मैं तुम्हें एक बात बताना चाहता हूं ऑन स्टोरी अपने बारे में वो यह है कि मैं कभी भी सिविल इंजीनियरिंग नहीं करना चाहता था यह सच बात है मैं सिविल इंजीनियरिंग नहीं करना चाहता था लेकिन मैंने इंजीनियरिंग की डिग्री किस फील्ड में की गेस करो सिविल इंजीनियरिंग ना सीएससी ना एरो नाटिक मैकेनिकल भी नहीं ना इलेक्ट्रिकल वही स्ट्रीम पकड़ी जो मैं नहीं करना चाहता था इसके पीछे नंबर वन रीजन यह था कि मेरे को ना उस टाइम पे पता नहीं था कि और कोई डिग्री क्या होती है कैसे उसको पसू करती क्या स्कोप होता है क्या नहीं होता है और सिविल इंजीनियरिंग के बारे में पता था कि इस चीज के अंदर स्कोप नहीं है उतना ज्यादा एज कंपेरिजन टू अगर हम सीएससी की बात करें लेकिन फिर भी इसलिए ऐ किया क्योंकि रिलेटिव्स यानी कि जो कजंस थे उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग पसू की थी और वो गवर्नमेंट जॉब वगैरह कर रहे थे तो मेरे को भी सुनी सुनाई बातों में आना पड़ा और घर वालों के प्रेशर की वजह से मैं सिविल इंजीनियरिंग करने के लिए चला गया आई स्टिल रिमेंबर मेरा थर्ड ईयर का टाइम था और ना मैं अपने कॉलेज का जो वो डिपार्ट होता है ना उसके बाहर बेंच लगा हुआ था और वहां पर बैठा हुआ था उस टाइम पे मेरे ये जब मुझे पता है कि यह वाली ब्रांच मैं बिल्कुल भी पसंद नहीं करता हूं और मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लगता है तो मैं उसे क्या जवाब दूं और मैंने उसे वही जवाब दिया जो उस टाइम पे मेरे को पता था कि भाई अगर तुम चेंज कर सकते हो तो अभी भी मौका है चेंज कर लो बहुत सारी ऐसी चीजें हैं यार कि ना जब तुम स्पेशली अगर तुम अभी फर्स्ट ईयर में हो कि अगर तुम सिविल इंजीनियरिंग कर रहे हो किसी भी कॉलेज से या फिर अगर तुम 12थ में हो और तुम सोच रहे हो सिविल इंजीनियरिंग के करने के बारे में तो तुम्हें मैं बता देता हूं कि क्या तुम्हें करनी चाहिए और क्यों नहीं करनी चाहिए ठीक है देखो यार नंबर वन चीज आज के टाइम पे क्या है कि बच्चे ना जब एनआईटी वगैरह आईआईटी वगैरह ये जो जेई मेंस वगैरह ये सब क्लियर नहीं ना कर पाते हैं तो उनके पास सिर्फ लास्ट में एक ही ऑप्शन रह जाता है वो है कि वो किसी प्राइवेट कॉलेज में जाकर एडमिशन ले ले अब वो प्राइवेट कॉलेजेस कौनसे-कौनसे हो गए जैसे मेरा प्राइवेट कॉलेज था एलपीयू चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी या फिर सीजीसी ये सब मतलब ये क्या कहते हैं प्राइवेट कॉलेजेस के अंदर ही आते हैं अब नॉर्थ के बच्चों की मैं एग्जांपल लेना चाहता हूं नॉर्थ के बच्चे ना मतलब हमारे पास ना हमेशा से एक बेनिफिट क्या रहा हुआ है कि ना गवर्नमेंट जो है वो हमें ना एक स्कीम के लिए वो देती है कि आपको ना हम एक स्कीम देते हैं पीएम ट्रिपल एस और उसके अंदर क्या होता है कि ना बच्चों को ये दे दिया जाता है कि अगर आपके 12थ की परसेंटेज अच्छी है तो हम आपको पूरे इंडिया के अंदर कहीं पर भी एक कॉलेज दिलवा देंगे अगर आपको मतलब वो वाली ब्रांच मिल गई तो वहां पर ना आपका एक हमको ना क्राइटेरिया मिला करता है कि आप अपनी प्रेफरेंस बताओ कि आपको कौन सा कॉलेज चाहिए कहां पर चाहिए और कौन सी ब्रांच चाहिए तो अगर बच्चे के अच्छे मार्क्स हो तो उसके अंदर ना उसको वो कॉलेज वगैरह मिल जाता है कभी-कभी अच्छा कॉलेज मिलता है कभी-कभी अच्छा कॉलेज नहीं मिलता है तो बच्चों के ऊपर फिर बाद में डिपेंड करता है कि अगर उनकी सीट निकल रही है जैसे फॉर एग्जांपल बेंगलोर में या फिर मुंबई में तो क्या पेरेंट्स भेजना चाहते हैं बच्चे को वहां पर और यह पूरी मतलब स्कॉलरशिप होती है तो बच्चे का इतना ज्यादा खर्चा नहीं होता सिर्फ रहने का ही खर्चा आता है अपना खाने पीने वगैरह का ठीक है तो बहुत बार बच्चे क्या करते हैं सिविल इंजीनियरिंग कर लेते हैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर लेते हैं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सिर्फ इसलिए क्योंकि उनके पैसे बच रहे होते हैं इसलिए नहीं क्योंकि उनका एक्चुअली में मन होता है ठीक है तो बात करें कि यार क्या सिविल इंजीनियरिंग करने का फायदा है 2024 में इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ एक आंसर है कि अगर तुम्हारा इंटरेस्ट एक्चुअली में है फील्ड जॉब करने के लिए देखो अगर तुम एक प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग करते हो ना जो मतलब जैसे इस खासकर सिविल की मैं बात करता हूं ठीक है तो सिविल इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल ये तीन ऐसी ब्रांचेस होती है ना जिनके अंदर ना ज्यादा कंपनीज नहीं आती हैं मैकेनिकल के अंदर फिर भी आ जाती हैं लेकिन इलेक्ट्रिकल और सिविल ना एक ऐसी कंपनी होती है जहां पर तुम्हें कोर फील्ड की कंपनी अगर तुम्हारा एक छोटा प्राइवेट कॉलेज है जिसका इतना बड़ा नाम नहीं है तो वहां पर बहुत ज्यादा चांसेस हैं कि तुम्हारी वहां पर कंपनीज वगैरह नहीं आएंगी तुम्हारा एडमिशन हो जाएगा कि हां भाई कि यहां पर बहुत ज्यादा स्कोप है लेकिन अगर तुम अपने सीनियर से भी पूछोगे ना वो भी तुम्हें ये बताएंगे कि भाई यहां पर कंपनियां नहीं आती हैं बहुत बार क्या होता है कि तुम्हें सिविल इंजीनियरिंग के नाम पे कौन सी वाली कंपनियां दिलवा देती हैं है सेल्स की कंपनियां जो करती तो सिविल इंजीनियरिंग का काम हो मतलब सिविल बेसिस के ऊपर काम होगी लेकिन तुम्हारी जब वहां पर जॉब लगेगी ना तो वो किसके ऊपर लगेगी कि तुम्हें यहां पर इनके प्रोडक्ट्स को बेचना है तुम्हें वो चीजें नहीं सिखाई जाएंगी जो एक्चुअली में मतलब एक सिविल इंजीनियरिंग की कंपनी के अंदर सिखाई जाती है ठीक है तो कॉलेज तुम्हें क्या वो चीज देता है वो तुम्हें कंपनीज वगैरह लाकर देता है नहीं लाकर देता है ये सबसे पहली बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट चीज है जो तुम्हें फिगर आउट करनी पड़ती है अब ये तुम कैसे फिगर आउट कर सकते हो ये तभी फिगर आउट हो सकता है अगर तुम जिस भी कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हो तो उनके पिछले बैच के सीनियर से या फिर खुद कॉलेज में जाकर टीचर से मत पूछना बच्चों से पूछना कि यहां पर क्या रिकॉर्ड रहा हुआ है सिविल इंजीनियरिंग की कंपनीज आती हैं या फिर नहीं आती हैं क्योंकि टीचर्स तुम्हें हमेशा झूठ बोलेंगे बच्चे जो होंगे ना वो तुम्हें हमेशा सच बताएंगे ठीक है एक ये होता है दूसरा यार एक और चीज बहुत ज्यादा मैटर करती है वो है कि ना सिविल इंजीनियरिंग का जो तुम्हें 4 साल में सिखाया जाता है ना वो उतना ज्यादा फील्ड वर्क में काम नहीं आता है क्योंकि वहां पर ना जब तुम जाओगे ना तो वहां पर प्रैक्टिकल बेसिस पे काम होता है तो जो तुम सिविल इंजीनियरिंग के अंदर सबसे ज्यादा चीज सीखो जो तुम्हें मदद करेगी एक अच्छी जॉब क्रैक करवाने के लिए वो होता है कि तुम्हें प्रैक्टिकल नॉलेज कितनी ज्यादा है बहुत सारे बच्चे क्या होते हैं जैसे भूटान वाली साइड से ये मैंने देखे हुए हैं और दूसरे बच्चे भी होते हैं वो क्या करते हैं कि ना वो पहले डिप्लोमा करते हैं डिप्लोमा जब करते हैं ना तो वो फिर बीटेक के अंदर आते हैं सेकंड ईयर के अंदर अपनी मतलब लेटरल एंट्री करवाकर क्योंकि ना उन्होंने डिप्लोमा में क्या किया होता है उन्हें थोड़ी सी प्रैक्टिकल नॉलेज होती है वो बीटेक के अंदर आके जब इंटर्नशिप वगैरह करते हैं या फिर फील्ड वर्क थोड़ा-थोड़ा करवाते हैं जो कॉलेज वाले वो भी कॉलेज वाले तुम्हें तभी करवाएंगे अगर तुम्हारा कॉलेज अच्छा है ठीक है बहुत सारे ऐसे कॉलेजेस में होता है कि जहां पर तुम्हें एक्चुअल में प्रैक्टिकल सेशंस भी उतने ज्यादा नहीं होंगे टाइम पास वगैरह के होंगे ठीक है तो अगर कोई तुम्हारा एक ऐसा कॉलेज है जो तुम्हें एक्चुअली में सही इंटर्नशिप करवा देता है लास्ट ईयर के अंदर छ महीनों के लिए तो वो चीज तुम्हे एक्चुअल लिए मदद कर सकती है एक जॉब क्रैक करवाने के लिए लेकिन तुम अगर इंटर्नशिप भी कर लोगे उस चीज का कोई भी फायदा नहीं होगा अगर तुम्हारे कॉलेज में कोई भी कंपनियां वगैरह नहीं आएंगी तो तुम एक जॉब क्रैक नहीं कर पा रहे होगे मैंने ये चीज ऑब्जर्व की हुई है कि बहुत सारे ऐसे प्राइवेट कॉलेजेस हैं जहां पर एक्चुअली में सिविल इंजीनियरिंग की कंपनिया नहीं कंपनी वगैरह नहीं आती है अब एक और मसला है कि जैसे जब मैंने ये चीज ऑब्जर्व की हुई है कि जैसे जो बड़े-बड़े कॉलेजेस के नामना जैसे थापर यूनिवर्सिटी ठीक है तो थापर यूनिवर्सिटी के बारे में में मैंने ये सुना हुआ है कि वहां की सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल या फिर मैकेनिकल इंजीनियरिंग ये ना बहुत ज्यादा अच्छी है एज कंपेरिजन टू सीएससी के मुकाबले में अब सीएससी एक ऐसी ब्रांच है ना यार आप किसी भी कॉलेज के अंदर चले जाओ ना आज के टाइम पे वहां पर कंपनियां आ ही रही है वहां पर मास रिक्रूटमेंट होती है ज्यादा बच्चों को उठाया जाता है चाहे कम पैकेज दिया जाता है लेकिन सीएससी की जॉब कहीं ना कहीं पर बच्चों को मिल जाती है अगर नहीं मिले तो सेल्स की मिल जाती है लेकिन जो सिविल वाले बच्चे होते हैं ना उनके पास क्या रहता है चार के चार साल के बाद एक डि एक डिग्री का फटका ठीक है तो उस टाइम पे क्या करना चाहिए सिविल इंजीनियरिंग का भाई सिर्फ यही है कि तुम 4 साल के बाद ना अगर तुम्हारी जॉब लगेगी भी ना तो तुम्हें फील्ड वर्क करना पड़ेगा बहुत सारी कम बच्चे क्या करते हैं जैसे मेरे साथ जो बच्चे थे ना तो उनके पास कोई और ऑप्शन नहीं था अब जैसे मेरे पास ऑप्शन था कि मैं वीडियोस वगैरह बनाता हूं कंटेंट क्रिएशन करता हूं थोड़ा सा तो मेरे को सिविल इंजीनियरिंग के अंदर जाने का मतलब मेरे को प्रेशर नहीं था लेकिन बहुत सारे बच्चे क्या करते हैं कि इंटर्नशिप के टाइम पे जैसे कॉलेज ना अलाव करते है कि तुम 6 महीने के लिए जाओ इंटर्नशिप कर दो कुछ कॉलेजेस होते हैं जो खुद इंटर्नशिप करवाते हैं कुछ कॉलेजेस होते हैं जो तुम्हें आरे ऊपर छोड़ देते हैं कि भाई तुम कहीं से अपना अपना जुगाड़ कर लो हम हम तुम्हारी मदद नहीं करेंगे ये रियलिटी है जो मैं तुम्हें बता रहा हूं ठीक है तो अगर तुम वो इंटर्नशिप करने के लिए जाते हो ना तो वहीं से तुम्हारा किसी तरीके का जुगाड़ बन जाएगा जैक लग जाएगा कि तुम्हें बाद में ना कंपनी वाले बोलेंगे कि हां भाई कि जब तुम अपना रिज्यू मेंे दिखाओगे कि हां अच्छा तुमको छ महीने का एक्सपीरियंस है चलो हमारे साथ हम तुम्हें 0000 दे देते हैं अब सिविल इंजीनियर के अंदर क्या होता है कि मैं तुम्हें एक एग्जांपल देना चाहता हूं हमारे कॉलेज में ना एक हॉस्टल बन रहा था तो वहां पर ना एक बहुत बड़े कांट्रैक्टर आए हुए थे जो उस कॉलेज को बना मतलब उस हॉस्टल को बना रहे थे तो हम ना उनके साथ बात कर रहे थे लास्ट सेमेस्टर में तो उन्होंने बोला यार कि 100% में से जो तुम अभी बच्चे हो ना तो कम से कम नहीं तो कोई 60 से 70 पर जो बच्चे हो ना तुम एंड सेमेस्टर में आते-आते ना सिविल इंजीनियरिंग को छोड़ ही दोगे पता है क्यों क्योंकि ना यहां पर फील्ड वर्क करना पड़ता है धूप वाला काम होता है थोड़ा समझ रहे हो थोड़ा मेहनत वाला काम होता है है सीएससी वाली के अंदर क्या होता है चलो तुम्हें एक ऑफिस मिल गया ऑफिस के अंदर बैठ के तुम कीबोर्ड के आगे काम करते रहो लेकिन सिविल इंजीनियरिंग का है कि तुम्हें फील्ड में जाना पड़ेगा अब जैसे अगर तुम्हें ₹2000000 की जॉब मिल रही है तो अगर तुम अपने घर के पास कोई कंपनी है या फिर चंडीगढ़ मोहाली में जो कंपनियां पुल वगैरह बनाती है तो वहां पर क्या काम करना पड़ेगा तुम्हें फील्ड में रह के इंस्पेक्शन वगैरह करनी पड़ेगी समझ रहे हो साइट के ऊपर जाना पड़ेगा अब कभी-कभी तुम्हारी मॉर्निंग शिफ्ट्स भी हो सकती हैं कभी-कभी तुम पूरा दिन फ्री रहोगे अब जब एट ए टाइम पे तुम्हें काम आया उसी टाइम पे तुम्हें जाना पड़ेगा तो वो जो प्रेशर होता है ना बड़ा ज्यादा कि हां भाई मजदूरी वाला काम करना पड़ रहा है जो ऐसे लोग बोलते हैं कि भाई सिविल इंजीनियरिंग मजदूरी वाला काम होता है तो वो तीन चार साल के लिए स्ट्रगल रहता है लेकिन सिविल इंजीनियरिंग का एक्चुअली में तुम्हें फायदा पता है कब मिलेगा ये एक ऐसी ब्रांच है जहां पर ना तुम्हारी स्किल्स मैटर करती है अब सीएससी के अंदर क्या है कि अगर तुम कोडिंग कर रहे हो तो विद टाइम तुम्हें पता है कि हां तुम्हें इंप्रूव करना पड़ेगा ठीक है इंप्रूव लेकिन एक टाइम पे जाकर तुम्हारी जो ग्रोथ होगी ना वो बहुत ज्यादा स्टैग्नेंट हो जाएगी तुम कितनी कोडिंग सीख लोगे कितनी कोडिंग सीख लोगे एक टाइम पे जाके तुम एक ही लेवल पे आओगे ना फिर तुम्हारा सेम काम हो होने लगेगा लेकिन सिविल इंजीनियरिंग के अंदर क्या होता है कि तुम जब 1 साल 2 साल छोटी साइट्स के ऊपर काम करते हो ना 15 से 00 के लिए फिर क्या होता है कि तुम्हारा हर तीन महीने के अंदर क्या होता है तुम नई-नई चीजें सीखते हो एक महीने के अंदर तुम नई-नई चीजें सीखते हो और वो जो 2 साल का जो तुमने मेहनत की होती है ना उस फील्ड के ऊपर वो एक्चुअली में तुम्हें मदद करती है तीसरे साल की शुरुआत में एक बहुत अच्छी कंपनी के अंदर जॉब दिलवाने के लिए अब ये तुम्हारे ऊपर डिपेंड करता है कि क्या तुम वो 2 साल के लिए 15000 से 0000 के ऊपर रह सकते हो टिक टिक सकते हो बहुत बार ऐसा होगा कि शायद से तुम्हें तुम्हारे घर के पास कोई साइट नहीं मिले कोई कंपनी ना मिले तो तुम्हें चंडीगढ़ मोहाली जैसी जगहों पे जाकर काम करना पड़े तो क्या तुम रह सकते हो सिविल इंजीनियरिंग करने का तभी फायदा है जब तुम दो से तीन साल के लिए उस एक साइट पे काम करो एक्सपीरियंस गेन करो और एक्सपीरियंस गेन करने के बाद जब तुम अपना रिज्यूमे किसी एक कंपनी को दिखाओगे ना तब वो तुम्हें ज्यादा पैसे पे करना शुरू कर देंगे और आने वाले टाइम में अगर जैसे सिविल इंजीनियर्स की बहुत ज्यादा डिमांड है दुबई वाली साइड यूएई वाली साइड बाहर वाली कंट्रीज में राइट तो अगर तुम वहां पर मतलब अपना तुम्हारे पास स्किल्स होती हैं तो वो कंपनी वालों के द्वारा बहुत ज्यादा ऐसे चांसेस होते हैं कि तुम्हें वो बाहर भी बेच सकते हैं अब वो डिपेंड करता है यार कि तुम्हें अच्छी कंपनी मिलती है या फिर नहीं मिलती है लेकिन अगर तुम्हारे पास ऑन फील्ड वर्क प्रैक्टिकल वर्क की नॉलेज होगी और तुम्हारा एक्सपीरियंस होगा तो नो डाउट तुम्हें काम मिल जाएगा तो यार यही मेन रीजन होता है जो बच्चों को पता नहीं होता है कि भाई वो सिविल इंजीनियरिंग के अंदर आ जाते हैं लेकिन चार सालों के बाद उन्हें पता चलता है कि भाई एक्चुअली में यह वाला काम तो मैं करना ही नहीं चाहता था तो अगर तुम एक 12थ में हो 12थ का एक ऐसा तुम बच्चे हो कि जो सोच रहा है कि भाई सिविल इंजीनियरिंग करनी चाहिए या फिर नहीं करनी चाहिए तो ये चीज अपने आप से पूछ लो कि क्या तुम आने वाले सालों में जब तुमको अगर फॉर एग्जांपल कोई तुम्हारी जॉब कॉलेज प्लेसमेंट नहीं लगती है तो क्या तुम 15 से 00 की जॉब करने के लिए तैयार हो किसी फील्ड पे कुछ सालों के लिए एक दो सालों के लिए अगर तुम तैयार नहीं हो तो इस फील्ड में मत आना अगर तुम्हें लगता है कि तुम ये चीज कर सकते हो तो इस फील्ड में आ जाना ये चीज और नहीं आने का रीजन मैंने तुम्हें बता ही दिया हुआ है कि अगर तुम नहीं कर सकते हो तो इस फील्ड में आने की कोई भी जरूरत नहीं है ठीक है तो एक और चीज है कि बहुत सारे बच्चे बोलते हैं कि भैया अब तो हम कॉलेज में आ गए हुए हैं तो अब हम क्या करें कि यहां पर क्या होता है कि मैंने बहुत सारे ऐसे बच्चों को एक गलती करते हुए देखा है कि वोह टाइम पे ना अपनी ब्रांच चेंज नहीं करते हैं शायद से हमारे कॉलेज में एक चीज थी कि तुम फर्स्ट ईयर में ना जो दो सेमेस्टर होते हैं वहां के वहां में ना तुम अपनी ब्रांच चेंज करवा सकते हो तो बहुत सारे बच्चों को ना छ महीने का सात महीने के बाद लगता था कि यार मेरे को ना अच्छा नहीं लग रहा है तो मैं एक काम करता हूं मैं अपनी चेंज करवा लेता हूं तो अगर तुम्हारे पास वो चांस है तो एक साल के अंदर अपनी अपनी तुम डिग्री भी चेंज ब्रांच भी अपनी चेंज करवा सकते हो ठीक है तो अगर तुम्हें लगता है कि तुम सीएससी में जाना चाहते हो तो तुम जा सकते हो मेरा एक दोस्त था भूटान का रमेश तो उसने यही किया था वो पहले मेरे साथ सिविल इंजीनियरिंग में था और फिर उसने चेंज करवाकर वो सीएससी के अंदर चला गया अब मैं ये बात नहीं बोल रहा हूं कि तुम सीएससी के अंदर ही चले जाओ कि भाई सब बच्चे उधर जा रहे हैं भेड़ चाल के अंदर तो तुम सीएससी के अंदर ही चले जाओ यह सिर्फ एक पर्सपेक्टिव देना चाहता था मैं तुम्हें कि ताकि तुम्हें समझ आ जाए कि क्या सिविल इंजीनियरिंग तुम्हारे लिए है भी या फिर नहीं क्योंकि यार वो गलती मत कर देना जो मैंने गलती की और जो बहुत सारे ऐसे लोग करते हैं सिविल इंजीनियरिंग की बाद एक और मतलब ज्यादातर बच्चे यह चीज करते हैं कि जब उन्हें पता है कि यार वो जॉब नहीं कर सकते हैं फील्ड वाली तो वो क्या करते हैं कि फिर वो गवर्नमेंट जॉब की प्रिपरेशन करना शुरू कर देते हैं जैसे बैंक के पेपर की तैयारी करना शुरू कर कर ली या फिर जो जैसे नॉर्थ वाली साइड में क्या होता है कि यहां पर जूनियर इंजीनियर एई की पोस्ट वगैरह निकलती हैं तो इसकी तैयारी शुरू करना कर देते हैं वो फिर दिल्ली चले जाते हैं या फिर घर प बैठ के तैयारी करते हैं तो एक एक और दरवाजा यहां पर खुल जाता है कि तुम गवर्नमेंट जॉब की प्रिपरेशन करो अगर तुम तुम्हारा सपना है कि हां भाई तुम जेई बनना चाहते हो या फिर जूनियर इंजीनियर असिस्टेंट इंजीनियर इन सब चीजों में जाना चाहते हो तो तुम्हारे पास एक है कि भाई तुम फील्ड में ना जाकर गवर्नमेंट जॉब की प्रिपरेशन करना शुरू कर दो ठीक है लेकिन एक पर्सपेक्टिव मैंने तुम्हें दे दिया हुआ है होप तुम्हें यह पर्सपेक्टिव काम आएगा और जो भी तुम डिसीजन लोगे वह तुम्हारे लिए अच्छा होगा किसी चीज की अगर मदद चाहिए यार तो मेरे से पूछ लेना तो मैं तुम्हें गाइड कर दूंगा या तो कमेंट कर देना या तो