[संगीत] नमस्कार आप सभी को मैं सरिता कुलकर्णी जंक्शन चैनल में आप सभी का स्वागत करती हूं आज हम बात करने वाले हैं मंगल के गोचर पर मंगल जो है अभी फिलहाल अपनी ही राशि में चल रहे थे मतलब मेष राशि में चल रहे थे मेश इनकी मूल त्रिकोण राशि है अब इस राशि से निकलकर यह वृषभ राशि में अर्थात शुक्र देव के घर में जाने वाले हैं अब यह जो कोचर है यह आपकी पत्रिका में किस प्रकार से काम करने वाला है आपके जीवन में कौन से पक्ष को जागृत करने वाला है कहां ऊर्जा का प्रभाव क्योंकि मंगल कौन है ऊर्जा के स्वामी हैं मंगल विल पावर के स्वामी है डिटरमिनेशन के स्वामी है और ये शुक्र के घर में जा रहे हैं तो ये कहीं ना कहीं शुक्र नि मंगलानी और शुक्र अग्नि का एक कॉमिनेशन तैयार करके जीवन में कुछ ना कुछ अलग-अलग पद्धति की ऊर्जा का स्रोत बनाने वाले हैं वीडियो की शुरुआत करने के पहले आप सभी के साथ में अनाउंसमेंट करना चाहती हूं विशेष अनाउंसमेंट यह है कि चैनल का सबसे पहला पॉडकास्ट लेकर आ रही हूं आप सभी के साथ में और यह पॉडकास्ट बहुत विशेष है जिन महानुभव के साथ में मैंने बातचीत करी है मुझे मौका मिला है वोह स्वयं पितृ दोष के ऊपर पितृ दोष के विषय पर बात करने वाले हैं और वो स्पेशलिस्ट है क्योंकि नारायण शीला हरिद्वार में जो यह मंदिर है वहां केय प्रमुख है और उन्हीं से बातचीत करने का मौका मिला है और आप सभी के जितने भी पितृ पक्ष को लेकर जितनी भी शंकाएं कु शंकाएं हैं वो डायरेक्ट आप एक्सपर्ट से सुनिए तो यह पड पॉडकास्ट जल्द ही आपके सामने आ रहा है इस प्रयास को आप सभी सराना देंगे और इसका आपको बहुत अच्छा लाभ मिलेगा ऐसी मैं आशा करती हूं दूसरा अनाउंसमेंट हमेशा की तरह यह है कि मैं पुस्तक लिख रही हूं और उस पुस्तक पर भी अभी काम शुरू है आप सभी के साथ में शेयर करती रहूंगी अपडेट करती रहूंगी अब आगे बढ़ते हैं वीडियो की तरफ अ वृषभ का वृषभ राशि में मंगल जो है वह प्रवेश करने वाले हैं 12 जुलाई से लेकर 26 अगस्त तक वृषभ राशि में मंगल रहने वाले हैं काफी मंगल जो है वो लगभग एक से डेढ़ महीने डेढ़ महीने तक का लगभग समय लेते हैं किसी भी राशि में रहने का मंगल के तीन नक्षत्र है देखिए तो सबसे पहला नक्षत्र कौन सा है मृग शरा चित्रा और धनिष्ठा तो जब हम नक्षत्र का विभाजन करते हैं तो डेढ़ महीने को मतलब मान लीजिए अब यहां पर 12 जुलाई से लेकर 26 अगस्त तक है 12 जुलाई से 26 12 जुलाई से 12 अगस्त मतलब एक महीना हो जाता है और उसके साथ में और 12 दिन 13 दिन जोड़ लीजिए आप लगभग तो डेढ़ महीना अगर हम मोटे मोटे तौर पर मान के चले तो तीन नक्षत्रों में यह विभाजन होता है याद रखिएगा मतलब मंगल जैसे ही वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे अब यहां पर कौन से नक्षत्र प्रभावित होने वाले हैं हमने मंगल की नक्षत्रों की बात करी पर यहां पर राशि प्रवेश कौन सा है वृषभ राशि है तो राशि प्रवेश मतलब वृषभ राशि में कौन से तीन नक्षत्र आते हैं उसके ऊपर से मंगल जाने वाले तो मंगल सबसे पहले किस किस नक्षत्र के ऊपर से जाने वाले हैं तो कृतिका नक्षत्र के ऊपर से जाने वाले हैं क्योंकि वृषभ राशि में तीन नक्षत्र आते हैं कृतिका के तीन चरण आते हैं जैसे अश्विनी भरणी कृतिका जो है उस उसमें पहले चार चार चरण और फिर कृतिका का एक चरण इस प्रकार से ये मेष राशि में हो गए वृषभ राशि में कृतिका के तीन चरण आते हैं फिर रोहिणी के चार चरण आएंगे और दो चरण मृगशिरा के आते हैं तो मृगशिरा तो मंगल का खुद का नक्षत्र है तो यह विशेष रहेगा जब भी कोई भी ग्रह अपने नक्षत्र में अपने अधिष्ठान क्त्र में प्रवेश करता है तो वह विशेष फल देता ही देता है याद रखिएगा अब यहां पर वृषभ राशि का गोचर है मतलब इन तीन नक्षत्रों में ये रहने वाले हैं इन तीन नक्षत्रों अब ये तीन नक्षत्र आपके जन्म नक्षत्र लग्न नक्षत्र है या मान लीजिए इसमें आपका आत्म काक ग्रह है अमात्य कारक ग्रह है या मान लीजिए इसमें आपका सूर्य है आपका चंद्र नक्षत्र यह है तो क्या होगा यह गोचर आपके लिए बहुत विशेष प्रभावकारी रहेगा इवन वृषभ राशि में कोई ग्रह आपका ऑलरेडी विद्यमान है ओबवियसली इन नक्षत्रों में से किसी किसी नक्षत्र में ही होगा उस उस ग्रह पर से व मंगल जाने वाले हैं इसका अर्थ है कि मंगल का प्रभाव उस घर उस ग्रह पर होने वाला है और अब ये वृषभ राशि जो है यह काल पुरुष कुंडली में द्वितीय स्थान में आती है काल पुरुष बेस कुंडली है चक्र है क्योंकि उस चक्र से जाना जाता है कि व्यक्ति के जीवन में किस प्रकार का प्रारब्ध उसे भोगना है क्योंकि याद रखिए ये आपका पहला जन्म तो है नहीं है ना इसके पहले भी आपके कई जन्म होकर गए हैं तो हर जन्म में आपका लग्न बदलता रहा होगा परंतु आप चक्र कैसे पहचानेंगे कि कौन से चक्र को अटक कर कौन से चक्र में अटक कर आपका वापस से जन्म हुआ है कौन सा प्रारब्ध का भोग था किस प्रकार का बेंडिंग कर्म पूर्ण करना था जिसके कारण हमने वापस से जन्म लिया है तो वो आप डेफिनेटली काल पुरुष कुंडली से समझते हैं ये नारद संहिता का सूत्र है देखिए आगे बढ़ते हैं अब देखिए काल पुरुष कुंडली में ये द्वितीय स्थान में आता है अब आपकी पति आपकी पत्रिका में वृषभ राशि जहां भी स्थित होगी वहां से वो परिणाम आएंगे है ना अब वो कौन से पुरुषार्थ में है धर्म पुरुषार्थ में है अर्थ पुरुषार्थ में है काम मोक्ष कौन से पुरुषार्थ में है उस पुरुषार्थ में उस दिशा में आपका कर्म रहेगा आपकी ऊर्जा रहेगी आपका ऊर्जा ड्रेन होना होना है वहां पर क्योंकि मंगल क्या है अग्नि है मंगल क्या है अग्रेशन है मंगल क्या है राग है आपका गुस्सा है मंगल अग्रेशन के साथ साथ मंगल आपकी शक्ति का सूत्र है मंगल डिटरमिनेशन पावर है हट बुद्धि भी है मंगल और मंगल आपका अहंकार है हमारा हमारे अंदर अहंकार का होना ईगो का होना बहुत आवश्यक है अगर ईगो नहीं होगा तो व्यक्ति का अंदर का जो एसेंस है या उस व्यक्ति का जो अस्तित्व है वह अस्तित्व शून्य हो जाएगा वो अस्तित्व एक्चुअली सृष्टि में मिल जाएगा तो जो बहुत महापुरुष संत पुरुष होते हैं उन्म अहंकार नहीं होता है उनमें ईगो नहीं होता है परंतु अगर हम नॉर्मल हम और आप जैसे आम इंसानों की बात करें तो अहंकार आवश्यक भी है क्योंकि जब तक आप अपना एक्जिस्टेंस नहीं दिखाते हैं तब तक सामने वाला आपको हल्के लेगा तो एसिस्टेंसिया हैं अपने विचारों से अपनी खुद की प्रिंसिपल्स या जिस प्रकार से आप उसका प्रोजेक्शन करते हैं अब देखिए मंगल वृषभ राशि में है वृषभ राशि पृथ्वी तत्व की है और जब अग्रेशन का स्वामी पृथ्वी तत्व में प्रवेश करता है तो वो डिसीजन मेकिंग हार्ड कर देता है मतलब आपके जीवन में अब अब ये लगभग जो टाइम पड रहेगा इसमें आपकी एक हार्डकोर डिसीजन मेकिंग रहने वाली है कि आप किसी चीज को नई शुरुआत भी कर रहे हैं तो भी उसमें आप अड़े रहेंगे भले ही आपको फायदा हो या नुकसान हो चलो देखते हैं कैसा होगा तो वहां पर डिसीजन की हार्डनेस है अब वृषभ राशि क्या है धन धन को भी दर्शाती है क्योंकि काल पुरुष कुंडली में धन का धन का स्थान है वाणी का स्थान है कुटुंब का स्थान है और वहां पर मंगल तो यह सब क्या होने वाला है जब मंगल जैसा अग्रेसिव मुफ या स्पष्ट वादी या अहंकारी वाणी को लेकर अगर वह आता है तो क्या होगा धन का लाभ होगा उसी वाणी से या फिर धन की हानि होगी कभी-कभी डोमिनेशन करने से भी बहुत सारी चीजें हमें मिल जाती है परंतु वो डोमिनेशन पॉजिटिव डोमिनेशन होना चाहिए वो डिटरमिनेशन पॉजिटिव डिटरमिनेशन होना चाहिए डिक्टेटरशिप एक हद तक होनी चाहिए एक एक फाइन लाइन होती है देखिए तो ये गोचर जो है आप सभी की पत्रिका में किस प्रकार से काम करेगा के ऊपर हम बात करेंगे हर लग्न राशि और जन्म राशि के अनुसार उसके पहले एक और चीज समझेगा कि सबसे ज्यादा और किसके ऊपर ये प्रभावी होने वाला है जिसकी भी जन्म राशि लग्न राशि अगर वृषभ है तो अब वृषभ राशि किसकी है शुक्र की है शुक्र की दूसरी राशि कौन सी है तुला तो याद रखिए कि जितने भी ग्रह है जिनको दोदो राशिया मिली है जब भी ग्रह उस राशि में प्रवेश करता है तो वो दूसरी राशि को भी एक्टिवेट करेगा ही करेगा वहां से भी फलत देगा ही देगा अब जो ग्रह जा रहा है उसके भी नक्षत्र एक्टिवेट होते हैं देखिए वहां से भी फलित आते हैं इसको ऐसा समझिए कि सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हम बहुत सारे कर्म करते हैं राइट कुछ डिसीजन मेकिंग के हमेशा रिपल इफेक्ट होते हैं मतलब कुछ नहीं हर एक डिसीजन मेकिंग के रिपल इफेक्ट होते हैं बटरफ्लाई इफेक्ट होता है तो वो बटरफ्लाई इफेक्ट जो है वो कैसे एक्टिवेट होंगे वो इसी प्रकार से एक्टिवेट होते हैं नक्षत्र गोचर से चरण के ऊपर से जाने से उस राश के अनुसार उस भाव के अनुसार उस उस राशि की दूसरी उस ग्रह की जो दोनों राशियां है वो दोनों भाव इस प्रकार से उसका इंपैक्ट आता है साधारण से एग्जांपल लेती हूं अगर किसी व्यक्ति के घर में मान लीजिए किसी को कैंसर हो जाता है पति पत्नी बच्चे हैं अगर किसी व्यक्ति को अगर कैंसर हो जाए तो उस व्यक्ति ने अगर मान लीजिए इंश्योरेंस नहीं है जितना भी उसने पूंजी कमाई है वह उस अपने पार्टनर को बचाने के लिए लगाएगा उसके मेडिकल मेडिकल को मेडिकल का उठाएगा मतलब जिसका जिसका गोचर था कि जिसको कैंसर हुआ है उसके साथ तो परिणाम हुआ ही हुआ है शारीरिक रूप से हुआ है परंतु आर्थिक रूप से उसके उसके पार्टनर पर हुआ है मानसिक और इमोशनल रूप से उसके बच्चों पर हुआ है मानसिक इमोशनल रूप सबके ऊपर ही हुआ है परंतु हर एक के लिए व अलग अलग पद्धति से काम कर रहा है उसको बोलते हैं हम रिपल इफेक्ट तो ये रिपल इफेक्ट समझना बहुत आवश्यक है मैं आपको प्रैक्टिकल एस्ट्रोलॉजी सिखा रही हूं मैं आपको प्रैक्टिकल लजी कैसे समझी जाए वो दिखा रही हूं कि आप अपने रोजमर्रा के जीवन में किस प्रकार से इसको अप्लाई करके समझ सकते हैं कि ग्रह कैसे काम करते हैं ग्रह हमारे ऊपर सीधे थॉट प्रोसेस से काम करते हैं याद रखिएगा क्योंकि ग्रहो की जो शक्तिया है या जो उनका अस्तित्व है वह हमारे विचारों से है हमारे बुद्धि से हमारे चित्त से है तो हम अपने विचार अपनी चि कैसा कैसे रखते हैं पॉजिटिव रखते हैं नेगेटिव रखते हैं कंस्ट्रक्टिव रखते हैं रखते हैं राग ड़ रिप से ग्रसित रखते हैं हमारे ऊपर है तो हम अपने ब्रेन में कितना झाड़ू लगाते हैं यह बहुत इंपॉर्टेंट है तो कोई भी ग्रह अपने अपनी निम्न लेवल की ऊर्जा पर भी काम करता है और अपनी हास्ट लेवल की ऊर्जा पर भी काम करता है मंगल सोल्जर है मंगल क्या है उसे चाहिए कर्म वो खाली नहीं बैठ सकता है तो जो जिसका दर्जा है दर्जा जो है वो अगर सेनापति का है ग्रहो ग्रह माला में तो वो हमेशा कर्म के लिए तत्पर है वो युद्ध करने के लिए तत्पर है गो गेटर है तो वो जो गो गटर फील है वो जो एटीट्यूड है वो अब आपके कौन से भाव में आने वाला है इसके ऊपर हम देखते हैं चलिए शुरुआत करते हैं मेष लग्न से शुरुआत करते हैं कि यह जो मंगल का गोचर है आप सभी के लिए किस प्रकार से प्रभावी रहेगा अब देखिए कि मंगल के लिए मंगल की ही राशि है और मंगल की दूसरी राशि कौन सी है वृश्चिक मतलब अष्टम भाव में वृश्चिक राशि आती है अभी अी अभी अगर आप देखेंगे तो मंगल जो है वो कहां है वो गोचर करके द्वितीय भाव में है और किसके साथ में युति बनाते हैं गुरु के साथ में युति बनाते हैं तो ये गोचर आपके लिए एक्चुअली बहुत अच्छा होने वाला है क्योंकि मंगल और गुरु की युति जब भी बनती है तो हमें उसे स्पोर्ट्समैन की युति कही जा कहते हैं एक्चुअली क्योंकि मंगल मतलब करने वाला और बुद्धि मतलब जो धी शक्ति है वो गुरु से आती है तो उस करने में क्योंकि मंगल जल्दबाजी को भी दिखाते हैं इंपेशेंट को भी दिखाते हैं इंपल्सिवनेस को भी दिखाते हैं तो गुरु जब उनके साथ में संलग्न होते हैं या गुरु के गुरु के प्रभाव में जब आते हैं तो मंगल की कर्म करने की शैली में कहीं ना कहीं एक गुरु में चीजें आती है मतलब व वहां पर पेशेंटली काम करेंगे अब यहां पे गुरु रोहिणी नक्षत्र में है जब गुरु रोहिणी नक्षत्र में है और मंगल जब रोहिणी नक्षत्र में आएंगे और वो युति करेंगे तब और इवेंट स्ट्रंग आपको मिलने वाले याद रखिएगा अब कौन से इवेंट हो स स है आपको पैसों मतलब धन का लाभ हो सकता है आपके आपके जीवन में कोई ना कोई फैमिली एडिशन हो सकता है घर में किसी व्यक्ति का आना मतलब शादी ब्याह होना या फिर कंसेप्ट होना प्रेगनेंसी होना बच्चा आना यह सारी चीजें भी पॉसिबल है आपके मेष लग्न के जातकों के लिए धन लाभ हो सकता है यह भी हो सकता है कि आपकी जो आपके जो स्पाउस है उनका धन लाभ हो हां मंगल जब द्वितीय भाव में है तो य आप की वाणी को तीक्षण बनाएंगे और आपको अहंकारी भी बना सकते हैं इसलिए आपको ये याद रखना है कि तीक्षण स्ट्रेट फॉरवर्ड बस अच्छी है पर वो हर्टफुल नहीं होनी चाहिए स्पाइसी खाने का मन करेगा यहां पे रेड मीट जितनी भी नॉनवेज वाली चीजें हैं वो भी खाने का मन करेगा और मीठा भी खाने का मन करेगा इस सब चीजों को आपको कंट्रोल करके बैलेंस आउट करके चलना पड़ेगा मंगल जो है वो रक्त के विकारों को भी दिखाते हैं आंखों की प्रॉब्लम को भी यहां पे वितीय स्थान से देखा जाता है तो यहां पे मंगल का गोचर कुछ ना कुछ चुभने वाली चीजें इसका एक परिणाम दे सकते हैं जैसे आंखों में चुभना आंखों में कुछ प्रॉब्लम होना कंज वाटीज होना इस प्रकार की कुछ दिक्कतें दे सकते हैं रक्त के विकार भी कुछ ना कुछ ला सकते हैं अब ये वृषभ राशि है थायराइड ग्लैंड या हम कहे कि यह पूरा पोर्शन है वहां पे गुरु का होना या मंगल का होना ये कहीं ना कहीं कुछ किसी ना किसी प्रकार के रोगों को भी उद्भव कर सकती है मतलब इंफेक्शन हो सकते हैं साइनस की प्रॉब्लम हो सकती है नर्व्स की या इसकी प्रॉब्लम हो सकती है थायराइड की प्रॉब्लम हो सकती है ये सब तब हो सकता है अगर आपकी पत्रिका में मंगल और गुरु अगर दूषित है तो गोचर वष अगर आप देखेंगे तो शनि सेय चौथे भाव में है इसलिए भी प्रॉब्लम आने वाला है क्योंकि मैं हमेशा कहती आई हूं कि शनि से चौथे भाव में जब भी कोई भी ग्रह आता या शनि से चौथा भाव जो है वहां के फल दूषित हो जाते हैं वहां के फल पूरी तरह से प्राप्त नहीं होते हैं अब यहां प आपके लिए द्वितीय और व्यय दोनों ही भाव में क्या है क्रूर ग्रह र तो आंखों की बहुत ख्याल रखिएगा दांतों का ख्याल रखिएगा नींद का ख्याल रखिएगा स्पेशली क्योंकि वहां पर नींद भी डिस्टर्ब होने वाली है ठीक है अब आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कि वृषभ लग्न के जात जातकों के लिए यह गोचर कैसा रहेगा वृषभ लग्न के लिए देखिए यह जो गोचर है यह उनके ही लग्न भाव में हो रहा है लग्न में ही मंगल का आना या आपकी अग्रेसिव को और बढ़ाता है आपके गुस्से आप में जो एक नॉर्मली हम लेड बैक एटीट्यूड रहता है वृषभ वालों के पास में आराम से सब चीजें करते हैं ये एटली बैल बुद्धि जो होती है ना जब तक आप काम करवा रहे हो बहुत काम कर लो कर लो कर लो मतलब दिन भर खड़े रहेंगे काम करेंगे पर एक बार बैठ गए तो फिर नहीं उठेंगे तो एक बार सोफे पर बैठ गए और टीवी देखने के लिए बैठ गए फिर वापस से नहीं उठेंगे जब तक वो पूरा सीरीज कंप्लीट नहीं होगा तब तक बैठे रहेंगे या फिर लेटे रहेंगे तो ये जनरली पृथ्वी तत्व के राशियों का एटीट्यूड होता है पर अब यहां पे मंगल आए हैं तो क्या होगा अग्रेशन बढ़ेगा आप और अपनी बॉडी को लेकर कहीं ना कहीं और ज्यादा एक्टिव होंगे जिम जाना या फिर सूर्य नमस्कार करना मसल्स की एक्सरसाइज करना स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना इस इन सबकी इच्छा होना ये आपने शायद ऑलरेडी शुरू भी कर दिया होगा या फिर आप कर रहे हो करने वाले होंगे मंगल का लग्न भाव में होना ये कहीं ना कहीं गुस्स गुस्सा तो बढ़ाता है तो वो आर्गुमेंट सिचुएशन को झगड़ झगड़े को भी बताता है क्योंकि आपकी पत्रिका में व्यय के भा व्यय भाव के के स्वामी और सप्तम भाव के स्वामी हैं तो लग्न में जब आता है मंगल तो वो मांगलिक हो जाता है एक्चुअली तो यहां पे गुस्सा होना और आर्गुमेंट होना झगड़े की सिचुएशन आपके पत्नी के साथ में आपके पति के साथ में स्पाउस के साथ में आपके बिजनेस पार्टनर के साथ में ये सिचुएशन बनने की संभावना पूरी पूरी बनती है हालांकि गुरु यहां पे गोचर में है साथ में तो ये ऐसा नहीं कि चीजें बिगड़ जाएंगी सिनेरियो बिगड़ जाएगा ऐसा नहीं है परंतु ये हो सकता है क्योंकि आपकी वाणी यहां पे मुफत होने वाली है आप कुछ ऐसी चीजें बोल जाने वाले हैं जो आप शायद यू कांट टेक इट बैक इसका ख्याल रखिएगा अब सातव भाव का स्वामी है मारक भाव का स्वामी है और वो लग्न में आके बैठा हुआ है तो एक और चीज ध्यान रखनी पड़ेगी कि ये पूरा गोचर जो है ना ये कहीं ना कहीं आपको दिखाता है कि अहंकार के कारण आपके बनते हुए काम बिगड़ सकते हैं फिर चाहे वो आपका अगर आप करियर में कोई मूव करना चाह रहे हैं अपने बॉस के साथ में कोई बात करना चाह रहे हैं तो बातों में अनमन हो गई और केस बिगड़ गया इसकी संभावना हो सकती है उसे बहुत अच्छे से ध्यान रखिएगा प्रिकॉशन के साथ में अगर करते हैं तो यह आपके लिए अच्छा होगा परंतु व्यय भाव का स्वामी है इसलिए यह सारी चीजें ज्यादा अप्लाई होती है यश का लग्न में आना इसका अर्थ है कि व अब आपके हाथ में भी है किस प्रकार का खर्चा करना है नहीं करना है य आपके हाथ में है या फिर यह भी कह सकते हैं कि खर्चा करने की इच्छा ज्यादा होना यह भी हो सकता है पर खर्चा कहां होगा अब व भा जो है ये हॉस्पिटलाइजेशन है यह फॉरेन ट्रेवल का है या हम ये कहे कि हॉस्पिटलाइजेशन हम कहे तो फिर रक्त की जो विकार होती है या ब्लड टेस्ट करवाना या इनसे संबंधित कहीं ना कहीं खर्चा या इनसे संबंधित आपकी एनर्जी ड्रेन होने की संभावना पूरी पूरी दिखाई देती है तो इसका ख इसका ख्याल रखिएगा आप मिथुन लग्न के लिए बात करते हैं यह जो गोचर है ये उनके व्यय भाव में जा रहा है व्यय भाव में मंगल और गुरु का योग बना है मंगल आपके व्यय भाव में है व्यय भाव शैया सुखों का है व्यय भाव आपके फॉरेन ट्रेवल का है व्यय भाव जो है वो आप आपके नींद का आप जिस प्रकार का खर्चा करते हैं हॉस्पिटलाइजेशन इन सबका है मंगल जब य भाव में आते हैं तो झगड़ा होने के बाद में फिजिकल रिलेशनशिप होने की संभावना ज्यादा दिखाई देती है बहुत बार इस प्रकार से रिलेशनशिप एस्टेब्लिशमेंट या रिलेशनशिप में चीजें बनती है गोचर य दिखाता है यहां पर गुरु है देखिए गुरु है तो वो क्या करता है खुद पहल नहीं करता है वहां पर तो वो पहल सामने वाला कर रहा है तो उसे अहंकार के कारण कभी-कभी ठुकरा भी देता है तो इसका बहुत ख्याल रखिएगा इससे इसके कारण ईगो इश्यूज बन सकते हैं इस चीज का आप ख्याल रखिएगा सबसे पहले अब मिथुन लग्न वालों के लिए ये लाभेश है और षषष है लाभेश और षषष जब व्यय भाव में जाते हैं तो व्यय भाव आपके पार्टनर का प्रारब्ध का स्थान है प्रारब्ध के कारण आपके साथ में वो कुछ ना कुछ ऐसी चीजें कुछ ना कुछ ऐसी घटनाक्रम आपके साथ में होगी आपके स्पाउस के साथ में मिलकर या फिर आपके बिजनेस पार्टनर के साथ में मिलकर जो आपके प्रारब्ध के भोग को भी दिखाती है आपके पेंडिंग कर्म के भोग को भी दिखाती है अब आपके ऊपर है कि जो पेंडिंग कर्म आपके सामने आएगा उसे पहचानना और उसे पूर्ण करना आपके हाथ में है क्योंकि ये चांस आपको मिलता है पूरा करने के लिए पर वो चांस आप पता है कैसे गवा सकते हैं आपकी वाणी से गुस्सा करके या फिर अहंकारी बुद्धि को यूज करके तो यह चीज नहीं करनी है इसका याद रखिए अगर आपने यह पेंडिंग कर्म पूर्ण कर लिया तो फिर आपके लाभ भाव में जो मंगल स्वामी है मतलब मेष का मेष राशि है तो आपको अल्टीमेटली लाभ प्राप्त होगा क्योंकि गुरु कौन है दशमेश है कर्म के स्वामी है तो कर्म आपको दिखा रहे है कि किस प्रकार के कर्म करना है पर आपकी हटी बुद्धि आपकी मंगल बुद्धि मतलब अहंकारी बुद्धि क्या यहां पर आपको करने देगी आपको पता है सभी प्रकार के ग्रह सब प्रकार की बुद्धि को दर्शाते हैं यहां पर पंचमेश आपका भले शुक्र है पर फिर भी मंगल आपके कौन है पेंडिंग कर्मा के स्वामी है तो पेंडिंग कर्मा के स्वामी और लाभ के स्वामी और शुक्र जो है वह आपके द्वितीय भाव में है वाणी से आप यह सारी चीजें करेंगे वाणी से ही यह सारी चीजें आप अचीव भी कर सकते हैं और अपनी बिगाड़ भी सकते हैं एक चीज अच्छी है कि जहां आपका गुरु मंगल योग आपके व्यय भाव में है उसी प्रकार से वाणी के भाव में आपका लक्ष्मी नारायण योग है मतलब अगर आप सही प्रकार की ऊर्जा और सही प्रकार का फोर्स लगाते हैं तो लक्ष्मी नारायण योग मतलब लक्ष्मी की प्राप्ति समृद्धि की प्राप्ति 100% पॉसिबल है यहां पर कर्क लग्न के लिए बात करते हैं कर्क लग्न के लिए मंगल जो है वो योग काक ग्रह हो जाते हैं क्योंकि वो पंचमेश है और दशमेश है पंचमेश और दशमेश का लाभ भाव में आना गुरु के साथ में संलग्न होना बहुत अच्छी बात है आप अभी काम के लिए जो शोर से काम कर रहे हैं अपने अपने वर्क प्रोफाइल में अपने वर्क एरिया में आप अपने अलग-अलग चीजों को बढ़ा रहे हैं विस्तार कर रहे हैं क्योंकि विस्तार का ग्रह कौन है अ गुरु है और वो विस्तार दे रहा है और मंगल जब साथ में आता है दशमेश जब लाभ में जाएगा तो वो लाभ प्राप्ति के लिए ही कर्म करेगा जो भी आपकी प्लानिंग रहेगी क्योंकि मंगल क्या है स्ट्रेटेजिक प्लानिंग है मंगल आपकी ऊर्जा है गुस्सा है आपका तैश है आपकी इंपल्सिवनेस है इंपेशेंट स है और वो कहां लगा रहे हैं आप अपने लाभ को प्राप्त करने के लिए लगा रहे हैं बहुत अच्छी बात है क्योंकि वो पंचमेश भी है बुद्धि के स्वामी है तो कर्क राशि के लिए ये गोचर बहुत बढ़िया है कर्क राशि के लिए गोचर बहुत बढ़िया है हालांकि अगर आपकी कौन सी दशा अंत दशा चल रही है उसके अनुसार भी आपको फल प्राप्त होंगे अब देखिए पंचमेश और दशमेश है और इस मंगल के ऊपर मतलब शनि से ये चौथे भाव में आ रहे हैं इसका अर्थ है शनि से चौथा भाव खराब हो जाता है मतलब आप सब कुछ कर्म कर रहे हैं आपकी चीजें अच्छी भी हो रही है पर फिर भी उसमें कुछ नमक गिर जा ऐसी सिचुएशन बन सकती है उसका प्रिकॉशन आपको रखना पड़ेगा मतलब जितने प्रिकॉशन के साथ में आप काम करेंगे आपके लिए अच्छा होगा कर्क लग्न के जातकों के लिए अभी एक और स्थिति बन रही है कि अब ये मंगल चौथी दृष्टि आपकी कहां डालते हैं आपके द्वितीय भाव में डाल रहे हैं क्योंकि चौथी दृष्टि आपकी वाणी को तीक्षण कर देती है और वाणी इंपेशेंट होकर इंपल्सिव होकर कुछ ऐसी चीजें आप घर में बोल जाते हैं बाद में आप उस चीज को रिपेंट करते हैं कि मैंने क्यों बोल दिया मैंने अहंकार रूप में इस प्रकार से क्यों बोल दिया मैं सेल्फिश होकर क्यों बोल दिया यह चीज होने की संभावना वो ऑलरेडी आपके साथ में चल रहा है क्योंकि मंगल जब दशम भाव में थे तो वो चौथी दृष्टि आपके लग्न प थी मतलब आप प थी तो वो ऑलरेडी आपके साथ में चीजें चल रही है बट यह और बढ़ेंगी जब वाणी प आएंगे तो उसका खास ख्याल रखिएगा पेंडिंग कर्म के स्थान पर इसकी अष्टम दृष्टि ब पड़ती है इसका अर्थ है कि ये पूरा गोचर जो है ना रोग को भी कहीं ना कहीं कर सकता है मतलब आपके पेट से संबंधित इशू को भी उ उत्पन्न कर सकता है मेटाबॉलिज्म का बहुत खास ख्याल रखिएगा तीखा नहीं खाना है तीखा जितना हो सता है कम खाइए सही प्रकार से सही चीजों का सेवन करिए ताकि आपका गट बैक्टीरिया आपका मेटाबोलिज सही प्रकार से चले कानों की प्रॉब्लम हो सकती है शोल्डर्स की प्रॉब्लम हो सकती है नेक एरिया में कहीं ना कहीं दिक्कत हो सकती है इसके लिए आपको मसल का फिजियोथेरेपी या फिर कहीं ना कहीं एक मसल का जो पुलिंग होता है ना वह भी बहुत बार इस इस गोचर में दिखाई देता है तो उसका भी आपको ख्याल रखना पड़ेगा ठीक सिंह राशि के लिए बात करते हैं अब इनके लिए भी जो मंगल है ये क्या हो जाते हैं योग कारक ग्रह हो जाते हैं क्योंकि ये चतुर्थेश भाग्येश के स्वामी है चतुर्थेश और भाग्येश सुख के और भाग्य भाव के स्वामी जो है वो आपके दशम भाव में आ रहे हैं तो क्या दर्शाते हैं कि दशम भाव में जब मंगल आते हैं ना ये एक्चुअली बहुत अच्छा योग बनता है क्योंकि जिनके पत्रिका में ऑलरेडी गुरु मंगल की युति है ना तो उनके लिए ये बहुत बढ़िया योग बनता है कि आप जो भी अचीव करना चा चा रहे हैं वो गो गेटर का एटीट्यूड जो आपके पास है वो आपको भी फलित देगा 100% देगा भाग्य से आपको चीजें मिलेंगी अगर आप कर्म करते हैं तो अब कर्म आप क्या करते हैं क्योंकि कर्म में यह मंगल है जो सुख भाव का स्वामी है तो अभी आपके कर्म जो भी है वो क्या करने के लिए हैं सुख को अचीव करने के लिए हैं आपके वास्तु से संबंधित है आपके घर से संबंधित है प्रॉपर्टी से संबंधित है माता से संबंधित है तो इनसे संबंधित जो भी आपके सामने कर्म आ रहे हैं वह आपको पूरा करना आवश्यक है क्योंकि उसी से आपको सुखों की प्राप्ति होगी आपका कर्म बंधन पूरा होगा और भाग्य आपका साथ देगा करियर में आपके ऑफिस के एनवायरमेंट में अभी यह जो योग बनता है यहां पर बहुत ध्यान देकर अपनी वाणी यूज करिएगा क्योंकि गुस्से के कारण चीजें बिगड़ सकती हैं अहंकारी बुद्धि के कारण चीजें बिगड़ सकती हैं इगो क्लचस होना आर्गुमेंट सिचुएशन होना यह भी हो सकता है कभी-कभी इंपेशेंट होकर कोई डिसीजन मेकिंग करते हैं तो उसका रिजल्ट खराब आ सकता है तो ध्यान देकर समय लेकर उस चीज को करिए क्योंकि गुरु यहां पर कौन है आपके पंचम स्थान बुद्धि के स्वामी है तो आपकी बुद्धि आपके आसपास ऐसे लोग भी रहेंगे जो आपको सही सलाह दे रहे होंगे बट आपको अपनी इंपल्सिवनेस को कंट्रोल करना पड़ेगा याद रखिएगा आपके ईगो को आपको कंट्रोल करना पड़ेगा तभी आपको वो रिजल्ट जो है वो सही प्रकार से आएंगे अगर करते हैं तो आपका लाभ भी सूर्य के समान उच्च ही होगा क्योंकि सूर्य आपके लाभ भाव में है ठीक है अगर हम कन्या लग्न की बात करें तो कन्या लग्न के लिए देखि गोचर कहां हो रहा है यह उनके भाग्य भाव में हो रहा है भाग्य भाव में अष्टमेश का आना और पराक्रम का आना पराक्रम मतलब आपके एफर्ट्स अष्टम स्थान गुण विद्या का स्थान है पत्रिक संपत्ति का स्थान है तंत्र मंत्र यंत्र का है और भाग्य भाव ज्योतिष का गुरुओं का जिस एक्टिविटीज का तीर्थ क्षेत्र का पिता का स्थान है और वहां पर गुरु और मंगल है इसका अर्थ है इन सभी चीजों से संबंधित कुछ ना कुछ पराक्रम कुछ ना कुछ कर्म बंधन आपका बाकी है जो पूरा करना है अष्टमेश जब भाग्य भाव में आता है ना तो हम बहुत बार बोलते हैं कि भाई पितरों से संबंधित कुलदेवी कुल स्वामिनी कुलदेव या आपके ग्राम देव ग्राम देवता जो भी आपके खानदान में लीने में चीजें चली आ रही है उग्र देव हो सकते हैं उनसे संबंधित अगर कुछ कार्य उन कुछ रिचुअल कुछ अधूरा बचा है तो वो पूर्ण करिए क्योंकि उसी से आपका भाग्य बलव होगा अब जब मंगल है तो वो मंगल अग्नि दिखाते हैं मंगल यहां पे अष्टम भाव के स्वामी है अष्टम भाव मतलब ग्रेव यार्ड मतलब चिता की अग्नि सबसे श्रेष्ठ अग्नि और सबसे प्योर फॉर्म की जो अग्नि मानी जाती है वो है शताग्नि क्योंकि अलग-अलग प्रकार की अग्नि है जैसे अगर आप खाना बनाने वही सेम आग है परंतु जब आप उसके ऊपर खाना बनाते हैं तो वो अन्नपूर्ण अग्नि बन जाती है आप दिया ते हैं तो व दिव्य अग्नि बन जाती है पूजा कर की अग्नि है जब आप सेक्स करते हैं तो व शुक्र हो जाती है तो अलग अलग प्रकार की अग्नि है जिसका संचालन जिसका यूज आप किस प्रकार से करते हैं और वह आपका जिस प्रकार से आप यूज करते हैं उसका अतिरेक करते हैं तो गलत है कम यूज करते हैं वो भी गलत है संतुलन होना आवश्यक है क्योंकि सृष्टि का न नियम है कि आप संतुलन बनाए तभी वो अग्नि स्थापित होती है और स्थिर होती है और आपको प्र करती है सही प्रकार से आपको उर्दू कामी करती है उससे आपका भाग्य उर्दू कामी होता है भाग्य एक्टिवेट होता है तो यह जो गोचर है यह आपको जो आपके खानदान में कोई अगर तंत्र तंत्र या कोई साधना या कोई ऐसी रिचुअल जिसको आपने अभी तक नहीं किया आपको बड़े बुजुर्ग बोलते आए हैं करने के लिए अगर वह नहीं किया है तो उसे पूर्ण करिएगा उसको पूर्ण करने का चांस आपको मिल रहा है वो आप जरूर करिएगा ताकि आपके भाग्य में वृद्धि हो नाथ हाउस आपके लीज का भी है आपके आगे की पीढ़ी का भी है क्यक संतान आपका संतान पक्ष जो है वो पंचम भाव से देखी जाती है और भाग्य मतलब अगली पीढ़ी जो है व वहां से देखी जाती है तो जब आप वो चीज करते हैं तो उससे आपका भाग्य या आपकी आगे की पीढ़ी भी सुरक्षित होती है और उनके उनके प्रति हमारा कर्म भी होता है ऋण भी होता है अपने पिता के प्रति भी ऋण होता है इसलिए वो पूरा करने का चांस आपको यहां पर मिलेगा अब देखिए एक और चीज हो देखिए आपके स्पाउस मतलब सप्तम भाव से ये तीसरे भाव में हो रहा है मतलब आपके स्पाउस के सिब्लिंग्स के साथ में कुछ ना कुछ गोचर वश गलत चीजें हो रही हैं या तो उनकी तबीयत खराब है कुछ ना कुछ प्रॉब्लम्स चल रही हैं मंगल जो है वो अग्नि को दिखाता है और कॉन्स्टिपेशन को भी दिखाता है तो कॉन्स्टिपेशन के विकार से ग्रसित होना फैमिली में कहीं ना कहीं यहां जब वो अग्नि बहुत ज्यादा तेज हो जाती है तो कॉन्स्टिपेशन का हायर लेवल मतलब पाइल्स तक की चीजें चली जाती है उसका भी यह सब चीजें चल रही है इस प्रकार की घटनाक्रम ऑलरेडी एक्टिवेटेड या होने वाली होंगी आपके जीवन में आपके फैमिली में यह सब चीजें चल रही होंगी आपके पिता को भी यह सब चीजें होने की संभावना दिखाई देती है अब हम बात करते हैं तुला लग्न के लिए तुला लग्न के लिए गोचर कहां हो रहा है यह उनके अष्टम भाव में हो रहा है अष्टम भाव में गुरु का होना अष्टम भाव में मंगल का होना तुला लग्न वालों के लिए पूरा साल जो है एक्चुअली साल क्योंकि गुरु उनके अष्टम भाव में है तो तुला लग्न के जातक जो है वह अपनी तांत्रिक ऊर्जा हों को बाहर निकालेंगे अगर किसी जन्म में उन्होंने तंत्र मंत्र से संबंधित कुछ घटनाक्रम कुछ इवेंट करे हैं कुछ साधना करी है कुछ प्रयोग करे हैं तो यह वो समय है जब आप उन सब चीजों से रिज्यूम होकर मतलब उस कड़ी को इस जीवन में जोड़ सकते हैं और उसका फल प्राप्त कर सकते हैं मंगल जब आते हैं अभी जैसे गुप्त नवरात्रि चल रही है देखिए गुप्त नवरात्रि चल रही है तो नवरात्रि में हमेशा हवन होते हैं है ना मंगल जब अष्टम भाव में आते हैं तो व अग्निहोत्र को दर्शाते हैं तो यहां पर आप पूरे यह जो सवा महीना डेढ़ महीना चलेगा उसमें आप अग्निहोत्र मतलब हवन के माध्यम से भी अपनी ऊर्जा को अगेन प्राप्त कर सकते हैं अष्टम भाव में मंगल यह भी दिखाता है कि कुल देव कुलदेवी आपके में कोई अगर ऐसी रिचुअल आपने नहीं करी है जो करना बाकी है आपके बड़े बुजुर्ग आपको बता रहे हैं तो वो करिए उसे पूर्ण करिए तो सबसे पहले पितरों का कर्म करना आवश्यक है सबसे पहले आपका आपके खानदान का कर्म करना आवश्यक है क्योंकि उनकी कारण आपका अस्तित्व है वो पूरा करेंगे तो आप आगे बाकी की साधना के लिए बाकी की चीजों के लिए अग्रेसर हो सकते हैं अष्टम भाव रिसर्च का है अष्टम भाव पत्रिक संपत्ति का है तो इसकी भी प्राप्त होने की संभावना बनती है यह भाव जो है यह एक्टिवेट हो रहा है आपके स्पाउस के लिए यह उनका पैसा बढ़ाता है अगर वह वर्किंग है तो उनका कैपिटल बढ़ाता है यह तुला लग्न के लिए खास करके बिजनेस के पॉइंट ऑफ व्यू से अगर आप देखेंगे तो सारे के सारे गोचर में ग्रह जो है ना वो इस साइड है मतलब सात सातवे भाव से लेकर बवे भाव तक है इसका अर्थ है कि य ये जो पूरा टाइम पीरियड है यह टाइम पीरियड आपके बिजनेस के पॉइंट ऑफ व्यू से बहुत अच्छा है बहुत कुछ करने के लिए आपको बहुत कुछ मिल रहा है अपॉर्चुनिटी मिल रही है लोग मिल रहे हैं अब आप उसका फायदा कितना उठाते हैं उसके ऊपर है वृश्चिक लग्न की बात करते हैं वृश्चिक लग्न के लिए देखिए ये जो गोचर है उनके सप्तम भाव में है सप्तम भाव में जब मंगल आते हैं तो हम मांगलिक बोलते हैं वैसे अष्टम भाव में भी मंगल मांगलिक ही बोले बोला जाता है परंतु सप्तम भाव में जब आते हैं तो वो कहीं ना कहीं झगड़े का कारण भी बना देते हैं और झगड़े का कारण ईगो या यह कहीं ना कहीं आपके अहंकार को बढ़ाता है तो इसके कारण आर्गुमेंट की सिचुएशन आपके स्पाउस के साथ में या आपके बिजनेस पार्टनर के साथ में होना बहुत स्वाभाविक है इसको डील आपको सही तरीके से करना है हालांकि गुरु आपको यहां पर हेल्प करने वाले हैं पर क्या आप गुरु की सुनने वाले हैं यह आपको इंपॉर्टेंट है समझना लग्नेश खुद सप्तम भाव में है मतलब आप सरेंडर है सामने वाले आपको सुनना पड़ेगा आप कंट्रोल में जाएंगे कुछ हद तक कंट्रोल में जाना सही भी हो सकता है क्योंकि वह अगर आपका लाभकारी है फायदा देने वाला है तो बहुत अच्छी बात है परंतु अगर आप पूरी तरह से सरेंडर कर देते तो आपका अस्तित्व वहां पर क्या होता है शून्य हो जाता है यह मंगल जो है यह पेंडिंग कर्म के स्वामी भी आपके पत्रिका में पेंडिंग कर्म का स्वामी सप्तम भाव में आता है इसका अर्थ है कि शादी दांपत्य जीवन विवाह बंधन में कुछ ना कुछ दिक्कतें यह समय आपके लिए वृश्चिक लग्न के जातकों के लिए विवाह बंधन में बनने का भी है परंतु वहां पर मंगल है तो मंगल होने के कारण यह बनती हुई चीजें कहीं ना कहीं बिगड़ सकती है सिर्फ और सिर्फ आपकी वाणी के कारण आपके गुस्से के कारण आपके अहंकारी बुद्धि के कारण मतलब एंगेजमेंट टूटना या किसी चीज का ब्रेक होना सेपरेशन होना क्योंकि मंगल पकता जनक ग्रह है देखिए तो यह सारी चीज दिखाते हैं तो पथता आ सकती है सेपरेशन आ सकता है तो क्यों आहा गुरु आपको दिखा रहे हैं कि उसके ऊपर काम करिए आप परंतु आप काम करते हैं कि नहीं करते हैं अपना ईगो रखते हैं आपको ध्यान रखना है इस चीज का सप्तम भाव में यह एक और चीज करता है देखिए आपके स्पाउस के हेल्प को लेकर भी कहीं ना कहीं आपको क्या करना चाहिए ख्याल रखना चाहिए प्रीवेंटिव होना चाहिए चीजों को लेकर राइट अगर हम धनु लग्न की बात करें तो यह गोचर क्या होगा धनु लग्न के लिए देखिए ये गोचर जो है ये उनके छठ भाव में पेंडिंग कर्म के भाव में आ रहा है पंचमेश और वश का छठ भाव में आना य दिखाता है कि बहुत सारे जातक ना अपना प्रारब्ध पूर्ण करने के लिए फॉरेन जा रहे हैं अब ऐसा नहीं कि उनकी पत्रिका में योग है बाहर सटल होने के लिए पर वो बहुत बार जितने लोग बाहर जाकर सेटल होते हैं ना बहुत बार उनके जीवन में वो प्रारब्ध होता है कि आप अपने घर से दूर रहे क्यों क्योंकि जब किसी किसी गत जन्म में आपने अपने घर वालों के साथ में सही प्रकार से या घर वालों को कहिए परिवार जानों को कहिए सदस्यों को कहिए आपने वैल्यू नहीं करी है उस कुटुंब को वासुदेव कुटुंब का जो एक वैल्यू सिस्टम होता है उसकी आपने दजज उड़ाई है या ये कहिए आपने उसकी कदर नहीं करी है इसलिए कदर करने के लिए आपको आइसोलेशन में रखा जाता है आप बाहर जाकर रहते हैं और तब आपको वैल्यू पता चलती है कि भाई क्या होती है फैमिली क्या होते हैं मां बाप तो पूर करने का समय दिखाई देता है यहां पर और लग्नेश खुद षट भाव में है दूसरा प्रारब्ध क्या एक्टिवेट हो सकता है रोग को लेकर रोग ऋण को लेकर तो व रोग या ऋण रोग जब होते है तो रोग किस प्रकार के हो सकते हैं लीवर का एक प्रॉब्लम हो सकता है रक्त के विकार हो सकते हैं यह ऋण बढ़ाने वाले काम भी हो सकते हैं कि अगर मेडिकल का खर्चा है कभी कभी उस खर्चे से निकलने के लिए आपने किसी से उधार ले लिया इसकी भी संभावना करती है परंतु यह टाइम पीरियड जब भी छठ भाव में कोई भी ग्रह आता है ना मैं हमेशा कहती हूं कि भाई आपको पेंडिंग कर्म पूर्ण करने का मौका दे रहा है वो ग्रह जो आ रहा है तो मंगल आपको पेंडिंग कर्म पूर्ण करने का मौका दे रहा है किससे संबंधित संतति के स्थान से संबंधित स्किल सेट से संबंधित आपके जॉब से संबंधित या फिर आपके व्यय भाव आपके शया सुख को सुख से संबंधित मतलब जो चीजें आपको करनी चाहिए रिलेशनशिप के लिए वो करने का भी चांस आपको नियति दे र है पर आप क्या करते हैं उस चीज को वो आपके ऊपर है अगर हम मकर लग्न की बात करें तो ये जो गोचर है ये क्या कहां हो रहा है उनके पंचम भाव में हो रहा है पंचम भाव में चतुर्थेश का आना और लाभेश का आना बहुत अच्छी बात है क्योंकि ये गोचर जो है ना आपको देवी के पास लेकर जाएगा या मंत्रों के उच्चारण को बढ़ाएगा या गुरु तत्व का समावेश आपके अंदर और ज्यादा करेगा ये गोचर करता है आपको लाभ और सुख किसके माध्यम से दे रहा है पंचम भाव से बुद्धि के माध्यम से लाभ आएगा सुख आएगा बुद्धि के माध्यम से आप चीजों को विस्तार करेंगे बढ़ाएंगे संतति अगर है आपकी तो संतति का भी विस्तार या संतति को भी आप जो चीजें दे रहे हैं वो पंचम भाव के माध्यम से दे रहे हैं मतलब बुद्धि के माध्यम से दे रहे हैं पर यहां पर मंगल है अग्नि है ऊर्जा है उसे सही प्रकार से सही उतना ही फोर्स लगाइए जितना जरूरी है बच्चों को डांटना भी उतना ही जरूरी है जितना उस चीज से व सीख सके बट अगर आप बहुत ज्यादा ऊंचा डाट बहुत ज्यादा गुस्सा करेंगे तो उन्हें सिर्फ गुस्सा याद रहेगा मुद्दा याद नहीं रहेगा जिसके ऊपर आपने डाटा है यह वो मंगल है जिस प्रकार इस प्रकार की संभावना आपके आपकी जो इक्वेशन है आपके बच्चों के साथ में वो यह बिगाड़ सकता है तो उसके लिए आपको ख्याल रखना है कि यह किस किस प्रकार से करना है पंचम भाव स्टमक का भी है तो पेट से संबंधित विकार यहां पर होने की संभावना है खा रहे है बहुत ज्यादा पच रहा है कि नहीं पच रहा है या फिर उससे अपचन हो रहा है या फिर आपकी अभी खुराक बढ़ गई है एक्चुअली पहले से ज्यादा ब बढ़ जाएगी और उसके कारण भी कुछ चीजें या वजन बढ़ना यह भी हो सकता है पंचम भाव में गुरु है और यह चतुर्थेश और लाभेश का स्वामी है तो यह कंप्लिएशन कैसा देता है कुछ ना कुछ सिरिंज इंसर्ट करके क्योंकि मंगल जो है ये सर्जरी के कारक है देखिए तो पंचम भाव में जब आती है तो बहुत सारे एक्चुअली जो महिलाएं प्रेग्नेंट है अपने ड्यू डेट के पास में है उनके सी सेक्शन होने के संभावनाए भी बनती है यहां पर जो लोग नॉर्मल एक्सपेक्ट कर रही थी परंतु हो गया सी सेक्शन इसकी संभावनाए जरूर बनती है इस गोचर में दिखाई देता है अब यहां पर मकर लग्न के जातकों के लिए वास्तु संबंधित या प्रॉपर्टी आप ले सकते हैं इसका कुछ ना कुछ मैटर चल रहा है आप कहीं ना कहीं बाहर जाकर कुछ ना कुछ अलग पद्धति से अपने आप को डेवलप करने के लिए कुछ सीख रहे हैं वो खास करके अध्यात्म भी हो सकता है मतलब स्पिरिचुअलिटी का क्षेत्र भी हो सकता है या फिर कुछ स्ट्रेटेजिक प्लानिंग भी हो सकती है मंगल है तो मंगल एडिटिंग को भी दिखाता है देखिए कट तो ऐसे सभी चीजें जिस जिसमें आपका एडिटिंग या जिसमें काट छाट होती है ऐसे सीखना बहुत सारी महिलाएं जो है वो स्विंग मशीन या स्विंग चीज सीखना स्टिचिंग सीखना इसकी संभावना उससे उस प्रकार का व्यवसाय बढ़ना इसकी संभावना दिखती है कुंभ लग्न के लिए देखिए यह गोचर जो है यह कहां हो रहा है चतुर्थ भाव में चतुर्थ भाव में मंगल और गुरु है तो क्या दर्शाते हैं पराक्रम भाव का स्वामी सिब्लिंग्स का स्वामी छोटे प्रवास का स्वामी आपका चौथे भाव में मतलब आपके घर में कौन आने वाले हैं आपके सिब्लिंग्स आने वाले हैं आपके बड़े सि बड़े भाई बहन आ सकते हैं आपके स्पाउस एंड फैमिली आ सकते हैं यह जो पूरा एक डेढ़ महीना जा वाला है घर में मेहमान हो सकते हैं और मेहमान नवाजी करना आवश्यक है परंतु उसके साथ साथ एक और चीज हो सकती है जब भीड़ बढ़ जाती है जब लोग बढ़ जाते हैं घर में तो बहुत बार अनबन होती है या मतभेद होते हैं या झगड़े का माहौल भी बन जाता है क्योंकि यय टाइम पीरियड है कि आप अपने पुराने रिश्तों को रिवाइव करने के लिए भी आपके घर में वह सब चीजें हो रही है यू आर द होस्ट राइट नाउ हाउ यू बिहेव ट विल डिसाइड योर कर्म पाथ याद रखिएगा चौथे भाव में मंगल आता है तो यह माता से संबंधित कुछ सर्जरी भी दे सकता है माता को कुछ सर्जरी दे सकता है इसकी इसका भी ध्यान रखिएगा चौथे भाव में मंगल है तो वो भूमि का टुकड़ा आपको खरीदने के लिए प्रेरित कर सकता है चौथे भाव में मंगल पराक्रम का स्वामी है तो पराक्रम जितना भी कुछ है वो चौथे भाव से माता से सुखों के लिए है अभी उसकी संभावनाएं काफी बनती हैं क्योंकि लग्न में शनि है लग्नेश लग्न में द्वितीय भाव में राहु है झूठ बोलना कम करी क्योंकि कुंभ लग्न के जातकों के लिए जब से मीन राशि में श मीन राशि में राहु आए हैं आपके मुंह से झूठ बोलना काफी हुआ होगा मैनिपुलेशन करना हुआ होगा अलग-अलग लैंग्वेजेस आपने सीखी होगी और वही राहु जो है वह दिखाता है कि एडिक्शन के शिकार होना मतलब चाहे वह सिगरेट हो या मदिरा हो या किसी ना किसी प्रकार का टॉक्सिकेटेड हो इसकी भी संभावना हो सकती है द्वितीय भाव में जब राहु है और चौथे भाव में मंगल है तो सुख की प्राप्ति वाइल्ड चीजों से करने की भी इच्छा होती है तो उसके ऊपर भी खास ध्यान रखिएगा कि किस प्रकार से आप उन सब चीजों को उस एनर्जी को स्ट्रीमलाइन करते हैं अंतिम लग्न की बात करते हैं मतलब मीन लग्न की मीन लग्न के लिए य जो मंगल है ये इनके तीसरे भाव में है पराक्रम में मंगल आना इसका अर्थ है कि ये तो कारक भाव में आ रहे हैं आप आपको वो पराक्रम देने की शक्ति देते हैं करेज देते हैं इच्छा देते हैं जो आप जनरली नहीं कर पाते हैं और वो गुरु भी साथ में है तो भाग्येश का और कुटुंबे का पराक्रम में आना तो पराक्रम किस दिशा में होगा कुटुंब के लिए है भाग्य के लिए है पिता के लिए है रिलीजस स्थानों के लिए है तीर्थ क्षेत्रों के लिए है ये पूरा टाइम पीरियड शायद घूमने में भी जा सकता है ये मंगल जो है वो एक और चीज दिखाते हैं कि आप अपने सिब्लिंग्स के साथ में आप अपने नेबर्स के साथ में झगड़ा ना करें इसकी संभावना बनती है छोटे मोटे एक्सीडेंट्स की संभावना बनती है कानों की सर्जरी की संभावना शोल्डर की सर्जरी की संभावना बनती है अगर इस तरह का कोई प्रॉब्लम इस तरह का अगर कोई त्रास डिसीज चल रही है तो उसे उसका निवारण करना आवश्यक है उस चीज से निकलना आवश्यक है नहीं तो यह आपके लिए प्रॉब्लेम िक हो सकता है याद रखिएगा मीन लग्न का स्वामी खुद गुरु है जो मंगल के साथ में है जिसका गोचर जिसके गोचर की हम बात कर रहे हैं तो ये गोचर क्या करता है आप सभी के लिए एक अच्छी स्थिति बना रहा है आपको कर्मठता दे रहा है बशर्ते आपकी कर्मठता सही दिशा में जाए आपके कर्मों में यहां पर अहंकार नहीं आना चाहिए अहंकार की बुद्धि नहीं होनी चाहिए गुस्से में आकर कोई चैलेंज एक्सेप्ट करना यह सिचुएशन नहीं होनी चाहिए मंगल ना इंक को दर्शाता है तो यह समय शायद लेखन कला को डेवलप करने का भी है अचानक से कुछ लिखने की इच्छा होना और लिख लेना क्रांतिकारी विचारों को कागज पर उतारना इसकी भी इच्छा हो सकती है तो बहुत बार जो गुस्सा आता है ना वो एक रेमेडी है आपके लिए कि आप इस समय पर उसे कागज पर उतार द जब भी आपको गुस्सा आ रहा है तो कागज पर उतार दीजिए वो भी आपको हेल्प करेगा तीसरे भाव में मंगल जब आता है तो जिम जाने की इच्छा होना बॉडी के लिए कुछ अच्छा करना बहुत इंसान को अच्छा भी करता है क्योंकि जो एक्सेस फॉर्म की एनर्जी है वो क्या कर रही है आपको आप यहां चैनेलाइज कर देते हैं तो चैनला इज करने के बाद में जो उसका नेगेटिव इफेक्ट है वो आता नहीं है मंगल जब तीसरे भाव में है तो अग्निहोत्र होम हवन करने की भी इच्छा होती है होती है तो जरूर करिए अगर आप कर सकते हैं तो जरूर करिए उससे भी आपको अच्छा लगेगा उससे भी आपकी अग्नि जो है वो सही प्रकार से संचालित होगी शरीर में घूमेगी चक्र सही प्रकार से संचालित होंगे और बाह्य रूप से आप सही प्रकार से कर्म कर पाएंगे राहु प्रथम भाव में होने के कारण राहु के समान अभी बुद्धि चलेगी याद रखिएगा क्योंकि राहु जो है वो क्या है वो बाय हुक बाय क्रुक उन्हे चाहिए था अमृत तो अमृत पाना है इसके लिए व लड़ रहे थे परंतु बुद्धि भी उतनी ही है पर अल्टीमेटली हुआ क्या अपना सर गवाकर बैठे तो ध्यान रख के पराक्रम कीजिएगा क्योंकि लगन में राहु का होना और पराक्रम में मंगल का होना राहु और मंगल क्या करते हैं यह अंगार योग भी बनाते हैं एक तरह से तो पराक्रम से जो बुद्धि से जो पराक्रम से जो अंगार योग बनेगा वो वो पूरी तरह से फ्रूटफुल नहीं हो सकता है अगर उसमें गुरु को ना लिया जाए तो गुरु को शामिल करिए मतलब अपने कर्मों को भान में रखकर अपने कर्म करिएगा ठीक है यहां पर आपके सिब्लिंग्स आपको हेल्प करने वाले हैं पर क्या आप उसके साथ में गुस्सा करते हैं झगड़ा करते हैं कि उनकी सुनते हैं ये आपके ऊपर है तो इस प्रकार से हमने मंगल के गोचर को समझा जाना कि ये जो गोचर है यह जो गोचर है आप सभी के लिए किस प्रकार से फलीभूत होगा रेमेडी के लिए आप क्या कर सकते हैं अब मंगल देखिए मंगल के जो अधिष्ठात्री देव है वो है कार्तिकेय मुर्गन तो आप कार्तिकेय की उपासना कर सकते हैं आपकी पत्रिका में अगर मंगल सही प्रकार से नहीं है मंगल दूषित है और मंगल अगर आप मांगलिक है तो सबसे पहले तो आप उज्जैन में जाकर मंगलनाथ प मंगलनाथ मंदिर में जाकर आप मंगल की पूजा कर सकते हैं भात पूजन करवाइए मंगल शांति करवाइए यह कर सकते हैं अगर आप मांगलिक है तो और गोचर में अगर यह आपके पहले चौथे सातवे आठवे बवे भाव में आता है तो भी आप कर सकते हैं क्योंकि गोचर में फिर आपको वो मंगल के जो नेगेटिव इफेक्ट है नहीं मिलेंगे कम मिलेंगे इंटेंसिटी कम होगी डेस्टिनी कभी अवॉइड नहीं कर सकते हैं आप पर उ उसकी इंटेंसिटी जरूर कम कर सकते है मंगलवार का उपवास कर सकते हैं मंगलवार का का कड़क उपवास करें सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कोई भी अग्नि लगा हुआ अन्न ना खाए और उसके बाद में अगर आप अन्न खाते हैं तो वो मसाले का और नमक का नहीं होना चाहिए इन शॉर्ट दूध या फल का सेवन करें पूरे दिन मंगल के लिए एक और चीज बताई जाती है कि नीम का पेड़ जो है वह आप घर में उगा सकते हैं नीम का पेड़ जब आप उगाते हैं और लेकर आइए पौधा उसे जब आप छोटा पौधा लेकर आते हैं एक्चुअली बताया तो जाता है सही तरीका तो यह है कि आप बीज ले आ और बीज अंकुरित होना चाहिए आपके घर में और फिर वो बड़ा होना चाहिए जब यह चीज होती है यह पूरी प्रोसेस जब होती है तो मंगल सही प्रकार से शांत होते हैं फिर आप एक और चीज कर सकते हैं कि मंगल की जो अधिष्ठात्री देवी है वो बगलामुखी है और बगलामुखी जो है व स्तबन करने वाली देवी है वो पंज महाभूत को भी स्तबन कर सकती है और शत्रु को शत्रु की जिहा को शत्रु की बुद्धि को मुखम पदम समय यह कहा जाता है तो यह इस समय इस गोचर में भी आप बगलामुखी देवी का भी जप आराधना जिस प्रकार से भी कर सकते हैं कर सक कर सकते हैं फिर अगर हम देखें तो नॉर्मल मंगल नाथाय नमो नमः इस प्रकार से भी मंगल की भी आप मंगल देव की भी डायरेक्ट उपासना कर सकते हैं मंत्र जाप नाम जप कर सकते हैं जब नाम जप करते हैं ना या मंत्र जप कर करते तो यू चेंज द वाइब्रेशन इन यू आप जब क्योंकि आप जब नाद कर रहे हैं वो नाद आपके अंतरनाद हो रहा है तो आपके शरीर के चक्रों को अलाइन करता है या आपकी नाड़ियों को अलाइन करता है वो करे बिना समझ में नहीं आएगा आपको उसके लिए करना पड़ेगा आप करने के बाद में फिर आप मुझसे अनुभव शेयर करेंगे तो आपके पास ठोस चीजें रहेंगी परंतु मैं सिर्फ बोलूंगी आप तो सिर्फ सुन रहे हैं एक कान से सुनेंगे दूसरे कान से वो चीज निकल जाएगी जब आप खुद करेंगे तब आपको उसका परिणाम समझ में आएगा कि आपके लिए व क्या काम कर रहा है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग पद्धति से जो रेमेडीज होती है उपाय होते हैं वह काम करते हैं आप किसी चीज को ठीक करने के लिए जा रहे हैं तो वो कहीं ना कहीं उसका रिपल इफेक्ट या उसका वो यहां पर दबाए दूसरी जगह से बाहर आएगी तो जड़ के ऊपर काम करना है जड़ के ऊपर काम करने के लिए पत्रिका देखनी पत्रिका दिखानी आवश्यक होती है सही प्रकार से पत्रिका को शुद्ध करना आवश्यक होता है अब आज का वीडियो जो मैं यही पर समाप्त करती हूं आप सभी के लिए जो मंगल का गोचर है यह बहुत अच्छा रहे शुभ रहे मुझे अंत तक सुनने के लिए धन्यवाद एक और चीज आप कर सकते हैं मंगल करता जो है विघ्नहर्ता जो है गणपति उनकी भी उपासना आप कर सकते हैं ठीक है मुझे अंत तक सुनने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद जल्दी मिलती हूं नए वीडियो के साथ में पॉडकास्ट आ रहा है उसे जरूर चेक आउट कीजिएगा आप सभी के प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी थ म