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मनोविज्ञान में नैतिकता का विकास
Feb 19, 2025
मनोविज्ञान में नैतिकता का इतिहास
नैतिक कोड की स्थापना
मनोविज्ञान पहला मानसिक स्वास्थ्य पेशा है जिसने नैतिक कोड स्थापित किया।
यह कोड पेशेवरों के लिए एक मॉडल के तौर पर काम करते हैं।
नैतिक उल्लंघन और चुनौतियाँ
बहुत से मनोवैज्ञानिकों ने नैतिक उल्लंघन किए हैं।
नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ा है।
कई प्रयोगों में मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ।
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) का योगदान
APA ने नैतिक दुविधाओं का समाधान करने के लिए सिद्धांत और मानक प्रस्तुत किए।
1947 में पहली नैतिक मानक समिति का गठन किया गया।
समिति के अध्यक्ष: एदवर्ड डैलमैन।
नैतिक मानकों का विकास
समिति ने नैतिक दुविधाओं पर चर्चा की और वैज्ञानिक तथा अनुभवजन्य मानकों का विकास किया।
1948 में, समिति ने APA सदस्यों से नैतिक दुविधाओं के मामले प्रस्तुत करने के लिए कहा।
1000 से अधिक मामले प्राप्त हुए।
निकोलस होप द्वारा दूसरी समिति का गठन किया गया।
प्रमुख श्रेणियाँ
सार्वजनिक जिम्मेदारी
ग्राहक संबंध
शिक्षण
अनुसंधान
लेखन और प्रकाशन
पेशेवर संबंध
नैतिक कोड का पहला संस्करण
1953 में प्रकाशित पहला नैतिक कोड, 171 पृष्ठों में 106 सिद्धांतों के साथ।
आलोचना: बहुत से सिद्धांतों में ओवरलैप और समानताएँ।
गैर- क्लिनिकल क्षेत्रों में कम महत्व।
कोड में संशोधन
106 सिद्धांतों को घटाकर 18 किया गया।
Length: 171 पृष्ठों से घटकर 4 पृष्ठ।
सिद्धांतों को व्यापक और स्पष्ट किया गया।
कुछ मामलों के उदाहरण भी शामिल किए गए।
APA नैतिक कोड के उद्द ेश्य
पेशे की अखंडता स्थापित करना।
पेशेवरों को जिम्मेदारियों को समझने में मदद करना।
सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाना।
पेशेवरों की स्व-निगरानी में सहायता।
निष्कर्ष
इस पाठ में APA के नैतिक कोड की विकास प्रक्रिया और संशोधन पर चर्चा की गई।
आगामी पाठों में APA के मैनुअल और सिद्धांतों पर चर्चा की जाएगी।
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