हेलो स्टूडेंट्स कैसे हैं आप सभी आई होप यू ल आर डूइंग गुड मैं हूं आपके इकोनॉमिक्स एजुकेटर गौरी जादौन एंड आई वेलकम यू ऑल टू मैगनेट ब्रेंस ऐसा चैनल जो प्रोवाइड करता है फ्री एंड क्वालिटी एजुकेशन सीबीएसई की बात करूं तो किंडरगार्डन से लेकर क्लास 12 तक के सारी कोर्सेस अब्सोल्युटली फ्री है एनसीआरटी सॉल्यूशंस ही प्रोवाइडेड है और साथ में इंपोर्टेंट क्वेश्चंस भी हम आपको प्रोवाइड करते हैं टॉपिक वाइज हर एक चीज को कवर किया जाता है अगर मैं हिंदी मीडियम चैनल की बात करूं तो क्लास सिक्स से लेकर क्लास 12 तक की ही सारी चीजें आपको अवेलेबल हैं ई बुक्स और और ई नोट्स भी अवेलेबल हैं जिसकी लिंक डिस्क्रिप्शन बॉक्स में गिवन है एक बार जाके जरूर चेक आउट करिएगा सो विदाउट एनी फर्द डू लाइक शेयर एंड सब्सक्राइब कर दीजिए अभी के अभी चैनल को तो चलिए स्टार्ट करते हैं आज का यह सेशन हम ऑलरेडी बुक रिव्यू और चैप्टर ओवरव्यू कर चुके हैं कि हम लोग माइक्रो इकोनॉमिक्स में क्या पढ़ने वाले हैं क्लास 11थ अकॉर्डिंग टू सीबीएसई राइट तो उसी को आज हम चैप्टर नंबर वन स्टार्ट करते हैं चलिए स्टार्ट करते हैं देखिए सबसे पहले जो इंट्रोडक्शन की अगर मैं बात करूं मैंने क्या बोला था इंट्रोडक्शन एक छोटा सा आपको लिख दिया चैप्टर का नेम लेकिन उसके अंदर बहुत सारी चीजें हमें पढ़नी है मैंने यह भी बताया था आपको जब मैं सिलेब आपका चैप्टर ओवरव्यू कर रही थी कि हम कोशिश करेंगे कि दो से तीन जो छोटे टॉपिक्स हैं उनको साथ में लेके कवर करें और जो ऐसे टॉपिक्स है जिसमें आपको डिटेल में मुझे पढ़ाना है उसके लिए पूरा एक डेडिकेटेड वीडियो बना दूंगी ठीक है तो आज का जो हमारा टारगेट है जो हमें कंप्लीट करना है सबसे पहले हम समझेंगे कि भाई इकॉनमी क्या होता है इकोनॉमिक्स में क्या-क्या प्रॉब्लम हमें फेस करनी पड़ती है और उसके बाद हम पूरा टोटल डिफाइन करेंगे कि इकोनॉमिक्स होता क्या है उसके बाद बाद हम पढ़ेंगे कि भाई माइक्रो इकोनॉमिक्स क्या होता है मैक्रो इकोनॉमिक्स क्या होता है सबसे पहले वर्ड का मीनिंग समझेंगे उसके कांसेप्ट को क्लियर करेंगे देन वी विल मूव ऑन टू द बिगर पिक्चर कि माइक्रो और मैक्रो क्या है ठीक है तो बिल्कुल भी घबराना नहीं है और इनको मिस भी नहीं करना है अगर आप ये चीजें नहीं समझे ना तो बाकी सारे कांसेप्ट समझ नहीं आएंगे और आपका फीडबैक इज रियली इंपॉर्टेंट तो जो भी आपका फीडबैक है उसको कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा ठीक है तो चलिए स्टार्ट करते हैं आज की क्लास तो इकॉनमी क्या होता है ऐसा तो नहीं है कि इकोनॉमिक्स आप पहले पढ़े नहीं हो आई रिमेंबर आप ने थोड़ा बहुत इसके बारे में पढ़ा है हां जो 11थ और 12थ हम इकोनॉमिक्स पढ़ने वाले हैं वो थोड़ी डिफरेंट होने वाली है इसमें काफी नए कांसेप्ट हैं और बहुत अलग तरीके से इकोनॉमिक्स का लिखने का तरीका भी होता है लेकिन फिर भी इकोनॉमिक्स के बारे में थोड़ा बहुत आपने पढ़ा है इकॉनमी के बारे में थोड़ा बहुत पढ़ा है तो एक बार पहले आप उसको थोड़ा बहुत माइंड में रिवाइज करने की कोशिश करो ठीक है तो इकॉनमी की बात करूं तो इकॉनमी एक ऐसा सिस्टम है इज अ सिस्टम व्हिच प्रोवाइड्स पीपल यानी लोग को प्रोवाइड करता है द मींस टू वर्क एंड अर्न अ लिविंग ठीक है हम सभी काम क्यों करते हैं हमें काम करने की क्या नीड है बिकॉज हम चाहते हैं जो हमारी नीड्स है हमारी वांट्स है उसको हम सेटिस्फाई कर पाएं उनको हम एक तरीके से हासिल कर पाए है ना जैसे कि हमारी नीड है कि हमें अच्छी क्वालिटी एजुकेशन मिले हमारी नीड है कि हम अच्छे स्कूल जाए हमारी नीड है कि हमें अच्छा खाने को मिले अच्छा पहनने को मिले एंड दैट इज व्हाई वी आर वर्किंग हार्ड कि हम अच्छे से अच्छी जगह काम करें अच्छा हमारी अर्निंग हो और हम अच्छे से अपनी लाइफ स्टाइल को अच्छा कर सके अपना स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग को अपग्रेड कर सके तो इकॉनमी अगर मैं आपको सिंपल टर्म से समझाऊं एक ऐसा ऑर्गेनाइजेशन एक ऐसा इकोसिस्टम है जहां पर लोगों को काम करने का मौका मिलता है और उसके बदले में उनको रिटर्न मिलता है इन टर्म्स ऑफ सैलरी वेजेस प्रॉफिट और उसके थ्रू अपनी नीड्स एंड वांट्स को सेटिस्फाई करते हैं जैसे कि बैंक्स हो गया कोई ऑर्गेनाइजेशन हो गया ये सारी चीजें क्या है एक इकोनॉमी का पार्ट है ठीक है अब जैसे कि इसको थोड़ा और सिंपल भाषा में हम समझते हैं कि इकोनॉमी इज अ सिस्टम सबसे पहले तो जब भी आप डेफिनेशन लिख रहे हैं आपको याद रखना है इकॉनमी इज अ सिस्टम ये की वर्ड है इसको याद रखना इसको मिस नहीं करना है क्या है इकॉनमी इज अ सिस्टम किस चीज का सिस्टम है प्रोवाइड इंडिविजुअल्स विद द मींस टू वर्क प्रोवाइड कर रहे हैं लोगों को काम करने का मौका दे रहे हैं लोगों को एंड अर्न अ लिविंग ताकि वो अर्न अ लिविंग कर पाए अर्न अ लिविंग का क्या मतलब है कि अगर मैं पैसे कमाऊ तभी तो मैं अपनी चीजों को कर पाऊंगी अगर मेरे घर पे पैसा नहीं आएगा तो मेरे घर में राशन नहीं आएगा है ना हम कोई काम नहीं कर सकते हम लोग एजुकेशन नहीं कर सकते सो दैट इज व्हाई अर्निंग इज इंपोर्टेंट और वही इकोनॉमी का एक पार्ट है टू सेटिस्फाई देयर नीड्स एंड वांट्स क्यों कर रहे हैं काम किसी को शौक नहीं है घंटों भर मेहनत करने का रिमेंबर हम क्यों कर रहे हैं काम ताकि हम अपनी नीड्स एंड वांट्स को सेटिस्फाई कर पाए दैट इट वही एक मोटिवेशन हमारे पास रहती है इसलिए हम इसमें बहुत डबल मेहनत करते हैं कि हम ज्यादा से ज्यादा अर्न कर पाए राइट एंड दे कैन डू सो थ्रू द प्रोसेस ऑफ मैन्युफैक्चरिंग कंजमेट मेंट एंड एक्सचेंज वेरी इंपॉर्टेंट ठीक है यह प्रोसेस ऑफ इकॉनमी होता है उसको हम डिस्कस करेंगे अभी आप इसको चीज को स्किप कर सकते हैं अभी हम क्या समझे इकॉनमी एक ऐसी जगह है जहां पे लोगों को मौका मिलता है कि वो काम कर सके और अपनी अर्निंग के थ्रू अपनी लाइफ स्टाइल को अच्छे से कर सके चा इतना क्लियर हुआ थम्स अप कर दे इसी बात पे देखो ये फोटोग्राफ देखिए आप पिक्चर डिस्क्रिप्शन बहुत इंपॉर्टेंट है ये क्या देख सकते हैं इट इज अ सिस्टम सिस्टम किस तरीके का कि यहां पे लोग भी हैं दे आर एंजॉयिंग ठीक है यहां पे लोग काम भी कर रहे हैं यहां पे वेजिटेबल मार्केट भी है और भी तरह-तरह की शॉप्स हैं यहां पे लोग परचेस कर रहे हैं तो क्या हो रहा है यहां पे परचेसिंग भी चल रही है यहां पे सेलिंग भी चल रही है ठीक है तो यहां पे दोनों का कॉमिनेशन चल रहा है वो एक मार्केट प्लेस की मैं बात करू तो मार्केट प्लेस हमारी क्या है इकॉनमी है ठीक है कोई किसी चीजों को प्रोवाइड कर रहा है एक्सचेंज ऑफ गुड्स एंड सर्विसेस हो रहा है उसी को हम क्या बोलते हैं इकॉनमी होप फुली आपको इकॉनमी का कांसेप्ट क्लियर हो गया होगा एक बार क्विक रिवीजन कि इकॉनमी क्या है इकॉनमी इज अ सिस्टम व्हिच प्रोवाइड पीपल द मींस टू वर्क एंड अर्न अ लिविंग इससे ज्यादा सिंपल डेफिनेशन आपको मिलेगी नहीं इकॉनमी का सिंपल मतलब है कि ऐसा सिस्टम है जहां पर लोगों को काम करने का मौका मिलता है और उसके थ्रू वह अपनी लाइफस्टाइल जीते हैं उनको लिविंग के लिए अर्निंग होती है उसके थ्रू हर एक चीज वो करते हैं रिमेंबर यह वाली चीज क्लियर है इकॉनमी समझ आया एस सिस्टम वेर वी गेट अ चांस टू अर्न अ लिविंग ठीक है चलिए ग्रेट नेक्स्ट हम आते हैं इकोनॉमिक एक्ट एक्टिविटीज ठीक है ये इकोनॉमिक एक्टिविटीज आपके इकोनॉमिक प्रोसेस का भी पार्ट है इकोनॉमिक एक्टिविटीज कौन-कौन सी होती हैं जिसमें सबसे पहले होता है प्रोडक्शन प्रोडक्शन क्या होता है किसी भी चीज को बनाना हम बोल सकते हैं एक तरीके से मैन्युफैक्चरिंग क्या बोल सकते हैं एक तरीके से मैन्युफैक्चरिंग ऑफ गुड्स एंड सर्विसेस को हम क्या बोल सकते हैं प्रोडक्शन किसी चीज का प्रोडक्शन करना किसी चीज को बनाना ठीक है नेक्स्ट होता है कंसंट का मतलब होता है कंज्यूम करना म सामान लेना ठीक है मैन्युफैक्चरिंग करना क्या होता है जैसे कि मैंने कार्स बनाई तो मैं एक मैन्युफैक्चरर हूं लेकिन हमने जैसे कस्टमर को दी उसने कार खरीद ली तो एक तरीके से वो कंसंट कर रहा है गुड्स एंड सर्विसेस का जो उसने कार खरीदी उसका वो यूटिलाइजेशन कर रहा है नेक्स्ट हमारे पास आता है इन्वेस्टमेंट ऑफ कैपिटल फॉर्मेशन कई बार हो सकता है कि आपकी बुक्स में प्रोडक्शन कंसंट एंड डिस्ट्रीब्यूशन दिया है दैट इज आल्सो करेक्ट इसको याद करने का तरीका कैसा है पीसीआई पीसीआई ठीक है प्रोडक्शन कंजमेट मेंट प्रोडक्शन किया मैंने गुड्स एंड सर्विसेस बनाए लोगों ने उसको कंज्यूम किया प्रोडक्शन से जो हमारे पास अर्निंग हुई उसमें हमने हर जगह उसको इन्वेस्ट किया थोड़ा और प्रोसेस को डिटेल में समझते हैं तो आपको सारी चीजें क्लियर हो जाएंगी देखो प्रोसेस ऑफ एन इकॉनमी सबसे पहले होता है प्रोडक्शन किसका गुड्स एंड सर्विसेस का गुड्स भी दो तरीके की होती है एक होते है टेंज बल गुड्स टेंज और इनटेंजिबल का कांसेप्ट आपने अकाउंटेंसी में पढ़ा है ठीक है टेंज बिलिटी क्या होता है किसी चीज को हम देख सकते हैं छू सकते हैं और इनटेंजिबल होता है जिसको हम देख नहीं सकते छू नहीं सकते जैसे कि गुड्स को हम देख सकते हैं कार है उसको मैं देख सकती हूं है ना सर्विसेस क्या होते हैं जिनको हम नहीं देख सकते स कस्टमर सर्विस हमें प्रोवाइड की जाती है कोई दिक्कत होती है हम कस्टमर सेल पे फोन करते हैं वो हमें सलूशन प्रोवाइड करते हैं इट इज अ पार्ट ऑफ अ सर्विस ठीक है वो भी प्रोडक्शन के अंदर ही आता है वो एक तरीके से आपको सलूशन प्रोवाइड कर रहे है हां बस उसको हम देख और छू नहीं सकते तो वो क्या है एक सर्विस का पार्ट है तो गुड्स एंड सर्विसेस सबसे पहला जो पार्ट होता है इकोनॉमिक सिस्टम का वो रहता है कि आप आपको प्रोडक्शन करना रहता है फिर जो आप प्रोड्यूस करोगे उसको आप सेल भी करोगे हम इसलिए तो बना रहे हैं सामान राइट जो बिजनेसमैन है व क्यों प्रोड्यूस कर रहा है ताकि वो लोगों को सामान बेच सके और वो प्रॉफिट कमाए तो नेक्स्ट हमारे पास क्या होता है कंजमेशन आएगा मैम बिजनेसेस कैसे कंजमेट डिफरेंट कांड्स ऑफ बिजनेस होते हैं मैंने सपोज एक प्रोड्यूस की कोई जैसे कि मैंने एक क्लॉथ मैन्युफैक्चरिंग हूं कि मैंने क्लॉथ को मैन्युफैक्चर किया अब एक लोगो मेकिंग कंपनी है वो उसका अलग बिजनेस है तो उसका काम है कि ठीक है इन सारी शर्ट से मुझे लोगो प्रिंट्स करने हैं तो कई बार होते बिजनेस भी ऐसे कंज्यूमर्स होते हैं जो एक तरीके से इंटरमीडिएट का काम करते हैं और फिर हाउसहोल्ड होते हैं ठीक है जैसे कि शुगर मैन्युफैक्चर हुई मैंने शुगर खरीदी फॉर कंज तो हाउसहोल्ड कंपशन में आता है तो दो टाइप के हो गए हाउसहोल्ड एंड बिजनेस होप फुली दिस इज क्लियर नेक्स्ट हमारे पास आता है इन्वेस्टमेंट ठीक है इन्वेस्टमेंट इन्वेस्टमेंट का क्या मतलब होता है मैंने क्या बोला इकॉनमी ऐसी सिस्टम है जहां पर हमें काम करने का मौका मिलता है और जो हमारे पास अर्निंग्स आती हैं ठीक है उसके थ्रू हम अपने स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग को इंक्रीज कर सकते हैं और हम एक तरीके से अच्छे से अपनी लाइफ को जी सकते हैं तो इसलिए हम काम कर रहे इकॉनमी सिस्टम वो है अब देखिए पहला क्या होता है कंजमेट कि जो जरूरत वाली चीज है हमने कंज्यूम कर ली लेकिन उसका कुछ सेक्शन हमारा बच जाता है जिसको हम सेविंग्स भी बोलते हैं है ना उसी को हम कैपिटल फॉर्मेशन के थ्रू भी यूज कर सकते हैं उसी को हम इन्वेस्टमेंट भी कहते हैं कि कैसे मैं उस पैसे को कहीं इन्वेस्ट करूं कि मुझे और प्रॉफिट हो एक तरीके से मैं बेटर यूटिलाइजेशन कर पाऊं अपनी अर्निंग्स का है ना रिमेंबर आपके पेरेंट्स भी एफडी बनवाते हैं सेव करके रखते हैं क्योंकि जो उनको सैलरी मिल रही है जो भी अर्न करें जरूरी नहीं है कि आगे जाके क्या होगा हमें नहीं पता तो जो भी हम ऑफकोर्स कंजमेशन देते हैं लेकिन वी कीप अ सेक्शन असाइट ज ताकि कभी भी कोई इमरजेंसी हो तो हम उसको यूज़ कर पाए तो दैट इज कैपिटल फॉर्मेशन वैसे इकॉनमी में भी होता है है ना कि जो बिजनेसेस हैं वो प्रॉफिट टर्न करते हैं तो उसमें से कुछ सेक्शन होता है कि उनके डेली जो उनका काम है वो चल सके और कुछ सेक्शन फ्यूचर ओरिएंटेड रहता है कि हा आगे जाके इसमें इन्वेस्टमेंट करना है या हमें लॉन्ग टर्म एसेट्स में इन्वेस्ट करना है तो वो उसका पार्ट होता है नेक्स्ट हमारे पास होता है एक्सचेंज एक्सचेंज का क्या मतलब होता है इकॉनमी में एक तो आप इसको ट्रेड के टर्म्स में ले सकते हो डोमेस्टिक ट्रेड क्या होता है जब विद इन द डोमेस्टिक टेरिटरी डोमेस्टिक टेरिटरी का मतलब क्या होता है जैसे कि इंडिया इंडिया के अंदर की मैं बात करूं तो डोमेस्टिक हो हो जाएगा इंडिया के बाहर यानी फॉरेन ट्रेड तो डोमेस्टिक की बात कर रही हूं मतलब मैं अपने घर की बात कर रही हूं वी आर टॉकिंग अबाउट इंडिया इंडिया के अंदर ट्रेड हो रही है एक्सचेंज ऑफ गुड्स एंड सर्विसेस हो रहा है ये भी इकॉनमी का एक पार्ट है है ना और फिर हमारे पास आता है इंटरनेशनल जिसको हम फॉरेन भी बोलते हैं नेक्स्ट हमारे पास आता है ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप ठीक है जैसे कि मैंने क्या बताया कि मैंने कार बनाई आई एम अ मैन्युफैक्चरर ऑफ कार मैंने कार बनाई तो अभी मैं ही इसका ओनर हूं लेकिन जैसे ही किसी ने उसको कार खरीदी तो ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप हो रहा है अब वो उसकी कार हो गई ठीक है मेरा उसमें कुछ हक नहीं बनता अब वो मेरी कार नहीं है वो कार उस कस्टमर की हो गई तो ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप भी होता है ठीक है इतना डिटेल में देखो हो सकता है कि आपकी बुक्स में ना हो आपके कोर्स में ना हो बस आपको इतना याद रखना है कि इकोनॉमिक एक्टिविटीज हमारे पास होती है प्रोडक्शन कंसंट डिस्ट्रीब्यूशन भी बोल सकते हैं नहीं तो प्रोडक्शन अ कंसंट एंड हम लोग उसको कैपिटल फॉर्मेशन इन्वेस्टमेंट की तरह भी देखते हैं इतना ज्यादा आपको उसमें कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है आपको याद रखना है एक प्रोसेस है कि सबसे पहले प्रोडक्शन होता है कंसंट्र ब्यूशन ऑफ इनकम होता है उस इनकम को फिर हम हर जगह इन्वेस्ट करते हैं और फिर हम लोग एक तरीके से एक्सचेंज करते हैं डन इतना समझ आया क्लियर आगे बढ़े चलिए अब बहुत इंपॉर्टेंट है भाई इतनी माता पची हम कर क्यों रहे हैं क्यों पढ़ना है यार इकोनॉमिक्स क्या जरूरत थी फालतू में नया सब्जेक्ट ऐड हो गया इकोनॉमिक्स की क्या जरूरत है उसी को हम आप समझेंगे कि इकोनॉमिक्स की क्यों जरूरत है हमें ठीक है ये सब चीजें छोड़ दो स्केरस याद है मैंने आपको जब आपको मैं बता रही थी चैप्टर का ओवरव्यू तो स्केरस टी का मतलब होता है समथिंग व्हिच इज लिमिटेड किसी चीज की कमी होना उसको हम स्केरस टी बोलते हैं अब हटा दो ये सारी चीजें ठीक है अब इमेजिन करो फाइव सेकंड्स दे रही हूं मैं आप सभी को यू थिंक कि आपको अगर आपके पास अच्छा खासा पैसा है व्हाट आर द थिंग्स यू वांट टू अटन कौन सी चीजें जो आप खरीदना चाहते हो चाहते हो कि मेरे पास हो अगर पैसा हो तो मैं ये करूं वो करूं हम सोचते रहते हैं ना तो वही मैं पा सेकंड दे रही हूं सोच लीजिए चलिए सोच लिया खुश हो गए सब हां यह भी कर लेते वो भी कर लेते ऐसा भी हो जाता वैसा भी हो जाता सब सोच लिया डन अब चलो बैक टू रियलिटी पैसे इतने नहीं है ठीक है ऑफकोर्स किसी-किसी के पास हो भी सकते हैं लेकिन मेजोरिटी की मैं कंडीशंस मांग के चल रही हूं कि ठीक है लिमिटेड है हमारे पास ऐसा नहीं कि अंधा दूनी पैसा है लिमिटेड अमाउंट है तो क्या होता है कि आपके पास कितने कम पैसा है अब सपोज आई हैव 00 ठीक है 00 है मेरे पास 10000 में मैं कॉलेज की फीस ही भर सकती हूं ठीक है कॉलेज की फीस भर सकती हूं या अपनी छोटी बहन की स्कूल की फीस भर सकती हूं ठीक है या कोई एक नया ब्रांडेड कोई चीज आई है वह खरीद सकती हूं या घर का राशन ले सकती हूं अब इतने सारी चीजें हैं मेरे पास आई हैव अ लॉट टू डू अब लेकिन मेरे पास पैसे तो सिर्फ 10000 है लेकिन मैं उसको कैसे करूं कि मैक्सिमम टू मैक्सिमम प्रॉफिट उसमें से जनरेट हो मैक्सिमम से मैक्सिमम मेरे को फायदा हो हो ठीक है तो प्रॉफिट का मतलब बिजनेस के टर्म्स में ऑफकोर्स प्रॉफिट होता है प्रॉफिट अगर मैं बोल रही हूं अपने टर्म से मतलब मैं फायदे की बात कर रही हूं कि कैसे मैक्सिमम मुझे बेनिफिट हो सो 10000 है इतनी सारी चीजें में हमें इन्वेस्ट करने का मौका है जरूरतें हैं हमारी तो यही होता है स्केरस का टर्म स्केरस टी का मतलब होता है लिमिटेड है हमारे पास रिसोर्सेस रिसोर्सेस कैसे हो गए हमारे पास मनी लिमिटेड है हमारे पास जो एनर्जी है है ना वो लिमिटेड है पेट्रोल लिमिटेड है वाटर लिमिटेड है ठीक है हम लोग कोल पढ़ते हैं कोल लिमिटेड है हमने पूरी एनवायरमेंटल कॉसेस पढ़े ये सब चीजें लिमिटेड है हमारे पास लेबर लिमिटेड है हमारे पास स्किल्ड वर्कफोर्स लिमिटेड हर चीज लिमिटेड ही है तो आप कैसे उसको ऐसे यूटिलाइज करो कि आपको मैक्सिमम बेनिफिट मिले वही होता है इकोनॉमिक प्रॉब्लम या इकोनॉमिक्स हम इसलिए ही पढ़ते हैं क्यों क्योंकि हमें स्केरस से को डिफाइन करना है तो स्केरस का क्या मतलब होता है अ कंडीशन दैट एजिस्ट व्हेन देयर आर नॉट इनफ गुड्स एंड सर्विसेस अवेलेबल टू मीट वांट्स एंड नीस्ट ऑफ एन कस्टमर ठीक है स्केर सिटी ऐसी कंडीशन है जहां पर एसिस्ट क्या करते हैं न देयर आर नॉट इनफ गुड्स एंड सर्विसेस इनफ गुड्स एंड सर्विसेस नहीं जितनी उसकी डिमांड है मार्केट में जैसे कि अगर मैं बात करती हूं कि अगर मुझे कोई सामान चाहिए ठीक है सपोज आपको एग्जांपल मैंने आई थंक इन अपकमिंग स्लाइड दिया भी है उसको एक बार देख लेते हैं पेट्रोल की बात करते हैं पेट्रोल इस इन रिलेशन टू इट्स डिमांड पेट्रोल क्यों महंगा है क्यों हमें इतना ज्यादा उसको प्राइस देना पड़ता है महंगा है है ना पेट्रोल इसलिए महंगा है क्योंकि एक तो उसकी डिमांड बहुत ज्यादा है और मार्केट में इतना अवेलेबल नहीं है इसलिए उसका प्राइस क्यों बढ़ाया गया है ताकि उसका बहुत अच्छे से यूटिलाइजेशन हो किसको बहुत ज्यादा जरूरत हुई तो ही वो पेट्रोल को करवाए कई बार आपने भी देखा होगा अगर हमें लोंगर डिस्टेंस कवर करना है तो सबसे पहले दिमाग में आता है पेट्रोल कितना लगेगा या बहुत ज्यादा पेट्रोल लग रहा है छोड़ अपन तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट से चलते हैं ठीक है कोई आसपास जगह होती है तो नहीं सोचते लेकिन जब हमें लंगर डिस्टेंस कवर करना रहता है तो हम दो बार सोचते हैं बहुत पेट्रोल लग जाएगा कुछ और देखें क्या चल ट्रांसपोर्ट से ही चल देते पब्लिक ट्रांसपोर्ट से बस से चल देते हैं कम भी लगेगा और थकान भी बच जाएगी सब ठीक है हो जाएगा तो क्यों करना पड़ता है क्योंकि यही स्केर सिटी है स्केरस है रिसोर्सेस तो हमें ना चॉइस बनानी पड़ती है कि भाई इस कम चीज को कैसे ऐसे यूटिलाइज करें कि हमें ज्यादा से ज्यादा फायदा हो तो होप फुली स्केर सिटी का कांसेप्ट क्लियर हुआ होगा ठीक है जैसे कि यहां पे क्या दिया हुआ है पानी अग किसी दिन पानी ना आ है ना मम्मी अपने हल्ला मचा देती है कि पानी वैसे ही बहुत कम है इसको बिल्कुल खर्चा मत कर तू है ना इतनी देर से नल चल रहा है ब्रश करते हुए नल चल रहे है कोई बात होती है सुबह से हम पानी भर रहे हैं और तुम क्या कर रहे हो सुना है होता है ना घर में जिस दिन पानी नहीं आना तो गर्मियों में बहुत दिक्कत होती है किल्लत हो जाती है पानी की उसी को हम क्या बोलते हैं स्केरस टी ऑफ वाटर तो वाटर स्केयर रिसोर्सेस है कम है तो हम कोशिश क्या करते हैं अरे बहुत अच्छे से यू पीने का पानी ऐसे अलग रखते हैं हाथ धोने का अलग रखते हैं जिससे कपड़े धो रहे हैं उसी को हम फिर प्लांट में डाल देते हैं यह सोच के कि नहीं ठीक है पानी खर्च नहीं होना चाहिए दो काम हमारे निपट गए उससे तो क्या मतलब होता है जब हमारे पास रिसोर्सेस कैस रहते हैं कमी रहती है उनकी तो हमें ना एक चॉइस करनी पड़ती है कि हम उसको कैसे यूटिलाइज करें कि हमारे काम भी बन जाओ कम से कम हमारा नुकसान हो कम से कम हमारे रिसोर्सेस वेस्ट हो उसी को हम क्या बोलते हैं स्केरस ठीक है मैं अभी आपको फ सेकंड्स दे रही हूं इसका एक स्क्रीनशॉट ले लीजिए ले लिया आप सभी ने स्क्रीनशॉट आगे पढ़े तो स्केर सिटी ही मेन रीजन है कि हम इकोनॉमिक्स को पढ़ते हैं तो इकोनॉमिक्स क्या होता है आने वाले उसमें डिफाइन करूंगी तो आपको ये चीजें क्लियर हो जाएंगी होप फुली ये चीज क्लियर हो गई चलो एक बार फिर से स्केरस रिफर टू द लिमिटेशन ऑफ सप्लाई इन रिलेशन टू द डिमांड फॉर अ कमोडिटी कि डिमांड इतनी ज्यादा है कि हमें ये चाहिए लेकिन सप्लाई उना नहीं है तो क्या होता हम क्या बोलते हैं स्केरस हो गई है कमी हो गई है है ना सो इट रेफर्स टू सिचुएशन व्हेन वांट्स एक्सीड द अवेलेबल रिसोर्सेस मतलब मार्केट में है ही नहीं कहां से दे दूं मैं आपको बहुत कमी है तो क्या होता है इवेंचर सिस्टम में जो अफोर्ड कर सकता है उसको वो परचेज कर लेता है जो नहीं कर पाता वो रह जाता है है ना सो एज अ रिजल्ट गुड्स आर नॉट रेडली अवेलेबल एंड सोसाइटी डज नॉट हैव इनफ रिसोर्सेस टू सेटिस्फाई ऑल द वांट्स ऑफ इट्स पीपल कि सबकी जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं स्केर सिटी में इसलिए हमें बहुत सोच समझ की चीजों को आगे बढ़ के लेना पड़ता है और उसी सोच समझने को हम क्या बोलते हैं इकोनॉमिक्स इकोनॉमिक्स एक ऐसी स्टडी है जो मेक श्योर करती है कि किस तरीके से जो हमारे पास क्या रिसोर्सेस हैं उसको हम कैसे यूटिलाइज करें ठीक है तो इसलिए हमें इकोनॉमिक्स पढ़ना पड़ रहा है ठीक है पेट्रोल वाला एग्जांपल मैंने आपको दिया था कि पेट्रोल की बहुत कमी है इसलिए उसका प्राइस बहुत ज्यादा हाई है लेकिन उसकी डिमांड बहुत ज्यादा है मार्केट में तो क्या होता है हर कोई भाई पेट्रोल अफोर्ड नहीं कर सकता है ना आप देखो मार्केट में गए होगे ये किसी चीज लोगों को बुरी भी लग सकती है कि यार लेकिन नहीं ये सच्चाई है आप पेट्रोल भरवाने जाते हो कुछ लोग होते हैं जो सिर्फ ₹ का भरवा हैं कोई ₹ का भरवा आता है कि ठीक है यहीं तक जाना है भर जाओ कुछ-कुछ लोग पूरी टैंकी फुल करा लेते हैं तो कहीं ना कहीं इनिक्वालिटी ऑफ इनकम आप देख सकते हैं कि हमारे यहां है कि हर कोई हर चीज अफोर्ड नहीं कर सकता ठीक है जैसे कि पेट्रोल स्केयर रिसोर्सेस है इसलिए उसका अगर कोई चीज एंडेंजर फिलहाल हमारे पास एंडेंजर बॉटल मिल जाती है तो हर कोई उसको कहीं ना कहीं अफोर्ड कर लेता है लेकिन पेट्रोल का केस में वो चीज है ही नहीं पेट्रोल क्योंकि ऑलरेडी बहुत ज्यादा उसकी स्केरस टी है बहुत कम है तो उस केस में हमें बहुत ज्यादा चीजों को चूज करना पड़ता है और इसलिए आप देखते हैं कि कुछ लोग पूरी टैंकी फिल करा लेते हैं है ना और कुछ लोग सिर्फ 50 20 का भरवा लेते कि यार यहां तक जाना है तो कहीं ना कहीं आपको वो चीजें देखने को मिलेगी कि इसलिए इकोनॉमिक्स ऐसा स्टडी है ना जो रियल लाइफ से बिल्कुल बहुत रिलेटेड है और यह आपको रियलिटी बताता है कि किस तरीके का हमारा सिस्टम है कौन-कौन सी दिक्कतें हैं और उसको सॉल्व करने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है और क्या-क्या हम ऑलरेडी कर रहे हैं ठीक है यह चीजें क्लियर हुई अब हम आते हैं इकोनॉमिक प्रॉब्लम स्टार मार्क कर लो इसको पहले तो बहुत इंपॉर्टेंट क्वेश्चन आते हैं इससे बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक है आपके एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू से हमने क्या बात करी कि रिसोर्सेस क्या हैं उनकी कमी है लिमिटेड है या हम बोल सकते हैं स्केर स्केर सिटी ऑफ रिसोर्सेस है लेकिन सिर्फ इतनी दिक्कत नहीं है भाई साहब ठीक है कौन-कौन सी दिक्कत है अभी मैं बताती हूं आपको पहली क्या दिक्कत है हमारे पास वेट आल ब्रिंगस स्लाइड पहली जो दिक्कत है हमारे पास वो क्या है स्केर सिटी की स्केर सिटी ऑफ रिसोर्सेस ठीक है स्केर सिटी ऑफ रिसोर्सेस जस्ट अ सेकंड फर्स्ट जो हमारे पास प्रॉब्लम है वो है स्कर सिटी ठीक है सेकंड क्या प्रॉब्लम है रिसोर्सेस स्केस है लेकिन उसके डिमांड अनलिमिटेड है ठीक है पेट्रोल कमी है लेकिन उसकी डिमांड कितनी ज्यादा है है ना तो हम उसको क्या बोलते हैं अनलिमिटेड डिमांड और थर्ड जो पॉइंट है आपके पास सिर्फ अनलिमिटेड डिमांड ही नहीं है एक और दिक्कत है कौन सी दिक्कत है ये जो रिसोर्सेस हमारे पास स्केस है ना उसको तो अल्टरनेट यूस भी है ठीक है स्केरस मतलब रिसोर्सेस की कमी रिसोर्सेस की कमी है लेकिन लोगों की डिमांड बहुत ज्यादा है है ना जैसे कि इसको ना पेट्रोल वाले एग्जांपल से ही हम समझ रहे हैं याद रखिएगा पेट्रोल क्या है स्कस है कमी है लेकिन डिमांड क्या है सबको पेट्रोल चाहिए ठीक है कार के लिए चाहिए हमें स्कूटी के लिए चाहिए हमें पेट्रोल चाहिए सबकी डिमांड है लेकिन सिर्फ पेट्रोल सिर्फ गाड़ियों के पेट्रोल के लिए तो यूज नहीं हो रहा ना सिर्फ गाड़ी चलाने के लिए उसके और भी यूस हैं पेट्रोल के तो हम कैसे डिफाइन करें तो वो एक इकोनॉमिक प्रॉब्लम है ठीक है देखो जैसे कि यूस ऑफ पेट्रोलियम हम देखते हैं ट्रांसपोर्टेशन के लिए यूज होता है मॉडर्न पावर के लिए यूज होता है वार्मिंग एंड लाइटिंग के लिए यूज होता है ग्रीसिस के लिए यूज होता है पेट्रो केमिकल्स के लिए यूज होता है कितने सारे यूजेस हैं लेकिन डिमांड उसकी इतनी ज्यादा है और ये इसकी कमी भी है इसी को हम क्या बोलते हैं इकोनॉमिक प्रॉब्लम ऑफ चॉइस कि यह हमारी तीन प्रॉब्लम्स हैं और इसको हम कैसे ठीक करें इसलिए हमें चॉइस बनानी पड़ती है कि जो हमारे पास रिसोर्स केयर है जिसके अल्टरनेट यूसेज भी हैं और लोगों की डिमांड इतनी ज्यादा है हम कैसे करें कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की डिमांड भी पूरी हो जाए और रिसोर्स जो हमारे पास कमी है उसको हम सही तरीके से यूटिलाइज भी कर पाएं होप फुली ये वाली चीज आपको क्लियर हुई होगी अच्छे से ठीक है तो बैक टू दिस वीडियो यह वाला जो पूरा आपका यह था चार्ट कि इकोनॉमिक प्रॉब्लम जैसे कि मैंने आपको बताया एक तरीके से तीन चीजें हैं स्कर्स ऑफ रिसोर्सेस है उसके साथ ही अनलिमिटेड वांट्स है वांट्स क्या है अनलिमिटेड है ठीक है स्केल ऑफ अर्जेंसी मतलब हमें उसकी जरूरत है अभी तो वांट्स क्या है हमारी अनलिमिटेड वांट्स है और यहीं पे बात करती हूं रिसोर्सेस की रिसोर्सेस हमारे पास लिमिटेड है तो ये तो इवर्स रिलेशन हो गया इवर्स रिलेशन मतलब अपोजिट हो गया कि हम रिसोर्सेस हमारे पास लिमिटेड है और आपको मांग उसकी इतनी ज्यादा है ठीक है नेक्स्ट क्या है और रिसोर्सेस सिर्फ लिमिटेड ही नहीं है एक और चीज है उसके अल्टरनेट यूजसुन का यूज है तो कैसे हम उसको अलॉट करें तो उसी को हम क्या बोलते हैं इकोनॉमिक प्रॉब्लम ठीक है समझ आया इसलिए हम रिसोर्सेस को बहुत बचा के चलते हैं हम अपने घर में पैसों को बहुत बचा के चलते हैं कि किस तरीके से यूटिलाइज करें कि आगे के लिए भी बच जाए आज का भी काम हो जाए और बिल्कुल भी पैसा वेस्ट ना हो वैसे ही इन में भी जितने भी रिसोर्सेस हैं हमें उसको बहुत अच्छे से फंक्शन करना रहता है कि लोगों की डिमांड्स ही फुलफिल हो और हमारा रिसोर्सेस भी बिल्कुल वेस्ट ना हो तो यही हमारे पास क्या होता है इकोनॉमिक प्रॉब्लम ऑफ चॉइस चॉइसेज कब बनानी पड़ती है ऑप्शंस हमें कब मिलते हैं और हमें चूज कब करना पड़ता है जब हमारे पास कोई कंडीशन हो कि हां आपको चूज करना पड़ेगा ही तो इकोनॉमिक्स भी एक ऐसी तरीके की कंडीशन है जहां पे आपको चूज करना पड़ेगा कि आपके पास रिसोर्सेस बहुत कमी है उसका अल्टरनेटिव यूज इतने सारे हैं और लोगों की डिमांड इतनी सारी है तो आप क्या ऑप्शन चूज करेंगे कि आप एक तरीके से सारे प्रॉब्लम को टैकल कर पाए उसी को हम क्या बोलते हैं इकोनॉमिक प्रॉब्लम ऑफ चॉइस ठीक है आप चाहे तो उसका स्क्रीनशॉट ले सकते हैं ठीक है ठीक है स्क्रीनशॉट ले लिया सभी ने इसी तरीके के डायग्राम्स आपको अपने कॉपीज में भी बनाने हैं देखो आपको याद रखना है इकोनॉमिक्स को आप जितना अच्छे से प्रेजेंट कर करते हो ना उतने ज्यादा अच्छे आपको मार्क्स मिलते हैं क्योंकि उसका प्रेजेंटेशन का खेल है आप जैसे अच्छे से ग्राफ्स बनाते हो शेड्यूल्स बनाते हो ऐसे फ्लोचार्ट्स बनाते हो ना एक तरीके से आपको बहुत ज्यादा अच्छा प्रेजेंटेशन होता है तो वो चीज आपको दिमाग में रखनी है मैं भी कोशिश करूंगी ज्यादा से ज्यादा फ्लो चार्ट्स और इस तरीके के चार्ट्स के थ्रू आपको एक्सप्लेन करूं ताकि एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू में आपको एक आईडिया हो कि किस तरीके का हम चार्ट्स बना सकते हैं ठीक है तो हमने कहां से शुरू किया कि इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स थी और इसी इकोनॉमिक प्रॉब्लम के लिए हमें चॉइस बनानी पड़ती है कि भाई हम लोग क्या कैसे चूज करें और किस तरीके से आगे बढ़े यह वाला टॉपिक क्लियर हो गया डन देखो एक फ्लो में याद होना चाहिए स्केरस है इसलिए क्योंकि अनलिमिटेड वांट्स हैं और उस अनलिमिटेड वांट्स के साथ-साथ जो रिसोर्सेस हैं उसके अल्टरनेटिव यूजेस भी है तीन या चीज याद होनी चाहिए स्कर्स है ठीक है अनलिमिटेड वांट्स है लोगों की और साथ ही में आपको याद रखना है कि जो हमारे पास रिसोर्सेस हैं उसकी भी क्या है चीज कि उसके अल्टरनेटिव यूजसुन के लिए यूज होता है मिठाई के लिए अलग यूज होता है पनीर के लिए अलग यूज होता है तो उस मिल्क को हम कैसे यूटिलाइज करें वो भी इकोनॉमिक प्रॉब्लम ऑफ चॉइस है कि हम उसको कहां कैसे यूटिलाइज करें कि मैक्सिमम प्रॉफिट मैं जनरेट कर पाऊं ठीक है इकोनॉमिक्स का यही ब्यूटीफुल साइट है कि हर छोटी चीज में ना आपको उसके एग्जांपल्स मिल जाएंगे बस कांसेप्ट को समझने की दे रही है फिर हर चीज में आपको इकोनॉमिक प्रॉब्लम ऑफ़ चॉइस ही देखे क्योंकि हर चीज की कमी है और हर बार हमें चॉइस करनी पड़ती है ठीक है चलिए नेक्स्ट बढ़ते हैं आगे जैसे कि इकोनॉमिक प्रॉब्लम को ऑलरेडी मैं आपको समझा चुकी हूं अब उसको लिखना कैसे है एग्जाम पॉइंट ऑफ़ व्यू में यह देखते हैं सो इकोनॉमिक प्रॉब्लम इज़ अ प्रॉब्लम दिक्कत है है ना ऑफ चॉइस इवॉल्विंग सेटिस्फैक्ट्रिली [संगीत] कर रही थी ना उसी की डेफिनेशन है यह किस चीज़ की प्रॉब्लम है प्रॉब्लम ऑफ़ चॉइस है किस चीज़ की कि हमारी जो बंड्स है वह अनलिमिटेड है फर्स्ट ऑफ़ ऑल तो बंड्स अनलिमिटेड है कभी ख़त्म ही नहीं होती ह्यूमन व हर चीज अच्छी चाहिए साथ ही में हमारे पास रिसोर्सेस लिमिटेड है और जो रिसोर्सेस लिमिटेड है ना उसके अल्टरनेटिव यूजेस भी है तो ऐसा क्या करें कि सब चीजें सेटिस्फाई हो जाए सब चीजें ठीक से चले उसी को हम क्या बोलते हैं इकोनॉमिक प्रॉब्लम ठीक है चलो अब हम आ जाते हैं हमारा शुरुआत से जो कहानी शुरू करी कि इकॉनमी होती है उसकी एक्टिविटीज होती है उसकी प्रोसेस होती है उसकी प्रॉब्लम होती है स्केरस होती है अब हम डिफाइन करेंगे कि भाई इ इकोनॉमिक्स क्या होता है मैंने क्या बोला हम इकोनॉमिक्स क्यों पढ़ रहे ह उसका सिर्फ वन वर्ड आंसर है दैट इज स्केर सिटी वेरी इंपॉर्टेंट आपके वन मार्क्स क्वेश्चन में आता है कि व्हाई वी स्टडी इकोनॉमिक्स तो उसका आंसर क्या है स्केरस यानी किसी चीज की कमी होना ठीक है कमी किस चीज में कि जितनी डिमांड हम कर रहे हैं ना उतना सप्लाई गुड्स एंड सर्विसेस का नहीं है उसी को हम क्या बोलते हैं स्केरस टी ठीक है डन अब हम आ जाते हैं कि इकोनॉमिक्स को कैसे डिफाइन करेंगे सो इकोनॉमिक्स इज अ सोशल साइंस दैट स्टडीज द वे अ सोसाइटी ूजस टू यूज इट्स लिमिटेड रिसोर्सेस व्हिच हैव अल्टरनेटिव यूजेस टू प्रोड्यूस गुड्स एंड सर्विसेस एंड टू डिस्ट्रीब्यूटर ग्रुप्स ऑफ पीपल देखा अभी जो तीन शब्द बार-बार रिपीट किए मैंने स्केरस अनलिमिटेड रिसोर्सेस सॉरी स्केरस अनलिमिटेड वांट्स और साथ ही में आपका था कि हमारे पास उसके अल्टरनेटिव यूसेज भी हैं ये बार-बार बारबार डेफिनेशन में रिपीट हो रहे हैं तो वही चीज है आपको बस एक बार कांसेप्ट समझना है उसके बाद वही चीज बार-बार रिपीट हो रही है तो उसमें कोई टेंशन वाली बात ही नहीं है ठीक है तो इकोनॉमिक्स ऐसा सोशल साइंस है ठीक है सोशल साइंस है क्योंकि सिर्फ इसको साइंस नहीं बोल सकते क्योंकि यहां पे हम डील कर रहे हैं लोगों से भी कस्टमर से भी प्रोड्यूसर से कहीं ना कहीं ह्यूमन बीइंग्स का इवॉल्वमेंट है इसलिए हम इसको सोशल साइंस बोल रहे हैं ठीक है साइंटिफिक चीजें क्या होती हैं एकदम फैक्ट की तरह होती हैं कि जो चीज है सो है लेकिन जब हम ह्यूमन टर्म्स में बात करते हैं जो लोगों से डील करते हैं तो कहीं ना कहीं साइंटिफिक लॉजिक तो डेफिनेटली लगता है लेकिन उसके अलावा भी चीजें होती हैं जो चेंज होती है इसलिए हम उसको इकोनॉमिक्स से सिर्फ साइंस नहीं बोल रहे सोशल साइंस बोल रहे हैं ठीक है क्या है हम क्यों करते हैं स्टडी इसलिए स्टडी कर रहे हैं किस चीज को कि सोसाइटी यानी हम लोग जो एक ग्रुप ऑफ पीपल है कैसे डिसाइड करता है कि जो रिसोर्सेस लिमिटेड हैं वांट्स इतनी ज्यादा है उसके अल्टरनेटिव यूस भी है रिसोर्सेस के उसमें से कैसे चूज करें और किस तरीके से लोगों को डिस्ट्रीब्यूटर उसी को हम क्या बोलते हैं इकोनॉमिक्स तो यह वाली डेफिनेशन अगर डिफिकल्ट लग रही है तो एक सिंपल डेफिनेशन में लिख के आई हूं उसको आप लिख लीजिए सो इकोनॉमिक्स इज ऑल अबाउट मेक चॉइसेज इन द प्रेजेंस ऑफ स्केरस टी इकोनॉमिक्स क्या है कि चॉइस बनानी है कि जब हमारे पास रिसोर्सेस स्केर हो एम्स टू इंश्योर हमारा यही गोल है कि रिसोर्सेस आर यूज्ड इन द बेस्ट पॉसिबल मैनर एंड इकोनॉमिक्स इज अ सोशल साइंस क्या है कि आपको चॉइस बनानी है स् कैसिडी के टाइम पे और ऐसी चीजों को चूज करना है यही गोल है कि आप ऐसे डिसीजन लीजिए कि हर लोग को फायदा हो आपके इकॉनमी में और आपकी इकॉनमी ग्रो हो जैसे कि इंडियन गवर्नमेंट भी जानती है हम बजट का वेट कर करते हैं है ना हर साल बजट का वेट करते हैं कि यार कितना परसेंट हम एजुकेशन में लगा रहे हैं कितना रिसर्च में लगा रहे हैं कितना एग्रीकल्चर के लिए जा रहा है कितना रेलवे के लिए जा रहा है अब गवर्नमेंट के पास ही बजट जो है उसके पास लिमिटेड अमाउंट ऑफ मनी है लेकिन किस तरीके से वो ऐसे एलोकेट कर रहा है कि सभी लोगों को फायदा भी हो हमारी इकॉनमी भी ग्रो करे हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप हो हर एक चीज को हम स्टडी कर रहे हैं तो वो भी क्या है इकोनॉमिक्स वो मैक्रो लेवल पे है उसी को तो हम छोटे लेवल पे हम चीजों को पढ़ेंगे एज एन इंडिविजुअल मार्केट की तरह तो माइक्रो में आता है अभी आने वाले उसमें माइक्रो मैक्रो का भी डिफरेंस हम समझेंगे होप फुली लेकिन इस क्लास के बाद आपको इकॉनमी इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स इकोनॉमिक प्रॉब्लम ऑफ चॉइस और इकोनॉमिक्स का मीनिंग क्लियर हो गया होगा कोई भी डाउट हो कोई भी चीज समझ नहीं आई हो फीडबैक आप देना चाहते हो कमेंट सेक्शन में जरूर आप मुझे बता दीजिएगा ठीक है इतना क्लियर हुआ इसका स्क्रीनशॉट लेना है तो आप ले लीजिए जल्दी हेलो स्टूडेंट ठीक है यह पूरा स्क्रीनशॉट ले लिया आपने चलो ग्रेट तो बस यही था आज की क्लास में इस वीडियो में हमने कुछ तीन-चार टॉपिक्स कवर किए हैं जो आप इंट्रोडक्शन पॉइंट ऑफ व्यू से बहुत इंपॉर्टेंट है आने वाले सेशंस में भी हम चैप्टर नंबर वन को कंटिन्यू करने वाले हैं तो बिल्कुल बने रहना है आपको इस सीरीज में और बिल्कुल भी कोई भी क्लास स्किप नहीं करनी है बहुत शॉर्ट वीडियोस हैं कोशिश करी है मैंने कि आपको बहुत क्वालिटी कंटेंट प्रोवाइड करूं ऐसे एग्जांपल्स हूं जिसके थ्रू आपको इकोनॉमिक्स बहुत इजली समझ आ जाए ठीक है तो सारी चीजें आज हमने कवर करी है वंस अगेन आपको बता देती हूं मैग्नेट बंस एक ऐसा चैनल है जो प्रोवाइड करता है फ्री एंड क्वालिटी एजुकेशन सीबीएसई की बात करूं तो पूरा किंडरगार्डन से लेकर 12 तक की सारे ही कोर्सेस अब्सोल्युटली फ्री हैं एनसीआरटी सॉल्यूशंस भी हैं और टॉपिक वाइज सॉल्यूशंस के साथ-साथ हर एक चीज का कवरेज हमने किया है साथ ही में हिंदी मीडियम चैनल पे भी आपको क्लास सिक्स से लेकर क्लास 12 तक के ही सारी चीजें अवेलेबल हो जाएंगी सॉल्यूशंस प्लस वीडियो कॉन्सेप्ट्स एवरीथिंग इज क्लियर ठीक है साथ ही में अगर आप ई नोटबुक्स भी लाना चाहते हैं और ई नोट्स भी चाहते हैं तो उसकी लिंक डिस्क्रिप्शन बॉक्स में में गिवन है आप जाके चेक आउट कर सकते हैं सीबीएसी के अलावा भी और भी सारे स्टेट बोर्ड्स को हम कवर करते हैं जैसे कि दिल्ली बोर्ड बिहार बोर्ड यूपी 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