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लॉस्ट स्प्रिंग - एनिस जंग
Jul 18, 2024
लॉस्ट स्प्रिंग - एनिस जंग
परिचय
लेखक
: एनिस जंग
जन्म
: 1964, राहुरकेला
शिक्षा
: हैदराबाद और अमेरिका
पैरेंट्स
: दोनों राइटर्स थे
कैरियर
: राइटर के रूप में शुरुआत
पुस्तक
: 'लॉस्ट स्प्रिंग: स्टोलीन चाइल्डहुड'
मुख्य थीम
गरीबी
: अत्यंत कष्टकारी गरीबी
परंपराएं
: जो बच्चों के जीवन को शोषित करती हैं
ग्रिडिंग पॉवर्टी
: अत्यधिक पीड़ादायक गरीबी
कहानी 1: साहिब
परिचय
किरद ार
: साहिब, एक कूड़ा बीनने वाला लड़का
लेखक की मुलाकात
: रोज मिलती थीं साहिब से
स्थाई एकांत
: ढाका से दिल्ली आए थे
कहानी की शुरुआत
कूड़ा ढूंढना
: गोल्ड (वैल्यूएबल्स) ढूंढता है गार्बेज में
वातावरण
: कूड़ा बीनने की पारिवारिक मजबूरी
सवाल
: लेखक का प्रश्न 'स्कूल क्यों नहीं जाते?' पर साहिब का उत्तर - 'कोई स्कूल नहीं है'
नाम और यथार्थ
नाम
: साहिबे आलम (ब्रह्मांड का राजा) - कंट्रास्ट उसकी असलियत से
संवाद
: साहिब और एनिस जंग के बीच बातचीत
बेयरफुट बॉयज
: नंगे पैर बच्चों की टोली
स्कूल और जीने की परिस्थितियाँ
स्कूल की कमी
: कोई स्कूल नहीं
अनौपचारिक वादे
: स्कूल खोलने का वादा, जो अधूरा रह गया
गरीबी के साइड इफेक्ट्स
: नंगे पैर रहना परंपरा या मजबूरी?
सीमापूरी का जीवन
अतिक्रमणकारी
: बांग्लादेश प्रवासी
त्रिपाल की छतें
: जीने का अस्थाई साधन
राशन कार्ड्स
: इकलौता पहचान और अनाज प्राप्ति का माध्यम
सर्वाइवल
: पहचान से ज्यादा जरूरी खाना
बच्चों की सोच
कूड़े का स्वर्ण
: बच्चों के लिए कूड़ा वंडर है, और बड़ों के लिए जीने का साधन
साहिब के जूते
: किसी अमीर बच्चे के फेंके हुए जूते, फिर भी खुश
कार्य और पहचान
टी स्टॉल पर काम
: 800 प्रति महीने और खाना मिलना
प्लास्टिक बैग vs स्टील कनिस्ट
: अपनी चीज हल्की लगती है, मालिक की भारी
मास्टर नहीं रहा
: साहिब अब अपना मालिक नहीं रहा
समाधान
लेखक की भावनाएं
: गरीब बच ्चों का दर्द
साहिब की चाह
: वापस कूड़ा बीनने की चाह, वास्तविकता की दर्दनाक स्थिति
निष्कर्ष
थीम का सार
: एनिस जंग ने गरीब बच्चे की खोज को प्राप्त करने वाली कठिनाइयों और उनकी चाहत को दर्शाया है।
प्रतिक्रिया
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