख पा रहा हूं कि आप लोग जबरदस्त तरीके से आंसर दे रहे हैं और मैं स्क्रीन पर आपके साथ हूं मैं एक एक पल तुम लोग को नोट कर रहा हूं वहां पर तो अगर आपने लिखा क्या लिखा कि लोकसभा कैन इनिशिएटिव लोकसभा में ही इनिशिएटिव को 14 दिन तक कितने 14 14 डे तक होल्ड कर सकती है और उसके बाद वो चाहे तो अमेंडमेंट करना चाहती हो चाहे तो उसको रिजेक्ट करना चाहती हो कुछ भी होगा नहीं कुछ भी होगा नहीं क्योंकि राज्यसभा की उसम सुनी नहीं जाती है इट इज अजूम टू बी पास्ड बाय द राज्यसभा इफ इट इज नॉट इवन पास्ड इन द 14 डेज समझ में आया राज्यसभा चाहे तो अमेंड या रिजेक्शन कर सकती है लोकसभा उसको मानती नहीं है मान लिया जाता है कि वो बिल क्या हो गया पास हो गया है बात समझ में आ गई ना तो इससे पता चलता है कि लोकसभा के पास एक्सक्लूसिव पावर है मनी बिल के मामले में और कैबिनेट के पास पावर है इसका मतलब बात करेंगे इमरजेंसी पावर तो देश में अगर इमरजेंसी घोषित करनी है देश में सारे फंडामेंटल राइट्स कुछ दिनों के लिए सस्पेंड कर देने हैं हुआ भी था 1971 में हुआ था 1964 में हुआ था तो जब देश प पे अटैक हो गया है हां इंडिया चाइना वॉर हो गया है इंडिया पाकिस्तान वॉर हो गया है हुआ भी था तीन बार मैंने बताया था इंडिया पाकिस्तान वॉर हुआ था इन दिनों में क्या हुगा देश में इमरजेंसी लागू हो गई तो इमरजेंसी कौन डिक्लेयर करेगा आप कहेंगे सर प्रेसिडेंट करेगा सही है पर इमरजेंसी प्रेसिडेंट को कौन बोलेगा डिक्लेयर करने के लिए तो ये कैबिनेट बोलेगी जब तक कैबिनेट लिख के नहीं देगी प्रेसिडेंट को लिख के नहीं देगी प्रेसिडेंट को कि देश में इमरजेंसी घोषित करिए तब तक प्रेसिडेंट नहीं करेगा हां तो कर प्रेसिडेंट जरूर रहा है अनाउंस अनाउंस प्रेसिडेंट कर रहा है पर बोल कौन रहा है प्रेसिडेंट को लिख के कौन दे रहा है ऑर्डर कौन दे रहा है कैबिनेट एंड प्रेसिडेंट कैन नॉट डिनायर्स रिमेंबर प्राइम मिनिस्टर और कैबिनेट देश के रियल एग्जीक्यूटिव हेड्स है देश का पूरा काम वही सेला रहे हैं ठीक है और देश में मैंने कहा जो भी काम हो रहा है वह सब यही दोनों कर रहे हैं बात कर पोजीशंस की बात करते हैं पोजीशन की तो प्रेसिडेंट की पोजीशन क्या है मैंने कहा नॉमिनल हेड है सिर्फ नाम का नाम का सर्वोच्च पद है काम का सर्वोच्च नहीं है काम किसके पास है काम सारा प्रधानमंत्री के पास है तो रियल एग्जीक्यूटिव हेड ऑफ दी कंट्री इज प्रधानमंत्री समझ में आया बात करेंगे प्राइम मिनिस्टर और प्रेसिडेंट के क्या रिलेशंस है दोनों में कंपेयर करेंगे प्राइम मिनिस्टर प्रेसिडेंट ठीक है अब यह क्वेश्चन जो है आपको आ सकता है ठीक है यह क्वेश्चन इस चैप्टर का आ सकता है मैंने पहले ही कहा था मैं आपको हिंट देता जाऊंगा जो क्वेश्चन आएगा वो मैं आपको बता दूंगा क्या रिलेशन है प्राइम मिनिस्टर एंड प्रेसिडेंट के बीच में तो मैंने कहा प्रेसिडेंट के पास देखिए क्या है पावर है प्राइम मिनिस्टर को अपॉइंट्स हैंट इज एक्सरसाइज बाय द प्राइम मिनिस्टर तो प्रेसिडेंट के पास जो अथॉरिटीज हैं उसका यूज उसका यूज प्रेसिडेंट करता नहीं है करता कौन है प्रधानमंत्री करता कौन है प्रधानमंत्री क्योंकि प्रधानमंत्री इज द रियल एग्जीक्यूटिव एंड प्रेसिडेंट इज ओनली द नॉमिनल हेड सिर्फ नाम का नाम का क्या है सबसे ऊपर पद है पर काम का पद उसके पास नहीं है काम का पद तो प्रधानमंत्री के पास है तो प्रेसिडेंट का एडवाइजर कौन है देश का प्रधानमंत्री प्रेसिडेंट को जो एडवाइस देगा वही प्रेसिडेंट करेगा अब मीटिंग बुलानी है समन कर करना है सेशन को प्रयुक्त करना है मतलब सेशन का एंड करना है सेशन को बंद करना है यह भी कौन डिसाइड करेगा सब प्राइम मिनिस्टर डिसाइड करेगा प्राइम मिनिस्टर डिसाइड करेगा कि मेरे साथ कौन मंत्रालय में रहेगा मेरे साथ कौन-कौन मंत्री बनेगा मतलब मेरा फाइनेंस मिनिस्टर कौन होगा मेरा मेरा रोड मिनिस्टर कौन होगा मेरा डिफेंस मिनिस्टर कौन होगा कौन डिसाइड करेगा प्रधानमंत्री ही डिसाइड्स एंड ही अपॉइंट्स दी मेंबर्स एट दी कैबिनेट अपनी कैबिनेट को तैयार करना का पूरा पावर प्रधानमंत्री के पास है ठीक है यह सब मैंने कहा प्रधानमंत्री क्या करेगा इनको शपथ दिलवाए दिलवा कौन रहा है शपथ मैंने कहा प्रेसिडेंट पर किसके कहने पे प्राइम मिनिस्टर के कहने पे और ही एडवाइसेज द प्रेसिडेंट फॉर द अपॉइंटमेंट ऑफ अदर इंपॉर्टेंट पोस्ट्स मैंने कहा था देश की और बड़ी-बड़ी जितनी भी पोस्ट है देश की जितनी भी बड़ी-बड़ी पोस्ट है वो सब जैसे जजेस ऑफ द सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट य सब सब सब कौन अपॉइंटमेंट अपॉइंट्स अपॉइंटमेंट एंड कैबिनेट के कहने पर ऑन दी एडवाइज ऑफ दी प्राइम मिनिस्टर एंड द कैबिनेट ठीक है बात समझ में आ गई प्राइम मिनिस्टर लिंक है देखिए काउंसिल ऑफ मिनिस्टर ने जो डिसीजन लिया काउंसिल ऑफ मिनिस्टर ने जो फैसला लिया ये फैसला प्रेसिडेंट तक कौन पहुंचाएगा तो काउंसिल का फैसला प्रेसिडेंट तक पहुंचाने की जि दारी किसके पास है प्राइम मिनिस्टर प्राइम मिनिस्टर इन दोनों के बीच के लिंक का काम करता है समझ में इन दोनों के बीच का क्या है टेलीफोन कनेक्शन है इनका इनका टेलीफोन कनेक्शन है समझ में आया बात समझ में आ गई नेक्स्ट आता है प्राइम मिनिस्टर और कैबिनेट का क्या रिलेशन है तो प्राइम मिनिस्टर और कैबिनेट का क्या रिलेशन है इंपॉर्टेंट मैं अभी क्या बता रहा हूं आपको इंपॉर्टेंट क्वेश्चन बता रहा हूं यह क्वेश्चन आपको करना है मिस मत करिएगा मैंने पहले ही कहा था आज का सेशन वेरी वेरी इंपोर्टेंट है आपको ना सिर्फ चैप्टर बताऊंगा आपको बताऊंगा कि क्या टॉपिक जिसको आपको मिस नहीं करना है या टॉपिक जहां-जहां इंपॉर्टेंट बोलूंगा आप समझ जाइएगा कि इसको आप लिख लीजिए याद कर लीजिए ठीक है क्योंकि उसपे क्वेश्चन बनेंगे बात कर रहा था कि प्राइम मिनिस्टर और कैबिनेट का क्या रिलेशन है तो प्राइम मिनिस्टर अपने पूरी कैबिनेट का लीडर है याद रखिएगा प्राइम मिनिस्टर रिजाइन कर देगा ध्यान से सुनिए प्राइम मिनिस्टर ने रिजाइन कर दिया तो सारे मिनिस्टर सारे कैबिनेट मिनिस्टर की रेजिग्नेशन हो गई खत्म सारे लोग खल्लास समझ में आया पर अगर इमेजिन करिए डिफेंस मिनिस्टर ने रिजाइन कर दिया डिफेंस मिनिस्टर के रिजाइन करने से क्या होगा कोई बात नहीं है सिर्फ डिफेंस मिनिस्टर ही जाएंगे नया व्यक्ति कोई और डिफेंस मिनिस्टर बना लिया जाएगा बात समझना मेरी बात को ठीक है तो पावरफुल कौन है पावर किसके पास है प्रधानमंत्री के पास है प्रधानमंत्री ही उनको पोर्टफोलियो लोकेट करता है और जब चाहता है उनकी पोजीशंस को री शफल कर सकता है अ प्रधानमंत्री चाहता है हां हमारे प्रधानमंत्री चाहते हैं कि अब रोड मिनिस्टर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर क्या हो जाएं डिफेंस मिनिस्टर बन जाए और डिफेंस मिनिस्टर रोड मिनिस्टर बन जाए एकदम हो जाएंगे एकदम एकदम हो जाएंगे उनके पोर्टफोलियोस को सफल करने का पावर प्राइम मिनिस्टर के पास है प्राइम मिनिस्टर ही मिनिस्टर्स को सेलेक्ट करता है और उनको चल जा तू घर जा और डिस्मिस कर सकता है चाहे तो अपना मंत्री बनाए और चाहे तो उनको नमस्ते करके वापस उनके घर भेज दे तो तो पॉइंट एंड डिस्मिस दोनों कौन कर सकता है प्राइम मिनिस्टर अलग-अलग अलग-अलग पॉलिसीज जो देश की बन रही है उनका ऑर्डर जारी करना कि कौन सी पॉलिसी बनेगी इन पॉलिसीज पे नजर रखना ये काम प्राइम मिनिस्टर का है जैसे फार्मर्स के प्रति देश की क्या नीति होगी एक्सटर्नल कंट्रीज जैसे पाकिस्तान के साथ अमेरिका के साथ हमारे कैसे रिश्ते होंगे इन सब पॉलिसीज को कौन डिटरमाइंड करेगा जवाब है प्रधानमंत्री डिटरमाइंड करेगा समझ में आया प्राइम मिनिस्टर ही करता है एंड लास्ट प्राइम मिनिस्टर का रेजिग्नेशन सबका रेजिग्नेशन रिलेशन बिटवीन प्राइम मिनिस्टर एंड कैबिनेट देखा अब देख रहे हैं प्राइम मिनिस्टर जब पार्लियामेंट के अंदर रहता है तो वह लीडर ऑफ लोकसभा होता है क्योंकि प्राइम मिनिस्टर खुद कौन है प्राइम मिनिस्टर एक इलेक्टेड रिप्रेजेंटेटिव है चुना हुआ प्रतिनिधि है किसने इलेक्ट किया प्राइम मिनिस्टर को अरे नहीं सर मैंने नहीं इलेक्ट किया है मैं अपनी तरफ दिखा रहा था यह बताने के लिए कि हमारे देश में डायरेक्ट इलेक्शन हो होता है किसका प्राइम मिनिस्टर का वो कैसे मैंने कहा प्राइम मिनिस्टर पहले मेंबर ऑफ लोकसभा बनता है लोकसभा के मेंबर को जो मेजॉरिटी पार्टी होती है उसमें से चुन लिया जाता है समझ में आया तो लीडर ऑफ द लोकसभा कौन है मैंने कहा प्राइम मिनिस्टर जो भी मेजॉरिटी पार्टी होगी जिस पार्टी के पास सबसे ज्यादा सीट होगी मैंने मेजॉरिटी बताया था हाफ से ज्यादा हाफ से ज्यादा हाफ से एक ज्यादा भी हो गया तो ज्यादा हो गया ठीक है तो उस सीट का लीडर बन जाएगा प्राइम मिनिस्टर प्राइम मिनिस्टर गवर्नमेंट का स्पोक्समैन है तो इसका मतलब है जब भी न्यूज़ देखते हैं आप जब भी न्यूज़पेपर खोलते हैं आप अरे एक ही आदमी बार-बार दिखाई देता है और वो है देश का प्राइम मिनिस्टर क्योंकि सारी पॉलिसी का अनाउंसमेंट कौन करता है हां आप आप देखिए कोई भी चैनल खोल के देखिए न्यूज़ वाला कोई चैनल खोल के देखिए जहां देखेंगे वहां प्रधानमंत्री भाषण दे रहे होंगे कहीं ना कहीं खड़े होंगे किसी नेता के साथ क्यों क्योंकि वही है हमारे देश के स्पोक्स पर्सन गवर्नमेंट को रिप्रेजेंट करते हैं वही वही वाचन देते हैं वही देते हैं और अगर गवर्नमेंट ने कोई पॉलिसी बनाई है तो उस पॉलिसी का वह सपोर्ट करते हैं कोई टैक्स कोई लॉ बनाया कोई कानून बनाया तो प्रधानमंत्री उस कानून का सपोर्ट करते हैं हां अपने बनाए कानून का अपने मेंबर्स के बनाए कानून का प्रधानमंत्री पूरी पुरजोर सपोर्ट करते हैं नहीं तो कमजोर पड़ जाएंगे ना एंड लास्ट क्या करते हैं किसी भी कंट्रोवर्शियल इशू हो किसी भी झगड़ा चल रहा हो किसी में बहस चल रही हो जैसे आजकल किसान आंदोलन चल रहा है तो प्रधानमंत्री खुद आ इसमें क्या करते हैं अपनी टिप्पणी देते हैं अपने अपने पॉइंट्स रखते हैं ठीक है अब प्रधानमंत्री देश का लीडर है तो मैंने कहा देश को रिप्रेजेंट करता है प्रधानमंत्री अपोजिशन पार्टीज का सपोर्ट लेता है जब देश में वॉर होता है क्योंकि वह देश का क्या है लीडर है और प्रधानमंत्री डिसाइड करता है कि किस देश के साथ कैसे हमारे रिलेशन है किस देश से दोस्ती रखनी है और किस देश से कट्टी करनी है हां किस देश से एनीमिटी रखनी है और किस देश से फ्रेंडशिप रखनी है यह सारा डिसीजन किसके हाथ में है प्राइम मिनिस्टर के हाथ में है याद रखिएगा हमारे देश में एक एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर होता है कौन एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर ये फॉरेन मिनिस्टर हमारे देश का है दूसरे देश के साथ हमारे क्या है टाइज को फॉरेन रिलेशंस को मेंटेन करता है आपको उसका नाम बताना है नेम दी नेम दी फॉरेन मिनिस्टर ऑफ इंडिया या मिनिस्टर ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स नाम बताइए बहुत ही प्रसिद्ध नाम है लिखिए ये भी एक कैबिनेट मिनिस्टर है हमारे देश का नेम दी एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर या मिनिस्टर ऑफ फॉरेन अफेयर्स बताइए लिखिए हां तो देश की फॉरेन पॉलिसी को बहुत इंपोर्टेंट रेगुलेट करता है प्राइम मिनिस्टर क्या करते हैं प्राइम मिनिस्टर इंटरनेशनल फोरम्स में जाते हैं हां विश्व के बड़े-बड़े मंचों ब जाते हैं जैसे यूनिसेफ का मंच हो गया ू का मंच हो गया यूएन हो गया वहां खुद प्राइम मिनिस्टर जाते हैं वर्ल्ड बैंक की मीटिंग हो गई वहां खुद प्राइम मिनिस्टर जाते हैं और भारत को जाकर के रिप्रेजेंट करते हैं वंदे मातरम वहां जाकर भारत का झंडा बुलंद करके आते हैं हां भारत को वो रिप्रेजेंट करते हैं इंडिया को रिप्रेजेंट करते हैं याद रखिएगा भारत का नाम वहां पर ऊंचा रखने देते हैं ठीक है ध्यान दीजिएगा अच्छा देश में जो भी जो भी कह रहे हैं ना प्राइम मिनिस्टर बनेगा जो भी देश में प्राइम मिनिस्टर बनेगा वह चेयरमैन ऑफ दी नीति आयोग बन जाएगा क्या क्या क्या बन जाएगा चेयरमैन ऑफ द नीति आयोग तो ये सर नीति आयोग क्या होती है मुझसे पूछ रहे हैं आप नीति आयोग क्या होती है हां पहले तुम बताओ कि फॉरेन मिनिस्टर में कितने लोगों ने लिखा कितने लोगों ने लिखा कि हमारे देश का फॉरेन मिनिस्टर एस जय शंकर है बताइए एस जय शंकर कितने लोग लिख रहे हैं अरे बाप रे यहां तो लाइन लगी हुई है एस जयशंकर की हां एक बुलेट की गति से एस जयशंकर ऊपर भाग रहे हैं मेरी स्क्रीन पे मैं सिर्फ देख पा रहा हूं छोटा सा न्य दनादन दे दनादन यस सुपर वेल डन बहुत बढ़िया अब मेरा क्वेश्चन है कि जो भी देश का प्रधानमंत्री होगा जो भी देश का प्रधानमंत्री होगा वह चेयरमैन ऑफ नीति आयोग बन जाएगा ये नीति क्या होती है एन आई टी आई ये क्या है भाई फुल फॉर्म बताओ हां हमारे देश में फाइव ईयर प्लांस बनते थे पहले फाइव ईयर प्लांस बनते थे मोदी जी आए और इन्होंने फाइव ईयर प्लांस को बंद कर दिया और उसका नाम चेंज कर दिया एनआईटी आई नीति आपको बताना है तुमको बताना है यह नीति आयोग क्या है तो जो भी देश का प्रधानमंत्री होगा उसका अपने आप क्या बना जाएगा उसको नीति आयोग का चेयरमैन बना दिया जाएगा और हमारे देश की एटॉमिक एनर्जी कमीशन के भी हेड कौन होंगे देश के प्रधानमंत्री होंगे ये दोनों बड़ा ऊंचा पद है यह सिर्फ देश के प्रधानमंत्री के पास है और किसी के पास नहीं है याद रखिएगा अगर आपने नीति का फुल फॉर्म लिखा नीति का फुल फॉर्म क्या लिखा जल्दी बताइए नीति का नेशनल क्या लिखा नीतिका बहुत बढ़िया नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया सुपर वंडरफुल कौन लिख रहा है मेरे सुपरस्टार एकदम बेहतरीन अगर आपने य लिखा आपको पता होना चाहिए हमारे देश में नीति आयोग देश के लिए लॉन्ग टर्म एंड मीडियम टर्म प्लांस बनाता है जो डिसाइड करता है देश के लॉन्ग टर्म गोल्स क्या होंगे क्याक इंफ्रास्ट्रक्चर ट होगा क्याक एरिया में इंडिया क्या करेगी गोल्स बनाएगी अपने हां यह कौन बनाता है नीति आयोग बनाता है मीडियम टर्म से लॉन्ग टर्म गोल मतलब आने वाले 5 साल 10 साल आगे हम भविष्य के लिए क्या करते हैं अपनी तैयारी करते हैं इसका हेड कौन है प्रधानमंत्री याद रखिएगा आइए क्या अनलिमिटेड पावर है इनके पास क्या प्राइम मिनिस्टर के पास जवाब है नहीं नहीं प्रधानमंत्री को भी लोग धो डालते हैं हां मीडिया धो डालती है जब देखिए तब प्रधानमंत्री की बुराई लिख सकती है और लोग ंडे बाज है ना नारा लगा सकते हैं उनके खिलाफ बोल सकते हैं उनके एक्शंस के खिलाफ तो प्राइम मिनिस्टर भरी लीडर मेजॉरिटी पार्टी है वो तब तक मेजॉरिटी पार्टी में बना रहेगा जब तक उसके पास सपोर्ट ऑफ मेजॉरिटी है मतलब जिस दिन जिस दिन मेजॉरिटी से लोग हट गए और क्या होगा उस दिन उसकी छुट्टी हो जाएगी मतलब अगर लोगों ने सपोर्ट करना छोड़ दिया प्रधानमंत्री को तो छुट्टी नमस्ते नमस्ते हां कोलिशन जब गवर्नमेंट बनती है जब कुछ पार्टी मिलकर के सरकार चलाती है उसे कहते हैं कोलिशन गवर्नमेंट जब किसी एक पार्टी के पास मेजॉरिटी नहीं आ पाता है तो कई सारी पार्टीज मिलकर के सरकार चलाती है जैसे आजकल है जैसे एनडीए आजकल है एनडीए इज एनडीए इज नेशनल डिफेंस अकेडमी नहीं नहीं एनडीए नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस ठीक है यह वो पार्टी ये वो ग्रुप है जिसमें प्रधानमंत्री क्या है बीजेपी क्या है इसकी पार्टी है इसमें और भी मर्जस में तो यह लोग क्या करते हैं ये लोग मिल कर के अपना प्रधानमंत्री चुनते हैं ठीक है अपोजिशन पार्टी क्या करती रहती है प्रधानमंत्री को क्रिटिसाइज करती है एक टॉपिक आता है वेरी इंपोर्टेंट टॉपिक आ रहा है इंपोर्टेंट टॉपिक आ रहा है कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी शॉर्ट नोट के लिए आ रहा है सर कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी मैंने क्या कहा था मैं बीच-बीच में इंपॉर्टेंट बताता रहूंगा अगर साथ दे रहे हो तो तुम्हारा पेपर तुम्हारी मुट्ठी में आ जाएगा अगर पूरा सुनोगे तो सारा पेपर यही हो जाएगा ठीक है और कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी क्या है आर्टिकल 75 आर्टिकल 75 क्लॉज थ आर्टिकल 75 क्लॉज थ ऑफ कांशन कहता है कि मिनिस्ट्री क्या मिनिस्ट्री हैज द पावर टू फंक्शन इफ एंड इफ दे हैव द मेजॉरिटी सपोर्ट इसका मतलब है कोई भी मंत्रालय कोई भी मिनिस्टर के पास काम करने का अधिकार है पर कब तक जब तक उनके पास सपोर्ट वोट ऑफ मेजॉरिटी है इसका मतलब यह आया कि अगर मेजॉरिटी से कुछ लोग छोड़ के चले गए तो नमस्ते तब हो जाएगा वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस तो तब तक आप पार्लियामेंट पे मिनिस्टर बने हुए हैं तब तक जब तक तुम सारे लोग मिलकर के क्या कर रहे हो अपोजिशन का सामना कर रहे हो तो अगर हम अपोजिशन का मिल कर के सामना करें उनके क्वेश्चंस का जवाब दें उनके वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस को पास ना होने दें इसका नाम रखा गया क्या है कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी समझ में आया हम सब मिलके जिम्मेदार हैं इस शब्द को क्या बोलोगे इसी शब्द को बोलोगे कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी बात समझ में आई कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी क्या कहती है कहती है कि जो भी डिसीजन लिया गया है कैबिनेट में सारे मंत्री उसको मानेंगे ऐसा नहीं है कि मैं कहूंगा नहीं नहीं नहीं हो सकता है इंडिविजुअली मैं नापसंद करता हूं मेरे कैबिनेट का मैं अगर कैबिनेट का मंत्री नहीं हूं मैं काउंसिल ऑफ मिनिस्टर हूं तो मुझे वही मानना है जो मेरा कैबिनेट कह रहा है मैं कैबिनेट से अलग डिसीजन नहीं ले सकता समझ में आया और क्या होगा मिनिस्टर्स सारे मिलकर के गवर्नमेंट की पॉलिसीज का फेवर करते हैं अगर गवर्नमेंट ने कोई डिसीजन ले लिया मतलब कैबिनेट मिनिस्टर डिसीजन ले लिया सारे लोग उसका फेवर करेंगे सारे लोग उसको सपोर्ट करेंगे ध्यान दीजिएगा क्या कहना चाहते हैं दे वर्क एज अ टीम एंड सपोर्ट एंड डिफेंड द गवर्नमेंट पॉलिसीज गवर्नमेंट ने जो पॉलिसी बनाई गवर्नमेंट के जो जो नियम बनाए सब लोग सपोर्ट करेंगे भली ही हम अंदर से हो सकता है उसके पक्ष में नहीं हो समझ में आया क्या कहते हैं अब आता है अ वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस इसका मतलब तो मैंने पहले भी बताया है कि अगर वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस पास हो गया किसी एक मिनिस्टर के खिलाफ भी पूरी मिनिस्ट्री के खिलाफ नहीं किसी एक मिनिस्टर के खिलाफ वो मिनिस्टर नहीं जाएगा पूरे मिनिस्टर्स सब रिजाइन कर जाएंगे इसीलिए वोट ऑफ नो कस पास नहीं होने देते उन लोग तो यह सब जिम्मेदारी किसकी है कलेक्टिव जिम्मेदारी हम सबकी हां सारे काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की जिम्मेदारी है कि वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस पास ना होने देना क्योंकि मेजॉरिटी उनके पास है समझ में आया एक और रिस्पांसिबिलिटी होती है जिसको कहते हैं इंडिविजुअल रिस्पांसिबिलिटी शॉर्ट नोट का क्वेश्चन बन सकता है कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी और इंडिविजुअल रिस्पांसिबिलिटी जैसे एक मिनिस्टर ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट है कौन है नितिन जयराम रमेश जी नाम सुना है आपने हां यह हमारे देश के क्या है मिनिस्टर ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट है तो रोड खराब बन रहे हैं रोड प टोल टैक्स लगाया जा रहा है और या कोई समस्या आ रही है कोई भी समस्या आ रही है तो क्या किया जाएगा जी नितिन जी बताइए क्यों रोड खराब बन रही है पुल क्यों टूट रहे हैं आप क्या कर रहे हैं कौन पूछेगा अपोजिशन वाले और उसको खुद क्या करना पड़ेगा उसका जवाब देना पड़ेगा तो इसका मतलब है जो मिनिस्टर जो पोर्टफोलियो होल्ड करते हैं जिस पद को वो होल्ड करते हैं उससे जुड़े सारे मैटर्स के लिए वो इंडिविजुअल रिस्पांसिबल है हर मिनिस्टर को आंसर देना पड़ेगा पार्लियामेंट में किस बारे में अपने मंत्रालय के बारे में अपने कंट्रोल के डिपार्टमेंट के बारे में कि उस डिपार्टमेंट में क्या हो रहा है अब रेलवे का एक्सीडेंट बहुत हो रहा है आए दिन रेलवे क्या हो जा रही है एक्सीडेंट कर जा रही है बहुत लोग मर जा रहे हैं तो अब रेलवे मिनिस्टर से पूछा जाएगा रेलवे मिनिस्टर पूछा क्यों भैया क्या कर रहे हो रेलवे की सुरक्षा का क्या किया तुमने इतने लोग मर गए क्या किया आपने बताइए अब रेलवे मिनिस्ट र को तो जबरदस्त क्या करेंगे हां जबरदस्त झटके लगेंगे और उनको जवाब देना पड़ेगा कि उन्होंने क्या किया क्या-क्या कमी रह गई पार्लियामेंट में आंसर देना पड़ेगा तो इसका मतलब है इट इज कंपलसरी फॉर द मिनिस्टर टू आंसर द क्वेश्चंस आंसर द क्वेश्चंस आस्क बाय द एमपीज किसके बारे में अकॉर्डिंग टू देयर ओन डिपार्टमेंट तो रेलवे का जवाब कौन देगा प्रधानमंत्री तो देंगे रेलवे वाला मंत्री देगा भाई तो जो भी जिस भी मिनिस्ट्री को होल्ड कर रहा है उसके लिए व इंडिविजुअली जिम्मेदार है हां बाकी सब लोग उसके सपोर्ट में थप थप थप थप मेज पीट तारीफ करेंगे ताली बजाएंगे स्वागत करेंगे यह हो सकता है पर जवाब कौन देगा जवाब तो तनू देना पड़ेगा हा साडे नाल जवाब त ही दोगे क्योंकि मैं डे लाल पूछ रासी मतलब जब मैं तुमसे पूछ रहा हूं तो जवाब तो तुम ही दोगे हां इंडिविजुअली देना पड़ेगा आइए नेक्स्ट चैप्टर की बात करते हैं वेरी वेरी वेरी इंपोर्टेंट चैप्टर हां व वेरी वेरी वेरी इंपॉर्टेंट चैप्टर बता दिया तो इस चैप्टर को तो छोड़ना भी मत इस चैप्टर को तो लॉन्ग के लिए करना ही पड़ेगा शॉर्ट लॉन्ग और वेरी लॉन्ग सब करना है इसमें से सुप्रीम कोर्ट द अपेक्स द टॉप मोस्ट है ना द टॉप मोस्ट जुडिशियस कोर्ट अगर हम कहे कि भारत में ध्यान से सुनिए भारत में सबसे ऊपर कोर्ट में अगर कौन है तो आपका जवाब हमेशा होना चाहिए सुप्रीम कोर्ट है तो हमारे देश में जुडिशरी देखिए गवर्नमेंट के तीन डिपार्टमेंट्स होते हैं तीन ऑर्गन्स ऑफ द गवर्नमेंट होते हैं पहला लेजिस्लेटिव जिसको हम लॉ मेकिंग बॉडी कहते हैं दूसरा एग्जीक्यूटिव जो लॉ को इंप्लीमेंट कराता है और तीसरा एग्जीक्यूटिव जुडिशरी जो फैसला सुनाता है तीन बता दिया तीन ऑर्गन्स बताया ठीक है बात कर रहे हैं जुडिशरी की तो हमारे देश में जुडिशरी में सबसे टॉप में आती है कौन सुप्रीम कोर्ट अब जुडिशरी जुडिशरी क्या करती है देश का कानून सुप्रीमेसी ऑफ लॉ एस्टेब्लिश करती है उसकी जिम्मेदारी है कि देश को कानून के हिसाब से चलाया जाए मतलब द कंट्री शुड बी गवर्न एज पर द लॉ ऑफ द लैंड जो देश का संविधान कहता है जो देश का कानून कहता है वही देश में होना चाहिए किसी मंत्री किसी प्रधानमंत्री के मन की बात नहीं चलेगी चलेगा तो देश में देश का कानून चलेगा यह करता है कौन यह करता है जुडिशरी जुडिशरी की यही जिम्मेदारी है क्या करना है लोगों के राइट्स की रक्षा करना है अगर कहीं डिस्प्यूट्स हो रहा है तो उस डिस्प्यूट्स को कानून के हिसाब से सॉल्व करना है एंड सबसे लास्ट देश में डेमोक्रेसी को मेंटेन करना है मतलब गवर्नमेंट ऑफ द पीपल गवर्नमेंट फॉर द पीपल एंड गवर्नमेंट बाय द पीपल देश में डेमोक्रेटिक गवर्नमेंट का सेटअप बचाए रखना है तो हमारे देश की जो जुडिशियस सिस्टम है उसे कहते हैं सिंगल इंटीग्रेटेड जुडिशरी क्या बोलते हैं इसको कई बार सिंगल इंटीग्रेटेड जुडिशरी इसका क्या मतलब है इसका मतलब है यह डायग्राम हमारे देश में जुडिशरी कैसी है टॉप पर देखिए सबसे ऊपर टॉप पर है सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के नीचे है हाई कोर्ट्स याद रखिएगा सुप्रीम कोर्ट देश में पूरे नेशन में पूरी कंट्री में सबसे ऊपर है उसके नीचे क्या है स्टेट्स में कौन है सबसे बड़ी कोर्ट स्टेट की सबसे बड़ी कोर्ट कौन सी है तो हाई कोर्ट और हर शहर में कोर्ट है हर शहर में कोर्ट है हम इसे कहते हैं डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स कहां है हर डिस्ट्रिक्ट में है तो जिस डिस्ट्रिक्ट में तुम रहते हो जिस डिस्ट्रिक्ट में तुम रहते हो जैसे मैं रहता हूं वारसी में तो वारना स के पास भी अपनी कोर्ट है हां इसको कचहरी हमारे यहां तो उसको कचहरी हिंदी वर्ड है कचहरी कोर्ट मतलब कचहरी कहते हैं तो डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सबसे नीचे हर डिस्ट्रिक्ट में यह होती है डिस्ट्रिक्ट कोट ठीक है तो इस तरीके से हमारे देश में क्या किया गया है जुडिशरी को तीन लेवल्स में जुडिशरी को तीन लेवल में बांटा गया है जुडिशरी के तीन लेवल है ठीक है और सुप्रीम कोर्ट क्या है इसकी हेड बनाई गई है सुप्रीम कोर्ट इसका हेड है और वही इस पूरे को कंट्रोल और इसको सुपरवाइज करता है ठीक है सारे देश का सिविल और क्रिमिनल सिस्टम पूरे देश का सिविल और क्रिमिनल सिस्टम कौन ऑपरेट कर रहा है एक सिंगल एक सिंगल जुडिशरी ऑपरेट कर रही है ध्यान दीजिएगा तो अब देश में सिंगल जुडिशरी की जरूरत क्यों है क्योंकि हमारे देश में भारत में क्या है लोगों के फंडामेंटल राइट्स की रक्षा करनी है कितने फंडामेंटल राइट्स हम लोग को मिले हैं व्हाट इज द नंबर ऑफ फंडामेंटल राइट्स इंडियन सिटीजंस हैव गॉट कितने फंडामेंटल राइट्स हमें मिले हैं आपको बताना है संख्या बतानी है नंबर बताना है बस नाम नहीं बताना है बताओ हमारे पास कितने फंडामेंटल राइट्स है तो यह फंडामेंटल राइट्स वो राइट्स होते हैं जिसके बिना हमारा जीवन मुश्किल हो जाएगा अगर ये राइट्स हमसे छीन लिए जाए यह राइट्स हमारे छीन लिए जाए तो हमारा जीवन दुर्गम या मुश्किल हो जाएगा तो फंडामेंटल राइट्स हमें कौन दे रहा है हमारी कांस्टिट्यूशन दे रहा है कहां लिखा फंडामेंटल राइट्स हमारे संविधान में लिखा है याद करिए कांस्टिट्यूशन 1946 में कंस असेंबली बनी थी याद है तो कितना लिखा अगर आप आंसर लिख रहे हैं छ तो हां अभी नया ऐड किया गया आप लोग कर शायद सातवा भी तो एस पर द ओल्ड रिकॉर्ड्स छ है एस पर द ओल्ड रिकॉर्ड छ ही है नया एजुकेशन वाला रिकॉर्ड जोड़ दिया गया है नया एजुकेशन वा जोड़ दिया गया है ठीक है छह फंडामेंटल राइट्स है एज पर दी ओल्ड रिकॉर्ड्स ठीक है तो अब आते हैं प्रोटेक्शन ऑफ दी सिवि राइट्स को बचाना यह किसकी जिम्मेदारी है कोर्ट्स की जिम्मेदारी है और क्या करना है हमारा देश एक फेडरल गवर्नमेंट है तो इसमें स्टेट और सेंट्रल गवर्नमेंट में डिस्प्यूट हो सकता है क्योंकि दोनों को क्या माना गया है सुप्रीम माना गया है जो पावर स्टेट के पास है वह सेंट्रल अप्लाई नहीं कर सकता तो इसीलिए ताकि उनमें कोई कॉन्फ्लेट या क्या झगड़ा ना हो और हो तो उसको सॉल्व कौन करेगा यह सुप्रीम कोर्ट इसीलिए इंटीग्रेटेड जुडिशरी बनाई गई है हमारा भारत जो है ना विविधता का देश है डाइवर्सिटी का देश है तो इस डाइवर्सिटी को मेंटेन करने में सुप्रीम कोर्ट क्या करता है मदद करता है बात करते हैं सुप्रीम कोर्ट की तो सुप्रीम कोर्ट के जो सबसे टॉप मोस्ट जज होते हैं उसे कहते हैं चीफ जस्टिस द टॉप मोस्ट जज ऑफ द सुप्रीम कोर्ट इज कॉल एज चीफ जस्टिस और चीफ जस्टिस का नाम आप लिख रहे हैं लिखिए व्हाट इज हु इज दी हु इज दी करंट चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया अभी लिखिए करंट चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मैं नाम पढ़ने वाला हूं आप में से कितने लोग लिख रहे हैं देखिए कौन है भारत का चीफ जस्टिस करंट चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया तो चीफ जस्टिस कौन है सुप्रीम कोर्ट का टॉप मोस्ट जज ठीक है जो क्योंकि एक जज अकेले नहीं चलाता है देखिए ध्यान से ये रहा सेटअप ये है सेटअप देखिए ध्यान से सुप्रीम कोर्ट में ऐसे जज चलते हैं देखिए इसमें सेंटर में एक जज बैठता है यहां पर एकदम सेंटर प जज बैठता है यहां कटघरा बना होता है कटघरा य पीपल नो ना यह बॉक्स टाइप का बना होता है यहां पर यहां पर अपराधी लोग खड़े होते हैं यहां पर विक्टिम्स खड़े होते हैं यहां पर क्रिमिनल्स खड़े होते हैं क्रिमिनल एंड विक्टिम्स यहां पर खड़े होते हैं है ना देखा ही होगा फिल्मों में तो देखा ही होगा यहां पर बैठे होते हैं मेंबर ऑफ जूरी यहां पर बैठते हैं मेंबर ऑफ जूरी समझ में आया ये कितने होते हैं हमारे देश में न मोर देन 33 कितना मैक्सिमम बनाया गया है नॉट मोर देन 33 चीफ जस्टिस कहां बैठते हैं यहां पर चीफ जस्टिस सबसे ऊपर बैठते हैं चीफ जस्टिस सबसे ऊपर बैठते हैं और यह नीचे बैठते हैं ठीक है यहां बैठेंगे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया क्या लिखा अगर आपने लिखा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इ इ क्या लिखा नया नाम कौन है चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया आइए देखें कितने लोग लिख रहे हैं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कौन है अभी करंट चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना संजीव खन्ना लिखने वाले सारे लोगों को अ बिग ब्लेसिंग्स एंड लव यू बहुत बढ़िया संजीव खन्ना जी हमारे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया हैं बहुतों ने एकदम एप्रोप्रियेट कोर्ट का सुप्रीम कोर्ट का है और बाकी मेंबर्स मैंने कहा कितने हैं मैक्सिमम नंबर कितने 33 तो ये नंबर ऑफ मेंबर्स कितने हैं 33 जो मेंबर ऑफ जूरी कहलाते हैं क्या यह नंबर फिक्स है हां ये नंबर चेंज हो सकता है पर पार्लियामेंट के डिसीजन के बाद पार्लियामेंट इस नंबर को चेंज कर सकती है तो ये चीफ जस्टिस आता कैसे है तो मैंने कहा चीफ जस्टिस के लिए जो सीनियर मोस्ट जज होगा ध्यान से सुनिए जो सीनियर मोस्ट जज होगा सुप्रीम कोर्ट का उसे बनाया जाए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मतलब चीफ जस्टिस बनाने का क्या नियम है जो जजों में भी सबसे सीनियर जज है सबसे उमर दराज है याद रखिएगा एज इज इंपॉर्टेंट सीनियर मोस्ट जज को बना दिया जाएगा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया याद रखिए अच्छा अपॉइंटमेंट के लिए क्या-क्या तरीका है अगर आप जज बनना चाहते हैं हां अगर तुम्हारी भी इच्छा है क्या तुम में से कोई बनना चाहता है जज क्या तुम में से कोई जज बनना चाहता है बड़े सम्मान की पद होता है जज तो तुम लोग को क्या करना पड़ेगा यह पूछ रहा है मुझसे तो तुम लोगों को क्लट नाम का एग्जाम देना पड़ेगा क्या क्लट नाम का एग्जाम देना पड़ेगा लीगल सर्विसेस नाम का एक एग्जाम होता है उसको क्वालीफाई करना पड़ेगा क्लट में लीगल सर्विसेस नाम का पेपर होता है उसको क्वालिफाई करना पड़ेगा और लॉ कॉलेज में जवाइन क्या लॉ कॉलेज को जवाइन करना पड़ेगा वहां पर क्या करना पड़ेगा तुम्हें एलएलबी नाम का सब्जेक्ट पढ़ना पड़ेगा कौन सा सब्जेक्ट एलएलबी एलएलबी कितने साल का सब्जेक्ट होता है एलएलबी होता है 4 साल का सब्जेक्ट जिसमें 4 साल तक आपको इसकी पढ़ाई करनी होती है इसके ऊपर भी करना चाहो तो आप एलएलएम भी कर सकते हो ठीक है तो इस तरीके से आप क्या बन सकते हो इस सब्जेक्ट के मास्टर बन सकते हो फिर उसके बाद क्या करना पड़ेगा अगर आपको क्वालिफिकेशन चाहिए जज बनने की तो आइए हां पहले तो तुम्हें भारत का नागरिक होना चाहिए तुम तो हो ही दूसरा तुम्हें 5 साल एज अ जज ऑफ हाई कोर्ट काम करना पड़ेगा सर हां पहले जज ऑफ हाई कोर्ट बनो तभी तो सुप्रीम कोर्ट बनोगे और या तो तुम्हें 10 साल तक कोई एडवोकेट होना चाहिए क्या चीज तुम 10 साल तक वकील हो एडवोकेट मतलब होता है अ प्रैक्टिसिंग लॉयर जो लॉयर क्या करता है हां वकालत का काम करता है उसे कहते हैं एडवोकेट कम से कम कितना 10 साल तक और लास्ट में तुम प्रेसिडेंट की नजर में एक डिस्टिंग्विश जूरिस्ट हो प्रेसिडेंट तुम्हें एक एक एक महान जूरी का मेंबर मानता है इन केसेस में तुम्हें बना दिया जाएगा इन केसेस में तुम्हें क्वालीफाई मान लिया जाएगा फॉर द जज ऑफ दी सुप्रीम कोर्ट बात समझ में आया और कौन बनेगा तो मैंने कहा जज ब बनाने के लिए क्या तरीका है जो भी जज बनाना है उसके लिए क्या रूल फॉलो करना पड़ेगा रूल बहुत सिंपल है जज बनाने के लिए प्रेसिडेंट अपॉइंट्स दें अपॉइंट्स हैंट हु अपॉइंट्स द जज ऑफ इंडिया जज ऑफ इंडिया कौन अपॉइंट्स ेंट तो मैंने कहा प्रेसिडेंट तो सिर्फ नाम का है ना एक्चुअली में प्रेसिडेंट अपॉइंट्स ही कर रहा है प्रेसिडेंट तो सिर्फ ठप्पा लगा रहा है कि हां इसको बना दिया जाए प्रेसिडेंट के पास कोई पावर थोड़ी ना है तो प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया पॉइंट करता है पर किससे सलाह लेता है प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया इन कंसल्टेशन विद जज ऑफ द सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट किससे राय लेता है जज ऑफ सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट एंड काउंसिल ऑफ मिनिस्टर मतलब प्राइम मिनिस्टर प्राइम मिनिस्टर की बात सुनेंगे काउंसिल ऑफ मिनिस्टर तो एक तरह से प्राइम मिनिस्टर की सलाह पे ही सब अपॉइंटमेंट एज द चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कच जाएगा ठीक है सुप्रीम कोर्ट का जो सबसे बड़ा जज होगा वह संजीव खन्ना जी हैं वह कैसे बनाए गए हैं ऐसे ही बनाए गए हैं उनका टर्म ऑफ ऑफिस कितना है 65 ईयर मतलब अगर उनकी ऐज अभी एग्जांपल दे रहा हूं उनकी ऐज अभी 63 ईयर है ध्यान से सुनिए उनकी ऐज अगर अभी 63 ईयर है तो 65 एज जैसे ही पूरी होगी अपने आप अपने आप उनको क्या करना होगा उनकी पोस्ट खाली हो जाएगी हां उनकी क्या खास बात है एज की 65 ईयर 65 ईयर के बाद बाद वो अपने आप क्या हो जाएंगे रिटायर हो जाएंगे उससे पहले भी चाहे तो रिटायर कर सकते हैं रिजाइन कर सकते हैं प्रेसिडेंट को लिख देना पड़ेगा कि मुझे क्या करना है रिजाइन करना है वो जा सकते हैं और एडहॉक जजेस भी जॉइंट जमा सकते हैं मतलब एडहॉक मतलब होता है टेंपररी जजेस आजकल कोर्ट में ना बहुत सारी तारीख पे तारीख चल रही है क्या बहुत सारे कोर्टों में क्या चल रही है तारीख पे तारीख तारीख पे तारीख आ रही है और इसके चक्कर में क्या हो रहा है फैसले बहुत डिले हो जा रहे हैं क्योंकि कोस कोर्ट में बहुत सारे केसेस है और नंबर ऑफ जजेस कम है कोर्ट फैसला देने में कई बार सालों साल और साल लगा देती है कि फैसला बहुत डिलेड हो जाता है तो इसीलिए कोर्ट के फैसलों को निपटाने के लिए एडॉक जजेस मतलब टेंपररी जजेस अपॉइंट्स उन्हें अपॉइंटमेंट वो प्रोसेस है जिस प्रोसेस से जज को भी निकाला जा सता है अगर सुप्रीम कोर्ट का जज भी सुप्रीम कोर्ट के जज के भी निकालना हो तो वही प्रोसीजर फॉलो करो हो ग जो प्रेसिडेंट को करते थे हां दी प्रोसेस ऑफ रिमूविंग द प्रेसिडेंट इज कॉल्ड एज इंपीच मेंट यही प्रोसेस जज ऑफ द सुप्रीम कोर्ट को रिमूव करने के लिए किया जा सकता है क्या क्या होता है इसमें इसमें होता है प्रूवन मिसकंडक्ट बदतमीजी करना क्या बदतमीजी करना मिसबिहेवियर करना एंड एंड एंड प्रोविजन ऑफ कंस को ना मानना क्या नहीं करना देश के बने संविधान का का पाल पाल ना करना जो देश का संविधान है उसको मानने से मना करना है इन दो केसेस में क्या कर सकते हैं इनको भी निकाल सकते हैं तो क्या आज तक हमारे देश में किसी सुप्रीम कोर्ट के जज को निकाला गया है जवाब है हां और नहीं भी 1993 में ध्यान से सुनिए 1993 में जज नाम थे एक चीफ जज थे नाम था जस्टिस रामास्वामी क्या वी रामास्वामी 1993 में इनके खिलाफ इंपीच मेंट लाया गया इंपीच मेंट लाया गया ये पहले जज थे जिनके खिलाफ कोर्ट में इंपीच मेंट लाया गया पार्लियामेंट इसमें सपोर्ट नहीं इकट्ठा कर पाई क्योंकि इसके लिए टू थर्ड मेजॉरिटी चाहिए कितना टू थर्ड मेजॉरिटी चाहिए जो कि संभव नहीं हो पा रहा था इसीलिए क्या हो गया यह यह क्या हो गया इनका इंपीच मेंट पूरा नहीं हो पाया अब आता है सुप्रीम कोर्ट है कहां सुप्रीम कोर्ट का ऑफिस कहां है उनका सेंटर कहां है तो जवाब है न्यू दिल्ली अब कैसे हम मदद करें देखिए एक बहुत जरूरी चीज है कि जो जजेस है वो तो किसी के खिलाफ भी फैसला देते हैं किसी बड़े आतंकवादी के खिलाफ फैसला देते हैं कि इस आतंकवादी को 5 साल की जेल वो किसी मिनिस्टर के खिलाफ दे देते हैं कि इस मिनिस्टर को 50 लाख जुर्माना जमा करना पड़ेगा या किसी बड़े माफिया डॉन एग्जांपल है किसी बड़े माफिया डॉन के थफ लिख देते हैं जज लोग कि इस माफिया डॉन को जी इस माफिया डॉन को फला तिहाड़ जेल में 10 साल की कैद तो माफिया डॉन या वो बड़ा मंत्री या वो बड़ा पैसे वाला आदमी क्या जज को डरा नहीं सकता है वो जज को हड़का नहीं सकता है क्या वह जज को मरवा नहीं सकता है क्या जज पर अपना अपना कहते हैं ना हुकुम नहीं चलवा सकता है अब जज क्या प्रधानमंत्री खला प से दे सकता है जवाब है हां हां हां क्या एक जज सुप्रीम कोर्ट का जज प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसला सुना सकता है प्रधानमंत्री को सजा दे सकता है अरे हां भाई हां और प्रधानमंत्री से उसको डरने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे देश में जुडिशरी इंडिपेंडेंट है मतलब जुडिशरी किसी के दबाव में काम नहीं करती है भली प्रेसिडेंट अपॉइंट्स अपॉइंट्स प्रीम कोर्ट को पर जज इन सबसे ऊपर है इन सबसे सुप्रीम है क्योंकि एक बार अपॉइंटमेंट करना पड़ेगा जो कि एक बहुत ही बहुत ही टायरिंग बहुत ही बहुत ही कॉम्प्लिकेटेड प्रोसेस है मतलब कि अब जब जिसके खिलाफ जो गलत है देश का न्यायाधीश देश के जज लोग क्या करेंगे इंपार्शियल सुना देंगे तो ऐसा क्या-क्या हुआ ऐसा क्या-क्या किया गया कि हमारी जुडिशरी इंडिपेंडेंट रह गई आइए ऐसा क्या-क्या कदम उठाया गया पहला काम किया गया जो जजेस का अपॉइंटमेंट है करेगा भली प्रेसिडेंट ठीक है प्रेसिडेंट को चीफ जस्टिस और काउंसिल मिनिस्टर एडवाइज करेंगे कर देगा ये बात तो सही में बट उसके बाद प्रेसिडेंट भी निकाल नहीं सकता ना प्रेसिडेंट भी चाहेगा कि नहीं नहीं अब आप मेरे जज नहीं बनेंगे तो प्रेसिडेंट की खेती नहीं है प्रेसिडेंट के घर की घर की खेती नहीं है कि आज मनाया कल निकाल देंगे नहीं नहीं नहीं नहीं यह कोई गुड़िया गुड्डे का खेल नहीं है बन गया बन गया अब उसके पास पूरा पावर है समझ गए रिमूवल ऑफ द जज मैंने पहले ही बताया रिमूवल ऑफ जज बड़ा कॉम्प्लिकेटेड प्रोसीजर है और प्रोसीजर का नाम क्या है प्रोसीजर का नाम क्या है हां लिखो भाई व्हाट इज द प्रोसीजर फॉर दी इंप्रूवमेंट सॉरी इंप्रूवमेंट बोला फॉर द रिमूवल ऑफ द जज कॉल्ड हां जज के रिमूवल के प्रोसीजर का नाम बताइए और और क्या खास बात है हां लिखो भाई और सिक्योरिटी ऑफ टेनर बता दिया 65 इयर्स तक आते-आते ही उसको रिमूव कर पाओगे मतलब 65 ईयर तक उसकी पोस्ट सिक्योर है उसकी सैलरी हम कम कर देंगे प्रधानमंत्री डरा रहा है कि सुनो मेरे खिलाफ फैसला सुनाए तो तेरी सैलरी आधी कर देंगे तो प्रधानमंत्री कुछ नहीं कर पाएंगे क्यों क्यों प्रधानमंत्री जजेस की सैलरी को कम नहीं कर पाएंगे ना प्रेसिडेंट कम कर पाएगा क्यों नहीं कर पाएगा क्योंकि इनकी सैलरी जिस फंड से निकाली जाती है उसका नाम है उसका नाम है कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया मतलब जब इनको सैलरी दी जाती है तो एक इस फंड से दी जाती है जिसका नाम है कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया इस फंड की खास बात क्या होती है इस इस फंडस को पार्लियामेंट में वोट के लिए नहीं डाला जाता है मतलब जो ये फंड है क्या सीएफआई सीएफआई नाम का जो फंड है इसमें जो पैसा है इसमें जो फंड है वह कहां से आया है जो गवर्नमेंट बजट से पैसा निकाल के इसमें ट्रांसफर करती है इस पे डिबेट नहीं होता है हां समझ गए इस पर कोई वोटिंग नहीं होती कि क्या किया जाए तो जब वोट ही नहीं कर सकते हैं तो क्या करेंगे सैलरी कम नहीं कर सकता मतलब समझ आया सिर्फ और सिर्फ एक केस में ओनली एंड ओनली इन वन केस प्रेसिडेंट कैन रिड्यूस द सैलरी ऑफ द जज ऑफ सुप्रीम कोर्ट बताइए क्या नेम द कंडीशन नेम द कंडीशन अंडर व्हिच द प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया कैन रिड्यूस द सैलरी ऑफ द जजेस ऑफ सुप्रीम कोर्ट इवन मेंबर ऑफ पार्लियामेंट की सैलरी भी रिड्यूस कर सकते हैं प्रेसिडेंट बस सिर्फ सिर्फ सिर्फ सिर्फ सिर्फ एक केस में उस केस का नाम बताइए ड्यूरिंग व्हेन ड्यूरिंग वन कैन दी कैन दी प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया रिड्यूस दी सैलरी ऑफ दी जज ऑफ द सुप्रीम कोर्ट हां तुमको बताना है आप बता रहे हो मुझे देखें मैं देखता हूं आप में से कितने लोग बता रहे हैं वैसे मैंने कहा नॉर्मली नॉर्मली जजेस की सैलरी नहीं नहीं नहीं रिड्यूस की जा सकती क्योंकि इनकी सैलरी कंसोलिडेटेड फंड से निकाली जा रही है और इस फंड को पुट टू वोट नहीं किया जाता है बात करेंगे फ्रीडम तो मैंने कहा जजेस के पास फ्रीडम है जो चाहे फैसला ले ले अपने डिसीजन को वो बिना डरे कह सकते हैं उनके पास कोई डेंजर नहीं है उनके पर्सन का उनकी प्रॉपर्टी का उनको फेम का मतलब ना उनको कोई चोट पहुंचा सकता है नो उन की कोई प्रॉपर्टी कब्जा कर सकता है हां कोई दबंगई कोई गुंडई कोई माफिया गिरी जज के साथ नहीं कर सकता है कि अरे जज की प्रॉपर्टी उठवा लेंगे या जज को ही मरवा देंगे ना ना ना ना इतना आसान नहीं है जज बहुत टाइट सिक्योरिटी में रहते हैं जज को बहुत सारी सुरक्षा मिलती है पुलिस की तरफ से तो इसीलिए जज को अपने फैसले का भी डर नहीं है क् कि उसके फैसले के खिलाफ कोई क्रिटिसाइज नहीं कर सकता मतलब पब्लिकली जाके चिल्ला करके अनाउंस नहीं कर सकता कि जज ने यह गलत किया नहीं कर सकता क्योंकि उसके ऊपर कंटेंप्ट ऑफ केस लग जाएगा हां उसके बाद उसको भी जेल मिल जाएगी समझ में आया कोर्ट के फैसले पर आप सम्मान कर सकते हैं आपको पसंद नहीं है आप उसके ऊपर कोर्ट में जाइए बस यही रइस है हां तुम्हें फैसला पसंद नहीं है किसी जज का फैसला पसंद नहीं है तुम उसको क्रिटिसाइज नहीं कर सकते हो पब्लिकली तुम जा सकते हो पर ऊपर जा सकते हो सुप्रीम कोर्ट में उससे बड़ी कोर्ट में समझ में आया ना बस यह कर सकते हो बाकी कुछ नहीं कर सकते अगर पब्लिक में डिफेम करोगे उसको तो तुम्हें क्या मिलेगा कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का केस लगेगा तुम्हारे ऊपर और छ महीने की जेल और हो जाएगी उल्टा तो तो तुम डबल नुकसान में आ जाओगे समझ गए ना कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट कोर्ट की अवेल ना करना मेरा क्वेश्चन क्या था क्या हम क्या प्रेसिडेंट क्या प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया क्या प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया सैलरी ऑफ द सुप्रीम कोर्ट जजेस कम कर सकता है मेंबर ऑफ पार्लियामेंट कम कर सकता है जवाब है हां ओनली एंड ओनली इन केस ऑफ फाइनेंशियल इमरजेंसी आज तक पर ऐसा नहीं हुआ भारत में नो नो नो हां फाइनेंशियल इमरजेंसी के केस में वह कम कर सकता है बट हमारे देश में आज तक फाइनेंशियल इमरजेंसी नहीं आई है एक ऐसी सिचुएशन जब देश में आर्थिक तंगी आ जाए फाइनेंशियल स्टेबिलिटी ऑफ द कंट्री या फाइनेंशियल क्रेडिट ऑफ द कंट्री इज लो तब ऐसा कर सकता है पर मैंने कहा आज तक भारत में ऐसा नहीं हुआ है भारत एक मजबूत शक्तिशाली पैसे के मामले ने भी है ठीक है और क्या कर सकता है कंटेम ऑफ कोर्ट की कहानी बता चुका हूं तुमको कि कोर्ट किसी को पनिश कर सकती है एंड लास्ट कोर्ट का पूरा कंट्रोल होता है अपने प्रोसीजर में वर्किंग में इसका मतलब है कोर्ट किसी भी तरह के बाहर के एजेंसी के इन्फ्लुएंस से नहीं डरती है ना कोर्ट को मीडिया का डर है ना कोर्ट को किसी लेजिस्लेटिव और एग्जीक्यूटिव का डर है जुडिशरी इज कंपलीटली कंपलीटली ऑन इट्स ओन अपने ही अधिकार में जीती है उसको किसी का डर नहीं है बात करेंगे जूरिडिक्शन की यह शब्द जो है जूरिडिक्शन का मतलब क्या है पावर क्या जूरिडिक्शन मतलब होता है पावर कहते हैं न्याय का क्षेत्र क्या क्या क्या क्या क्या हां तो जूरिडिक्शन मीस पावर दैट द कोर्ट कैन एक्सरसाइज टू कैरी आउट एंड एनफोर्स देम कहां तक कोर्ट अपना पावर चला सकती है एक्सरसाइज कर सकती है इसे कहते हैं क्या जूरिडिक्शन सबसे पहला पावर आता है ओरिजिनल जूरिडिक्शन सर नाम में ही लिखा है ओरिजिनल मतलब पहली बात क्या हम डायरेक्टली सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं क्या तुम और मैं डायरेक्टली सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं लिखो यस और नो लिखो कैन कैन एन ऑर्डिनरी सिटीजन गो टू सुप्रीम कोर्ट डायरेक्टली तुम लिखो भाई लिखो अगर यस लिखोगे तो जवाब लिखो नो लिखोगे तो जवाब लिखो कैन कैन एन ऑर्डिनरी जैसे मैं और आप एक आम नागरिक है हम लोग कोई भाई कोई बहुत सुपर पावर वाले आदमी नहीं है तो कैन एन ऑर्डिनरी सिटीजन गो टू सुप्रीम कोर्ट क्या एक आम नागरिक सुप्रीम कोर्ट जा सकता है बताइए अभी एक केस बताऊंगा तुम्हारे होश फक्ता हो जाएंगे हां अभी एक केस बताऊंगा यह केस तुमको सुना भी होगा तुमने क्या कहते हो बहुत सारे आंसर आ रहे हैं यस यस यस नो नो नो यस यस यस नो नो नो हा हा हां तो यस यस यस ज्यादा आ रहा है मुझे नो नो नो कम आ रहा है चलिए एक बहुत ही पॉपुलर यूट्यू हैं रणवीर अलाबाद या नाम सुना होगा इसका क्यों बता रहा हूं केस ध्यान से सुनिए इन्होंने एक जगह एब्यूज लैंग्वेज का इस्तेमाल किया था एक एक कोई एक कोई ट का कोई एक इवेंट था या कोई क्या क्या बोलते हैं कोई गेम थाना इंडिया गट लेटेंट करके था ना इस पर उन्होंने एक अबूसिव शब्दों का इस्तेमाल किया था फाउल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया था जो हेट पैदा करता है वीमेन के प्रति जो जो एक कहते क्राइम टू दी वुमेन था और इसके लिए कोर्ट ने उनको क्या किया उनसे क्वेश्चन किया डायरेक्टली उसका केस कहां चला सुप्रीम कोर्ट में शायद आपको पता हो इसमें दो-तीन और लोग थे समय रहना थे शायद आई थिंक और आशीष चं नाम सुना है ना ये बड़े पॉपुलर लोग हैं यूट्यूब और इन्होंने एक ऑफेंसिव लैंग्वेज एक ऐसी लैंग्वेज जो कि अपमान जनक है महिलाओं के लिए स्त्रियों के लिए इसका प्रयोग किया था और इस केस के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इनको लताड़ लगाई थी हां हमारे देश में कोर्ट बड़ी पावरफुल है कोई बदतमीजी करता है कोई ऐसा काम करता है जो देश के नियम के कांस्टिट्यूशन के खिलाफ होता है सुप्रीम कोर्ट खुद ही उसको क्या करती है सेल्फ अपने आप से उसके खिलाफ फैसला सुना सकती है तो डायरेक्टली कोर्ट में केस चला कहां लोअर कोर्ट में केस नहीं चला इन लोगों का सुप्रीम कोर्ट में वहां जाक इनको लिखित माफी मांगनी पड़ी सशर्त माफ मांगना पड़ा घुटने टेकना पड़ा वरना कोर्ट उनको लगाती चपक चपक हम पता होना चाहिए आप लोगों को हां यह केस सुना होगा आपने नहीं सुना था तो प्लीज जानिए जरूर तो आपके देश में आपके देश में सर्व शक्तिशाली कौन है मुझसे पूछोगे तो मैं कहूंगा सुप्रीम कोर्ट है सर्व शक्तिशाली कोई भी काम जो आपके देश के कंट के खिलाफ होगा जो भी संविधान को तोड़ेगा कोर्ट उसको तोड़ डालेगी हां फोड़ डालेगी अब आप समझ जाइए कोर्ट किसी को नहीं माफ करती है याद रखिएगा कोई भी कोई भी व व्यक्ति हो चाहे वह किसी भी पद पर हो और कितना ही पावरफुल क्यों ना हो कोर्ट को किसी से डर नहीं है आप समझ में आया हमारे देश की जुडिशल सिस्टम कितना अच्छा है हमें गर्व करना चाहिए तो ओरिजिनल डिक्शन क्या हम डायरेक्टली सुप्रीम कोर्ट के पास जा सकते हैं तो जवाब है यस यस एक इंडिविजुअल भी जा सकता है जब उसका फंडामेंटल राइट्स क्या कर दिया जाएगा छीन लिया जाएगा तो हम भी जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट में बट नॉर्मल जिंदगी में नहीं नॉर्मल जिंदगी में नहीं तुम्हारा तुम्हारे पड़ोस के साथ झगड़ा हो गया एग्जांपल है तुम्हारा तुम्हारे पड़ोसी के साथ झगड़ा हो गया है तो तुम सुप्रीम कोर्ट चले जाओगे बताओ यू एंड योर नेबर आर इन टू सम क्ल कोई भी प्रॉपर्टी का कोरल है कोई भी एग्जांपल है तुम और तुम्हारे पड़ोस में झगड़ा हो गया है फाइटिंग हो गई है बताओ कहां जाओगे सुप्रीम कोर्ट में जाओगे बताओ टेल मी टू व्हिच कोर्ट विल यू गो इफ यू हैव अ क्वाल विथ योर नेबर ओवरल डिस्प्यूट ऑन लैंड चलो बताइए आप लिखिए कहां जाएंगे किस कोर्ट में जाएंगे अगर आपका और आपके नेबर का किसी लैंड के मैटर पे डिस्प्यूट हो जाएगा लिखिए आप लिखिए जब तक मैं आ रहा हूं यहां पर तो जूरिडिक्शन क्या है मैंने कहा पावर है तो कोर्ट पे डायरेक्टली जा सकते हैं फर्स्ट इंस्टेंस में डायरेक्टली सुप्रीम कोर्ट में जा सक सकते कब कब जा सकते हैं पहला एग्जांपल है अगर सेंटर और स्टेट में डिस्प्यूट हो जाए जैसे दो स्टेट झगड़ा कर रहे हैं जैसे कावेरी के पानी के लिए झगड़ा कर रहे हैं तमिलनाडु और केरला वाले एग्जांपल है मैं समझाने के लिए कह रहा हूं तो सेंटर और स्टेट के बीच में डिस्प्यूट हो जाए या दो स्टेट गवर्नमेंट के डिस्प्यूट में हो जाए मतलब एग्जांपल देता हूं कि वेस्ट बंगाल और दिल्ली सरकार आपस में नाराज चल रही है दिल्ली सरकार वेस्ट बंगाल को को मदद नहीं कर रही है और बंगाल सरकार क्या कर रही है दिल्ली सरकार से नारा चल रही है तो क्या दोनों एक दूसरे प केस कर सकते हैं जवाब है हां और केस कहां करेंगे हाई कोर्ट पर तो कर नहीं सकते तो जाएंगे कहां सुप्रीम कोर्ट समझ में आया और दो स्टेट के बीच में झगड़ा चल रहा है तो भी सुप्रीम कोर्ट कहेंगे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट सबसे बड़ी है नेक्स्ट है फंडामेंटल राइट्स को बचाने के लिए मैंने कहा था तुम्हारा मेरा छह फंडामेंटल राइट्स हैं छह फंडामेंटल राइट्स हैं और जैसे एग्जांपल है राइट टू फ्रीडम ऑफ स्पीच हमें अधिकार है बोलने का और हमारा हमारा मुंह बंद कर दिया जा रहा है हमारे मुंह में टेप लगा दिया जा रहा है हमें बोलने का अधिकार नहीं दिया जा रहा है हमें अपनी बात कहने का अधिकार नहीं दे रहा है जिस दिन ऐसा होगा जिस दिन हमारे साथ जोर बस्ती होगी हमारी बातें नहीं सुनने दीगी हमें हमारे लिखने नहीं दिया जाएगा हमें बोलने दिया जाएगा हमें एक्सप्रेस नहीं करने दिया जाएगा हम चले जाएंगे हम चले जाएंगे सुप्रीम कोर्ट हां जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट ठीक है और क्या हो सकता है सुप्रीम कोर्ट लोअर के कोर्ट से भी क्या कर सकती है केस ट्रांसफर करा सकती है पर शर्त एक ही है लोअर कोर्ट मतलब समझ गए ना जो नीचे की कोर्ट्स है जैसे हाई कोर्ट हो गया कब ट्रांसफर कराएगी जब उसपे क्वेश्चन ऑफ लॉ ऑफ ग्रेट इंपॉर्टेंस होगा की वर्ड क्या है नॉर्मली सुप्रीम कोर्ट लोअर कोर्ट के मामलों में दखल नहीं देती है लोअर कोर्ट जो काम कर रहा है करते रहे सुप्रीम कोर्ट देखती है कि अगर कोई ऐसा क्वेश्चन है कोई ऐसा मामला है जो देश को असर कर सकता है नेशनल इंपॉर्टेंस का मामला है तो सुप्रीम कोर्ट उस कोर्ट को कहेगी भैया यह काम आप मत करिए यह काम मुझे करने दीजिए यह काम आप मुझे करने दीजिए बात समझ में आया उस कोर्ट को वह काम छीन करके उससे वह फैसला छीन करके सुप्रीम कोर्ट खुद उस पर फैसला देती है समझ में आया ट्रांसफर करती केस और कब हो सकता है जब क्या हो कानून का इंटरप्रिटेशन ऑफ दी गस मैंने कहा था हमारे देश का सबसे बड़ा लॉ कौन सा है व्हि इज द सुप्रीम लॉ ऑफ द लैंड सुप्रीम लॉ ऑफ द लैंड कांस्टीट्यूशन तो अगर कांस्टिट्यूशन का कोई मैटर है कांस्टिट्यूशन का मैटर है तो भी सुप्रीम कोर्ट ही सुप्रीम कोर्ट ही क्या करती है इसमें डिसाइड करती है ठीक है आगे बढ़े अभी तक क्या बताया ओरिजिनल डिशन बताया ओरिजिनल केस बताया मैंने कहा वो केस जो फर्स्ट इंस्टेंस में सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं पर क्या सिर्फ फर्स्ट इंस्टेंस वाले केस जाएंगे अब इमेजिन करिए हम लोग गए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मैंने तुमसे पूछा था कि तुम्हारा और तुम तुम्हारे पड़ोसी का किसी लैंड पर डिस्प्यूट हो गया कोई भी एक झगड़ा हो गया तो तुम कहां जाओगे तो तुम्हारा जवाब होना चाहिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जाएंगे कहां जाएंगे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जाएंगे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट क्या करेगी फैसला दे देगी अब तुम उसके फैसले से सेटिस्फाइड नहीं हो तुम क ना ना ना मैं यह फैसला नहीं मानूंगा तब क्या होगा कहां जाएंगे उसके बाद अगर तुम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले सेटिस्फाइड नहीं हो तब तुम जाओगे हाई कोर्ट क्योंकि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के ऊपर कौन है हाई कोर्ट डिस्ट्रिक्ट कोर्ट आपके शहर में है हाई कोर्ट आपके स्टेट में है पूरे स्टेट की सबसे बड़ी कोर्ट कौन सी है हाई कोर्ट और हाई कोर्ट में भी फैसला दे दिया तुम वहां भी सेटिस्फाइड नहीं हो क ना ना ना ना ना मैं हाई कोर्ट के खिलाफ जाऊंगा हाई कोर्ट का फैसला मुझे पसंद नहीं है तब कहां जाऊंगा सुप्रीम कोर्ट तो इसको कहते हैं अपील अपील क्या अपील मैं अब इस फैसले के खिलाफ जाऊंगा इसे कहते हैं अपील करना क्या अपील करना और हम कर सकते हैं अपील हम कर सकते समझ में आया इसको कहते हैं अपीलेट जूरिडिक्शन समझ में आया अपले जक्शन का मतलब क्या है कि अगर हमें कोई फैसला सुनाया गया हमें कोर्ट ने फैसला सुनाया और हम उस फैसले के से सेटिस्फाइड नहीं है तो उस फैसले के खिलाफ हम अपील कर सकते हैं रिक्वेस्ट दाखिल कर सकते हैं कि मेरी बात फिर सुनी जाए मेरे मेरे इस फैसले को फिर से सुना जाए और मैं इसके खिलाफ अपील करता हूं समझ में आया और कहां जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट तक सुप्रीम कोर्ट क्या है कोर्ट ऑफ फाइनल अपील है इसके ऊप ऊ पर भगवान से अपील कर सकते हैं कि हे प्रभु मैं सेटिस्फाइड नहीं हूं मेरी रक्षा करो बस और कोई नहीं उसके ऊपर मतलब समझ में आया हाईएस्ट कोर्ट कौन है सुप्रीम कोर्ट है अब सुप्रीम कोर्ट कांस्टिट्यूशन के केसेस में क्या चीज संविधान हमारे देश का जो कानून है बना संविधान है उसके केसेस में कर सकती है शर्त क्या चाहिए उसको उसको सर्टिफिकेट चाहिए की वर्ड क्या है सर्टिफिकेट चाहिए क्या चाहिए सर्टिफिकेट ऑल केसेस ऑल केसेस वेयर अ सर्टिफिकेट इज इश्यूड बाय हाई कोर्ट तो हाई कोर्ट के पास पावर होता है कि वो क्या कर सकती है एक सर्टिफिकेट जारी कर सकती है क्या जारी करेगी सर्टिफिकेट हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस एक सर्टिफिकेट देगा कि आप सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं तो ही जा पाओगे वरना नहीं जा पाओगे बात समझ में आया कौन देगा सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट कौन देगा हाई कोर्ट देगा ठीक है और क्यों देगा हाई कोर्ट क्यों देगा हाई कोर्ट दि कहेगा कि ये मैटर जो है एक इंपॉर्टेंट पॉइंट ऑफ लॉ के लिए है एक नेशनल इंपॉर्टेंस का कोई मैटर है इसीलिए हाई कोर्ट उसको फैसला दे सकता है सर्टिफिकेट दे सकता है कभी-कभी कुछ केस होते हैं जिनको हम कहते हैं सिविल केसेस सर ये सिविल मैटर्स क्या होते हैं मैंने कहा था वो मैटर्स जिसमें जिसमें प्रॉपर्टी से रिलेटेड मैटर हो फैमिली से रिलेटेड मैटर हो डाइवोर्स से रिलेटेड मैटर हो विल से रिलेटेड मैटर हो समथिंग व्हिच डज नॉट कॉज हर्ट टू लाइफ एंड प्रॉपर्टी किसी की जान जिसमें ना जा रही हो मारकाट जिसमें ना मच रही हो किसी को आप क्या कर रहे हैं इमोशनली या फिजिकली क्या कर रहे हैं टॉर्चर या परेशान नहीं कर रहे हैं उस केसेस को क्या बोलते हैं उस केस को बोलते हैं हम लोग सिविल केस बात समझ में आया तो सिविल केसेस मतलब फैमिली वाला जैसे मैंने एग्जांपल देके बताया डाइवोर्स का केस बताया विल का वसीयत का मामला है तो इसमें आप क्या कर सकते हैं आप हाई कोर्ट के पास जा सकते हैं हाई कोर्ट में सर्टिफिकेट दे सकता है कब-कब दे सकता है जब देखेगा कि यह क्वेश्चन ऑफ लॉ ऑफ जनरल इंपॉर्टेंस है अगेन हाई कोर्ट देखेगा कि यह फैसला आम जनता के सबके हित का मामला है तो वह सर्टिफिकेट दे देता है और या तो ऐसा क्वेश्चन है जिसका डिसीजन सुप्रीम कोर्ट ही कर सकती है हाई कोर्ट को लगता है कि यह क्वेश्चन जो कोर्ट में लिया जा रहा है इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट के लिए ही ठीक रहेगा और कोर्टों के लिए बेटर नहीं होगा तो यह दोनों केसेस में हाई कोर्ट क्या करती है हाई कोर्ट एक सर्टिफिकेट जारी करती है और हम जाकर के अपील कर सकते हैं शर्त है हाई कोर्ट का क्या चाहिए सर्टिफिकेट चाहिए चलिए कभी-कभी कभी-कभी कोस आते हैं जिसको कहते हैं क्रिमिनल केसेस क्रिमिनल केस मतलब होता है अपराधिक मामला सर यह क्या होता है अगर कोई हम ऐसा काम करें जिससे किसी की लाइफ या प्रॉपर्टी को खतरा हो समथिंग विच कॉसेस हर्ट टू द लाइफ एंड प्रॉपर्टी किसी का मर्डर डकैती किडनैप रेप यह सब क्या है मोलेस्टेशन यह सब क्या क्या है भाई अटैक कर रहे हो किसी पर आप यह सब खतरनाक केस है एकदम नहीं करना है क्योंकि इस पे क्रिमिनल केस लगता है क्रिमिनल केस में जेल होती है सिविल केस में जेल नहीं होती है सिविल केस में सिर्फ सजा सुनाई जाती है बात समझ में आ रहा है क्रिमिनल केस में ज्यादातर में जेल हो जाती है याद रखो तो क्रिमिनल केस ज्यादा सीरियस ऑफेंस माने गए हैं बात समझ में आ रही है सिविल केस इज नॉट अ सीरियस ऑफेंस ठीक है अब हस्बैंड वाइफ झगड़ रहे हैं शादी नहीं चल रही है उनकी तो झगड़ा डाइवोर्स लेना चाहते तो वो क्रिमिनल केस थोड़ना है दोनों अलग-अलग रहना चाहते हैं कोई बात नहीं है डाइवोर्स का केस करा लो भैया पर कहां जाओगे तो मैंने कहा सिविल केस में जाओगे बात समझ में आया पर यहां पर तो मैंने कहा मर्डर है डकैती है कौन सा केस है कहने कहा क्रिमिनल केस है अब क्रिमिनल केस है क्रिमिनल केस है तो इसमें दो तरह के केस होंगे कुछ केस ऐसे हैं कुछ केस ऐसे हैं जिसमें सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है विदाउट द सर्टिफिकेट ऑफ हाई कोर्ट मतलब हाई कोर्ट का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत ही नहीं है डायरेक्ट तुम सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हो क्यों क्यों क्यों हाई कोर्ट से कोई परमिशन नहीं चाहिए सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए नहीं नहीं कब कब अगर ऐसा हो कि हाई कोर्ट ने खुद क्या किया है उसका जजमेंट रिवर्स कर दिया है हाई कोर्ट ने फैसले को पलट दिया जैसे किसी को अपराधी को सजा मिली थी कि जाओ तुम्हे ता उम्र जेल है ध्यान से सुनिए तुमको लाइफ टाइम इंप्रिजनमेंट है हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया जाओ तुम सजा माफ है जाओ छुट्टी तुम्हें तो तो क्या कर दिया आपने केस रिवर्स कर दिया सजा रिवर्स कर दिया हाई कोर्ट के पास पावर है ऐसा करने की अगर हाई कोर्ट ऐसा करती है जजमेंट रिवर्स करती है लोअर कोर्ट का तो भी हम डायरेक्टली जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट में क्या कर सकते हैं हम अपील कर सकते हैं अपील टू सुप्रीम कोर्ट कर सकते हैं और कब कर सकते हैं जब कोई केस विड्रॉ कर लिया जाए बाय हाई कोर्ट हाई कोर्ट क्या करे वह केस को खुद विड्रॉ कर ले बोले हम इस केस को लोअर कोर्ट से विड्रॉ करते हैं तो भी वह केस सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है किसी सर्टिफिकेट किसी परमिशन ऑफ हाई कोर्ट की जरूरत नहीं है डायरेक्टली ये क्रिमिनल केस कहां जाएगा सुप्रीम कोर्ट में चला जाएगा बात समझ में आ गई पर कभी-कभी क्या होता है सर्टिफिकेट ऑफ हाई कोर्ट लेना पड़ता है कभी-कभी सर्टिफिकेट ऑफ हाई कोर्ट लेना पड़ता है हाई कोर्ट उसको देखते हुए कि उसका इंपॉर्टेंस क्या है उसका इफेक्ट क्या पड़ने वाला है उस बेसिस पर सर्टिफिकेट दे सकती है बात समझ में आया तो सुप्रीम कोर्ट की खुद की बात करें सुप्रीम कोर्ट इवन अपने दिए फैसले को खुद के दिए फैसले को स्क्वैश कर सकता है दूसरे जजेस के ट्राइबल के दिए फैसले को स्क्वैश कर सकता है स्क्वैश मतलब होता है कैंसिल कर सकता है हां सुप्रीम कोर्ट सर्व शक्तिशाली है सबसे ऊपर है अगर किसी ट्राइबल ने किसी लोअर कोर्ट ने कोई फैसला सुनाया तो सुप्रीम कोर्ट उसको ना कर सकता है कैंसिल कर सकता है यह उसके पास पावर है समझ में आया कि नहीं कब ऐसा करेगा जब उसे लगेगा कि ट्राइबल के पास इतना अधिकार ही नहीं था हर ट्रिब्यूनल के पास अपने खुद के पावर्स है तो अगर कोई ट्रिब्यूनल कोई कोर्ट अपने उस पावर को एक्सीड करता है तो तब वह सुप्रीम कोर्ट क्या करता है उस केस को क्या करता है नल एंड वॉइड घोषित कर देता है समझ में आया अब आता है एक केस आता है जिसका नाम है इंफोर्समेंट ऑफ फंडामेंटल राइट्स तो मैंने कहा हम लोगों को छह फंडामेंटल राइट्स बहुत पहले से ही मिले हुए हैं कंस्ट ऑफ इंडिया से पहले सात थे राइट टू प्रॉपर्टी नाम का भी एक फंडामेंटल राइट था पर इसको हटा दिया गया है अमेंडमेंट ऑफ इंडियन कशन अमेंडमेंट एक्ट से हटा दिया गया है अब छह फंडामेंटल राइट्स है तो इन फंडामेंटल राइट्स को इफोर्स करने के लिए अगर किसी के राइट्स को वायलेट करता है तो सुप्रीम कोर्ट प डायरेक्ट हम जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट क्या करती है उस राइट को दिलवाने के लिए एक रिट जारी करती है रिट मतलब होता है लिखित आदेश सोचिए चीफ जस्टिस ऊपर से लिखित ऑर्डर जारी करता है ये ऑर्डर किसी के खिलाफ भी हो सकता है पुलिस के खिलाफ गवर्नर के खिलाफ प्राइम मिनिस्टर के खिलाफ किसी भी ऑफिशियल के खिलाफ हो सकता है क्या हो सकता है रिट ठीक है तो कांस्टिट्यूशन क्या करता है प्रोहिबिट करता है स्टेट फ्रॉम मेकिंग लॉज व्च टेक्स अवे द फंडामेंटल राइट्स मैंने कई बार एग्जांपल दिया था आज फिर एग्जांपल देता हूं कि अब स्टेट गवर्नमेंट ने तुम्हारी लॉ बना दिया कि सारे बॉयज ध्यान से सुनिए बॉयज जो अभी सुन रहे हैं यहां पर ध्यान से सुनिए सारे बॉयज को अब स्कूलों में नाम नहीं लिखाने की जरूरत है वह अब क्या करेंगे सीधे फैक्ट्रियों में जाएंगे काम करेंगे मान लेते हैं मैंने एग्जांपल दि दिया है ड़ बुरा मत मानना समझना पहले बात को सुप्रीम कोर्ट ध्यान से सुनिए आपके गवर्नमेंट ने आपकी गवर्नमेंट ने क्या किया एक कानून बनाया कहा ऑल बॉयज हैव टू गो टू वर्कशॉप फैक्ट्रीज टू वर्क दे विल नाउ नो मोर गो टू स्कूल अब उनको स्कूल जाने की जरूरत नहीं है सिर्फ वो क्या करेंगे काम करेंगे सिर्फ नौकरियां करेंगे अब वो ऑफिस में जाएंगे फैक्ट्री में जाएंगे नौकरियां करेंगे क्या आप बताइए क्या यह क्या यह फंडामेंटल राइट छिनना नहीं हुआ बच्चों के पास एक फंडामेंटल राइट है कल्चरल एंड एजुकेशनल राइट नाम सुना है इस राइट का हां हमारे और आपके पास एक राइट है नाम है कल्चरल एंड एजुकेशनल राइट्स इस राइट के तहत आपको अपनी कल्चर को सीखने का अधिकार है आपको आगे स्कूल जाना पढ़ाई करना का अधिकार है राइट मिला हुआ है यह राइट टू एजुकेशन का नाम का कानून है आपका तो अगर कानून बन भी जाएगा बन भी जाएगा बनाने में क्या दिक्कत है मेजॉरिटी है सरकार बना सकती है पर सुप्रीम कोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट क्या करेगी इस कानून को कैंसिल कर देगी नल एन वॉइड घोषित कर देगी क्योंकि यह क्या कर रहा है आपके फंडामेंटल राइट को छीन रहा है सुप्रीम कोर्ट इज द गार्जियन ऑफ दी फंडामेंटल राइट हां आपके मेरे फंडामेंटल राइट्स की रखवाला है आपका और मेरा कोई भी फंडामेंटल राइट छ कोही हमारा कंस्ट फंडामेंटल राइट दे रहा है कोई मंत्री नहीं दे रहा है हमें राइट्स प्रधानमंत्री नहीं दे रहे हैं हमारे राइट हमारा कांस्टिट्यूशन दे रहा है भारत का संविधान दे रहा है तो हमसे कोई छीन नहीं सकता है बात समझ में आ गई और इसके लिए वो क्या करेगा सुप्रीम कोर्ट क्या करेगा आपका राइट दिलवाने के लिए आपको आपका हक साडा हक एथे रख तो हमारा हक यहां रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट रिट इशू करेगा और रिट में कौन सा रिट है बीएस कॉप्स मतलब होता है टू हैव द बॉडी इसका मतलब है अगर किसी की बॉडी लीगली या इलीगली डिटेन कर ली गई है इसका मतलब है किसी को कैद कर लिया गया है जिंदा या मुर्दा कहीं छुपा दिया गया है तो उसकी बॉडी उनको वापस देनी होगी नहीं रख सकते अपने पास व चाहे कोई भी हो व चाहे कोई भी हो चाहे पुलिस क्यों ना हो उनको देना पड़ेगा नाम है पीबीएस कॉप्स इसका मतलब है बॉडी दो जिंदा या मुर्दा दो वापस लौटा आओ अब मेंडम मतलब वी ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट कमांड करती है ऑर्डर करती है लोअर कोर्ट को कि वह अपनी एडमिनिस्ट्रेटिव ड्यूटी परफॉर्म करें कभी-कभी क्या होता है लोअर कोर्ट्स कुछ काम अगर लगता है कम कर रही है तो उनको वह आदेश दे सकती है कि वोह पर्टिकुलर काम को संभाले इसे कहते हैं क्या मेंडम अस फिर है प्रोहिबिशन इस समय सुप्रीम कोर्ट लोअर कोर्ट को आदेश देती है कि आप अपने यहां इस पर्टिकुलर केस की प्रोसीडिंग्स मत चलाइए क्यों हो सकता है कि कि लोअर कोर्ट के पास उसका प्रोसीडिंग संभालने के लिए इतना पावर नहीं है उसका जूरिडिक्शन नहीं है मतलब सुप्रीम कोर्ट डिसाइड करेगी कि ये लोअर कोर्ट के जूरिडिक्शन में आता है कि नहीं आता है अगर लोग को लगता है यह मैटर लोअर कोर्ट के जूरिडिक्शन में नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट कहेगी कि यह केस आप बंद करिए अपने पास से और यह केस क्या करिए मेरे पास भेज दीजिए प्रोहिबिशन मना कर देगी कि ये आपके जूरिडिक्शन में नहीं है सोच लीजिए क्या कहना चाहता हूं सुप्रीम कोर्ट सर्वे सरवा है याद रखिएगा सुपरवाइजर कंट्रोल करती है सारे सारे देश के जुडिशरी सिस्टम को और क्या कर सकता है सेरी टी रोरी ये सेटी रोरी क्या होती है सुप्रीम कोर्ट ऑर्डर देती है लोअर कोर्ट्स को कि आप मुझे इफॉर्म करिए व्हाट इज गोइंग ऑन कभी-कभी कुछ ऐसे फैसले होते हैं जो सुप्रीम कोर्ट से नीचे चल रहे होते हैं कोई ऐसा इंपॉर्टेंट केस जो जैसे एग्जांपल है इलाहाबाद में केस चल रहा था बाबरी मस्जिद वाला मैं एग्जांपल दे रहा हूं बाबरी मस्जिद से रिलेटेड केस को अलाहाबाद की बेंच में चलाया जा रहा था लखनऊ बेंच में चलाया जा रहा था मतलब हाई कोर्ट ऑफ अलाहाबाद पर सुप्रीम कोर्ट ने उसको डर दे रखा था सेरी टे रोरी मतलब कि इस इसमें क्या फैसला आ रहा है क्या कोर्ट डिसाइड कर रही है हमें हर बार क्या करिए पलपल की क्या करिए इंफॉर्मेशन भेजिए मतलब सुप्रीम कोर्ट चाहे तो लोअर कोर्ट को हाई कोर्ट को आदेश दे सकती है कि कीप मी इफॉर्म आप क्या जजमेंट ले रहे हैं आप मुझे क्या करिए इसकी रिपोर्ट भेजते रहिए हां कई बार सुप्रीम कोर्ट खुद भी क्या करती है इन फैसलों पर नजर रखती है कहीं अन्याय तो नहीं हो रहा है कहीं कोई गलत तो नहीं हो रहा है हां सुप्रीम कोर्ट ये करती है और एक है क्यू वारंटो क्यू वेंटो का मतलब होता है किस आदेश से बाय व्हाट ऑर्डर एग्जांपल के रूप में अगर कोई गवर्नमेंट का पोस्ट है एग्जांपल के रूप में जैसे एक गवर्नमेंट का पोस्ट है स्टेशन मास्टर का अब स्टेशन मास्टर के लिए बहुत सारे लोगों ने क्या किया जॉब के लिए अप्लाई किया पर एक व्यक्ति जो कि कम क्वालिफाइड था और एक व्यक्ति जो ज्यादा क्वालिफाइड था जो ज्यादा क्वालिफाइड था उसको नौकरी नहीं मिली कम क्वालिफाइड को नौकरी मिल गई तब अब क्या होगा ये क्या करेगा बेचारा रोएगा मुझे नौकरी नहीं मिली नहीं नहीं ये चला जाएगा सुप्रीम कोर्ट के पास सुप्रीम कोर्ट के पास चला जाएगा पता करने के लिए कि मुझे नौकरी क्यों नहीं मिली जबकि मैं इससे ज्यादा क्वालिफाइड हूं एजुकेटेड भी ज्यादा हूं मेरे पास डिग्री भी ज्यादा है नॉलेज भी ज्यादा है मेरा एग्जाम भी ज्यादा अच्छा आया स्कोर भी ज्यादा अच्छा आया फिर भी मुझे पोस्ट ऑफ रेलवे मास्टर रेलवे मास्टर इसको क्यों मिल गया तो अब सुप्रीम कोर्ट क्या करेगी एक ऑर्डर जारी करेगी नाम है क्यू वारंटो जिसमें वह पता लगाएगी कि जिसने इस ऑफिस को यू सर्प किया यू सर्प मतलब बता है किसी ऑफिस को जबरी कब्जा में कर लेना तो यह जो अनक्वालिफाइड व्यक्ति था इसने अगर पोस्ट में कब्जा कर लिया है भाई हो सकता है इसका परिचय हो इसके कोई रिश्तेदार हो तो इसको जवाब देना पड़ेगा कि क्यों आपको पोस्ट दी गई है आप बताइए किस ऑर्डर से आपको पोस्ट दी गई है तो क्या करना पड़ता है अगर कोई पर्सन ने यू सर्प कर लिया यू सर्प मतलब समझते हो किसी पोस्ट को क्या कर लेना जबरी हथिया लेना अपने पावर के द्वारा अपने पहचान के द्वारा अपनी पोजीशन के द्वारा उसे कहते हैं यू सर्ब द ऑफिस तो उस व्यक्ति की पोस्ट उस व्यक्ति की पोस्ट को उसको साबित करना पड़ेगा कि किस ऑर्डर से तुम्हें यह वाली पोस्ट मिली है अल्टीमेटली इसको इसका हक मिल जाएगा समझ में आया जो ऊपर है जो ज्यादा क्वालिफाइड है उसको हक जाएगा इसे कहते हैं क्या क्यू वेंटो सोच लीजिए क्या कहना चाहता हूं अगर कोई पब्लिक ऑफिस को जैसे मैंने एग्जांपल दिया स्टेशन मास्टर वो पब्लिक ऑफिस था ना किसी सरकारी पद को कोई रंग फुली होल्ड कर रहा है तो उसकी पोजीशन चली जाएगी सुप्रीम कोर्ट के पास एक और पावर होता है जिसका नाम होता है एडवाइज करना राय देना सुप्रीम कोर्ट को राय किसको देनी होती है तो प्रेसिडेंट ऑफ दी कंट्री कैन टेक दी एडवाइस ऑफ सुप्रीम कोर्ट किसी लीगल टर पर किसी मैटर ऑफ नेशनल इंपॉर्टेंस पर प्रेसिडेंट क्या कर सता है सुप्रीम कोर्ट से राय मांग सकता है और सुप्रीम कोर्ट राय देगा भी सलाह देगा भी रिकमेंडेशन देगा भी पर प्रेसिडेंट को मानना ना मानना उसकी मर्जी है तो इसका मतलब है एडवाइस देगा सुप्रीम कोर्ट किसको प्रेसिडेंट को देगा बट इट इज अप टू द प्रेसिडेंट टू एक्सेप्ट और नॉट टू एक्सेप्ट फिर आता है रिवाइजरी जूरिडिक्शन मतलब सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 135 में कहता है आर्टिकल 135 ये कहता है कि कि सुप्रीम कोर्ट अपने ही जजमेंट को रिव्यू कर सकता है क्या अपने जो उसने फैसले दिए हैं अगर उस फैसले में कुछ कमी रह गई है उसको लगता है बाद में भी लगता है फैसला दे देने के बाद सजा सुज देने के बाद तो भी सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले को रिटर्न कर सकता है क्या अगर कोई मिस्टेक हुई है तो उस फैसले को सुधारा जा सकता है इसे कहते हैं रिवाइज करना ये बड़ा एक्सक्लूसिव पावर है सुप्रीम कोर्ट के पास बड़ा एक्सक्लूसिव पावर है अगर कोई एरर हो गई है जजमेंट में तो वापस कर सकता है सुप्रीम कोर्ट के सारे फैसले रिकॉर्ड कर दिए जाते हैं याद करिए जुडिशियस रिव्यू तो सुप्रीम कोर्ट हमारे कांस्टिट्यूशन का रखवाला है हमारे संविधान का जिससे हमारे देश चल रहा है याद रखिएगा द सुप्रीम लॉ ऑफ द लैंड द लॉ बाय व्हिच अ कंट्री इज गवर्न्ड इज कॉल्ड एज अ कांस्टिट्यूशन हमारे देश में जो रिटन कांस्टिट्यूशन है उसकी बात कर रहे हैं तो सुप्रीम कोर्ट देखता है कि कांस्टिट्यूशन को जो इंटरप्रेट किया जा रहा है क्या इसका मीनिंग बताया जा रहा है वो सही है कि नहीं है सुप्रीम कोर्ट अपना डिसीजन अपने हाथ में रखता है कोई भी काम कोई भी काम जो क्या करता है इस कांस के खिलाफ होगा चाहे वो कोई भी करे चाहे वो प्रधानमंत्री ही क्यों ना कर ले चाहे वो चीफ मिनिस्टर ही क्यों ना कर ले सुप्रीम कोर्ट इस कानून को नल एंड वॉइड घोषित कर देगा सुप्रीम कोर्ट के पास ये सुपर पावर है ऐसा पावर किसी और के पास नहीं है क्या अगर कोई कोई मंत्रालय कोई मंत्री कोई गवर्नमेंट ऑफिसर क्या करता है कोई ऐसा फैसला लेता है जो कि देश में देश में देश के फायदे में नहीं है कानून को तोड़ता है कांस्टिट्यूशन को का प्रोविजन को पार कर जाता है लांग जाता है तो सुप्रीम कोर्ट उसकी तंग या तोड़ देती है समझ में आया मतलब आप समझ में आया इस भाषा में हां सुप्रीम कोर्ट उसको उस कानून को नल एन वॉइड घोषित कर देती है तो जुडिशल रिव्यू इसलिए जरूरी है ताकि क्या हो कांस्टिट्यूशन जो लिखा गया था उसका सही फैसला लिया जाए उस परे सही हक सुनाया जाए लेजिस्लेटर के पास कई बार क्या होता है इतना हां कानून बनाने वालों में कहीं बार हमेशा तो ना कि वो इंपार्शियल ही हो जाएंगे तो इसीलिए क्या करता है वो बहुत ध्यान देता है नेक्स्ट है कोर्ट ऑफ रिकॉर्ड तो जितने भी जजमेंट लिए गए हैं सुप्रीम कोर्ट के जो भी फैसला सुनाया गया सुप्रीम कोर्ट का उसको रिकॉर्ड कर दिया जाता है प्रूफ के रूप में ठीक है ताकि ताकि जब अगली बार सिमिलर केस आए तो ये एक टेस्ट मेंट के रूप में एज अ रिकॉर्ड के रूप में प्रेजेंट कर दिया जाए यही सेम अगर दोबारा कभी केस आया आने वाले समय में तो जो जो जो जो लॉयर्स होते हैं एडवोकेट होते हैं इसी को क्या करते हैं कोर्ट के सामने प्रेजेंट करते हैं कि पिछली बार यह केस हुआ था और आपने जज साहब ये फैसला सुनाया था देख लीजिए सर जज साहब ये फैसला है लिखित फैसला होता है वो रिकॉर्ड हो जाता है इसीलिए कहते हैं कोर्ट ऑफ रिकॉर्ड सो इट एक्ट एज अ प्रूफ इट एक्ट एज एन एविडेंस फॉर द फ्यूचर बात समझ में आया इसे कहते हैं कोर्ट ऑफ रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट के पास खुद का एडमिनिस्ट्रेटिव और सुपरवाइजरी फंक्शन होता है इसके अपने खुद के स्टाफ होते हैं सुप्रीम कोर्ट एक बहुत बड़ा ऑफिस है भाई इसमें बहुत सारे रिकॉर्ड मेंटेन होने हैं तो इसके खुद के अपने स्टाफ होते हैं इसका रूल्स एंड रेगुलेशन की एडवोकेट कैसे अपीयर करेंगे क्या एडवोकेट्स के बाद ड्रेस कोड होगा किस समय एड कोट खुलेगा किस समय बंद होगा कौन डिसाइड करेगा प्रधानमंत्री लॉ मिनिस्टर जी नहीं सुप्रीम कोर्ट खुद डिसाइड करेगी हां हां सारे कोर्ट के प्रोसीडिंग सुप्रीम कोर्ट खुद डिसाइड करती है और इट सिंपलीफाई द प्रोसीजर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन एक अलग कानून बनाया गया पी आईल जिसका मतलब है अगर कोई पब्लिक नाराज है गवर्नमेंट से तो वह नाराजगी कर मुकदमा कर सकता है गवर्नमेंट प सही कह रहा हूं जैसे कि भूरेलाल ने किया था हां जैसे कि दिल्ली की गवर्नमेंट पर भूरेलाल ने कर दिया था दिल्ली में खूब ज्यादा धुआ हो रहा था दिल्ली में लोगों को कफिंग एंड लंग डिजीज हो रही थी तो भूरेलाल ने क्या किया दिल्ली में फैले प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली गवर्नमेंट पर ही केस कर दिया इसको कहते हैं पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन मतलब पब्लिक सरकार पर मुकदमा ठुक सकती है नाम सुना था कभी नहीं सुना था ना हां पी आई एल पिल पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन तो यह भी यह भी कौन पावर दे रहा है सुप्रीम कोर्ट पावर दे रहा है तो आप गवर्नमेंट के खिलाफ जा सकते हैं अगला कोर्ट इसके नीचे का कोर्ट तो सुप्रीम कोर्ट के नीचे है हाई कोर्ट और हाई कोर्ट के नीचे है डिस्ट्रिक्ट कोर्ट आइए अब समझते हैं तो हाईएस्ट कोर्ट कहां पर स्टेट में याद रखिएगा देश में हाईएस्ट कोर्ट पूछोगे नेशन शब्द की वर्ड ध्यान से सुनिए गलती से मिस्टेक मत कर देगा ये भी हाईएस्ट कोर्ट है पर स्टेट की हाईएस्ट कोर्ट है और सुप्रीम कोर्ट नेशन की हाईएस्ट कोर्ट है सबसे ऊपर में तो स्टेट में हाईएस्ट कोर्ट कौन है हाई कोर्ट और देश में कितनी हाई कोर्ट है 25 हाई कोर्ट है ठीक है और यहां पर भी होते हैं चीफ जस्टिस और यहां भी होते हैं मेंबर ऑफ जूरी क्या मेंबर ऑफ जूरी इनका नंबर जो होता है मेंबर ऑफ जूरी का मैंने बताया कि कुछ इस तरीके से होते हैं ऐसा राउंड सा होता है यहां होते हैं चीफ जस्टिस यहां यहां बैठते हैं चीफ जस्टिस और बाकी अदर जजेस यहां होते हैं ये अदर जजेस को कहते हैं मेंबर ऑफ जूरी इनको इनको पॉइंट इनका नंबर कौन फिक्स करता है पार्लियामेंट पार्लियामेंट डिसाइड करती है कि कितने मेंबर होंगे इसमें और इसके अलावा अगर और जजों की जरूरत पड़े तो उनको दो साल के लिए पॉइंट किया जा सकता है हम इन्ह कहते हैं एड हॉक जजेस क्या बोलते हैं इनको एड हॉक जजेस टेंपररी जजेस तो अगर हाई कोर्ट का जज बनना है तो क्या करना पड़ेगा देश का नागरिक होना पड़ेगा 62 यर देखिए 65 नहीं 65 सुप्रीम कोर्ट के लिए था ठीक है इसमें कितनी जज होनी चाहिए मस्ट नॉट बी ओवर 62 62 से ज्यादा एज नहीं होनी चाहिए और आपको जज ऑफ अ जज ऑफ अ कोर्ट होना चाहिए कम से कम 10 साल के लिए अगर आप डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जज हैं 10 साल के लिए किसमें डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लोअर कोर्ट में 10 साल के लिए जज हैं तो बन सकते हैं और या तो आप एडवोकेट हैं एडवोकेट है और वो भी कम से कम 10 साल के एडवोकेट मतलब होता है लॉयर तो इसलिए मैंने कहा अगर लॉयर बनना चाहते हो तो मुझे मुझे पर्सनली बताना मैं आपकी मदद करूंगा हां इफ यू वांट टू बी अ लॉयर टेल मी आई विल बी ट्राइम टू हेल्प यू चलिए आगे बढ़ते हैं कैसे अपॉइंटमेंट होता है जजेस ऑफ़ दी जजेस ऑफ़ दी सुपी हाई कोर्ट तो चीफ जस्टिस ध्यान से सुनिए कौन अपॉइंट्स कैसे अपॉइंट्स ध्यान से सुनिए चीफ जस्टिस ऑफ हाई कोर्ट को कौन अपॉइंट्स को हाई कोर्ट को अपॉइंट्स यहां भी प्रेसिडेंट ही आ रहा है देख लीजिए प्रेसिडेंट आ रहा है पर प्रेसिडेंट क्या करता है सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से सलाह लेता है गवर्नर ऑफ द स्टेट से जला लेता है दो लोगों से जला लेता है ध्यान दीजिएगा प्रेसिडेंट ही अपॉट करेगा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को जैसे यूपी का हाई कोर्ट कहां है मैं बता दं हाई कोर्ट ऑफ यूपी हाई कोर्ट ऑफ यूपी इलाहाबाद में मेरा मैं यूपी में हूं हाई कोर्ट ऑफ यूपी की मैं बात कर रहा हूं हाई कोर्ट ऑफ यूपी कहां पर है प्रयागराज जिसको हम अलाहाबाद भी बोलते हैं प्रयाग प्रयाग राज कहां पर है प्रयागराज में यहां पर है हमारा हाई कोर्ट हमारा मतलब मैंने कहा यूपी का हाई कोर्ट है तो इसके जो चीफ जस्टिस है उनको कौन अपॉइंटमेंट ऑफ इंडिया किसकी सलाह लेगा चीफ जस्टिस ऑफ सुप्रीम कोर्ट सलाह लेगा गवर्नर से ठीक है तो इनकी सलाह के बाद प्रेसिडेंट बताइए क्योंकि यूपी की गवर्नर ही गवर्नर ऑफ यूपी मैंने एग्जांपल यूपी का दिया मेरा जो हाई कोर्ट है वो यूपी का हाई कोर्ट है वैसे कुछ स्टेट ऐसे हैं जहां दोदो स्टेट में एक सिंगल हाई कोर्ट है जैसे पंजाब एंड हरियाणा जैसे पंजाब दो स्टेट है पर दोनों की एक सिंगल हाई कोर्ट है चंडीगढ़ हाई कोर्ट वो पंजाब के लिए भी है हरियाणा के लिए भी है कई जगह ऐसा भी है अच्छा एक ही यूनियन टेरिटरी है एक मात्र यूनियन टेरिटरी है एक सिंगल यूनियन टेरिटरी है दिल्ली एक सिंगल यूनियन टेरिटरी है दिल्ली जिसके पास अपना हाई कोर्ट है बाकी किसी भी यूनियन टेरिटरी के पास अपना हाई कोर्ट नहीं है हां दादरा एंड नगर हवेली नाम सुना है यूनि टेटरी का हां उन सबके पास पाना जीी उनके पास अपना अपना हाई कोर्ट नहीं है सिर्फ एकमात्र दिल्ली के पास अपना हां भाई दिल्ली बहुत बड़ा राज्य है भाई दिल्ली देश की राजधानी है ना दिल्ली देश का दिल है ना तो दिल की अपनी दिल की अपनी क्या है हाई कोर्ट क्लियर बात करेंगे तो मैंने पूछा था कि हु इज द गवर्नर ऑफ यूपी अगर आपने लिखा आनंदी बेन तो आनंदी बेन पटेल तो आपका आंसर सुपर सुपर होगा हां लिखा तो अदर जजेस कैसे पॉइंट होते हैं अगर चीफ जस्टिस अपॉट हो अदर जजेस भी इसी प्रोसेस से पॉइंट होते हैं उसमें प्रेसिडेंट ही अपॉइंट्स ऑफ सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट और गवर्नर ऑफ द स्टेट की परमिशन लेता है तो अब जजेस के पास पावर क्या है उस स्टेट के अंदर का पावर है क्या उस स्टेट का अब सबसे पहला पावर है ओरिजिनल जूरिडिक्शन तो क्या हम डायरेक्टली हाई कोर्ट में जा सकते हैं हम स्टेट में रहते हैं हम लोग किसी एक स्टेट में रहते हैं क्या हम डायरेक्टली उस स्टेट की सबसे ऊंची कोट में जा सकते हैं जवाब है हां भाई जब हम सुप्रीम में जा सकते हैं जब हम डायरेक्टली सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं यहां क्यों नहीं जा सकते एकदम जा सकते हैं तो सुप्रीम कोर्ट के पास जब डायरेक्टली जाएंगे तो उसे कहेंगे क्या ओरिजिनल डक्शन कब जा सकते हैं जब मैटर रिलेटेड टू स्टेट रेवेन्यू एंड कलेक्शन हो सर ये स्टेट रेवेन्यू क्या होता है स्टेट रेवेन्यू मतलब होता है लगान क्या क्या क्या क्या लगान लगान लगान वो मूवी लगान नहीं जो स्टेट जो गवर्नमेंट क्या करती है जमीन पे टैक्स लगाती है उसे कहते हैं स्टेट रेवेन्यू तो अगर स्टेट रेवेन्यू से मामला होगा तो हम डायरेक्टली जा सकते हैं सुप हाई कोर्ट पे याद रखिएगा हमारे स्टेट का मामला है हम जा सकते हैं हाई कोर्ट पे या क्वेस ऑफ विल डाइवोर्स मैरिज कंपनी लॉ कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट इसमें भी डायरेक्टली डायरेक्टली हाई कोर्ट में जाया जा सकता है याद रखिएगा हाई कोर्ट के पास पावर है कि वह कांस को इंटरप्रेट कर सकता है इसको भी हम कहते हैं पावर ऑफ जुडिशल रिव्यू तो अगर स्टेट गवर्नमेंट क्या करे कोई ऐसा कानून बनाए जो कांस्टिट्यूशन के खिलाफ हो तो हाई कोर्ट उसको नल एंड वॉइड कर सकता है ठीक है अच्छा सुप्रीम कोर्ट की तरह यह भी क्या कर सकता है फंडामेंटल राइट्स की रक्षा कर सकता है इसके लिए वह क्या करता है क्या करता है रिट जारी करता है व्हाट इज द टोटल नंबर ऑफ रिट्स नंबर ऑफ रिट्स कितने हैं कितने डब्ल्यू आर आई टी एस रिट्स नंबर ऑफ रिट्स बताना है सिर्फ नाम मत बताइए सिर्फ नंबर ऑफ रिट्स बताइए व्हाट इज द नंबर ऑफ रिट्स दैट कैन बी इश्यूड बाय सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट नंबर बताना है सिर्फ बताइए नंबर बताइए चलिए द हाई कोर्ट के पास क्या है इलेक्शन के मैटर में भी अगर कोई इलेक्शन चल रहा है और किसी एक को लगता है कि इलेक्शन के दौरान उसके सा चीटिंग हुई है दूसरी पार्टी वालों ने बेईमानी की है वोटिंग में रिगिंग की है या भ्रष्टाचार कोई किया है तो वह डायरेक्टली वह डायरेक्टली क्या कर सकता है हाई कोर्ट में जा सकता है तो इलेक्शन पेटीशन में जिसमें चैलेंज करेंगे इलेक्शन का उसे कर सकते हैं तो ढेर सारे फ फ 5555 आ रहे हैं वंडरफुल सुपर्ब वेल डन एकदम जबरदस्त जवाब है फाइव इज दी राइट आंसर एकदम बहुत सारे मुझे स्क्रीन पर 5 फ 5 5 फ नजर आ रहे हैं चलिए यह तो था ओरिजिनल डिशन ऑफ दी हाई कोर्ट बात करेंगे एपलेट जूरिडिक्शन तो मैंने कहा अपील कर सकते हैं हां अगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में फैसला हुआ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हम सेटिस्फाइड नहीं है तो डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के खिलाफ हम जा सकते हैं हाई कोर्ट में हां डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से बड़ी है हाई कोर्ट ठीक है और कब कब जा सकते हैं मैंने कहा सिविल केसेस में क्रिमिनल केसेस में जा सकते हैं सिविल केसेस में लैंड का मैटर है या या बटेंट इन जस्टिस हो रहा है तो भी हम जा सकते हैं मतलब एकदम घोर अन्याय हो रहा है तो हम जा सकते हैं क्रिमिनल केसेस में क्या हो जाएगा अगर कोई सेशन जज ने फैसला सुनाया कि 7 साल से अधिक की सजा है तो भी हम हाई कोर्ट में जा सकते हैं ध्यान सुनिए सजा 7 साल से अधिक की किसने सुनाई सेशन जज ने सुनाई सेशन जज इज द क्रिमिनल जज क्या एक जज जो क्रिमिनल कोर्ट को डील करता है उसे कहते हैं क्या सेशन ज तो 7 साल की अधिक सजा सुनाएगा तो वो व्यक्ति हाई कोर्ट में जा सकता है या अगर हम क्या करते हैं असिस्टेंट सेशन जज ने फैसला सुनाया चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाया 4 साल से अधिक की सजा का फैसला सुनाया किसी अपराधी को तो यह अपराधी भी अपील कर सकता है याद रखिएगा पोजीशन लो है इन लोगों की ठीक है ना नेक्स्ट है और क्या हो सकता है अगर कोई ऑर्डर ऑफ अविटल आ गया ऑर्डर ऑफ अविटल मतलब होता है सेशन जज ने कोर्ट उस उसको बरी कर दिया क्या करना सेशन जज ने किसी अपराधी को जिस पर मुकदमा चल रहा था उसको अविटल कर दिया क्या कर दिया अविटल अविटल मतलब होता है बरी कर देना माफ कर देना जाओ तुम्हें छुट्टी है जाओ तुम्हारा अपराध माफ है जाओ तुम्हें जेल से छोड़ देते हैं तो भी आप उसके खिलाफ जा सकते हैं आप हाई कोर्ट में जा सकते हैं अगर सेंटेंस ऑफ डेथ दे दिया फांसी की सजा सुना दी गई क्या सुना दी गई सेंटेंस ऑफ डेथ सुना दी गई है ना किसी द्वारा किसी कोर्ट द्वारा तब भी क्या होगा तब तक जब तक की हाई कोर्ट उसको अप्रूव ना करे तब तक नहीं सुना सकते हाई कोर्ट के फैसले के बिना नहीं कर सकते फंक्शन ऑफ हाई कोर्ट क्या है मैंने कहा डिस्प्यूट सेटल कर सकता है मैंने बताया ओरिजनल जूरिडिक्शन को सेटल कर सकता है राइट ऑफ फंडामेंटल्स को डिस्प्यूट को सेटल कर सकता है अपील जूरिडिक्शन कर सकता है फंडामेंटल राइट्स को वो एंपावर कर सकता है मैंने कहा यह भी ग गार्जियन ऑफ फंडामेंटल राइट्स है ठीक है कैसे करता है मैंने कहा पांच रिट्स जारी करके कितने रिट्स हैं पांच रिट्स जारी किए जा सकते हैं क्या हमें किसी तीन रिट का नाम बताएंगे राइट दी नेम ऑफ थ्री रिट्स इंपॉर्टेंट टॉपिक है थ्री रिट्स के नाम बताइए डब्लू आर आई टी एस थ्री रिट्स के नाम बताइए चलिए बात करता हूं रिवाइजरी डिक्शन की तो मैंने कहा कोर्ट का जो फैसला है वह रिकॉर्ड हो जाता है कोर्ट का फैसला रिकॉर्ड होता है और जब कोर्ट का फैसला रिकॉर्ड हो गया फ्यूचर में इसका मैंने कहा यूज होता है और कोर्ट अपने फैसले को चेंज कर सकती है ठीक है अगर कोई एरर हो गया लॉ में कोई प्रिंसिपल ऑफ वायलेशन ऑफ नेचुरल जस्टिस हुआ हो तो बदल सकती है या कोई रॉन्ग जजमेंट दिया गया हो या कोई एरर इन प्रोसीजर हुआ हो इन सब केसेस में इन सब केसेस में क्या कर सकती है हाई कोर्ट अपना फैसला खुद बदल सकती है जैसे कि सुप्रीम कोर्ट करती थी रिवाइज जुडिशियस रिव्यू तो हाई कोर्ट की तरह सुप्रीम कोर्ट की तरह हाई कोर्ट भी जुडिशियस रिव्यू करती है मैंने बताया अगर कोई सुप्रीम कोर्ट की तरह प के तरह पावर है उसके पास फंडामेंटल राइट्स को क्या करना को डिस्कस करना फंडामेंटल राइट का केस है तो उसपे एक फैसला सुना सकती है अगर कोई हमारे फंडामेंटल राइट्स को कोई छिनता है कोई ऐसा काम करता है जो प्रोविजन ऑफ दी कॉन्स्टिट्यूशन को ब्रीच करता है अर्थात हमारे संविधान में लिखे हमारे हक को कोई छीनने वाली बात होती है तो यह सारे सारे फैसले नल एंड वॉइड हो जाएंगे हाई कोर्ट भी स्टेट गवर्नमेंट के द्वारा दिए गए फैसले को किसी भी राज्य सरकार ऐसा कोई फैसला पास करती है लेजिसलेटिव असेंबली में उसको नल एंड वॉइड घोषित कर देगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पार्लियामेंट के फैसले को नल एंड वॉइड घोषित करेगी तो हाई कोर्ट अपने स्टेट में जिस स्टेट में हर स्टेट में हाई कोर्ट है उस स्टेट के गवर्नमेंट द्वारा जब जब लेजिसलेट असेंबली में जिसको विधानसभा बोलते हैं वहां अगर ऐसा कोई फैसला किया जो कांस्टिट्यूशन के खिलाफ है उसको क्या करेगी नल एंड वॉइड घोषित कर देगी ठीक है बात कर करते हैं तो ओरिजिनल जूरिडिक्शन टॉपिक आना चाहिए इंपॉर्टेंट टॉपिक है खास करके सुप्रीम कोर्ट का ओरिजिनल जूरिडिक्शन और अपीलेट जूरिडिक्शन वाला टॉपिक इंपॉर्टेंट है ठीक है कोर्ट ऑफ रिकॉर्ड मैंने बता दिया कि सुप्रीम कोर्ट की तरह इसके जजमेंट को रिकॉर्ड कर दिया जाता है अब इसके नीचे आती है सबोर्डिनेट कोर्ट्स हाई कोर्ट के नीचे काम करती हैं डिस्ट्रिक्ट लेवल पर काम करती है इसमें दो तरह के जज है पहला है कोर्ट ऑफ डिस्ट्रिक्ट जज और सेशन जज ध्यान से सुनिए कोर्ट ऑफ डिस्ट्रिक्ट जज और सेशन जज पहला है सेशन जज डिस्ट्रिक्ट जज ध्यान से सुनिए डिस्ट्रिक्ट जज और सेशन जज यह हाईएस्ट सिविल कोर्ट है देश शहर की आपके शहर की तुम्हारा शहर है तुम रहते हो कहां अपने शहर का नाम लिखो हां जैसे मैं वाराणसी में रहता हूं तो वारसी की जो सबसे बड़ी सिविल कोर्ट है हाईएस्ट कोर्ट ऑफ वारसी वारा अरे वा राना स तो बनारस में क्या है डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट होगी वो क्या होगी वहां की हाईएस्ट कोट होगी हां तुम अपना शहर का नाम लिखो तुम सब अपने शहरों का नाम लिखो और क्या है यहां पर हाईएस्ट क्रिमिनल कोर्ट होगी तो उसका नाम सेशन कोर्ट होगा देखा डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट होगी सिविल केसेस के लिए क्रिमिनल केसेस के लिए क्रिमिनल केसेस के लिए सेशन जज अच्छा सिविल कोर्ट को प्रिसा इड कौन करता है सिविल कोर्ट को हेड कौन करता है सिविल कोर्ट का हेड कौन है डिस्ट्रिक्ट जज क्रिमिनल कोर्ट का हेड कौन है क्रिमिनल कोर्ट का हेड कौन है डिस्ट्रिक्ट जज सेशन जज अच्छा डिस्ट्रिक्ट जज के नीचे एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज है इनको अपॉइंटमेंट कौन कर रहा है गवर्नर ठीक है और डिस्ट्रिक्ट जज जिसको सिविल जज कहते हैं ये क्या करता है सिविल मैटर्स जैसे मैटर रिलेटेड टू लैंड प्रॉपर्टी मनी गार्जियनशिप मैरिज डाइवोर्स इससे रिलेटेड मैटर को डील करता है जबकि सेशन जज किससे रिलेटेड डील करता है क्योंकि सिविल केस नहीं है क्रिमिनल केस है तो मर्डर थैफ डकायती पिक पॉकेटिंग पिक पॉकेटिंग पिक पॉकेटिंग पैसे का गवन चोरा लना और डिस्ट्रिक्ट जज क्या करता है डिप्टी कमिशनर की तरह काम करता है डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर की तरह काम करता है अर्थात जो रेवेन्यू कलेक्ट करने का काम है वो उसका काम है इसलिए इसको कहते हैं डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ठीक है लॉ ऑफ दी डिस्ट्रिक्ट को मेंटेन करता है समझ गए जबकि सेशन जज इनमें से कोई भी काम नहीं करता सेशन जज कोई भी एडमिनिस्ट्रेटिव फंक्शन नहीं करता है चलिए चेक करता हूं आपने किस हा आप लोग ने किस किस शहर का नाम लिखा सब लोग लिख दीजिए अपने अपने शहर का नाम क्योंकि आपके शहर की जो हाईएस्ट कोर्ट ऑफ सिविल कोर्ट है वह आपके डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के नाम से जैसे बनारस में है तो नाम है वारसी सिविल कोर्ट ठीक है हर शहर की अपनी एक होगी चलिए इसके बाद आता है लोक अदालत वेरी इंपॉर्टेंट टॉपिक लोक अदालत इंपॉर्टेंट टॉपिक लोगों की अदालत तो एक ऐसी कोर्ट जो लोगों की कोर्ट है जिसे कहते हैं पीपल्स कोर्ट तो यह एक अल्टरनेटिव तरीका है आप हाई कोर्ट में मत जाइए सुप्रीम कोर्ट में मत जाइए डिस्ट्रिक कोर्ट में मत जाइए इस कोर्ट में आइए यह कोर्ट क्या है नाम है पीपल्स कोर्ट यह एक अल्टरनेटिव तरीका है आपके डिस्प्यूट को सॉल्व करने का क्या रिकमेंडेशन है जस्टिस पीएन भगवती एक चीफ जस्टिस का नाम है एक बड़े महान जस्टिस नाम है पी एन भगवती क्या नाम है जस्टिस पी एन भगवती इन्होंने एक सरकार को रिकमेंडेशन भेजा सरकार को सलाह भेजी क्या सलाह भेजी पीएन भगवती ने सलाह भेजी कि देश में लीगल सर्विस एक्ट बनाया जाए देश में लोक अदालत बनाई जाए क्या बनाई जाए लोक अदालत क्या होगी लोक अदालत एक लीगल फोरम होगा एक लीगल तरीका होगा लीगल एड देने का क्विक जस्टिस देने का उनको जिनके पास इतना पैसा नहीं है कि वो लॉयर को रख सके उनको जिनके पास खर्चा नहीं बियर करने का पावर है खर्चा बियर करने का पावर नहीं है कोर्ट के प्रोसीज का दोज हु कैन नॉट बियर दी प्रोसीडिंग्स ऑफ द कोर्ट दोज ू कैन नॉट पे फॉर द लॉयर्स दोस ू कैन नॉट स्टे फॉर लॉन्ग आवर्स इन द कोर्ट तो आम आदमी के लिए गरीब आदमी के लिए मध्यम वर्गों के लिए क्या है जल्दी फैसला चट मंगनी पट बया सुना है तो इसकी तरह से क्या है न पील ना वकील ना दलील क्या करो फटफट फैसला सुनाओ नहीं सुने ध्यान से एक ऐसी कोर्ट जिसमें कोर्ट नहीं है ये इसमें रिटायर्ड जज बैठे होते हैं क्या रिटायर्ड जज बैठे होते हैं कुर्सी पर नॉर्मल सी कुर्सी पर और जिसके खिलाफ फैसला होता है और जिसको फैसला जो जो दो पार्टीज हैं एक जो सताई गई है एक विक्टिम है और एक जिसने सताया दोनों को सामने बैठाया जाता है और तुरंत चटपट फैसला दे दनादन वही का वही मिनटों में तारीख प तारीख नहीं पड़ने वाली है जो फैसला होना है अभी होना है और दोनों को मानना पड़ेगा एग्जांपल दूं मैं एग्जांपल देता हूं तुम्हारा बिजली विभाग से मुकदमा चल रहा है तुम बिजली विभाग से नाराज चल रहे हो बिजली विभाग ने तुम्हारे पास 5 लाख का मुकद 5 लाख का बिजली बिल दे रखा है ध्यान से सुनना ऐसा होता है सच होता है मैं एग्जांपल दे रहा हूं अब बिजली बाग तुम्हे 5 लाख का बिल मांग रहा है कर भक हम नहीं देंगे 5 लाख का बिजली का बिल हम इतनी बिजली जलाए नहीं है हम 10000 का बिजली द नहीं देंगे तो तुम्हारा बिजली विभाग से झगड़ा चल रहा है तो बिजली विभाग के ऑफिसर को और तुमको बुलाया जाएगा बैठिए एक छोटा सा टेबल होगा तो उसमें एक रिटायर्ड जज होंगे जो पहले से जज है कोई एक दो और सपोर्टिंग ऑफिसर्स होंगे के साथ एक दो और सपोर्टिंग ऑफिसर होंगे जज के साथ मेन जज नहीं है ध्यान दीजिएगा और यह क्या करेगा दोनों की बातें सुनेगा दोनों की प्रॉब्लम सुनेगा और तुरंत फैसला लिख देगा और दोनों को मानना पड़ेगा और वो फैसला बाइंडिंग ऑन बोथ है यही है काम झटपट फैसला कल परसों तारीख नहीं लगेगी आज फैसला होगा यही होगा अब सोचिए ना कोर्ट के पेपर की फीस देनी है ना कोर्ट फीस जमा करनी है ना लॉयर रखना है क्योंकि आपको खुद अपना क्या करना है मुकदमा जज के सामने प्रेजेंट करना है है ना मस्त चीज हां यह झटपट फैसला बड़ा अच्छा तरीका है तारीख पे तारीख नहीं चाहिए फैसला चाहिए तो आ जाओ लोक अदालत समझ में आया है ना मस्त चीज तो इस कानून बनाया गया नाम क्या रखा लीगल सर्विस अथॉरिटीज एक्ट इस कानून में क गया कहा गया कि अब देश में लोक अदालत होगी लोक अदालत क्या करेगी वही पावर होगा जो सिविल कोर्ट के पास पावर है जो पावर जो राइट्स जो अधिकार सिविल कोर्ट के पास है पर सिविल को कोर्ट्स में क्या होता है लॉयर को ले जाना पड़ता है कोर्ट फीस जमा करनी पड़ती है और तारीख पे तारीख तारीख पे तारीख तारीख पे तारीख जिंदगी बीत जाती है अर्सल इसमें कुछ नहीं है इसमें तुरंत फैसला है तो डिक्री ऑफ सिविल कोर्ट का पावर होगा और यह पावर सबके लिए बाइंडिंग होगा लोक अदालत का डिस्प्यूट तुरंत सेटल वहीं का वहीं चटपट फैसला मैंने कहा चट मंगनी पट ब्या हां हां घूम घुम वल नहीं होगा तुरंत फैसला क्या है एडवांटेज लोक अदालत का कि कोई फैमिली का डिस्प्यूट हो डिस्प्यूट बिटवीन नेबर्स हो माइनर केसेस हो दे दनादन सॉल्व करो लंबी-लंबी तारीखें मत लाओ समझ गए कोर्ट के पास वैसे ही समय नहीं है और अगर फास्ट फैसला चाहते हो बिना खर्चा के जजमेंट चाहते हो तो लोक अदालत में आओ क्विक एंड फास्ट जजमेंट चाहिए और क्या है कोर्ट का वर्कलोड कम कर दे रही है लोक अदालत वैसे कोर्टों पे हजारों केस पड़े हुए हैं और वो केस तारीख पे तारीख तारीख पे तारीख चलते जा रहे हैं और कई बार आदमी गुजर जा रहा है वह जो मुवक्किल वो गुजर जा रहा है पर केस पे केस चला जा रहा है पीढ़ियों प पीढ़ियों केस लड़ रही है तो बकवास है ना तो यह अच्छा तरीका है वर्क लोड ऑफ द कोर्ट जो मेन के कोर्ट्स के उनके वर्कलोड कम हो रहा है एंड नेक्स्ट है सोशल जस्टिस भी है लोगों को न्याय भी मिल रहा है जो गरीब दबे हुए समाज में कुचले हुए लोग है जिनके पास पैसा नहीं है उनको भी उनका हक मिल रहा है ठीक है यह तरीका है क्लियर है नेक्स्ट बात करेंगे फॉरवर्ड ब्लॉक एंड डी आई एनए देखिए मैंने आपको इंपॉर्टेंट इंपोर्टेंट टॉपिक जहां जहां बोला उसको ध्यान रखिएगा वो टॉपिक अगर आप एस्केप कर जाएंगे तो आई एम सॉरी आपके नंबर कट जाएंगे और मैंने बहुत ज्यादा बहुत ज्यादा आपको नहीं बताया जो लिमिटेड टॉपिक बताया उसको लिख के याद कर लो ठीक है बात कर रहे थे टॉपिक की किसकी फॉरवर्ड ब्लॉक तो सुभाष चंद बोस जी आदरणीय परम आदरणीय नेता जी की बात कर रहे हैं तो सुभाष चंद्र बोस एक बड़े ही महान बहुत ही महान मुझे लगता है जितनी प्रशंसा की जाए सुभाष जी की कम होगी एक बड़े ही महान लीडर थे हमारे देश के जब तो ज्ञानी थे बहुत इन्होंने आईसीएस एग्जाम पास किया था पर इसको रिजाइन कर दिया बोला हम अंग्रेजों की गुलामी नहीं कर सकते सोचिए इतने ब्रिलियंट स्कॉलर थे सुभाष चंद्र बोस जी कि उन्होंने अंग्रेजों का ये पद छोड़ दिया जो कि बड़े-बड़े लोग क्या करते हैं इस लालच में बैठे रहते हैं क्योंकि मजिस्ट्रेट का पद मिलता है से उन्होंने रिजाइन कर दिया बोला हम देश की सेवा करना चाहते हैं और 1938 में ध्यान से सुनिए यर 1938 में 1938 में कांग्रेस के प्रेसिडेंट बनाए जाएंगे हरिपुरा सेशन में कांग्रेस का सेशन होगा हरिपुरा में वहां पर यह कांग्रेस के प्रेसिडेंट चुन लिए जाएंगे बट बट बट बट अगले ही साल ध्यान से सुनिए बड़ी इंपॉर्टेंट इवेंट है शॉर्ट क्वेश्चन बनेगा अगले ही साल क्या होगा 1939 में क्या होगा अगले साल 1939 में सुभाष चंद्र बोस फिर से प्रेसिडेंट बनना चाहते थे सुभाष चंद्र बोस वांटेड टू फाइट फॉर द इलेक्शन ऑफ प्रेसिडेंट ऑफ दी कांग्रेस पर गांधी जी चाहते थे कि सुभाष चंद्र बोस चुनाव ना लड़े बल्कि उनके द्वारा चुना गया प्रतिनिधि गांधी जी एक एक कैंडिडेट को सपोर्ट कर रहे थे पिता भी सीता रमैया तो गांधी जी चाते थे कि पिताजी भी सीता रमैया क्या करें कांग्रेस के प्रेसिडेंट बन जाए त्रिपुरा सेशन था त्रिपुरी सेशन था कौन सा कांग्रेस का 1939 का सेशन था त्रिपुरी सेशन सुभाष चंद बोले ना मैं तो प्रेसिडेंट के चुनाव के लिए लडूंगा और जानते हैं सुभाष बाबू जीत गए गांधी जी हार गए गांधी जी का कैंडिडेट नहीं जीत पाया और सुभाष चंद बोस प्रेसिडेंट ऑफ कांग्रेस दोबारा बन गए 1939 में तो बात यहां खत्म नहीं होती है तो गांधी जी और सुभाष बोस दोनों ही एक दूसरे की अलग-अलग विचारधारा वाले हैं गांधी जी के कैंडिडेट हार जाते हैं गांधी जी को हारने के बाद कैंडिडेट के हारने के बाद सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस के काम को कर नहीं पाते हैं क्योंकि बाकी लोग 12 मेंबर ऑफ दी कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने रिजाइन कर दिया तो एक तरह से सुभाष बोस प्रेसिडेंट तो बन गए कांग्रेस के पर उनके पास क्या है प्रेसिडेंट बनने के लिए जो पावर है काम करने का अधिकार है वो नहीं रहा सुभाष चन बोले मुझे पद नहीं चाहिए और पद को मारता हूं मैं लात क्या मैं पद को मारता हूं लात मार दुल भट बोले भक और फेंक दिया क्या प्रेसिडेंट शिप ऑफ द कांग्रेस जो कि लोग पाने के लिए मरते हैं उन्होंने उठा के फेंक दिया बोला हमको पद नहीं चाहिए मुझे देश सेवा करनी है तो इस तरह से सुभाष बाबू इतने महान थे सिर्फ इस बात पर नाराज हो गए कि मैंने जब सच में जीता है चुनाव तो मैं मैं लीड करूंगा ना कांग्रेस को कि कोई और चलाएगा कांग्रेस को कोई और नहीं चलाएगा मैं चलाऊंगा फेंक दिया बो इतना नाराज हो गए कांग्रेस से गए अपनी पार्टी बनाए भाड़ में जाए कांग्रेस मैं अपनी पार्टी बनाऊंगा नाम रखा उसका फॉरवर्ड ब्लॉक इसीलिए चैप्टर का नाम है फॉरवर्ड ब्लॉक तो गांधी जी से क्यों नाराज थे देखिए गांधी जी नहीं चाहते थे कि देश में लार्ज स् केल इंडस्ट्री आए वो तो कॉटेज इंडस्ट्री चाहते थे सुभाष बाबू बोले ना ना ना देश में बड़ी फॉरेन की मल्टीनेशनल बड़ी-बड़ी कंपनियां खुलेगी लास्ट स् केल प्रोडक्शन होगा बड़े लेवल पर काम करेंगे सुभाष चंद चाहते थे कि हम लोग अंग्रेजों के साथ वैसे ही डील करें जैसे वो हमारे साथ डील कर रहे हैं टिट फॉर टैट अगर वो ईटा फेंकते हैं तो हम उन परे अधा फेंकें समझे कि नहीं सुभाष बाबू डरते नहीं थे और गांधी जी बोलते ना ना ना अहिंसा करो और गांधी जी नहीं चाहते थे कि हम प्रिंसली स्टेट्स के लोगों की मदद करें सुभाष चंद बोले मदद करो भाई प्रिंसली स्टेट्स के लोगों को बहुत तड़पाया जा रहा है मारा पीटा जा रहा है गांधी जी ने मना कर दिया और त्रिपुरा सेशन में तो मैंने कहा गांधी जी की चाल लम नहीं चली गांधी जी का कैंडिडेट हार गया तो सुभाष चंद्र बोस ने भी रिटायर रिजाइन कर दिया और 1939 में ही उन्होंने अपनी पार्टी बनाई नाम रखा उसका फॉरवर्ड ब्लॉक देखिए उसका चिन्ह देखिए अब आप समझ सकते हैं कि किस तरह के हमारे सुभाष बाबू थे क्या दहाते वाले इसे कहते हैं देश का लीडर य दहाड़ के क्या करते थे लीड करते डरते नहीं थे शेर की तरह झपट्टा मारते थे देखिए इनका चुनाव चिन्ह देखिए यह है हमारे सुभाष जी तो ऑब्जेक्टिव क्या था क्यों बनाया फॉरवर्ड ब्लॉक तो बहुत सिंपल रीजन था वो चाहते थे एग्रीकल्चर को फिर से ऑर्गेनाइज करना जो बिखरा हुआ है किसान किसान अन्नदाता है उसको ऑर्गेनाइज करना चाहते थे और देश में इंडस्ट्री को लाना चाहते थे सोशलिज्म के बेसिस प मतलब इंडस्ट्री प किसी एक आदमी का अधिकार ना हो इसे कहते हैं सोशलिज्म हो सबका अधिकार हो और क्या चाहते थे जमीदारी सिस्टम बंद हो जाए क्योंकि जमींदार बहुत अत्याचार कर रहे थे किसानों पर और एक नया मॉनेटरी सिस्टम और क्रेडिट सिस्टम लाना चाहते हैं मतलब नई बैंकिंग प्रणाली नए नोट शायद अगर सुभाष बाबू जिंदा होते तो आज आज सारे नोटों में आप गांधी जी को नहीं सुभाष चंद्र बोस को देखते सच कह रहा हूं सच कह रहा हूं दिल से कह रहा हूं अगर आज सुभाष चंद्र बोस जी जिंदा होते तो सारे नोटों पर सुभाष चंद्र बोस जी का ही फोटो होता समझ रहे हो तो वो चाहते थे उस समय देश में नया मॉनेटरी सिस्टम आए नया क्रेट सोच उस जमाने में अंग्रेजों से गुलाम है भारत देश याद रखिएगा और 19 1942 के दौरान ही राज बिहारी बोस ने एक कान्फ्रेंस बुलाई बैंकॉक में बुलाई ठीक है और राज बिहारी बोस राज बिहारी बोस कौन है एक फ्रीडम फाइटर हैं और इन्होंने देश के बाहर से क्या किया इंडियंस को सपोर्ट करना शुरू किया विथ फंड्स विथ विथ वेपंस मतलब हथियारों से हथियारों से और वेपंस के पैसों से मदद करना शुरू किया सुभाष चंद्र बोस को सुभाष चंद्र बोस को क्या कर दिया उन्होंने सपोर्ट किया सुभाष चंद्र बोस को जब घर में कैद कर लिया गया था तो वह घर से घर से निकल गए एक पंजाबी का भेज धारण करके हां सुभाष चंद्र बोस पहुंचे जर्मनी और वहां जर्मन के प्रेसिडेंट जर्मनी के प्रेसिडेंट कौन थे एडोल्फ हिटलर याद है ना हिटलर हां मुसलो तो उस हिटलर की बात कर रहा हूं मुसल नहीं हिटलर की बात कर रहा था वो हिटलर से गए मिले भी वहां से हिटलर से उनसे मदद मांगी उन्होंने और वहां पर जो जर्मन इंडियंस थे जो इंडिया में जर्मन रहते थे उन्होंने सुभाष जी को नेताजी कहक सैल्यूट किया आप तो जानते ही हैं नेताजी ने बहुत सारे ऐसे वर क्राई दिए ऐसे बहुत सारा नारा दिया जो तुम भी लिख सकते हो गिव एनी टू गिव एनी टू स्लोगन गिवन बाय दी हा सुभाष चंद्र बोस जी बताइए आपको तो पता ही होगा मैं लिखूं मैं बता दूं मैं बता सकता हूं तुम बताओ गिव एनी टू स्लोगन गिवन बाय दी सुभाष चंद्र बोस सुभाष चंद्र बोस ने देश को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नारे दिए आपको नारे बताने हैं बताइए चलिए जब तक मैं आगे बढूं तो इंडियन नेशनल आर्मी बनाई उन्होंने ठीक है हालांकि फाउंडर ऑफ इंडियन नेशनल आर्मी नहीं है याद रखिए कंफ्यूजन मत रखिएगा प्लीज बी वेरी क्लियर सुभाष चंद बोस इंडियन नेशनल आर्मी के फाउंडर नहीं है फाउंडर कौन है इसका इसका कांसेप्ट बनाने वाले हैं कैप्टन मोहन सिंह कैप्टन मोहन सिंह खुद हमारी इंडियन आर्मी के कैप्टन थे जिसको जापान ने कैप्चर कर लिया था और यह ब्रिटिश आर्मी के कैप्टन थे इन्होंने इन्होंने जापान से कहा कि आपको इंग्लैंड पर अटैक करना है तो हम इंडिया पर अटैक करने को तैयार है हम इंग्लैंड पर अटैक करने को तैयार है आप हमारे सारे जो प्रिजनर्स ऑफ वॉर है उनको हमें दे दीजिए तो 40000 4000 इंडियन सैनिक क्या हो गए कैप्टन मोहन सिंह को मिल गए और बनाई गई क्या भारत की पहली सेना पहली सेना नाम था आजाद हिंद फौज बनाने वाले कंसीव करने वाले सोचने वाले व्यक्ति कौन थे कैप्टन मोहन सिंह जो कि मलाया में थे उस समय मलाया हमारा देश नहीं है हां और यहां पर से भारत की अपनी खुद की सेना बन गई बाद में सुभाष चंद्र बोस जी को इसका सुप्रीम कमांडर बना गया क्या चीज इस का सुप्रीम कमांडर सुभाष बाबू को बनाया गया और सुभाष चंद्र बोस जी ने इसका हेड क्वार्टर बनाया यंगून में ठीक है और धीरे-धीरे क्या करने लगे नए नागरिकों को भर्ती करने लगे इन्होंने एक वुमेन रेजीमेंट भी बनाई एक लड़कियों के लिए भी क्या बनाई एक सेना की फौज इकट सोचिए उस जमाने में लड़कियों की फौज इकट्ठा की क्या नाम रखा रानी लक्ष्मीबाई और उसकी उसकी जो हेड थी फौज का नाम था रानी लक्ष्मीबाई रेजीमेंट और उसकी हेड थी डॉक्टर लक्ष्मी स्वामीनाथन हां अभी बहुत रिसेंटली डॉक्टर लक्ष्मी स्वामीनाथन जी की डेथ हुई है हां अभी मैं कुछ साल पहले की बात बता रहा हूं आई थिंक कानपुर में रहती थी डॉक्टर लक्ष्मी स्वामीनाथन जी हां अभी रिसेंटली उनकी डेथ हुई है मतलब जो सुभाष जी के साथ खड़ी थी हां सुभाष जी के साथ स्वयं खड़ी थी डॉक्टर लक्ष्मी स्वामीनाथन जी चलिए बात करते हैं ऑब्जेक्टिव्स तो आयने को क्यों बनाया गया था वॉर प्यार करने के लिए और क्या अंग्रेजों को लोहा चखा के लिए और क्या है मजा चका के लिए और इंडियन लिविंगस अब्रॉड की मदद मांगने के लिए ताकि देश में आर्म डबलिन हो सके देश में बगावत करना है और सबसे इंपॉर्टेंट है एक प्रोविजनल गवर्नमेंट बनाना था की वर्ड क्या है देखिए टू फॉर्म अ प्रोविजनल गवर्नमेंट ऑफ फ्री इंडिया और यह हो भी गया सच कह रहा हूं सुभाष चन बोलते नहीं है करके दिखाते हैं और क्या करना इंडियन मैन पावर को और मनी को वॉर की तरफ मोड़ना भारत के लोगों की मदद से पूरी तरह से युद्ध तैयार करना अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध करना और करना नहीं किया भी बुरी तरीके से अंग्रेजों को धो डाला ठीक है ना और हुआ भी मैंने कहा उन्होंने प्रोविजनल गवर्नमेंट ऑफ इंडिया बनाई उन्होंने कई हिस्से जीत लिए याद रखिएगा ही सेट अप प्रोविजनल गवर्नमेंट ऑफ फ्री इंडिया एट सिंगापुर कहां बनाई सिंगापुर में बनाई प्रोविजनल गवर्नमेंट और तो और इसको यूएस ने और ब्रिटेन ने इसको समर्थन भी दिया और क्या किया इन्होंने अंडमान एंड निकोबार आइलैंड अंग्रेजों से जीत लिया अंडमान एंड निकोबार आलैंड और का नाम रखा स्वरा एंड सरीज आलैंड शहीद एंड स्वराज आइलैंड अंडमान निकोबार आइलैंड को उन्होंने जीत लिया था और तो और आई एनए ने माव डॉक को यह हमारे इंडिया के एक कहते है ना स्ट्रेटेजिक पोजीशंस है माव डॉक एक कह सकते हैं पोस्ट है बॉर्डर पोस्ट है हमारे देश की क्लंग क्लंग इन सबको जीत लिया भारत में अटैक किया अंग्रेजी सेना पे अटैक किया आई एनए ने इंडि और जीत भी लिया और किसको जीत लिया उखर को जीत लिया कोहिमा को जीत लिया और इन सब जगहों पर भारत का तिरंगा झंडा दिया सोच लीजिए उस जमाने में जब अंग्रेज इतने पावरफुल थे सुभाष बाबू ने इन सबको चढ़ा दिए बस गड़बड़ क्या हो गई कि जापान हारने लगा जापान विड्रॉ करने लगा तो जापान की जो सेना हमें मदद कर रही थी हथियारों से मदद कर रही थी वह मदद छीन ली गई और नतीजा हुआ क्या हम हार गए हम हार गए सुभाष बाबू सुभाष चंद्र बोस जी जब प्लेन से टोक्यो की तरफ जा रहे थे उसके बाद बा कभी नहीं लौटे प्लेन क्रैश हो गया इंडिपेंडेंस एंड पार्टीशन ऑफ इंडिया या चैप्टर इंडिपेंडेंस एंड पार्टीशन ऑफ इंडिया इज वेरी वेरी इंपॉर्टेंट फॉर दी बोर्ड पॉइंट ऑफ व्यू बोर्ड पॉइंट ऑफ व्यू से चैप्टर इंपोर्टेंट है इसके क्लॉसस पर क्वेश्चन बनेंगे ठीक है बात करते हैं कैबिनेट मिशन तो अंग्रेजों ने चुनाव सॉरी वर्ल्ड वॉर सेकंड हार गए वर्ल्ड वॉर सेकंड खत्म ब्रिटिशर्स वर्ल्ड वॉर सेकंड में जीत गए मैंने कहा हार गए हां मैंने कहा जीत के भी हार गए क्योंकि अब इंग्लैंड की पावर खत्म यूरोप की सुप्रीमेसी खत्म अब नए सुप्रीम पावर बन गए कौन रशिया और अमेरिका वर्ल्ड वॉर टू के बाद रशिया और अमेरिका सुप्रीम पावर बन गए और इन्होंने इंडिया के इंडिपेंडेंस को सपोर्ट किया यहां पर इंग्लैंड में क्या हुआ वहां पर भी प्रधानमंत्री चेंज हो गए वहां क्लेमेंट इटली नए प्रधानमंत्री बने और उन्होंने घोषित किया पार्लियामेंट में कि हम भारत को आजादी देंगे इन्होंने डिसाइड कर दिया कि हम पावर ट्रांसफर करेंगे इसके लिए उन्होंने भेजा कैबिनेट मिशन को अपने कैबिनेट मंत्रियों को भेजा ताकि इंडिया को लोगों को गवर्नमेंट ट्रांसफर कर दे और किस तरह की गवर्नमेंट चाहते हैं ये ट्रांसफर करने के लिए उन्होंने भेजा ठीक है कौन-कौन आए तीन लोग आए पैथिक लॉरेंस आए सर स्टेफोर्ड क्रिप्स आए और एवी अलेक्जेंडर आए ठीक है हां सुभाष चंद्र बोस के नारे की बात कर रहे थे तो दिल्ली चलो सही बात है और तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा है ना ये लिखा था तुम लोग ने चलिए आगे बढ़ते हैं तो ये तीन का है ये तीन लीडर्स आए इन्होंने क्या रखे कुछ पॉइंट्स रखे इन्होंने तय किया कि भारत को फेडरल सिस्टम बनाया जाएगा मतलब एक ऐसा सिस्टम जिसमें सेंट्रल गवर्नमेंट होगी और साथ में स्टेट गवर्नमेंट्स होगी पर ये सब किसके अंडर में होंगे ब्रिटिश के अंडर में होंगे ठीक है जो स्टेट्स होंगे प्रिंसली स्टेट्स होंगे उनके पास अलग होंगे पावर सेंट्रल गवर्नमेंट के पास पावर अलग होंगे जैसे सेंट्रल गवर्नमेंट के पास व पावर होगा जो पूरे देश को चलाने के लिए चाहिए होगा जैसे कि जैसे कि फॉरेन अफेयर्स किसके पास होगा सेंट्रल गवर्नमेंट के पास डिफेंस का पावर और कम्युनिकेशन का पावर यह पावर किसके पास होगा सेंट्रल गवर्नमेंट या यूनियन गवर्नमेंट के पास होगा फिर क्या होगा पावर ऑफ द यूनियन तो यूनियन के पास खुद की एग्जीक्यूटिव होगी और खुद की पार्लियामेंट होगी जिसको कहते हैं लेजिसलेच्योर शियल ऑटोनॉमी होगी अर्थात प्रोविंसेस के पास पावर होगा वो जो चाहे वो करें प्रोविंस अपने मन से डिसाइड करेंगे ग्रुपिंग ऑफ द प्रोविंसेस की जाएगी किस तरीके से ग्रुप ए हिंदू मेजॉरिटी स्टेट्स होंगे ये छह हिंदू मेजॉरिटी वाले स्टेट्स होंगे जिसमें बॉम्बे मद्रास सेंट्रल प्रोविंस यूनाइटेड प्रोविंस बिहार उड़ीसा होगी जबकि ग्रुप बी में क्या होगा मुस्लिम मेजॉरिटी के स्टेट्स होंगे पंजाब नॉर्थ वेस्ट फेंटर प्रोविंस और सिंध होंगे ये मुस्लिम मेजॉरिटी स्टेट्स है याद रखिएगा और तीसरा ग्रुप सी होगा बंगाल और आसाम होगा कुछ और भी प्लेसेस होंगी जिनको कहेंगे कमिश्नर्स प्रोविंस जैसे दिल्ली अजमेर मारवा कुर्ज ठीक है बलूचिस्तान की मर्जी है वह बलूचिस्तान क्या जवाइन कर रहा है ग्रुप बी को किसी भी प्रोविंस के पास पावर होगा कि वह कभी भी किसी एक ग्रुप को छोड़कर दूसरे ग्रुप में जा सकता है देश में कं असेंबली बनाई जाएगी यह सब क्या है क्लॉसस ऑफ दी क्रिप्स मिशन ध्यान देख रहे हैं सॉरी कैबिनेट मिशन अब आ रहा चल रहा है क्या य कंस्ट असेंबली बनाई जाएगी जो कि देश का नया कानून लिखे गी और इसमें 296 मेंबर होंगे कहां से प्रोविंसेस से और 93 मेंबर्स कहां से आएंगे इलेक्ट हो के आएंगे प्रिंसली स्टेट से यह क्या करेंगे पूरे देश का संविधान लिखेंगे जिससे देश चलाया जा रहा है आज वर्तमान में वह तब लिखा जाना था बात कर रहा हूं 1946 की तब यह लिखा गया था कितने लोग लिख रहे हैं देख रहे हो ना 296 प् अगर प्लस करोगे तो 389 मेंबर्स 389 मेंबर्स लिख कर के मिल कर के लिख रहे हैं भारत का कांस्टिट्यूशन और क्या होगा माइनॉरिटी को भी हक दिया जाएगा मुस्लिम्स को सिखों को जो माइनॉरिटी होते हैं उनको भी उनका पावर दिया जाएगा इंटिम गवर्नमेंट बनाई जाएगी एक ऐसी गवर्नमेंट जो कि क्या करेगी वॉयज रॉय को सपोर्ट करेगी देश चलाने में मदद करेगी और तो और इंडिया को कहा जाएगा कि आप की मर्जी है ब्रिटिश कॉमनवेल्थ के मेंबर ब बनना चाहते हैं तो बन जाइए कॉमनवेल्थ वो कंट्रीज होती हैं जो पहले ब्रिटिश की गुलाम थी अब ब्रिटिश के साथ एसोसिएट होकर काम करना चाहती है ठीक है ट्रांसफर ऑफ पावर किया जाएगा भारत को आजादी दी जाएगी कि वह कभी भी चाहे तो भारत आजादी मांग ले जब ये मैटर नहीं पास हो पाएगा जब ये क्रिप्स जब ये कैबिनेट मिशन पास नहीं हो पाएगा इंडिया के लोग इस एक्सेप्ट नहीं करेंगे कांग्रेस इसलिए एक्सेप्ट नहीं करेगी इसमें इसमें जो है अभी विलंब था इसमें कहीं ना कहीं डिवीजन की बू आ रही थी और मुस्लिम लीग इसलिए एक्सेप्ट नहीं करेगी इसमें कंप्लीट डिवीजन की बात नहीं हो रही थी वो एक्सेप्ट नहीं करता है बोलता नहीं हम जब तक पूरा कंप्लीट डिवीजन या पार्टीशन ऑफ इंडिया नहीं होगा तब तक हम नहीं लेंगे हमें मुस्लिम कंट्री चाहिए पाकिस्तान चाहिए समझ में आया अब आए लॉर्ड माउंट बेटन इनको देख लीजिए लॉर्ड माउंट बेटन यह लास्ट गवर्नर जनरल आ रहे यह आखिरी गवर्नर जनरल है और 1947 में इन्होंने इनका मेन काम था दो दोनों ही लड़ाई करने वाले लोगों के बीच में मतलब हिंदू और मुस्लिम्स के बीच में क्या करना समझौता कराना इनका मेन मकसद था इंडिया को आजादी देना इंडिया को आजादी देने आए थे इन्होंने भी एक प्लान बनाया यह देश के सात बड़े लीडर उस जमाने के जो समय टॉप के सातों लीडर्स थे आप देख पाएंगे इनको नेहरू जी पटेल जी कृपलानी जी जिन्ना जी लियाकत निस्तार और बलदेव ये सातों बड़े लीडर्स है और बीच में बैठे हैं यहां पर बीच में खुद बैठे हुए हैं सारे ब देखि नेहरू जी दिख रहे हैं ना आपको ये बलदेव जी देखिए तो देश के सातों बड़े लीडर्स थे बिग सेवन को कहा गया था और इन्होंने क्या किया इन्होंने माउंट बेटन प्लान एक्सेप्ट कर लिया ये वो आखिरी प्लान था जो सबने मान लिया और इस प्लान में क्या था क्या क्लॉज थे इस प्लान के आइए देखें इस प्लान में कहा गया कि भारत का बंटवारा होगा निश्चित हो गया तो व्हिच प्लान व्हिच प्लान डिक्लेयर्ड द बटवारा ऑफ इंडिया तो वो प्लान का नाम है लॉर्ड माउंट बेटन पन आखिरी बॉयज र है ना ये भारत को क्या करने आए हैं ट्रांसफर ऑफ पावर करने आए भैया अपना देश ले लो हम जा रहे हैं और क्या किया भारत अब दो डोमिनेंट में बट जाएगा पाकिस्तान और इंडिया एक बाउंड्री कमीशन बनाया जाएगा एक ऐसी संस्था बनाई जाएगी जो इंडिया और पाकिस्तान के लिए बाउंड्री डिसाइड करेगी प्रिंसली स्टेट्स के पावर्स पावर होगा वो जिसके साथ जुड़ना चाहे जुड़ जाए प्रिंसली स्टेट्स इंडिपेंडेंट है हमारी तरफ से आजाद है हमारी सारी ट्रीटी जो प्रिंस स्टेट के साथ थी वह सारी ट्रीटी अब कैंसिल होती है खत्म होती है जो अंग्रेजों ने पहले टी साइन की थी और बंगाल और पंजाब को भी क्या कर दिया गया पंजाब आधा इंडिया और आधा पाकिस्तान में चला गया सेम चीज वही बंगाल के साथ भी दोनों में पंजाब बंगाल सिंध को पूछा गया कि अब कहां रहेंगे स्पेशल मीटिंग की गई सिंध जवाइन कर गया पाकिस्तान में और आज तक पछता रहा है आज तक वहां के सी लोग पिटाई जा रहे हैं आज तक वहां की औरतें बच्चों को अन्याय हो रहा है आज तक टिल टूडे नॉर्थ वेस्ट प्रिंटर प्रोविंस को व पावर दिया गया कि आप क्या करना चाहते हैं तो वहां प्लेब साइट हुआ जब जनरल वोटिंग हुई तो उन्होंने डिसाइड किया कि हम पाकिस्तान के साथ जा रहे हैं वह पाकिस्तान के साथ चला गया सियाल हट में भी रेफरेंडम कराया गया वह भी कहां चला गया बोला कि हमको जाना है कहां ईस्ट बंगाल में यह भी पाकिस्तान के पास चला गया कंस्ट असेंबली ना काम करेगी पाकिस्तान की असेंबली अलग हो गई और इंडिया की असेंबली अलग हो गई कंस्ट असेंबली के दो टुकड़े हो गए मेंबर्स ऑफ दी मुस्लिम लीग कहां चले गए पाकिस्तान चले गए बोले हम पाकिस्तान का कंस लिखेंगे और भारत को पावर ट्रांसफर किया जाएगा बिफोर बिफोर अगस्त 1947 डिसाइड हो गया 1947 में भारत को पावर दे रहे हैं इसको सबने एक्सेप्ट कर लिया हालांकि इसमें क्या लिखा था बंटवारा होगा बंटवारा इसलिए एक्सेप्ट कर लिया क्योंकि देश में कम्युनल राइट्स चल रहे थे चारों तरफ हिंदू मुस्लिम दंगे चल रहे थे और अब बटवारा ही एक रास्ता बचा था वरना ये दंगे और बढ़ जाते और लीग मुस्लिम लीग काम नहीं कर रही थी मुस्लिम लीग सरकार को काम नहीं करने दे रही थी और यह भी समझ में आ गया कि अगर बंटवारा नहीं करेंगे तो देश छोटे छोटे छोटे कंट्री में बट जाएगा तो ज्यादा अच्छा होगा कि एक बड़ा स्टेट हो जाए विद वीक सेंटर कि कि छोटा स्टेट हो और है ना छोटे-छोटे इंडिया बन जाए अ स्मॉलर इंडिया विथ स्ट्रंग सेंट्रल गवर्नमेंट वाज बेटर इंडिया छोटा हो पर स्ट्रांग गवर्नमेंट हो यह डिसाइड किया गया और क्या ज्यादा देर ब्रिटिश रूलर रहेगा तो देश का और नुकसान होगा क्योंकि ब्रिटिश रूलर क्या कर रहे थे स्टेट्स को भड़का रहे थे हां ब्रिटिशर्स स्टेट गवर्नमेंट को भड़का रहे थे कह रहे थे कि इंडिया को छोड़ दो अपना इंडिपेंडेंट रहो ना पाकिस्तान से जुड़ ना इंडिया से जुड़ हां यह बदमाशी कर रहे थे तो और नुकसान होगा भारत का और नुकसान हो जाएगा भारत छोटा देश बन जाएगा बहुत और फरदर डिले ट्रांसफर करने में क्या होएगा देश में सिविल वॉर का खतरा था देशवासी आपस में ही लड़ मरे थे और बहुत बुरा हाल चल रहा था देश में जहां देखो वहां लड़ाई चल रही थी जैसे ही लॉर्ड माउ बटन प्लान पास हो जाएगा यह लॉर्ड माउंट बटन प्लान पहुंचेगा ब्रिटिश पार्लियामेंट में क्योंकि अब ब्रिटिश पार्लियामेंट को इसके अकॉर्डिंग क्या करना पड़ेगा सबने इसमें साइन कर दिया है अब इस पर एक्ट बनेगा क्योंकि आपको याद होगा 1857 के बाद 1857 के बाद अब रूल कंपनी से लेकर के ब्रिटिश पार्लियामेंट को दे दिया गया था याद है ना तो अब इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट बनाया जाएगा एक कानून बनाया जाएगा हाउस ऑफ द कॉमनस में है ना और इसमें दिया जाएगा भारत के दो हिस्से हो जाएंगे पार्टीशन होगा और वोह सारा जो माउंट बटन प्लान में लिखा था सब कुछ रिपीट हो जाएगा दोनों दोनों डोमिनियंस के अलग-अलग गवर्नर जो होंगे दोनों के पास अपनी कंस्ट असेंबली होगी ब्रिटिश पार्लियामेंट क्या करेगी अब जो ब्रिटिश पार्लियामेंट के पास एंपरर ऑफ इंडिया का टाइटल था या किंग ऑफ इंडिया का टाइटल था वो टाइटल छीन लिया जाएगा अब वो टाइटल नहीं मिलेगा एक नया कांशन असेंबली बनाएगी जो कांशन लिखे गी देश का प्रिंसली स्टेट्स के पास पावर होगा कि वह जब चाहे तब किसी भी स्टेट के साथ जवाइन कर सकते हैं चाहे तो इंडिपेंडेंट रह सकते हैं ट्रीटीज ऑफ दी हां जो भी ट्रीटीज पहले की साइन की गई थी वह सारी ट्रीटी कैंसिल कर दी जाती है आर्मी को इंडियन आर्मी को और का बंटवारा हो गया ठीक है इंडियन आर्मी में दो हिस्से हो गए ऑफिस ऑफ सेक्रेटरी ऑ स्टेट एन एसिस्टिंग ऑफिस ठीक है प्रोविजन बनाए गए ताकि देश की रक्षा की जा सके ऐसा ना हो कि गवर्नमेंट अचानक फेल हो जाए तो सेक्रेटरी ऑफ स्टेट का ऑफिस रखा गया था क्योंकि अभी लॉर्ड माउंट बटन थे इंडिया में ठीक है ना इंडिपेंडेंस के बाद भी रहेंगे आ रहे हैं फर्स्ट वर्ल्ड वॉर पहला युद्ध वर्ल्ड वॉर एक ऐसा वॉर जो वर्ल्ड लेवल पर खेला गया वेरी इंपोर्टेंट चैप्टर इंपोर्टेंट नहीं मैंने कहा वेरी इंपॉर्टेंट अब वेरी बोल दिया तो समझ जाओ इस चैप्टर को हल्के में नहीं लेना है ठीक है लॉन्ग क्वेश्चन आएगा हो सकता है इमेज भी आ जाए इस चैप्टर से तो बात करेंगे 1914 में वर्ल्ड वॉर व आया तो इसको वर्ल्ड वॉर क्यों नाम दिया गया इससे पहले भी तो बहुत वॉर हुए थे तो वर्ल्ड वॉर इसलिए नाम दिया गया क्योंकि इट वास स्पॉट ऑन द वर्ल्ड वाइड स्केल इट लेड टू एन अनप्रेसिडेंटेड लॉस ऑफ लाइफ एंड प्रॉपर्टी अनप्रेसिडेंटेड एवरी वेयर द वर वास फॉट एंड ऑल मेजर कंट्रीज ऑफ द वर्ल्ड वर अफेक्टेड डायरेक्टली और इनडायरेक्टली तो दुनिया का हर देश इसमें कहीं ना कहीं इसमें जुड़ा हुआ था सब बर्बाद सबका नुकसान हुआ क्या कॉज था वर्ल्ड वॉर का फर्स्ट व का सबसे बड़ा कॉज था नेशनलिज्म सर देश प्रेम कैसे नुकसान हो सकता है हो सकता है देखिए नेशनलिज्म इ फीलिंग ऑफ कॉन्शसनेस फॉर वनस ओन कंट्री आम भाषा में बोले लव फॉर वनस ओन कंट्री कोई बुराई नहीं है बट एक्सेसिव नेशनलिज्म एग्रेसिव नेशनलिज्म जाए मेरे मन में तब क्या होगा मैं दूसरे देशों से नफरत करूंगा और यही हुआ तो अग्रेसिव नेशनलिज्म आया जिसमें अपने देश से तो प्यार हो गया पर दूसरे देश से हम लोग नफरत करने लगे एंड इंपिरियलिज्म आने लगा इंपिरियलिज्म क्या होता है एक ऐसी पॉलिसी होती है जब लोग क्या करना चाहते हैं जो पावरफुल देश है वह दूसरे देशों को जो थोड़े कम पावरफुल है उनको कंट्रोल करना चाहते हैं क्या जो थोड़े कम पावरफुल देश है उनको वो कंट्रोल करना चाहते हैं इसका नाम रखा इंपे जम एक ऐसी पॉलिसी जो पावरफुल कंट्री जैसे उस समय इंग्लैंड जर्मनी फ्रांस पोलैंड हॉलैंड जापान ये तेजी से क्या कर रहे थे अपना पावर इकट्ठा कर रहे थे और ये दूसरे देशों को क्या करना चाहते थे गुलाम बनाना चाहते थे जैसे इंग्लैंड ने हमें बना रखा था समझ गए ना तो इंपर ज्म इसी को कहते हैं ताकि वो दूसरे देशों प कंट्रोल कर सके उसका टेरिटोरियल एक्विजिशन कर सके अब जिस देश को वो गुलाम बना लेते थे उसको बोलते थे कॉलोनी जैसे मैंने कहा इंडिया भी एक कॉलोनी थी भारत भी एक किया था एक कॉलोनी था बताया था ना किसका कॉलोनी है हम इंग्लैंड के कॉलोनी थे क्यों बनाया था हमें कॉलोनी हमें को मदद करने के लिए बनाया था नहीं नहीं हमें ज्ञान देने के लिए नहीं नहीं हमें लूटने के लिए हमें एक्सप्लोइट करने के लिए हमसे रॉ मटेरियल ले जाने के लिए अपनी इंडस्ट्रीज के लिए और वहां से फिनिश प्रोडक्ट लाकर के हमें बेचने के लिए तो हमको सिर्फ क्या चाहिए था हमसे पैसा लेना था हमसे चीप लेबर चाहिए था हमसे ट्रेडिंग पोर्ट चाहिए थे बस इसलिए और ऐसा और डेवलपिंग कंट्रीज ऐसा और जो सुपर पावर्स उस समय थे जैसे मैंने एग्जांपल दिया एक फ्रांस जर्मनी ये सब यही करना चाहते थे स समझ में आ गया पर जो जर्मनी और इटली और रशिया थे ये थोड़े बाद में सुपर पावर बने ये बाद में इंपिरियलिस्ट कंट्री बने और पहले से ही दुनिया के देशों में इंग्लैंड का फ्रांस का हॉलैंड का दबदबा चल रहा था तीन देश मैंने नाम लिया इन देशों ने दुनिया के बड़े सारे कंट्री को पहले ही अपना गुलाम बना रखा था अब ये देश लेट आए अब लेट आए तो इनको भी गुलाम बनाना है तो कहां से गुलाम बनाए तो एक तरीका ये है कि जो पहले से गुलाम है उन परे कब्जा करो और इसके लिए लड़ाई करो अब होगी युद्ध अब होगा युद्ध अगर तुम मुझे छुओ ग तो अब समझ में आया क्या कहना चाहते हैं अब जो पहले से ही कंट्री जैसे मैंने कहा इंग्लैंड फ्रांस हॉलैंड ये पहले से ही इंपिरियलिस्ट कंट्री थे इनके यहां पहले ही डेवलपमेंट हो गया पहले ही इनकी इंडस्ट्रियल ग्रोथ हो गई अब बाद में इंडस्ट्रियल ग्रोथ कहां पे आई मैंने कहा जर्मनी आई इटली आई फ्रांस आई रशिया आई तो ये लेट आए अब इनको भी क्या करना है दूसरे गुलाम देश चाहिए अपनी इंडस्ट्री को चलाने के लिए क्योंकि वहां से रॉ मटेरियल मिलने वाला है वहां को मार्केट बेचने वाले हैं हमको तो यह लेट आए ना तो अब इनके पास एक ही रास्ता है कि वह उन बड़े देशों से पहले लड़ाई करें या उनकी कॉलोनी को छीन ले और छीनने का तरीका क्या है फाइट और कोई रास्ता नहीं है और यही कारण बन जाएगा युद्ध का वर्ल्ड वॉर वन का क्योंकि सबको कॉलोनी चाहिए अब एक देश दूसरे देश को डराने के लिए क्या करेगा अब एक शक्तिशाली देश एक इंपिरियलिस्ट कंट्री इंग्लैंड हो चाहे फ्रांस हो चाहे जर्मनी हो अब अपनी सेना को बढ़ाएगा क्योंकि सामने वाले को मुझे क्या करना है डराना है तुमको डराना है तुमको दिखाना है कि मेरे पास तुमसे ज्यादा पावर है तो ज्यादा से ज्यादा हथियार जिसे कहते हैं स्टॉक पाइलिंग ऑफ द वेपंस और वो भी डिस्ट्रक्टिव वेपंस तो अब क्या होगा दूसरे देश को डराने के लिए तुमसे ज्यादा हथियार तुमसे ज्यादा डिस्ट्रक्टिव वेपंस हम बनाएंगे नतीजा क्या हो गया आम श्रे शुरू हो गई और जितनी ज्यादा आम्स रेस होगी इन कंट्री के बीच में उतना सपि उतना फियर वर्ल्ड में ऑफ एक्चुअल वॉर होने लगेगा डर का माहौल बन जाएगा इन देशों के बीच में क्योंकि अब सब देश एक दूसरे के खिलाफ हथियार हथियार हथियार हथियार कोई एंड तो है नहीं इसका यही हुआ ही बस किस नाम पर हथियार जमा कर रहे हैं सेल्फ डिफेंस के नाम पर अपने प्रिजर्वेशन ऑफ पीस के नाम पर और देश डेडली वेपन बनाए जा रहे हैं और शुरुआत मैंने कहा फ्रांस एंड ब्रिटेन ने की और ब्रिटेन और फ्रांस को किससे खतरा था जर्मनी से तो जर्मनी के खिलाफ उन्होंने क्या की अपने बड़े तरीके से क्या किया क्योंकि यह लोग ज्यादातर क्या कर रहे थे दूसरे देशों के हिसाब से अपना वेपंस बना रहे थे मैं एक एग्जांपल समझाता हूं कि जर्मनी ने बनाई दो वरशिप्स तो अब इंग्लैंड वाले बनाएंगे चार वरशिप्स अब इंग्लैंड वाले चार बना देंगे तो जर्मनी वाले बोलेंगे हम आठ बनाएंगे वह आठ बनेगा तो वहां 16 बनेगा अरे भैया इसका कोई अंत है क्या पर इससे क्या हो रहा है देश में एक दूसरे के प्रति नफरत पैदा हो रही है एक कंट्री दूसरे से सिर्फ नफरत कर रही है और सिर्फ डरा रही है एक दूसरे को नतीजा क्या होगा यही एक चिंगारी जब पड़ेगी यही युद्ध के रूप में भड़क जाएगी और यही होगा ही यही होगा ही फियर्स कंपटीशन होने लगा सारे यूरोप में कंपटीशन किस बात का कंपटीशन कि किसके पास ज्यादा हथियार है कौन ज्यादा स्टॉक पाइलिंग ऑफ द वेपंस कर सकता है तो डिवीजन ऑफ यूरोप हो गया यूरोप दो हिस्सों में बढ़ गया पहला देश इंग्लैंड फ्रांस और रशिया देखिए इंग्लैंड फ्रांस और रशिया ये तीन देश थे ताकतवर देश थे इन्होंने ग्रुप बनाया अपना इंग्लैंड फ्रांस और रशिया ने ग्रुप बनाया नाम रखा ट्रिपल एंटेट क्या नाम है ट्रिपल एंटेट देखिए ई एंटेट इसी से ले लीजिए नाम ट्रिपल एंटेड बाद में बाद में क्या हुआ जापान भी इसमें जोड़ गया बाद में जापान भी जुड़ गया ट्रिपल एंटेड नाम तो जरूर था पर मैंने कहा तीन कंट्री के साथ चौथी कंट्री जुड़ गई कौन प्लस जापान कौन आ गया इंग्लैंड फ्रांस रशिया जापान ठीक है ट्रिपल एंट बने क्यों बनाया क्योंकि उन्हें ट्रिपल अलायंस से झगड़ा करना था ट्रिपल अलायंस कौन है अब ट्रिपल अलायंस है जर्मनी ऑस्ट्रिया हंगरी एंड इटली इन्होंने बनाया था ट्रिपल अलायंस तो ट्रिपल अलायंस को हराने के लिए तो एक तरह से यूरोप में ही क्या हो गया कंट्रीज के बीच में बटवारा ग्रुपिज्म बन गया और जहां ग्रुप बन जाता है जानते हैं वहां युद्ध होने की अब इमेजिन करिए कि वहां पर 10 लड़कों का ग्रुप है और यहां 101 लड़कों का ग्रुप है अब क्या होगा यह दोनों ग्रुप यह दोनों ग्रुप मारने मरने के लिए तैयार खड़े हैं क्या होगा पक्का लड़ाई हो जाएगी अगर सामने से गुजरेंगे अगर सामने से गुजरेंगे और कोई कंट्रोल करने वाला नहीं मिला तो पक्का एक दूसरे को मार मूर देंगे और यही वर्ल्ड के साथ भी हो रहा था कुछ देश अपना अलग ग्रुप बना लिए जो उसके खिलाफ प्रचार कर रहे हैं और यह देश जो ग्रुप बनाया यह भी इनके खिलाफ क्या कर रहे हैं प्रचार कर रहे हैं तो दे आर डूइंग व्हाट दे आर क्रिएटिंग टेंशन दे आर क्रिएटिंग एन एनवायरमेंट ऑफ वॉर और होगा एक चिंगारी लगेगी और युद्ध हो जाएगा यह सब कॉज है देख लीजिए यह है देखिए 1914 वर्ल्ड वॉर वन के पहले का मैप अब आप देखिए जर्मनी कितना बड़ा दिख रहा है आपको देखिए आपको जर्मनी कितना बड़ा देश दिख रहा है बाद में देखिएगा क्या हाल होगा यह जर्मन एंपायर देखिए कितना बड़ा एंपायर है जर्मन एंपायर ठीक है ऑस्ट्रिया अंगरिया हंगरी देखिए यह सब दोनों एंपायर का तबाह हो जाएगा दोनों एंपायर बर्बाद हो जाएंगे हां अभी आपको दिखाने जा रहे हैं चलिए आगे बढ़ते हैं और क्या रीजन हुआ इसे कहते हैं इमीडिएट कॉज जिसको कहते हैं सराज जीवो क्राइसिस वेरी इंपॉर्टेंट क्या हुआ तो 1914 वर्ल्ड वॉर वन की शुरुआत तो हुई कैसे शुरुआत यह तो अभी तक सिर्फ कॉज बता रहे थे ना तो हुआ यह कि आर्च ड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड देखिए आर्च ड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड अपनी राजकुमारी के साथ पहुंचे थे बोस्निया बोस्निया कटल है सराव की सराव नाम का देश है उसकी कैपिटल है वहां पर एक यंग सर्बिन नागरिक ने क्या किया इनको शूट कर दिया कौन थे ये राजकुमार थे ऑस्ट्रिया हंगरी के राजकुमार थे होने वाले राजा थे आर्च ड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड और इनका मर्डर कब हुआ 28 जून 1914 इस ससने मर्डर से ऑस्ट्रिया हंगरी को बहुत झटका लगा क्योंकि उनका राजकुमार मार दिया गया मारने वाले लोग कौन थे मैंने कहा सर्बिया के नागरिक थे क्योंकि सर्बिया वाज द कॉलोनी ऑफ द गुलाम ऑफ दी ऑस्ट्रिया अंग याद रखिएगा सर्विया गुलाम थे और वो जिस सोसाइटी ने मारा था उसका नाम था ब्लैक हैड और यूनियन ऑफ डेथ क्या चाहते थे ये लोग ये चाहते थे कि सारे सर्बिया के लोग एकजुट हो जाए बस अपनी एकजुटता को दिखाने के लिए उन्होंने क्या किया इसको मार दिया सर्बिया के नागरिकों ने मार दिया सर्बिया के नागरिकों ने मारा तो ऑस्ट्रिया ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया कहा हमारी मांगे मानो और कितना 11 डिमांड्स की कितनी 11 डिमांड्स की डिमांड रखी सर्बिया ने कहा भैया हम तो पहले ही आपके गुलाम हैं और तुम्हें क्या दे दें तुम जो डिमांड कर रहे हो हम क्या दे दें तो सर्बिया के पास कुछ देने को था नहीं सर्बिया वास ऑलरेडी अ कॉलोनी ऑफ दी ऑफ दी ऑस्ट्रिया अंगरी और उस परे अटैक कर देगा ऑस्ट्रिया ऑस्ट्रिया के अटैक करते ही सर्बिया को ऑलरेडी मदद कर रहा था रशिया रशिया शुरू से ही सर्बिया को भड़का रहा था सर्बिया में आग लगा रहा था कि तु लड़ तुल तुझे हथियार मैं देता हूं समझ गए पीछे से चिंगारी कौन लगा रहा था ये रशिया तो रशिया अब तुरंत सर्बिया की मदद के लिए कूद जाएगा रशिया आ जाएगा सर्बिया की मदद के लिए तो जर्मनी चला जाएगा ऑस्ट्रिया के मदद के लिए ठीक है और वहां फ्रांस आ जाएगा फिर से रशिया की मदद के लिए तो एक तरह से क्या हो गया ग्रुप बनना शुरू ग्रुप क्या बना देखिए ग्रुप क्या बना सर्बिया सर्बिया की मदद के लिए कौन आया सर्बिया की मदद के लिए आया रशिया रशिया के साथ कौन आया रशिया के साथ आया फ्रांस क्योंकि रशिया फ्रांस पार्टनर थे आपस में फ्रांस के साथ मदद में कौन आ गया इंग्लैंड तो एक तरह से ग्रुप बनना शुरू वर्ल्ड वॉर हो गया एक छोटी सी घटना वर्ल्ड वर हो गई और छोटी सी घटना क्या थी मर्डर ऑफ दी क्राउन प्रिंस या आर्च ड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड बिकम द इमीडिएट कॉज ऑफ दी फर्स्ट वर्ल्ड वॉर एक घटना वर्ल्ड वॉर बन जाती है और उधर कौन था उधर कौन था देखिए उधर था ऑस्ट्रिया ध्यान दीजिए उधर कौन था ऑस्ट्रिया हंगरी जो कि एक एंपायर था ऑस्ट्रिया हंगेरी ऑस्ट्रिया हंगेरी था साथ में कौन आ गया जर्मनी आ गया इनके साथ आ गया कौन जर्मनी और शुरुआत में आएगा इटली यहां पर शुरुआत में इटली यहां रहेगा बाद में इटली यहां आ जाएगा शुरुआत में इटली यहां रहेगा बाद में इटली यहां चला जाएगा इटली धोखा दे देगा इन लोग को इटली जो है वो इडली बन जाएगा इडली समझ में आया अब देखिए ब्रिटेन फ्रांस रशिया और इनके अलाइज को नाम दिया गया अलाइड पावर ब्रिटेन फ्रांस रशिया को कहा गया अलाइड पावर और जर्मनी ऑस्ट्रिया और अलाइज को नाम दिया गया सेंट्रल पावर और युद्ध चलने लगे अलग-अलग हिस्सों में क्या हुआ युद्ध का रिजल्ट कौन जीतेगा तो आपको पता ही है जीतने वाले कौन देश है इंग्लैंड फ्रांस जीत जाएगा रशिया बीच वॉर में ही हट जाएगा क्या क्या हां सही कह रहे हैं रशिया जीते हुए साइड में था पर 1917 में रशिया सरेंडर कर जाएगा जर्मनी को वर खत्म होने से 1 साल पहले रशिया जर्मनी के आगे अपनी हार मान लेगा और सरेंडर करके हट जाएगा बात समझ में आई अब कौन है जीतने में कौन है मैंने कहा ब्रिटेन फ्रांस और यूएस सर यूएस तो कहीं है ही नहीं तो कहानी में थोड़ा ट्विस्ट है ट्विस्ट यह है कि अब यूनाइटेड नेशन ध्यान से सुनिए अमेरिका बीच में वर्ल्ड वॉर में घुस जाएगा वर्ल्ड वॉर वन में सर कहीं नाम नहीं आया अभी तक उसका हुआ ये कि जर्मनी ने क्या किया जर्मनी के सबमरींस ने अमेरिका की एक सॉरी ब्रिटेन की एक एक पैसेंजर शिप को शूट कर दिया ध्यान से सुनिए जर्मनी बहुत तेजी से ग्रो कर रहा था वर्ल्ड वॉर वन जीत रहा था उसने फ्रांस को तो हरा दिया था बेल्जियम को हरा दिया था हां इवन जर्मनी ने रशिया को भी हरा दिया था रशिया तो सरेंडर कर गया था हाथ जोड़ कर के हाथ जोड़ कर के 1917 वर्ल्ड वॉर हट गया था बोला भैया मैं सरेंडर करता हूं जर्मनी सबको जीत चुका था सिर्फ एक देश बचा था इंग्लैंड तो जर्मनी ने क्या किया अपने पावर में आकर के क्या किया इंग्लैंड की एक शिप को शूट कर दिया उसमें अमेरिकन नागरिक थे उसमें अमेरिकन नागरिक थे पैसेंजर शिप थी अमेरिका ने इंग्लैंड के पक्ष में क्या किया अब वॉर छेड़ दिया बस बस यहां टर्निंग पॉइंट है यहां जर्मनी की हार शुरू अभी तक जर्मनी जीत रहा था भयंकर जीत रहा था जर्मनी सबको हरा दिया था सिर्फ इंग्लैंड को हराना बचा था वरना वर्ल्ड वॉर वन तो जर्मनी जीत चुका ही था पर बस एक गलती हो गई और व था कि जर्मन ने अटैक कर दिया किसको अमेरिका ब्रिटेन की पैसेंजर शिप को जिसमें अमेरिकन नागरिक थे अमेरिका ने अब ब्रिटेन के सपोर्ट में मदद में क्या कि नई एक तैयार सेना जो कि फ्रेश सेना लेकर के अमेरिका आ गया कहां आ गया फ्रांस में और फ्रांस से खाली करना शुरू किया यहां ब्रिटेन फ्रांस और अमेरिका तीनों की सेना मिलकर के जर्मनी को खदेड़ दिया और बुरी तरह से जर्मनी हार गया सच कह रहा हूं वरना जर्मनी जीत रहा था तो जर्मनी की हार हो गई जर्मनी हार गया ऑस्ट्रिया हंगरी हार गया ठीक है इटली जो कि पहले जर्मनी के साइड था वो पहले ही मैंने कहा था वॉर में पासा बदल देगा ठीक है जीते हुए साइड में आ जाएगा ट्रीटी ऑफ रसाली साइन होगी रसाली एक शहर का नाम है फ्रांस का एक छोटा सा शहर है वलीज वहां पे ट्रीटी साइन होगी और ट्रीटी मतलब था समझौता तो ट्रीटी साइन होगी वलीज में जो प्रेसिडेंट वडरो विल्सन थे उस समय प्रेसिडेंट ऑफ अमेरिका उन्होंने बहुत मेजर रोल प्ले किया था वर्ल्ड वॉर वन जिताने में इंग्लैंड को जिताने में बहुत मेजर रोल प्ले किया था उन्होंने एक ट्रीटी बनाई एक समझौता बनाया जिसमें उन्होंने लिखा कि क्या-क्या जर्मनी को बियर करना पड़ेगा ठीक है और कौन-कौन थे प्रेसिडेंट ऑफ अमेरिका पेड्रो विलसन प्राइम मिनिस्टर ऑफ ब्रिटेन लॉयड जॉर्ज और प्राइम मिनिस्टर ऑफ फ्रांस जॉर्ज क्लेम चू ठीक है इन सब ने क्या किया ट्रीटी ऑफ रसाली साइन कराई ट्रीटी ऑफ वर्सलीस में 14 पॉइंट्स रखा गया कितने पॉइंट्स रखे गए 14 पॉइंट्स इसको कहते हैं वुड्रो विल्सन 14 पॉइंट इस ट्रीटी का मेन मकसद था जर्मनी को बर्बाद कर देना क्या जर्मनी को बर्बाद कर देना टिटी का मकसद था ध्यान से सुनिए ऑफ वर्सलीस का मकसद था जर्मनी को दिवालिया कर देना बर्बाद कर देना ताकि जर्मनी खत्म हो जाए हां वही चाहते थे इन लोग और जर्मनी को गिल्टी ऑफ अग्रेशन घोषित कर दिया गया इस ट्रीटी में कहा गया समझौते में जर्मनी से साइन कराया गया जर्मनी का एक छोटा सा हिस्सा है नाम है वाइमर रिपब्लिक क्या वाइमर रिपब्लिक ये लोग ज्यादातर क्रिश्चियंस हैं डेमोक्रेट्स हैं इन्होंने क्या कर दिया इसपे साइन भी कर दिया इस समझौते पे साइन कर दिया क्या लिखा था इसमें ये लिखा था ट्रीटी ऑफ वर्सलीस ही सेकंड वर्ल्ड वॉर का कारण बन जाएगा ध्यान से सुनिए यह टीटी ऑफ रसाली जो फर्स्ट वर्ल्ड वॉर में साइन हो रहा है जर्मनी साइन कर रही है अपनी हार कबूल कर रही है यह सेकंड वर्ल्ड वॉर का कारण बन जाएगा और इसमें जर्मनी पे क्या लगाया गया इल्जाम लगाया गया कि जर्मनी तूने ही वॉर कराया है तो जर्मनी पे अग्रेशन गिल्टी ऑफ वॉर का इल्जाम लगाया गया जर्मनी को कहा गया कि आपको 33 बिलियन डॉलर देना पड़ेगा एज अ वॉर इनमिटी 30 3 बिलियन डॉलर्स बाप रे 33 बिलियन डॉलर्स कौन भरेगा 33 बिलियन डॉलर्स जर्मनी भरेगा यह क्या था वॉर इनमिटी वॉर का नुकसान वॉर में हुआ जो भरपाई है वो कौन देगा इनमिटी इंडम निटी इंडम इनमिटी चलिए और क्याक जर्मनी से क्याक ले लिया गया राइन नाम की एक वैली थी राइन एक नदी का नाम है यह नदी जर्मनी और फ्रांस के ठीक बीच में बहती है जिससे जर्मनी और फ्रांस अलग-अलग होते हैं यह पूरी वैली क्या कर दी गई खाली करा दी गई उसपे जर्मन कंट्रोल था यह बहुत ही फर्टाइल वैली है यह बहुत ही मिनरल वाली वैल्यू है वैली है यहां पर बहुत मिनरल्स पाए जाते हैं सब उठा के फ्रांस को दे दिया गया देखना कैसे जर्मनी पर अत्याचार होगा देखना अभी आगे जर्मनी को चुनचुन के बर्बाद किया जाएगा जर्मनी की टेरिटरी एल सेज एंड लोरेन वह वापस फ्रांस को दे दी गई यही वह एल्स लोरेन है जिसको फ्रांस फ्रांस से पहले जर्मनी ने जीता था फ्रेंक प्रशियन वॉर में ठीक है तो यह टेरिटरी उठा के वापस फ्रांस को दे दी गई यह किस लिए मशहूर थी ये अपने कोल फील्ड्स के लिए मशर थी और फ्रांस को उठा के दे दी गई और यू पेन एट मेल मेडी टू बेल्जियम ये टेरिटरी किसको दे दी गई यह जर्मनी की कॉलोनी थी यह जर्मनी की कॉलोनी उठा के बेल्जियम को दे दिया गया फिर सेशल विंग नाम के कॉलोनी थी यह भी जर्मनी का एक गुलाम देश था इसको उठाकर डेनमार्क को दे दिया गया तो एक तरह से जर्मनी को देश के अंदर और देश के बाहर जितने भी तरीके से बर्बाद कर दिया गया और क्या किया गया जर्मनी के जो प्री वॉर वॉर से पहले जितनी भी टेरिटरीज थी जो उन्होंने बेल्जियम जीता था पोलैंड जीता था चको सबको सबको क्या कर दिया गया वापस लौटा दिया गया हां जर्मनी सबको जीत गया था देखिए डेनमार्क जर्मनी जीत गया पोलैंड जर्मनी जीत गया बेल्जियम चको सबको फ्रांस को सबको जर्मनी जीत गया पर सबको जर्मनी को खाली करना पड़ गया ज जर्मनी की हार हो गई उन देशों को उनकी टेरिटरी वापस दे दी गई आप सोच लीजिए कितना पावरफुल जर्मनी देश था और क्या गया कोल माइंस ऑफ जर्मनी जर्मनी में कोल माइंस है इसका नाम है सार कोलफील्ड यह फ्रांस को उठा के दे दी गई कई 15 साल के पास फ्रांस के पास रहेगी और तो और जर्मनी की कॉलोनी ले ली गई विक्ट्री को बांट दिया गया जर्मनी की जो कॉलोनी पैसिफिक में थी वो एंड ऑफ चाइना थी वो जापान को दे दिया गया तो एकएक करके जर्मन को क्या कर दिया गया एक तरफ से दिवालिया कर दिया गया जो उसके बाहर की संपत्तियां थी गुलाम देश थे वो जर्मनी से छीन लिए गए और विनिंग कंट्रीज में अलाइज में बांट दिया गया और क्या कि जर्मन आर्मी को रिस्ट्रिक्टर दिया गया कि अब 1 लाख से अधिक सैनिक नहीं रख सकते ताकि इसके बाद अब जर्मनी उठ भी ना पाए अब जर्मनी अधिक से अधिक कितने नागरिक सैनिक होंगे 1 लाख सैनिक होंगे नेवी को 15000 महीने होंगे सिर्फ और शिप्स कितनी होंगी 24 सिर्फ 24 शिप्स रख सकते हैं और एयरफोर्स को सबमरीन को तो पूरी तरह से बैन कर दिया गया तो ना तो अब जर्मनी के पास कोई एयरफोर्स होगी और ना तो सबमरीन होंगे सबमरीन जानते हैं क्या होता है ना जो समुंद्र के नीचे जाते हैं जहाज उसे कहते हैं कहा बैन बैन बैन देखा एक तरह से मिलिटरी जर्मनी को कमजोर बना दिया गया ताकि दोबारा जर्मनी उठ करके वॉर ना कर सके पर जानते हो ना जिसको जितना दबाओगे व उतना तेजी से बाहर निकलेगा पता है ना नियम एवरी एक्शन स एन इक्वल एंड अपोजिट रिएक्शन होना ही और क्या क्या इस ट्रीटी में कंप्लीट इंडिपेंडेंस टू बेल्जियम चको स्लोवाकिया एंड युगोस्लाविया दे दी गई देखा नए देश बन गए वर्ल्ड वॉर वन के बाद एक नया देश पैदा हो गया कौन सा पोलैंड नया देश पैदा हो गया चको स्लाविया एंड युगोस्लाविया देश जो है टेरिटरीज ऑफ जर्मनी से लेकर बना गए ऑस्ट्रिया अंग्रे को डिवाइड कर दिया गया आइए और क्या हुआ देखिए क्या टेरिटोरियल रिअरेंजमेंट हुआ तो यूरोप की सुप्रीमेसी खत्म अभी तक पूरी दुनिया में किसका दबदबा चलता था यूरोपियन सुपर पावर यूरोपियन सुपर पावर खत्म अब सुपर पावर कौन है अमेरिका सुपर पावर अमेरिका हां अब अमेरिका सुपर पावर बन गया वर्ल्ड वॉर वन के बाद क्योंकि उसने ही उसने ही आके पासा पलटा अमेरिका ने ही पासा पलटा उसने ही जर्मनी को हराया तो इकोनॉमिकली और मिलिटरी अमेरिका ने सबको सुपर का कर दिया एक्सीड कर दिया अब वो सुपर पावर बन गया वर्ल्ड का दुनिया की जो ताकतवर डायनेस्टीज थी उस जमाने में जैसे रशिया में रोमनोव नाम की डायनेस्टी रूल करती थी क्योंकि रशिया सरेंडर कर गया था रशिया हार मान गया था रशिया की डायनेस्टी खत्म राजा खत्म भाग गया जर्मनी में डायनेस्टी कौन से राज करती थ कौन से राजा राज करते थे हन होहन जोलर होहन जोलर जो जो डायनेस्टी थी यह अभी खत्म हो गई अंत हो गया क्योंकि जर्मनी सरेंडर कर गया और क्या हुआ हैब्सबर्ग जो डायनेस्टी रूल करती थी ऑस्ट्रिया हंगरी को उनको भी खत्म कर दिया गया यह डायनेस्टी यह राजपा भी खत्म हो गया राजा का और ऑस्ट्रिया और हंगरी दो अलग-अलग कंट्री में बन गए तो एक क्या हो सकता है के ऑटोमन का रूल एंड हो गया ऑटोमन रूल होता है इसके बाद ऑस्ट्रिया अंगरी पे ठीक है और इट केम टू एन एंड इन टर्की ऑस्ट्रिया हंगरी सेपरेटेड कर दिए गए तो एक तरह से ऑटोक्रेटिक मोनार्क को बहुत नुकसान पहुंचा जितने भी किंग वाली कंट्रीज थी मोनार्क कंट्रीज थी य तीन नाम बताया रशिया ऑस्ट्रिया हंगरी और जर्मनी यहां सब मोनार हुआ करते थे राजा हुआ इन सबका बड़ा नुकसान हुआ और इन सब देशों में डेमोक्रेटिक कंट्रीज आ गई ठीक है डेमोक्रेटिक कंट्रीज आ गई अब आता है फॉर्मेशन ऑफ लीग ऑफ नेशन अब वर्ल्ड में यह समझ में आ गया कि कोई एक ऐसी बॉडी होनी चाहिए जो वर्ल्ड वॉर टू रोक सके वर्ल्ड वॉर वन में बहुत तबाही हुई थी तो वर्ल्ड वॉर टू ना हो जाए सबको डर था तो इसके लिए बॉडी बनाई गई नाम था लीग ऑफ नेशन लीग ऑफ नेशन को 1920 में बनाया गया था और इसको भी वुड्रो विल्सन जी हां अमेरिका के प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन क्योंकि नए लीडर दुनिया के वही हैं उनके 14 पॉइंट्स के हिसाब से बनाया गया था एक इंटरनेशनल बॉडी होगी जो क्या करेगी इंटरनेशनल पीस एंड ऑर्डर मेंटेन करेगी वर्ल्ड में पीस एंड ऑर्डर लाएगी नए वॉर नहीं होने देगी ऑब्जेक्टिव क्या था इसका कि देखना कि देश क्या करें भाई क्यों बनाया गया इसका ऑब्जेक्टिव सिंपल है सिंपल वर्ल्ड वॉर टू रोकना तो सिंपल लाइन है बट इसका मेन मकसद था कि दो सट ट्रीटी ना बनाए क्योंकि वर्ल्ड वॉर वन में यही हुआ ट्रीटीज बनने लगे थे अलायंस बनने लगे थे जैसे ट्रिपल एंटेट और ट्रिपल अलायंस बना था ना तो यह बनेगा तो झगड़ा होगा ग्रुपिज्म मत ही करने दो और क्या हुआ देशों को कहा गया मेंबर कंट्रीज को कहा गया कि आप आर्मामेंट्स कम करिए हथियारों को कम करिए डिस्ट्रक्टिव वेपंस कम बनाइए आर्म्स रेस को घटाए और मेंबर स्टेट्स को कहा गया कि एक दूसरे के इंडिपेंडेंस की रिसत करिए एक देश दूसरे देश की आजादी का मान सम्मान का ख्याल रखेगा और क्या कहा गया मेंबर देश को कहा गया कि कोई म्यूचुअल डिस्प्यूट्स हो तो अगर कोई डिस्प्यूट है तो वह लीग ऑफ नेशन के पास लाया जाए लीग ऑफ नेशन अगर दो देश आपस में झगड़ रहे हैं तो उनके बीच में पीसफुली क्या करेगा सेटलमेंट कर देगा और क्या किया गया मेंबर स्टेट्स वर टू टेक नेसेसरी एक्शन मेंबर स्टेट्स को एक्शन लेना था और लीग ऑफ नेशन लीग ऑफ नेशन क्या करेगी उनके खिलाफ एक्शन लेगी ठीक है आइए बात करते हैं अगला चैप्टर राइज ऑफ डिक्टेटरशिप तो दुनिया में फर्स्ट वर्ल्ड व वर तो खत्म हो गया पर क्या समस्या खत्म हो गई क्या दुनिया में परमानेंट शांति आ गई क्या दुनिया एकदम शांत हो गई जवाब है नहीं वर्ल्ड वॉर वन तो शुरुआत है वर्ल्ड वॉर वन के बाद एक बड़ा तूफान और आना बाकी था और वह तूफान था वर्ल्ड वॉर टू तो वर्ल्ड वॉर टू से पहले दुनिया में एक नई परेशानी आई वो था डिक्टेटरशिप डिक्टेटरशिप क्या होता है जब कोई एक देश का लीडर अपने देश को लीड करने लगता है और सारी सेना सारी आर्मी सारा पुलिस सारा मीडिया उसका गुणगान करता है तो व्हेन वन पर्सन गवर्न्स द कंट्री लाइक अ किंग तो उसके डिसीजंस क्या होते हैं कह सकते हैं किसी के द्वारा रोके नहीं जा सकते विरोध नहीं कर सम बडी हु सेज अगेंस्ट इट इज मार दिया जाता है ठीक है तो ऐसे को कहते हैं डिक्टेटरशिप तो वर्ल्ड वॉर वन खत्म अब टोटलिटेरियन आ रहा है डिक्टेटरशिप आ रही है और रशिया स्पेन इटली जर्मनी इन्होंने लीग ऑफ नेशन के साथ काम करने से मना कर दिया अब इटली की पर कहानी चलते हैं इटली में यह दिखाई दे रहा है य य ये आप इमेज देख लीजिए कई सारी बंडल ऑफ स्टिक्स है और एक स्वर्ड है इसको कहते हैं क्या इसको कहते हैं फसिस्म यह एक फैसेस वर्ड से बनाया गया है क्या कीवर्ड है फेसेस वर्ड से बनाया गया है कीवर्ड है क्या फेसेस फेसेस वर्ड से बनाया गया जिसका मतलब है फेसेस मींस अ बंडल ऑफ स्टिक्स बाउंड बाय एन एक्स एक स्टिक्स का बंडल है देख लीजिए और फैस जम क्या है फैस जम एक इटालियन वर्ड है फेसियो जिसका मतलब म होता है यूनियन या ली तो इससे बनाया गया शब्द है तो अब इटली में आ रही है फसम तो जर्मनी में क्या आ रहा है हा अगर इटली में फैस जम है तो जर्मनी में क्या है पैरेलल क्या वर्ड है इसका बताइए आप टाइप करिए तो फैस जम आया इटली में इटली में कैसे आया क्यों आया आइए इसी पर पूरी चर्चा है तो फसम का मतलब क्या होता है ऑटोक्रेसी या डिक्टेटरशिप एक ऐसा स्टेट एक ऐसी गवर्नमेंट जहां वन मैन कंट्रोल हो क्या हो जहां एक आदमी पूरे देश को रूल करे और सबको उसका रूल मानना पड़ेगा बाय कंपल्शन एवरी बडी हैज टू ओबे हिज ऑर्डर इसको कहते हैं क्या इसको कहते हैं फसिस्म हां अगर आपने लिखा कि जर्मनी में आया नाजिम इटली में आया फैजम जर्मनी में आया नाजम तो नाजम का सबसे बड़ा लीडर कौन था हां हु इज दी डिक्टेटर ऑफ जर्मनी बताइए लिखिए नाजिम को लाने वाला जर्मनी में कौन है आप बताइए अभी हम फैजम की बात कर रहे हैं यहां पर तो फैजम आया मुसलो आया मुसलो की कहानी आपको एक हीरो की कहानी लगेगी ऐसा लगेगा कि कोई हीरो है उसकी कहानी है बहुत छोटी सी कहानी है देखिए जो मुसलो था वो उसने एक पार्टी बनाई क्या नाम रखा नाम था फैस यह पार्टी किस पर बनाई गई थी एंटी सोशलिस्ट के टर्म में बनाई गई थी पहले यह सोशलिस्ट थी बाद में सोशलिज्म के खिलाफ हो गई ठीक है रशिया को सपोर्ट करने वाले लोग सोशलिस्ट होते हैं ठीक है अगर रशिया के खिलाफ ठीक है किसने बनाया यह बता रहे है मुसलो बेनिटो मुसलो अभी हम दिखाएंगे इनको इन्होंने फैस नाम की बाटी बनाई ठीक है जो कि क्या करती थी वायलेंस करती थी इसके पर्सन क्या पहनते थे ब्लैक शर्ट्स पहनते थे कौन सा शर्ट पहनते थे ब्लैक शर्ट नाम था फसिस्ट यह जो काला शर्ट पहनते थे यह तो होते थे फैसिस काला शर्ट पहनते थे इन्होंने किस पर अटैक किया रोम पर अटैक किया वहां पर गवर्नमेंट ने क्या किया विक्टर इनुल 3 वहां के उस समय हेड थे वहां के राजा थे उन्होंने बजाय उसको जेल में बंद करने के क्या कर दिया इनको बोला आओ तुम ही गवर्नमेंट बनाओ तो जो देश पर हमला कर रहा है अपने यंग लड़कों के साथ मिलकर हमला कर रहा है उसको जेल में बंद करने की बजाय उनको क्या किया कहा आओ तुम गवर्नमेंट बना लो और जब वो राजा जब राजा के द्वारा उसको पावर दिया गया किसको मुसलो को तो उसने शुरू किया रेन ऑफ टेरर जब वो लीडर बन गया तो उसने रेन ऑफ टेरर किया और शुरू किया और सबको चुनचुन के मार दिया इसने सारे देश को कब्जा कर लिया इसने यहां तक कि अपने अपने खुद के एंपरर तक को भी चालाकी से मरवा दिया पार्लियामेंट में आग लगवा दी और चुन करके सारे दुश्मनों को एक सिंगल पार्टी बची और वो थी फासिस्ट पार्टी तो क्यों आया फासिज्म क्वेश्चन है सर आया क्यों फैजम आया क्यों तो मैंने कहा वर्ल्ड वॉर वन खत्म हो गया था और टीटी ऑफ रसाली से ट्रीटी ऑफ रसाली से लोग बहुत नाराज थे इटली क्यों नाराज था इटली जीत तो गया था वर्ल्ड वॉर वन जीतने में था इटली बट जीतने में उसे क्या मिला जीतने में उसे मिला साउथ ट्रेल ये सब शहर मिले हैं जीतने पे इटली को मिले हैं साउथ ट्रेल एक छोटा सा देश है आइलैंड है ट्रेनी एंड कोस्टल रीजन ऑफ डेलम शिया एक्चुअली में इटली को चाहिए था टर्की का एंपायर और जर्मन का एंपायर इटली को लालच थी कि जर्मनी की बड़ी टेरिटरी उसे मिल जाए या टर्किश लैंड मिल जाए स्पेशली जो आपने ऑस्ट्रिया हंगरी एंपायर सोचा था ना उसकी लालच थी उसको इसको तो वो लालच मिली नहीं तो उसको मिला देश मिला वर्ल्ड वॉर वन के बाद क्या-क्या मिला मैंने बताया है ना ये ट्रेल मिला ट्रेनो मिला कोस्टल ट्रे डेलम शिया मिला तो छोटे-छोटे आइलैंड मिले पर इसका पेट भरा नहीं इससे ये लोग लालची लोग थे और क्या हुआ इटली में भी एक इकोनॉमिक क्राइसिस आया इटली भी वर्ल्ड वॉर के बाद बर्बाद हुआ क्योंकि कहते हैं ना कि जीत कभी लोग हार जाते हैं वर्ल्ड वॉर क्योंकि आपकी सेना की बड़ी नुकसान होता है आपके वेपंस का बड़ा नुकसान होता है आपकी इंडस्ट्री का बड़ा नुकसान होता है और देश में ट्रेड कॉमर्स सब बर्बाद हो गया इंडस्ट्री बर्बाद हो गई फूड ग्रेंस का शॉर्टेज आया एक बहुत कहते हैं ना बुरे दौर से जर्मनी सॉरी इटली गुजरने लगा क्राइसिस आ गया पूरे देश में और तो और वहां जब चुनी हुई सरकार आई 1919 में वर्ल्ड वॉर वन के बाद आई वह सरकार गिर गई मतलब वह सरकार चल नहीं पाई सिंपल सा रीजन था सरकार ना चलने का कि वहां पर लोग अपनी ही सरकार को गिराते किसी के पास एक स्टेबल गवर्नमेंट मेजॉरिटी वाली गवर्नमेंट नहीं आ रही थी तो कुछ ही समय में क्या हो र थी नई सरकार आ जा रही थी इलेक्शंस बार-बार हो रहे थे और कोई एक सिंगल पार्टी पूरे देश को रूल नहीं कर पा रही थी तो जब देश में स्टेबिलिटी नहीं थी कोलिशन गवर्नमेंट बन रही थी लोग परेशान थे बेरोजगारी बुख मरी स्ट्राइक पावर्टी य सब चल रहा था इटली एकदम बर्बाद चल रहा था उस समय तब तब एक व्यक्ति ने देश को यकीन दिलाया कि हम देश में वापस देश का इटली का जो रोमन एंपायर था वह उसे वापस ला सकते हैं ग्लोरी ऑफ इटली उसको वापस दिला सकते हैं और वो व्यक्ति था बेनिटो मुसोलिनी हां उसने लोगों को यकीन दिला दिया और तो और देश में क्लास कनफ्लिक्ट चल रहा था उस समय वर्ल्ड वॉर के बाद कॉमन मैन को प्रॉमिस किया गया था कि उनके उनकी उनके इंटरेस्ट का ध्यान रखा जाएगा पर ऐसा हो नहीं पाया कॉमन मैन को चाहिए था फूड कॉमन मैन को चाहिए था जॉब वह दे नहीं पाई सरकार ही नहीं बन पा रही थी स्थिर तो बर्बाद हो गई नतीजा क्या हो गया लोग अपनी ही सरकार से नाराज थे चारों तरफ सिर्फ स्ट्राइक चल रही थी वॉर चल रहा था और देश में खतरा किस काल मनर रहा था सोश का मतलब रशिया का डर था उन लोग को रशिया बहुत तेजी से क्या कर रहा था सोशलिज्म का प्रचार कर रहा था सोशलिज्म एक ऐसा सिस्टम होता है जिसमें जो इंडस्ट्रीज होती है फैक्ट्रीज होती है माइंस होती है य सबको सोसाइटी ओन करती है बिजनेस ग्रुप जो होते हैं जो बिजनेस ग्रुप्स होते हैं वो नहीं चला पाते हैं उनके पास पावर नहीं होता है सारी बिल्डिंग्स एसेट्स देश के रिसोर्सेस सबके मालिक कौन है आम जनता तो इंडस्ट्रियलिस्ट और सो कॉल्ड हाई क्लास के बिजनेसमैन खत्म हो जाएंगे तो जब ऐसा होने लगा तो वहां के जो बड़े-बड़े बिजनेसमैन थे उन्होंने सपोर्ट करना शुरू कर दिया फाइनेंशियल मदद करना शुरू कर दिया मुसलो नहीं की क्योंकि व उसको रोक सकता था वही इस सोशलिज्म को रोक सकता था लीग ऑफ नेशन भी फेल हो गया लीग ऑफ नेशन एक बहुत कमजोर एक बहुत कमजोर इंटरनेशनल बॉडी थी यह जो दो देश लड़ रहे हैं उनको रोकने का इसके पास अपनी स्टैंडिंग आर्मी तक नहीं थी लीग ऑफ नेशन ने डिक्टेटरशिप को भी रोक नहीं पाया ना तो मुसलो को रोक पाया ना हिटलर को रोक पाया एंड दूसरा मुसलो खुद एक बहुत ही रिमेटिक व्यक्ति था कहते है ना जैसे इसकी स्पीस लोगों को आमंत्रित करती थी आकर्षित करती थी और य देश प्रेम की बात करता था कहता था देश सर्वोपरि है तो मुसलो को ड्यूस कहा गया मुसलो ने अपने आप को टाइटल दिया ड्यूस ड्यूस मतलब होता है द लीडर हिटलर ने अपने आप को क्या टाइटल दी व्हाट वाज द टाइटल गिवन टू द हिटलर देखिए मुसल नी की टाइटल बता दिया ड्यूस जिसका मतलब है द लीडर द लीडर हिटलर को क्या ी व्ट वास द टाइटल गिवन टू हिटलर बताइए जल्दी से तो मैंने कहा कि जैसे जैसे देश में फैजम आया इटली में वैसे ही नाजम आ जाएगा नाजिम एक ऐसा फिलॉसफी जो अगेन डिक्टेटरशिप की तरफ ले जाती है को एक ऐसी सोच जिसमें कहा गया है कि वन नेशन होना चाहिए जिसमें वन पॉलिटिकल पार्टी होनी चाहिए वन मैन कंट्रोल होना चाहिए एंड टू एक्ससोल वॉर क्या एंड टू एक्सटल वॉर एंड टू प्रेज दी नेशन अग्रेसिव नेशनलिज्म को बढ़ावा देने वाला यह है कौन अब आप देखिए एक फोटो में दोनों जो छोटी सी मूछ वाला व्यक्ति देख रहे हैं ये छोटी सी मछ वाला व्यक्ति देख रहे हैं हां ये छोटी सी मछ वाला कौन है यही जोकर टाइप का आदमी जो दिख रहा है यह है दुनिया का सबसे खुक आदमी एडोल्फ हिटलर और इसके बगल में बिना मूछ वाला जो दिख रहा है है ना यह है बेनिटो मुसोलिनी दोनों दिखा आपको आइए देखें तो नाजम क्या है बॉडी ऑफ पॉलिटिकल एंड इकोनॉमिक डॉक्ट्रा इन है जिसका मेन मकसद था देश में सिंगल पार्टी रूल करना सिंगल मैन कंट्रोल करना 19 40 33 से लेकर 45 तक जर्मनी में नाजिम चलने लगा और मैंने पूछा था कि हिटलर ने क्या टाइटल ली तो हिटलर को टाइटल दी गई द फ्यूहरर क्या फ्यूहरर जैसे मुसल की टाइटल थी ड्यूस द लीडर इसका टाइटल क्या मिली द फूर नाजम का फुल फॉर्म क्या बताया गया नेशनल सोशलिज्म एंड द आइडिया ऑफ आइडल जीी ऑफ नेशनल नाजी सॉरी जर्मन नाजी पार्टी हालाकि नाजी शब्द जो है एक तरह से गुस्से में लिया गया वर्ड है इंसल्ट करने वाला वर्ड है ठीक है तो कहानी क्या है मैंने कहा सेम कहानी है एकदम सेम कहानी है जब जर्मनी को वर्ल्ड वॉर वन के बाद ट्रीटी ऑफ परली साइन करना पड़ा तो जर्मनी भी बर्बाद हो गया जर्मनी के लोगों को को दबाया गया कुचला गया उनका मान सम्मान दबाया गया तो एक व्यक्ति एक व्यक्ति ने लोगों को याद दिलाया कि मैं जर्मनी का सम्मान वापस दिला सकता हूं जर्मनी में भी गरीबी बुख मरी है ना पावर्टी अनइंप्लॉयमेंट सब चल रहा था लोग बहुत बहुत बहुत ज्यादा अपनी गवर्नमेंट से परेशान थे नतीजा क्या हुआ वहां पर चुनाव हो रहे थे पर चुनाव में सरकारें गिर जा रही थी क्योंकि कोई स्टेबल गवर्नमेंट नहीं बना पा रहा था वाइमर रिपब्लिक का सब विरोध कर रहे थे ठीक है ना क्या था कॉज ऑफ राइज ऑफ नाजम पहला रीजन तो बता दिया हूमि टर्म्स ऑफ ट्रीटी ऑफ वर्सलीस हूमि मतलब होता है शर्मिंदा करना बेइज्जत करना तो ट्रीटी ऑफ बरसाली से पूरी दुनिया में खिल्ली उड़ाई गई बेइज्जती हो गई किसकी जर्मनी की जर्मनी वाज ट्रीटेड एज अ गिल्टी ऑफ वॉर सारे युद्ध का अपराध जर्मनी पर लगा दिया गया और क्या-क्या पॉइंट्स थे तो मैंने डिस्कस बहुत डिटेल में किया जर्मनी को गिल्टी ऑफ वॉर माना गया और क्या हुआ जर्मनी को भी डर दिया गया कि जर्मनी में भी कहीं ना कहीं कम्युनिज्म फैल जाएगा कम्युनिज्म या सोशलिज्म रशिया फैला रही थी जिससे यह डर था कि वहां की इंडस्ट्रीज वहां की फैक्ट्री मा किसके पास चली जाएंगी वर्कर के पास चली जाएंगी तो वहां के जो रिच इंडस्ट थे उन्होंने भी क्या किया हिटलर को सपोर्ट किया और क्या हुआ देश में इकोनॉमिक क्राइसिस आया जर्मनी की सारी टेरिटरीज छीन ली गई थी जर्मनी की सारी कोल फील्ड छीन ली गई थी जर्मनी के पास जो जो कॉलोनी थी जो आउटसाइड जर्मनी थी वह सब सब सब छीन करके जीतने वाली कंट्रीज में बांट दी गई थी तो जर्मनी भी एक तरह से एकदम कंगाल दिवालिया देश हो गया था तो कोई ना कोई ऐसा तो आएगा जो उसके उनको यकीन दिलाएगा कि हम देश को वापस उसका गौरव दिला सकते हैं अरे ये क्या हो गया ये क्या हो रहा है आइए आगे बढ़ते हैं रिसर्जेंस ऑफ मिलिटेंट नेशनलिज्म हां जर्मनी में लोगों को यकीन दिलाया गया कि देश की प्रेस्टीज देश की ग्लोरी वापस दिलाई जा सकती है मतलब देश को जो शान और शौकत है जिसके लिए जर्मनी जाना जाता है तो ऐसा तभी हो सकता है जब देश में कोई एक स्ट्रांग आदमी एक सिंगल आदमी अगर देश को रूल करेगा तभी यह संभव हो पाएगा और वह सिंगल आदमी कौन है हिटलर हिटलर ने लोगों को प्रॉमिस किया कि वह जर्मनी की सारी ग्लोरी और सारा नाम शौहरत सब वापस दिलाकर देगा जो जर्मनी ने वर्ल्ड वॉर वन में हारा है एक और किया नाज पार्टी ने वो था एंटी सेमिटिक मतलब जूज के खिलाफ प्रचार करना नाज लोगों ने य ये यकीन दिला दिया लोगों को कि जूज ही देश के गद्दार हैं जूज ने ही मिल करर के देश के के साथ गद्दारी की है उन्होंने इंग्लैंड के साथ मिलकर के अमेरिका के साथ मिलकर के जर्मनी को हरया है तो उन्होंने चुनचुन करके जूस को मारना शुरू कर दिया हां हिटलर ने जूस पर बहुत अत्याचार किया हां जूज वही है जो आज इजराइल में रह रहे है याद रखिएगा और क्या हुआ जर्मनी में जब नाजी पार्टी रिवोल्ट कर रही थी जब नाजी पार्टी धीरे-धीरे राइज टू पावर कर रही थी तो उनका विरोध करने के लिए उनको हटाने के लिए कोई एक सुपर पावर अपोजिशन पावर नहीं था तो अकेले ही लीड कर रही थी नतीजा क्या हुआ जर्मनी के पूरे देश में क्या हो गया नाजी पार्टी का रूल चलने लगा और फिर हिटलर भी कैसे थे हिटलर भी एक रस्मटका तो इनकी पर्सनालिटी कुछ इस तरीके से थी गिफ्टेड आदमी थे बहुत दोनों में सिमिलरिटी क्या है डिस्कंटेंट ऑफ द वर ऑफ दी आफ्टर द वर ऑफ ट्रीटी ऑफ वलीज बता ही दिया था मतलब ट्रीटी ऑफ रसाली से नाजिम ऑफ फसम दोनों आया क्योंकि दोनों जन नाराज थे हां इटली खुश नहीं था इटली भी नाराज था डीफ फरसाली से क्योंकि उनको कम कंट्रीज मिली थी इकोनॉमिक क्राइसिस आया देश में दोनों देशों में दोनों देशों में प्रोडक्शन ऑफ एग्रीकल्चर ट्रेड सब बर्बाद हो गया और क्या हुआ डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल्स पर लोगों का विश्वास उठ गया क्योंकि गवर्नमेंट तो बन रही थी गवर्नमेंट तो बन रही थी डेमोक्रेसी बन रही थी पर वह चल नहीं पा रही थी इसलिए लोगों का डेमोक्रेसी से विश्वास उट गया था वन पार्टी रूल पर लोगों का विश्वास आ गया था फियर ऑफ कम्युनिज्म भी था लोगों को डराया गया था कि देश में कम्युनिज्म आने वाला है सोशलिज्म आने वाला है रशिया का रूल आने वाला है इसलिए लोगों ने क्या किया हिटलर को सपोर्ट किया एंड लास्ट पॉलिटिकल इंस्टेबिलिटी क्लास कॉन्फ्लेट होने लगा ठीक है और लीग ऑफ नेशन तो कंट्रोल नहीं कर पाया अब दोनों की आईडियोलॉजी दोनों की एक जैसी सोच है दोनों ही कहते हैं ना लाइक माइंडेड पीपल हमेशा साथ रहते हैं वह लोग जिनकी सोच एक जैसी है जैसी सोच हिटलर की है वैसी सोच मुसल नहीं की है देखिए दोनों क्या चाहते थे देश में टेरियन रूल आए मतलब डिक्टेटरशिप रूल आ जाए वन मैन रूल आ जाए दोनों हेट करते डि स्पाइज मतलब होता हेट दे बोथ टेड डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल सिस्टम डेमोक्रेसी पस नहीं है वन मैन कंट्रोल पसंद है दे बोथ होल्ड स्टेट इज द सुप्रीम उनका मानना था कि देश सर्वोपरि है और देश चाहे तो लोगों के फंडामेंटल राइट्स को दबा सकता है फ्रीडम ऑफ इंज को दबा सकता है और तो और वन पार्टी वन लीडर को उन लोग अपल्ड करना चाहते थे चाहते थे कि देश में एक पार्टी हो एक लीडर हो और तो क्या चाहते थे दे बिलीव इन एग्रेसिव नेशनलिज्म क्या चाहते थे देश में क्या हो देश से प्यार और देश से प्यार और बाकी सबसे नफरत अपने देश से प्यार यह वर को इंस्ट्रूमेंट फॉर ग्रोथ ऑफ द कंट्री मानते थे कहते थे युद्ध ही क्या है देश के लिए सर्वोपरि देश में नेशनलिस्ट देश में कम्युनिस्ट एंटी कम्युनिस्ट और एंटी सोश गवर्मेंट बनाई इन्होने तक 191 से लेकर 1939 तक वर्ल्ड में अस्थिरता बनी हुई थी हां वर्ल्ड में केस कंफ्यूजन आर्मामेंट बना हुआ था था और 1939 सितंबर 3 वर्ल्ड वॉर ट शुरू सितंबर व 1939 सितंबर 1 जर्मनी ने अटैक किया पोलैंड पर जर्मनी ने अटैक किया पोलैंड पर और सितंबर 3 पोलैंड की मदद के लिए इंग्लैंड और फ्रांस आ गया और उसने जर्मनी पर अटैक कर दिया वर्ल्ड वॉर टू शुरू तो जहां से खत्म वहीं से शुरू खत्म हुआ था जर्मनी के हारने से इंग्लैंड और फ्रांस के जीतने से वहीं से फिर शुरू हुआ फिर जर्मनी आ गया वर्ल्ड वॉर टू में अब इस बार जर्मनी के साथ है एक सुपर पावर एक सुपर पावरफुल मैन एडोल्फ हिटलर एक सर्व शक्तिशाली एक सन की एक सन की डिक्टेटर है ना और साथ में एक और सन की दोस्त एक गर सन की दोस्त बेनिटो मुसोलिनी तो चलिए फर्स्ट वर्ल्ड वॉर फर्स्ट वर्ल्ड वॉर की जो पीस ट्रीटी बनाई गई थी वही पीस ट्रीटी बहुत चोर कर रही है वही पीस ट्रीटी बिकम बन गई कॉज बन गई फॉर द सेकंड वर्ल्ड वॉर वर्ल्ड वॉर वन बिम द कॉज ऑफ द वर्ल्ड वॉर टू जो पीटी ऑफ वर्सलीस बनाई गई थी जर्मनी को दबाने के लिए जर्मनी को कुचलने के लिए वही वर्ल्ड वॉर टू का कारण बन जाएगी गिव एनी टू टर्म्स ऑफ ट्रीटी ऑफ वर्सलीस कोई दो दो टर्म्स ऑफ ट्रीटी ऑफ वर्सलीस लिखी आप लोग मैंने तो बहुत सारे पॉइंट दि थे कोई दो टर्म्स ऑफ ट्रीटी ऑफ वर्ली लिखिए तो वर्ल्ड वॉर वन फॉट हुआ था कॉलोनी को एक्वायर करने के लिए टेरिटरीज को एक्वायर करने के लिए जबकि वर्ल्ड वॉर टू वास फॉट फॉर आइडल जीी यहां पर सोच बदल गई है जर्मनी की सोच है नाजिम इटली की सोच है फैसिस म जबकि रशिया की सोच है कम्युनिज्म तो वर्ल्ड में आईडियोलॉजी का झगड़ा होने वाला है और वर्ल्ड वॉर ट ज्यादा घातक ज्यादा नुकसानदायक होना है पूरी दुनिया के लिए वर्ल्ड को ज्यादा नुकसान पहुंचाएगा वर्ल्ड वॉर टू क्योंकि तब तक टेक्नोलॉजी और डेवलप कर चुकी थी और और डेडली एंड डिजास्टर्स वेपंस बन गए थे ठीक है तो कॉज क्या है डिसेटिस्फेक्शन ऑफ ट्रीटी ऑफ वर्सलीस मैंने पहले ही बताया मैंने पूछा भी कि वर्ल्ड वॉर में विनिंग विनिंग कंट्रीज अलाइज ने जर्मनी को साइन कराया ट्रीटी ऑफ वर्सलीस जिसमें जर्मनी को 33 बिलियन डॉलर वॉर इंडिमनिटी देना पड़ा जिसमें जर्मन टेरिटरीज सारी जो कॉलोनी थी वो छीन करके क्या कर दी गई विनिंग कंट्रीज को बांट दी गई जैसे एल्स एंड लोरेन फ्रांस को दिया गया यूपे एट मेलडी यह डेनमार्क को दे दिया गया तो इस तरीके से जर्मनी की विनिंग टेरिटरीज कॉलोनी को भी विनिंग कंट्रीज में बांट दिया गया और और तो और जर्मन की जो कोल फील्ड थी सार वो उठा के भी फ्रांस को देया गया राइन वैली को डी मटलानी को कहा गया कि वो न लख आर्मी तक मेंटेन कर सकते हैं और एयरफोर्स नहीं मेंटेन कर सकते बैन था सबमरीन बैन कर दिया गया तो एक तरह से जर्मनी को पूरी तरह से फिजिकली भी कंट्रोल कर दिया गया एक तरह से आर्मी वाइज उसको क्या कर दिया गया कमजोर कर दिया गया और जर्मनी पे जर्मनी पे जो वॉर इनमिटी लगाया गया इससे जर्मनी वीक हो गया ह्यूमिन किया गया जर्मनी का बेइज्जत किया गया ये रहा वर्ल्ड वॉर टू के पहले वर्ल्ड वॉर टू के पहले वर्ल्ड का एक दृश्य इस मैप में देखिए आप इस मैप में देखिए युगोस्लाविया दिखाई देगा आपको है ना हंगरी और रू ऑस्ट्रिया अलग-अलग कंट्री दिखाई देंगे देखिए ध्यान से दिख रहा है आपको अब आइए इसी दौरान मैंने कहा वर्ल्ड वॉर 2 से पहले जर्मनी में नाजिम आया और इटली में आया फेसि ज्म ये दोनों ही वर्ल्ड वॉर टू का एक बड़ा रीजन माने जाते हैं क्योंकि इन दोनों का मकसद था एक्सटॉल्ड टू प्रेज वॉर टू हैव अ डिक्टेटरशिप फॉर्म ऑफ गवर्नमेंट इटली अपनी ग्लोरी वापस चाहता था इटली ने जवाइन किया इटली ने अपनी ग्लोरी को वापस पाने के लिए एंटी कमिंटर्न पैक्ट साइन कर लिया ठीक है और जर्मनी ने भी अपनी पावर को बढ़ाने के लिए क्या कर दिया अलग-अलग देशों पे छोटे-छोटे देशों पे अटैक करना शुरू किया जिसको फ्रांस और इंग्लैंड ने नहीं रोका यह कहता हूं इटली ने एमनेसिया को अटैक कर दिया और जीत लिया लीग ऑफ नेशन ने कुछ नहीं किया लीग ऑफ नेशन इटली के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सका हिटलर ने वापस जर्मनी की प्रेस्टीज बनाने के लिए इंटरनेशनल फीड में ट्रीटी ऑफ वर्सलीस को डिसब कर दिया कहा हम ट्रीटी ऑफ वर्सलीस को नहीं मानते उन्होंने ट्रीटी ऑ रसाली की धज्जी और उन्होंने ऑस्ट्रिया को जीत लिया और उसने चको लवा किया को भी डि कर दिया मतलब ऑस्ट्रिया जो कि इटली का जर्मनी का पार्टनर था फर्स्ट वर्ल्ड वॉर में उसको खुद जर्मनी ने जीत लिया देख रहे अपने ही पार्टनर को गुलाम बना लिया और तो और अब हिटलर ने तय कर लिया कि वह और आगे कंट्रीज को जीतेगा क्योंकि उसका कहना था कि जर्मनी को ग्रो करने के लिए जर्मनी को डेवलप करने के लिए जर्मनी को और एक्सपेंड करना पड़ेगा अब क्या हुआ पॉलिसी ऑफ अपीज मेंट आई यह क्या होता है पॉलिसी एक ऐसी पॉलिसी जिसमें हम सब किसी और को काम डाउन करते हैं मतलब काम डाउन मतलब शांत करना एक्ट ऑफ कमिंग समथिंग डाउन इट्स अ पॉलिसी ऑफ पसिफाइंग एंड अग्रेसिव पावर एट द एक्सपेंस ऑफ सम अदर कंट्री जैसे एग्जांपल देते हैं मैंने कहा इटली और जर्मनी बहुत तेजी से डेवलप कर रहे थे इंडस्ट्रीज कर रहे थे और अपनी सेना को ग्रो कर रहे थे तो यह दूसरे छोटे देशों को गुलाम बना रहे थे वापस तो इंग्लैंड और फ्रांस चाहते कि इनको रोक सकते थे जैसे इटली ने अनीसिया को गुलाम बनाया तो जर्मनी ने क्या किया ऑस्ट्रिया को गुलाम बना लिया ये लोग चाहते तो इन दोनों देशों को रोक सकते थे अटैक करने से रोक सकते थे अपनी सेना बेच के रोक सकते थे पर इन्होंने नहीं किया इसलिए नहीं किया कि अगर यह दूसरे देशों को जीत रहे हैं कोई बात नहीं चलो कोई बात नहीं वहां जाकर खुश हो जाएंगे ना तो इनको खुश करने के लिए इनके गुस्से को शांत करने के लिए ठीक है जाओ वर्ल्ड वॉर वन में बहुत हारे हो बहुत नुकसान हुआ था कोई बात नहीं चलो यह कर लो इसकी वजह से इनका हौसला और बढ़ गया के पास और ताकत आ गई और इनका अब मन और बढ़ गया अब इनका डर भी खत्म हो गया बात समझ में आई यह वर्ल्ड के लिए मुसीबत का कारण बन जाएंगे इसे कहते हैं पॉलिसी ऑफ अपीज मेंट किसी ऐसी कंट्री को जो आपके खिलाफ अटैक कर रहा है पर आप पर अटैक नहीं कर रहा है किसी दूसरे कंट्री पर अटैक कर रहा है उसको अटैक करने देना यह मुसीबत बन जाएगी जापान ने चाइना पर अटैक कर दिया जाइना जापान फर्स्ट वर्ल्ड वॉर में बहुत कोई मेजर गेस नहीं कर पाता है जापान ने 1931 में मंचूरिया को अटैक कर दिया और वहां पर अपनी गवर्नमेंट बना ली जापान ने चाइना के ऊपर भी अटैक कर दिया लीग ऑफ नेशन के पास मदद करने के लिए चाइना गया भी पर जापान पर जापान को वह रोक नहीं पाए क्योंकि जापान ने जापान ने क्या किया लीग ऑफ नेशन के सक्शन को मानने से मना कर दिया बोला हम कुछ नहीं जानते हैं ब्रिटेन ऑफ फ्रांस ने भी ब्रिटेन ऑफ फ्रांस ने भी क्या नहीं ध्यान नहीं दिया अब आएगा एक बड़ी समस्या जब जापान क्या करेगा जापान रोम बर्लिन टोक्यो एक्सेस फॉर्म कर लेगा मतलब फिर से वर्ल्ड में क्या होने लगा ग्रुपिज्म होने लगा इससे पहले डिसाइड हुआ था कि वर्ल्ड में सीक्रेट ट्रीटीज नहीं साइन की जाएगी ग्रुप्स नहीं बनाए जाएंगे वर्ल्ड वॉर वन में बने थे ना ग्रुप्स ट्रिपल एंटेट ट्रिपल अलायंस तो अब वापस ग्रुप बनने शुरू हो गए रोम टोक्यो बर्लिन एक्सेस बन गया पहला ग्रुप नाम है इनकी कैपिटल से समझ रहे हो ना तीनों की कैपिटल कंट्रीज हैं लीग ऑफ नेशन का फेल होना भी एक बहुत बड़ा कारण है सेकंड वर्ल्ड वॉर का लीग ऑफ नेशन एक इंटरनेशनल बॉडी बनाई गई थी पर इसके पास खुद की स्टैंडिंग आर्मी नहीं थी इसको बनाने के लिए सबसे मेन था प्रेसिडेंट वडरो विल्सन के 14 पॉइंट्स और प्रेसिडेंट वडरो विल्सन मतलब अमेरिका खुद लीग ऑफ नेशन का मेंबर नहीं है लीग ऑफ नेशन किसी भी वरिंग कंट्री को अधिक से अधिक क्या कर सकती थी उसके खिलाफ लीगल सैंक्शन लगा सकती थी लगा दो सैंक्शन कितने लगाना है अटैक तो नहीं कर सकती ना यही समस्या थी यही समस्या थी लीग ऑफ नेशन के साथ बहुत सारे कंट्री ने जवाइन नहीं किया बहुत सारी कंट्रीज ने ठीक है ना पोलैंड न पोलैंड कैप्चरड पार्ट ऑफ द लिथिया देखा लीग ने कुछ नहीं किया जब पोलैंड ने लिनिया को कब्जा कर लिया करना चाहिए ना जब इटली और जर्मनी के बीच में वॉर हो रहा था तब भी लीग ऑफ नेशन कुछ नहीं कर पाया तब भी कुछ नहीं कर पाया अमेरिका को आना पड़ा बीच में इंग्लैंड इटली और ग्रीस के बीच में देख रहे हैं ना तो लीग ऑफ नेशन सिर्फ क्या कर रहा था सिर्फ मैंने कहा एक नाम की बॉडी थी विथ हैज नो पावर ऑफ इट्स ओन इट वाज ओनली इन द नेम सेक ओनली द मिलिट्री पावर ऑफ लीग वाज नॉट एडिक्ट उनके पास पावर नहीं था इकोनॉमिक सेंश वर ऑफ नो यूज वो दूसरी कंट्री को जो लोग लड़ाई कर रहे थे उनके खिलाफ इकोनॉमिक सेंशन लगाते थे कि आप पे इतना टैक्स लगा देंगे अपना ट्रेड ट्रेड का टैक्स लगा देंगे पर उससे क्या होने वाला है वो कंट्री रुक जाएगी क्या नहीं रुकेगी तो लीक फेल टू मेंटेन इंटरनेशनल पीस बर्बाद हो गई लीक लीक के वजह सही अगर लीक की जगह कोई स्ट्रांग बॉडी होती तो शायद वर्ल्ड वॉर नहीं होता समझ में आ रहा है क्या कह रहे है बात समझ में आ रही है क्या हो रहा है देखिए हिटलर ने क्या किया जर्मनी पोलैंड को अटैक कर दिया ये है इमीडिएट कॉज हिटलर ने पोलैंड को अटैक कर दिया हां यह इमीडिएट कॉज बन गया क्या हुआ बताए आ चलिए तो 1 सितंबर ध्यान दीजिएगा 1 सितंबर डेट याद कर लीजिए 1 सितंबर 1939 हिटलर ने पोलैंड पर अटक कर दिया जबकि पोलैंड पोलैंड जर्मनी ऑस्ट्रिया और रशिया की टेरिटरीज को मिलाकर बनाया गया एक देश था वर्ल्ड वॉर वन के बाद कंट्री बनी थी पोलैंड वर्ल्ड वॉर वन के बाद ट्रीटी ऑफ वर्सलीस में जर्मनी को डिवाइड किया गया था जर्मनी जर्मनी को ही क्या किया था डिवाइड करके पोलैंड बनाया गया था तो इन ऑर्डर टू गेट अ लैंड रूट टू पोलैंड अप टू द सी पोर्ट ऑफ डेंसिंग वाज गिवन टू द पोलैंड क्या दे दिया गया डेंसिंग पोर्ट ऑफ डेंसिंग नाम का एक पोट था जो कि क्या दे दिया गया पोलैंड को दे दिया गया जिससे सी रूट पड़ता था जर्मनी का समझ गए कि नहीं और जर्मनी को चाहिए था अपनी टेरिटरी बोला मेरी टेरिटरी ली गई है मेरी जमीनों को लेकर के पोलैंड बनाया गया मुझे मेरी जमीन वापस चाहिए समझ में आया डेंसिंग जिसमें जर्मन लोग रहते थे जहां पर जर्मन का डेंसिंग कॉरिडोर था जर्मन चाहते थे कि उसको हम प्रशिया से कनेक्ट करें एक बहुत ही इंपॉर्टेंट इलाका था जो ईस्ट प्रशिया को कनेक्ट करता था पोलैंड पर इल्जाम लगाया जर्मनी ने कि पोलैंड में जो पोलैंड वासी हैं वह जर्मन लोगों पर अत्याचार कर रहे एट्रोसिटी कर रहे हैं और हम उनका बदला लेने के लिए पोलैंड पर अटैक कर रहे हैं तो कोई बहाना चाहिए था ना अटैक करने के लिए हिटलर को तो यही बहाना दिया हिटलर ने अटैक करने का और 1 सितंबर को हिटलर ने अटैक किया पोलैंड पर और 3 सितंबर को वर्ल्ड वॉर वर्ल्ड वॉर वर्ल्ड वॉर टू शुरू ड सितंबर ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी पर अटैक घोषित कर दिया वर्ल्ड वॉर शुरू वर्ल्ड वॉर टू में जो कंट्रीज ग्रुप बनाएंगी उसमें कौन होगा इस बार जो कंट्री होंगी वह होंगी देखिए कुछ कुछ न्यूट्रल कंट्री भी है न्यूट्रल मतलब यह कंट्री किसी के पक्ष में पार्टिसिपेट नहीं करेंगी न्यूट्रल कंट्रीज कौन सी है पहला है स्वीडन स्विटजरलैंड स्पेन देखिए एस एस एस ऐसे याद कर लीजिए क्या है ट्रिपल एस 3s है यह क्या है न्यूट्रल कंट्रीज है वर्ल्ड वॉर में पार्टिसिपेट नहीं किया जबकि जबकि जर्मनी इटली जापान ने क्या बनाया एक्सेस पावर बनाया नाम रखा रोम टोक्यो बर्लिन एक्सेस ठीक है जबकि ब्रिटेन फ्रांस अमेरिका पुराने दोस्त हैं पुराने दोस्त हैं वर्ल्ड वॉर वन के दोस्त हैं यही तीनों वर्ल्ड वॉर वन में भी ये तीनों साथ थे ये तीनों एक साथ आ जाएंगे फिर से इस बार बनाएंगे फिर से अलाइड पावर इस बार भी बनाएंगे क्या अलाइड पावर इस बार सोवियत यूनियन क्या करेगा पोलैंड पर अटैक कर देगा फिनलैंड पर अटैक कर देगा इस बार रशिया जो है जो वर्ल्ड वॉर वन में सरेंडर कर गया था रशिया याद होगा 2000 सॉरी 1917 में इस बार रशिया एक नए रूप में होगा एक सुपर पावर के रूप में होगा हां वर्ल्ड वॉर वन में रशिया हार मान गया था तो नॉर्वे डेनमार्क इन सब देशों को जर्मनी ने जीत लिया बेल्जियम हॉलैंड सबको जीत लिया इवन फ्रांस को भी जीत लिया और ऐसा जीता जैसा मानो युद्ध को क्या कर लिया है बिजली कड़क रही है और क्या किया एक टके में सब सब सब सब बिजली की तरह जीत लिया बैटल ऑफ ब्रिटेन ही एक ऐसा बैटल है जिसमें ब्रिटेन को जर्मनी नहीं जीत पाया उसने अटैक तो किया जर्मनी पर जर्मनी ने खूब ताकत लगाई अटैक करने की ब्रिटेन पर पर जीत नहीं पाया क्योंकि ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स ने तगड़ा तगड़ा वर किया अब जर्मनी की सबसे बड़ी गलती होने वाली है और वह गलती है बैटल ऑफ स्टेलिन ग्रेड जर्मनी ने रशिया के साथ 20 ईयर नॉन अग्रेशन पैक्ट साइन कर रखा था क्या 20 साल तक तक अटैक ना करने का समझौता रशिया के साथ और जर्मनी ने रशिया पर अटैक कर दिया देखा कितना धोखेबाज है जर्मनी और इस बार मुख खानी पड़ेगी जो वर्ल्ड वॉर वन में जर्मनी ने रशिया को हरा दिया था रशिया सरेंडर करके चला गया था वर्ल्ड वॉर खत्म होने से पहले ही मैंने बताया था ना रशिया वर्ल्ड वॉर वन से पहले ही हार के चला गया था पर वर्ल्ड वॉर ट में ई उल्टा हो गया कहते हैं ना जैसा आप एक दिन आपके साथ भी ऐसा होगा जैसा आप करोगे और इस समय जर्मनी को मुं की खानी पड़ी बैटल ऑफ स्टेलिन ग्रेड में स्टेलिन ग्रेड एक शहर का नाम है रशिया का शहर का नाम है 1941 में हिटलर ने यहां पर अटैक किया और काउंटर अटैक किया रशिया ने जिसमें 6 लाख 6 लाख जर्मन सैनिक मर गए हां जर्मन सैनिक की पीठ टूट गई जर्मन सेना की पीठ टूट गई और बैटल ऑफ बर्लिन हुआ बैटल ऑफ बर्लिन में क्या हुआ अमेरिका ने इंग्लैंड ने फ्रांस ने मिलकर के अटैक किया ठीक है एक तरफ से इन इन्होंने अटैक किया दूसरी तरफ से रशिया ने अटैक किया और 8 मई 1945 को जर्मनी ने सरेंडर कर दिया हिटलर ने सुसाइड कर लिया हां एडोल्फ हिटलर ने सुसाइड कर लिया वर्ल्ड वॉर का एक बहुत इंपॉर्टेंट इवेंट है वह है पर्ल हार्बर पर अटैक होना देखिए अमेरिका जो अभी तक क्या था न्यूट्रल था जो अभी तक क्या कर रहा था वॉर में पार्टिसिपेट नहीं कर रहा था 1941 में जापान ने अमेरिका के एक नेवल बेस जहां पे नेवी वहां पे आराम करती है तैयारी करती है हां जापान का एक नेवल बेस है नाम है पर्ल हार्बर ठीक है उस परे अटैक कर दिया और 3700 लोग मारे गए गलती बस जापान ने यह कर दी इस वॉर में कि उसने उसकी सारी शिप रिपेयर फैसिलिटी को डिस्ट्रॉय नहीं किया उसके यूएस कैरियर को डिस्ट्रॉय नहीं किया अमेरिका को मौका मिल गया और उसने वापस तैयारी की सेना बनाई वापस बल हार्बर को तैयार किया और जापान पर अटैक किया उसने जापान को सरेंडर करने का मौका दिया और 6 अगस्त को हिरोशिमा प और 9 अगस्त 1945 को नागासाकी प एटम बम गिराए और दोनों ही शहर यह पहला मानव द्वारा गिराया गया डिस्ट्रक्टिव वेपन था जो इससे पहले कभी नहीं हुआ था तो दो दो बम गराए गए 6 अगस्त 9 अगस्त हिरोशिमा नागासाकी दोनों शहर खत्म 2 सितंबर ठीक 6 साल बाद देखिए 3 सितंबर ध्यान सुनिए 3 सितंबर 1939 को वर्ल्ड वॉर शुरू हुआ और 2 सितंबर एजेक्ट 6 साल बाद जापान ने सरेंडर कर दिया और पूरे 6 साल बाद वर्ल्ड वॉर 6 साल चला वर्ल्ड वॉर टू वर्ल्ड वॉर वन च साल चला वर्ल्ड वॉर टू पूरा 6 साल चला एजेक्ट 6 साल बाद जापान सरेंडर वर्ल्ड वॉर ओवर क्योंकि इससे पहले इटली ने सरेंडर कर दिया था मुसलो को मार दिया गया हां मुसलो को मार दिया गया और सुसाइड कर लिया हिटलर ने हिटलर ने तो खुद को सुसाइड कर लिया कंसीक्वेंस ऑफ सेकंड वर्ल्ड वॉर क्या हुआ सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद तो एक्सेस पावर हार गया कौन रोम टोक्यो बर्लिन एक्सेस की हार हुई जर्मनी हार गया इटली हार गया जापान हार गया तीनों ने हार गए और जीत किसकी हुई ब्रिटेन फ्रांस रशिया अमेरिका की जीत हुई ठीक है जर्मनी पूरी तरह से बर्बाद हो गया ठीक है ब्रिटेन फोर्सेस ने म्यानमार मलाया फिलिपींस सिंगापुर यह सब जापान ने कब्जा कर रखा था इन सबको वापस ले लिया हां ये सब ज ब्रिटेन की टेरिटरी थी ब्रिटेन के गुलाम देश थे इनको जापान से वापस ले लिया क्योंकि जापान ने सरेंडर कर दिया और तो और एक कॉन्फ्रेंस बुलाई गई नाम है पोट्सडम कॉन्फ्रेंस ये एक शहर का नाम है पोट्सडम यहां कॉन्फ्रेंस बुलाई गई 1945 को और जीते हुए कंट्री यों ने जापान से कहा कि तुम सरेंडर कर जाओ जापान ने कहा हम सरेंडर नहीं करेंगे नतीजा अमेरिका ने उस परे क्या कर दिया एटम बम गिरा दिया याद रखिएगा जर्मन जर्मन शहर है ये पोट्सडम कॉन्फ्रेंस पोट्स डैम ठीक है और क्या हुआ एक्सेस पावर ने मिलकर के क्या किया जर्मनी के टुकड़े कर दिए ये डायग्राम को ध्यान से देखिए एक्सेस पावर ने मिलकर के जर्मनी के टुकड़े कर दिए जर्मनी को दो में बांटा गया यह जो वेस्ट जर्मनी देख रहे हैं जो आप वेस्ट जर्मनी देख रहे हैं इसमें इसमें जो हेड है वह तीन देश है वेस्ट जर्मनी में तीन लोग मालिक है तीन लोग कौन-कौन लीडर है वेस्ट जर्मनी में ब्रिटेन है मतलब यूके है और कौन है फ्रांस है और रशिया यहां पर तीन देश है यूके फ्रांस यूके फ्रांस एंड र एंड अमेरिका यूके फ्रांस अमेरिका और यहां पर यहां पर मालिक है कौन रशिया अकेला यहां पर रशिया ठीक है तो एक तरह से जर्मनी को बंटवारा कर दिया गया और जर्मनी के बीच में दीवाल भी खड़ी कर दी जाएगी क्यों बांट दिया गया क्योंकि रशिया की फिलॉसफी अलग थी और इंग्लैंड फ्रांस और अमेरिका की फिलॉसफी लगती रशिया बिलीव करता था कैपिटल में रशिया बिलीव करता था कम्युनिज्म में और इंग्लैंड फ्रांस और अमेरिका बिलीव करते थे कैपिट ज्म में सर ये क्या होता है कैपिट इजम क्या होता है देखिए जब कोई देश चाहता है कि वहां पर सारे रिसोर्सेस सारी प्रॉपर्टीज के ओनर कौन हो प्राइवेट लोग हो जहां पर प्रॉफिट मेन मोटिव हो जहां पर गवर्नमेंट इंटरफेरेंस नहीं हो गवर्नमेंट क्या करेगी किसी भी बिजनेस में इंटरफेयर नहीं करेगी फ्रीडम टू एंटरप्राइज होगा लेजस फेयर इकॉनमी होगी सबको फ्रीडम होगी जो चाहे जो करो इंडस्ट्री चलाओ फैक्ट्री चलाओ माइंस चलाओ प्रॉफिट कमाओ मना नहीं है हां अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस में यही चलता है और ठीक उलट होता है रशिया में ठीक उलट यहां पे प्राइवेट प्रॉपर्टी ओन करना अलाउड नहीं है ऑल रिसोर्सेस आर आदर ओन बाय द सोसाइटी या तो पूरी सोसाइटी मालिक है या तो गवर्नमेंट मालिक है इसका मतलब फैक्ट्री होगी माइंस होगी इंडस्ट्रीज होगी पर मालिक कौन होगा सोसाइटी होगी सोवियत होगी समझ में आया दोनों की सोच अलग-अलग है दोनों का थॉट प्रोसेस अलग-अलग है ठीक है रशिया ने इसका नाम दिया सोशलिज्म या कम्युनिज्म अब वर्ल्ड में बंटवारा हो जाएगा फिर से इटली और जापान दोनों बर्बाद हो जाएंगे दोनों बर्बाद हो जाएंगे इटली के एंपरर सॉरी जापान के एंपरर हीरो हितो जापान छोड़ के भाग जाएंगे जापान छोड़ के भाग जाएंगे और जापान की पार्लियामेंट जापान की पार्लियामेंट क्या करेगी फिर देश में नया कानून बनाएगी ताकि देश में क्या हो पार्लियामेंट सिस्टम वापस आ जाए और क्या होगा जापान द्वारा जितनी भी टेरिटरीज एक्वायर की गई थी वो बांट दी गई ये तीन विनिंग कंट्रीज के लीडर हैं आप देख पाएंगे तीन विनिंग कंट्रीज के लीडर हैं जिसमें इंग्लैंड फ्रांस और रशिया ठीक है यूनाइटेड नेशन को फॉर्म किया जाएगा वर्ल्ड वॉर टू से ये पता चल गया था भले ही जीत गए हैं पर मैंने कहा जीत के भी हार गए हैं इंसानियत को हार गए हैं क्योंकि जीतने के बाद भी हर देश कंगाल था हर देश बर्बाद था तो तीन बड़े पावरफुल कंट्री जिसमें रूजवेल्ट अमेरिका के प्रेसिडेंट चर्चिल ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर और स्टेलिन रशिया के प्रीमियर तीनों मिलते हैं लटा में इसका नाम रखा गया याल कॉन्फ्रेंस क्यों ताकि ये डिसाइड किया जाए कि एक वर्ल्ड बॉडी हो एक वर्ल्ड बॉडी हो जो आगे जाकर क्या करेगी वर्ल्ड में पीस लाएगी और इसके लिए चार्टर ऑफ द यूनाइटेड नेशन लिखा जाएगा क्या लिखा जाएगा नियम कानून ऑफ दी यूनाइटेड नेशन कौन मेंबर बन सकता है यूनाइटेड नेशन क्या कर सकती है बनाया जाएगा और इसका एक फाइनल डेट डिसाइड की गई ठीक है ल्ट में कान्फ्रेंस की गई फाइनल डिसाइड की गई 24 अक्टूबर 1945 को क्या 24 अक्टूबर 1945 को बनाया गया यूनाइटेड नेशन तो 24 अक्टूबर को याद रखिए यूएन डे 24 अक्टूबर यूएन डे अब दुनिया में एक नया समस्या आ गया वर्ल्ड वॉर टू तो खत्म हो गया पर वर्ल्ड में दो सुपर पावर्स आ गए एक रशिया जिसका नाम अब होगा कम्युनिज्म ब्लॉक या व टॉप पैक्ट और इधर अमेरिका जिसका नाम होगा जिसका नाम होगा कैपिटिस अमेरिका जो है वो वेस्टर्न ब्लॉक है कैपिट है और वहां पर अमेरिका और यहां पर रशिया दोनों क्या करेंगे अब दुनिया के मेंबर कंट्रीज को अपनी अपनी तरफ आकर्षित करेंगे चाहेंगे कि ज्यादा ज्यादा मेंबर कंट्रीज उनकी तरफ आ जाए समझ में आया और इसी की वजह से क्या होगा वर्ल्ड में हेट्रिक वर्ल्ड में सस्पिरियम असली में कोई लड़ाई नहीं होगी बट नफरत होगा एक दूसरे के बीच में और अग्रेशन होगा स्टॉक पाइलिंग ऑफ दी वेपंस होगा बट वॉर नहीं होगा ठीक है इसको इस फेस का नाम दिया गया इस फेस का नाम दिया गया कोल्ड वॉर मतलब ऐसा नहीं है ठंडी में वॉर हो रहा है ऐसा नहीं है कि लोग बर्फ फेंक रहे एक दूसरे के ऊपर तो कहो गया कोल्ड वॉर सर नहीं नहीं कोल्ड वॉर सिर्फ क्या नाम दिया गया है जो एटमॉस्फेयर पैदा हुआ जब कोई आर्म्ड स्ट्रगल नहीं हुआ और किसके बीच में रशिया और अमेरिका के बीच में दोनों ने डिप्लोमेटिक रिलेशंस तो रखे पर पर डिड नॉट रिजॉर्ट टू ओवर्ट द क्लासेस ठीक है दोनों ने एक दूसरे के प्रति होस्टिलिटी रखी दोनों की कहानी बता चुका हूं यह अमेरिका का ब्लॉक नाम है डेमोक्रेटिक या कैपिट ब्लॉक जिसमें अमेरिका होगी कैपिट जम होगा इसमें कुछ मेंबर कंट्रीज देखिए ब्रिटेन फ्रांस इटली ये सारे देश कैसे हैं कनाडा ऑस्ट्रिया ये सब इवन पाकिस्तान भी ध्यान दीजिए पाकिस्तान भी देख लीजिए कहां चला गया था हम नहीं गए थे कहीं पर भी हमने क्या बनाया था इंडिया दोनों ही पावर ब्लॉक में नहीं गया था इंडिया ने एक अलग ऑर्गेनाइजेशन बनाई थी उसका नाम बताइए हां आपको बताना है नेम दी ऑर्गेनाइजेशन इन व्हिच व्हिच इंडिया फॉर्म्ड इंडिया वाज वन ऑफ द फाउंडर मेंबर बट इंडिया डिड नॉट जॉइन इंडिया डिड नॉट जॉइन एनी ऑफ दी पावर ब्लॉक्स कम्युनिस्ट ब्लॉक बना जिसको ईस्टर्न ब्लॉक कहते हैं सोशलिस्ट ब्लॉक कहते हैं कम्युनिज्म है ठीक है इनका इनके पास कौन लोग थे इनके पास जो कंट्रीज थी उनकी सोच थी कि वहां पर गवर्नमेंट क्या करेगी लीड करेगी वहां पर प्राइवेट सेक्टर लीड नहीं करेगा प्रॉफिट मेन मोटिव नहीं होगा सोशल वेलफेयर मेन मोटिव होगा समाज में सबका हित होगा ना कोई अमीर होगा ना कोई गरीब होगा यह सोच वाले लोग कौन है मार्क्सिस्ट लोग हैं हां मार्क्सिस्ट लोग हैं इन्हे कम्युनिस्ट कहते हैं कौन-कौन कंट्री है इसमें देखिए पोलैंड है हंगेरी है रोमानिया है बल्गेरिया है चेकोस्लोवाकिया है तो एक तरह से वर्ल्ड दो पावर ब्लॉक्स में बट जाएगा क्या लिखा आप लोगों ने आंसर देखूं आकर के आंसर हां आंसर देखूं आप लोगों ने एकदम सही जवाब लिखा है मैं आंसर देख पाया नॉन अलाइन मूवमेंट इंडिया डिड नॉट जॉइन एनी ऑफ द पावर ब्लॉक एंड फॉर्म द नाम आइए वेरी इंपोर्टेंट चैप्टर ये चैप्टर और इसके बाद वाला चैप्टर एजेंसीज ऑफ यूनाइटेड नेशन इनमें से एक लॉन्ग क्वेश्चन आएगा यूनाइटेड नेशन एंड यूनाइटेड नेशन एजेंसीज को मिलाकर के एक लॉन्ग आंसर आएगा याद रखिएगा एजेंसी के कम से कम कम से कम तीन तीन क्या करेंगे फंक्शन याद करेंगे तो 1945 में सैन फ्रांसिस्को में 24 अक्टूबर को बनाई गई यूनाइटेड नेशन परपस क्या था वर्ल्ड वॉर टू डिजास्टर्स था लीग ऑफ नेशन फेल हो गई थी थर्ड का डर था ओरिजन कैसे हुआ मैंने कहा तीन दुनिया के सबसे सुपर पावर्स आल्टा में मिले ल्ट में उन्होंने डिसाइड किया कि एक पीस एंड हार्मोनी बनाई जाएगी और 50 नेशन नंबर याद कर लीजिए वन वर्ड क्वेश्चन पूछा जाता है कितने 50 कंट्रीज 50 नेशन 50 नेशंस मेट एट सैन फ्रांसिस्को 50 नेशन मिले सैन फ्रांसिस्को कॉन्फ्रेंस में और मिलकर डिसाइड हुआ कि हम एक वर्ल्ड बॉडी बनाएंगे वर्ल्ड बॉडी बनाएंगे नाम होगा यूनाइटेड नेशन और यूनाइटेड नेशन का चार्टर बनाया गया और चार्टर मतलब डॉक्यूमेंट जिस पर लोग साइन करेंगे ठीक जिस पर रू लि क्या इसका परपस था ऑब्जेक्टिव क्या था वर्ल्ड में पीस लाना डेवलप फ्रेंडली रिलेशन अमंग नेशन लाना एंड सबसे इंपॉर्टेंट इंटरनेशनल कोऑपरेशन अटेंड करना और डी डी डी क्या तीन डी याद कर लीजिए डेवलप डी कॉलोनाइज एंड डिसम इनको थ्रीडी के याद से याद करना है प्रिंस क्या है इसके क्या गाइडलाइंस है इसके यूनाइटेड नेशन के बहुत सिंपल से गाइडलाइंस है कि अगर कोई भी देश जो पीस लव करता है वह देश जो दूसरों के साथ इक्वलिटी के साथ चना चाहता है व देश जो यूएन की मदद करने को तैयार है व देश जो वॉर नहीं करना चाहता है फोर्स को अवॉइड करना चाहता है वही वही यूनाइटेड नेशन का मेंबर बन सकता है एक पीस लविंग कंट्री बन सकती है इसके हेड क्वार्टर कहां पर है न्यूयॉर्क पर है इसकी सारी इंटरनेशनल ऑर्गन के हेड क्वार्टर कहां है न्यूयॉर्क प सिवाय किसके इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस जिसका हेड क्वार्टर कहां है हेग इन नीदरलैंड है इसका फ्लैग कैसा है तो ब्लू लाइट ब्लू फ्लैग है वाइट रंग एट द सेंटर है ब्लैक वाइट ब्लू में लाइट ब्लू में वाइट एट द सेंटर है एक पोलर मैप है आपको दिखेगा कि पोल दिखाई देगा एक राउंड सा वर्ल्ड का पोल एरिया दिखाई देगा आपको और क्या होगा मैप में दोनों तरफ क्या दिखाई देगी ऑलिव ब्रांचेस दिखाई देंगी ठीक है यह है इसकी पहचान पांच लैंग्वेज है वन वर्ड क्वेश्चन आएगा याद कर लीजिए पांच लैंग्वेज कौन सी है अरेबिक चाइनीज इंग्लैंड मतलब इंग्लिश फ्रेंच रशियन स्पेनिश देख लीजिए हमारी भाषा नहीं है हिंदी नहीं है इस पांच लैंग्वेज को लैंग्वेज ऑफ द यूनाइटेड नेशन का दर्जा दिया गया सिर्फ फाइव लैंग्वेजेस है ठीक है अरेबिक समझ गए चाइनीज इंग्लिश फ्रेंच रशियन स्पेनिश मेंबरशिप कौन कर सकता है मैंने कहा हर वो देश जो पीस लविंग है जो यूनाइटेड नेशन के प्रिंसिपल्स को एक्सेप्ट करता है वो बन सकता है ठीक है अ वन 93 मेंबर्स एप्रोक्सीमेटली बनाए गए थे पहले करंट नंबर थोड़ा चेंज हो गए होंगे पर य पुराने नंबर है जनरल असेंबली पहला ऑर्गन क्या है जनरल असेंबली य एक तरह का वर्ल्ड का पार्लियामेंट है जैसे आपके देश में पार्लियामेंट है ना लोकसभा राज्यसभा तो यह वर्ल्ड का पार्लियामेंट है हर देश इसमें पांच रिप्रेजेंटेटिव भेजता है और वोट काउंट कितना होता है पर एक ठीक है तो यह पार्लियामेंट ऑफ द वर्ल्ड की तरह है और इसमें दुनिया भर के क्या होते हैं कंट्रीज अपने मेंबर्स को भेज है और जनरल असेंबली जनरल असेंबली में हर देश का एक वोट काउंट होता है कोई भी डिसीजन तब लिया जाएगा जब ू थर्ड मेजॉरिटी होगी जैसे कोई वर्ल्ड के पास समस्या आई कोई वर्ल्ड की प्रॉब्लम आई तो यहां पर डिस्कशन होगा जैसे देश की प्रॉब्लम आती है तो पार्लियामेंट नियम बताता है पार्लियामेंट लॉज एंड रूल्स रेगुलेशन फॉर द कंट्री बनाता है वैसे ही दुनिया के लिए ल रूल्स रेगुलेशन कौन बनाएगा अगर दुनिया में कोई समस्या आ रही है कोई दुनिया में नई चैलेंस आ रहे हैं तो बनाएगा जनरल असेंबली समझ में आया एक तरह से पार्लियामेंट ऑफ द वर्ल्ड है क्या पावर है मैंने कहा इंटरनेशनल पीस एंड सिक्योरिटी को एडवाइस देना सेक्रेटरी जनरल को अपॉइंट्स तो उसके हेड को कहते हैं सेक्रेटरी जनरल और क्या करना उनको एडवाइस देना इंटरनेशनल डिस्प्यूट को सॉल्व करने में मदद करना यह सब कॉमन चीज है ठीक है आगे सिक्योरिटी काउंसिल सेकंड बॉडी है सेकंड ऑर्गन है क्या सिक्योरिटी काउंसिल इसके ऊपर सिक्योरिटी काउंसिल जिसमें कहते हैं हिंदी में सुरक्षा परिषद इसमें टोटल 15 मेंबर्स हैं कितने इसमें टोटल 15 मेंबर्स हैं जिसमें पांच परमानेंट है और 10 नॉन परमानेंट मेंबर है जिनको दो दो साल के लिए लेक्ट किया जाता है ठीक है कितने मैंने बताया इसमें टोटल 15 मेंबर है ठीक है पांच परमानेंट मेंबर है किसी भी डिसीजन को लेने के लिए पांच वोट की नौ वोट की जरूरत पड़ती है ठीक है और पांच परमानेंट मेंबर कौन है याद कर लीजिए क्वेश्चन बन सकता है एमसीक्यू चाइना फ्रांस यूके रशिया एंड यूएसएसआर हां चाइना फ्रांस यूके यूएसए एंड यूएसएसआर देखिए चाइना है याद रखिएगा चाइना फ्रांस यूएसए यूके एंड यूएसएसआर इंडिया नहीं है याद रखिए हम लोग आज भी परमानेंट मेंबर नहीं है जबकि हम वर्ल्ड में बड़ी पावरफुल है कंट्री वर्ल्ड में सबसे लार्जेस्ट कंट्री है याद रखिएगा 10 नॉन परमानेंट मेंबर हैं ठीक है ये लोग कौन इनको कौन य इलेक्ट करता है कि यहां पर आएंगे कौन 10 नॉन परमानेंट मेंबर आएंगे जिनको तूर थर मेजॉरिटी से जनरल असेंबली इलेक्ट करेगी पर ये सिर्फ दो साल के लिए यहां रहेंगे वैसे बता दूं वर्तमान में इंडिया सिक्योरिटी काउंसिल का मेंबर है पर मैंने पहले ही बता दिया हम लोग नॉन परमानेंट मेंबर है जो परमानेंट मेंबर है उनके पास एक स्पेशल राइट है मतलब चाइना फ्रांस यूके यूएसए रशिया के पास एक स्पेशल पावर है वो पावर क्या है किसी भी डिसीजन पे वो लोग ना कर सकते अगर कोई चीज डिसीजन लेना हो किसी पर जैसे अभी यूक्रेन को सताया जा रहा है एग्जांपल है यूक्रेन को सताया जा रहा है चलो पलेन को सताया जा रहा है अब हमें एक्शन लेना है इजराइल के खिलाफ मान लो ऐसा करना है मान लो ऐसा एक्शन लेना है कि इजराइल को के खिलाफ मिलिट्री फोर्स भेजनी है तो कोई एक भी कोई एक भी परमानेंट मेंबर क्या करेगा इसके खिलाफ कर देगा वोट नो कर देगा तो नहीं लिया जाएगा मतलब समझ रहे हो सारा काम धरा का धरा रह जाएगा बीटो पावर किनके पास है सिर्फ परमानेंट मेंबर के पास है फंक्शन क्या है वर्ल्ड में पीस यह कॉमन पॉइंट है सब में रिपीट करते यूएन का यही फंक्शन है यूएन का भी यही फंक्शन है जनरल असेंबली का भी यही फंक्शन है इन्वेस्टिगेट करना डिस्प्यूट करने का पीसफुल तरीके से सेटल करना हां यह बड़ा इंपोर्टेंट फंक्शन है कि वोह मिलिट्री एक्शन ले सकता है अगर कोई कंट्री क्या कर रही है वॉर कर रही है यूनाइटेड नेशन के नियम को नहीं मान रही तो तो उसपे अटैक कर सकती है इनके पास अपनी पीसकीपिंग फोर्स होती है अपनी सेना होती है ये नए मेंबर का एडवाइस भी दे सकती है ठीक है अगली बॉडी आती है इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ये जुडिशियस नेशन का इसका हेड क्वार्टर कहां पर है हेग में हेग कौन सा देश है न्यूजीलैंड के कैपिटल का नाम है हेग कितने जजेस हैं इसमें भी 15 जैसे उसमें 15 मेंबर्स थे ना ऐसे 15 जजेस हैं ठीक है इसमें से जो 15 जजेस हैं वो नान साल के लिए अपॉइंटमेंट काउंसिल इनको पॉइंट करते हैं जनरल असेंबली पहली बॉडी और दूसरा सिक्योरिटी कांसिल ये लोग पॉइंट करते हैं और क्या खास बात है इलेक्शंस हर तीन साल में होता रहता है और न थर्ड मेंबर रिटायर करते रहते हैं नए वन थड मेंबर आते रहते हैं इसका मतलब हमेशा इसके पास इसके पास 15 जजेस हर समय रहेंगे ही रहेंगे और क्या खास बात है क्या पावर है इनके पास मैंने कहा पहला है द पार्टीज ओनली मेंबर कंट्रीज कैन अप्लाई मतलब जितने लोग क्या है यूनाइटेड नेशन के मेंबर हैं वही लोग इसके पास जा सकते हैं किसी न्याय के लिए और क्या कर सकते हैं सोर्स ऑफ लॉज एप्लीकेबल इंटरनेशनल ट्रीटीज इंटरनेशनल कन्वेंशन कस्टम्स एंड लॉज जो भी एग्रीमेंट होगा इनके बेसिस पे होगा मतलब इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस क्या करती है इस बेसिस पे एग्रीमेंट कराती है और क्या होता है वॉलंटरी जूरिडिक्शन कई बार क्या होता है दो देश झगड़ा कर रहे हैं उनके बीच में यह खुद जा सकते बिना बिना बुलाए जा सकते कहते हैं वॉलंटरी जुशन और कंपस जशन मतलब होता है कि कुछ डिस्प्यूट्स ऐसे हैं जो इंटरनेशनल लॉ से रिलेटेड है उसमें कंपलसरी कंपलसरी क्या होता है इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ही लॉ दे सकती है और कोई रास्ता नहीं है एडवाइजरी रिशन भी इसके पास भी है जैसे सुप्रीम कोर्ट के पास था क्या कर सकती है यूनाइटेड नेशन को यूनाइटेड नेशन के ऑर्गन को यह सलाह दे सकती है जनरल असेंबली को सलाह दे सकती है मानना ना मानना तो उनकी मर्जी है ठीक है भाई लीगल बॉडी है ना जुडिशल बॉडी है ना और क्या करती है पीसफुल सेटलमेंट ऑफ डिस्प्यूट्स इसका मतलब है अगर किसी वजह से ध्यान से समझिए अगर किसी वजह से कोई डिस्प्यूट हो जाए दो कंट्रीज के बीच में तो उस डिस्प्यूट को पीसफुली सेटल करा लेती है नेक्स्ट है एजेंसीज ऑफ दी यूएन बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक है मेजर एजेंसी ऑ यूएन तो एजेंसी क्या होती है एजेंसी वो बॉडी होती है जो यूएन के बेसिस पर कर यन अकेला सब जगह नहीं पहुंच सकता ना तो यूएन ने क्या बना रखी एजेंसी जिसमें अलग-अलग कंट्रीज मेंबर है और यह मिलकर के क्या करती है वर्ल्ड के वेलफेयर का काम करती है चलो तुमसे पूछता हूं एक सिंपल सा क्वेश्चन पूछता हूं नेम हां नेम टू नेम टू कंट्रीज नेम टू कंट्रीज च आर द परमानेंट मेंबर्स ऑफ द सिक्योरिटी कासल मैंने सिर्फ दो पूछा है तुम लोग से पांच बताया था दो पूछा है बताओ अब आते है यूनिसेफ के बारे में यूनिसेफ नाम में ही सी लिखा है सी मतलब चिल्ड्रन तो यह एक वर्ल्ड बॉडी है जो कि बच्चों के लिए बनाई गई है ठीक है क्या नाम है इसका यूनिसेफ हेड क्वार्टर कहां है हेड क्वार्टर है न्यूयॉर्क 1948 में बनाई गई थी क्या करने के लिए फुल फॉर्म है यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रेंस इमरजेंसी फंड बाद में इसका नाम में इमरजेंसी फंड हटा गया चिल्ड्रेंस फंड कर दिया गया हां तो यूनाइटेड नेशन की ये बॉडी है जिसका मेन मकसद था बच्चों की मदद करना क्योंकि वर्ल्ड वॉर जब वन हुआ टू हुआ तो आदमी मर गए औरत मर गए बचा कौन बचा कौन बच्चे द मोस्ट सफरर्स वर दी बच्चे सबसे ज्यादा तकलीफ में कौन थे बच्चे थे तो इसीलिए एक बॉडी बनाई गई जो क्या करेगी बच्चों को बच्चों के हित के लिए काम करेगी बच्चों के डेवलपमेंट के लिए काम करेगी इनको डोनेशन मिलता है वॉलंटरी कंट्रीब्यूशन मिलता है ग्रीटिंग कार्ड भेजते हैं क्या करती है फंक्शन क्या है प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन बच्चों की रक्षा करना उनका सर्वाइवल उनका हेल्थ उनके वेल बीइंग की रक्षा करना बच्चों के लिए बनाई गई वर्ल्ड की सबसे बड़ी बॉडी और क्या है यह फंड प्रोवाइड करती है ट्रेनिंग देने के लिए टीचर्स की ट्रेनिंग देने के लिए न्यूट्रीशनिस्ट की देने के लिए ठीक है और क्या करती है ये इवन गवर्नमेंट को भी सपोर्ट करती है बहुत सारे ऐसे प्रोग्राम हैते हैं जो गवर्नमेंट कटी बेस कराती है जैसे मास नाइन प्रोग्राम क्लीन वाटर प्रोग्राम ऐसा गवर्नमेंट बहुत सारे प्रोग्राम चलाती है बच्चों के लिए चलाती है तो उन प्रोग्रामों में मदद करती है जैसे मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ प्रोग्राम चलाती है सैनिटेशन का प्रोग्राम चलाती है तो इन सबों में यूनिसेफ क्या करती है फंडिंग करती है मदद करती है और तो और और तो और और क्या करती यूनिसेफ यूनिसेफ हेल्प करती है यूनाइजेशन चलाने में जैसे मैंने कहा था कि ब को बीमारियां हो जाती थी पहले पोलियो तो इन्होंने क्या किया पल्स पोलियो प्रोग्राम चलाया पूरे इंडिया में अब सारे बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाया गया वो जो दो बूंद जिंदगी की सुना होगा ना दो बूंद जिंदगी की बच्चों को पिलाया गया ताकि बच्चों को पल्स पोलियो ना हो आपको पता होना चाहिए कि इंडिया से पोलियो हां इंडिया इज अ पोलियो फ्री कंट्री आपको पता होना चाहिए इससे पहले हमारे देश में स्मॉल पॉक्स हुआ करता था अब इंडिया स्मॉल पॉक्स फ्री कंट्री है आज तक स्मॉल पॉक्स भारत में नहीं हुआ हां तो यह कहना चाहते हैं इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम टीकाकरण जिसे कहते हैं जैसे अभी करोना वैक्सीन लगी तो हजारों लाखों करोड़ों लोगों ने क्या किया इंजेक्शन लगवाया आपने भी लगवाया होगा क्या तुमने कोरोना का वैक्सीन लगवाया था यस लिखो अगर लगवाया था नो लिखो तो बताना नहीं लिखो हैव यू गन थ्रू दी करोना वैक्सीन क्या लगवाया था तुमने कोरोना वैक्सीन तो इसे कहते हैं इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम मतलब हिंदी बोले तो टीकाकरण सरकार ने जन जन को दो दो डोड के करोना वैक्सीन लगवाए थे पता नहीं आपने लगवाया कि नहीं लगवाया कोरोना के टीके लगे थे ना यस लिखिए और कितने लगवाए डोज य भी लिखिए वन और टू मैंने तो दो डोज लगवाया था हां लिखिए तो यह कौन चला रहा था गवर्नमेंट चला र थी कौन मदद करता गवर्नमेंट को यूनिसेफ फिर आता है डब्लू एओ वर्ल्ड हेल्थ प्रोग्राम सॉरी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन तो जैसा नाम लिखा है 1948 में इसको बनाया गया इसका मेन मकसद है हाईएस्ट पॉसिबल लेवल ऑफ हेल्थ फॉर ऑल देख रहे हैं हेल्थ का सबसे बेस्ट स्टेटस सब सबके लिए हाईएस्ट पॉसिबल हेल्थ फॉर ऑल अब इसका हेड क्वार्टर कहां है जिनेवा ध्यान दीजिए इसका हेड क्वार्टर कहां है जिनेवा न्यूयॉर्क में नहीं है क्या चाहती है डूओ चाहती है कि कंट्रीज क्या करें अपने हेल्थ सिस्टम को इंप्रूव करें हर कंट्री अपने यहां हेल्थ सिस्टम इंप्रूव करें और तो और जो इंपॉर्टेंट ड्रग्स हैं उसको वो प्रोवाइड करती है मतलब जो इंपॉर्टेंट दवाएं ड्रग्स मतलब दवा इंपॉर्टेंट ड्रग्स को दवाओं को प्रोवाइड करती है रिसर्च करने में मदद करती है देश को अगर जो कोरोना वैक्सीन को डिस्कवर किया गया तो बहुत सारे साइंटिस्ट लगे रिसर्च करने में ना बहुत पैसा लगा तो इस तरह से जो जो नई बीमारियां आ रही है उनकी वैक्सीन डेवलप करने में बहुत पैसे लगते हैं तो रिसर्च करने में क्योर करने में डिजीज का प्रिवेंशन में उन लोग बहुत पैसा लगाते हैं मदद करते हैं और किसम मदद करते हैं सेव ड्रिंकिंग वाटर एंड वेस्ट डिस्पोजल पे क्योंकि देखिए पानी ही एक ऐसी चीज है जो अगर इंपोर मिला तो सारी बीमारियां अंदर आना शुरू पानी से अंदर आ जाएगी ना बीमारी शुरू हो जाएगी तो पानी का सेफ ट्रीटमेंट होना चाहिए और वेस्ट का डिस्पोजल होना चाहिए एंड लास्ट ट्रेन दी हा हेल्थ केयर पर्सनल्स ये क्या होता है इसका मतलब बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो हेल्थ केयर वाले होते हैं जैसे मैंने कहा नर्सेसलैब्स अब आता है यूनेस्को फुल फॉर्म क्या है यूनाइटेड नेशन एजुकेशनल साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन इसकी सोच ही एकदम अलग है यह चाहती है दुनिया में पीस एंड हार्मोनी आए कल्चर के एक्सचेंज से एजुकेशन के एक्सचेंज से साइंस के प्रमोशन से सोचिए कितना अच्छा सोच है क्या अच्छा थ प्रोसेस है तो लंडन कॉन्फ्रेंस में यूनेस्को को बनाया गया था 1945 में और ऑब्जेक्टिव क्या है दुनिया में पीस एंड सिक्योरिटी चाहिए दुनिया में शांति और समझौता चाहिए किसकी मदद से कोलैबोरेशन से देश मिले देशवासी मिले अलग-अलग देशों से मिले और एक दूसरे से एक्सचेंज करें अपनी नॉलेज को चाहे व अपना कल्चर एक्सचेंज करें एजुकेशन एक्सचेंज करें और हेड क्वार्टर कहां है पेरिस अब एजुकेशन के लिए क्या इसके पास प्लान है देखिए क्योंकि यूनेस्को में एजुकेशन शब्द भी है साइंस भी है कल्चर भी है तो हर एक के लिए अलग प्लान है साइंस के लिए क्या चाहती है सॉरी एजुकेशन के लिए क्या चाहती है यूनेस्को चाहती है कि दुनिया से लिटरेसी खत्म हो जाए इसके लिए जो लोग बचपन में नहीं पढ़ पाए उनके लिए अब एडल्ट स्कूल बनाए जा रहे हैं हां वो गरीब लोग जो बचपन में स्कूल नहीं पढ़ पाए बेचारे किसी वजह से उनके लिए एडल्ट स्कूल है डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर है हां बिना स्कूल जाए जा पढ़ सकते हैं वूमेंस एंड गर्ल्स को स्पेशल स्ट्रेस किया जा रहा है पढ़ाने के लिए उनके लिए गवर्नमेंट स्पेशल फाइनेंस ला रही है फ्री एजुकेशन ला रही है और तो और फाइनेंशियल असिस्टेंट दिया जा रहा है डिसेबल्ड बच्चों को जो बच्चे अपाइज है अपंग है उनके लिए समय समय पर इ लोग बुक फेयर लगाते हैं और या फेस्टिवल्स लगाते हैं अभी रिसेंटली दिल्ली बुक फेयर लगाया गया था हां दिल्ली बुक फेयर जहां हजारों हजारों पब्लिशर्स आते हैं ऑथर्स आते हैं और तो और साइंटिफिक क्या किया गया था ऑर्गेनाइज सेमिनार किए थे कान्फ्रेंस किए थे साइंटिस्ट लोगों के समय समय पर ये दुनिया भर के साइंटिस्ट लोगों को बुलाती है उनके सेशन लेती है सेमिनार कराती है और और क्या एक्टिविटीज कराती है रिसर्च कराती जियोलॉजी में मैथ्स में कम्युनिकेशन की फील्ड में क्या किया इन्होंने प्रेस की क्वालिटी को इंप्रूव कराया जो न्यूज़पेपर छप रहे हैं उनकी क्वालिटी को इंप्रूव कराया फिल्म वीडियो सर्विसेस की क्वालिटी को इंप्रूव कराया देश को डेवलप करने में कम्युनिकेशन सिस्टम को बेटर करने में मदद की और फ्रेस प्रेस और मीडिया को आजाद रखने में मदद करते हैं क्योंकि कोई भी देश अगर अपनी प्रेस को कंट्रोल कर ले वहां के न्यूज़पेपर और मैगजीन को कवर कर ले तो वहां की न्यूज सही नहीं आएगी जैसे कि चाइना में चाइना में जो न्यूज़ है वो सही नहीं आती है जब कोरोना फैल चुका था चाइना में जब लोग बर्बाद हो गए थे मर चुके थे जब एकदम चाइना के कंट्रोल के बाहर हो गया था तब दुनिया को पता चला कि चाइना में कोरोना आया है अगर शुरुआत मेंही पता चल गया होता तो हम लोग शायद कोरोना से बच चुके होते वह इतना फैलता नहीं तो बहुत जरूरी है प्रिजर्वेशन ऑफ कल्चर में भी इन्होंने मदद किया टेक्निकल एडवाइस दी इक्विपमेंट दिया फंड्स दिया इवन हमारे जो हिस्टोरिकल मॉन्यूमेंट्स हैं जो बड़े-बड़े हमारे इंडिया के मॉन्यूमेंट्स हैं जैसे ताजमहल हो गया है ना इन सबको हां रेड फॉट को इ लोग प्रिजर्व करते हैं ये लोग मदद करते हैं उनकी टेक्नीक देते हैं जो पुराने मैनु स्क्रिप्ट्स है हाथ से लगी किताबें हैं पुराने जमाने की उसको वो प्रोटेक्ट कर रहे हैं वर्क ऑफ आर्ट को कोई पुराने जमाने की पेंटिंग है है ना हजारों साल पुरानी आज भी उस पेंटिंग को इन्होंने संभाल के रखा है इनके पास वो टेक्नीक है भाई और क्या करते हैं समय समय कल्चरल मिशन भेजते हैं अलग-अलग कंट्री में ताकि मैंने कहा पीस एंड सिक्योरिटी बनी रहे इंडिया के लोग जाते हैं जापान में तो जापान के लोग इंडिया में स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम चलाते हैं लोग हा कल्चर साइंस इसका एक्सचेंज कराते हैं ताकि क्या हो वर्ल्ड में क्या हो पीस एंड हार्मोनी बनी रहे इंडिया का बहुत इंपॉर्टेंट पार्ट पर रहा है यूनेस्को में इंडिया फाउंडर मेंबर रहा यूनेस्को का और बहुत सारे वर्कशॉप्स कराता रहा है नाम नॉन अलाइन मूवमेंट वर्ल्ड वॉर टू खत्म पर मैंने कहा समस्या नहीं खत्म क्योंकि वर्ल्ड तो पावर बल में बट चुका होगा कैपिट ब्लॉक कम्युनिस्ट ब्लॉक कैपिट ब्लॉक अमेरिका जिसको वेस्टर्न ब्लॉक बोला गया और इधर सोशलिस्ट ब्लॉक या रशिया का वर शॉ यह जो ब्लॉक है जिसको ईस्टर्न ब्लॉक भी नाम दिया गया दोनों की सोच आईडियोलॉजी डिफरेंस बस और कोई डिफरेंस नहीं है दोनों की सिर्फ थॉट प्रोसेस अलग है दोनों का सोच अलग अलग है बस बस इसीलिए लड़ाई हो रही है और व क्या चाहते हैं अपने स्पीयर ऑफ इन्फ्लुएंस को बढ़ाना चाहते हैं मतलब अधिक से अधिक कंट्री हों को अपना मेंबर बनाना चाहते हैं ताकि वो इनके साथ रहे ताकि वो दिख सके कि हम ज्यादा पावरफुल है तो नए आजाद देश हो रहे थे 1945 50 के दौर में वर्ल्ड वॉर ट के बाद जिसमें हम भी आजाद हो गए हमारे आसपास और भी सारे देश थे इंडोनेशिया हो गया हा और से और कई सारे देश है युगोस्लाविया हो गया ऐसे बहुत सारे देश उस समय आजाद हुए थे हां नए-नए बहुत सारे अफ्रीकन कंट्रीज एशियन आजाद हुए थे और हमने तय किया कि हम इनमें से किसी भी पावर ब्लॉक को जवाइन नहीं करेंगे हम बनाएंगे खुद का हम बनाएंगे खुद का एक ऑर्गेनाइजेशन एक मूवमेंट जो कि यूनाइटेड नेशन को सपोर्ट करेगा कहेंगे नाम नॉन अलाइन मूवमेंट ठीक है तो किसी भी पावर ब्लॉक को जॉइन ना करना यह एक पॉलिसी है यह कोई ऑर्गनाइजेशन नहीं है समझ रहे हो ना ये एक पॉलिसी है जिसका मेन मकसद है क्या करना कि इंडिपेंडेंट नेशंस क्या करें किसी भी पावर ब्लॉक को जवाइन ना करें और एक्टिवली पार्टिसिपेट करें वर्ल्ड अफेयर को जो दुनिया में चल रहा है उस पर क्या करें एक्टिवली पार्टिसिपेट करें इसके फाउंडिंग फादर्स में कौन-कौन है इसके फाउंडिंग फादर्स में जवाहरलाल नेहरू है जो कि प्रधान मंत्री ऑफ इंडिया है जोसेफ टीटो है अब्दुल नसर है ठीक है और इसका पहला समिट कहां बुलाया गया 1961 में बेलग्रेड में 1961 में बेलग्रेड इन यूगोस्लाविया पहला इनका कान्फ्रेंस बुलाया गया ठीक है बात करते हैं नाम के ऑब्जेक्टिव की नाम चाहता क्या था तो नाम का मेन मकसद है कि अब जो वॉर हो रहा था उसका कारण कभी दोबारा ना होए तो रिमूव ऑल कॉसेस ऑफ वॉर दोबारा वॉर के बारे में हमको सोचना ही नहीं है मतलब जो वर्ल्ड वॉर टू हुआ हमारा तो अब ऐसा दोबारा कभी हो ही ना पाए तो इसीलिए ग्रुपिज्म बनेंगे ही नहीं हम ग्रुप में जवाइन ही नहीं करेंगे क्योंकि अगर हम किसी भी ग्रुप को जवाइन करते हैं मान लीजिए कि इंडिया ने जवाइन कर दिया रशियन ब्लॉक को हां मान लेते हैं इंडिया ने जवाइन कर दिया कम्युनिज्म को ईस्टर्न ब्लॉक को जवाइन कर लिया तो हमें अब रशिया की सुननी पड़ेगी हमें अमेरिका को अपना दुश्मन मानना पड़ेगा हम उनके साथ क्या कर सकते हैं रिलेशन नहीं मेंटेन कर सकते अभी हम इंडिपेंडेंट है हम चाहे इससे बात करें हम चाहे उससे दोस्ती रखें तो इसीलिए यही सोच थी कि हम अपनी फॉरेन पॉलिसी को इंडिपेंडेंटली बना सके ठीक है टू प्रोटेक्ट द कंट्रीज फ्रीडम ऑफ न्यू बोर्न इंडिपेंडेंट कंट्रीज तो जो देश नए-नए भाई आजाद हो रहे हैं अभी आजाद हुए हैं और अभी क्या है उनको क्या करना पड़ेगा इनकी पॉलिसीज को सुनना पड़ेगा एक रिक्वेस्ट है कि पूरा वीडियो देख लीजिएगा तभी एंड करिएगा ठीक है टू अपोज द कॉलोनिस्ट म कॉलोनिस्ट म का विरोध करना इंपिरियलिज्म का विरोध करना रेशल डिस्क्रिमिनेशन का विरोध करना हां कॉल जम मतलब दूसरे देश को गुलाम बनाना इंपिरियलिज्म मतलब एक पावरफुल कंट्री है लेस पावरफुल कंट्री को क्या कर रही है डोमिनेट कर रही है इसका हम विरोध करते हैं हम गुलाम बनाने की प्रथा का विरोध करते हैं हम फ्रेंडली रिलेशंस चाहते हैं अमंग नेशन और पीसफुली डिस्प्यूट को सेटल करना चाहते ये सारी चीजें देखिए यूनाइटेड नेशन को क्या करती है कु को सैल्यूट करती है हम प्रिंसिपल्स ऑफ यूनाइटेड नेशन को फॉलो कर रहे हैं बाद में नरू जी के बारे में बताया गया कि नेहरू जी ने बहुत इंपोर्टेंट रोल प्ले किया हालांकि इंपोर्टेंट नहीं है हां मैं अब उन सारे सारे सारे सुपरस्टार्स का नाम लेना पसंद करूंगा जो अभी मेरे साथ लाइव बैठे हुए हैं जो लगातार लाइव सेशन लिख रहे हैं ईमानदारी से लिखिए कितने लोग कितने लोग लाइव बैठे हुए हैं हम लोग सेशंस लगभग 8:30 बजे से लगातार कर रहे थे बीच में आपने बीच में यस मैंने आपकी मदद से 5 मिनट का ब्रेक मांगा था क्योंकि उस समय मैं डिनर कर रहा था हां क्योंकि लगातार 8:30 बजे से क्लास चल रहा था और मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि ये दो दिन का डे वन और डे टू का सेशन अगर आपने अटेंड किया होगा तो यकीन जानिए बीच-बीच में मैंने सारे इंपॉर्टेंट टॉपिक्स बताए लेसंस बताए ये सब कुछ कवर करता है आपका एनटायर एंटायस एंड सिविक्स सो लव यू एंड गॉड ब्लेस यू लेट मी टेक दी शाउट आउट लेट टेक द नेम ऑफ माय सुपरस्टार चलिए देखते हैं कौन ककन मेरे सुपर स्टार्स ने हा ज नाम दो जल्दी से तो जल्दी से देखो मुझे मेरे सुपर स्टार्स जो लगातार डटे हुए थे बैठे हुए थे सेशन अटेंड कर रहे थे मुझे उनको एक बार लव एक बार रिस्पेक्ट देना है आइए लेट्स सी हु आर दिस ओ सर आई वाज देयर फ्रॉम द स्टार महीराज गेमिंग लव यू महीराज और और कौन है पिंकी आई एम श्यर पिंकी अंशुल सिंह सारा वर्मा ओमर सर फ्रॉम द स्टार्टिंग वेल डन ओमर और कौन है दी मि कैक क्या वर्ड है हां द मैकेनिक ओ गॉड बाय एंड लव यू माय डियर देव लव यू माय डियर देव ब्लैक पिंक ब्लिंक बड़ा अनोखा नाम लव यू एंड गॉड ब्लेस यू और देखू कौन है कौन कन है रीमा कुमारी हेलो रीमा हाउ आर यू हिटमैन सर मैं प्रेजेंट था अयान के वेल डन वेल डन माय डियर नदीम नाजिर अनीता हाय अनीता हाउ आर यू आई एम श्यर यू पीपल आर ऑल प्रिपेयरिंग वेल आयुष आचार जी सर मेरा नाम ले लो यस आयुष तेरा नाम ले लिया फिर कौन है आइए देखिए मैं थोड़ा सा नाम नहीं पढ़ पा रहा हूं क्या हां सर मी राहिल राहिल बड़ा टिपिकल नाम है आपने कंपनी का नाम रखा है कोई बराक वैली सीमेंट्स लिमिटेड बाप रे बड़ा मुश्किल मुश्किल नाम रखा है अनिरुद्ध राजू जय हिंद जय हिंद अनिरुद्ध जय हिंद गुरने सर आई एम वेरी टायर्ड ओ गॉड आप टायर्ड हो गए हो चलिए आप सोचिए मेरी जो मैं लगातार क्लास ले रहा था आप वहां मेरे साथ दे रहे हो तो मुझे बस यही चाहिए लव यू एंड गॉड ब्लेस यू अश्क सैनी गॉड ब्लेस यू माधव कौशिक जितेश बाबाजी स्वास्तिक शिवो दिया ग्रंथ कुछ नाम और पढ़ लो सुप्रिया गुप्ता हाउ आर यू सागर ये बीच में ऐड कहां से आ गई बीच में ऐड आ गई हद हा स्किप करते हैं हां और देखें एम एस एन आर ओ गेमर्स बड़ा मुश्किल नाम था गेमर्स और क्या है गेम्स एंड सोंग्स वीडियो लिया फिर है नितिन फ्री फायर बड़े टिपिकल िकल नाम रखे भाई आप लोगों ने स्नेहा यादव माही और क्या है देखिए कामनी ओझा यस मी कामनी हाउ आर यू यूनिवर्स टीवी क्या नाम है भाई यूनिवर्स टीवी बड़ा अनोखे अनोखे नाम है दिस शोज यू आर टैलेंटेड और कौन है भूवी गोयल यस भूवी हाउ आर यू क्या है एस एम ई ई टी स्म छेड़ा ओ गॉड इफ आई एम सॉरी इफ आई एम नॉट एबल टू प्रोनाउंस धैर्य त्रिपाठी हेलो एंड हाउ आर यू धैर्य समृद्धि थैंक यू समृद्धि अशोक कुमार एक क्या नाम है जित लाल जित लाल सुरेन वेद साहू शौर्य परमार एंड इफ आईम मिसिंग माही इशांत अथर्व ग्रेट गेमर्स वाइटी ब्लॉग विथ वशिष्ठ यह कैसा नाम है भाई आरोही तिवारी यस आरोही हेलो एंड हाय अनीश चंद्रा गुरिंदर सिंह सो लव यू एंड लव यू एंड लव यू ऑल ग्रेट ग्रेट ग्रेट गाइस एंड थैंक यू फॉर ऑल दिस डे बस याद रखिए कि आपको अब रिवीजन करना है इसी से रिवीजन करना है नई जगह से रिवीजन मत करिएगा क्या एक हंबल रिक्वेस्ट है कि जब आप रिवाइज करें तो जो ये लेसन वीडियोस डे वन और डे टू का है इसी को भली आप स्पीड बढ़ा लीजिए भली आप स्पीड बढ़ा लीजिए पर रिवाइज इसी से करिए यह सारे नोट्स अगर आप चाहते हैं कि मैं आपको दे दूं चाहे तो आप नोट्स ले सकते हैं क नोट्स वाइट में दो ब्लैक में मत दो नोट्स बेटा नोट्स वाइट में दो तभी बच्चे पढ़ पाएंगे ना ये जो ब्लैक में है ना हां इसको ब्लैक में जो स्क्रीन पे है उसको वाइट में करके दे देंगे तो आपके लिए इजी हो जाएगा ठीक है हां मैं हृदय को कह रहा था सो नोट्स सोपी लिखिए एंड लव यू एंड गॉड ब्लेस यू बस तैयारी इसी से करिए ये जो दो दिन हम लोग ने डे वन और डे टू पूरा हिस्ट्री पूरा सिविक्स एक एक टॉपिक विद इंपॉर्टेंट चीजें आपके साथ डिस्कस की थी इसी को तैयार करना है और इसी स से तैयार करना है कहीं दूसरे नए रिसोर्सेस पे डिस्टर्ब मत होइए भटक मत आपका एनर्जी लॉस होगा आप उसको समझने में समय लगाएंगे सो लव यू एंड गॉड ब्लेस यू टेक केयर आप चाहे तो स्पीड बढ़ा दीजिएगा आप 1.5x में देख लीजिएगा बट इसी से रिवीजन करिएगा सो बाय टेक केयर ताकि आपको