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Dual Nature of Radiation and Matter

खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा अभी और उड़ान बाकी है जमीन नहीं है मेरी मंजिल अभी पूरा आसमान बाकी है न्यूटन साहब ने कॉरपस्कुलर थ्योरी ऑफ लाइट दिया था जिन्होंने लाइट के पार्टिकल नेचर पर फोकस किया बाद में हाइगर आए उन्होंने कहाना कहा नहीं नहीं भाई लाइट के पास वेव नेचर होता है लाइट हैज डुअल नेचर लाइट के पास डबल नेचर होता है दो तरीके से लाइट बिहेव कर सकता है क्वांटम नेचर ऑफ लाइट यानी पार्टिकल नेचर ऑफ लाइट की बात कर रहे हैं यानी फोटॉन्स के बारे में पढ़ रहे हैं खोल दे पंख कहता है परिंदा अभी और उड़ान बाकी है अर्ज किया है ध्यान से सुनिए खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा अभी और उड़ान बाकी है जमीन नहीं है मेरी मंजिल जमीन नहीं है मेरी मंजिल अभी पूरा आसमान बाकी है तो माइंड मैप सीरीज में आप सभी का बहुत-बहुत वेलकम है मैं हूं शैलेंद्र पांडे आपका अपना फिजिक्स एजुकेटर मेरे प्यारे बच्चों इस सेशन में हम लोग डुअल नेचर ऑफ रेडिएशन एंड मैटर इस चैप्टर को पूरी तरीके से कंप्लीट करने वाले हैं इस चैप्टर का माइंड मैप आपके दिमाग में सेट करने वाले हैं ताकि आपको जब भी कभी इस चैप्टर का रिवीजन करना हो आप तुरंत इस लेक्चर पर आएं और अपने पूरे चैप्टर को बहुत ही क्विकली बहुत ही कम टाइम में रिवाइज करें और उसके बाद न्यूमेरिकल्स पर टूट पड़े राइट तो आ जाइए स्टार्ट करते हैं इस चैप्टर में इस सेशन में हम लोग क्या-क्या पढ़ेंगे डुअल नेचर ऑफ रेडिएशंस के बारे में पढ़ेंगे फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट के बारे में पढ़ेंगे कैरेक्टरिस्टिक ऑफ फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट पढ़ना है आइंस्टाइन एक्सप्लेनेशन ऑफ फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट पढ़ेंगे और डी ब्रोग हाइपोथेसिस के बारे में भी यहां पर पढ़ेंगे तो इन पांच टॉपिक्स में मैंने आपका यह पूरा चैप्टर कैटेगरी इज कर रखा है सबसे पहले डुअल नेचर ऑफ रेडिएशंस की बात करते हैं देखो जैसे अगर बात किया जाए लाइट का तो लाइट के पास वेव नेचर तो है ही वेव ऑप्टिक्स तो आप पढ़ ही चुके हो उसके पहले पहले भी आपने यह भी पढ़ रखा है कि लाइट के पास डुअल नेचर होता है यानी लाइट के पास पार्टिकल नेचर भी है और लाइट के पास वेव नेचर भी है कुछ लोगों ने जैसे न्यूटन साहब ने कॉरपस्कुलर थ्योरी ऑफ लाइट दिया था जिन्होंने लाइट के पार्टिकल नेचर पर फोकस किया बाद में हाइगर आए उन्होंने कहा कहा नहीं नहीं भाई लाइट के पास वेव नेचर होता है तो मेरे प्यारे बच्चों लाइट डुअल कैरेक्टर शो करता है राइट तो कहने का मतलब ये है इट इज वेल नोन दैट फिनोमेना लाइक इंटरफेरेंस डिफ्रेक्शन एंड पोलराइजेशन इंडिकेट दैट लाइट हैज वेव नेचर तो ये जो तीनों फिनोमेना है आपके सिलेबस में भी है पोलराइजेशन अब हट गया है सिलेबस से लेकिन पहले यह भी सिलेबस में हुआ करता था तो इंटरफेरेंस डिफ्रेक्शन और पोलराइजेशन ये तीनों ही जो प्रोसेस हैं वो लाइट के वेव नेचर को रिप्रेजेंट करते हैं बल्कि उनकी जगह बट सम फेनोमेना लाइक फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट जो कि हम डिटेल में पढ़ेंगे कॉम्पटन इफेक्ट एमिशन एंड अब्जॉर्प्शन ऑफ द रेडिएशन कुड नॉट बी एक्सप्लेंड बाय द वेव नेचर जबकि कॉमटन इफेक्ट हो गया एब्जॉर्ब या रिलीज या एमिशन ऑफ रेडिएशन हो गया फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट हो गया यह लाइट के यानी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव के किसी पार्टिकल नेचर को रिप्रेजेंट करने वाले फिनोमेना है ये वेव नेचर से इनको हम एक्सप्लेन नहीं कर सकते हैं दीज वर एक्सप्लेन बाय पार्टिकल और क्वांटम नेचर ऑफ लाइट हेंस लाइट हैज डुअल नेचर लाइट के पास डबल नेचर होता है दो तरीके से लाइट बिहेव कर सकता है अब आ जाइए आगे की बात करते हैं यानी कि हम क्वांटम नेचर ऑफ लाइट यानी पार्ट टिकल नेचर ऑफ लाइट की बात कर रहे हैं यानी फोटॉन्स के बारे में पढ़ रहे हैं तो ऐसा माना जाता है लाइट इज कंपोज्ड ऑफ पार्टिकल्स नोन एज फोटॉन्स हर एक फोटोन को एनर्जी पैकेट कहा जाता है हर एक फोटोन के पास h न्यू के बराबर एनर्जी होती है उसका अपना मोमेंटम होता है h / लडा तो आइए इन्हीं चीजों को आपको बताते हैं सम फेनोमेना लाइक फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट कॉमटन इफेक्ट रमन इफेक्ट आल्सो नॉट एक्सप्लेंड बाय वेव थ्योरी ऑफ लाइट ठीक है तो आपसे कभी पूछा जाए पार्टिकल थ्योरी रिप्रेजेंट करने वाले फेनोमेना बता बताइए तो आप ये चार फेनोमेना का नाम बेटा लिख सकते हैं अकॉर्डिंग टू क्वांटम थ्योरी ऑफ़ द लाइट लाइट इज़ प्रोपेगेटेड इन बंडल्स ऑफ स्मॉल एनर्जी ईच बंडल बीइंग कॉल्ड अ फोटोन एंड पोजिंग अ एनर्जी e = h न्य ऐसा माना जाता है कि लाइट इज कंपोज्ड ऑफ फोटॉन्स और हर एक फोटोन को एनर्जी पैकेट कहते हैं क्योंकि हर एक फोटोन के पास सर्टेन अमाउंट ऑफ़ एनर्जी होती है और उस एनर्जी का फार्मूला है h न जिसमें ये जो h है बेटा वो प्लाक्स कांस्टेंट है और प्लाक्स कांस्टेंट की वैल्यू होती है 6.6 * 10 टू पावर - 34 जूल सेकंड के बराबर न्य का मतलब है फ्रीक्वेंसी ऑफ़ दैट फोटोन फ्रीक्वेंसी को c / लडा भी लिखा जा सकता है और यह जो c / लड वाला फार्मूला आया ना ये वेव की प्रॉपर्टी से आया है क्योंकि v = f ल दिस इज़ अ फॉर्मूला फॉर एनी वेव वेव की स्पीड वेव की फ्रीक्वेंसी और वेव के वेवलेंथ के बीच का यह फार्मूला होता है v = f लडा तो यहां पर हम लोग कह सकते हैं ना कि अगर लाइट की मैं बात कर रहा हूं तो उसकी स्पीड हो गई c के बराबर दैट इज 3 * 10 की पावर 8 है ना फ्रीक्वेंसी को f लिख सकते हैं या उसी फ्रीक्वेंसी को यहां पर न्य से रिप्रेजेंट किया गया है इंटू लडा तो यहां से बेटा बन जाता है कि न्य जो है दैट इज इक्वल टू c / लडा यानी फ्रीक्वेंसी ऑफ लाइट जो है वो स्पीड ऑफ लाइट डिवाइडेड बाय वेवलेंथ ऑफ लाइट के बराबर होता है मोमेंटम ऑफ फोटोन की बात करें तो फोटोन का जो मोमेंटम है वो h न / c या h / लडा के बराबर होता है क्या बात आई सर ये कहां से आया तो बेटा दो फॉर्मूले एक फॉर्मूला ये रहा हमारा hc1 ल दूसरा फॉर्मूला था आइंस्टीन का e = mc2 यानी मास एनर्जी इक्विवेलेंस वाला जो फॉर्मूला था ठीक है e = mc2 अगर इन दोनों फॉर्मूले को हम इक्वेट कर दें क्योंकि दोनों ही एनर्जी के फॉर्मूले हैं तो h / लड जो है दैट इज़ इक्वल टू मास * स्पीड ऑफ़ लाइट इसी को मैं मोमेंटम कह सकता हूं तो ये अल्टीमेटली जो है h / लडा मोमेंटम के बराबर निकल कर आ जाएगा रेस्ट मास ऑफ फोटोन बेटा जीरो है यानी कि अगर फोटोन रेस्ट कंडीशन में है तो उसका मास कितना होता है वो जीरो के बराबर डायनेमिक या काइनेटिक मास ऑफ फोटोन यानी जब कोई फोटोन मोशन में हो तब उसका मास अगर निकालना है तो आप यहां से निकाल सकते हैं m = h / c लडा तो देखो वही यहां पर लिखा हुआ है जिसका फार्मूला आप यहां से बना सकते हैं कुछ इस तरीके से राइट दैट इज h न्य / c स् ठीक ये तरीका है मास को निकालने का इसी एक्सप्रेशन से यानी कि यहां जितने भी तुम्हें फॉर्मूले दिखाई पड़ रहे हैं सब फॉर्मूले की जड़ बस एक ही है फोटोन की एनर्जी कितनी है एन के बराबर और वही mc1 के बराबर भी हो सकता है वहां से m निकाल लो तो ये आपका मास ऑफ फोटोन आ जाएगा अगर वो फोटोन मोशन में है लेकिन अगर फोटोन रेस्ट में माना जाए तो उसका मास जीरो के बराबर होता है अब बात आई सर ठीक है आ जाइए सीधे पार्टिकल नेचर की बात करते हैं तो इस चैप्टर में बेटा पार्टिकल नेचर को रिप्रेजेंट करने वाला फेनोमेना है फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट यह कहता है कुछ फोटो सेंसिटिव मटेरियल होते हैं जिनके ऊपर अगर सनलाइट इंसीडेंट कराई जाए तो इनमें से इलेक्ट्रोंस निकल जाते हैं और सर्किट में करंट का फ्लो होने लगता है ये ऐसा ऑब्जर्वेशन किया गया है इसी को फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट कहते हैं लेकिन मैटर ये है कि सर आखिर इलेक्ट्रॉन कैसे निकलेंगे सर क्या-क्या फैक्टर्स हैं जो इसको अफेक्ट कर रहे होंगे तो आइए डिटेल में इन चीजों को हम लोग पढ़ते हैं द फेनोमेना ऑफ एमिशन ऑफ द इलेक्ट्रॉन फ्रॉम द मेटलिक सरफेस बाय द यू ऑफ लाइट एनर्जी इज कॉल्ड फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट को सबसे पहले डिस्कवर किया था लेनार्ड ने ठीक है इट वाज डिस्कवर्ड बाय लेनार्ड द फोटोइलेक्ट्रिक एमिशन द मेटल्स मस्ट हैव लो वर्क फंक्शन देखो किसी भी मेटल के लिए एक टर्म डिफाइन किया जाता है जिसका नाम है वर्क फंक्शन तो बाद आई सर यह वर्क फंक्शन क्या होता है वर्क फंक्शन का मतलब है बेटा मिनिमम अमाउंट ऑफ एनर्जी मिनिमम अमाउंट ऑफ एनर्जी रिक्वायर्ड फॉर मिनिमम अमाउंट ऑफ एनर्जी रिक्वायर्ड फॉर एमिशन ऑफ एमिशन ऑफ एन इलेक्ट्रॉन फ्रॉम मेटल सरफेस यानी कि मेटल के सरफेस से एक इलेक्ट्रॉन को निकाल ने के लिए जो मिनिमम अमाउंट ऑफ एनर्जी रिक्वायर्ड है वह वर्क फंक्शन कहलाता है अब सोचो अगर वर्क फंक्शन बहुत कम होगा तभी हम लोग इलेक्ट्रॉन को इजली निकाल सकते हैं तो फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट शो कराना है तो लो वर्क फंक्शन होना चाहिए जो कि अल्कली मेटल्स का होता है जिसमें सबसे बढ़िया एग्जांपल है सीजियू यानी फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट शो करने के लिए सबसे बढ़िया मेटल आप कौन सा ले सकते हैं सीजियू जिसमें फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट अच्छे से शो होता है क्योंकि इसके लिए जो वर्क फंक्शन की वैल्यू है मेरे प्यारे बच्चों वो वर्क फंक्शन कम होता है लो वैल्यू ऑफ वर्क फंक्शन होता है तो सबसे पहले वही बात आ गई भाई वर्क फंक्शन क्या है तो मैं बता भी चुका हूं मिनिमम एनर्जी व्हिच मस्ट बी सप्लाइड टू एन इलेक्ट्रॉन सो दैट इट कैन जस्ट कम आउट ऑफ द मेटल सरफेस इज कॉल्ड वर्क फंक्शन इसको फाई से हम लोग रिप्रेजेंट करते हैं या फिर आप इसको ड नॉ से भी रिप्रेजेंट कर सकते हो और इस वर्क फंक्शन नॉ या आप इसको फ नॉ भी लिख सकते ते हैं इसकी वैल्यू होती है h न्य नॉ के बराबर राइट है h न्य न के बराबर जहां पर ये जो न्यू नॉट है दैट इज थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी दैट इज थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी अब बाता आइए सर ये थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी क्या है बेटा थ्रेस होल्ड फ्रीक्वेंसी इंसीडेंट फोटोन की वो मिनिमम फ्रीक्वेंसी है व्हिच इज रिक्वायर्ड फॉर द एमिशन ऑफ इलेक्ट्रॉन भाई इलेक्ट्रॉन निकालने के लिए हमें मिनिमम वर्क फंक्शन वाली एनर्जी तो चाहिए मान लो फॉर एग्जांपल वर्क फंक्शन की एनर्जी है 40 जूल के बराबर अब जो फोटोन आ रहा है भाई सनलाइट गिरा के अगर मैं इलेक्ट्रॉन निकाल रहा हूं तो सनलाइट का मतलब फोटोन आ रहा है अगर आने वाले फोटॉन्स के पास एनर्जी 40 जूल की है तभी तो इलेक्ट्रॉन बाहर निकल पाएगा अगर आने वाले इलेक्ट्रॉन की फोटोन की एनर्जी है मान लो 30 जूल या 20 जूल तो क्या ये इस इलेक्ट्रॉन को निकाल पाएगा नहीं निकाल पाएगा बेटा तो आने वाले फोटोन की जो एनर्जी है वो इस 30 जूल के या तो बराबर रखो 40 जूल के या उससे ज्यादा रखो यानी कि वर्ग फंक्शन के या तो बराबर रखो या उससे ज्यादा रखो तो उस आने वाले वर्ग फंक्शन के करेस्पॉन्डिंग्ली फोटोन की फ्रीक्वेंसी अगर थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी या इसके बड़ी है तब तो इलेक्ट्रॉन निकलेगा अदर वाइज एक भी इलेक्ट्रॉन निकलने वाला नहीं है ठीक है सो इट डिपेंड्स ऑन द प्रॉपर्टी ऑफ द मेटल नेचर ऑफ द सरफेस एंड इंप्योरिटीज ये वर्क फंक्शन जो है वो मेटल की प्रॉपर्टीज पर डिपेंड करता ता है यह सरफेस के नेचर पर डिपेंड करता है और इंप्योरिटीज क्या है उन पर डिपेंड करता है बाकी क्योंकि एनर्जी है तो इसका जो यूनिट है वो जूल है या फिर इलेक्ट्रॉन वोल्ट भी होता है और वन इलेक्ट्रॉन वोल्ट का सिंपल मतलब है एक इलेक्ट्रॉन को एक वोल्ट के पोटेंशियल डिफरेंस से अगर पास कराओ तो उसके अंदर 1.6 * 10 की पावर -1 जूल के बराबर एनर्जी आ जाती है इसी एनर्जी को बेटा वन इलेक्ट्रॉन वोल्ट की एनर्जी कहा जाता है फिर आ जाओ ऑब्जर्वेशंस की बात करते हैं तो मैंने आपसे वही कहा कि भाई एक फोटो सेंसिटिव मेटल प्लेट होगा ये फोटो सेंसिटिव प्लेट है दिस इज फोटो सेंसिटिव इट इज फोटो सेंसिटिव मेटल प्लेट ये मेटल का प्लेट है बेटा वो भी फोटो सेंसिटिव है यानी कि लाइट के लिए सेंसिटिव है इसके ऊपर अब हम लोग क्या कर रहे हैं अल्ट्रावायलेट रेडिएशंस गिरा रहे हैं हर एक जो लाइट आ रही है है उसमें फोटॉन्स हैं हर एक फोटोन की अपनी एनर्जी है जो कि एन के बराबर है हर एक फोटोन जब आता है तो अपनी सारी एनर्जी किसी एक ही इलेक्ट्रॉन को देता है ये बात ध्यान रखना एक फोटोन अपनी सारी एनर्जी इसके एक इलेक्ट्रॉन को देगा और अगर वो एनर्जी वर्क फंक्शन के बराबर है या वर्क फंक्शन से ज्यादा है तो इलेक्ट्रॉन बाहर निकलेगा अदर वाइज इलेक्ट्रॉन बाहर नहीं निकलेगा अब मान लो वर्ग फंक्शन है फॉर एग्जांपल 40 जूल के बराबर आने वाले फोटोन की एनर्जी अगर 30 जूल है 20 जूल है तो वो एनर्जी इलेक्ट्रॉन एब्जॉर्ब कर लेगा और बात खत्म हो गई कुछ नहीं होने वाला है ठीक है लेकिन अगर वो 40 जूल की एनर्जी लेकर आया तो उस 40 जूल की एनर्जी से इलेक्ट्रॉन जस्ट सरफेस के बाहर निकल जाएगा बस लेकिन इलेक्ट्रॉन में अभी कोई काइनेटिक एनर्जी नहीं है लेकिन आने वाले फोटॉन्स की एनर्जी अगर 60 जूल के बराबर है तो 40 जूल से तो वो जस्ट बाहर निकलेगा और जो बचे 20 जूल है उससे वो भागेगा ठीक है आगे की तरफ बढ़ रहा होगा देखो हमारा एम केवल इलेक्ट्रॉन को जस्ट बाहर निकालना नहीं है हमारा एम है यहां से बाहर निकालो तो इस दूसरी प्लेट तक एनोड तक वो पहुंच जाए एक प्लेट हो गई कैथोड और एक प्लेट हो गई एनोड कैथोड पर हम लोग नेगेटिव डेवलप करते हैं और एनोड पर बेटा हम लोग पॉजिटिव डेवलप करते हैं ठीक है पॉजिटिव इसलिए मैंने डेवलप करवाया कि अगर यहां से इलेक्ट्रॉन निकल रहा है तो ये पॉजिटिव उनको अपनी तरफ अट्रैक्ट करे क्योंकि अल्टीमेट एम क्या है हमारा जब इलेक्ट्रॉन यहां से निकलकर इस प्लेट तक जाएगा तभी सर्किट कंप्लीट होएगा तभी करंट का फ्लो वहां पर पॉसिबल हो पाएगा राइट तो हम चाहते हैं कि इलेक्ट्रॉन कैथोड से निकले और फाइनली एनोड तक पहुंच जाएं ठीक है इस प्रोसेस को बढ़ाने के लिए सपोर्ट करने के लिए हमने एक सेल या बैटरी कनेक्ट कर दिया है उसने यहां पर एक पॉजिटिव पोटेंशियल क्रिएट किया या कह लो पॉजिटिव चार्ज क्रिएट किया और यहां पर नेगेटिव चार्ज क्रिएट किया नेगेटिव क्या करेगा निकलने वाले इलेक्ट्रॉन को रिपल करेगा पॉजिटिव निकलने वाले इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ अट्रैक्ट कर रहा होगा अब जैसे-जैसे इस वाली बैटरी के पोटेंशियल को आप इंक्रीज करते जाएंगे वैसे-वैसे इस प्रोसेस का सपोर्ट होता जाएगा यानी बैटरी का जो पॉजिटिव पोटेंशियल यानी इधर वाली प्लेट का जो पॉजिटिव पोटेंशियल है सो पॉजिटिव पोटेंशियल ऑफ एनोड सपोर्ट्स द प्रोसेस मैं लिख रहा हूं ध्यान से समझना एकएक बात को 100% क्लियर हो जाएगा पॉजिटिव पोटेंशियल ऑफ एनोड सपोर्ट फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट ठीक है फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट को वो सपोर्ट कर रहा है या फिर हम इसको पूरा ही लिख दे है ना पॉजिटिव पोटेंशियल ऑफ द एनोड सपोर्ट्स प्रोसेस फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट के इस प्रोसेस को वह पूरी तरीके से सपोर्ट कर रहा है लेकिन अगर मैं कभी बैटरी को पलटू अगर मैंने बैटरी को पलट दिया तो अब यहां पर नेगेटिव पोटेंशियल डेवलप होगा बट बट नेगेटिव पोटेंशियल ऑन एनोड विल अपोज द प्रोसेस ठीक है यानी कि अगर हम लोग कभी भी इस बैटरी को पलट देंगे बेटा तो यहां नेगेटिव आएगा यहां पॉजिटिव आएगा ये नेगेटिव आने वाले इलेक्ट्रॉन को रिपल करेगा तो जब हमें प्रोसेस का सपोर्ट करवाना होगा हम लोग ऐसे जोड़ेंगे जब हमें प्रोसेस का पोज कराना होगा तो हम उल्टा कर देंगे मिली अमीटर जोड़ रखा है ताकि पता चल जाए कि भाई कितना करंट वहां पर फ्लो हो रहा है मिलीमीटर का मतलब होता है यह ऐसा अमीटर है बेटा जो 10 की पावर -3 एंपियर के रेंज में वैल्यूज को मेजर करता है यानी इससे यह पता चलता है कि फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट में जो करंट है वो बहुत बड़ा करंट नहीं फ्लो होगा कि 2 एंपियर 5 एंपियर का करंट फ्लो हो रहा है नहीं वहां बहुत छोटा करंट फ्लो होगा मिली एंपियर में 10 की पावर -3 के रेंज में करंट फ्लो हो रहा होगा राइट है तो यह हमारे बेटा ऑब्जर्वेशंस है अब इस चैप्टर में इस पूरे टॉपिक में दो चीजों की बात बहुत ज्यादा आपसे किया जाएगा सबसे पहला है फोटोन के रिस्पेक्ट में यानी जो इंसीडेंट फोटॉन्स है ना वहां पर दो पॉइंट्स की बात आपसे किया जाएगा सबसे पहला इंसिडेंट फोटॉन्स की इंटेंसिटी सबसे पहली चीज क्या है इंसीडेंट फोटॉन्स की इंटेंसिटी तो मैं आपको पहले ही ये बात समझा दूं इंटेंसिटी का मतलब होता है इंटेंसिटी जो है दैट इज रिलेटेड विद रिलेटेड विद नंबर ऑफ फोटॉन्स कभी भी मैं आपसे कहूंगा कि बेटा इंटेंसिटी को बढ़ा दिया इसका सिंपल सा मतलब है आने वाले फोटॉन्स का नंबर बढ़ गया है पहले 10 फोटोन आ रहे थे इंटेंसिटी बढ़ा दिया 100 फोटॉन्स आने लगे राइट ये इसका मतलब होता है और दूसरी चीज आपके पास यहां पर आएगी फ्रीक्वेंसी ऑफ फोटोन फ्रीक्वेंसी ऑफ फोटोन का लेना देना बेटा एक फोटोन की एनर्जी से होता है दैट इज रिलेटेड विद दैट इज रिलेटेड विद एनर्जी ऑफ एनर्जी ऑफ फोटॉन्स क्योंकि हर एक फोटोन की जो एनर्जी है बेटा वो h न्यू के बराबर है अब आप अगर इस न्यू को इस फ्रीक्वेंसी को बढ़ाओ ग तो आने वाले फोटॉन्स की एनर्जी बढ़ जाएगी लेकिन नंबर नहीं बढ़ेगा ठीक तो इंटेंसिटी का मतलब जब भी आपसे बोले कि भैया लाइट की इंटेंसिटी बढ़ा दिया मतलब आने वाले फोटॉन्स का नंबर बढ़ गया है अब अगर सोचो 10 फोटॉन्स अगर आ रहे थे तो वो 10 इलेक्ट्रॉन से टकरा रहे थे ठीक है 10 में से हो सकता है दो इलेक्ट्रॉन निकल जाए आठ इलेक्ट्रॉन के पास सफिशिएंट एनर्जी नहीं थी वो नहीं निकल पाए राइट अब जब आपने इंटेंसिटी बढ़ा दिया तो 10 फोटॉन्स की जगह इस बार 100 फोटॉन्स आएंगे जब 10 में से दो निकले थे तो 100 फोटॉन्स आएंगे बेटा तो 20 इलेक्ट्रॉन बाहर निकलेंगे 80 नहीं निकल पाएंगे एक मोटा-मोटा रेशो मैं आपको बता रहा हूं क्लियर है तो अल्टीमेटली नंबर ऑफ फोटॉन्स को जब भी भी आप बढ़ाओ ग तो निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ेगी यानी कि करंट की वैल्यू बढ़ेगी तो इंटेंसिटी का डिपेंडेंस किसके ऊपर है करंट के ऊपर है लेकिन अगर आप फ्रीक्वेंसी बढ़ाओ ग आने वाले फोटोन की सोचो हमने फ्रीक्वेंसी बढ़ा दी तो इनकी एनर्जी बढ़ गई अगर मान लो पहले 10 फोटोन आ रहे थे और दो इलेक्ट्रॉन निकल रहे थे तो अभी भी 10 ही फोटोन आएंगे दो ही इलेक्ट्रॉन निकलेंगे लेकिन आने वाले फोटॉन्स की एनर्जी बढ़ गई अगर एनर्जी बढ़ गई पहले मान लो 60 जूल का आता था तो निकलने वाला जो इलेक्ट्रॉन है वो 40 जूल से निकला था और 20 जूल की एनर्जी से भाग रहा था अब आने वाले फोटॉन्स की एनर्जी मान लो हो गई 80 जूल अब क्या होगा 40 जूल से बाहर निकलेगा और 40 जूल से भागेगा बेटा मान लो आने वाले फोटॉन्स की एनर्जी हो गई 100 जूल तो अब 40 जूल से निकलेगा 60 जूल से भागेगा यानी कि जब तुम फ्रीक्वेंसी को बढ़ाते हो तो उसका इफेक्ट किस पर आता है निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की काइनेटिक एनर्जी पर राइट तो ये यहां पर मेन कांसेप्ट है अब आ जाओ यहां पर कुछ ग्राफ्स है चैप्टर में बहुत इंपॉर्टेंट है बहुत बार पूछा जाता है इस चैप्टर की जान यही ग्राफ्स है राइट तो सबसे पहला इफेक्ट है इफेक्ट ऑफ द इंटेंसिटी ऑफ लाइट तो मैं बता चुका हूं इंटेंसिटी का मतलब है नंबर ऑफ फोटोन से जितने ज्यादा फोटॉन्स आएंगे बेटा उतने ज्यादा इलेक्ट्रॉन से टकराएंगे और उतने ज्यादा इलेक्ट्रॉन के निकलने के चांस हैं यानी इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने का काम लाइट की इंटेंसिटी करती है राइट तो यहां पर यही बता रहे हैं कि इंटेंसिटी जो है दैट इज़ डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू करंट जैसे-जैसे इंटेंसिटी बढ़ेगी बेटा वैसे-वैसे करंट की वैल्यू भी इंक्रीज हो रही होगी तो यहां पर लिखा है इंटेंसिटी ऑफ़ द रेडिएशन कैन बी इंक्रीजड और डिक्रीज बाय वरिंग द डिस्टेंस बिटवीन द सोर्स एंड मेटल प्लेट कह रहे हैं जो सोर्स है और जो मेटल प्लेट है सोर्स मतलब जो लाइट का सोर्स है और जो मेटल प्लेट है अगर उनके बीच की डिस्टेंस को आप कम करते जाओ यानी कि प्लेट को सोर्स के पास लाते जाओगे तो लाइट की इंटेंसिटी अपने आप बढ़ जाएगी यानी किसी लाइट सोर्स के पास जाने पर बेटा इंटेंसिटी की वैल्यू इंक्रीज हो जाती है इंटेंसिटी की वैल्यू बढ़ जाती है ठीक है जिससे करंट की वैल्यू बढ़ जाएगी तो सीधा सा ग्राफ है इंटेंसिटी बढ़ाओ ग तो फोटोइलेक्ट्रिक करंट की वैल्यू बढ़ जाएगी नेक्स्ट है इफेक्ट ऑफ पोटेंशियल अब हमसे वो जो प्लेट हमने जोड़ रखा था उस प्लेट के पोटेंशियल की बात कर रहे हैं जरा इमेजिन करो यह जो यहां पर बना हुआ है एक्सपेरिमेंटल सेटअप इमेजिन करो यहां पर 10 इमेजिन करना 10 जो है फोटॉन्स आए थे 10 फोटॉन्स में से दो इलेक्ट्रॉन निकले थे आठ नहीं निकल पाए जो दो इलेक्ट्रॉन निकले थे या थोड़ा बड़ा एग्जांपल लेते हैं 100 फोटॉन्स आए थे 20 इलेक्ट्रॉन निकल रहे हैं तो जो 20 इलेक्ट्रॉन निकले थे उन 20 में से बेटा हो सकता है चार-पांच इलेक्ट्रॉन ऐसे हो जिनके पास बहुत एनर्जी है दे आर हाईली एनर्जेटिक है ना तो वो बहुत तेजी से भाग रहे होंगे इस प्लेट की तरफ एनोड की तरफ लेकिन कुछ ऐसे भी रहे होंगे जिनके पास कंपेरटिवली कम एनर्जी रही होगी तो वो वहां पीछे भाई एनर्जी कम है थोड़ा पीछे है कुछ ऐसे भी रहे होंगे जो सिर्फ बाहर निकले हैं लेकिन उनके पास बिल्कुल एनर्जी भागने की नहीं है तो कुछ ऐसे भी रहे होंगे जो यहीं पर है अभी वो बिल्कुल भाग नहीं पाए हैं भाई साहब क्लियर है अब अब आप सोचो मैं क्या कर रहा हूं प्रोसेस को सपोर्ट क्या करना है मेरे को प्रोसेस को क्यों सपोर्ट करना है पहले सुनो जो 20 इलेक्ट्रॉन बाहर निकले उनमें से कुछ तो ऐसे थे पांच छह आठ ऐसे थे बहुत एनर्जी थी ये तो पहुंच जाएंगे ठीक है लेकिन कुछ ऐसे हैं जिनके पास एनर्जी कम है तो ये आधे रास्ते या थोड़ा यहां तक पहुंचेंगे लेकिन फिर इनकी एनर्जी खत्म हो जाएगी अब इनको भी तो हमें वहां तक बुलाना है कुछ ऐसे भी है जो यहीं पे जस्ट बाहर निकल पाए लेकिन भागने की इनके अंदर हिम्मत नहीं है तो उनको भी तो वहां तक पहुंचाना है तो उसके लिए हम क्या करेंगे हम इस वाले प्लेट का पॉजिटिव पोटेंशियल बढ़ाएंगे हम इस बैटरी को बढ़ाएंगे 1 वोल्ट की बैटरी रखी य 1 वोल्ट का पोटेंशियल आया 1 वोल्ट ने क्या किया थोड़े से इलेक्ट्रॉन जो बहुत पास थे उनको अपनी तरफ खींच लिया तो हमने कहा यार ऐसा करो थोड़ा बढ़ाओ इसको 2 वोल्ट करो जब 2 वोल्ट किया एग्जांपल दे रहा हूं 2 वोल्ट किया 2 वोल्ट ने क्या किया थोड़े और दूर वाले इलेक्ट्रॉन को और खींच लिया तो जैसे-जैसे तुम इसके पॉजिटिव पोटेंशियल को बढ़ाते जाओगे 5 वोल्ट 10 वोल्ट 20 वोल्ट जैसे-जैसे आप इसके वोल्टेज को बढ़ाओ ग एक समय एक वोल्टेज ऐसा आएगा कि वो यहां पर एकदम जस्ट जो बिल्कुल लो एनर्जी वाला इलेक्ट्रॉन था उसको भी अपनी तरफ खट से खींच लेगा बोलो यार सही है ना तो कहने का मतलब अगर इस पर पॉजिटिव पोटेंशियल बहुत ज्यादा मैं बढ़ाता जाऊंगा तो इलेक्ट्रॉन खटाखट खटाखट खटाखट खींचते चले जाएंगे लेकिन पॉजिटिव पोटेंशियल बढ़ाकर तुम सिर्फ उतने ही इलेक्ट्रॉन खींच सकते हो जो इससे बाहर निकले थे कितने बाहर निकले थे 20 इलेक्ट्रॉन ठीक तो एक ऐसा पोटेंशियल आ जाएगा कि जब 20 इलेक्ट्रॉन से बाहर निकल जाए यानी केस ये है कि सर इधर से फोटॉन्स आ रहे हैं 20 इलेक्ट्रॉन निकल रहे हैं और खट से सारे 20 इलेक्ट्रॉन उसने खींच लिए राइट ये वाला केस बन चुका है अब सोचो अब इसके बाद भी अगर तुम पॉजिटिव पोटेंशियल बढ़ाए पड़े हो तो क्या कोई फर्क पड़ेगा कोई फर्क नहीं पड़ेगा b से इलेक्ट्रॉन निकलने थे 20 खींच लिए बात त अब तुम बढ़ाते रहो पोटेंशियल उससे कोई मतलब नहीं है यानी पोटेंशियल को बढ़ाने से क्या होगा बेटा आपका करंट की वैल्यू पहले बढ़ेगा उसके बाद जाकर वो स्टेबल हो जाएगा तो देखो यहां पहले जीरो पोटेंशियल की मैंने बात किया है जब जीरो पोटेंशियल था तब भी तो हमारे पास 20 में से सात आठ ऐसे इलेक्ट्रॉन थे जो वहां तक पहुंच जाते थे यानी कि वो पहले से करंट में कंट्रीब्यूशन कर रहे थे राइट अब जैसे-जैसे हमने कलेक्टर प्लेट का पोटेंशियल बढ़ाया यानी इसको आप एनोड पोटेंशियल भी कह सकते हो जैसे-जैसे मैंने एनोड का पोटेंशियल बेटा बढ़ाया ठीक है एनोड यानी कलेक्टर प्लेट जहां पर इलेक्ट्रॉन को कलेक्ट करना है जैसे-जैसे एनोड का पोटेंशियल बढ़ाओ देखो ये वैल्यू बढ़ रही बढ़ रही करंट बढ़ रहा है उसके बाद बेटा करंट जाकर सैचुरेट हो गया उसके बाद करंट क्या हो गया सैचुरेटेड करंट हो गया सैचुरेटेड करंट यानी अब तुम पोटेंशियल की चाहे जितनी वैल्यू बढ़ा लो करंट की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है क्योंकि 20 इलेक्ट्रॉन निकलने थे ब से उसने खींच लिए ठीक है अब बात ये आई कि सर ठीक है अगर सर मैं इसको पलट दूं तो क्या होगा बेटा अगर इसको पलट दोगे तो यहां नेगेटिव पोटेंशियल आएगा और अब वो आने वाले इलेक्ट्रॉन को क्या करेगा रिपेल करेगा जरा सोचो जब मैंने इसको नेगेटिव किया और नेगेटिव में वैल्यू मान लो 1 वोल्ट के बराबर है -1 वोल्ट है तो ये -1 वोल्ट क्या करेगा जो बहुत कम एनर्जी वाले रहे होंगे उनको वापस भेज देगा भैया रिपल कर जाएगा फिर इसके नेगेटिव को हम बढ़ाते जाएंगे बढ़ाते जाएंगे बढ़ाते जाएंगे बढ़ाते जाएंगे जो मोस्ट एनर्जेटिक इलेक्ट्रॉन होगा जो वहां से बहुत ज्यादा एनर्जी से आया था बोलो उसी को रिपेल करने के लिए सबसे ज्यादा नेगेटिव पोटेंशियल की रिक्वायरमेंट है क्योंकि नेगेटिव पोटेंशियल का काम क्या है इलेक्ट्रॉन को रिपल करना तो सबसे ज्यादा धक् का सबसे ज्यादा रिपल्शन हमें उसी को तो देना पड़ेगा ना जो बहुत तेजी से उधर से इधर की तरफ आ रहा है यानी मोस्ट एनर्जेटिक इलेक्ट्रॉन को रिपल करने के लिए यहां का नेगेटिव पोटेंशियल बहुत ज्यादा बढ़ाना हमें पड़ जाता है यानी जब आप इसके नेगेटिव पोटेंशियल को बढ़ाते जाओगे वो इलेक्ट्रॉन को रिपल करता जाएगा करता जाएगा करता जाएगा तो एक समय ऐसा आएगा कि फोटॉन्स आए 20 इलेक्ट्रॉन निकले लेकिन एक भी इलेक्ट्रॉन यहां से बाहर निकलने की क्षमता नहीं कर पा रहा है क्योंकि इसने उनको रिपेल कर रखा है राइट तो जब बेटा आप नेगेटिव पोटेंशियल बढ़ाओ ग नेगेटिव पोटेंशियल बढ़ाने पर एक ऐसा सर्टेन पोटेंशियल आ जाएगा कि 20 इलेक्ट्रॉन निकलेंगे तो बाहर सरफेस से लेकिन वो एनोड तक पहुंच नहीं पाएंगे तो बेटा देखो ये नीचे की तरफ डिक्रीज हो रहा है डिक्रीज हो रहा डिक्रीज हो रहा और वैल्यू हो गई जीरो यानी कि ग्राफ हमारा कैसा बन गया कुछ ऐसा तीन की बजाय तुम एक ग्राफ को देखो ऐसा ग्राफ हमारा बन गया ठीक है यानी कि जब जीरो से आप पोटेंशियल बढ़ाओ ग तो करंट बढ़ेगा फिर वो कांस्टेंट हो जाएगा घटाओ ग अगर नेगेटिव की तरफ पोटेंशियल ले जाओगे तो घटते घटते घटते घटते करंट भी आपका जीरो के बराबर हो जाएगा अब बताइए सर अगर मैं इंटेंसिटी बढ़ा दूं सर क्या होगा तब अगर आप लाइट की इंटेंसिटी बढ़ा दोगे तो अगर अभी 100 फोटॉन्स आ रहे थे और 20 इलेक्ट्रॉन निकल रहे थे तो अब 1000 फोटॉन्स आएंगे और 200 इलेक्ट्रॉन निकलेंगे बेटा अगर 200 इलेक्ट्रॉन निकलेंगे तो ऑब् वियस है ना करंट की वैल्यू बढ़ जाएगी ठीक फिर तुमने और 10000 कर दिए फोटॉन्स जब 10000 फोटॉन्स कर दिए तो इस बार 2000 इलेक्ट्रॉन निकलेंगे भाई साहब तो करंट और बढ़ जाएगा यानी कि इंटेंसिटी को बढ़ाने से ये ये क्या लिखा हुआ है दिस इज इंटेंसिटी इंटेंसिटी को बढ़ाने से सैचुरेशन करंट की वैल्यू बढ़ जाती है तो इंटेंसिटी इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू सैचुरेशन करंट जैसे-जैसे आप लाइट की इंटेंसिटी को इंक्रीज करते जाएंगे बेटा सैचुरेशन करंट की वैल्यू इंक्रीज होती जाएगी ये ग्राफ ऊपर की तरफ आपका शिफ्ट होता चला जाएगा राइट आई होप आप समझ गए होंगे नेक्स्ट है इफेक्ट ऑफ फ्रीक्वेंसी अब सर मैंने क्या किया इस बार इंटेंसिटी नहीं बढ़ाई है सर 100 फोटॉन्स आ रहे थे 20 इलेक्ट्रॉन निकल रहे हैं ठीक है लेकिन मैंने इस बार क्या किया फ्रीक्वेंसी बढ़ाया अगर आप फ्रीक्वेंसी बढ़ाओ ग आने वाले फोटॉन्स की अगर आपने फ्रीक्वेंसी बढ़ाई देखो ग्राफ सेम चीजों के बीच का है फोटोइलेक्ट्रिक करंट और एनोड पोटेंशियल राइट तो ग्राफ तो ऑब् वियस ऐसा ही होगा ग्राफ तो ऐसा ही होगा अब बाता आई सर फ्रीक्वेंसी इंक्रीज करें तो क्या होगा बेटा अगर फ्रीक्वेंसी को तुमने बढ़ाया तो आने वाले फोटॉन्स की एनर्जी बढ़ जाएगी आने वाले फोटॉन्स की एनर्जी बढ़ने से क्या होगा जो निकलने वाले इलेक्ट्रॉन थे वो सरफेस से बाहर निकलेंगे 40 जूल की वर्ग फंक्शन देकर लेकिन रिमेनिंग जो एनर्जी है वो उनकी काइनेटिक एनर्जी में कन्वर्ट हो जाएगा यानी फ्रीक्वेंसी बढ़ाने से फ्रीक्वेंसी बढ़ाने से निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की काइनेटिक एनर्जी बढ़ जाती है तो मैं लिख रहा हूं इंक्रीज ऑफ फ्रीक्वेंसी इंक्रीजस द मैक्सिमम काइनेटिक एनर्जी ऑफ द फोटो इलेक्ट्रोंस यानी कि अगर आप अगर आप फ्रीक्वेंसी को इंक्रीज करेंगे है ना तो निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की काइनेटिक एनर्जी जो है मेरे प्यारे बच्चों वो बढ़ जाएगी है ना वो ज्यादा एनर्जी से भाग रहे होंगे यानी वर्ग फंक्शन अगर 40 जूल का है और आने वाले फोटॉन्स की एनर्जी बढ़ाओ ग तो इस बार 40 जूल तो निकलने में गया है ना वर्ग फंक्शन उसके बाद की जो भी एनर्जी बची उससे वो भागना शुरू करेगा यानी काइनेटिक एनर्जी बढ़ रही होगी तो जरा सोचो अगर निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की काइनेटिक एनर्जी बढ़ रही है तो बेटा जब नेगेटिव पोटेंशियल लगाओगे अपोज करने के लिए तो बोलो वो नेगेटिव पोटेंशियल और बढ़ाना पड़ेगा अगर फ्रीक्वेंसी बढ़ाई है तो ये नेगेटिव पोटेंशियल और बढ़ जाएगा फ्रीक्वेंसी और बढ़ाई है तो नेगेटिव पोटेंशियल और ज्यादा बढ़ जाएगा इसी नेगेटिव पोटेंशियल को ही ये जो नेगेटिव पोटेंशियल है इसको हम लोग क्या नाम देते हैं स्टॉपिंग पोटेंशियल दिस इज नेम एज स्टॉपिंग पोटेंशियल क्योंकि ये क्या करता है ये इस सर्टेन पोटेंशियल पर करंट की वैल्यू जीरो हो जाती है इस पर्टिकुलर पोटेंशियल पर एक भी इलेक्ट्रॉन एनोड तक नहीं पहुंच पाता है ठीक है तो स्टॉपिंग पोटेंशियल की जो वैल्यू है वो बढ़ती चली जाती है यानी कि फ्रीक्वेंसी फ्रीक्वेंसी इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू फ्रीक्वेंसी इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू स्टॉपिंग पोटेंशियल अगर आप फ्रीक्वेंसी बढ़ा रहे हैं तो स्टॉपिंग पोटेंशियल की वैल्यू भी बढ़ती जाएगी नेगेटिव में यह बात ध्यान रखना मैग्नी ूडल बात कर रहा हूं ठीक है स्टॉपिंग पोटेंशियल का जो मैग्नी ूडल चला जाएगा बाकी साइन तो नेगेटिव का ही रहेगा ना भाई है ना तो ये मतलब है फ्रीक्वेंसी बढ़ाने से स्टॉपिंग पोटेंशियल का जो मैग्नी ूडल्स होता जाएगा तो ग्राफ तुम्हारा पीछे की तरफ शिफ्ट होता जाएगा हालांकि सैचुरेशन करंट की सेहद पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा तो बेटा ये वाला ग्राफ बहुत इंपॉर्टेंट है ये वाला ग्राफ भी बहुत इंपॉर्टेंट है दोनों ही ग्राफ्स बहुत इंपॉर्टेंट हैं बहुत ज्यादा पूछे जाने के चांसेस हैं नेक्स्ट है इफेक्ट ऑफ फोटो मेटल्स यानी कि अगर मैं सर इन मेटल्स को ही चेंज कर दूं सर तो क्या होगा तो बेटा उसके लिए आ जाओ तुमको थोड़ा सा एक एनर्जी का यहां कांसेप्ट पहले सिखा दें वो कांसेप्ट ये कहता है जो कि आइंस्टाइन ने ही एक्सप्लेन किया था आइंस्टाइन ने यह कहा कि भाई आने वाले फोटॉन्स की जो एनर्जी है दैट इज h न्यू ये एनर्जी दो चीजों में यूज होती है आइंस्टाइन भाई कलाकार आदमी थे उन्होंने बताया कि आने वाले जो फोटॉन्स की एनर्जी है वो दो चीजों में यूज होती है सबसे पहला है बेटा वर्क फंक्शन सबसे पहली एनर्जी जो है वह वर्क फंक्शन में यूटिलाइज होगी और जो रिमेनिंग एनर्जी है वह मैक्सिमम एनर्जी ऑफ फोटो इलेक्ट्रॉन बन जाएगी यानी कि जो भी एनर्जी आएगी वह वर्क फंक्शन और काइनेटिक एनर्जी में चली जाएगी ठीक है सो दैट इज h न्य वर्क फंक्शन को h न्य नॉ भी लिख सकते हैं ये थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी है ये फ्रीक्वेंसी ऑफ इंसीडेंट फोटोन है प्लस 1/2 mv2 ठीक है क्योंकि मैक्सिमम काइनेटिक एनर्जी है तो 1/2 भी निकल सकते हैं ठीक है ऐसा भी हम लोग लिख सकते हैं यह एक्सप्रेशन मेरे प्यारे बच्चों हो जाएगा ठीक है मैं आपको एक चीज और बताऊं ये जो स्टॉपिंग पोटेंशियल है इसका लेना देना उस मैक्सिमम काइनेटिक एनर्जी से होता है ठीक है जो मैक्सिमम काइनेटिक एनर्जी है दैट इज इक्वल टू नॉ जहां पर v नॉ क्या है ये स्टॉपिंग पोटेंशियल जरा सोचो निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की एनर्जी जितनी ज्यादा अभी हमने यहां लिखा था ना कि फ्रीक्वेंसी इज प्रोपोर्शनल टू स्टॉपिंग पोटेंशियल है ना तो बिल्कुल इसी तरीके से निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की जो काइनेटिक एनर्जी है भाई अगर फ्रीक्वेंसी बढ़ाओ ग तो काइनेटिक एनर्जी बढ़ेगी काइनेटिक एनर्जी अगर बढ़ेगी तो हमें स्टॉपिंग पोटेंशियल को और ज्यादा नेगेटिव करना पड़ेगा तो k मैक्स जो है मेरे प्यारे बच्चों यानी मैक्सिमम एनर्जेटिक जो इलेक्ट्रॉन है उसकी जो काइनेटिक एनर्जी है वो न के बराबर होती है राइट तो अल्टीमेटली मैंने क्या बोला कि h न्यू फोटॉन्स की एनर्जी जो है वो वर्ग फंक्शन में जाएगी और काइनेटिक एनर्जी में जा रही होगी अब अगर ग्राफ हमने बनाया है स्टॉपिंग पोटेंशियल और और फ्रीक्वेंसी के बीच का ठीक है स्टॉपिंग पोटेंशियल तो स्टॉपिंग पोटेंशियल तो काइनेटिक एनर्जी से रिलेटेड है तो इसी एक्सप्रेशन को मैं ऐसा लिखूंगा h = h न प्स काइनेटिक एनर्जी काइनेटिक एनर्जी को मेरे प्यारे बच्चों मैं नॉ भी लिख सकता हूं तो अगर आपने ग्राफ बनाया है v नॉ यानी स्टॉपिंग पोटेंशियल और फ्रीक्वेंसी के बीच का तो हमें इस टर्म को कुछ ऐसा लाना पड़ेगा ना ये y एक्सिस पर है बेटा ये x एक्सिस पर है तो इसको कुछ y इ इक्वल टू समथिंग ऐसा लाना पड़े तो यहां से मैं क्या करूंगा इसी को थोड़ा मैनिपुलेट करूंगा और इसको लिखूंगा e न इ इक्व टू e न की वैल्यू निकालते हैं इसको इधर भेजेंगे सो दैट विल बिकम h न्य - एन्य नॉ तो यहां से मेरे प्यारे बच्चों v न की वैल्यू आएगी h / e टाइम्स न्य - h नन / e राइट अब ये वाले एक्सप्रेशन को आप ध्यान से देखो अगर आप ग्राफ बना रहे हैं ग्राफ बना रहे हैं v न और न्यू के बीच का तो ये जो v नॉ है ये y एक्सिस पर है ठीक ये जो न्यू है वो x एक्सिस पर है तो क्या यह ग्राफ y बरा mx3 टाइप का हो गया मेरे प्यारे बच्चों y = mx8 लाइन हैविंग स्लोप m है ना यानी कि ये जो स्ट्रेट लाइन मैंने बना दिया इस स्ट्रेट लाइन का जो स्लोप है बेटा कंपेयर जब करोगे तो वो स्लोप h / e के बराबर आएगा यानी कि यानी कि यानी कि ये जो ग्राफ बना हुआ है इस ग्राफ का जो स्लोप है बेटा है ना इसका जो स्लोप है वोह h / e को रिप्रेजेंट कर रहा होगा राइट तो कई बार न्यूमेरिकल दिया जाता है बेटा न्यूमेरिकल दिया जाता है अब एक चीज सोचो h क्या है प्लाक्स कांस्टेंट है दैट इज अ कांस्टेंट e क्या इलेक्ट्रॉन का चार्ज दैट इज आल्सो कांस्टेंट तो h / e की ये जो वैल्यू आएगी दिस वैल्यू विल बी ऑलवेज कांस्टेंट यानी कि जबी भी आप कभी यह ग्राफ बनाएंगे दिस ग्राफ इज ऑलवेज स्ट्रेट लाइन विद कांस्टेंट स्लोप स्लोप उसका ये स्लोप जो है स्लोप समझते हो ना यार ये एंगल अगर थीटा है तो स्लोप का मतलब tan3 होता है बेटा है ना तो ये जो न थीटा आएगा दैट t थीटा इज ऑलवेज कांस्टेंट चाहे मेटल ए के लिए बनाओ चाहे मेटल b के लिए बनाओ सिर्फ डिफरेंस किस पर पड़ेगा इस पर पड़ेगा ये ये क्या है y इंटरसेप्ट अगर आप y इंटरसेप्ट यहां पर ध्यान से देखें तो दैट इज - h नन / e h न्य न क्या होता है वर्ग फंक्शन के बराबर तो जब आप इसको पीछे की तरफ लेकर आओगे देखो जब आप इसको पीछे लेकर आओगे तो बेटा यही है वा इंटरसेप्ट ये वा इंटरसेप्ट की वैल्यू देखो जरा कितनी है दैट इज - एनन अपॉन e इसी को मैं लिख सकता हूं माइनस वर्क फंक्शन अपॉन e राइट इतने के बराबर मैं लिख सकता हूं और वह यहां कहीं पर आ रहा है ऐसे दूसरे मेटल के लिए जब बनाएंगे तो बेटा यह और नीचे कहीं जाएगा ओहो दूसरे मेटल के लिए जब हम बनाएंगे तो भैया यह थोड़ा और नीचे यहां कहीं तक जाएगा ठीक है तो इस जगह पर जब आप देखोगे तो उसका ये जो वर्क फंक्शन है वो बढ़ जाएगा यानी y इंटरसेप्ट पे फर्क पड़ेगा लेकिन ग्राफ के स्लोप पर मेरे प्यारे बच्चों कोई फर्क नहीं पड़ रहा होगा ये इस एक्सप्रेशन का मतलब है तो कभी भी ग्राफ देना यार तो ग्राफ का पहले ये एक्सप्रेशन निकालने की कोशिश किया करो यानी ग्राफ में जो वा एक्सिस पर क्वांटिटी एक्स एक्सिस पर क्वांटिटी इनके बीच के रिलेशन को निकालने की कोशिश किया करिए राइट है तो जैसे ही हमने रिलेशन निकाला पूरी पिक्चर क्लियर हो हो गई है कि इस ग्राफ का स्लोप क्या है इस ग्राफ का y इंटरसेप्ट क्या है अब कई बार क्या करते हैं क्वेश्चन में यह ग्राफ देते हैं और कहते हैं इस ग्राफ के बेसिस पर ये वाला एंगल तुम्हें दे देंगे 30° 60° कुछ ना कुछ दे देंगे आपसे कहेंगे इस ग्राफ के बेसिस पर प्लैक्स कांस्टेंट की वैल्यू निकालो ठीक है प्लैक्स कांस्टेंट अगर निकालना है तो आप खुद देखो यहां से प्लैक्स कांस्टेंट जो है वो e टाइम्स स्लोप ऑफ ग्राफ आ जाएगा सो दैट विल बी h प्लांस कांस्टेंट इज इक्वल टू e टाइम्स tan3 अगर इसका यह एंगल तुम्हें थीटा दिया है तो आप उसको e टाइम्स t थीटा कर दोगे मेरे प्यारे बच्चों तो प्लैक्स कांस्टेंट की वैल्यू निकल आएगी कई बार ऐसा भी क्वेश्चन आपको दिया गया है राइट अगला देखो इफेक्ट ऑफ फोटोम मेटल व्हेन फ्रीक्वेंसी एंड इंटेंसिटी ऑफ़ द इंसीडेंट लाइट आर केप्ट फिक्स्ड द फोटो मेटल इज चेंज्ड वी ऑब्जर्व दैट स्टॉपिंग पोटेंशियल वर्सेस फ्रीक्वेंसी ग्राफ आर पैरेलल स्ट्रेट लाइंस पैरेलल स्ट्रेट लाइंस मतलब सभी का स्लोप सेम है उसका एंगल थीटा है तो इसका भी एंगल थीटा ही होगा कटिंग फ्रीक्वेंसी एक्सिस एट डिफरेंट पॉइंट्स यानी कि ये जो फ्रीक्वेंसी वाला जो एक्सेस है उसको अलग-अलग पॉइंट पर कट करेंगे लेकिन होगा लाइन जो है पैरेलल ही अलग-अलग लाइन का मतलब क्या है ये जो न्यू नॉट है ये जो थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी है वो दोनों का अलग-अलग हो जाएगा भाई अलग-अलग मेटल्स का वर्क फंक्शन अलग-अलग है उनकी थ्रेस होल्ड फ्रीक्वेंसी भी अलग-अलग है तो वो अलग-अलग हो जाएगा नो डाउट है ना ये वाइट डिसेप्ट भी अलग-अलग हो जाएगा लेकिन स्लोप जो है वो सेम रहेगा दिस शोज दैट थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी इज डिफरेंट फॉर डिफरेंट मेटल्स अलग-अलग मेटल्स की थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी अलग-अलग होती है द स्लोप ऑफ फॉर ऑल मेटल्स इज़ सेम एंड हेंस अ यूनिवर्सल कांस्टेंट ये जो स्लोप है h / e ये हमेशा कांस्टेंट रहेगा है ना वर्ग फंक्शन चेंज होगा थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी चेंज होएगी यहां पर y इंटरसेप्ट चेंज होएगा लेकिन स्लोप बेटा चेंज नहीं होगा कुछ छोटी-छोटी सी डेफिनेशंस हैं ये सब मैं बता चुका हूं वर्क फंक्शन क्या होता है थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी का मतलब है मिनिमम फ्रीक्वेंसी ऑफ़ द इंसिडेंट रेडिएशन आफ्टर व्हिच ओनली आफ्टर व्हिच फोटोइलेक्ट्रिक एमिशन इज पॉसिबल राइट तो वो लिखा हुआ है स्टॉपिंग पोटेंशियल क्या होता है भाई स्टॉपिंग पोटेंशियल का मतलब दैट नेगेटिव पोटेंशियल ऑफ द एनोड प्लेट फॉर व्हिच एनी फोटो इलेक्ट्रॉन इज नॉट कैपेबल टू रीच एनोड प्लेट यानी वो नेगेटिव पोटेंशियल जिसकी वजह से एक भी निकलने वाला इलेक्ट्रॉन यहां तक ना पहुंच पाए उसी को हम लोग क्या बोलते हैं स्टॉपिंग पोटेंशियल या जिस सर्टेन नेगेटिव पोटेंशियल ऑफ एनोड प्लेट पर करंट की वैल्यू ज़ीरो हो जाए वही स्टॉपिंग पोटेंशियल है पढ़ो द मिनिमम रिटा पोटेंशियल अप्लाइड टू द एनोड फोटोइलेक्ट्रिक ट्यूब व्हिच इज जस्ट कैपेबल ऑफ स्टॉपिंग द फोटोइलेक्ट्रिक करंट यानी कि जब फोटोइलेक्ट्रिक करंट स्टॉप हो जाए जीरो हो जाए तो वहां पर जो पोटेंशियल है वही स्टॉपिंग पोटेंशियल है उसको v नॉ के बराबर कहते हैं स्टॉपिंग पोटेंशियल का लेना देना मैक्सिमम काइनेटिक एनर्जी से है मैक्सिमम काइनेटिक एनर्जी ऑफ द एमिटेड इलेक्ट्रॉन इज इक्वल टू e नॉ यानी कि ये भी एक रिलेशन होता है जो तुम्हें न्यूमेरिकल्स में हेल्प करेगा 1/2 mv2 = न राइट है तो यह फार्मूला दिमाग में रखिएगा ठीक है जब बात करते हैं थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी की तो थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी का लेना देना वर्क फंक्शन से होता है दैट इज इक्वल टू h नन इसको hc1 लड नॉ भी कह सकते हैं हम लोग ठीक है फिर वर्क फंक्शन तो वर्क फंक्शन आपको बता ही दिया है वर्क फंक्शन और उसमें क्या रिलेशन है राइट नेक्स्ट है लॉज ऑफ फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट का लॉज क्या-क्या है तो जरा पढ़ो सबसे पहला लॉ फोटोइलेक्ट्रिक एमिशन टेक्स प्लेस फ्रॉम अ मेटल सरफेस व्हेन फ्रीक्वेंसी ऑफ द इंसीडेंट लाइट इज अबोव थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी यानी इंसीडेंट फोटोन की जो फ्रीक्वेंसी है अगर वो थ्रश होल्ड फ्रीक्वेंसी के बराबर या उससे ज्यादा है तभी इलेक्ट्रॉन निकलेगा अदर वाइज इलेक्ट्रॉन निकलने वाला नहीं है फोटोइलेक्ट्रिक एमिशन स्टार्टस एज सून एज द लाइट इज इंसिडेंट ऑन द मेटल सरफेस यानी कि फोटॉन्स का आना और इलेक्ट्रॉन का निकलना ये इंस्टंटे नियस प्रोसेस है इसमें कोई टाइम डिले नहीं होता है इसमें कोई टाइम लैग नहीं होता है मैक्सिमम काइनेटिक एनर्जी विद व्हिच एन इलेक्ट्रॉन इज़ इमिटेटेड फ्रॉम द मेटल सरफेस इज इंडिपेंडेंट ऑफ़ द इंटेंसिटी ऑफ़ द लाइट एंड डिपेंड्स ओनली अपॉन द फ्रीक्वेंसी ऑफ द लाइट यानी कि निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की जो काइनेटिक एनर्जी है वो इंटेंसिटी पर कतई डिपेंड नहीं करती है इंटेंसिटी का लेना-देना नंबर ऑफ फोटोन से ही होता है नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन से ही होता है लेकिन निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की एनर्जी से इसका कोई दूर-दूर तक लेना देना नहीं है इसका लेना देना सिर्फ और सिर्फ किससे है बेटा फ्रीक्वेंसी से है फ्रीक्वेंसी बढ़ाओ ग निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की काइनेटिक एनर्जी बढ़ जाएगी नंबर ऑफ द फोटोइलेक्ट्रिक फोटो इलेक्ट्रॉन इमिटेटेड इज इंडिपेंडेंट ऑफ फ्रीक्वेंसी कह रहे हैं नंबर ऑफ द फोटो इलेक्ट्रॉन जो है वो फ्रीक्वेंसी पर डिपेंड नहीं करते वो सिर्फ इंटेंसिटी पर डिपेंड करते हैं यानी इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने का काम सिर्फ इंटेंसिटी कर सकता है लेकिन इलेक्ट्रॉन को भगाने का काम फ्रीक्वेंसी कर सकता है वहां इंटेंसिटी का कोई रोल नहीं है तो इन दो चीजों के बारे में आई थिंक बहुत अच्छे से आपको बात समझ में आ गई होगी फिर अपने आइंस्टाइन साहब आए बहुत होशियार आदमी थे उन्होंने पूरी चीज को एकदम अच्छे से एक्सप्लेन किया वही सब चीज मैंने आपको समझाया है आइंस्टाइन एक्सटेंडेड द प्लांस क्वांटम थ्योरी ऑफ़ द लाइट टू एक्सप्लेन फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट आइंस्टाइन ने प्लैंक की जो क्वांटम थ्योरी ऑफ़ लाइट थी उसको थोड़ा और ज्यादा डिटेल में समझाया उन्होंने कहा फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट इज़ द रिजल्ट ऑफ कोलिजन ऑफ़ द फोटोन ऑफ़ द इंसीडेंट लाइट एंड इलेक्ट्रॉन ऑफ़ द फोटो मेटल इन्होंने कहा कि भाई जो ये ओरिजिनल मैटर है वो मैटर यह है कि यहां से जो फोटॉन्स आ रहे हैं वो फोटॉन्स इलेक्ट्रॉन से टकरा रहे हैं जो मैंने आपको स्टार्टिंग में बोला था एक फोटोन एक ही इलेक्ट्रॉन से टकराता अपनी सारी एनर्जी एक इलेक्ट्रॉन को दे देता है उससे अगर यह निकल पाया तो निकलेगा नहीं तो वो एनर्जी अब्जॉर्ब हो जाएगी बात खत्म हो जाएगा नेक्स्ट है द इलेक्ट्रॉन ऑफ़ द फोटोम मेटल इज़ बाउंड विद द न्यूक्लियस बाय कूलम अट्रैक्टिव फर्स द मिनिमम एनर्जी रिक्वायर्ड टू फ्री एन इलेक्ट्रॉन फ्रॉम इट्स बॉन्डेज यानी कि बॉन्ड इज कॉल्ड वर्क फंक्शन तो वर्क फंक्शन का डेफिनेशन आपको पता है कह रहे हैं जो आने वाले फोटॉन्स की एनर्जी है वो दो चीजों में यूटिलाइज होती है पहला है वर्क फंक्शन दूसरा है उसको काइनेटिक एनर्जी प्रोवाइड करना तो यह मैं आपको पहले ही समझा चुका हूं राइट फिर यह रिले रिशन बताया गया ये रिलेशन भी मैं आपको बता चुका हूं कि h न्य जो है वो वर्क फंक्शन प्लस काइनेटिक एनर्जी के बराबर है काइनेटिक एनर्जी यहां से तुम निकाल सकते हो h न्यू माइनस वर्क फंक्शन के बराबर ऐसा भी लिखा जा सकता है उसके बाद आपसे कह रहे हैं कि ये जो मैक्सिमम काइनेटिक एनर्जी है वो बेटा नॉट यानी स्टॉपिंग पोटेंशियल से रिलेटेड होता है तो ये भी मैं आपको सिखा चुका हूं इस चैप्टर में यार यही फार्मूला है फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट पे अगर कुछ भी पूछा जाएगा न्यूमेरिकल इसी फॉर्मूले से ही सॉल्व होगा और कोई उसमें कलाकारी नहीं करनी है फिर आ जाओ मैटर वेव्स की बात करते हैं यानी कि पार्टिकल्स की बात करते हैं देखो अगर वेव्स के पास पार्टिकल नेचर हो सकता है तो लोगों के दिमाग में आया आखिर बहुत फास्ट मूविंग पार्टिकल के पास वेव नेचर क्यों नहीं हो सकता है भाई साइंस जो है वो सिमेट्री पर चलता है अगर यह ऐसा है तो यह भी ऐसा हो सकता है इस सोच के साथ डी ब्रोग साहब थे है ना डी ब्रोग साहब ने यह कहा कि भाई एवरी मूविंग पार्टिकल इज एसोसिएटेड विद द वेव इन्होंने कहा कि अगर कोई बहुत कोई पार्टिकल है जो बहुत फास्ट स्पीड में मूव कर रहा है उसके पास भी वेव प्रॉपर्टी होनी चाहिए व्हिच कंट्रोल्स द पार्टिकल इन एवरी रेस्पेक्ट यानी कि हम पार्टिकल को वेव नेचर में रिप्रेजेंट करेंगे द वेव एसोसिएटेड विद द मूविंग पार्टिकल इज नोन नेम एज मैटर वेव्स और वी कैन से डी ब्रोग्ली वेव्स तो इन्होंने कहा कोई भी ऐसा वेव जो कि पार्टिकल से एसोसिएटेड है पार्टिकल के मोशन की वजह से है उसको हम मैटर वेव्स या डी ब्रोग्ली वेव्स का नाम देंगे तो लुईस डी ब्रोग पूरा नाम है पोचले दैट मटेरियल पार्टिकल्स लाइक इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन अल्फा पार्टिकल्स एटम्स एक्सट्रा दे मे एबिट वेव एस्पेक्ट यानी कि वेव प्रॉपर्टी को कोई भी छोटा पार्टिकल रिप्रेजेंट कर सकता है छोटा पार्टिकल इसलिए मैंने बोला क्योंकि छोटे पार्टिकल को ही हम बहुत हाई स्पीड से मूव बेटा करा सकते हैं राइट फिर आ गया डी ब्रोकली हाइपोथेसिस अब सबसे छोटा पार्टिकल कौन मिला इलेक्ट्रॉन तो इन्होंने यह कहा इन्होंने कहा कि भाई वो जो h स बा लडा था देखो ध्यान से देखो h सलम इ mc1 राइट है आइंस्टाइन का एनर्जी फार्मूला था क्योंकि टॉन की एनर्जी hc-e = mc1 होता है c से c मेरे प्यारे बच्चों कट गया h / लडा जो है वो मोमेंटम के बराबर है अब ये एक एक्सप्रेशन बेटा ऐसा है कि ये लेफ्ट हैंड साइड पर तो वेव कैरेक्टरिस्टिक को रिप्रेजेंट कर रहा है भाई वेवलेंथ किसकी प्रॉपर्टी है वेव की और मोमेंटम किसकी प्रॉपर्टी है बेटा पार्टिकल की तो ये एक ऐसा रिलेशन हो गया जो वेव नेचर और पार्टिकल नेचर को कंबाइन करने वाला एक रिलेशन निकल कर के आ गया कि यहां से पता चला कि वेवलेंथ जो होता है वो h अप p के बराबर है लडा निकालो ग तो h / p के बराबर आएगा मोमेंटम को mv1 मोमेंटम कर देंगे तो उसका वेवलेंथ निकल आएगा तो आपसे इस पर बेस्ड कोई हाइपोथेटिकल क्वेश्चन पूछा जा सकता है देखो वैसे तो वेव आने के लिए वेव बनने के लिए पार्टिकल की स्पीड बहुत हाई होनी चाहिए लेकिन हाइपोथेटिकल इस तरह के क्वेश्चंस पूछे गए हैं कहेंगे भैया एक बॉल है जिसका मास है 100 ग्रा के बराबर और वो जो बॉल है वो 1000 मीटर पर सेकंड की स्पीड से ट्रेवल कर रही है बताओ इसके पास वेवलेंथ कितना है तो बेटा आप यही वाला फार्मूला सीधे-सीधे यूज कर देना कि भैया बॉल का मास पता है स्पीड पता है तो h / mv-official आपको याद दिला दो काइनेटिक एनर्जी का फार्मूला बेटा 1/2 mv2 होता है है ना अगर इसी में मास का मल्टीप्लाई मास का डिवाइड कर दिया जाए तो काइनेटिक एनर्जी जरा चेक कर लो दैट विल बिकम p स् / 2m नीचे 2m हो गया ये बन गया m स् v स् जिसको p स् बोल सकते हैं तो मोमेंटम की वैल्यू आ गई अंड √ 2m काइनेटिक एनर्जी के बराबर यानी किसी भी पार्टिकल का जो मोमेंटम है वो काइनेटिक एनर्जी के साथ इस फॉर्मूले से रिलेटेड होता है अब नीचे मोमेंटम ही लिखा हुआ है तो मोमेंटम की जगह अ √ 2m काइनेटिक एनर्जी लि सकते हैं तो h / p की जगह h / √ 2m काइनेटिक एनर्जी लिखा जा सकता है ठीक है इलेक्ट्रॉन को काइनेटिक एनर्जी देने का सबसे अच्छा तरीका होता है कि उस इलेक्ट्रॉन को आप पोटेंशियल डिफरेंस से फ्लो करा दो यानी एक इलेक्ट्रॉन को अभी आज भी बताया था एक इलेक्ट्रॉन को एक वोल्ट के पोटेंशियल डिफरेंस से फ्लो करवाओ ग तो उसके पास काइनेटिक एनर्जी वन इलेक्ट्रॉन वोल्ट के बराबर आ जाएगी बेटा ठीक तो बिल्कुल वही वाला फंडा यूज़ किया यहां पर कि भाई एक इलेक्ट्रॉन है मान लो 50 वोल्ट से हमने फ्लो करा दिया तो उसके पास एनर्जी कितनी आएगी 50 इलेक्ट्रॉन वोल्ट के बराबर तो ये एक यहां पर मेथड हो गया एक तरीका हो गया कि काइनेटिक एनर्जी को मैं कवी भी लिख सकता हूं q क्या है इलेक्ट्रॉन का चार्ज और v क्या है वोल्टेज तो देखो ये भी एक फार्मूला बन गया दैट इज h / √ 2m काइनेटिक एनर्जी की जगह q v लिख दिया या e चाहो तो e लिख लो एक ही बात है इलेक्ट्रॉन की ही बात कर रहे हैं तो e भी लिखा जा सकता है अब बेटा ये जो h है वो प्लाक्स कांस्टेंट है m इलेक्ट्रॉन का मास है q इलेक्ट्रॉन का चार्ज है ये सारी चीजें कांस्टेंट ये जब सारी चीजें आप रखोगे ना तो ये सॉल्व हो कर के अंड √ 150 आता है तो यह फार्मूला तुम्हारा बनेगा अ √ 150 / v एंग स्म के बराबर और 150 का बेटा सॉरी 150 का जब आप अंडर रूट सॉल्व करोगे ना तो वो 12.27 आएगा 150 का अ √ 12.27 आएगा तो ये तुम्हारा फार्मूला बन जाएगा ये फार्मूला बन जाएगा इसी को एंग स्म में लिखा जा सकता है यानी कि मैं तो देखो मुझे जो याद है वो 12.27 तो नहीं याद है मैं इसको इससे इस तरीके से याद कर लेता हूं वेवलेंथ जो है वो अ √ 150 / v एंग स्ट्रोम के बराबर होता है तो बेटा इसको भी याद रखो और तुम लोग क्योंकि आपको एग्जाम देना है तो आप इसको भी अपने दिमाग में रखिएगा 12.27 / √ v है एक ही चीज 150 का अंड √ 12.27 होता है अब मैटर ये है कि सर इसको क्यों याद रखें कई बार क्वेश्चन में सिंपल देता है कहता है कि भाई 50 वोल्ट के पोटेंशियल डिफरेंस से इलेक्ट्रॉन को हम पास करा रहे हैं बताओ उसमें कितना वेवलेंथ आ जाएगा तो 50 वोल्ट अगर तो ये ज्यादा अच्छा रहेगा बेटा 150 / 50 करोगे कटेगा अ √3 आ जाएगा अ √3 एंग स् फ्रॉम तो 1.732 एंग स् फ्रॉम ये आपका सीधे-सीधे आंसर हो जाएगा राइट तो इस बात को ध्यान रखिएगा कई बार ऐसा भी कहते हैं फॉर न्यूट्रल पार्टिकल्स इन थर्मल इक्विलियम एट एब्सलूट टेंपरेचर आपसे कहेंगे भैया कोई एक पार्टिकल है और वो 500 केल्विन के टेंपरेचर पर है बताओ उसके अंदर कितना वेवलेंथ होएगा तो भई एनर्जी का एक फॉर्मूला ktt.io फार्मूला केल्विन ये इसका यूनिट होता है राइट बोल्ड मैस कांस्टेंट के टर्म्स में भी पूछा जा सकता है बट चांसेस कम है लेकिन फिर भी ठीक है दिमाग में रखो बेटा फॉर्मूला है इस फॉर्मूले पर क्वेश्चन मैं आपको बताऊं जेई मेंस में भी आ जाता है बोर्ड्स में भी आ सकता है नीट में भी आ सकता है इस तरह के छोटे-छोटे क्वेश्चंस आपको ऑब्जेक्टिव में मिल सकते हैं कोई बहुत बड़ी बात बेटा इसमें नहीं है मैटर वेव्स आर नॉट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स ये बात ध्यान रखना मैटर वेव्स यानी पार्टिकल से रिलेटेड जो वेव्स है वो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स नहीं है इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स की स्पीड थ्री 3 * 10 की पावर 8 मीटर पर सेकंड है लेकिन मैटर वेव्स की स्पीड 3 * 10 की पावर 8 होगा ये जरूरी नहीं है तो पॉइंट्स पढ़ो जरा मैटर वेव्स आर एसोसिएटेड विद पार्टिकल्स इन मोशन कह रहे हैं मैटर वेव जो है वो पार्टिकल्स के मोशन की वजह से होता है लेकिन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स जो है वो इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक फील्ड के वाइब्रेशन की वजह से होती है यानी वो एक्सीलरेटेड चार्ज पार्टिकल्स की वजह से है यहां पर चार्ज पार्टिकल्स का होना जरूरी नहीं है मैटर वेव्स के लिए लेकिन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स के लिए चार्जड पार्टिकल का एक्सीलरेटेड होना बहुत जरूरी है वेलोसिटी ऑफ़ मैटर वेव इज नॉट कांस्टेंट बट वेलोसिटी ऑफ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव इज कांस्टेंट दैट इज द स्पीड ऑफ लाइट है ना एंड दीज वेव्स डू नॉट ट्रेवल इन एयर और वैक्यूम विद द स्पीड ऑफ लाइट तो कह रहे हैं कि जो मैटर वेव्स हैं वो एयर वैक्यूम में ट्रेवल नहीं करती उनके लिए मैटर का होना पार्टिकल का होना मेरे प्यारे बच्चों बहुत ज्यादा जरूरी है तो आई होप ये चैप्टर देखो बहुत ही छोटा सा चैप्टर है इवन अगले सारे ही चैप्टर्स बहुत छोटे हैं एटम न्यूक्लिया और सेमी कंडक्टर जो हम पढ़ेंगे ये तीनों ही चैप्टर्स बहुत छोटे-छोटे चैप्टर्स हैं तो आई होप ये मॉडर्न फिजिक्स का आपका पहला चैप्टर था आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा और सभी लोग कमेंट करके जरूर बताइएगा यह लेक्चर आप सभी को कैसा लगा मिलते हैं अपने अगले लेक्चर में जिसमें हम लोग एटम चैप्टर को समरा इज करेंगे उसका माइंड मैप आपके दिमाग में फिक्स करेंगे तब तक के लिए गुड बाय एंड टेक केयर