के जहन आपका जो क्वालिटी का क्लास था वह चली एप्लीकेशन पर होना था लेकिन एप्लीकेशन पर हैवी ट्रैफिक के वजह से थोड़ा सा शर्वरी सुहाग है इसलिए आपका पढ़ाई कंटिन्यू रहे इसलिए हम भाग एक और भाग 2 पढ़ा दिए थे आज भाग-3 हम मूल अधिकार के बारे में समझेंगे फंडामेंटल राइट ने के फंडामेंटल राइट कौन हिंदी में मूंग या मौलिक अधिकार कहते हैं इसका यह नाम क्यों पड़ा है मूल अधिकारी व मौलिक अधिकार वे अधिकार होते हैं जो किसी व्यक्ति के लिए ध्यान से रखेगा यह सरकार यह किसी कंपनी संस्था की नहीं है यह हमेशा किसी व्यक्ति पर लगी है ताकि किसी पर्सनल पर है किसी व्यक्ति के जीवन जीने के लिए एकदम जरूरी है यदि आप इस व्यक्ति से इसका मूल अधिकार छीन लेंगे तो उसकी जिंदगी जिंदगी नहीं जेल हो जाएगी जेल में आप के मूल अधिकार छीन लिए जाते हैं ना आपको घूमने-फिरने की स्वतंत्रता है ना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है यह आपके 90% मूल अधिकार को छीन लिए जाते हैं जेल में तो आपकी जिंदगी क्या जाती है जेल में बोलते ना रखो जाती है सोचिए अगर हंड्रेड परसेंट छीन लेगा तो हम जेल के बाहर भी रोकता हो जाइए हमारी आजादी ही नहीं रह जाएगी तो यह जीवन जीने क्वांटम जरूरी है प्राकृतिक है इसलिए कि हमने सारी करते हैं और इसे मूल अधिकार इसलिए कहा जाता है इसे कानूनी अधिकार इसलिए नहीं कहा जाता है कानूनी अधिकार हुए अधिकार होते हैं जो हमसे कोई व्यक्ति ने छीन सकता हमारा पड़ोसी नहीं छीन सकता है लेकिन सरकार हमसे छीन सकती है लेकिन मूल अधिकार वह अधिकार है जो ना ही हमसे कोई पब्लिक छीन सकता है और न ही हमारी सरकार छीन सकती है तो वैसे अधिकतर जो जीवन जीने के लिए अति आवश्यक है जो नेचुरल यह नैसर्गिक है जिन्होंने अपनी छिन सकती है ना सरकार थीं सकती है उसे हम मूल अधिकार के नाम से जानते हैं यह मूल अधिकार अमेरिका के संविधान से लाया गया वहां पर यह लिखित रूप से मूल अधिकार हैं हम लोग लाइक हेलो मैं इसे हम अपने संविधान के भाग-3 में जगह दिए हैं अब भाग-3 में कहीं ना कहीं आर्टिकल में अब जगह देंगे तो आर्टिकल बाजारों से लेकर 35 तक है हम आर्टिकल 11 तक पहाड़े दिए आपको जिसमें से दो बीवी झट ऊपर है एनआरसी और सीनियर एंपियर का वीडियो आपके एप्लीकेशन पर है तो अब हम यहां से भाग्य भाग्य अनुच्छेद 12 से 35 हम देंगे देखिए भाग-3 जो है यह हमें अधिकार देता है तो अधिकार को हम फ्रांसिस भाषा में मैग्ना कार्टा करते हैं लेकिन इसका प्रयोग इंग्लैंड में हुआ था ब्रिटेन में हुआ था मैग्नाकार्टा शब्द का प्रयोग है तो क्वेश्चन आएगा कि संविधान के किस पार्ट को किस भाग को मैग्नाकार्टा करते हैं तो मैग्नाकार्टा हम्म हम्म तीन को कहते हैं यह फ्रेंच भाषा का शब्द है लेकिन ब्रिटेन में इसका प्रयोग हुआ था मैग्नाकार्टा काटे के मूल अधिकार जरूरी भी है लेकिन कभी-कभी आपका अधिकार इस देश के लिए घातक हो जाता है जैसे खेत म हम लोग सरकार का विरोध कर रहे थे जॉब के नाम पर जब रेलवे एसएससी नहीं दी थी हालांकि जैसी रेलवे को आप समझ में आ गया कि वह स्टूडेंट से बगावत नहीं करना चाहिए हार्वेस्ट टीचर इंडिया का आफ स्टूडेंट्स ने प्रोटेस्ट किया यह प्रोटेस्ट केवल और केवल सक्सेस हुआ आप स्टूडेंट के बदौलत हम लोग क्या कर सकते थे हम आपको केवल आगे ला सकते थे आपके ट्वीट प्रॉब्लम था लेकिन क्या होगा कि अगर चाइना हमला कर दे और हर एक टीचर स्टूडेंट बवाल करेंगे हमें नौकरी चाहिए तो सलाह अ तो इसी को ध्यान में रखकर कुछ नियम बनाए गए नियम यह बनाया गया कि हमारा मूल अधिकार को ससपेंड किया जा सकता है किसी की इमरजेंसी के इस ऊपर और यह कुछ समय के लिए सस्पेंड होगा स्पेंसर ने निलंबन का अधिकार राष्ट्रपति को गिरफ्तार विदेशी आक्रमण या कोई इमरजेंसी गया तो हमारे मूल अधिकार को छीन लिए जाएंगे तब आप नहीं कहते कि सरकार ने छीन सकता यह संविधान में स्पष्ट लिखा है लेकिन कुछ ऐसे मूल अधिकार है जो दूसरे के अधिकार को छीन लेते हैं उसकी जिंदगी बर्बाद कर देते हैं जैसे तीन तलाक एक अधिकार था वह तीन तलाक यथावत इन अक्षरों के साए में किसी औरत की जिंदगी एक सिमट के रह जाती थी यह हमारा मूल अधिकार अनुच्छेद 21 का ताकि आप स्वतंत्र रूप से जी सकते हैं आपकी जिंदगी में कोई बाधा नहीं आई है लेकिन यह औरत की जिंदगी बर्बाद कर देना था वह तीन तलाक है इसीलिए कहा गया है कि अगर किसी मूल अधिकार को कुछ समय के लिए रोकना है तो उसके लिए शब्द प्रयोग करेंगे निलम्वित और यह काम राष्ट्रपति करेगा लेकिन पूछ मूल अधिकार अगर समाज पर धब्बा है या किसी के लिए दो चाणक्य है तो उसे कुछ देर के लिए नहीं बल्कि परमानेंटली खत्म कर देना कि पुलिस कर देना है तो इसे हम लोग कहते हैं प्रतिबंध भी हमेशा के लिए प्रतिबंध है तो मूल अधिकार और हमेशा के लिए प्रतिबध्द संसद लगाती है और कमजोरी रोग जो लगता है वह राष्ट्रपति लेकिन इन दोनों के पता चला सॉफ्ट मूल अधिकार पर रोक लगा दी है कि कोई सरकार का विरोध नहीं कर सकता जाप अब हम लोगों को विरोध नहीं कर सकते हैं जिन लगेगी सका तब कहा गया है कि मूल अधिकार का रक्षक होगा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट या न्यायपालिका होगी यह हमारे मूल अधिकार की रक्षा करेगा और हमारे पर प्रतिबंध लगा दिया कि अब सरकार का विरोध क्यों कर रहे हैं चाहे कोई भी सरकार हो तो हम सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं यह को जा सके जो करीब पहुंचेगा हमारे यहां पर आप जो भूल अधिकार है वह योग है वाद-विवाद कर सकते हैं क्योंकि या ऐसे किए मतलब बाद भी आप समझते नतीजे पूछेगा कि क्या हमारा मौलिक अधिकार वादियों ग्रह है कहां हुआ व्यक्त कर सकते हैं सुप्रीम कोर्ट में है क्या हम इसे प्रवर्तक इन्फोस कर सकते हैं एक दम इन फोर्स कर सकते हैं तो कहेगा क्या हमारा अधिकार प्रवर्तनीय प्रवर्तनीय है तो एकदम प्रवर्तनीय है हम सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट से इन फूड करा सकते हैं सरकार के ऊपर कि मैं उसका मूल अधिकार है उसको दीजिए तो यह वात योग भी है और फोर्स योग्य भी है अब इसको पढ़ना चालू करते हैं यह कहां से मिलेगा तो 12 से 35 तक है तो बाहर से 35 तक एक चीज थोड़ी होगा उसमें कई केटेगिरी यह छह केटेगिरी है तो हम आज पहला केटेगरी समझते हैं अभी हम 12 से अनुच्छेद 12 से आज 18 तक समझ जाते हैं उसके बाद आपको बताएंगे देखिए अनुच्छेद बार क्या करता है यह परिभाषा देता है मूल अधिकार का कि मैं सभ्य जिंदगी जीने के लिए अधिकारी है यह जरूरी है लेकिन इस पर कभी-कभी आरोप लगाया जा सकता है और यह सरकार को एक तरह से और यह 45 तक स्टेट देखिए यह सरकार का प्रयोग नहीं किया गया हम छह बारे में कहा गया है कि स्टेट आफ स्टेट यानि राज्य कोई ऐसा कानून नहीं बनाएगा जो किसी के मूल अधिकार को छिन रहा हो या भूल अधिकारों पर मतलब रोक लगाना है वह इससे स्टेट ऐसा कभी कोई कानून नहीं बनेगा लेकिन स्टेट जो है वह इन लोगों के अंधा कानून का डर बनाने के लिए कुछ नियम कानून जरूर रखेगा तक यह बात हो गया स्टेट में कौन स्टेट गुजरात महाराष्ट्र कौन तब यहां स्पष्ट बताइए कि देखिए स्टेट का मतलब है कि सेंट्रल गवर्नमेंट स्टेटमेंट लोकल अथॉरिटीज लोकल अथॉरिटी जैसे मतलब आपकी मुखिया होंगे लोग नियर होगा जैसे मुंबई का दिखेगा बीएमसी कंगना रनोट की बिल्डिंग ए क्यू पर बुलडोजर गिरा दिया है राजनीति के मध्य से हुआ है भाई आप उसका नक्शा थोड़ा इधर-उधर था तो आप उसको 24 घंटा का अल्टीमेटम दे के घर जरुर दीजिएगा तो यह हालांकि उनको पॉवर है थोड़ी भी गलती करेगा तो है लेकिन ऐसा भी नहीं करना चाहिए तो अनुच्छेद 12 क्या कहता है कि जिम पॉइंट को पावर है वह अगर मां लीजिए पॉवर नहीं देगा तो इसका मंडे से गरबा चौक तो करो घर बना देगा पता चला कि यह और चाचा है यह और बाढ़ का पानी भर बता के सत्यापन उपरांत इसे मिला दे का यह नीचे से दोनों है रह जाएगी तो उलट जाएगी तो क्या उसके लिए इस एनरोलमेंट गीली खुजली कौन करती है कि स्टेटमेंट तो उसके लिए लोकल बॉडी बनाई यह तो मुखिया बाद चेयरमैन ने हमें ज तो वही होता लोकल गर्म इनको पॉवर है अब पता चला पास ढेर सारे जनता पर दबाव बनाना जरूरी बिजली बिजली बिजली बिजली बिजली बोर्ड को दबा नहीं आ सकती थी तो बिजली भी बना सकती है भी बहुत सारी ऐसी चीजें जिनके पास कुछ अधिकार है और वह जनता पर दबाव बना सकते हैं तो यह बार यही कहता है कि व्यक्ति का मूल अधिकार है उसे अन्यथा कोई बिना वजह ही नहीं सकते हैं लेकिन समाज को एक अच्छे ढंग से नियम कानून से चलने के लिए कुछ नियम कानून बना सकते हैं कौन बना सकता है तो स्टेट बना सकता है संविधान स्टेट की से करता है तो सेंट्रल गवर्नमेंट स्टेट गवर्नमेंट यह सब को जैसे 100 में स्टेट है जहां यह रहता है वहां की जमीन है 9th 75 लाख नहीं बना सकते हैं वहां पर क्योंकि जाएगा ना तो धार्मिक चारों ओर बनाते हैं तो वह पायलट खोज है कहां उतारे हैं तो ज्यादा करें मां पीछे चल गया मैंने बना सकते हैं तो कुछ एथॉरिटी देना जरूरी है स्ट्रैट का मतलब यह मत समझिए यूपी-बिहार है यह संविधान की मां सा थोड़ी अलग होती है तो यह हो गया हमारा संविधान का अनुच्छेद बाहरा अनुच्छेद 13 यह बहुत जरूरी है अनुच्छेद 13 क्या कहता है यह अल्पीकरण कहता है अल्पीकरण को इंग्लिश में कहते हैं डेकोरेशन है यह डेकोरेशन क्या है कहता है कि हमारा मूल अधिकार जो है बहुत अच्छा है लेकिन अगर हमारे मूल अधिकार से हमारे अधिकार से किसी दूसरे को तकलीफ होता है तो फिर वह आंवले अधिकार नहीं है जैसे हमें अभिव्यक्ति की आजादी हम कुछ भी बोल सकते हैं तो करवरिया देंगे भाई हमारी आजादी हम कुछ भी शुभेंदु कीजिए कि हमारा यह अनुच्छेद 13 करता आपके अधिकार को हटा दिया जाएगा कब हटाया जाएगा जब वह आतंकवाद खोज संगत मतलब क्या होता है कि कौन सी ट्रेन है आप यह इन कांस्टेंट मतलब क्या था संगत दूसरे को तकलीफ पहुंचा केवल और हमें जैसा हमको अधिकार हम गाड़ी चला है कोई घर में चलावे गुर्जर हमारा अधिकार है कि हमें चारों ओर घूमने की स्वतंत्रता है तो किसी कि बैडरूम में गुर्जरों से ऊंची कर रहा है तू तो ऐसा थोड़ी बहुत आता है तू यही करता है कि आपकी आ जाती है लेकिन याद रखिए का यह आजादी तब तक है जब तक दूसरे को तकलीफ नहीं पहुंचे अब इसमें एक चीज ध्यान से समय हमारा संविधान लागू हुआ है वह 26जनवरी 1950 को लाभ हुआ यह अनुच्छेद 13 कहता है कि इससे पहले बहुत सारे कानून बने थे वह कानून और ही भी लागू रहेंगे जैसे हमारी आईपीसी की धाराएं अगर आप 18 साल है चकली बनी हुई है सब वह अभी भी लागू है यह संविधान के बनने से फ्री पॉर्न ट्यूशन पहले भी अगर कोई कानून बना हुआ है तो वह लागू रहेगा बशर्ते वह कानून भ्रमण संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार को डिस्टर्ब नहीं कर रहा हो जैसे पर्सनल लॉक अब यह पर्सनल ना क्या होता है तो हिंदू-मुस्लिम के लिए एक अलग अलग कानून है पर्सनल लो है इसमें अ चाहिए अलग-अलग की गई है तो इसी पर्सनल लोन में है कि मैं मुसलमान पिक शरिया कानून लगेगा उसमें इस्लामिक कानून लगे हैं हिंदू धर्म में भी है कुछ हिंदू धर्म के कानून है जो मुसलमानों करने लगते हैं मुसलमान के कानून हिंदू करने लगते हैं इसीलिए गवर्नमेंट कर दें कि हम सब एक समान सिविल संहिता लिए समान कानून लेंगे जो हिंदु मुस्लिम दोनों फॉलो कर आप इसे पानी कहा गया है कि जैसे पर्सनल लाइफ चलिए अच्छा है यह इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं करेगा तो अनुच्छेद 13 रहता है कि पर्सनल लोन ले छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा आप किसी पर्सनल लाइफ में था तीन तलाक अब तीन तलाक में सायरा बानू एक केस कर दिया सुप्रीम कोर्ट में अब सायरा बानो की असलीयत यहां से मौलाना लोग पहुंच गए सुप्रीम कोर्ट में कहें जब तक पगला कहेगा यह पर्सनल लॉ का मैटर है तीन तलाक आप कहां से इसमें रुक जाएंगे तो सुप्रीम कोर्ट ने बोला ना लोगों को मार दिया था कि जापान सरकार क्लास नहीं किया है समझिए कैसे कि पहले मध्य पर्सनल वेबसाइट इसमें बन गया था मतलब यह तीन कला का नियम तथा कला के विगत 1935 से चल तैयार है संविधान से पहले तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप आंसर क्लास देख लीजिए उसमें अस्पष्ट बोला गया है कि संविधान के पहले के बनाए गए सारे नियम-कानून रहेंगे बशर्ते वह किसी के अधिकार को नाच कि मैं हूं तो तीन तलाक जो है वह पुरुष व अधिकार दे रहा है लेकिन यह सदी काम में न जाने कितनी महिलाओं की लाइफ खराब हो जाती है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपका पर्सनल रहेगा लेकिन उस पर्सनल लॉ में से जो तलाक के बिद्दत है वह खत्म हो जाएगा अब देखिए जनता को लग रहा है तीन तलाक खत्म हो गया अभी भी है तलाक तीन टाइप तथा तलाक के हसन तलाक के अहसन कला के विविध तो तलाक के बिद्दत जो था वह और संवैधानिक था उसे लिया गया है खत्म किया गया ना कि तीन तलाक है यह आगे अनुच्छेद 25 में समझाइए अभी तो अनुच्छेद 13 है यानी यह कट से पहले देखिए पहले कानून क्वेश्चन एक पाया था भारत में एक की जो छोटे जाति के लोग रहेंगे दलित रहेंगे वह क्लास में घुसकर नहीं पढेंगे वह बाहर पढेंगे अब आप बताइए आप वह कानून पहले जो था अभी लागू रहेगा खत्म कर दिया गया तो यह अनुच्छेद 13 यही कहता है कि पहले के कानून जितने भी है वह लघु रहेंगे बस अपने अभी के कानून को तकलीफ नहीं पहुंचा रहे हो तो यह तेरा बहुत जरूरी है और यह कहता है कि सरकार भी ध्यान रखेगी कि बाद में भी ऐसा कोई कानून नहीं बनाए जो उसके मूल अधिकार को छिन रहा व पता चला सरकार बाद में कानून बना देती है कि आप चारों अपने घूम सकते हैं मीडिया हैं सरकार पर सवाल नहीं उठा सकें तो आइए मेरे सरकार इन पढ़ रहे हो अनुच्छेद 13 कि आप न पहले का ऐसा कोई कानून ना बाद में ऐसा कोई कानून यह भीमराव अंबेडकर इसमें बहुत बड़ी बहस चली थी अनुच्छेद 13 को लेकर आप सोच सकते हैं कि कितनी बेहतरीन हल्का संविधान लिखा गया है संविधान के बारे में एक साहब ने क्या कहा कि तुम्हारी हर तकनीकों का मैं एक मुकम्मल जवाब गुण कभी वक्त मिले तो मुझे पढ़ कि मैं भारत का संविधान सैल्यूट करते हुए संविधान बनाने वालों को जिन्होंने इतना मजबूर किया और याद रखिए यह जो नेता है ना जो संसद में बैठे वतन बेच दिए रातें आपको यह जो संविधान है यह उन्हें रोके रखा है तुम बेच नहीं सकते हैं अगर आप जिम्मेदार समझते हैं तो वाकई समझ यह इसकी जो संविधान बनाने वाले थे कि वह ईमानदार थे वरना इन लोगों को अभी दे दिया जाता तो बैठ जाते सबूत यह उन्हें रोके रखता है अनुच्छेद 13 आप याद रखिए अल्पीकरण है कब जब आप दूसरे को तकलीफ देने लगते हैं तब आर्टिकल 14 आता है और उसे 14 है इसमें बड़ा कन्फ्यूजन ध्यान रखिएगा यूपीएससी ने इसे क्वेश्चन पूछता है इसमें दो तरह की बातें कही गई है यह कहा गया है कि कानून के समक्ष समानता या नू का नू है और इसलिए कमेंट पट्टी लगा शुक्रिया अथवा राजपूत कि हम हमारे आंख पर पट्टी है अब हम आगे राष्ट्रपति हो कि चपरासी हो ऊंची जाति के हो दलित हो मुस्लिम हो जय हो कोई मतलब है गलती की अच्छा पानी निकाल देंगे यानि कानून के समक्ष समानता इक्वलिटी बिफोर लॉ अभैपुर का मतलब पीछे नहीं दीपक अपने सामने में जितने अपोजिट मतलब सामने तब कानून के सामने सब बराबर है यह बातें सबसे पहले किसने किया था यह भी देसी रेजीडेसी एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री थे उन्होंने बात को बताया कि यह यूपीएससी क्वेश्चन पूछा कि एक विदेशी का सिद्धांत कौन है तो कानून के समक्ष समानता है इसी को फॉलो किया गया ब्रिटेन में ब्रिटेन में कानून सबके लिए बराबर है राघवानी की शादी के लिए भी प्रधानमंत्री के लिए सबके लिए भी लेकिन अमेरिका के लोगों ने कहा कि यह गलत है कानून सबके लिए बराबर नहीं होना चाहिए जैसे सेवन के चाहिए कि कोई 5 साल का लड़का है वह क्लास फैमिली कोई क्लास 5 साल का लड़का है और कोई लौटा 20 साल का है तो क्या यह कहीं कानूनों पर लगा कर दो यह देखिए तो 5 साल के लड़के का टिकट ट्रेन में आधा लगता है और 20 साल के लड़के का टिकट पूरा-पूरा लगता है और अगर कोई सुप्रीम कोर्ट में केस ठोक दे कि आधार पर यह सुप्रीम कोर्ट आप बहुत बड़े कानून के रक्षक बनते ही बताइए हम भी इस साल के हैं तब वो भारत के नागरिकों और बच्चों है तो वह भारत का रुख राधा का लग रहा है पूरा लग रहा है संजय है कि नहीं तो यही कहता है कि देखिए अमेरिका के संविधान में क्या कहा कि कानून का सम्मान संरक्षण यानी अगर आप बड़े हैं या छोटे हैं अगर कोई गलती कर दिए हैं तो सजा आप दोनों को बराबर मिलेगी लेकिन कुछ हद तक आपको अलग देखा जाएगा क्लासिफिकेशन के नाम पर जैसे भारत में महिलाओं को फांसी नहीं लगी अभी तक कुछ डिफरेंस सेवन करना ठीक है यह क्यों ठीक है क्योंकि समाज को एक बेहतरीन बनाकर रखने के लिए आप देखिएगा एक लड़का लड़की शादी करके भाग जाएगा सब अब उसके बाद से लड़कियां पकड़ी गईं ना तो कोर्ट में जाकर क्या कर दीजिए हम को बहला-फुसलाकर लेकर भाग गया अब आप बताइए पर की कोई वाला उस लगेगा कि चल चल चल भाग यहां से भाग जाती है शादी कर लेते हैं नहीं लगा सकते हैं ऐसा कोई लड़की को बहला-फुसला इसको है जिसके पास बुद्धि नहीं तो हमारा कानून कहा कि समाज को बेहतर बनाने के लिए जरूरी नहीं कि सब बराबर किसी पर थोड़ा सा किसी काम कर दीजिए इसका मकसद हिंदुस्तान को रखना इसीलिए इसको थोड़ा बहुत कुछ नहीं हो जाता है तो कोई भी लड़की जो हो जाता है इससे क्यों रखा गया इस चीज को यह एक तरफ से जरूरी है क्योंकि अगर आप देखिए कि राष्ट्रपति और राज्यपाल डॉ अच्छी तरह सलमान समय हमें नहीं लगता राष्ट्रपति मटर भी कर देना मैं तुमसे अपना ध्यान नहीं दे सकते हैं राज्यपाल मटर भी कर सकता है तो उसे सजा नहीं दे सकते हैं आप उसमें फाइन लगा सकते हैं जिस पर फौजदारी का मुकदमा नहीं लगा सकते आप दिमाग यह इस सीरियल मामला दंड लगा सकते हैं कुछ मतलब कंपनसेटिंग जुर्माना लगा दिए इसका एक और चीज है आप राष्ट्रपति को काजू एक इसको 10 साल का जिक्र होगा कोई दिक्कत नहीं राष्ट्रपति के अधिकार और उसे देख कर लेता तो माफ कर लेगा सुप्रीम कोर्ट में दायर मुकदमा चलेगा इनको भी हल्का सा कटा हुआ एक बर्तन करेगा मैं अपनी सारी सजा को माफ करता ऊंचा ऊंचा करने का वहां पर और राज्यपाल को भी अ आपके साथ तो देखिए संविधान वाला कितना उपयुक्त आखिरी सुनवाई आपका दफन सजा माफ कर लेगा तो 30 मुकदमा चलाने के लिए क्या जरूरत है लेकिन फिर यही बहुत हो गई फिर अंबेडकर साहब राजेंद्र प्रसाद इन्हें बहुत लंबी बहस हुई तब वहां लिखा गया कि इनको सजा कब तक कोई सुनाई जाएगी जब तक कि आपने पर है अगर राष्ट्रपति का पद खत्म हो गया या राज्यपाल का पद खत्म हो गया तो अधिकार भी खत्म और जब चाहे तो सजा सुना सकती है देखिए हमारा संविधान कितना बेहतरीन है यानी आप पूरे देश में देखिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री किसी को भी छूट नहीं है हां छुट्टी कब तक है जब तक तुम ससुराल अपने पद पर पास यह फिर तुमको बताते हैं तो यह आप आर्टिकल 14 संदेश इसमें दो चीजें हैं कानून का समान संरक्षण सब आया है अमेरिका से हम लोग अभी यह तीन ऑप्शन फॉलो करते हैं इसको यह ज्यादा फलों है यह ठीक है रीजनल है और कानून के समक्ष समानता जो है वह विधि के समस्या कानून के समक्ष समानता यह ब्रिटेन से आया है इसे हम लोग 20% फॉलो करते हैं यह यात्रा कि यूपीएससी में कई बार पूंछा हुआ है कि आगे चलकर अनुच्छेद 15 यहीं पर आ जाता है आरक्षण सही है या नहीं अनुच्छेद 15 क्या कहता है कि कोई भी केंद्र सरकार या राज्य सरकार या हिंदुस्तान का कोई भी आदमी कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के साथ हुआ था उसके साथ क्या हुआ था कि धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते हैं यह गलत जाती क्या हाल भी आप यह कर सकते हैं किसी को मुझे याद वाले को भी प्रेस कर देते हुए समाज में वाला करो कुमकुम जप-तप पूजा करनी है तो संविधान में इस पर भी आरोप लगाया कि वह इस हार आप लोग है किससे खानदानी दुश्मनी आप और उसके आधार पर दिया ग्रुप में लगा सकते हैं कौन किस गांव का है आप इन जर्मनी समय जब Bigg Boss अलार्म की क्रांति हुई थी अब तो हद तक प्रदेश की रोशनी या आधुनिक व्यवस्था उन्होंने अंग्रेजों का साथ दिया अंग्रेजों को पैसा दिया अंग्रेजों बहुत ही अच्छी लगी तो भारतीयों को आप सोच यह हो गया था उस समय तो आप उसी वंश के व्यक्ति है ज्योतिरादित्य सिंधिया जो कांग्रेस के थे अभी बीजेपी में फिर कहां जाएंगे नहीं पता तो आपका क्या है आप इतिहास को लेकर तुम हमसे दुश्मनी करेंगे जो तुम्हारे वंश वालों ने ऐसा किया था आज भी तुमसे दुश्मन के नहीं आदमी ने महाराज लोग बोलते हैं आप दक्षिण में जाइएगा हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी जो इनके पूर्वज को देखेंगे दादा-परदादा लोग ना तो यह लोग भी अंग्रेजों का साथ दिए थे लेकिन बाद में इधर ज्योतिरादित्य सिंधिया हिंदुस्तानी काम को माने तो उधर से वह भी मांगे तो आप बराबर हो गया तो आप वंश के नाम पर उसे कोई भेदभाव नहीं करता है अगला उत्तर लिंग के आधार पर निर्मित होता है कि आप लड़का है या लड़की है या ट्रांसजेंडर इस आधार पर भेदभाव नहीं होता लेकिन आज भी देखा जाता है समाज में पुरूषों को ज्यादा टाइम होता है महिलाओं को कम होता है लेकिन संविधान जो है वह कहता है कि अगर कानूनी रूप से पकड़े गए तो फिर आपको छोड़ा नहीं जाएगा तो सामाजिक कर्तव्य कुछ बनता है तो लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते हैं जन्मस्थान के आधार पर भारत में बहुत है बिहार में को बाहर जाएगा तो उनका है तू बिहारी है तुम टी जन्मस्थान के वैभव तरफ साथ दिखेंगे महाराष्ट्र यह समस्या बिहारी-मराठी यूपी यह वह बहुत ज्यादा होता है कि इस आधार पर आप भेदभाव नहीं कर सकते हैं अगर इस सबूत मिल गया आपको कि भेदभाव किए हैं तो फिर आपको सजा हो जाएगी सबूत नहीं मिला ना तो कुछ ऊपर कि आप को सजा दे मिलेगा का टोटका ताकि हम बांध आए हम नहीं देखने गई थी कौन हो तुम हमको साबित करो कोर्ट में वही सही है जिसे साबित कर दिए वहीं गलत है जिसे आप साबित कर दी थे कोर्ट में सही गलत कुछ नहीं होता है कोर्ट में होता है कि आप साबित किस चीज को कर पा रहे हैं संजय की नियति हो गया इन पर आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते लेकिन यहीं पर लिखा गया है कि आप पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन कर सकते हैं मतलब किसी की भलाई के लिए आप भेदभाव कर सकते हैं तो उसको नहीं हो बुरा माना जाएगा जैसे आप देखते हुए है कि ड्यूटी जहां बाबू भाई भरी वर्कर नव महिलाओं को रोक लगा दिया जाता है ताकि वे अपने लिंग के आधार पर भेदभाव कर रहा है वह तो पॉजिटिव काम के लिए कर रहा है आप बॉर्डर पर चाइना कंफ्यूजन है फ्रंट है तो वहां जाकर तो आप भी अधिक इसको रखेगा पूर्व फौजियों यह सुप्रीम कोर्ट में केस कर दीजिएगा कार्यभार है महिलाओं को विनर यहां पर तुम नहीं रखा जाता है दिखे फिजिकल यह थोड़ा सा पुरुष ज्योति ने स्ट्रोंग यह बायोलॉजिकली है आप समझते हैं इसको तो पॉजिटिव के वजह से अगर आप भेदभाव कर रहा है तो कोई गलत नहीं है यही बांटा जाता आरक्षण आप ध्यान से समझेगा आरक्षण शब्द आते ही हिंदुस्तान में दो परंपरा चलती है जिन्हें आरक्षण मिल रहा है उन्हें लगता है आरक्षण सही है और जिन्हें आरक्षण नहीं मिल रहा हूं लगता है आरक्षण गलत है यह दोनों एक दूसरे में किसी की बात नहीं सुनना चाहते हैं वह आता है खत्म कोरिया को का पेन करोड़ अरे भाई साहब तनी दिमाग लगाओ अगर आरक्षण व कराता को सुप्रीम कोर्ट पूजा खत्म कर देता उन्हें तेरा क्या करता है कि अगर कोई चीज गलत हम उसे खत्म कर देंगे तीन तलाक खत्म हो गया कि आरक्षण की बात है कि आरक्षण क्या है कि समाज में फ्राई तबके के लोग रहते हैं यह कई दीए कई वैरायटी के लोग रहते हैं वृद्धि कि आप यह दो खबर आई थी जो है थोड़ा सा नीचे हाफिज तो आरक्षण करता है कि यह लोग जो आगे बढ़ गया है इन्हें आगे पहले दीजिए इन्हें आ रुक है थोड़ा इनसे पूछ बैक करके उठा दीजिए कि समाज एक जैसा रहे यह जो लोग पीछे से प्रताड़ित हो रहे हैं अब सचिन आरक्षण कितना खराब होता है कि मूल आकर एक कानून थक केरल में जिसमें दलित महिलाएं अपना स्थल नहीं रख सकती थी उन्हें नंगे रहना पड़ता अस्थल आश्रम का खुला रहना चाहिए था और हद तक कम हो गई कि टैक्स लगाया जाता था इस आधार पर कि छोटा असफल है तो कम टैक्स दो बड़ा ऑप्शन है तो ज्यादा तक दो यह हिंदुस्तान के जो पुराना का कहा जाता है कि मोरबी बड़ा सुंदर था लेकिन अपना पैर देख लेता है तो उसे भी शर्म आने लगती है तो हिंदुस्तान की संस्कृति बहुत अच्छी रही है लेकिन हमारे पास में कुछ मोर के पैर की तरह है यह सती प्रथा हो गया यह सब अधूरा छूट होगी हिंदुस्तान में बहुत ज्यादा हो गया तो कहा जाता है कि आरक्षण एक पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन है यह किसी आगे बढ़ रहे व्यक्ति को रोकता है कि तुम नहीं कर सकते हो कि जो पीछे उसको कहता कि तुम आगे चले आप अब क्या होता है कि यहां पर स्पून निगेटिव में आपको प्रस्तुत किया जाता कि अगर यह गलत रहता है तो फिर आपको क्या होता है वह सुप्रीम कोर्ट करो भी देता है आपके हिसाब से के लायक पॉज बात बताते हैं दुनिया में अभी हिंदुस्तान की बात बता दूं यह 50 साल तक आरक्षण खत्म होने वाला नहीं है यह खुद और मिनट भून चुकी है मोदी जी ने बिहार में है तो क्या बोले थे भाषण में आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे मनमोहन सिंह भी थे खुद मोदी जी ने आवश्यक है कि संसद में जो आरक्षण 2020 में खत्म हो रहा था उसे संशोधन करके बेइज्जती इसलिए रहे तो इसलिए आप किसी पर दोष नहीं दे सकते हैं क्योंकि हर आदमी को चुनाव जीतना है तो अगर यह आरक्षण खत्म किया जाए ना तो इस चुनाव में भी हार सकते हैं आरक्षण की जब बात आती है तो जो विरोध करते हैं कभी किसी यह सोचिए कि आरक्षण क्यों है क्योंकि जाती है सबसे सिंपल जाती है खत्म कर दिया रक्षण का वाले खत्म हो जाएगा नहीं तो मैं किसके लिए यह जो मेरा पिया और है वहीं आ जाती है वही रहेगा तो आरक्षण देंगे इसे तब फिर बच्चे अगर इसको ने आमिर को ने यहां उन्होंने कहा कि नहीं जाती उठाना चाहिए आभूषणों में रखना चाहिए भाई आपसे ज्यादा समझदार सुप्रीम कोर्ट में बैठे जज लोग हैं वह इसे एक पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन समझते हैं एक पिछड़े समाज को आगे बढ़ाने के लिए करते हैं क्योंकि जिस समाज को आरक्षण प्राप्त है ना उस समाज को मंदिर में घुसने पर रोक है मतलब फिर भेदभाव किया जाता है पिंपल देखे बिहार के मुख्यमंत्री थे जीतन राम मांझी तो बिहार का मुख्यमंत्री सोचिए उस पुखराज का सबसे बड़ा प्राउड फील होता है वह जब मंदिर में पूजा करने गए थे तो जाने के बाद मंदिर भून दिया गया था यह क्या चीज है यह निगेटिव डिस्क्रिमिनेशन है कि आप निवेदित कर रहे हैं तो आप छोड़ देना चाहिए पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन है यह हमने करें यह संविधान करें हम जो बताए आपको संविधान के हिसाब से बता रहा हूं फिर बताते हैं कि जिसे आरक्षण नहीं मिल रहा है ना वह मेरी बात सुप्रीम कोर्ट की बात संविधान की बात सुनेगा ही नहीं वह दिमाग में बैठाया है कैमरा विरोध करना है और जिसको यह मिल रहा है ना वह दिमाग में बिठाया कि हमें मिला शित बहुत से से दलित मुख्यमंत्री भी हुए हैं जिन्हें आरक्षण मिल रहे और बहुत से अधिक मंत्री भी हुए दुदली देने जाने के बाद मंदिर ध्यान दिया जाता है तो जब तक पट जाती रहेगी तब तक जाति के आधार पर आरक्षण बच्चा बना रहेगा सबसे पॉजिटिव यह है कि आप जाति को खत्म कर दीजिए आप खत्म कर दीजिए फिर कौन कर दिए कि वह भी है तो कोई कुछ भी लगा देख सकते हैं अब जैसे इसमें एक टाइट होता है ठीक है यह जाति के लोग लगाएंगे क्योंकि यह जब तक जाती रहेगी आरक्षण रहेगा आरक्षण का मूल मकसद अब पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन अब आगे समस्या अनुच्छेद कि यह जो 116 यह क्या करता है उन्हें सोना कहता है कि जो भी लोक नियोजन है लोकप्रिय उसमें इक्वलिटी आफ अपॉर्चुनिटी समान सबको मिलेगा लोक नियोजन की समानता सरकारी नौकरी में सबको समानता मिलेगा फिर यहीं पर बाद जाति आरक्षण की तो आपको बताया कि आरक्षण जो है वह संविधान करता है पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन है यह बढ़ाने के लिए कहते हैं अब यहां पर आप देखेंगे सब को समर्थन और संरक्षण मिलता ऐसा नहीं होगा कि रेलवे की वैकेंसी में कर देगा कि फॉरवर्ड क्लास के लोग फॉर्म नहीं भर सकते हैं यहां उन्हें यह कह सकता है कि आपका नंबर 120 पर सिलेक्शन होगा तो नीचे वाले का एक ₹100 हो जाए और 5 मिनट ऐसा हो सकता है तो आरक्षण का भी जाति के आधार पोती याद रखिए हारक्षण कभी भी धर्म के आधार पर नहीं होगा क्या आप सुन एक मुस्लिम धर्म में आरक्षण हमें आरक्षण मिलता हम जनरल कैटेगरी से आते हैं पठान जाति से आते हैं ने मिलता है क्या हिंदू धर्म को आरक्षण नहीं हिंदू धर्म व ब्राह्मण आरक्षण नहीं है मैं जी राजपूत हिंदू धर्म में दलित मिलेगी तो आरक्षण की अगर बात करेंगे तो धर्म के नाम पर आरक्षण में है आरक्षण जब यह आता है तो वह ए पी के आधार पर होता सपना लेकिन अगर अच्छा लिंग के आधार पर भी हो सकता है लड़का-लड़की आरक्षण जैसे मान लीजिए कोई जंगल जाति की लड़कियां तो यह जंगल जाति के लड़का है तो लड़कियां यदि आरक्षण मिलता है तो आरक्षण यहां भी मिल सकता इसके अलावे आरक्षण जो मिलता है वह एक और चीज पर मिल सकता है आपका स्थान पर मिल सकता है जब स्थान मतलब किसी एक खास एरिया के आधार पर है जैसे आप छत्तीसगढ़ का कुचेरिया एकदम पीछे आसाम का कुछ यादव पीछे तांबे के हुए आर्मी भर्ती में आते होंगे तो कहेगा कि अगर आप उत्तर कोरिया के हैं तो आपकी हाइट कम ही रहेगी तो लेंगे तो कुछ ऐसे स्थान हैं जहां विकास हुआ है जैसे छत्तीसगढ़ का बस्तर का एरिया दंतेवाड़ा सुकमा दाखवा जगदलपुर यह सब के लिए में विकास नहीं उड़ीसा के कालाहांडी देखेंगे बारिश से नहीं होता है वहां पर तो आसफ खान के आधार पर भी आरक्षण मिल जाता है यह क्यों दिया जाता है अब आप समझ गए यह क्या है पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन है वहां बारिश नहीं हो रही खाने-पीने कोई नहीं दे रहे हैं तो यह समाज बिगड़ जाएगा इस यह जो समाज बढ़ चुका है इसे करेंगे जो तुम बड़ा हिस्सा बढ़ते रहो इसका हमारा तो एक जिस दिन यह बराबर गुर्जर आरक्षण दिया जाएगा वरना गया तो यह 16 में करता है कि सबको समानता है लेकिन पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन के आधार पर तीन लोगों को इसमें आरक्षण दिया जाएगा 1718 में जाने से पहले एक बार रिवाइज कीजिए अनुच्छेद 12 क्या कहता है परिभाषा देता है स्टेट का कि कौन-कौन नियम कानून बना सकता है 13 कहता है कि अल्पीकरण यानि कोई पहले का कानून या बाद में बनाए गए कानून अगर हमारे मूल अधिकार को छीन लेगा तो खत्म कर दिए 14 क्या कहता है कानून के आगे हम सब बराबर है कानून भेदभाव नहीं करता है किसी के साथ कानून के आगे हम सब लोग क्या है समानता है विधि की समानता है जैसे आप देखेंगे मोटर कर देंगे शाहरुख खान भी रहेंगे तो अपने सजा मिले का हमको भी अपने सजा मिले तो यह चैप्टर 14 15 जाति धाराम मिलेंगे जन्मस्थान इत्यादि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है 16 नौकरी में समानता है लेकिन पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन के आधार पर आपको आरक्षण दिया जाए 17 समय काफी विवादित रहा है अनुच्छेद 17 के आता है कि आप इस स्थिति दयनीय अनटचेबिलिटी का एगो हुआ था इस पर रिश्ता खत्म कर दिया जाएगा और स्पष्टता क्या होता है छुआछूत किसी को छूने से उदय भगत पहले जब हम इस चीज को पढ़ाते थे ना तो एक अच्छा एग्जांपल नहीं दे पाते थे क्योंकि छुआछूत आप उतना ज्यादा देखने को नहीं मिलता है लेकिन आप बेहतरीन हमसे दिखेगा छुआछूत के होता है जैसे को रोना का मरीज आप 10 मिनट बैठें और उसने वह करो ना कमरिया जाएगा तो वहीं DJ का गुड़ा खुर्द अब बाह बाह बाह बाह बाह तो छुआछूत आग भी है वोट कहता है यदि उसे कोई बीमारी है ऐसी कोई मतलब ट्रांसफर और बीमारी हैजा फैल सकता है तो उसमें असुरक्षित कर सकते हैं लेकिन अगर आप जाति और धर्म के नाम पर छुआछूत करते हैं ना तब यह बर्दाश्त से बाहर है आप देखेंगे गांव के या मैं आज भी यह छुआछुत का प्रचलन है क्योंकि गांव में शिक्षा उतना आगे नहीं बढ़ा है लेकिन छुआछूत की प्रॉब्लम शहरों में धीरे-धीरे कम हो रही है अब दिल्ली में जाकर देखेंगे मुंबई में तो आपको इतना छुट को बोलो निकलते टाइम है नहीं उन लोगों के पास इतना है लेकिन गांव में आज मेरे थक जाता बल्कि नीचे आप देखेंगे गांव में ना छोटे जाति के लोगों को भूख अच्छा है यह प्रयोग गलत है यह नियम नहीं होना चाहिए इस को अपराध की श्रेणी में घोषित कर दिया गया और उसके लिए 1955 में कानून बनाया गया जिसे स्थगित कर दिया गया 980 इसके लिए आपका अलग-अलग नेट है जैसे हरिजन एक्ट है यह आप उसको प्रताड़ित नहीं कर सकते तो छुआछूत कहता है कि किसी को जाति धर्म के आधार पर आप उससे छुआछूत नहीं कर सकते हैं उसे अछूत नहीं कर सकते हैं इसमें का जो अछूत की परंपरा थी इसी को खत्म करने के लिए हमारा आर्टिकल सपना आया है अब आर्टिकल 18 क्या कहते हैं यह भी हमारे समाज में एक समानता लाने की बात करता है तमाम का क्या करता कथा उपाधियों का अंत उपाधि क्या चीज है भाई तो ऐडमिशन आफ टाइटल्स आप को उपाधि नहीं रख सकते देखिए जब देश गुलाम था ना यह जब भारत में राजतंत्र चलता तो कई उपाध्याय थी महाराज वृक्ष हर नाइट राय राय बहादुर अजय का व्हाट्सएप इसे सुल्तान उधर उपाधि रजिया सुल्तान की उपाधि तो कहा गया है कि यह सब को उपाधियां नहीं रखते हैं दोस्तों नुस्खे यह उपाधियां अब समाप्त कर दी गई है अनुच्छेद 18 से इसलिए समाप्ति गई है कि यह उपाधियां किसी एक आदमी को दूसरे आदमी के पूनम इश्स दिखाता था इसलिए खत्म कर दिया जाए आप अगर विदेश में रहे विद्यार्थियों को उपाधि मिल गई है तो भी आप उसे नहीं रख सकते हैं पता चला पाकिस्तान में गए वहां को उपाधि दे दिया कि आप एकदम खुल बहुत बड़े तो हिंदुस्तान मिलाकर नहीं रख सकते हैं वहां पर आप अगर कोई विदेशी उपाधि लेते हैं जैसे मोराजी देसाई को पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान मिला था तो जब आप विदेशी पुरस्कार लेते हैं तो आपको राष्ट्रपति से अनुमति लेनी पड़ती है तो आप उसे रख सकते हैं लेकिन याद रखेंगे यह अ यह कोई भी यह सब टाइटल आप अपने नाम में नहीं लगा सकते इसके दो अपवाद समझ लीजिए इसमें कहा गया है कि दो चीजों को आप ले सकते हैं एक कोई भी आपका नेशनल अवार्ड है जैसे पदम भूषण और पदम श्री पदम पुरस्कार तो जो नेशनल अवार्ड यह आप ले सकते हैं लेकिन इस नेशनल अवार्ड को आप कभी भी अपने नाम के अपने स्वर्णिम की तरह यूज नहीं कर सकते अगर यूज करते हैं तो फिर आप इसके खिलाफ आ जाएंगे वह अवार्ड आपसे छीन लिया जाए सपोच कि अगर हम को भारत रत्न मिल जाता एक बात करते हैं तो हम कभी यह नहीं कर सकते हम यह बिल्कुल सकते हैं खान समय हमको भारत रत्न मिला लेकिन यह नहीं लिख सकते हैं कि भारत रत्न का आंसर आईएस नहीं लिख सकते हैं आप बूपा भी आप सब नेम के रूप में प्रयोग नहीं कर सकते हैं और दूसरी चीज ध्यान समय यह इसमें एजुकेशन और रैंकिंग को मैं रख सकते हैं जैसे कोई प्रोफेसर है तो नाम के आगे लिख सकता है प्रोफेसर खुराना कुछ भी लिख सकते हैं आप सब प्रोफेसर ब्लॉग लिखते लोग एजुकेशन का लिख स कोई डॉक्टर अंतरिक्ष यान से लिखा है कि डॉक्टर फलाना कुमार देखने लाता पाचक सुप्रीम कोर्ट में केस के लिए खान से पढ़ाई है कि 18 में आगे सपने नहीं लगा सकता कि हम नहीं एजुकेशन की चीज को लगा सकते आप सीनियर है डॉक्टर है कल कुछ भी बनी है कि आप लगा सकते हो आप रैंकिंग भी लगा सकते हैं रैंकिंग कर सके अगर आप सेना में है पुलिस में है तो आपको रैंकिंग मिलेगा रंगिंग ब्रिगेडियर सूर्यदेव सिंह दिखित तिरंगा भी में बड़ा-बड़ा तुम वह सब आप लगा सकते इंस्पेक्टर गरुड़ा यह सब आप लगा सकते हैं तो एजुकेशन रैंक यह सब लगा सकते हैं राष्ट्रीय युवा पुरस्कार को ले सकते हैं लेकिन इसे सब नेम के रूप में यूज नहीं कर सकते हैं और इस सारी चीजों को तो नहीं कर सकते हैं अगर आप एक चीज गौर करियेगा इसमें तो आप एक चीज देखेंगे यहां पर तो अनुच्छेद अपने जो 18 तक है वह एक ही चीज की बात कर रहा है आप वह किए कि नहीं कि हम इसी लिए थोड़ा स्वेटर किस चीज की बात कराइए अगर आप देखेंगे तो बाद से 18 यह तो बात अलग चीज है लेकिन 12 10 12 परिभाषा बारे में क्या है परिभाषा दिया गया तेरा मिल्क सरकार को गिरा दिया गया कि देव बाबू आंखों का नूर लिए हो आयोजन मत लेना की छेड़छाड़ जाती है तो अलग चाहिए लेकिन अगर आप चावला 15 16 17 और 18 की बात करें तो अगर आप इसमें एक ही देखेंगे कि यह कह रहा है क्या चीज कानून के आगे आप सब बराबर है कानून के नजर में आप क्या है समान है कानून की नजर में समान है यह 15 क्या करें जाति-धर्म इत्यादि के आधार पर भी आपके है समान है भेदभाव नहीं किया जाएगा आप चाहे हिंदू धर्म के और जैन धर्म के मुस्लिम धर्मगुरुओं से भेदभाव नहीं किया जाएगा 16 में क्या कहा है नियोजन यानी अगर कोई नौकरी होगी नियोजन तो उसमें भी आपकी समानता है लेकिन पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन हो सकता है 17 में करा और स्पीड तथा इस प्रस्ताव पर छुआछूत नहीं कर सके अनुसूचित जाति वाला व्यक्ति और नीचे वह जाती वाला में टिप सब्सक्राइब समान है 18 में कहा है कि आप कोई उपाधि नहीं रख सकते हैं उपाधि नहीं रख सकते हैं कि मैं रख सकते हैं क्योंकि भाई आप सब तुम्हें क्या है समान है एजुकेशन क्यों उपाधि क्यों रख सकते हैं क्योंकि प्रोफेसर कहने का मतलब आप उस व्यक्ति को नहीं ऊंचा कर रहे उसने जो ज्ञान अर्जित किया उस ज्ञान को दर्शा रहा है ना कि उस व्यक्ति को दर्शा रहा है अत यह कहा कि आप सब लोग समान है तो अगर आप गौर से देखेंगे तो अनुच्छेद 14 से 18 का जो ऑप्शन है यह केवल और केवल समाज में समानता लाने की बात करता है केवल और केवल समानता लाने के बाद करता है इसीलिए हमारे संविधान में जो छह प्रकार का मूल अधिकार है उसमें जो पहला मूल अधिकार है वह है समानता का अधिकार यह समानता का अधिकार 14 से लेकर कहां पर है 18 तक है संज्ञा अब आगे देखते हुए इसके बाद समानता के अधिकार के बाद आएगा आपका स्वतंत्रता का अधिकार है वह काफी लंबा काला हो जाएगा फर्स्ट क्लास मैच नहीं आप यह करेंगे अगर मेरे साथ बोलते चलेंगे तुम्हारे बोलने से पहले आप बोलेंगे अनुचित बारे में क्या है परिभाषा तेरा में अल्पीकरण यानि उल्टा-सीधा नहीं कर सकते 14 कानून किया गया समानता 15 जाति धर्म लिंग जन्मस्थान धार्मिक 16 नौकरी 16 में क्या है नौकरी नौकरी के आधार पर समानता होगी लेकिन इसमें पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन कर सकते हैं 17 क्या चीज है भाई आईएस पिस्ता 18 उपाधियों का अंत तक 12 से 18 तक आप इसको समझ गए यह चीज एक्टिवेट हो जाता है कि अभी एप्लीकेशन में थोड़ा सा टेक्निकल इसुआन गया है इतना थिक होने की वजह से वहां पर हम लाइन नहीं जा पाए इसलिए आपका क्लास में रुके YouTube पर मार्कर बता दिया आपको और एक आप सब लोगों से कहते थे भाई साहब आप थोड़ा सा सबर कीजिए कभी कोई टेक्निकल इशू आ जाता है ना कोई चीज में जब कोई स्टार्ट होती है आधा कॉल मत किया करने लगे थे स्टॉक परेशान है कॉल उठाते उठाते आप हमारा जो सर्वथा वह अश्लील 2 लाख की कैपिसिटी को पढ़ा सकता था उस से ज्यादा लड़कों को एक बार में नहीं दे सकते थे हम वहां पर आप अचानक टैंकर शपथ पूरे इंडिया में एजुकेशन में आपका जो भूख आंसर ऑफिशियल ऐप है यह ट्रेनिंग वन कि चलाकर आप इसमें सर्वर का थोड़ा सा प्रॉब्लम आने लगा है तो कई लोगों ने इसको लेकर बड़ा जाने वाले फोन करने लगे हुए स्टॉप परेशान है आपका जब भी कुछ आएगा तो आपको यू टू परम क्लास प्रोवाइड कर देंगे क्लास नहीं रोकेगा ह फिर उसको जैसे करेंगे तो रिश्तेदारों व आपका मंडे से क्लास चलने लगेगा एप्लीकेशन में दूसरी समस्या क्या है कि लाखों को बेच पर्चेस करना चाहिए बैनर पर क्लिक कर रहा है अरे भैया दिमाग लगाओ यह बैन आर रहमान की जगह शाहरुख खान का बैनर लगा तो उसे बदले यह यौवन क्या हाल है अरे बहु तो उसका फोटो है तो यह बस थोड़ी यह बैच का क्या है फोटो है आप भैंस को देखिए जिंदा कहां है जिंदा को अंग्रेजी में क्या कहा जाता लाइव यहां लिखा हुआ लाइव बैच जिंदा बच सितंबर 26 पे क्लिक करेंगे इसे तो करने की यह नोट इसको ध्यान रखिएगा अगर कोई भी बैक लेना है तो जिंदा जिंदा जिंदा एकदम मतलब हिंदी में अच्छा लगता है तुझे लाइफ वाले कोई भी बाइक पर चेंज करना तो लाइक व जाएंगे जो 60% त्यौहार नहीं कर पाई फोटो है फोटो वहां पर क्लिक करें नहीं होगा जिंदा पर क्लिक कीजिए बाकी यह वीडियो अगर अखिलेश किया गया क्लोज इसलिए किया गया था कि बहुत से लोगों का दिमाग खसक क्लास करना है उतनी कैपिसिटी नहीं अब वह लोग होल्ड पर है तो उन लोगों की जल्दी से हम लोग एक इंसिडेंट कर लेते हैं उसके बाद हम लोग आराम से मंडे से हम लोग अगर रेगुलर प्रेमकुंज चालू कर दिए हैं ए डायरेक्टर अकाउंट में किसी के नहीं आता है वह बीच में पेमेंट गेटवे है अगर आपका क्लास नहीं रहेगा तो 24 घंटे बाद वहीं पॉइंट कर देगा इसलिए ज्यादा घबराइए नहीं कोई प्रॉब्लम है तो धाक से कॉल मत करो भाई आपका यहां पर हैंड बर्गर होगा हम बगल तीन प्रोडक्ट होगा इस पर क्लिक करेंगे ना 30 टाइप का खुलेगा इसमें होगा आपके डाउट यहां पर जाकर आप अपनी प्रॉब्लम को लिख देंगे तो कोई लड़के को अगर हम लोग उपाय दिए रहेंगे उसका सिम प्रॉब्लम होगा तो बता देगा कुछ नहीं भाई ऐसे नहीं होगा जिस तरह से YouTube पर कमेंट होता है ना तो यही है कमेंट और यह लाइफ करेंगे यानि जब जिंदा पाएंगे तो आप कमेंट में सीधे चैट कर सकते हैं यहां पर हम भी चट कर देंगे आप से आप भी सीधे चैट कर सकते लाइव चैट में तो समझ में आ गया आप लोगों को यह बॉयज मूल अधिकार का पतन हो गया अब आगे हम आपको इसका पाठ पढ़ाएंगे जिसमें अनुच्छेद 19 पढ़ाएंगे फिर यह पहले कि तीन तलाक कैसे खत्म हो गया हलाला क्या चीज था इस को खत्म कर किया गया तो क्या यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है यह सारी चीजों को आगे नेक्स्ट क्लास में समझा देंगे तब तक के लिए जय