उप्स (OOP) का परिचय
उप्स क्या है?
- उप्स का अर्थ: वस्तु आधारित प्रोग्रामिंग (Object Oriented Programming)
- एक प्रोग्रामिंग पैराडाइम है, यानी प्रोग्रामिंग करने का एक तरीका
- मुख्यतः डील करता है क्लासेस और ऑब्जेक्ट्स के साथ
क्लास और ऑब्जेक्ट्स
- क्लास: एक ब्लूप्रिंट या खाका, जिसमें प्रॉपर्टीज और बिहेवियर्स को डिफाइन किया जाता है
- ऑब्जेक्ट्स: रियल वर्ल्ड एंटिटीज की प्रेसेंटेशन, क्लासेस से बनते हैं
- उदाहरण: कार की क्लास में ब्रांड, मॉडल, रंग जैसी प्रॉपर्टीज और एक्सीलरेट, ब्रेक जैसे बिहेवियर्स हो सकते हैं
उप्स के चार प्रमुख सिद्धांत
1. एन्कैप्सुलैशन (Encapsulation)
- डाटा और मेथड्स को एक सिंगल यूनिट में बंडल करना
- डाटा हाइडिंग: प्राइवेट एक्सेस मॉडिफ़ायर के जरिए डाटा को छुपाना
- गेटर्स और सेटर्स का उपयोग करके डाटा को एक्सेस करना
2. इनहेरिटेंस (Inheritance)
- एक क्लास का दूसरी क्लास से प्रॉपर्टीज और बिहेवियर्स को इनहेरिट करना
- कोड रीउसिबिलिटी को बढ़ाता है
- उदाहरण: कैट और डॉग क्लासेज एनिमल क्लास को एक्सटेंड कर सकते हैं
3. पॉलीमॉर्फिज़्म (Polymorphism)
- एक ही मेथड के लिए कई इम्प्लीमेंटेशन
- सबक्लास ऑब्जेक्ट को सुपरक्लास के रेफरेंस वेरिएबल के रूप में ट्रीट करना
4. एब्स्ट्रैक्शन (Abstraction)
- इम्प्लीमेंटेशन डिटेल्स को छुपाना
- यूजर इंटरेक्शन के लिए केवल जरूरी इन्फार्मे शन दिखाना
- उदाहरण: टीवी और रिमोट का उपयोग
अन्य प्रोग्रामिंग पैराडाइम
- इम्पेरेटिव: चरणबद्ध तरीके से प्रोग्रामिंग
- डिक्लेरेटिव: क्या करना है इस पर फोकस
- फंक्शनल: फंक्शन्स को वेरिएबल्स की तरह ट्रीट करना
निष्कर्ष
- उप्स प्रोग्रामिंग का एक प्रभावी तरीका है जो क्लासेस और ऑब्जेक्ट्स पर आधारित है
- उप्स के चार सिद्धांत प्रोग्रामिंग को मॉड्यूलर और रीउसिबल बनाते हैं
नोट:
अगले लेक्चर में हम मेथड्स और उप्स के इन चार सिद्धांतों को विस्तार से देखेंगे। इससे संबंधित अन्य प्रोग्र ामिंग पैराडाइम्स का भी अध्ययन करेंगे।