हेलो एवर्नेट आज हम डिव लॉक एलिमेंट की एक और प्रोपर्टीज को डिस्कस करने वाले हैं जो है फॉर्मेशन ऑफ कॉंप्लेक्स कंपॉंट तो जो हमारे डिव लॉक के एलिमेंट होते हैं वह कॉंप्लेक्स कंपॉंट का फॉर्मेशन करते हैं तो अब यार यह हमा और एक compound है हमारा Cu, Ns3, Hole 4, SO4 अगर हम इन दोनों compound को ionize करें तो यह ionize होगा K positive plus Fe, Cn, Hole 6, minus 4 में यह 4K positive होगा balance करते हैं question को इसको आइनेज करें तो यह आइनेज होगा Cu NH3 4 यह डाइव पॉजिक्टिव प्लस SO4 माइनस 2 तो ऐसा कमपाउंड जिन में अगर केटाइन सिंपल है तो एनाइन कॉंप्लेक्स होना चाहिए या फिर ऐसा कमपाउंड जिसमें केटाइन कॉंप्लेक्स है तो अब आपको समझ में आ गया होगा कि हम complex compound किसको बोलते हैं तो ऐसा compound जिसका ketine या anion दोनों मेंचे कोई एक complex होता है और एक normal होता है तो ऐसे compound को हम complex compound बोलते हैं अब जो है कि D block के element जो है वो complex compound का formation क्यों करते हैं question यह है तो D block element में उनका size जो है वो small होता है उनका nuclear charge high होता है और उनमें back end D और vital होते हैं तो यह तीन properties जो होती है जिस कारण D block के element जो है वो complex compound का formation करते हैं तो हमारे पहली properties क्या है कि small size है दूसरी क्या है high nuclear charge है और तीसरा है vacant deorbiter तो ये तीन special properties के कारण D block का element जो है वो complex compound का formation करता है अब इस complex compound का होता क्या है तो ये जो हमारा metal iron है या metal atom कि यहाँ पर तो देखो iron जो है वो प्लस टू में होगा और यहां पर कॉपर यह भी प्लस टू में है तो यह तो मैटल आयन है अगर हम एक कंपलेस कंपोंड एफ इसी ओर फाइप की बात करें तो यहां पर आयन जो है वह जीरो ऑक्सिलेशन स्टेट में है अ झाल झाल झाल तो सेंटर मेटल एटम यह तो हमारा एटम होगा और यह हमारे सेंटर मेटल आयन हो गया के साथ यह लिगेंड होते हैं तो यह हमारा सेंटर मेटल आयन हो गया और यह लिगेंड हो गया यह सेंटर मेटल आयन हो गया और यह क्या होते हैं लिगेंड हो गया यह सेंटर मेटल आयन हो गया और यह लिगेंड हो गया तो लिगेंस जो है वो सेंटर मेटल एटम या सेंटर मेटल आईन के साथ क्या करते हैं? कॉर्डिक पॉर्ण का फॉर्मेशन करते हैं तो जब central metal atom ए central metal ion के साथ ligands जो है वो coordinate bond बनाते हैं तो ऐसे compound को हम complex compound बोलते हैं अगर हम बात करें K4, Fe, Cn, whole 6 तो इसका structure कैसा होगा Fe यह plus 2 है तो इसके साथ 6Cn negative जो है वो क्या करेगा coordinate bond जो है वो बनाएगा तो दो बन गए यह चीज निगेटर तो यह क्या हो रहे हैं को ऑडिनेट पॉइंट बनता है तो यह हमारा ऑप्टा हेड्रोल स्ट्रॉक्चर जो है वह बन जाएगा अब हमारे कुछ कंपाउंड जैसे कि केविनोफूर के टू सी आफ ओ सेवन अगर हम इनवाइलेज करें तो यह के पॉजिटिव प्लस एम एंड ओ फूर नेगेटिव और यह होगा के पॉजिटिव प्लस सी आफ ओ सेवन माइनस तो यह दोनों को हमारे कैसे हैं सिंपल आईएन है तो यहां पर जो हमारे पर मैंनेट आईएन है और टाइप्स टोमेट आईएन है उनको हमने नॉर्मल आईएन कंसिडर किया हुआ है क्योंकि यहां पर मैंनेट और ऑक्शन के बीच कोबलेंट बॉंड बन रहा है और क्रोमियम एंड ऑक्सियन के बीच भी कोविलेंट बॉंड बन रहा है यहाँ पे कॉर्णिक बॉंड नहीं बनता इसलिए तो ये आयन हमारे कैसे हैं नॉर्मल आयन है तो इनको हम सिंपल कमपाउंड या नॉर्मल कमपाउंड जो है वो कंसीजर करते हैं लेकिन इनको हम कॉम्पलेक्स कमपाउंड भी कंसीजर करते हैं उसका रीजन क्या है उसका रीजन ये है कि कॉम्पलेक्स कमपाउंड हम उस कमपाउंड को बोलते हैं जहांपे जो हमारा कॉम्पलेक्स आयन बने कि उस कंप्लेक्स आयों में जो मैकल है उसकी आप टेस्टिंग ना कर पाओ उस आयों को आप केमिकली टेस्ट ना कर पाओ तो ऐसे कंपाउंड को हम कंप्लेक्स कंपाउंड बोलेंगे जैसे के फॉर एफिशियन सिक्स कि यहां पर आप आयों प्लस की टेस्टिंग जो है वह नहीं कर सकते आप केमिकली यह बता सकते कि इसमें आयों क्या तू है यहां पर कॉपर टाइप की टेस्टिंग जो है आप नहीं कर सकते हैं यहाँ पर mn plus 7 की testing नहीं कर सकते, यहाँ पर cr plus 6 की testing जो है वो नहीं कर सकते, इस कारण इनको हमने complex compound consider किया है। अब question यहाँ पर 4 है, यहाँ पर 6 है, यहाँ पर 5 है, तो किसी भी complex compound में ligand की number जो है वो कैसे decide होंगे। तो यह decide होते हैं EAL number से, effective atomic number. तो इन क्या होता है इसका वीडियो तो हम पहले ही अपलोड कर चुके हैं आप प्लीज वो जरूर देखिए रहा है तो जब किसी कॉंप्लेक्स कॉंपॉन में सेंटिल मेटल आटम या आयन का EAN नंबर जो है वो किसी इनर्ड गैस के अटमिक नंबर के इक्पूर हो जाता है जो उसके नीरिस्ट इनर्ड गैस है उसके अटमिक नंबर के इक्पूर हो जाता है तो ऐसा कॉंप्लेक्स कॉंपॉन 6 इसके लिए हम यह नंबर कैसे डिटर्माइन करेंगे तो ईए एन इसका फॉर्मला होता है जेट माइनस एक्स प्लस लीजेंट इंटू डेंटिसिटी ऑफ लीजेंट इंटू टू है तो अब हमें इस कंपाउंट के लिए एफेक्टिव एटम की नंबर जो है वह बताना है तो यह नंबर मतलब एफेक्टिव एटम नंबर होता है तो हम यहां पर आयुड़ लिए वेट्सएट में नंबर बताते हैं तो आयुड़ का एटम की नंबर कितना है 26 एक मतलब ऑप्शन स्टेट होती है तो कितनी है यहां पर प्लस टू है तो माइनस यह प्लस टू प्लस लिगन कितना है सिक्स लीजेंट है और इसकी डेंटिशिटी कितनी है वन है तो डेंटिशिटी तो इसका तेंटाइसिटी का मतलब होता है कि एक लीजेंड कितनी क्वार्डिनेट बॉंड जो है वह सेंटर मेटल एटम या आयन के साथ बनाता है तो सीएंड जो है वह हमारा एक लीजेंड है वह मेटल आयन के साथ एक क्वार्डिनेट बॉंड बनाता है इसका तेंटाइसिटी वन है तो तेंटाइसिटी वन है इंटू करोगे तो यह होगा 24 प्लस 12 तो यह आया 36 और हमें पता है 36 एटमिक नंबर किसका होता है क्रिप्टन का होता है तो अगर किसी भी complex compound के लिए उसका effective atomic number किसी latest inert gas के atomic number के एक पर होता है तो ऐसा complex compound हमारा बहुत ज़्यादा stable माना जाता है तो हमारा K4-FECN-6 जो है एक स्टेबल कंप्लेक्स कंपाउंड है क्योंकि इसका फैक्टिव एटमक नंबर जो है वह थर्टी सेंस है जो कि क्रिप्टन का एटमक नंबर के एक पर है अब इसका स्ट्रक्चर जो है वह ऑक्टर है जो हम पहले बना चुके हैं तो आप टाइटर स्ट्रक्चर इसका क्यों बना यह मैं बताना है तो देखो जाओ अब आईएड का एटमक नंबर ट्वेंटी सेंस होता है कंफिग्रेशन थीडी सिक्स फूर एस टू होता है क्योंकि यहां पर आईएड प्लस तू में है तो इसका configuration होगा 3D64S0 S भी तो electron चले जाएगे तो D के 6 electron जो है वो ऐसे बढ़े जाएगे 1, 2, 3, 4, 5 और ये 6 और S जो है वो vacant है अब CN जो है ये CN हमारे कैसा होता है strong ligand होता है तो CN negative जो है एक strong ligand है इस कारण ये unpaired electron को period कर देगा ठीक है ना?
तो हमें 6 Cn नेगेटिव जो है वो अटेज करना है तो हमें 6 बेकेंट और्बाइटल चाहते हैं अगर Cn वीटली एंड होता तो फिर क्या होता? फिर ये अनप्रेड एलेक्ट्रों पेर्ड नहीं हो पाते हैं तो हमें अनप्रेड एलेक्ट्रों को पेर्� तो डी के हमने 5 औरवाट टाइल बना लिये और 1, 2, 3, 4, 5, 6 पीरड हो गए तो 2 वेकेट औरवाइट हमको यहाँ से मिले हमें कितनी चाहिए 6 चाहिए तो 1 हमें 4S का मिल जाएगा और 3 हमें 4PK मिल जाएगे तो हाइब्रडाइशन जो है वो कितना होगा वो होगा हमारा दी के दो हैं तो डी टू एस का एक है और पीडी के तेंप थ्री हैं तो डी टू एस पी थ्री हाइबरेशन हो गया जो कि ऑक्टा हेड्रल स्ट्रक्चर जो है वो बनाता है तो यहाँ पे सी एन नेगेटिव जो है वो क्या करेगा कोडिनेट पॉइंट बनाएगा तो 6 coordinate bonds हमारे यहाँ पर बन चुके हैं अगर मान लीजिए इसमें vacant orbital नहीं होते तो फिर क्या coordinate bonds बन पाते हैं तो हम कहते हैं नहीं तो चुकी D-block element में vacant orbital present होते हैं उनका nuclear charge high होता है ताकि वो लोन पेर को एकसेप्ट कर सकें लोन पेर को अटेक्ट कर सकें और निकुलर चार्ज हाई क्यों है क्योंकि उनका स्मॉल साइस है इसी कारण ये जो हमारे डिव्लॉक एलिमेंट है वो कॉंप्लेक्स कंपाउंड का फॉर्मेशन करते हैं ताकि वो लोग पेर को एकसेप्ट कर सकें और निकुलर चार्ज हाई क्यों है इसी कारण ये जो हमारे डिव्लॉक एलिमेंट है वो कॉंप्लेक्स कंप्पेंट करते हैं