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रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक तनाव

Cold War के बाद दुनिया कभी भी तीसरे विश्व युद्ध के इतने करीब नहीं थी जितना आज है। समय के साथ यूक्रेन रशिया वार थमने का नाम नहीं ले रही है बलकि हालात और भी जादा बिगर रहे हैं। अब रशिया ने यूक्रेन के उपर एक नए हाइपर सॉनिक इंटरमीजिट रेंज बलिस्टिक मिसाइल से वार कर दिया है। और प्रेसिडेंट व्लादमीर पूतीन ने टीवी पर आकर कहा है कि मॉसको अपने नए और्शनिक हतियार का इस्तमाल आगे भी करेगी। इस वारगेम में खतरनाक एसकेलेशन की एक ठोस वजए है। इसी हफ्ते यूक्रेन ने रश्या के उपर छै यूएस और यूके मेड लॉंग रेंज मिसाइल से हबला कर दिया। अब याद रखिये कि यूक्रेन को रश्या की टेरिटरी के अंदर डीप स्ट्राइक्स करने की अनुमती अमेरिका ने आज तक नहीं दी थी इतने सालों में दो साल से जादा नहीं दी थी हत्यार की सप्लाई डिफेंस के लिए की जा रही थी इस शर्ट पर कि इसे अटाक के लिए इस्तमाल नहीं किया जाएगा लेकिन अब अमेरिका ने परविशन दे रही है और इस स्ट्राइक के बाद पुतीन ने कहा है कि अब ये रीजिन यूक्रेइन के प्रेसिडेंट जेलेंस्की ने कहा है कि एसकेलेशन तो पूतिन ने किया है गलती पूतिन की है नौर्थ कोरिया से ट्रूप मंगवाया और यूक्रेइन में वो नौर्थ कोरिया के ट्रूप्स लड़वा रहे हैं तो एसकेलेशन और ग्लोबलाइजेशन तो उधर रशिया ने भी अपने पत्ते खेलने शुरू कर दिये हैं ये आस लगा कि ट्रम्प यूकरेन को सपोर्ट नहीं करेंगे जब पावर में आ जाएंगे जैनवरी में क्या है ये नया नूकलियर डॉक्टरिन कौन से है ये नए हाइपरसोनिक हतियार क्यों बाइडन आग लगाने पर उतारू है यूकरेन रशिया वार में और क्यों हम एक ग्लोबल कॉन्फलिक्ट की शुरुवात देख रहे हैं ये सब आज के एपिसोड में नेता टाइप आधा काम मत करो सब्सक्राइब के साथ बेल आइकॉन भी दबाओ 6th January 2021 ये वो दिन था जब डॉनल्ड ट्रम के उकसाने पर उनके हजारों समर्थक US Capitol Hill पर हमला बोल देते हैं उनका मकसद था डॉनल्ड ट्रम के इलेक्शन में इस हार को पलटना और US Congress का इलेक्शन के नतीजों को फॉर्मली एक्सेप्ट करने का जो प्रोसेस है उसे रोक देना इस दंगे फसाद में पांच लोगों की मौत हो जाती है अमेरिकन डिमोकरिसी के लिए ये दिन एक काले धबे के तरह इस दिन को देखा जाता है लेकिन देखिए अब चार साल बाद बाजी कैसे फिर से पलट चुकी है जो डॉनल्ड ट्रंप इलेक्शन हारने के बाद जिस कुरसी को खाली नहीं करना चाहते थे आज अमेरिका की जनता ने उन्हें फिर से भारी मत से चुन कर उसी कुरसी पर उसी वाइट हाउस मर वापस भेजा है हमने इस पूरे नए इलेक्शन रिजल्ट के ऊपर एक पूरा वीडियो भी बनाया है कि कैसे डॉनल्ड ट्रम जीते, कैसे डेमोकरेट्स ने अपने पैर पर ही कुलहाडी मारी है टाइम रहे, तो वो देख लीजेगा एपिसोड। लेकिन शायद किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि अगर डेमोक्रेट्स चुनाओं हार जाते हैं तो वो भी कुछ उटपतांग कर सकते हैं। वेल एक हफ़ते पहले तक जो बात किसी ने नहीं सोचा था वो हो गया जाते अमेरिकी राश्ट्रपती जो बाइडन ने वो काम कर दिया उनके इस एक कदम से आगजनी यूएस में नहीं बलकि पूरी दुनिया में फैल सकती है उनके एक रेकलिस डिसिजिन ने एक ऐसा यूक्रेन में जल से जल शांती बहाल करना डॉनल्ड टरम के लिए एक कोर इलेक्शन प्रॉमिस रहा है। चुनाओं से कुछी हफ़ते पहले वो अक्चुली प्रेसिडेंट जेलेंसकी से मुलाकात भी करते हैं। और राश्ट्रपती जेलेंसकी को बताते हैं कि ये जो दो सा पाँच नोवेंबर को हुए इलेक्शन्स में भारी भहुमत से जीतने के बाद ट्रॉम्प यूक्रेइनियन प्रेसिडेंट से फोन पर बात करते हैं। रिपोर्ट्स की माने तो रशिन प्रेसिडेंट व्लादबीर कूतीन के साथ भी बाचीत तेलफोन पर हो चुकी है। उन्होंने यूक्रेइनियन फोर्सेस को रश्या की टेरिटरी के अंदर एमेरिकी लॉंग रिंज मिसाइल्स इस्तमाल करने की परमिशन दे दी। यानि अब यूक्रेइन एमेरिकी मिसाइल्स को सिर्फ अपने सेल्फ डिफेंस के लिए नहीं बलकि रश्या की टेरिटरी में साइकडो किलोमेटर अंदर घुस के हमला कर सकता है उस मिसाइल का इस्तमाल कर यूक्रेइन बीते कई महिनों से बाइडन से ऐसा करने की गुजारिश कर रहा था परमिशन मांग रहा था जेलेंसकी का कहना है कि अगर रशिया के क्रिटिकल टारगेट्स पर हमला नहीं करोगे तो उनको रशिया के खिलाब जीतना इंपॉसिबल है जेलिंस क्या कहना है कि रशियन लॉंचपैड्स रशियन मिलिटरी टारगेट्स को जब तक आप ध्वस्त नहीं करोगे यूक्रेइन पर हमला होता रहेगा यूक्रेइन कभी सेफ नहीं रहेगा लेकिन बीते कई महीनों से बाइडन ने इस बात की परमिशन नहीं दी थी क्योंकि ऐसा करना रशिया के खिलाफ एक सिग्निफिकेंट एसकेलेशन के तरह देखा जाएगा और नेटो के खिलाफ सीधा जंग भी छिड सकता है रशिया वार अनॉंस कर स बाइडन ने खुद कई बार कहा था कि वो यूक्रेन को एमेरिकन मिसाइल्स रशिया पर हमला करने के लिए नहीं देंगे क्योंकि वो नहीं चाहते हैं कि तीसरा विश्व युद्ध छिड़ जाए। तो फिर ऐसा क्या हो गया कि चुनाओं हारने के कुछी दिन बाद उन्होंने ये सिग्निफिकेंट परमिशन दे दी यूक्रेन को क्या अब तीसरे विश्व युद्ध का टेंशन नहीं है क्या वो चिंता अब नहीं सता रही है क्या रियालिटी बदल गई है क्या रशिया च� क्या या फिर ये सब सिर्फ ट्रॉम्प एडमिनिस्ट्रेशन की मुश्कले बढ़ाने के लिए किया गया है कि जो योजना शांती के लिए बन रही थी उसको भंग कर दिया जाए तो कोई पीस टॉक ना ही हो पाए। कई अनलिस्ट इसे ऐसा ही मान रहे हैं। आज के डेट में नौ कंट्रीज के पास नूकलियर वेपिन्स हैं। इन में सबसे ज़ादा रशिया के पास है। फिर आता है यूएस का नंबर, फिर आता है चाइना, फिर पाकिस्तान, इंडिया, के पास भी सिग्निफिकेंट स्टॉकपाइल्स हैं लेकिन वो ओफिशियली डिक्लेयर नहीं करते हैं कि उनके पास कितने वेपन्स हैं नौर्थ कोरिया ने भी अपना नूकलियर आर्सनेल बीते सालों में बहुत तेजी से बढ़ाने की कोशिश की है फाइनली इरान कई सालों से एक नूकलियर बॉम बनाने की चेष्टा कर रहा है कुछ रिपोर्ट्स कहते हैं कि उनके पास ये केपिबिलिटी है बट ओफिशियल क्लैरिफिकेशन नहीं है इस बात पर अब ये इंपोर्टेंट है समझना की क्यों रशिया का एस्केलेशन बहुत खतरनाक है हीरोशीमा पर जब बॉम गिरा था तो वो अराउंट पंद्रा किलोटंग का था उसका यिल्ड आज के न्यूक्लियर बॉम्स देखें तो उनका यिल्ड 200 से 2000 किलोटंग का हो सकता है इमेजिन करिए एक बॉम जो इतना पावरफुल हो सकता है इतनी तबाही मचा सकता है ऐसे बॉम से सिर्फ लोग या शहरी नहीं तो एक chain reaction आपको दिखने का मिलता है bomb के अंदर और वैसे ही एक chain reaction bomb के बाहर भी होता है global politics में इसे कहते है mutually assured destruction या mad इस principle के according अगर एक तरफ से nuclear launch होता है तो दूसरे तरफ से भी तुरंद retaliation होगा इसका मतलब है कि एक misstep, एक गलत calculation से सब काम तमाम हो सकता है सभी major cities, economies, environment यह सब पूरी दुनिया का extinction level event हो सकता है अगर कहीं चूक हो जाती है, misunderstanding हो जाती है, गलतियां हो जाती है और ऐसा हो चुका है पिछले दशकों में, खासकर की cold war के दोरान इसीलिए लगभग सारी न्यूक्लियर पावर्स एक डॉक्टरिन का पालन करते हैं जिससे न्यूक्लियर वेपिंस का एकदम सड़नली कोई इस्तमाल ना कर पाए एक सोची समझी प्लानिंग होगी न्यूक्लियर वेपिंस इस्तमाल करने के लिए बाइडन के यूक्रेइन को लॉंग रेंज वेपिंस यूज़ करने की परमिशन देना ऐसे ही एक चेन रियक्शन का एक इनिशल स्टेप की तरह है एक ट्रिगर की तरह है क्योंकि जैसे ही बाइडन ने परमिशन दे दी वैसे ही पूटीन ने भी अपनी न्यूक्लियर पॉलि पर साइन करने के कुछ ही घंटे के अंदर यूक्रेन ने पहले बार लॉंग रेंज मिसाइल्स रशन टेरिटरी के अंदर लॉंच कर दिया ये 80 CMS मिसाइल कंवेंशनल सेंस में शौट रेंज बिलिस्टिक मिसाइल के कैटेगरी में तो आता है लेकिन यूक्रेन के नजरिये से ये कंपरेटिबली लॉंग रेंज में है क्योंकि ये रश्या के 300 केलोमेटर अंदर तक टारगेट्स को हिट कर सकता है प्लस ये बिलिस्टिक मिसाइल है मतलब इतना वारहेट कैरिंग केपासिटी है पेलोड डिलिवरी है स्पीड है सब कुछ कंवेंशनल मिसाइल के comparison में ज़्यादा है इसी के साथ यूक्रेइन ने UK made long range storm shadow missiles का भी इस्तेमाल किया जो कि launch होता है aircraft से लेकिन ground hugging technology का इस्तेमाल करके radar से बचते हुए enemy target को ध्वस्त कर देते हैं ये काफी high tech missiles हैं रश्या ने यूक्रेइन के साइड से इन missile को use करना officially एक new phase of war declare कर दिया है अब न्यू फेज है या न्यूक्लियर फेज है इसका सुराग रशिया के नए न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन में छुपा हुआ है और ये है सबसे इंपोर्टेंट पार्ट। किसी भी कंट्री का जैसे मैंने आपको बताया न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन एक सेट अफ प्लान होता है पॉलिसी होता है जिसके तहत निर्धारित होता है कि वो किस सिचुएशन में अ� इंडिया का डॉक्टरिन कहता है कि भारत अपनी न्यूक्लियर वेपिन सिर्फ और सिर्फ एक WMD अटाक के रिटैलियेशन में करेगा। मने सिंपल भाषा में बोलें तो हम नो फर्स्क यूज करेंगे और अगर हमारे उपर कोई बहुत बड़ा हमला होता है उसी के रिटैलियेशन में हम न्यूक्लियर वेपिन इस्तमाल करेंगे। बलकि अगर कोई conventional attack भी होता है रशिया पर उसके response में भी nuclear weapon इस्तमाल कर सकता है अगर रशिया के critical targets को hit किया गया इस हफ्ते इसी डॉक्ट्रिन में उफिशली एक एहम अपडेट या कुछ एहम अपडेट्स किये गए हैं अभी तक रशिया के नूक्लियर डॉक्ट्रिन में ये सब लिखा था कि नूक्लियर वेपिंस एक डेटरेंट है यानि अगर कोई दूसरा कंट्री रशिया को थ्रेट करता है तो रशिया अपने नूक्स का यूस कर सकता है लेकिन अब इस नए वर्जन में कुछ और स्पेसिफिक कंडिशन्स डाल दिये गए हैं जिससे क्लियर हो गया है कि रशिया अपने नूक्स को सिर्फ एक डेटरेंट की तरह नहीं बलकि और भी broadly use कर सकता है और भी कम conditions लगेंगे अब use करने के लिए आइए समझ लेते हैं ये बहुत important है नई document में ये साफ कर दिया गया है कि रशिया nukes use कर सकता है अगर रशिया या उनके allies या फ्रेंडली nations पर कोई conventional attack हो जाता है या उनकी sovereignty या territorial integrity को threat पहुँचता है यानि अगर Belarus पर for example attack होता है तो रशिया इसे as an attack मानेगा और nuclear weapon इस्तमाल कर सकता है साथ ये भी लिखा गया है कि अगर कोई भी non-nuclear country जैसे Ukraine रश्या पर attack करता है with the backing and support of a nuclear power यानि UK, France, America तो रश्या इसे joint attack समझेगा और इस पर भी nuclear response ले सकता है यानि UK को भी attack कर सकता है क्योंकि missile तो आपने Ukraine को दिया है ये भी add किया गया है कि अगर कोई attack जैसे रश्या की retaliatory nuclear strike capability कम होती है तो उसको भी रशिया न्यूक्लियर वारहेट से रिस्पॉंड कर सकता है यानि कोई मिलिटरी टारगेट अगर आप टारगेट कर रहे हो तो हम इसे न्यूक्लियर थ्रेट से या न्यूक्लियर वेपन से काउंटर करेंगे कि अगर रशिया के खिलाफ बिलिस्टिक मिसाइल लाउंच की जाती है तो रशिया अपने न्यूक्स का इस्तमाल कर सकता है ये स्पेशली उन सिचुएशन में होगा जब रशिया मिलिटरी फसिलिटीज के उपर बिलिस्टिक मिसाइल से अटाक किया जाए अब आती है सबसे चिंता जनक बात इस doctrine के adopt होने के चंद घंटे बाद Ukraine रशिया के military targets पे US made missiles launch कर देती है तो technically there is nothing stopping Putin कि बईया अब तो आपने हमारा doctrine तोड़ दिया है मैं दबा रहा हूँ nuclear button तो इस doctrine के हिसाब से Putin Ukraine और US या NATO के खिलाफ nuclear weapons launch कर सकता है लेकिन कुछ एक्सपर्ट से कहना है कि रशिया अभी ऐसा नहीं करेगा ये ड्रास्टिक एक्शन है उसके लिए भी बचने की कोशिश रशिया भी करेगा अपनी इजद बचाकर क्योंकि जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि नूकलियर वार इंशौर करेगा M.A.D. Mutually Assured Destruction लेकिन सिच� यूक्रेन के मिसाइल अटाक से पहले ही स्वीड और फ्रांस और नौरवेज ऐसे देश अपने लोगों को नूक्लियर वार और डिजास्टर देसे सिचुमेशन में डूज और डोंट्स के बारे में पैमफलेट बात रहे हैं। कि कसर बाकी थी वो यूकरिन ने पूरी कर दी है बाइडन अंकल के आशिरवाद के बाद लॉंग रेंज मिसाइल दाग कर अब पूरी दुनिया दिल ठाम कर देख रही है कि पूतीन का अगला कदम क्या होगा क्या वो इसको और अगर एक तरफ रशिया के नूक्लियर वार के तरफ बढ़ते कदम को नेटो वेस्टरन एलाइस कंडेम कर रहे हैं तो वही दूसरी तरफ रशिया के कोर एलाइस बेलरूस, नौर्थ कोरिया, इरान, वेनेजुएला अलड़ी यूएस के मिसाइल अप्रूवल जो ये मिसाइल इसी महीने जेलेंस्की ने इस बात को कंफर्म कर दिया है कि नौर्थ कोरिया के सोल्जर्स रश्या में तैनात हैं और यूक्रेइन के ट्रूप्स के खिलाफ डिरेक्ट कॉमबैक्ट में भी शामिल हो चुके हैं तो ये अब एक लोकल वार या रीजिनल वार रह नहीं गया है कांफ्लिक्ट रह नहीं गया है अब ये रशियन एलाइज भी इसमें शामिल हो चुके हैं जैसा की इरान का एक्सांपल ले लिजिये ड्रोन्स और वेपिन सप्लाई कर रहा है इरान रशिया को और लेटेस्ट रिपोर्ट्स की माने तो अब इरान जो सालों से एक नूक्लियर ओफिशल कन्फर्मेशन अभी पेंडिंग है लेकिन इरान के नूक्लियर प्रोग्राम बहुत सालों से चलती आई है सीकरेटली वो एक नूक्लियर पावर बनने की कोशिश दशकों से कर रही है इरान के नूक्लियर प्रोग्राम में आई तेजी के पीछे डॉनल्ड ट्रम्प कभी हाथ हो सकता है ट्रम्प हमेशा से ही एंटी इरान और वुसी फुरसली प्रो इस्रैल रह अब उसकी जो नई टीम बन रही है उसमें ऐसे कटर एंटी इरान और प्रो इज्रायल लोग ठुसे हुए हैं जो ये बात साफ कर रहे हैं कि जैसे ही वो पावर में आएंगे तो एंटी इरान रेटरिक और भढ़ेगा और एंटी पैलेस्टाइन भी बाते ट्रम्प कैम्स से क वजह जो भी हो आज हकीकत ये है इरान, नौर्थ कोरिया, बेलरूस और उनके कई एलाइज ओपनली रश्या के सपोर्ट में खड़े हुए हैं वो ही अगर आप दूसरे साइड देखो तो यूक्रेइन के सपोर्ट में अभी भी नेटो नेशन्स हैं कह रहे हैं कि हम आपको स� यह नहीं है वह अध्यक्षित नेशन है यानि कि यहां के पॉलिसीज वहां के लोग नहीं पूतिन किम जॉन उन आयातुला खमीनी लुशेंको यह सारे अध्यक्षित नेशन नूक्लियर बटन यहां कंट्रोल करते हैं या वेपिंडरी यहां कंट्रोल करते हैं तो यह देश वो ही यूक्रेइन के सपोर्ट में जो डेमोक्रिसीज हैं हर बात का हिसाब देना पड़ेगा लोगों को बाइडन सुनक जैसे लीडर्स इलेक्शन में उनका काफी फेलियर हुआ इस रीजन से भी कि यूक्रेइन का वार वो ठीक से हैंडल नहीं कर पाए सिचुएशन को समहा इसलिए ट्रम्प ने वार नहीं पीस का प्रॉमिस किया था लेकिन बाइडन ने जाते एक ऐसा कार्ड खेल दिया है कि सारा खेल अभी बिखर गया है जिससे ट्रम्प का मेनूवरिंग एबिलिटी पीस मेकिंग एबिलिट अब ट्रम्प के इनकमिंग टीम मेंबर्स ने भी बाइडन के इस डिसिज़िन को रेकलिस बताया है और इसकी निंदा भी की है। कि व्लादीमेर पूतिन ने ये जो इंट्रिम रेंज बिलिस्टिक, हाइपरसोनिक बिलिस्टिक मिसाइल का इस्तमाल किया है, एक ओफेंसिव कॉम्बैट के लिए किया है, याद रखे कोल्ड वार के समय भी बिलिस्टिक मिसाइल आलवेज वस ए डेटरेंट कि ये हम लास्ट होगा एक बहुत बड़